विद्यार्थी अधिगम के संदर्भ में हमारे विद्यालय में मौजूदा चुनौतियां कई प्रकार से हैं इसमें सबसे पहले कोविड19 महामारी के चलते विद्यार्थियों पर अनुशासन लाना संभव नजर नहीं आता है ।इसके अलावा पालक विद्यार्थियों को भेजने के लिए सही मन से राजी नहीं होते इस तरह कक्षा अधिगम में विद्यार्थी के अनुपस्थिति सबसे बड़ी चुनौती है इसके अलावा विद्यार्थी विगत 2 वर्षों से अध्यापन से कुछ दूरी होने के कारण उनका स्तर थोड़ा कम हो चुका है। जिससे वर्तमान स्तर में लाने की भी बहुत बड़ी चुनौती है ।
अमरचंद बर्मन व्याख्याता शासकीय उत्तर माध्यमिक विद्यालय चकरभाठा मुंगेली
UnknownOctober 1, 2021 at 6:41 PM विद्यार्थी अधिगम के संदर्भ में हमारे विद्यालय में मौजूदा चुनौतियां निम्न प्रकार से हैं इसमें सबसे पहले कोविड 19 महामारी के चलते विद्यार्थियों पर अनुशासन लाना संभव नजर नहीं आता है ।इसके अलावा पालक विद्यार्थियों को भेजने के लिए सही मन से राजी नहीं होते इस तरह कक्षा अधिगम में विद्यार्थी के अनुपस्थिति सबसे बड़ी चुनौती है इसके अलावा विद्यार्थी विगत 2 वर्षों से अध्यापन से कुछ दूरी होने के कारण उनका स्तर थोड़ा कम हो चुका है। जिससे वर्तमान स्तर में लाने की भी बहुत बड़ी चुनौती है ।
करोनाकाल में अचानक हुवे नामांकन वृद्धि और covid 19 के गाइडलाइन्स के कारण पढ़ाई में कुछ व्यवधान उत्तपन हो रहे है जहाँ पर माध्यमिक शिक्षकों और नेतृत्वकर्ता की भूमिका और अधिक अहम् हो गयी है और इन्हे अधिक सतर्कता के साथ कार्य करने और अधिगम प्रक्रिया को सुचारु करने की अव्यश्यकता hi
मौजूदा चुनौती में विद्यार्थियों का अधिगम स्तर कम हुआ है तथा विद्यार्थियों की अभिवृत्ति में गिरावट आई है। गौरीशंकर यादव प्राचार्य शास.हाईस्कूल बुटाकसा वि.खं चौकी, जि. राजनांदगाँव
कोरोना के वजह से 2 साल पढ़ाई अच्छे से नही हो पाया जिससे बच्चो का स्तर उनके कक्षा के हिसाब से नही बड़ा है, उन्हें सही स्तर पर लाने के लिए और अधिक मेहनत की आवश्यकता है परंतु शिक्षको को विभिन्न कामो में लगाया हुआ है, इतने कागजी काम की पढ़ाने का समय नही है शिक्षको के पास।
में मौजूदा चुनौतियां कई प्रकार से हैं इसमें सबसे पहले कोविड19 महामारी के चलते विद्यार्थियों पर अनुशासन लाना संभव नजर नहीं आता है ।इसके अलावा पालक विद्यार्थियों को भेजने के लिए सही मन से राजी नहीं होते इस तरह कक्षा अधिगम में विद्यार्थी के अनुपस्थिति सबसे बड़ी चुनौती है इसके अलावा विद्यार्थी विगत 2 वर्षों से अध्यापन से कुछ दूरी होने के कारण उनका स्तर थोड़ा कम हो चुका है। जिससे वर्तमान स्तर में लाने की भी बहुत बड़ी चुनौती है ।
हमारे विद्यालय परिसर में विद्यार्थियों में कोरोना काल के बाद में शिक्षा के स्तर में बहुत गिरवाट आयी है। विद्यार्थी हिंदी लिखना पढना नहीं कर पा रहे हैं जिससे बाकी विषय भी स्पष्ट रूप से प्रभावित हो रहे हैं।
Reena Mishra- covid ke Karan achanak aaye teaching style changes ko students dheere - dheere accept kar rahe hai. Sabhi ke mobile aur net connectivity nahi hai. Ek hi mobile hone se parent duty le jate hai tab unke aane tak wait karana " Learning " ko prabhavit kar raha hai. Students aur teachers dono ko aur jyada techno friendly hone ki avashyakata hai. Offline classes bhi jaruri hai behatar learning ke liye.
वर्तमान समय में विगत कोरोना काल के बाद बच्चों का अभ्यास छुट जाने के कारण चुनौतीपूर्ण स्थितियां निर्मित हुई हैं समस्त शासन एवं शिक्षक साथियो ने अपने स्तर पर कार्य करना प्रारम्भ कर दिया है।
महामारी के दौरान शाला लगभग दो वषोॅ तक बंद रही जिससे विद्याथियों का अध्ययन के प्रति लगाव पहले के भांति नहीं रहा कुछ विद्यार्थी महामारी में अपने मुखिया को खो चुके हैं अब अपने घर में आर्थिक सहयोग करने के लिए वे भी काम करने लगे जब शाला नियमित रूप से प्रारंभ हुई तो इनमें से कुछ कभी कभी शाला में उपस्थित हो जाते हैं और कुछ ने काम में जाने के कारण पढाई ही छोड़ दी
विद्यार्थी अधिगम के संदर्भ में हमारे विद्यालय में मौजूदा चुनौतियां कई प्रकार से हैं इसमें सबसे पहले कोविड19 महामारी के चलते विद्यार्थियों पर अनुशासन लाना संभव नजर नहीं आता है ।इसके अलावा पालक विद्यार्थियों को भेजने के लिए सही मन से राजी नहीं होते इस तरह कक्षा अधिगम में विद्यार्थी के अनुपस्थिति सबसे बड़ी चुनौती है इसके अलावा विद्यार्थी विगत 2 वर्षों से अध्यापन से कुछ दूरी होने के कारण उनका स्तर थोड़ा कम हो चुका है। जिससे वर्तमान स्तर में लाने की भी बहुत बड़ी चुनौती है ।
विद्यार्थी अधिगम के संदर्भ में माध्यमिक विद्यालय में मौजूदा चुनौतियाँ हैं - अभी वर्तमान की स्थिति में सत प्रतिशत विद्यार्थियों की उपस्थिति नहीं है यह सबसे बड़ी चुनौती है l कोरोना का असर के दौरान कुछ बच्चे का पालक की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के कारण बच्चे पढ़ाई छोड़ कर अन्य कार्य करने लग गए हैं ! जिससे उपस्थिति प्रभावित हो रही l दूसरा प्रमुख बड़ी चुनौती है l लॉकडाउन के बाद स्कूल आने पर बच्चे की मनो स्थिति पढ़ाई पर नहीं लगना है! अभी भी कोरोना का भय बना रहना विद्यालय में शिक्षणशास्त्रीय बदलाव कर विभिन्न गतिविधियों द्वारा बच्चों में रुचि पैदा कर शिक्षा के लक्ष्यों की उनकी समझ में परिवर्तन लाने के विचार एवं बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना बड़ी चुनौती है
प्राथमिक स्तर एवं पूर्व माध्यमिक स्तर पर विद्यार्थियों के लिए जो कक्षा उन्नति का प्रावधान है जिसमें विद्यार्थियों को अनुत्तीर्ण नहीं करना है इस कारण विद्यार्थियों में पढ़ने के प्रति लगाव कम हुआ है उन्हें पता है की बिना पढ़े भी हमें कक्षोन्नती मिल जाएगी इस कारण वह पढ़ाई में रुचि नहीं ले रहे हैं दूसरा कारण शिक्षकों को शिक्षकीय कार्य के अलावा गैर शिक्षकीय कार्य में लगा दिया जाता है जिससे भी पढ़ाई प्रभावित होती है और तीसरा कोरोना काल ने बच्चों को स्कूल से काफी दूर कर दिया है इन सभी कारणों की वजह से विद्यार्थियों का अधिगम स्तर प्रभावित हुआ है.
