कोर्स 12 गतिविधि 1 : अपने विचार साझा करें
कोर्स 12 : खिलौना आधारित शिक्षाशास्त्र
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खिलौनों के उपयोग से आप अपनी
कक्षा को कैसे रोचक और आनंदमय बना सकते हैं? अपने विचार साझा करें।
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खिल्लोंना शिक्षशस्त्र छात्रों को अभिव्यक्ति का माध्यम प्रदान करता है साथ है तार्किक रूप से विषय वस्तु की समझ को विकसित करता है
ReplyDeleteखिलौना शब्द सुनते ही बच्चों के मन में आनंद का संचार हो जाता है यदि विषय वस्तु से संबंधित टीचिंग ऐड के रूप में खिलौना का उपयोग किया जाए तो विषय वस्तु को और बेहतर तरीके से समझाया जा सकता है जैसे गति , त्वरण , वेग को पढ़ाते समय हम रेसिंग कार का खिलौना , चाबी से चलने वाले खिलौनाे का उपयोग कर सकते हैं ।
ReplyDeleteहां बात बिल्कुल सही है
Deleteखिलौना शिक्षा विद्यार्थी को अपनी अभिव्यक्ति का माध्यम प्रदान करता है साथ ही तार्किक रूप से विषय वस्तु की अच्छी समझ को विकसित करता है |खेल और खिलौना शब्द सुनते ही बच्चों के मन में आनंद का संचार हो जाता है यदि कठिन अवधारणा वाली विषय वस्तु को समझाने हेतु खेल खिलौना का उपयोग किया जाए तो विषय वस्तु को और बेहतर तरीके से समझाया जा सकता है जैसे गति , त्वरण , वेग ,बल ,विद्युत् चुम्बक आदि को पढ़ाते समय हम दैनिक जीवन से जुड़े और उपयोग होने वाले खेल और खिलोनों का उपयोग जैसे रेसिंग कार का खिलौना , चाबी से चलने वाले खिलौनाे, सेल पर चलने वाले खिलौनों का उपयोग कर सकते हैं ।
ReplyDeleteBest one
ReplyDeleteखिलौना शिक्षाशास्त्र अभिव्यक्ति /तार्किक विषयवस्तु की समझ विकसित करने में सहायक है।
ReplyDeleteखिलौना शब्द सुनते ही बच्चो के मन मे आनंद का संचार हो जाता है,यदि विषय वस्तु से संबंधित टीचिंग ऐड के रूप मे खिलौना का उपयोग किया जाए तो विषय वस्तु को और बेहतर तरीके से समझाया जा सकता है जैसे गति, त्वरण, वेग को पढाते समय हम रेसिंग कार का खिलौना,चाबी से चलने वाले खिलौनो का उपयोग कर सकते है।
Deleteखिलौने विषय वस्तु के अनुरूप हो या नही ये मायने नहीं रखता है किसी भी प्रकरण को कल्पना से जोड़कर बच्चे उसे अपनी भावनाओं के अनुरूप विकसित कर लेते हैं
ReplyDeleteThrough means of toys children develop cognitive and imaginative thinking
Deleteखिलोने से विधायार्थीयों का बहुआयामी विकास होता हैं।
ReplyDeleteखिलौना शिक्षा विद्यार्थी को अपनी अभिव्यक्ति का माध्यम प्रदान करता है साथ ही तार्किक रूप से विषय वस्तु की अच्छी समझ को विकसित करता है |खेल और खिलौना शब्द सुनते ही बच्चों के मन में आनंद का संचार हो जाता है यदि कठिन अवधारणा वाली विषय वस्तु को समझाने हेतु खेल खिलौना का उपयोग किया जाए तो विषय वस्तु को और बेहतर तरीके से समझाया जा सकता है जैसे गति , त्वरण , वेग ,बल ,विद्युत् चुम्बक आदि को पढ़ाते समय हम दैनिक जीवन से जुड़े और उपयोग होने वाले खेल और खिलोनों का उपयोग जैसे रेसिंग कार का खिलौना , चाबी से चलने वाले खिलौनाे, सेल पर चलने वाले खिलौनों का उपयोग कर सकते हैं ।
