कोर्स 04 (FLN) गतिविधि 3 : अपने विचार साझा करें
कोर्स 04
गतिविधि 3 : पालक शिक्षक संघ की बैठक में संवाद का एक सशक्त माध्यम
- अपने विचार साझा करें
इन बिंदुओं पर ध्यानपूर्वक विचार करें - पालक शिक्षक
संघ की बैठक कितनी अवधि में की जाती है? अभिभावकों से किस तरह की चर्चा की जाती है?
यह कैसे पता लगाएं कि अभिभावक, विद्यालय और शिक्षक-शिक्षिकाओं की किस प्रकार प्रभावी
मदद कर सकते हैं। क्या आपने अभिभावकों की चिंताओं तथा उनके निराकरण के उपायों के बारे
में सोचा है? इन समस्याओं तथा निराकरण के उपायों के बारे में गंभीरता से चिंतन करके
अपने विचार साझा करें।
हमारे विद्यालय में अभिभावकों की प्रतिमाह बैठक की जाती है जिसमें हम बच्चों के विकास और उनके पढ़ाई के संबंध में चर्चा करते हैं साथ ही साथ उनके विद्यालय में अपने कर्तव्यों के दायित्व उनके व्यवहार इत्यादि की संपूर्ण चर्चा कर माता-पिता को इसकी जानकारी देते हैं और उनसे बच्चों के घर पर जो व्यवहार किया जाता है उसके संबंध में अभिभावकों से बातचीत की जाती है
ReplyDeleteहमारे विद्यालय में प्रति माह पालक शिक्षक समिति का बैठक आयोजित होता है। जिसमें बच्चों की सीखने में होने वाली समस्या पर चर्चा होती है। शिक्षक धीमी गति से सीखने वाले बच्चों के पालकगण को उस विषय पर ध्यान देने को कहते हैं। बच्चों के नियमित उपस्थिति एवं गृहकार्य पूरी करवाने में सहयोग करने कहते हैं।भाषा ज्ञान, अक्षरों की पहचान,समझ के साथ पढ़ने ,अंक , संख्या ज्ञान , जोड़ना घटाना का अभ्यास कार्य नियमित करवाने कहा जाता है।
DeleteMohammad Faheem(Shikshamitra)
DeleteP. S. Shekhana Nagram, Block Mohanlalganj, District Lucknow( Uttar Pradesh)
Hamare Primary School me prati maas((per month) vibhinn bathake( meetings) jaise- S.M.C., P. T. A./ Palak( Abhibhawak) etc goshthiyo( meetings) ka aayojan kiya jata hai. Isme chhatro ke kamzor paksh par charcha ki jati hai. School ke bhoutik parivesh( phisical environment) par varta ke saath- saath pradatt kary( H. W.) Ko lekar unke abhibhawako se charcha ki jati hai. Chhatro ko prati din sikhne- sikhane hetu protsahit( encouraged) karte hai. Unki pragati aadi par bhi warta ki jati hai. School me sanchalit vibhinn yojnao wa karykramo( programmes) ki jankari ka aadan pradaan karte hai. Bachcho se kiye ja rahe vyawhar ke prati unke guardians/ palko se charcha ki jati hai. School me shat- pratishat upasthiti, thahrav, shaikshik gunvatta, swachchhata, rakh rakhaa aadi( etc) ke baare me vistaar poorwak waarta/ charcha ki jaati hai.
Thank so much
पालक शिक्षक संघ की बैठक अति आवश्यक है परस्पर संवाद से बच्चों को सीखने सिखाने एवं आकलन करने में मदद मिलती है।
DeletePalak shikshak baithak mah me ek bar hi hota hai lekin hum akasar palkon se batchit karte hain bachchon ke vikas ruchi aadi ke bare me bachchon ke star se bhi palkon ko avagat karate hai lekin bahut kam palak hi ruchi lete hain
Deleteशिक्षक पालक संघ की बैठक प्रत्येक माह नियमित होती है जिसमें विद्यालय के विभिन्न गतिविधियों एवं बच्चों के सीखने की गति तो फिर भी बात होती है और बच्चों की सीखने की प्रक्रिया पर चर्चा की जाती है एवं विद्यालय की भौतिक वातावरण को कैसे सुचारू रूप से व्यवस्थित करें आदि पर भी चर्चा की जाती है
Deleteपालक शिक्षक संघ की बैठक अति आवश्यक है परस्पर संवाद से बच्चों को सीखने सिखाने एवं आकलन करने में मदद मिलती है।
ReplyDeletePalako k hisse dari k bina balak ka sarvangin vikash sambhav nah.