माध्यमिक स्तर पर शिक्षण अधिगम कोविड-19 के कारण हमारे विद्यालय में रुका हुआ था ,ऑनलाइन के माध्यम से विद्यार्थियों का अध्यापन किया जाता था लेकिन सभी बच्चे नहीं जुड़ पाते थे और इससे बच्चों की समझ नहीं हो पाती थी क्योंकि जो आफ- लाइन कक्षाएं आयोजित की जाती है, उससे बच्चे इससे बच्चों का अधिगम बना रहता है साथ ही विद्यालय में कक्षा के दौरान आजकल मुख्य रूप से 30% विद्यार्थी लगातार उपस्थित नहीं हो पाते उनके व्यक्तिगत एवं निजी कारण भी हो सकते हैं ,लेकिन वास्तव में उनके कई निजी कारण हो सकते हैं, लेकिन अधिगम स्तर को एक शिक्षक सभी बातों को ध्यान में रखते हुए अपने अधिगम को कक्षा के दौरान कुछ कोर्स की गति को भी ध्यान रखता है ,और जो बच्चे नहीं आए हैं उनको उनके लिए भी कुछ उदाहरण एवं प्रश्नों का अध्ययन अध्यापन जब वह बच्चा उपस्थित होता है, उसके लिए भी बचा कर रखना पड़ता है ,ताकि वह विद्यार्थी उस दिन नहीं आया था तो वह अपने स्तर एवं अधिगम में पीछे ना रह जाए । शिक्षक के लाख कोशिशों के बावजूद भी वर्तमान में देखा जाए तो आज हम जितनी ज्यादा डिजिटल इंडिया में है उतनी ही कभी हम पीछे होते हैं , वर्तमान में हमें विद्यालय में जैसी भी परिस्थिति हो शिक्षा अधिगम को बनाए रखना है हमारा परम धर्म है इसमें सभी का योगदान जरूरी है ,माता पिता एवं स्कूल का वातावरण एवं शिक्षक आदि सभी के प्रयासों से यह समस्या दूर की जा सकती है और बच्चों में हम मानसिक गतिशीलता प्रदान कर सकते हैं।
माध्यमिक स्तर पर शिक्षण अधिगम कोविड-19 के कारण हमारे विद्यालय में रुका हुआ था ,ऑनलाइन के माध्यम से विद्यार्थियों का अध्यापन किया जाता था लेकिन सभी बच्चे नहीं जुड़ पाते थे और इससे बच्चों की समझ नहीं हो पाती थी क्योंकि जो आफ- लाइन कक्षाएं आयोजित की जाती है, उससे बच्चे इससे बच्चों का अधिगम बना रहता है साथ ही विद्यालय में कक्षा के दौरान आजकल मुख्य रूप से 30% विद्यार्थी लगातार उपस्थित नहीं हो पाते उनके व्यक्तिगत एवं निजी कारण भी हो सकते हैं | विद्यार्थी अधिगम के संदर्भ में हमारे विद्यालय में मौजूदा चुनौतियां निम्न प्रकार से हैं इसमें सबसे पहले कोविड 19 महामारी के चलते विद्यार्थियों को उचित ढंग से अधिगम करा पाना होता जा रहा है ।इसके अलावा पालक विद्यार्थियों को भेजने के लिए सही मन से राजी नहीं होते इस तरह कक्षा अधिगम में विद्यार्थी के अनुपस्थिति सबसे बड़ी चुनौती है इसके अलावा विद्यार्थी विगत 2 वर्षों से अध्यापन से कुछ दूरी होने के कारण उनका स्तर थोड़ा कम हो चुका है। जिससे वर्तमान स्तर में लाने की भी बहुत बड़ी चुनौती है ।
सिखाने की प्रक्रिया में शिक्षक समर्पित हो तब भी विद्यार्थियों की अनियमितता सबसे बड़ा मुद्दा है और माता पिता की उदासीनता शिक्षक को बहुत निराश कर जाती है जिसका कोई समाधान नज़र नहीं आता |
महामारी के बाद विद्यालय अधिगम बहुत प्रभावित हुआ है बच्चों की उपस्थिति, पूर्व ज्ञान धारणा में कमी, पढ़ाई में मन नहीं लगना, कुछ बच्चों का विद्यालय बंक करना इत्यादि कई प्रकार की चुनौतियां आ रही है।
कोरोना महामारी के कारण विद्यार्थियों की अधिगम क्षमता प्रभावित हुई है |वर्तमान मे शिक्षकों के सामने बहुत बड़ी चुनौती है कि वे विद्यार्थियों को पुनः मुख्य धारा मे वापस लाए |
अभी वर्तमान की स्थिति में सत प्रतिशत विद्यार्थियों की उपस्थिति नहीं है। यह सबसे बड़ी चुनौती है l कोरोना का असर के दौरान कुछ बच्चे का पालक की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के कारण बच्चे पढ़ाई छोड़ कर अन्य कार्य करने लग गए हैं । जिससे उपस्थिति प्रभावित हो रही l दूसरा प्रमुख बड़ी चुनौती है l लॉकडाउन के बाद स्कूल आने पर बच्चे की मनो स्थिति पढ़ाई पर नहीं लगना है। अभी भी कोरोना का भय बना रहना विद्यालय में शिक्षणशास्त्रीय बदलाव कर विभिन्न गतिविधियों द्वारा बच्चों में रुचि पैदा कर शिक्षा के लक्ष्यों की उनकी समझ में परिवर्तन लाने के विचार एवं बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना बड़ी चुनौती है।
विद्यार्थी अधिगम के संदर्भ में हमारे विद्यालय में मौजूदा चुनौतियां कई प्रकार से हैं इसमें सबसे पहले कोविड19 महामारी के चलते विद्यार्थियों पर अनुशासन लाना संभव नजर नहीं आता है ।इसके अलावा पालक विद्यार्थियों को भेजने के लिए सही मन से राजी नहीं होते इस तरह कक्षा अधिगम में विद्यार्थी के अनुपस्थिति सबसे बड़ी चुनौती है इसके अलावा विद्यार्थी विगत 2 वर्षों से अध्यापन से कुछ दूरी होने के कारण उनका स्तर थोड़ा कम हो चुका है। जिससे वर्तमान स्तर में लाने की भी बहुत बड़ी चुनौती है । श्री मति एम बी बंजारे प्राचार्य Sages -Selud