ReplyDeleteश्रीमती एम बी बंजारे
प्राचार्य
Sages Selud
Yes your concept is clear ma'am,
Deleteखिलौना के माध्यम से हम बच्चो के बेहतर शिक्षण कर सकते है।यह बच्चों में छुपे कला को निखारने का कार्य करता है।यह अभिव्यक्त करने का सशक्त माध्यम है।
ReplyDeleteChandrashekhar Gajbiye
Hr.sec.school chawand
खिलौना के माध्यम से हम बच्चो के बेहतर शिक्षण कर सकते है।यह बच्चों में छुपे कला को निखारने का कार्य करता है।पढ़ाते समय हम दैनिक जीवन से जुड़े और उपयोग होने वाले खेल और खिलोनों का उपयोग जैसे पतंग,तितली,राखी, विभिन्न आकार ,रंग की गेंद,कठपुतली , धागे -ऊन से बनी गुड़िया ,कतरनों को जोड़कर बने जानवरों की आकृतियां,चाबी से चलने वाले खिलौनाे,मिट्टी से विभिन्न आकृतियों वाले , सेल पर चलने वाले खिलौनों का उपयोग कर सकते हैं ।
ReplyDeleteयह मनोरंजक और प्रभावशाली विधि सिद्ध हो सकती है।
खिलोने से विधायार्थीयों का बहुआयामी विकास होता हैं।खिल्लोंना शिक्षशस्त्र छात्रों को अभिव्यक्ति का माध्यम प्रदान करता है साथ है तार्किक रूप से विषय वस्तु की समझ को विकसित करता है
ReplyDeleteखिलौना के माध्यम से हम बच्चो के बेहतर शिक्षण कर सकते है।यह बच्चों में छुपे कला को निखारने का कार्य करता है।
ReplyDeleteहां बात बिल्कुल सही है
DeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteविद्यार्थियों खिलौना से पढ़ाने में उनकी रुचि बढ़ती है और वह विषय को खेल-खेल में सीखने के अलावा उसको विश्लेषण तुलना एवं उनकी सोच को विकसित करता है क्योंकि इसे कैसे विषय में लागू किया जाए यह उनकी तर्कशक्ति एवं समझ को दर्शाता है यदि वह विद्यार्थी अपने विषय को समझता है तो वह अपने खिलौने को जोड़ने और तोड़ने का भी प्रयास करता है जिससे उसके ज्ञान में वृद्धि होती है और विषय के प्रति आत्मविश्वास बढ़ता है और वह खिलौना को खेलते खेलते अपने जीवन में उतारने का भी प्रयास करता है किसी भी चीज को जब हम अपने दिमाग से करते हैं तो वह सरल हो जाता है अगर हम किसी विषय को अत्यधिक कठिन समझने लगते हैं तो वह कठिन हो जाता है यह उनकी मानसिकता स्थिर मानसिकता के ऊपर डिपेंड करता है क्योंकि यह ऐसा ही होता है लेकिन वास्तव में देखा जाए जब आदमी इसको करने लगता है तो वह गतिशील मानसिकता की ओर बढ़ता है और विषय वस्तु को समझते समझते वह अपने दैनिक जीवन में भी उपयोग करने लगता है जब तक वह अपने विषय को अच्छी तरीके से नहीं समझ पाता है तो वह अपने आप को कमजोर महसूस करता है और जब समझ विकसित हो जाता है तो वह अपने को मास्टर हासिल करके वह दूसरों को समझाता है और अपने विषय में वह निपुण हो जाता है इस तरीके से देखा जाए तो खेल एवं खिलौना दोनों आनंदमई विषय वस्तु को पढ़ाने में रोचकता प्रदान करता है।
ReplyDeleteTeaching through toys make teaching learning process more interesting. Students take interest in classroom activities.