Deleteber 1, 2021 at 10:32 AM
ReplyDeleteहमारे विद्यालय में अभिभावकों की प्रतिमाह बैठक की जाती है जिसमें हम बच्चों के विकास और उनके पढ़ाई के संबंध में चर्चा करते हैं साथ ही साथ उनके विद्यालय में अपने कर्तव्यों के दायित्व उनके व्यवहार इत्यादि की संपूर्ण चर्चा कर माता-पिता को इसकी जानकारी देते हैं और उनसे बच्चों के घर पर जो व्यवहार किया जाता है उसके संबंध में अभिभावकों से बातचीत की जाती है
यह बैठक नितांत आवश्यक है ताकि हम बच्चो से सही से जुड़ पाए।
ReplyDeleteहमारे स्कूल में शिक्षक,पालक बैठक प्रति माह आयोजित की जाती है।बच्चों के पिछले माह के रिपोर्ट कार्ड लर्निंग आउट कम के आधार पर बच्चों के सीखने की गति पर विचार कर कार्य योजना बनाते है।
Deleteमेरे शाला में हर महीने पालकों के साथ बैठक आयोजित किया जाता है और शिक्षा गुणवत्ता पर चर्चा की जाती है
ReplyDeleteपालक एवम् शिक्षा समिति की बैठक लगभग हर महीने में आयोजित की जाती है।लोगों की सहभागिता कम रहती है।जो आते है उनसे चर्चा कर समस्या समाधान किया जाता है।
ReplyDeleteHamare Vidyalay Mein Pratima Shikshak palak baithak aayojit ki Jaati Hai jismein sikhane per Aane wali ghatna per vichar Kiya jata hai
Deleteहमारे यहां प्रतिमाह पालक समुदाय की बैठक आयोजित की जाती हैं जिसमें बच्चो शिक्षा व गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित किया जाता हैं मैं हमेशा पालकों हर मंच पर भी अपने बच्चों की गुणवत्ता को खेल खेल में कैसे सीखा सकते हैं उनके बारे में जानकारी देते हैं
ReplyDeleteहमारे विद्यालय में अभिभावकों की प्रतिमाह बैठक की जाती है ,जिसमें हम बच्चों के विकास और उनके पढ़ाई के संबंध में चर्चा करते हैं ।साथ ही साथ विद्यालय के प्रति उनके कर्तव्य ,व्यवहार इत्यादि की संपूर्ण चर्चा कर माता-पिता को जानकारी देते हैं । बच्चों के द्वारा स्कूल और घर पर जो व्यवहार किया जाता है, उसके संबंध में अभिभावकों से बातचीत की जाती है ।
ReplyDeleteहमारे विद्यालय में प्रत्येक माह पालक संघ का बैठक आयोजित किया जाता है जिसमें बच्चों के उपस्थिति , पढ़ाई , लेखन स्तर , एवं विभिन्न गतिविधि से संबंधित चर्चा की जाती है । छात्रों की प्रगति के बारे में अभिभावको को अवगत कराया जाता है एवं अभिभावको का विचार जाना जाता है । बच्चों की बुनियादी साक्षरता किस स्तर की है? इस पर परस्पर वार्तालाप किया जाता है और समस्या का कैसे समाधान निकाला जाए इस पर भी चर्चा होता है ।
ReplyDeleteहमारे विद्यालय में माताओ की बैठक आयोजित की जाती हैं जिसमें बच्चों के सीखने की गति के बारे में चर्चा की जाती हैं साथ ही माताओ को प्रोत्साहित किया जाता है तथा विभिन्न गतिविधि के बारे में चर्चा किया जाता है
ReplyDeleteP T A ki baithak aavshyak hai isase bachcho ke pathan paathan me madad milti hai
ReplyDeleteपालक शिक्षक संघ की बैठक प्रति माह आयोजित किया जाता है जिसमे पालकों के साथ बच्चों की पढ़ाई एवम् उनके व्यवहार के संबंध में चर्चा किया जाता है,उनके प्रगति की जानकारी दी जाती है।बच्चों के समस्याओं एवम् कठिनाइयों का मिलकर समाधान करते हैं।
ReplyDeleteपालक शिक्षक संघ की बैठक अति आवश्यक है परस्पर संवाद से बच्चों को सीखने सिखाने एवं उसके सर्वांगीण विकास करने में मदद मिलती है।
ReplyDeleteपालक शिक्षक संघ की बैठक अति आवश्यक है परस्पर संवाद से बच्चों को सीखने सिखाने एवं उसके सर्वांगीण विकास करने में मदद मिलती है।
ReplyDeleteसुशील कुमार आडिल
पालक शिक्षक के बीच परस्पर संवाद से बच्चे का रूचि और व्यवहार एवम कार्यशैली सम्बंधित बातें जो पालक के माध्यम से शिक्षको को समझने में मदद मिलती है और शिक्षको के माध्यम से पालको को समझने में मदद मिलती है, जिसे जानकर एवं समझकर और परस्पर सहयोग से बच्चो में नयी रूचि विकशित क्र सकते है।
ReplyDeleteहमारे विद्यालय में प्रति माह माताओ की बैठक आयोजित की जाती हैं, जिसमें बच्चों के सीखने- सीखने की आवश्यक गतिविधि के बारे में चर्चा की जाती हैं, साथ ही माताओ को प्रोत्साहित किया जाता है। और विभिन्न गतिविधि के बारे में जानकारी दी जाती है।
ReplyDeleteबैठक अतिमहत्वपूर्ण है पालक शिक्षक परस्पर वार्तालाप संवाद से विद्यार्थियों के आंतरिक और बाह्य विकास की हर संभव कोशिश कर उनमें बुनियादी विचार से परिपूर्ण कर सार्वांगिक विकास को सही दिशा में निर्देश करते हुए अपने घर और शाला में संबंध करते हुए दिमागी पृष्ठभूमि में खुले मन से ज्ञान को विकसित करने में सक्षम हो पाएंगे।
ReplyDeleteप्रति माह एक बैठक होती है।जिस में मुख्य बिंदुऐं बच्चो की नियमित उपस्थिति ,साफसफाई,मौसमी बीमारियाँ,स्र्वघ्छ पेयजल भोजन बच्चोंकी परीक्षा परिणामों और अध्यापन पर चर्चा की जाती है । बेहतर शिक्षा घरपर और शाला में मिले इस के लिए पालको को प्रोत्साहित करेंगे ।
ReplyDeleteविद्यालय में प्रति माह शाला प्रबंधन एवं विकास समिति व पालक गणों का मासिक बैठक आहूत किया जाता है। जिसमें बच्चों की शाला में नियमित रूप से शत् प्रतिशत उपस्थिति वह ठहराव,व शैक्षिक गुणवत्ता, शाला की स्वच्छता एवं रख रखाव के बारे में विस्तार से चर्चा किया जाता है। बालक, पालक एवं शिक्षक तीनों स्कूल के धुरी के समान होते हैं ।शाला की सफल संचालन के लिए इन तीनों में आपसी समांजस्य होना अति आवश्यक है।
ReplyDeletePalak mitting samshya samadhan ka ek achcha madyam hai
ReplyDeleteपालक शिक्षक बैठक अति आवश्यक एवं परस्पर संवाद से बच्चों के पालक भी अपने बच्चों की मदद कर पाते हैं जो आकलन करने में मदद मिलती करती है
ReplyDeleteप्रति माह पालको की बैठक होती है जिसमें बच्चों के कमजोर पक्षों पर चर्चा होती है।
ReplyDeleteपालक शिक्षक संघ की बैठक हर माह कर बच्चो की शैक्षिक गतविधियों पर चर्चा।घर पर बच्चों को नियमित सीखने सिखाने हेतु अभिभावकों को प्रोत्साहित करते हैं।
ReplyDeleteहमारे विद्यालय में हर महिने शिक्षक पालक संघ की बैठक आयोजित की जाती है। जिसमें बच्चों के शिक्षा से संबंधित समस्या का क्षेत्र तथा उसके समाधान के संबंध में चर्चा की जाती है।
ReplyDeletePalak shikshak samiti ki baithak mah me ek baar hoti hai . Ese baithak me shaikshanik gunvatta aur bachcho ke aaklan ke mulyankan pachchat prapt anko par bhi baat ki jati hai .