विद्यार्थी अधिगम के सन्दर्भ में हमारे विद्यालय में मौजूदा चुनौतियां निम्न प्रकार से है। Covid - 19 के कारन विद्यार्थियों को जनरल प्रमोशन दिया गया जिससे उनके अधिगम स्तर में थोड़ी कमी आगयी है। पिछले २ वर्षों में विद्यालय से दुरी के कारन उनका अधिगम स्तर भी थोड़ा काम होगया है जिससे उनको वर्तमान स्तर में लाना बहुत बड़ी चुनौती है।
विद्यार्थी अधिगम के संबंध में हमारे विद्यालय में निम्न चुनौतियां हैं - पहली तो यह कि कोविड-19 का असर जो संबंधित है शिक्षा का स्तर में गिरावट, बच्चों में खेल अभिरुचि में गिरावट, बच्चों में प्रायोगिक कुशलता में गिरावट । बच्चों की स्कूलों में उपस्थिति की अनियमितता और कुछ अभिभावको का अपने बच्चों में पढ़ाई के प्रति उचित भूमिका न निभाना । धन्यवाद रमेश कुमार H S S Turekela
कोरोना महामारी के कारण विद्यार्थियों की अधिगम क्षमता प्रभावित हुई है |वर्तमान मे शिक्षकों के सामने बहुत बड़ी चुनौती है कि वे विद्यार्थियों को पुनः मुख्य धारा मे वापस लाए | इसके लिए प्रयास करना होगा अशोक कुमार बंजारे व्याख्याता शासकीय हाई स्कूल अमाली विकासखंड कोटा जिला बिलासपुर छत्तीसगढ़
अपने माध्यमिक विद्यालय में लीडरशिप बार लर्निंग लागू करने के लिए वाला प्रमुख , शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के मध्य उचित सामंजस्य स्थापित होना चाहिए। जिससे सभी विद्यार्थियों की अधिगम संबंधित समस्याओं एवं सीखने के स्तर को बढ़ाया जा सके। अशोक कुमार बंजारे व्याख्याता शासकीय हाई स्कूल अमाली विकासखंड कोटा जिला बिलासपुर छत्तीसगढ़
माध्यमिक विद्यालयों में बहुत सारी चुनौतियां हैं वर्तमान परिपेक्ष में देखो तो कोविड-19 के कारण विद्यालय संचालन बाधित रहा है जिसके कारण छात्रों का अधिगम स्तर कक्षानुरूप नहीं है जैसे कक्षा दसवीं के छात्रों का अधिगम स्तर कक्षा आठवीं के लायक भी नहीं है।यह सबसे बड़ी चुनौती है कि हम किस प्रकार उन्है कक्षा दसवीं के स्तर में लाएं या कक्षा दसवीं के गणित पाठ्यक्रम को पूरा करेंदूसरी चुनौती है कि covid-19 में विद्यालय संचालन बाधित रहा जिससे विद्यार्थी विद्यालयों से विमुख हो गए विशेष कर बालक छात्र पढ़ाई छोड़ कर लोगों के साथ परंपरागत कार्यों में लग गए अब जबकि विद्यालय प्रारंभ हो चुके हैं तो पालक छात्रों की उपस्थिति संतोषजनक नहीं है। एक समस्या यह भी है विद्यार्थी ऑनलाइन शिक्षा के बहाने मोबाइल में अपना दिमाग खराब करते हैं और पढ़ाई में ध्यान नहीं देते बृजेश कुमार शर्मा व्याख्याता गणित शासकीय हाई स्कूल खेकतरा दादन विकास खंड लोरमी जिला मुंगेली छत्तीसगढ़
कोरोना तथा कुछ परिवेश के प्रभाव के कारण छात्र अधिगम में निरंतर बाधाएं उत्पन्न होती रहती है।अनुशासन,समर्पण का अभाव,माता पिता की उदासीनता तथा माहौल का प्रभाव उन्हें शिक्षा के प्रति उदासीन बना रहा है।
Though the children and the guardians /parents have adjusted to the new new but the after effects cannot be denied as the children have grown more introvert towards the real situations. On the othe other hand they the are in a way or other more addicted to the screen and henceforth loosing the leading capabilities
वर्तमान परिवेश मे विद्यार्थी अधिगम के संदर्भ मे मुख्य कारण बच्चो की स्कूल आने मे निरन्तरता का न होना, कोविद गाइड लाइन 50% बच्चे एक दिन आते है ,दूसरे दिन घर मे रहते हैं ,उनकी पढ़ाई का लिंक टूट जाता है, परिणाम शिक्षक और बच्चे दोनो को ही सीखने सिखाने मे ज्यादा परिश्रम करना पड़ता है। स्कूल वाली बात यह है कि 50% सही बचचे शिक्षक के संपर्क मे हैं ।
कोविड-19 के दौरान हमारे विद्यालय में सबसे बड़ी चुनौतियां हैं , बच्चों के पढ़ने की ललक कम होना, अनुशासनहीनता, ऑनलाइन क्लासेस के दौरान मोबाइल का उपयोग ज्यादा करना, इलेक्ट्रॉनिक गेम्स के प्रति अत्यधिक रूचि उत्पन्न होना, पठन -पाठन के प्रति अरुचि।
वर्तमान समय में विद्यार्थी अधिगम के संबंध में माध्यमिक स्तर पर सबसे बड़ी चुनौती यह है कि जैसा कि सब ने कहा है वैसा लगभग मेरा भी मत है कि बच्चे 2 साल विद्यालय से दूर रहे हैं उनके स्तर में काफी कमी आ गई है अब जब विद्यालय खुल गए हैं तो उनको पुराने स्तर पर या उनके स्तर को और उन्नत करना ही हमारी सबसे बड़ी चुनौती है
