कोर्स 11 गतिविधि 2 : अपने विचार साझा करें
कोर्स 11 : विद्यालयी शिक्षा में नई पहलें
गतिविधि 2 : अपने विचार साझा करें
समग्र शिक्षा के सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलू के तहत आप कौन सी नवीन
गतिविधियां संचालित कर सकते हैं?
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पर्यावरण और इको क्लब के माध्यम से शिक्षर्थी को पर्यावरण के महत्त्व को समझाया जा सकता है और साथ में सांस्कृतिक मूल्यों से अवगत कराते हुवे देश की एकता वा अखंडता को अक्षुन बनाये रखने में मदद मिलेगी
ReplyDeleteवृक्षारोपण के माध्यम से बच्चों में पर्यावरण सरंक्षण के महत्व को समझाया जा सकता है ।
Deleteआज विभिन्न कारणों से हमारा आसपास का पर्यावरण इतना ज्यादा दूषित हो गया है हमें पर्यावरण को दूषित होने से बचाना है और इसके लिए विद्यार्थियों को पर्यावरण और इको क्लब के माध्यम से पर्यावरण के महत्व को समझाया जा सकता है
ReplyDeleteसही बात है
Deleteसांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलू के तहत विद्यालयीन शाला प्रबंधन एवं विकास समिति के सहयोग से गांव में NCC कैम्प के माध्यम से ग्रामीण ज्वलंत समस्याओं के नुक्कड़ , नाटक प्रस्तुत कर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं। इसके साथ ही विद्यालय परिसर में फलदार , फूलदार , छायादार पौधों को लगाकर स्वच्छ पर्यावरण का संदेश प्रसारित कर सकते है ।
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलू के तहत गतिविधियां यूथ क्लब , इको क्लब का गठन करके कर सकते हैं यूथ क्लब द्वारा सांस्कृतिक गतिविधियां संगीत , कला खेल , शारीरिक गतिविधियां और वाद विवाद आदि के द्वारा बच्चों के विद्यालय में सीखने के आनंददायक परिवेश को बढ़ावा देता है
ReplyDeleteइको क्लब का गठन के द्वारा वृक्षारोपण करवा कर इससे पर्यावरण अनुकूल रहेगी ही अनुकूल वातावरण में बच्चे श्रम का महत्व , पानी का सही उपयोग बच्चे उनके साथ ही जमीन खोदना , खाद पानी डालना , पौधे रोपने , बगीचे की साफ सफाई रखना, बगीचे में प्लास्टिक का प्रतिबंधित करना मूल्यों को बढ़ावा देने वाली इन गतिविधियों के द्वारा सीखने की प्रक्रिया में बढ़ोतरी कर सकते हैं
इसके माध्यम से विधालय सुरक्षा को मजबूत बनाया जा सकता हैं
ReplyDeleteआज विभिन्न कारणो से हमारा आसपास का पर्यावरण इतना ज्यादा दूषित हो गया है कि हमे पर्यावरण को दूषित होने से बचाना है इसलिए विद्यार्थियो को पर्यावरण और ईको क्लब के माध्यम से पर्यावरण के महत्व को समझाया जा सकता है।
Deleteइसके माध्यम से शाला में विद्याथियों को पर्यावरण के महत्व समझाने एवं उसमें रुचि पैदा करने के लिए समस्त विद्याथियों को शाला प्रागंण में बागवानी करने की जिम्मेदारी सौपी जाए एवं वर्तमान में हमारे देश में फैल रही असहिष्णुता को समाप्त करने हेतु विद्याथियों को देश के सभी संस्कृतियों से परिचित कराने के लिए लघु चलचित्र ऐसे चेनल जैसे डिस्कवरी और ऐसे ही और चेनल जिसमें ऐसे कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते हैं जिसमें भारत की बहुरंगी संस्कृति से हम अपने विद्याथियों को परिचित करा सके विद्याथियों को दिखाया जाऐ
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के सांस्कृतिक एवं पर्यावरणीय पहल के अंतर्गत हम स्कूल परिसर में छात्रों से बागवानी और साफ सफाई करवाकर उनमें पर्यावरण के प्रति जागरूकता ला सकते हैं।
ReplyDeleteEco club are good initiative to aware students to understand and value their near by environment