ReplyDeleteपालकों की मासिक बैठक में किसी विशेष समस्याओं अथवा उपलब्धियों पर चर्चा होतीहै। आवश्यकता पड़ने पर पालकों से घर में जाकर सम्पर्क कर बच्चों की समस्याओं का निराकरण करने के लिए प्रयास करते है ।
ReplyDeleteशाला में पालक समिति का बैठक आयोजित की जाती है। इस मासिक बैठक में पालक समुदाय को शाला में संचालित विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों की जानकारी आदान-प्रदान किया जाता है। साथ ही उनके बच्चों के लिए अतिआवश्यक मुद्दे पर चर्चा कर सहयोग की अपील करते हैं। ताकि अधिगम बेहतर ढंग से बच्चों को प्रभावित करे।
ReplyDeleteहमारे विद्यालय में अभिभावकों के साथ प्रतिमाह बैठक की जाती है जिसमें हम बच्चों के विकास और उनके पढ़ाई के संबंध में चर्चा करते हैं साथ ही साथ उनके विद्यालय में अपने कर्तव्यों के दायित्व उनके व्यवहार इत्यादि की संपूर्ण चर्चा कर माता-पिता को इसकी जानकारी देते हैं और उनसे बच्चों के घर पर जो व्यवहार किया जाता है उसके संबंध में अभिभावकों से बातचीत की जाती है ताकि बच्चों का शारारिक और मानसिक विकास वक साथ हो सके।बच्चों के व्यवहार को समझना पालकों और शिक्षकों के लिए अति आवश्यक है।
ReplyDeleteस्कूल में हर माह बैठकें होती है। बैठक 1 से 1•30 पर्याप्त है। अभिभावकों से उन्हें स्कूल से कितनी अपेक्षा हैं, पर चर्चा होती है। अभिभावकों से स्कूल के पढ़ाई के साथ-साथ घर में अपने बच्चों को और मजेदार तरीके अपनाकर पढ़ा सकते है। इस पर जोर दिया जाता है
ReplyDeleteहमारे विद्यालय में पालक शिक्षक समिति का बैठक प्रतिमाह आयोजित होता है। जिसमें हम बच्चों के विकास और उनके पढ़ाई के संबंध में चर्चा करते है साथ ही साथ विद्यालय में अपने कर्तव्यों के दायित्व उनके व्यवहार इत्यादि की सम्पूर्ण चर्चा कर माता पिता को इसकी जानकारी देते है। और उनके बच्चों के घर पर जो व्यवहार किया जाता है उसके संबंध में अभिभावकों से बातचीत की जाती है।
ReplyDeleteमाह में कम से कम एक बार समिति व पलकों की बैठक होनी चाहिए। बच्चों की शैक्षणिक स्तर पर चर्चा ,बच्चों की नियमित उपस्थिति पर चर्चा ,घर में की जाने वाली गतिविधियों पर चर्चा तथा बच्चों की आवश्यकताओं पर चर्चा होनी चाहिए।
ReplyDeleteHamare vidyalayon me har mahine palko ka miting liya jata hai jisme bachcho ke kamjor paksh Or bachcho ke ruchi ko palko ko bataya jata hai. Jagruk palak apne bachcho ke kamjor paksh ko sudharne ka prayason karte hai
ReplyDeleteविधालय में प्रायः बैठक मासिक या तैमासिक होता है। इस बैठक में विधालय और बच्चों के सर्वांगीण विकाश पर चर्चा होती है। जिसमे सभी का सहयोग की आवश्यकता होती है।
ReplyDeleteयह बैठक अतिआवश्यक है जिससे हम बच्चों को बेहतर शिक्षा दे पाएंगे ।धन्यवाद
ReplyDeleteहमारे विद्यालय के अभिभावकों की परिस्थितियां बिल्कुल अलग है उनको अपने बच्चों पर समय देने का समय ही नहीं है जिससे हम कोशिश भी करें तो उसमें सफल नहीं हो पाते हैं हमें एक नई रणनीति जी के साथ पालकों से संपर्क करना होगा और उनका सहयोग FLN केअनुसार उनको बच्चों का सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा
ReplyDeleteविद्यालय मे प्रत्येक माह अभिभावक समिति का बैठक आयोजित किया जाता है समस्याओ के निराकरण पर बात करते है उनकी बमस्याओ को सुनते ह।