विद्यार्थी अधिगम के संदर्भ में हमारे विद्यालय में मौजूदा चुनौतियां कई प्रकार से हैं इसमें सबसे पहले कोविड19 महामारी के चलते विद्यार्थियों पर अनुशासन लाना संभव नजर नहीं आता है ।इसके अलावा पालक विद्यार्थियों को भेजने के लिए सही मन से राजी नहीं होते इस तरह कक्षा अधिगम में विद्यार्थी के अनुपस्थिति सबसे बड़ी चुनौती है इसके अलावा विद्यार्थी विगत 2 वर्षों से अध्यापन से कुछ दूरी होने के कारण उनका स्तर थोड़ा कम हो चुका है। जिससे वर्तमान स्तर में लाने की भी बहुत बड़ी चुनौती है ।
संतोष कुमार साहू व्याख्याता शासकीय हाई स्कूल somnapur नया जिला कबीरधाम छत्तीसगढ़
हमारे स्कूल की मुख्य चुनौतियां उपस्थिति में गिरावट, ज्ञान के स्तर मे गिरावट, बच्चे covid नियमों का पालन नहीं करते, और कई बार विद्यार्थियों के माता पिता का भी सहयोग नहीं मिलता है. Covid काल में बच्चों को जो कक्षा उन्नति मिलती गई है उसके कारण अब उन्हें वर्तमान कक्षा के स्तर पर लाना शिक्षकों के लिए एक बड़ी चुनौती है
पूर्व ज्ञान के साथ उनके नए ज्ञान को जोड़ना एक बड़ी चुनौती है पिछले 2 वर्षों में महामारी ने शिक्षा के स्तर में काफी गिरावट ला दी है जिससे बच्चों को उच्च अधिगम स्तर तक लाने में काफी ज्यादा मेहनत करने की आवश्यकता है ।
विद्यार्थी अधिगम को बढ़ाने के लिए हम सभी को एकजुट होकर कार्य करना होगा। क्योंकि कोरोना काल ने शैक्षिक स्तर को पूरी तरह से डाउन कर दिया हैं।और इसके लिए शिक्षक को नवाचार करने की आवश्यकता हैं। अभिभावक को बच्चों के लिए समय निकालना होगा।और बच्चों को अपना पूरा मेहनत करना होगा। RENU PRADHAN Govt.P/S Kastura Block - Duldula Dist. - jashpur ( C.G.)
Due to corona students faced alot of problems studying through online mediums. It was a new learning curve for student as well as teachers. In India where education is pen paper based,online education should also be adapted so that in future students feel comfortable learning through online classes
कोरोना के वजह से 2 साल पढ़ाई अच्छे से नही हो पाया जिससे बच्चो का स्तर उनके कक्षा के हिसाब से नही बड़ा है, उन्हें सही स्तर पर लाने के लिए और अधिक मेहनत की आवश्यकता है
माध्यमिक स्तर के बच्चों के अधिगम स्तर को लेकर के बड़ी चिंता है। इस स्तर के बच्चों में आमतौर पर देखा गया है क्यों उनकी अधिगम स्तर ज्यादा अच्छा नहीं होता है। विद्यालय इस चुनौती से कैसे निपटें यही विद्यालय नेतृत्व के सम्मुख एक चुनौती है। इसके निराकरण के लिए विद्यालय में अनुशासनात्मक माहौल और शिक्षकों से कठोर परिश्रम पूर्ण शिक्षण कार्य करने की अपेक्षा होती है। शिक्षक और विद्यार्थियों से इस दिशा में अपेक्षित सहयोग भी प्राप्त होते हैं। किंतु समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई प्रतीत होती है। और समय के साथ बच्चों में लर्निंग गैप और ज्यादा देखने को मिल रहा है। विद्यालय संसाधनों का समुचित दोहन/उपयोग शिक्षण में करने के लिए प्रयास किए जाते हैं। किंतु तकनीकी पक्ष में हम पिछड़ जाते हैं और शिक्षक स्टाफ की सीमित संख्या तथा समुदाय की अपेक्षित भागीदारी नहीं मिल पाना ये एक बड़ी चुनौती है। 'शिक्षण मॉडल की सही समझ और उसका शिक्षण में उपयोग' इस पर भी निरंतर संघर्ष करना पड़ता है। विद्यालय नेतृत्व के सम्मुख इसी तरह के अनेक समस्याएं हैं।
हमारे विद्यालय परिसर में विद्यार्थियों में कोरोना काल के बाद में शिक्षा के स्तर में बहुत गिरवाट आयी है। विद्यार्थी हिंदी लिखना पढना नहीं कर पा रहे हैं जिससे बाकी विषय भी स्पष्ट रूप से प्रभावित हो रहे हैं।
कोर्स 03 गतिविधि 5 : सीखने के परिवेश का सृजन– अपने विचार साझा करें सीखने के परिवेश का सृजन करने के लिए अपने स्वयं के कुछ तरीके सोचें और अपने विचार साझा करें।
कोर्स 02 गतिविधि 2 : अपने विचार साझा करें माध्यमिक स्तर पर आई . सी . टी . आपके शिक्षण , अधिगम और मूल्यांकन कार्यों में कैसे सहयोग करती है ? अपनी समझ साझा करें।
कोर्स 08 : सीखने का आकलन गतिविधि 1 : अपने विचार साझा करें आकलन के ऐसे कौन-से प्रकार हैं जिन्हें आप बुनियादी अवस्था में बच्चों के साथ प्रयोग कर सकते हैं ? आकलन के प्रकारों की सूची बनाएं - विशेष रूप से लिखित परीक्षा से भिन्न आकलन के प्रकार सोचें। अपने विचार साझा करें।