ReplyDeleteखेल और खिलौनों से प्रत्येक बच्चों का विशेष जुडाव और लगाव होता है।खिलौना के माध्यम से हम बच्चो का बेहतर शिक्षण कर सकते है।यह बच्चों में छुपे कला को निखारने का कार्य करता है।यह अभिव्यक्त करने का सशक्त माध्यम है।
ReplyDeleteसुरेश कुमार मेश्राम व्याख्याता
शासकीय हाई स्कूल अमलीडीह धमतरी
खिलौनों के उपयोग से अध्यापन को रोचक और मनोरंजक बनाया जा सकता है। गणित एवं भौतिक शास्त्र के कुछ अध्याय जैसे कोण, आकृति, गति, वेग, त्वरण में खिलौनों का उपयोग शिक्षण सहायक सामग्री के रूप में किया जा सकता है।
ReplyDeleteखिलौना देख कर विद्यार्थीयो मे उत्साह का संचार होता है ।विद्यार्थीयो मे जिज्ञासा बढ़ती है ।खिलौने के माध्यम से सीख कर आनन्द का अनुभव करते है।कठिन अवधारणाओ को सहज रूप मे समझ सकेगे तथा ज्ञान स्थाई हो सकेगा ।
ReplyDeleteखिलौना शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षक के लिए एक महत्वपूर्ण सहायक सामाग्री का काम करेगी , वहीं विद्यार्थी देखकर, करके सिखने में अधिक अनुभव एवं वास्तविक ग्यान प्राप्त करता है शिक्षक द्वारा पाठ या विषय के समझ में सार्थक सिद्ध होंगे|
ReplyDeleteखिलौना शास्त्र शिक्षक के लिए बेहतरीन teaching ad. है |कल्पना को खिलौनों के रूप में साकार रूप से समझाया जय सकता है, तथ्यों को स्पष्ट करने में मदद मिलती है सीखना प्रभावकारी और स्थायी होता है |
ReplyDeleteखिलौना शब्द बेहद ही आकर्षक शब्द है,और अगर शिक्षक स्वयं खिलौने से खेल खिलाते हुए पढ़ाई कराए तो बच्चो की आंखों में अलग ही ललक और चमक नजर आती है...मैंने तो यह व्यावहारिक रूप में परिणत करके देख लिया!!👍
ReplyDeleteखिलौना खेल आनंद उमंग उल्लास का प्रतीक जो बच्चों के लिए जरूरी और रुचि संवर्धन का कार्य करता है। जाहिर है रुचि से किया हर कार्य अच्छा होता है। अतः पढ़ाई में भी कारगर ही साबित होगा।
ReplyDeleteसी एम साहू dargaon
Different geometrical shapes ko samajhane ke liye khilaune best option hain.Critical structures ko toys ki help se easily explain kiya ja sakata hai. Lecture ke sath- sath toys demonstration seekhane ki prakriya ko assan avam prabhavshali banata hai.
ReplyDeleteखेल बच्चों के लिए एक आकर्षण का केंद्र होता है । खेल खेल में शिक्षा बच्चों को मानसिक रूप से बोझिल नहीं बनाता बल्कि उनके अंदर छुपी जिज्ञासाओं को जागृत करता है । बच्चे खेल-खेल में बहुत सारी जानकारियां प्राप्त कर लेते हैं । उदाहरण स्वरूप एक छोटे बच्चे को एप्पल की परिकल्पना दिखानी है समझानी है तो उसे एप्पल खिलाए, बताएं, दिखाएं तो उसे वह आसानी से एक्सेप्ट कर लेता है और बच्चा एप्पल की अवधारणा को पूर्णता समझ जाता है । यदि हम बच्चे को ए फॉर एप्पल उसकी स्पेलिंग बताएंगे तो उसको याद करने में, उसको समझने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है, लेकिन यदि वास्तविक में उसे हम दिखाते हैं, खिलाते हैं, तो खाने में मजा आएगा उसके बारे में जाने उसके फायदे के बारे में जाने का और उसकी अवधारणा स्पष्ट हो जाएगी । उसी प्रकार हम खेल खेल में बच्चे को बड़ी चीज को सामान्य रूप में स्पष्ट रूप से बता सकते हैं । एक बच्चे को खेल में सर्कल बनाकर के एक बच्चे को खड़ा करिए, दो बच्चे को खड़ा करिए, तीन बच्चे को खड़ा करिए, चार बच्चे को खड़ा करिए तो उसे गिनती की परिकल्पना स्पष्ट हो जाएगी ।