ReplyDeleteविद्यालय मे प्रत्येक माह अभिभावक समिति का बैठक आयोजित किया जाता है।विद्यलय की समस्याओ के साथ उनके समस्या पर भी बात किया जाता है।
ReplyDeleteशिक्षक पालक संघ की बैठक प्रतिमा होती है जिसमें बच्चों के सीखने की प्रगति पर चर्चा की जाती है बच्चे के विकास एवं गतिरोध पर चर्चा की जाती है एवं घर में सीखने के माहौल बनाने पर विचार विमर्श किया जाता है पलकों को घर में किए जाने वाले गतिविधि के संबंध में पलकों को शिक्षित किया जाता है
ReplyDeletePalak shikshak Sangh ki baithak Aashiq hai kyunki ki bacchon ki gatividhi AVN bacchon ki ki sikhane ki prakriya se palak avgat ho sakte hain
ReplyDeleteप्रति माह पालक शिक्षक समिति का बैठक आयोजित होता है। जिसमें बच्चों की सीखने में होने वाली समस्या पर चर्चा होती है। शिक्षक धीमी गति से सीखने वाले बच्चों के पालकगण को उस विषय पर ध्यान देने को कहते हैं। बच्चों के नियमित उपस्थिति एवं गृहकार्य पूरी करवाने में सहयोग करने कहते हैं।भाषा ज्ञान, अक्षरों की पहचान,समझ के साथ पढ़ने ,अंक , संख्या ज्ञान , जोड़ना घटाना का अभ्यास कार्य नियमित करवाने कहा जाता है।
ReplyDeleteबालक, पालक एवं शिक्षक तीनों स्कूल के धुरी के समान होते हैं ।शाला की सफल संचालन के लिए इन तीनों में आपसी बच्चे के विकास एवं गतिरोध पर चर्चा की जाती है एवं घर में सीखने के माहौल बनाने पर विचार विमर्श किया जाता है पलकों को घर में किए जाने वाले गतिविधि के संबंध में पलकों को शिक्षित किया जाता है होना अति आवश्यक है।
ReplyDeleteहमारे विद्यालय में प्रतिमाह शिक्षक पालक संघ की बैठक होती है जिसमे बच्चों के विकास तथा पढ़ाई और बच्चों को सीखने में होने वाली परेशानियों के बारे में चर्चा होती है और अभिभावकों की परेशानियों के संबंधित चर्चा भी होती है तथा स्कूल के सभी गतिविधियों के बारे में चर्चा होती है
ReplyDeleteहमारे विद्यालय में पालक शिक्षक समिति का बैठक प्रतिमाह आयोजित होता है। जिसमें हम बच्चों के विकास और उनके पढ़ाई के संबंध में चर्चा करते है साथ ही साथ विद्यालय में अपने कर्तव्यों के दायित्व उनके व्यवहार इत्यादि की सम्पूर्ण चर्चा कर माता पिता को इसकी जानकारी देते है। और उनके बच्चों के घर पर जो व्यवहार किया जाता है उसके संबंध में अभिभावकों से बातचीत की जाती है।
ReplyDeleteनाम-श्री खुशहाली सोनी
संकुल-खजूरी
P/s Dhabadih
बालको के ब्यवहार के बारे में पलको से चर्चा होती है ।
ReplyDeleteबच्चों और शिक्षक के बीच बेहतर तरीके से सामंजस्य स्थापित करने के लिए अभिभावकों की बैठक प्रति माह आवश्यक है।
ReplyDeletePalk and teachers sbhi ko aapsi samnjsya and good bonding bnana hoga Prtiak students ka samsya alg alg hai aur uske samsya ka hl Sbhi ko milkr krna hoga
ReplyDeleteहमारे शाला में हर माह पालक शिक्षक समिति की बैठक होती है, इसमें हम पालकों के साथ बच्चो के सीखने एवम विकास के बारे में चर्चा करते है।तथा उनकी भी जिम्मेदारी के बारे में उनको बताते है।
ReplyDeleteHamare vidyalaya me pratimah PTM ayojit hoti h jo ki bacho ke vikas me sahayak hai, aur palko ko isse bacho k padhai ka pata chalta h.