विद्यार्थी अधिगम के संदर्भ में हमारे विद्यालय में मौजूदा चुनौतियां कई प्रकार से हैं इसमें सबसे पहले कोविड19 महामारी के चलते विद्यार्थियों पर अनुशासन लाना संभव नजर नहीं आता है ।इसके अलावा पालक विद्यार्थियों को भेजने के लिए सही मन से राजी नहीं होते इस तरह कक्षा अधिगम में विद्यार्थी के अनुपस्थिति सबसे बड़ी चुनौती है इसके अलावा विद्यार्थी विगत 2 वर्षों से अध्यापन से कुछ दूरी होने के कारण उनका स्तर थोड़ा कम हो चुका है। जिससे वर्तमान स्तर में लाने की भी बहुत बड़ी चुनौती है ।
ReplyDeleteअमरचंद बर्मन
व्याख्याता
शासकीय उत्तर माध्यमिक विद्यालय चकरभाठा मुंगेली
कोरोना के कारण विद्यार्थी से दूरी होने से उनके अध्यापन का स्तर थोड़ा कम हो गया है।उन्हें कक्षा के स्तर तक लाने के लिये बहुत अधिक प्रयास करना होगा
ReplyDeleteUnknownOctober 1, 2021 at 6:41 PM
ReplyDeleteविद्यार्थी अधिगम के संदर्भ में हमारे विद्यालय में मौजूदा चुनौतियां निम्न प्रकार से हैं इसमें सबसे पहले कोविड 19 महामारी के चलते विद्यार्थियों पर अनुशासन लाना संभव नजर नहीं आता है ।इसके अलावा पालक विद्यार्थियों को भेजने के लिए सही मन से राजी नहीं होते इस तरह कक्षा अधिगम में विद्यार्थी के अनुपस्थिति सबसे बड़ी चुनौती है इसके अलावा विद्यार्थी विगत 2 वर्षों से अध्यापन से कुछ दूरी होने के कारण उनका स्तर थोड़ा कम हो चुका है। जिससे वर्तमान स्तर में लाने की भी बहुत बड़ी चुनौती है ।
करोनाकाल में अचानक हुवे नामांकन वृद्धि और covid 19 के गाइडलाइन्स के कारण पढ़ाई में कुछ व्यवधान उत्तपन हो रहे है जहाँ पर माध्यमिक शिक्षकों और नेतृत्वकर्ता की भूमिका और अधिक अहम् हो गयी है और इन्हे अधिक सतर्कता के साथ कार्य करने और अधिगम प्रक्रिया को सुचारु करने की अव्यश्यकता hi
ReplyDeleteCovid to ek Karan hai hi. Iske sath- sath mere school me pahunch marg barish ke Karan kathin hai.
ReplyDelete🙏नवाचार की आवशयकता है🙏
ReplyDeleteविधलयो ममे विभिन्न प्रकार की चुनौती होती है।कोविड के कारण कुछ नवीन चुनौती का सामना हुआ।
ReplyDeleteमौजूदा चुनौतियों में अभी कोरोना काल के बाद होने वाली पढ़ाई में बाधा है , विगत वर्षो में पढ़ाई ना होने से आगे पाठ पीछे सपाट की स्थिति बन गई है।
ReplyDeleteमौजूदा चुनौती में विद्यार्थियों का
ReplyDeleteअधिगम स्तर कम हुआ है तथा
विद्यार्थियों की अभिवृत्ति में गिरावट
आई है।
गौरीशंकर यादव
प्राचार्य
शास.हाईस्कूल बुटाकसा
वि.खं चौकी, जि. राजनांदगाँव
इस कोरोना काल में बच्चों के अधि गम स्तर पर प्रभाव पड़ा है जिसमे छोटे बच्चों की उम्र के साथ वर्तमान शिक्षा साल भर पीछे हैं
ReplyDeleteकोरोना काल ने सबके जीवन को
ReplyDeleteउथल पुथल कर पूरे तंत्र के ताना-बाना
को अस्त -व्यस्त कर दिया।
कोरोना के वजह से 2 साल पढ़ाई अच्छे से नही हो पाया जिससे बच्चो का स्तर उनके कक्षा के हिसाब से नही बड़ा है, उन्हें सही स्तर पर लाने के लिए और अधिक मेहनत की आवश्यकता है परंतु शिक्षको को विभिन्न कामो में लगाया हुआ है, इतने कागजी काम की पढ़ाने का समय नही है शिक्षको के पास।
ReplyDeleteमें मौजूदा चुनौतियां कई प्रकार से हैं इसमें सबसे पहले कोविड19 महामारी के चलते विद्यार्थियों पर अनुशासन लाना संभव नजर नहीं आता है ।इसके अलावा पालक विद्यार्थियों को भेजने के लिए सही मन से राजी नहीं होते इस तरह कक्षा अधिगम में विद्यार्थी के अनुपस्थिति सबसे बड़ी चुनौती है इसके अलावा विद्यार्थी विगत 2 वर्षों से अध्यापन से कुछ दूरी होने के कारण उनका स्तर थोड़ा कम हो चुका है। जिससे वर्तमान स्तर में लाने की भी बहुत बड़ी चुनौती है ।
ReplyDeleteSome of the problems faced are lack of punctuality, lack of discipline , lack of hard work and lack of concentration in students
ReplyDeleteहमारे विद्यालय परिसर में विद्यार्थियों में कोरोना काल के बाद में शिक्षा के स्तर में बहुत गिरवाट आयी है। विद्यार्थी हिंदी लिखना पढना नहीं कर पा रहे हैं जिससे बाकी विषय भी स्पष्ट रूप से प्रभावित हो रहे हैं।
ReplyDeleteवर्तमान चुनोती के काराण अधिगम में गिरावट आई है
ReplyDeleteReena Mishra- covid ke Karan achanak aaye teaching style changes ko students dheere - dheere accept kar rahe hai. Sabhi ke mobile aur net connectivity nahi hai. Ek hi mobile hone se parent duty le jate hai tab unke aane tak wait karana " Learning " ko prabhavit kar raha hai. Students aur teachers dono ko aur jyada techno friendly hone ki avashyakata hai. Offline classes bhi jaruri hai behatar learning ke liye.