ReplyDeleteहम बच्चों को एक्सरसाइज कराना चाहते हैं, तो बच्चा एक्सरसाइज के नाम से घबरा जाता है । उसी चीज को हम एक वृत्त बनाकर "पहचान कौन" खेल खिलाते हैं और उसमें एक को लीडर बना कर एक्टिविटीज प्रारंभ करते हैं उसे अन्य बच्चे देखकर हुबहू नकल उतारते हैं और एक बच्चे को बीच में हम रख देते हैं उसे हम कहते है कि इस में लीडर कौन है । ऐसे में बच्चा आनंद के साथ एक्सरसाइज भी कर लेते हैं आनंद लेते हैं ।
खिलौना बनाते हुए पढ़ना बच्चों को रुचिकर लगेगा और विषय वस्तु को बेहतर समझने में मददगार साबित होगा।
ReplyDeleteखिलौना शिक्षा विद्यार्थी को अपनी अभिव्यक्ति का माध्यम प्रदान करता है साथ ही तार्किक रूप से विषय वस्तु की अच्छी समझ को विकसित करता है |खेल और खिलौना शब्द सुनते ही बच्चों के मन में आनंद का संचार हो जाता है यदि कठिन अवधारणा वाली विषय वस्तु को समझाने हेतु खेल खिलौना का उपयोग किया जाए तो विषय वस्तु को और बेहतर तरीके से समझाया जा सकता है जैसे गति , त्वरण , वेग ,बल ,विद्युत् चुम्बक आदि को पढ़ाते समय हम दैनिक जीवन से जुड़े और उपयोग होने वाले खेल और खिलोनों का उपयोग जैसे रेसिंग कार का खिलौना , चाबी से चलने वाले खिलौनाे, सेल पर चलने वाले खिलौनों का उपयोग कर सकते हैं ।
ReplyDeleteSantosh kumar sahu Lecturer High school somnapur naya kabirdham chhattisgarh
खिलौने बच्चों को बहुत प्रिय होते हैं।इनका प्रयोग शिक्षण को रोचक बनाता है।कई सूत्र खिलौनों के द्वारा सरलता से स्पष्ट हो जाते हैं।इनका प्रयोग शिक्षण को रोचक बनाते हैं।
ReplyDeleteखिलौनों के द्वारा शिक्षण से बच्चों को शाला में अधिक सक्रिय रख सकते हैं।
ReplyDeleteखिलौने बच्चो के लिए सबसे उपयुक्त रुचिकर माध्यम है, कक्षा को रोचक तथा बच्चो को अधिगम हेतू अग्रसर करनेे साथ ही सांस्कृतिक विरासत से परिचय, कल्पनाशीलता, के साथ व्यवसायिक प्रशिक्षण , कौशल की ओर अग्रसर कर सकते हैं ।क्लास रूम मे कम मेहनत करके बहुत कुछ बच्चो के स्वविवेक से भी बहुत कुछ सिखाया जा सकता है कक्षा कभी बोरिंग नही बल्कि आनंदमय ही होगा ।
ReplyDeleteKhilouna aadhaarit shikshashaastra arthat khilouna ka upyog teaching aids ke rup m prayog kar students shikhane khane aur teachers aasani se important h. Govt. High School Badwahi block- Bharatpur dist. Koriya cg. Lecturer- sabarmati.
ReplyDeleteखिलौना के माध्यम से हम बच्चो के बेहतर शिक्षण कर सकते है।यह बच्चों में छुपे कला को निखारने का कार्य करता है।यह अभिव्यक्त करने का सशक्त माध्यम है।खिलौने बच्चों को बहुत प्रिय होते हैं।इनका प्रयोग शिक्षण को रोचक बनाता है।कई सूत्र खिलौनों के द्वारा सरलता से स्पष्ट हो जाते हैं।इनका प्रयोग शिक्षण को रोचक बनाते हैं।
ReplyDeleteBy this method the teaching task becomes simple and easy. It is a unique assistant teaching community.