ReplyDeleteविद्यालय मे अभिभावकों की नियमित बैठकें आयोजित की जाती है, जिसमें बच्चों के अधिगम पर चर्चा की जाती है शाला समय के अलावा बाहर में भी बच्चों के सीखने पर अनौपचारिक चर्चा की जाती है
ReplyDeleteहमारे विद्यालय में प्रतिमाह पालक समिति की बैठक का आयोजन निवेश रूप से होता है बच्चों को नियमित रूप से विद्यालय भेजने उनकी पढ़ाई की शाम के संबंध में समस्याओं को समझा जाता है पालक से अपेक्षा की जाती है कि घर पर पूरा सहयोग करें होने वाली कठिनाइयों को दूर करने का प्रयास करें
ReplyDeleteहमारे विद्यालय में प्रति माह अभिभावकों तथा शाला प्रबंधन समिति की बैठक ली जाती है जिसमे खासतौर पर कमजोर बच्चो के लिए अभिभावकों को टिप्स दिए जाते हैं।
ReplyDeleteहाँ पालक शिक्षक संवाद से बच्चों के बारे में बहुत जानकारियां प्राप्त होती है।हमारे विद्यालय में प्रतिमाह पालक समिति की बैठक का आयोजन होता है। बच्चों को नियमित रूप से विद्यालय भेजने उनकी पढ़ाई की शाम के संबंध में समस्याओं को समझा जाता है पालक से अपेक्षा की जाती है कि घर पर पूरा सहयोग करें होने वाली कठिनाइयों को दूर करने का प्रयास करें।
ReplyDeleteहमारे स्कूल में, मासिक शाला प्रबंधन समिति का बैठक किया जाता है, साथ ही उसमें अभिभावक पालक समिति कभी बैठक किया जाता है, किंतु पालक आंशिक रूप से सम्मिलित होते हैं पर हमारे स्कूल के द्वारा सभी विषयों पर चर्चा की जाती है और उनके बच्चे के प्रति सजग रहने कर्तव्य का दायित्व पूरा करने, सराहनीय सलाह दी जाती है, जैसे वे अनुकूल व्यवहार करते हैं जिससे बच्चों पर उचित परिणाम आता है शिक्षा के प्रति, हमें अभिभावकों से निरंतर जुड़े रहना चाहिए जिसे वे बच्चे से जुड़े रहे, और उनकी मानसिक विकास पटल विकास हो हो सके, शिक्षा के प्रति, उनकी दैनिक जीवन, शिक्षा केवल डिग्री और नौकरी ही नहीं होती है, जीवन जीने की पद्धति सिखाती है यह आवश्यक है कि, बच्चे के पालक महत्वपूर्ण ध्यान दें क्योंकि बुनियादी शिक्षा तो परिवार से ही मिलता है
ReplyDeleteटेकलाल साहू
ReplyDeleteहमारे स्कूल में ptm प्रत्येक महीने होता हैं जिसमें बच्चों की सीखने-सिखाने की गतिविधियों पर विशेष चर्चा-परिचर्चा की जाती हैं और जहां पर समस्या आती हैं वहाँ उस समस्या को सुलझाने का प्रयास किया जाता हैं और आगे बढ़ा जाता हैं।बच्चों को नियमित स्कूल भेजने,गृह कार्यों को पूर्ण करने में सहयोग करने और उनके सर्वांगीण विकास हेतु सभी दिए गए निर्देशों का नियमित पालन करने पर जोर दिया जाता हैं।
मेरा शाला आश्रम शाला है इसलिए दर्ज संख्या 100 अधिकहोती है 90-95 प्रतिशत बाहर के बच्चे होते हैं ।इस कारण हर माह बैठक नहीं हो पाता है ।शिक्षक में मैं अकेला हूँ ।1-2-3 माह में बैठक होती है वैसे पालक सम्पर्क किसी न किसी कार्य से होते रहता है। मुझे अपने कार्य से भी अनुभव है कि बिना पालक ,समुदाय, शाला समिति के सहयोग से अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं किया जा सकता है ।हमारे जो भी समस्या है पालक ,समुदाय ,शाला प्रबन्धन समिति के सहयोग से निराकरण किया जा सकता है ।शाला प्रबन्धन व गुणवत्ता में सुधार हेतु चिंतन, शिक्षक समुदाय से विचार विमर्श होते रहता है ।
ReplyDeleteR.K. Pashet
ReplyDeleteपालक शिक्षक संघ कि बैठक प्रतिमाह आयोजित की जाती है।परस्पर संवाद में
बच्चों के गुणात्मक शिक्षा एवम उनके विकास तथा शाला विकास की चर्चा की
जाती है। विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए उनकी मदद करने
पर बल दिया जाता है।
बच्चों की शाला में नियमित रूप से शत् प्रतिशत उपस्थिति वह ठहराव,व शैक्षिक गुणवत्ता, शाला की स्वच्छता एवं रख रखाव के बारे में विस्तार से चर्चा किया जाता है। बालक, पालक एवं शिक्षक तीनों स्कूल के धुरी के समान होते हैं ।शाला की सफल संचालन के लिए इन तीनों में आपसी समांजस्य होना अति आवश्यक है। विद्यालय में प्रति माह शाला प्रबंधन एवं विकास समिति व पालक गणों का मासिक बैठक आहूत किया जाता है।
ReplyDeleteविद्यालय में शाला प्रबंधन समिति बैठक प्रति माह आहूत की जाती है।बैठक मे छात्रों की उपस्थिती,बच्चों को सीखने मे आ रही कठिनाई, स्वच्छता, पेयजल आदि मुद्दो पर चर्चा की जाती है।विद्यालय और परिवार व समुदाय के बीच आपसी समन्वय तथा मित्रतापूर्ण व्यवहार होता है तो सफल सहभागिता संबंधित कार्यक्रम आसानी से बनते हैं।
ReplyDeleteहमारे विद्यालय में शिक्षक पालक समिति की बैठक प्रत्येक माह की जाती है। इसमें बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व विकास की चर्चा करते हैं।
ReplyDeleteपालक शिक्षक संघ की बैठक प्रति माह की जाती है। बैठक में छात्रों की अनियमित उपस्थिति पर चर्चा होती है।विद्यालय में संसाधनगत समस्याओं पर विचार कर उसे दूर करने का प्रयास किया जाता है ।गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में पालको से सहयोग करने की अपेक्षा की जाती है।
ReplyDeleteदादू सिंह तोमर
यह बैठक हर माह होता है।इसके अतिरिक्त समय व आवश्यकतानुसार कभी भी संपर्क कर समस्या पर चर्चा और सुझाव लेना और देना जरूरीहै।ताकि लक्ष्य प्राप्ति में सहजता आए।
ReplyDeleteहमारे विद्यालय में अभिभावकों की प्रतिमाह बैठक की जाती है जिसमें हम बच्चों के विकास और उनके पढ़ाई के संबंध में चर्चा करते हैं साथ ही साथ उनके विद्यालय में अपने कर्तव्यों के दायित्व उनके व्यवहार इत्यादि की संपूर्ण चर्चा कर माता-पिता को इसकी जानकारी देते हैं और उनसे बच्चों के घर पर जो व्यवहार किया जाता है उसके संबंध में अभिभावकों से बातचीत की जाती है इसके अतिरिक्त समय व आवश्यकतानुसार कभी भी संपर्क कर समस्या पर चर्चा और सुझाव लेना और देना जरूरीहै।ताकि लक्ष्य प्राप्ति में सहजता आए।
ReplyDeleteहमारे स्कूल में प्रति माह पालक शिक्षक संघ की बैठक की जाती है जिसमें बच्चों के पढ़ाई के स्तर पर चर्चा की जाती है।
ReplyDeleteपालक मीटिंग में बच्चों की उपलब्धियों का आकलनकर अभिभावकों को अवगत कराया जा सकता है।
ReplyDeleteअजीत चौहान
ReplyDeleteपालक शिक्षक संघ की बैठक प्रति माह आवस्यक रुप से की जानी चाहिए परस्पर संवाद से बच्चों को सीखने सीखाने एवं आकलन करने में मदद मिलती है |
Bachcho ki kamiyo ko janne ke liye aur kamiyo ko dur karne ke liye baithak honi chahiye. Taki fln mission purn kiya ja sake....