ReplyDeleteवर्तमान समय में विगत कोरोना काल के बाद बच्चों का अभ्यास छुट जाने के कारण चुनौतीपूर्ण स्थितियां निर्मित हुई हैं समस्त शासन एवं शिक्षक साथियो ने अपने स्तर पर कार्य करना प्रारम्भ कर दिया है।
ReplyDeleteमुख्य धारा मे जोड़कर निदान की आवश्यकता है ।
ReplyDeleteमहामारी के दौरान शाला लगभग दो वषोॅ तक बंद रही जिससे विद्याथियों का अध्ययन के प्रति लगाव पहले के भांति नहीं रहा कुछ विद्यार्थी महामारी में अपने मुखिया को खो चुके हैं अब अपने घर में आर्थिक सहयोग करने के लिए वे भी काम करने लगे जब शाला नियमित रूप से प्रारंभ हुई तो इनमें से कुछ कभी कभी शाला में उपस्थित हो जाते हैं और कुछ ने काम में जाने के कारण पढाई ही छोड़ दी
ReplyDelete
ReplyDeleteविद्यार्थी अधिगम के संदर्भ में हमारे विद्यालय में मौजूदा चुनौतियां कई प्रकार से हैं इसमें सबसे पहले कोविड19 महामारी के चलते विद्यार्थियों पर अनुशासन लाना संभव नजर नहीं आता है ।इसके अलावा पालक विद्यार्थियों को भेजने के लिए सही मन से राजी नहीं होते इस तरह कक्षा अधिगम में विद्यार्थी के अनुपस्थिति सबसे बड़ी चुनौती है इसके अलावा विद्यार्थी विगत 2 वर्षों से अध्यापन से कुछ दूरी होने के कारण उनका स्तर थोड़ा कम हो चुका है। जिससे वर्तमान स्तर में लाने की भी बहुत बड़ी चुनौती है ।
Kovid-19 के लम्बे अन्तराल बाद विद्यार्थियों के स्कूल आने पर सीखने और समायोजन की क्षमता मे गिरावट है,
ReplyDeleteकोरोना के कारण विद्यार्थी से दूरी होने से उनके अध्यापन का स्तर थोड़ा कम हो गया है।उन्हें कक्षा के स्तर तक लाने के लिये बहुत अधिक प्रयास करना होगा l
ReplyDeleteविद्यार्थी अधिगम के संदर्भ में माध्यमिक विद्यालय में मौजूदा चुनौतियाँ हैं -
ReplyDeleteअभी वर्तमान की स्थिति में सत प्रतिशत विद्यार्थियों की उपस्थिति नहीं है यह सबसे बड़ी चुनौती है l कोरोना का असर के दौरान कुछ बच्चे का पालक की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के कारण बच्चे पढ़ाई छोड़ कर अन्य कार्य करने लग गए हैं ! जिससे उपस्थिति प्रभावित हो रही l दूसरा प्रमुख बड़ी चुनौती है l लॉकडाउन के बाद स्कूल आने पर बच्चे की मनो स्थिति पढ़ाई पर नहीं लगना है! अभी भी कोरोना का भय बना रहना विद्यालय में शिक्षणशास्त्रीय बदलाव कर विभिन्न गतिविधियों द्वारा बच्चों में रुचि पैदा कर शिक्षा के लक्ष्यों की उनकी समझ में परिवर्तन लाने के विचार एवं बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना बड़ी चुनौती है
प्राथमिक स्तर एवं पूर्व माध्यमिक स्तर पर विद्यार्थियों के लिए जो कक्षा उन्नति का प्रावधान है जिसमें विद्यार्थियों को अनुत्तीर्ण नहीं करना है इस कारण विद्यार्थियों में पढ़ने के प्रति लगाव कम हुआ है उन्हें पता है की बिना पढ़े भी हमें कक्षोन्नती मिल जाएगी इस कारण वह पढ़ाई में रुचि नहीं ले रहे हैं दूसरा कारण शिक्षकों को शिक्षकीय कार्य के अलावा गैर शिक्षकीय कार्य में लगा दिया जाता है जिससे भी पढ़ाई प्रभावित होती है और तीसरा कोरोना काल ने बच्चों को स्कूल से काफी दूर कर दिया है इन सभी कारणों की वजह से विद्यार्थियों का अधिगम स्तर प्रभावित हुआ है.
ReplyDeleteमाध्यमिक स्तर पर शिक्षण अधिगम कोविड-19 के कारण हमारे विद्यालय में रुका हुआ था ,ऑनलाइन के माध्यम से विद्यार्थियों का अध्यापन किया जाता था लेकिन सभी बच्चे नहीं जुड़ पाते थे और इससे बच्चों की समझ नहीं हो पाती थी क्योंकि जो आफ- लाइन कक्षाएं आयोजित की जाती है, उससे बच्चे इससे बच्चों का अधिगम बना रहता है साथ ही विद्यालय में कक्षा के दौरान आजकल मुख्य रूप से 30% विद्यार्थी लगातार उपस्थित नहीं हो पाते उनके व्यक्तिगत एवं निजी कारण भी हो सकते हैं ,लेकिन वास्तव में उनके कई निजी कारण हो सकते हैं, लेकिन अधिगम स्तर को एक शिक्षक सभी बातों को ध्यान में रखते हुए अपने अधिगम को कक्षा के दौरान कुछ कोर्स की गति को भी ध्यान रखता है ,और जो बच्चे नहीं आए हैं उनको उनके लिए भी कुछ उदाहरण एवं प्रश्नों का अध्ययन अध्यापन जब वह बच्चा उपस्थित होता है, उसके लिए भी बचा कर रखना पड़ता है ,ताकि वह विद्यार्थी उस दिन नहीं आया था तो वह अपने स्तर एवं अधिगम में पीछे ना रह जाए ।
ReplyDeleteशिक्षक के लाख कोशिशों के बावजूद भी वर्तमान में देखा जाए तो आज हम जितनी ज्यादा डिजिटल इंडिया में है उतनी ही कभी हम पीछे होते हैं , वर्तमान में हमें विद्यालय में जैसी भी परिस्थिति हो शिक्षा अधिगम को बनाए रखना है हमारा परम धर्म है इसमें सभी का योगदान जरूरी है ,माता पिता एवं स्कूल का वातावरण एवं शिक्षक आदि सभी के प्रयासों से यह समस्या दूर की जा सकती है और बच्चों में हम मानसिक गतिशीलता प्रदान कर सकते हैं।