ReplyDeleteGajbiye
Chawand
अपने आसपास की वस्तुओं को खिलौने के रूप में उपयोग करके अपने विषय वस्तु से संबंधित करके बच्चों को समझाने में उपयोग कर सकते हैं बच्चे अनुभव से बहुत अच्छा सीख सकते हैं
ReplyDeleteखेल और खिलौने एक शब्द नहीं एक भावना को व्यक्त करता है। ऐसे कौन होगा जो बचपन में किसी न किसी प्रकार का खिलौना न बनाया हो और उसके साथ खेला न हो। यह विधि प्राथमिक कक्षाओं के लिए जितना रोचक,मनोरंजन, बालपन के कल्पनाओं को साकार रूप देने वाले हैं उतना ही महत्वपूर्ण उच्च कक्षाओं के लिए उपयोगी भी हो सकता है। विद्यार्थियो को अपने सोच को हुनर के रूप में परिवर्तित करने का यह एक सशक्त माध्यम हो सकता है। आज के इस बेरोजगारी भरा दौर में एक व्यावसाय के रूप में अपनाकर भी आय के स्रोत के एक माध्यम माध्यम के रूप में अपनाया जा सकता है।
ReplyDeleteविद्यालय में गणित, विज्ञान एवं अन्य विषयों को रोचकतापूर्ण तरीके से पढ़ाने/अवधारणा को समझाने का माध्यम भी हो सकता है।आदि आदि बहुत कुछ...........।
वेदराम पात्रे व्याख्याता प्रभारी प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दामापुर बाजार पंडरिया जिला कबीरधाम।
खिलौने एक सशक्त माध्यम है बच्चों के मन को तनाव मुक्त और प्रसन्न करने का. इस वज़ह से बच्चे खिलौनों के माध्यम से आसानी से से बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं. खिलौने का आकर, आयाम, गति, रंग, उपयोग, उसको बनाने मे उपयोग किया गया पदार्थ, निर्माण की विधि, आदि प्रश्न जब छात्रों के मन में उठेंगे तब वे इसका उत्तर भी जानना चाहेंगे और फिर हम विज्ञान, गणित, भूगोल, भाषा सभी subjects का शिक्षण को इन खिलौनों से जोड़कर कर सकते हैं. उन्हें पेपर या मिट्टी अथवा अपने आसपास उपलब्ध किसी भी पदार्थ से निर्माण के लिए प्रेरित कर सकते हैं.
ReplyDeleteखिलौना शिक्षा विद्यार्थी को अपनी अभिव्यक्ति का माध्यम प्रदान करता है साथ ही तार्किक रूप से विषय वस्तु की अच्छी समझ को विकसित करता है |खेल और खिलौना शब्द सुनते ही बच्चों के मन में आनंद का संचार हो जाता है यदि कठिन अवधारणा वाली विषय वस्तु को समझाने हेतु खेल खिलौना का उपयोग किया जाए तो विषय वस्तु को और बेहतर तरीके से समझाया जा सकता है
ReplyDeleteखिलौना बनाना और उससे खेलना केवल खेल नहीं है, बल्कि इससे हम गणित और विज्ञान के कठिन अवधारणा को सरल से सरल रूप में समझा सकते हैं ।।
ReplyDeleteChildren of any age are interested in playing with toys.therefore learning with the help of toys becomes easy and children remember what they have learned for a very long time.
ReplyDeleteखिलौना आधारित शिक्षण से बच्चों को कई तरह के कठिन विषय भी आसानी से समझाया जा सकता है,विज्ञान के कई छोटी अवधारणाओं को खेल तथा खिलौनों से समझाना आसान होता है।
ReplyDeleteखिलौना शब्द बेहद ही आकर्षक शब्द है,और अगर शिक्षक स्वयं खिलौने से खेल खिलाते हुए पढ़ाई कराए तो बच्चो की आंखों में अलग ही ललक और चमक नजर आती है...मैंने तो यह व्यावहारिक रूप में परिणत करके देख लिया!
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