ReplyDeleteपालक शिक्षक संघ की बैठक प्रति माह आवस्यक रुप से की जानी चाहिए परस्पर संवाद से बच्चों को सीखने सीखाने एवं आकलन करने में मदद मिलती है |
ReplyDeleteShikshak palak baithak prati mah hoti hai.jisme parents ki upasthiti Asha anurup nhi hoti.jisase bachcho ke sikhna sikhana prabhavit hota Hai.
ReplyDeleteहमारे स्कूल में प्रतिमाह शिक्षक पालक की बैठक आयोजित की जाती हैं जिसमें बच्चों के शिक्षा तथा उनकी गतिविधि के बारे में बालकों को अवगत कराया जाता है साथ ही घर पर बच्चों को गृह कार्य पूरा कराने हेतु सुझाव भी दिया जाता है ताकि बच्चे घर पर रहते हुए सीखने की प्रक्रिया को सतत जारी रख सकें बच्चों को विभिन्न गतिविधि के माध्यम से सीखने के तरीकों की जानकारी पालकों को दी जाती हैं तथा पलकों से सुझाव भी ली जाती है
ReplyDeleteशिक्षक पालक का संवाद जरूरी है, शालाओं माता उन्मुखीकरण कार्यक्रम उसी का हिस्सा है। बच्चों का शाला में प्रदर्शन व्यवहार कैसा है ये पालक को जानना जरूरी है। ऐसे बैठक उपयोगी और जरूरी हैं।
ReplyDeleteहमारे शाला में प्रति माह पालक-बालक , तथा शाला प्रबंधन समिति के बैठक बुलाई जाती है जिसमें बच्चेके सीखने में हो रही परेशानी तथा कठिनाई पर चर्चा की जाती है। पालोकोको असंगत कराया जाता है।
ReplyDeleteविद्यालय में प्रति माह शाला प्रबंधन एवं विकास समिति व पालक गणों का मासिक बैठक आहूत किया जाता है। जिसमें बच्चों की शाला में नियमित रूप से शत् प्रतिशत उपस्थिति वह ठहराव,व शैक्षिक गुणवत्ता, शाला की स्वच्छता एवं रख रखाव के बारे में विस्तार से चर्चा किया जाता है। बालक, पालक एवं शिक्षक तीनों स्कूल के धुरी के समान होते हैं
ReplyDeleteहमारे विद्यालय में प्रतिमाह एसएमसी की बैठक होती है उसमें सबसे पहले अभिभावक से गांव के बारे में कुछ चर्चा होती है उसके बाद उनके बच्चों के पढ़ाई लिखाई और उनके शिष्टाचार आदत के बारे में चर्चा की जाती है साथ ही अभिभावकों से यह भी पूछा जाता है कि आपको अपनी बच्चे में क्या अच्छाइयां दिखती हैं और क्या कमियां दिखती हैं और उनको कैसे दूर किया जा सकता है साथ ही अभिभावकों को इस पर भी प्रेरित किया जाता है कि वह शाला में अपना योगदान आर्थिक सामाजिक रूप से करते रहें ताकि शाला को श्रेष्ठ शाला बनाया जा सके
ReplyDeleteपालक शिक्षक बैठक शिक्षा के लिए एक कड़ी का काम करती है । हमारे विद्यालय में प्रति माह पालक शिक्षक समिति का बैठक आयोजित होता है। जिसमें बच्चों की सीखने में होने वाली समस्या पर चर्चा होती है। शिक्षक धीमी गति से सीखने वाले बच्चों के पालकगण को उस विषय पर ध्यान देने को कहते हैं। बच्चों के नियमित उपस्थिति एवं गृहकार्य पूरी करवाने में सहयोग करने कहते हैं।भाषा ज्ञान, अक्षरों की पहचान,समझ के साथ पढ़ने ,अंक , संख्या ज्ञान , जोड़ना घटाना का अभ्यास कार्य नियमित करवाने कहा जाता है। पालकों की समस्याओं पर भी विचार किया जाता है।अपने कार्य के बाद किस तरह से बच्चों के शिक्षा पर ध्यान दिया जा सकता है।
ReplyDeleteहमारे विद्यालय में प्रतिमाह Smc और ptm रखी जाती है जिसमें बच्चों को सीखने मे आने वाली कठिनाईयों पर चर्चा की जाती है, परस्पर सहयोग, संवाद, से छात्रों से जुड़ी समस्याओं का हल निकाला जाता है, पालकों से सुझाव लिए जाते हैं शिक्षक, प्रधानाध्यापक भी सुझाव देते हैं।
ReplyDeleteशिक्षक एवम पालक समिति की बैठक अति आवश्यक है।इससे स्कूल में होने वाले गतिविधि के बारे में जानकारी होती है। तथा एक दूसरे की बातों व विचारो की आदान प्रदान होता है।
ReplyDeleteहमारे विद्याला में
ReplyDeleteशिक्षक एवम पालक समिति की बैठक अति आवश्यक है।इससे स्कूल में होने वाले गतिविधि के बारे में जानकारी होती है। तथा एक दूसरे की बातों व विचारो की आदान प्रदान होता है।
ReplyDeleteREPLY