माध्यमिक स्तर पर शिक्षण अधिगम कोविड-19 के कारण हमारे विद्यालय में रुका हुआ था ,ऑनलाइन के माध्यम से विद्यार्थियों का अध्यापन किया जाता था लेकिन सभी बच्चे नहीं जुड़ पाते थे और इससे बच्चों की समझ नहीं हो पाती थी क्योंकि जो आफ- लाइन कक्षाएं आयोजित की जाती है, उससे बच्चे इससे बच्चों का अधिगम बना रहता है साथ ही विद्यालय में कक्षा के दौरान आजकल मुख्य रूप से 30% विद्यार्थी लगातार उपस्थित नहीं हो पाते उनके व्यक्तिगत एवं निजी कारण भी हो सकते हैं | विद्यार्थी अधिगम के संदर्भ में हमारे विद्यालय में मौजूदा चुनौतियां निम्न प्रकार से हैं इसमें सबसे पहले कोविड 19 महामारी के चलते विद्यार्थियों को उचित ढंग से अधिगम करा पाना होता जा रहा है ।इसके अलावा पालक विद्यार्थियों को भेजने के लिए सही मन से राजी नहीं होते इस तरह कक्षा अधिगम में विद्यार्थी के अनुपस्थिति सबसे बड़ी चुनौती है इसके अलावा विद्यार्थी विगत 2 वर्षों से अध्यापन से कुछ दूरी होने के कारण उनका स्तर थोड़ा कम हो चुका है। जिससे वर्तमान स्तर में लाने की भी बहुत बड़ी चुनौती है ।
ReplyDeleteसिखाने की प्रक्रिया में शिक्षक समर्पित हो तब भी विद्यार्थियों की अनियमितता सबसे बड़ा मुद्दा है और माता पिता की उदासीनता शिक्षक को बहुत निराश कर जाती है जिसका कोई समाधान नज़र नहीं आता |
ReplyDeleteमहामारी के बाद विद्यालय अधिगम बहुत प्रभावित हुआ है बच्चों की उपस्थिति, पूर्व ज्ञान धारणा में कमी, पढ़ाई में मन नहीं लगना, कुछ बच्चों का विद्यालय बंक करना इत्यादि कई प्रकार की चुनौतियां आ रही है।
ReplyDeleteकोरोना महामारी के कारण विद्यार्थियों की अधिगम क्षमता प्रभावित हुई है |वर्तमान मे शिक्षकों के सामने बहुत बड़ी चुनौती है कि वे विद्यार्थियों को पुनः मुख्य धारा मे वापस लाए |
ReplyDeleteअभी वर्तमान की स्थिति में सत प्रतिशत विद्यार्थियों की उपस्थिति नहीं है। यह सबसे बड़ी चुनौती है l कोरोना का असर के दौरान कुछ बच्चे का पालक की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के कारण बच्चे पढ़ाई छोड़ कर अन्य कार्य करने लग गए हैं । जिससे उपस्थिति प्रभावित हो रही l दूसरा प्रमुख बड़ी चुनौती है l लॉकडाउन के बाद स्कूल आने पर बच्चे की मनो स्थिति पढ़ाई पर नहीं लगना है। अभी भी कोरोना का भय बना रहना विद्यालय में शिक्षणशास्त्रीय बदलाव कर विभिन्न गतिविधियों द्वारा बच्चों में रुचि पैदा कर शिक्षा के लक्ष्यों की उनकी समझ में परिवर्तन लाने के विचार एवं बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना बड़ी चुनौती है।
ReplyDeleteविद्यार्थी अधिगम के संदर्भ में हमारे विद्यालय में मौजूदा चुनौतियां कई प्रकार से हैं इसमें सबसे पहले कोविड19 महामारी के चलते विद्यार्थियों पर अनुशासन लाना संभव नजर नहीं आता है ।इसके अलावा पालक विद्यार्थियों को भेजने के लिए सही मन से राजी नहीं होते इस तरह कक्षा अधिगम में विद्यार्थी के अनुपस्थिति सबसे बड़ी चुनौती है इसके अलावा विद्यार्थी विगत 2 वर्षों से अध्यापन से कुछ दूरी होने के कारण उनका स्तर थोड़ा कम हो चुका है। जिससे वर्तमान स्तर में लाने की भी बहुत बड़ी चुनौती है ।
ReplyDeleteश्री मति एम बी बंजारे
प्राचार्य
Sages -Selud
विद्यार्थी अधिगम के सन्दर्भ में हमारे विद्यालय में मौजूदा चुनौतियां निम्न प्रकार से है। Covid - 19 के कारन विद्यार्थियों को जनरल प्रमोशन दिया गया जिससे उनके अधिगम स्तर में थोड़ी कमी आगयी है। पिछले २ वर्षों में विद्यालय से दुरी के कारन उनका अधिगम स्तर भी थोड़ा काम होगया है जिससे उनको वर्तमान स्तर में लाना बहुत बड़ी चुनौती है।
ReplyDeleteविद्यार्थी अधिगम के संबंध में हमारे विद्यालय में निम्न चुनौतियां हैं -
ReplyDeleteपहली तो यह कि कोविड-19 का असर जो संबंधित है शिक्षा का स्तर में गिरावट, बच्चों में खेल अभिरुचि में गिरावट, बच्चों में प्रायोगिक कुशलता में गिरावट ।
बच्चों की स्कूलों में उपस्थिति की अनियमितता और कुछ अभिभावको का अपने बच्चों में पढ़ाई के प्रति उचित भूमिका न निभाना ।
धन्यवाद
रमेश कुमार
H S S Turekela
कोरोना महामारी के कारण विद्यार्थियों की अधिगम क्षमता प्रभावित हुई है |वर्तमान मे शिक्षकों के सामने बहुत बड़ी चुनौती है कि वे विद्यार्थियों को पुनः मुख्य धारा मे वापस लाए |
ReplyDeleteइसके लिए प्रयास करना होगा
अशोक कुमार बंजारे
व्याख्याता
शासकीय हाई स्कूल अमाली
विकासखंड कोटा
जिला बिलासपुर छत्तीसगढ़
अपने माध्यमिक विद्यालय में लीडरशिप बार लर्निंग लागू करने के लिए वाला प्रमुख , शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के मध्य उचित सामंजस्य स्थापित होना चाहिए। जिससे सभी विद्यार्थियों की अधिगम संबंधित समस्याओं एवं सीखने के स्तर को बढ़ाया जा सके।