Deleteसमग्र शिक्षा के अंतर्गत सांस्कृतिक एवं पर्यावरणीय पहल के अंतर्गत विद्यालय में होने वाले विभिन्न प्रकार की गतिविधियों से संबंधित है बालकों में सर्वागीण विकास के लिए सांस्कृतिक गतिविधियां बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान होता है क्योंकि बच्चों में शारीरिक एवं नैतिक शिक्षा इन्हीं सांस्कृतिक गतिविधियों से मिलता है एवं पर्यावरणीय शिक्षा के अंतर्गत विद्यालय में वृक्षारोपण एनसीसी एनएसएस आदि के माध्यम से विद्यार्थी अपने सर्वागीण विकास करते हैं क्योंकि इन सभी क्षेत्रों में कई प्रकार की गतिविधियां आयोजित की जाती है वाद -विवाद निबंध लेखन गायन ,वादन नाटक कहानी कविता एवं रंगोली प्रतियोगिता चित्रकारी आदि के माध्यम से सांस्कृतिक गतिविधियां संचालित की जाती है एवं पर्यावरणीय क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे को एनसीसी एनएसएस के माध्यम से समय-समय पर सरोकार किया जाता है और इससे होने वाले दुष्प्रभाव से लोगों को जागृत किया जाता है रैली नाटक, नुक्कड़ आदि के माध्यम से लोगों को जागृत किया जाता है जिससे लोगों में पर्यावरण के प्रति सुरक्षा का भावना जागृत होता है।
ReplyDeleteहम छात्रों द्वारा स्कूल परिसर में और उनके घर के आसपास पेड़ पौधे लगाने के लिए कह सकते हैं और अपने निरीक्षण में वृक्षारोपण कार्यक्रम करवा सकते हैं। वृक्षों से हमारे जीवन में कितने लाभ हैं सब की जानकारी हम दे सकते हैं।
ReplyDeleteजिन छात्रों की इसमें रूचि है उनको प्रोत्साहन दे सकते हैं।
रंग-बिरंगे पोस्टर और चित्रों के माध्यम से या फिर स्लाइड्स के माध्यम से हम पर्यावरण की सुरक्षा के महत्व को समझा सकते हैं ।पर्यावरण की सुरक्षा के लिए होने वाले विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों की जानकारी हम वीडियो या ऑडियो के माध्यम से बच्चों को बता सकते हैं ।साथ ही हम उनके पालकों का भी सहयोग ले सकते हैं।
छात्रों की रुचि को ध्यान में रखकर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन जैसे रंगोली, चित्रकला ,निबंध लेखन, वेस्ट मटेरियल से उपयोगी चीजे बनाना, मॉडल बनाना आदि के द्वारा हम उन्हें प्रोत्साहित कर सकते हैं।
अगर परिस्थितियां अनुकूल हो तो आसपास भ्रमण के लिए ले जाकर प्रकृति के और समीप उनके प्रेम भाव को जगा कर सकते हैं क्योंकि बच्चे देखने से ज्यादा सीखते हैं।
समग्र शिक्षा के अंतर्गत शालाओं में इको क्लब एवं युथ क्लब का गठन करना है। इको क्लब में बच्चो के द्वारा वृक्षारोपण करवाना एवं उनको पौधों के देखभाल की जिम्मेदारी देना पर्यावरण से जोड़ने के लिए अच्छा प्रयास होसकता है। युथ क्लब में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थियों को अपनी संस्कृरति से जोड़ा जा सकता है तथा अन्य राज्यों के संस्कृति से भी परिचित करवाया जा सकता है।
ReplyDeleteपर्यावरणीय शिक्षा को बढावा देने के लिए हमारे आस पास की जितनी भी स्थितियां है उन्हें प्रयोगात्मक तरीके से करके सिखाने पर जोर देने की आवश्यकता है, क्योंकि करके सिखा हुआ हमेशा याद रहता है| और सांस्कृतिक अध्ययन के लिए स्थानीय स्तर पर होने वाली जितनी भी सांस्कृतिक ,धार्मिक आदि कार्यक्रम होते हैं उनके बारे में विद्यार्थियों से रोचक तरीके से पूछना साथ ही साथ उसके समानांतर और भी अलग अलग क्षेत्रों की सांस्कृतिक, सामाजिक, धार्मिक आदि गतिविधियों की जानकारी कक्षा कक्ष में अभिनय करते बताएँ तो हम विद्यर्थियों को पर्यावरण एवं सांस्कृतिक गतिविधियों को सिखानेे में मदद् मिलेगी|
ReplyDeleteहमारा मूल परिवेश सांस्कृतिक एवं पर्यावरणीय महत्व को सहज ही अंगीकार किया हुआ है अतः अपने बुजुर्गों से इन पावन परंपराओं की जानकारी एकत्रित करनी होगी।
ReplyDeleteWe can tell the students about the importance of nature and how to conserve the natural resources
ReplyDeleteSabhi baato ka ek hi vichar siddh hota hai. Ki hamari parivas ma jo bhi ghatna hoti hai wo kisi karan wass hoti hai...