हमारे विद्यालय में प्रति माह पालक शिक्षक समिति का बैठक आयोजित होता है। जिसमें बच्चों की सीखने में होने वाली समस्या पर चर्चा होती है। शिक्षक धीमी गति से सीखने वाले बच्चों के पालकगण को उस विषय पर ध्यान देने को कहते हैं। बच्चों के नियमित उपस्थिति एवं गृहकार्य पूरी करवाने में सहयोग करने कहते हैं।भाषा ज्ञान, अक्षरों की पहचान,समझ के साथ पढ़ने ,अंक , संख्या ज्ञान , जोड़ना घटाना का अभ्यास कार्य नियमित करवाने कहा जाता है।बच्चों की शाला में नियमित रूप से शत् प्रतिशत उपस्थिति व ठहराव,व शैक्षिक गुणवत्ता, शाला की स्वच्छता एवं रख रखाव के बारे में विस्तार से चर्चा किया जाता है। बालक, पालक एवं शिक्षक तीनों स्कूल के धुरी के समान होते हैं
ReplyDeleteहमारा विद्यालय शहर के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है,हमारे यहां जो बच्चे आते है गरीब,मजदूर ,कृषि मजदूर परिवार से आते है हम विद्यालय में को बच्चे पढ़ने आते है उनके माता पिता अशिक्षित है । वे दिन में मजदूरी करने जाते है जो सुबह जल्दी चले जाते है रात को देर से घर आते है ।वे मदपान भी करते है ।हमारे विद्यालय का बच्चा मदपान भी करते है ।चुकी हमारा स्कूल अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के अंतर्गत आता है । बच्चो को पढ़ने के लिए घर में समाज में उपयुक्त माहौल का पूर्णत:अभाव है ,इं सब होने के बाद भी हम बच्चो के संख्याबोध अक्षर ज्ञान की प्रक्रिया को पूर्ण करते है ।हमारे विद्यालय में बुलाने पर बच्चो की माताएं आती है लेकिन वे भी साक्षर है।
ReplyDeleteहमारे विद्यालय में एस एम सी की बैठक नियमित होती है जिसमे उनका सहयोग होता है साथ ही बैठक में विद्यालय विकास पर चर्चा होती है। तथा आवश्यक सहयोग का आश्वासन मिलता है।
ReplyDeleteस्कूल में शाला प्रबंधन समिति एवं पालको के बीच सदैव औपचारिका अनौपचारिक सवांद होना चाहिए , जिसका प्रभाव हमारे बच्चो पर होता है
ReplyDeletePtmप्रत्येक माह,बच्चों के गुणवत्ता विकास पर चर्चा होती है, पालको के व्यवहार, अभिव्यक्ति से पता चलता है कि वे सीखने में मदद कर सकते हैं, तथा। उनकी चिंता का निराकरण बच्चों को सहज सीखने के तरीके बताकर किया जा सकता है
ReplyDeleteपालक शिक्षक के बीच परस्पर संवाद से बच्चे का रूचि और व्यवहार एवम कार्यशैली सम्बंधित बातें जो पालक के माध्यम से शिक्षको को समझने में मदद मिलती है और शिक्षको के माध्यम से पालको को समझने में मदद मिलती है, जिसे जानकर एवं समझकर और परस्पर सहयोग से बच्चो में नयी रूचि विकसित कर सकते हैं।
ReplyDeleteSMC baithak main parents AVN teachers ki ki varta hoti e hai jismein bacche kis tarah se a sikhate Hain
ReplyDeletePratik MHA Vidyalay mein palak AVN shikshak ki baithak hoti hai jismein bacchon ki ki Vikas se sambandhit charcha hoti hai
ReplyDeleteBacchon ki samajh ko badhane ke liye Khel ke madhyam se ghata ki prakriya ko aasan banaya ja sakta hai
ReplyDeleteAaklan ki prakriya ko bacchon mein samajh viksit karne ke liye Khel ke madhyam se unka ka aakalan Kiya ja sakta hai
ReplyDeleteTeen se nav varsh ke bacchon ke liye ye khel ka madhyam padhaai ke sath Uttam rahega
ReplyDelete3 se 9 varsh ke baccho ko sikhane ke liye Anuppur khel ka madhyam ho sakta hai bacchon ko bhai mukt vatavaran avashyakta hi
ReplyDeleteशिक्षक पालक की बैठक प्रतिमाह किया जाता है शिक्षक पालक दोनों बीच का संवाद आवश्यक है विद्यालय और बच्चों की गतिविधि पर चर्चा और विकास के लिए पालकों से सुझाव लिया जाता है बच्चों की रुचि व्यवहार और कार्यशैली को जानने के लिए पलकों से चर्चा आवश्यक है।
ReplyDeleteहमारे विद्यालय में प्रतिमाह नियमित अंतराल में शाला प्रबंधन एवं विकास समिति की बैठक आयोजित की जाती है जिसमें समय-समय पर पालक सम्मेलन भी बुलाया जाता है। शिक्षक पालक बैठक की अवधि न्यूनतम 1 घंटे से आवश्यकतानुसार बढ़ाई जा सकती है। बैठक में बच्चों के शैक्षिक विकास उनके स्वास्थ्य एवं नियमित उपस्थिति बनाए रखने मैं समिति के सदस्यों एवं बालकों के सहयोग के विषय में विस्तृत चर्चा होती है। साथ ही साथ शाला विकास में उनके विचार भी आमंत्रित किए जाते हैं एवं उनके सुझाव पर भी अमल किया जाता है। पालक बच्चों के होमवर्क करने में मदद कर एवं शिक्षकों के द्वारा सुझाए गए गतिविधियों को घरों में भी आयोजित कर बच्चों के शैक्षिक विकास में एवं एफ एलएन की प्राप्ति में सहभागी हो सकते हैं। एवं बच्चों की भौतिक आवश्यकताएं जैसे कॉपियां पेन पेंसिल रबर इत्यादि की व्यवस्था कर शाला एवं शिक्षकों की मदद कर सकते हैं। बैठक में पालक से उनकी समस्याएं रखने का अवसर दिया जाता हैl प्रस्तुत समस्याओं के निराकरण हेतु शिक्षकों पालको एवं समिति द्वारा समन्वित प्रयास किया जाता है।