ReplyDeleteCultural houses could be created and eco clubs can be a way to create awareness abt environment. Children should work together to build school garden..each student should be asked to pot one plant and it should be his/her responsibiity to nurture tht plant.
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा में बच्चों के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक विकास में खेल की अहम भूमिका होती हैं । साथ ही साथ नई शिक्षा नीति में खेल को अनिवार्य विषय के रूप में सम्मिलित किया जाना चाहिए । वर्तमान शिक्षा प्रणाली में माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में ही व्यायाम शिक्षकों की नियुक्ति की गई है । शारीरिक शिक्षा को अनिवार्य विषय के रूप में सम्मिलित किया जाना आवश्यक होगा ।
ReplyDeleteलोक नृत्य के माध्यम से सांस्कृतिक और पर्यावरणीय जानकारी प्रेषित करना उत्तम विधा है |
ReplyDeleteParyavaran - Apne area ki janakari hona jaruri hai . Isase seekhane ki kshamata ka vikas hota hai. Wahan paye Jane wale paudhe , specific environmental conditions students ke recall- recognition ko badhava de sakati hai. Eg. - Quiz , village tour me logon se milana aur wahan ke environment ke bare me janana.
ReplyDeleteSanskritik - apne area ki sanskriti ki janakari hone se students me jigyasa badhati hai. Village - > District -> Natoinal - > International. Eg. - Baal - Sabha( every Saturday),annual function me folk art ko shamil karana.
समग्र शिक्षा के सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलू के तहत गतिविधियां यूथ क्लब , इको क्लब का गठन करके कर सकते हैं यूथ क्लब द्वारा सांस्कृतिक गतिविधियां संगीत , कला खेल , शारीरिक गतिविधियां और वाद विवाद आदि के द्वारा बच्चों के विद्यालय में सीखने के आनंददायक परिवेश को बढ़ावा देता है
ReplyDeleteइको क्लब का गठन के द्वारा वृक्षारोपण करवा कर इससे पर्यावरण अनुकूल रहेगी ही अनुकूल वातावरण में बच्चे श्रम का महत्व , पानी का सही उपयोग बच्चे उनके साथ ही जमीन खोदना , खाद पानी डालना , पौधे रोपने , बगीचे की साफ सफाई रखना, बगीचे में प्लास्टिक का प्रतिबंधित करना मूल्यों को बढ़ावा देने वाली इन गतिविधियों के द्वारा सीखने की प्रक्रिया में बढ़ोतरी कर सकते हैं
संतोष कुमार साहू व्याख्याता शासकीय हाई स्कूल somnapur नया
भारत विविधताओं का देश है।जहां अनेक संस्कृतियों और पर्यावरणीय विविधताओं को समग्रता से विकसित करना न्याय संगत होगा।समग्र शिक्षा के सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलू के तहत िवद्गयालय में अनेक गतिविधियां जैसे यूथ क्लब , इको क्लब का गठन करके कर सकते हैं यूथ क्लब द्वारा सांस्कृतिक गतिविधियां संगीत , कला खेल , शारीरिक गतिविधियां और वाद विवाद आदि के द्वारा बच्चों के विद्यालय में सीखने के आनंददायक परिवेश को बढ़ावा देता है
ReplyDeleteइको क्लब का गठन के द्वारा वृक्षारोपण करवा कर इससे पर्यावरण अनुकूल रहेगी ही अनुकूल वातावरण में बच्चे श्रम का महत्व , पानी का सही उपयोग बच्चे उनके साथ ही जमीन खोदना , खाद पानी डालना , पौधे रोपने , बगीचे की साफ सफाई रखना, बगीचे में प्लास्टिक का प्रतिबंधित करना मूल्यों को बढ़ावा देने वाली इन गतिविधियों के द्वारा सीखने की प्रक्रिया में बढ़ोतरी कर सकते हैं जिससे छात्रों को बहु आयामी दृष्टिकोण प्राप्त हो सके । _(संदीप किशोर भटनागर प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला तिरिया जिला बस्तर)
समग्र शिक्षा के सांस्कृतिक एवं पर्यावरणीय पहल के अंतर्गत हम स्कूल परिसर में छात्रों से बागवानी और साफ सफाई करवाकर उनमें पर्यावरण के प्रति जागरूकता ला सकते हैं।
ReplyDeleteनाम अशोक कुमार बंजारे
व्याख्याता
हाई स्कूल अमाली
विकासखंड कोटा
जिला बिलासपुर छत्तीसगढ़
विद्यालय में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से छात्रों में जागरूकता उत्पन्न होगी।पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता,देशप्रेम का भाव जागृत किया जाएगा।
ReplyDeleteSamgra shiksha k pariyavaran ko swaksha rkhne plantation eco-club, NCC camp students aur teachers Anya ko jankari dekar aur saanscritik karayakarm sangeet, gaayan, aadi se parivartan aur saanscritik ka mahatva jankari de kar . Govt. High School Badwahi block bharatpur dist. Koriya cg.
ReplyDeleteबच्चो को पर्यावरण के महत्व को समझाकर अपने भविष्य के पहलू को वर्तमान परिवेश से जोड़कर समझ विकसित करेंगे
ReplyDeleteपर्यावरण को सुरक्षित करने के ब्यक्तिगत और सामाजिक कर्तव्य को वास्तविक रूप से समझने के लिए ईको क्लब का संचालन व उस कार्य करना अतिआवश्यक है।
ReplyDeleteविद्यार्थियों के लिए पर्यावरण संरक्षण के महत्व के संबंध में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन,वृक्षारोपण अपने आस पास करने हेतु प्रेरित करना ।विभिन्न संस्कृतियों को जानने हेतु सर्वे, प्राचीन परम्पराओं को जानने हेतु सर्वे ।
ReplyDeleteStudents do community work group work to develop the school garden, they r asked to study various uses and impact of various plants n trees on living beings.culture programmes r held to know preserve our cuture, quiz,games,activities r held.
ReplyDeleteविभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मदद से हम स्वच्छ पर्यावरण के महत्व को समझा सकते हैं. जगह जगह पर्दे पर डाक्यूमेंट्री film दिखा कर, नुक्कड पर नाटक, गीत, प्रदूषित पर्यावरण के दुष्परिणामों को दिखाकर लोगों को लोगों को प्रेरित कर सकते हैं. आज कल लोग स्वास्थ्य के प्रति सतर्क है तो स्वास्थ को पर्यावरण से जोड़कर जैसे अधिक धूप का स्किन पर असर दिखा कर, practically prove करके की पत्तियां oxygen छोड़ती है, हम पर्यावरण को स्वच्छ करने की ओर लोगों को प्रेरित कर सकते हैं
ReplyDeleteबच्चों को शनिवार के दिन स्कूल परिसर में बागवानी करने तथा साफ सफाई करवाकर पर्यावरण के प्रति जागरुक कर सकते हैं। बच्चों को गाना, नाटक, नृत्य वा अंताक्षरी जैसे प्रोग्राम करवाकर सांस्कृतिक कार्यक्रम के प्रति जागरुक कर सकते हैं।
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के सांस्कृतिक एवं पर्यावरणीय पहलू के अंतर्गत हमने बच्चो म तत्संबंधित जागरूकता लाने विगत वर्षो से शालेय कार्य योजना तैयार किए हैं , वार्षिक उत्सव के दौरान संपूर्ण कार्यक्रम साँस्कृतिकता पर केंद्रित होता है, पूरा एक दिन 40से50 कार्यक्रम संस्कृति के सभी आयामों को छूता है।
ReplyDeleteइकोक्लब एन एस एस रेडक्रॉस स्काउट गाइड के सहयोग से पर्यावरण की सुरक्षा, स्कूल नर्सरी योजना का सफल क्रियान्वयन, शाला परिसर मे 400 की सुरक्षा कर वृक्ष रूप देना , बच्चो मे हस्तांतरित जागरूकता अभियान का परिणाम है।
पिछले सत्र मे विभागीय जारी टाइम टेबल जिसमे 20 मिनट अन्य सांस्कृतिक विकास हेतू निर्धारित था ,जिसमे भी विभिन्न प्रकार के एक्स्ट्रा एक्टीविटी को शामिल कर बच्चो मे निखार लाते रहे । और आगे भी कुछ नयेपन के साथ संचालन करते रहेंगे ।
समग्र शिक्षा में सांस्कृतिक एवं पर्यावरण संबंधी शैक्षणिक गतिविधियों में विकास के लिए सप्ताह में स्कूल के समीप के गांव में एनसीसी, एनएसएस ,एवं इको क्लब के विद्यार्थियों के द्वारा रैली नुक्कड़ नाटक एवं गाने के माध्यम से लोगों में जागरूकता फैलाना एक अच्छी पहल है हम लोग एनसीसी के क्रेडिट्स के द्वारा स्वच्छता संबंधी कार्यक्रम करते हैं।
ReplyDeletePlan banakar har week naye naye program kar sakte hain
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के अंतर्गत सांस्कृतिक एवं पर्यावरणीय पहल के अंतर्गत विद्यालय में होने वाले विभिन्न प्रकार की गतिविधियों से संबंधित है बालकों में सर्वागीण विकास के लिए सांस्कृतिक गतिविधियां बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान होता है क्योंकि बच्चों में शारीरिक एवं नैतिक शिक्षा इन्हीं सांस्कृतिक गतिविधियों से मिलता है एवं पर्यावरणीय शिक्षा के अंतर्गत विद्यालय में वृक्षारोपण एनसीसी एनएसएस आदि के माध्यम से विद्यार्थी अपने सर्वागीण विकास करते हैं क्योंकि इन सभी क्षेत्रों में कई प्रकार की गतिविधियां आयोजित की जाती है वाद -विवाद निबंध लेखन गायन ,वादन नाटक कहानी कविता एवं रंगोली प्रतियोगिता चित्रकारी आदि के माध्यम से सांस्कृतिक गतिविधियां संचालित की जाती है एवं पर्यावरणीय क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे को एनसीसी एनएसएस के माध्यम से समय-समय पर सरोकार किया जाता है और इससे होने वाले दुष्प्रभाव से लोगों को जागृत किया जाता है रैली नाटक, नुक्कड़ आदि के माध्यम से लोगों को जागृत किया जाता है जिससे लोगों में पर्यावरण के प्रति सुरक्षा का भावना जागृत होता है।
ReplyDeleteहमारी स्कूल का क्षेत्र आदिवासी क्षेत्र होने के कारण जंगलों से घिरा है अतः यहां पर जंगलों की संरक्षण की आवश्यकता है ताकि आने वाले समय में भी ऐसे हरे-भरे जंगल बना रहे। इसके लिए हम शाला प्रबंधन समिति और इको क्लब के माध्यम से पेंटिंग भाषण प्रतियोगिता आदि के माध्यम से जागरूकता माध्य अभियान चला सकते हैं। वर्तमान में पूरे विश्व में पर्यावरण की चुनौतियां बढ़ रहे हैं इसके बारे में लोगों को जागरूक कर सकते हैं।
ReplyDelete- उच्च प्राथमिक शाला मातेंगा केशकाल