ReplyDeleteहमारे स्कूल में, मासिक शाला प्रबंधन समिति का बैठक किया जाता है, साथ ही उसमें अभिभावक पालक समिति कभी बैठक किया जाता है, किंतु पालक आंशिक रूप से सम्मिलित होते हैं पर हमारे स्कूल के द्वारा सभी विषयों पर चर्चा की जाती है और उनके बच्चे के प्रति सजग रहने कर्तव्य का दायित्व पूरा करने, सराहनीय सलाह दी जाती है, जैसे वे अनुकूल व्यवहार करते हैं जिससे बच्चों पर उचित परिणाम आता है शिक्षा के प्रति, हमें अभिभावकों से निरंतर जुड़े रहना चाहिए जिसे वे बच्चे से जुड़े रहे, और उनकी मानसिक विकास पटल विकास हो हो सके, शिक्षा के प्रति, उनकी दैनिक जीवन, शिक्षा केवल डिग्री और नौकरी ही नहीं होती है, जीवन जीने की पद्धति सिखाती है यह आवश्यक है कि, बच्चे के पालक महत्वपूर्ण ध्यान दें क्योंकि बुनियादी शिक्षा तो परिवार से ही मिलता है
ReplyDeleteहमारे विद्यालय में अभिभावक मीटिंग माह में एक बार होता है। जिसमे माता पिता को बच्चो की कमजोरी से अवगत कराया जाता है।साथ ही उनको रोज स्कूल भेजने को भी कहा जाता है।माता पिता भी इस पर ध्यान देते हैं और कोरोना के बाद काफी सुधार भी आया है
ReplyDeleteपालक शिक्षक संघ ,के स्थान पर स्कूल प्रबन्धन समिति की बैठक होता है ,जिसमे बुलाने पर बड़े मुश्किल से 16 सदस्य मे से अलग अलग समय मे 8 सदस्य ही उपस्थित होते है चुकी ग्रामीण परिवेश में को पालक है खेती करते है या श्रमिक वर्ग से आते है वे शहर मे माता - पिता दोनों काम पर जाते है पालकों का भी शिक्षा का स्तर केवल साक्षर है है जो हस्ताक्षर करना जानते है । मै जिस ग्राम मे हूं वहा पर आज भी एसएमसी के बैठक मे जो आते है उनमें से कुछ लोग अंगूठा ही लगते है कुछ केवल नाम लिखना जानते है । ग्रामीण परिवेश में शिक्षा के प्रति लोगो का नजरिया अलग है इस लिए शिक्षा के प्रति ज्यादा ध्यान नहीं देते है ।
ReplyDeleteOk
ReplyDeleteपालक शिक्षक के बीच परस्पर संवाद से बच्चे का रूचि और व्यवहार एवम कार्यशैली सम्बंधित बातें जो पालक के माध्यम से शिक्षको को समझने में मदद मिलती है और शिक्षको के माध्यम से पालको को समझने में मदद मिलती है, जिसे जानकर एवं समझकर और परस्पर सहयोग से बच्चो में नयी रूचि विकशित क्र सकते है।
ReplyDeletePalak sikchak ki baithak masik hoti hai jisme bachcho ki upasthiti unke sikhne ki gati se sambandhit bato ko sajha kiya jata hai
ReplyDeleteसंवाद SMC बैठक में हर माह व बाकी पालकों से मोबाइल से व समय समय पर आमंत्रित कर होता है। पालकों की बातें ध्यान से सुनकर समस्या का हल निकालते हैं। कुछ पालक गंभीर नहीं होते हैं तब अपने स्तर पर काम करना पड़ता है।
ReplyDeleteपालक शिक्षक संघ की बैठक अति आवश्यक है परस्पर संवाद से बच्चों को सीखने सिखाने एवं आकलन करने में मदद मिलती है।
ReplyDeleteHamare Vidyalay Mein Pratimah PTM Rakha Jata Hai jismein Ham bacchon ke samasyaon aur Unki padhaai ke bare mein vistar se Charcha karte hain aur Vidyalay ki Anya gatividhiyon ke bare mein unko avgat Karate Hain
ReplyDeleteविद्यालय में प्रति माह शाला प्रबंधन एवं विकास समिति व पालक गणों का मासिक बैठक आहूत किया जाता है। जिसमें बच्चों की शाला में नियमित रूप से शत् प्रतिशत उपस्थिति वह ठहराव,व शैक्षिक गुणवत्ता, शाला की स्वच्छता एवं रख रखाव के बारे में विस्तार से चर्चा किया जाता है। बालक, पालक एवं शिक्षक तीनों स्कूल के धुरी के समान होते हैं ।शाला की सफल संचालन के लिए इन तीनों में आपसी समांजस्य होना अति आवश्यक है
ReplyDeleteपालक शिक्षक संघ की बैठक अति आवश्यक है परस्पर संवाद से बच्चों को सीखने सिखाने एवं आकलन करने में मदद मिलती है।
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