ReplyDeleteअशोक कुमार बंजारे
व्याख्याता
शासकीय हाई स्कूल अमाली
विकासखंड कोटा
जिला बिलासपुर छत्तीसगढ़
माध्यमिक विद्यालयों में बहुत सारी चुनौतियां हैं वर्तमान परिपेक्ष में देखो तो कोविड-19 के कारण विद्यालय संचालन बाधित रहा है जिसके कारण छात्रों का अधिगम स्तर कक्षानुरूप नहीं है जैसे कक्षा दसवीं के छात्रों का अधिगम स्तर कक्षा आठवीं के लायक भी नहीं है।यह सबसे बड़ी चुनौती है कि हम किस प्रकार उन्है कक्षा दसवीं के स्तर में लाएं या कक्षा दसवीं के गणित पाठ्यक्रम को पूरा करेंदूसरी चुनौती है कि covid-19 में विद्यालय संचालन बाधित रहा जिससे विद्यार्थी विद्यालयों से विमुख हो गए विशेष कर बालक छात्र पढ़ाई छोड़ कर लोगों के साथ परंपरागत कार्यों में लग गए अब जबकि विद्यालय प्रारंभ हो चुके हैं तो पालक छात्रों की उपस्थिति संतोषजनक नहीं है। एक समस्या यह भी है विद्यार्थी ऑनलाइन शिक्षा के बहाने मोबाइल में अपना दिमाग खराब करते हैं और पढ़ाई में ध्यान नहीं देते
ReplyDeleteबृजेश कुमार शर्मा
व्याख्याता गणित
शासकीय हाई स्कूल खेकतरा दादन
विकास खंड लोरमी जिला मुंगेली छत्तीसगढ़
कोरोना तथा कुछ परिवेश के प्रभाव के कारण छात्र अधिगम में निरंतर बाधाएं उत्पन्न होती रहती है।अनुशासन,समर्पण का अभाव,माता पिता की उदासीनता तथा माहौल का प्रभाव उन्हें शिक्षा के प्रति उदासीन बना रहा है।
ReplyDeleteThough the children and the guardians /parents have adjusted to the new new but the after effects cannot be denied as the children have grown more introvert towards the real situations. On the othe other hand they the are in a way or other more addicted to the screen and henceforth loosing the leading capabilities
ReplyDeleteवर्तमान परिवेश मे विद्यार्थी अधिगम के संदर्भ मे मुख्य कारण बच्चो की स्कूल आने मे निरन्तरता का न होना, कोविद गाइड लाइन 50% बच्चे एक दिन आते है ,दूसरे दिन घर मे रहते हैं ,उनकी पढ़ाई का लिंक टूट जाता है, परिणाम शिक्षक और बच्चे दोनो को ही सीखने सिखाने मे ज्यादा परिश्रम करना पड़ता है। स्कूल वाली बात यह है कि 50% सही बचचे शिक्षक के संपर्क मे हैं ।
ReplyDeleteकोविड-19 के दौरान हमारे विद्यालय में सबसे बड़ी चुनौतियां हैं , बच्चों के पढ़ने की ललक कम होना, अनुशासनहीनता, ऑनलाइन क्लासेस के दौरान मोबाइल का उपयोग ज्यादा करना, इलेक्ट्रॉनिक गेम्स के प्रति अत्यधिक रूचि उत्पन्न होना, पठन -पाठन के प्रति अरुचि।
ReplyDeleteवर्तमान समय में विद्यार्थी अधिगम के संबंध में माध्यमिक स्तर पर सबसे बड़ी चुनौती यह है कि जैसा कि सब ने कहा है वैसा लगभग मेरा भी मत है कि बच्चे 2 साल विद्यालय से दूर रहे हैं उनके स्तर में काफी कमी आ गई है अब जब विद्यालय खुल गए हैं तो उनको पुराने स्तर पर या उनके स्तर को और उन्नत करना ही हमारी सबसे बड़ी चुनौती है
ReplyDeleteविद्यार्थी अधिगम के संदर्भ में हमारे विद्यालय में मौजूदा चुनौतियां कई प्रकार से हैं इसमें सबसे पहले कोविड19 महामारी के चलते विद्यार्थियों पर अनुशासन लाना संभव नजर नहीं आता है ।इसके अलावा पालक विद्यार्थियों को भेजने के लिए सही मन से राजी नहीं होते इस तरह कक्षा अधिगम में विद्यार्थी के अनुपस्थिति सबसे बड़ी चुनौती है इसके अलावा विद्यार्थी विगत 2 वर्षों से अध्यापन से कुछ दूरी होने के कारण उनका स्तर थोड़ा कम हो चुका है। जिससे वर्तमान स्तर में लाने की भी बहुत बड़ी चुनौती है ।
ReplyDeleteसंतोष कुमार साहू व्याख्याता शासकीय हाई स्कूल somnapur नया जिला कबीरधाम छत्तीसगढ़
हमारे स्कूल की मुख्य चुनौतियां
ReplyDeleteउपस्थिति में गिरावट, ज्ञान के स्तर मे गिरावट, बच्चे covid नियमों का पालन नहीं करते, और कई बार विद्यार्थियों के माता पिता का भी सहयोग नहीं मिलता है. Covid काल में बच्चों को जो कक्षा उन्नति मिलती गई है उसके कारण अब उन्हें वर्तमान कक्षा के स्तर पर लाना शिक्षकों के लिए एक बड़ी चुनौती है
विद्यार्थियों की अनुशासनहीनता और पलकों की शिक्षा के प्रति जागरूकता में कमी।
ReplyDeleteपूर्व ज्ञान के साथ उनके नए ज्ञान को जोड़ना एक बड़ी चुनौती है पिछले 2 वर्षों में महामारी ने शिक्षा के स्तर में काफी गिरावट ला दी है जिससे बच्चों को उच्च अधिगम स्तर तक लाने में काफी ज्यादा मेहनत करने की आवश्यकता है ।
ReplyDeleteविद्यार्थी अधिगम को बढ़ाने के लिए हम सभी को एकजुट होकर कार्य करना होगा। क्योंकि कोरोना काल ने शैक्षिक स्तर को पूरी तरह से डाउन कर दिया हैं।और इसके लिए शिक्षक को नवाचार करने की आवश्यकता हैं। अभिभावक को बच्चों के लिए समय निकालना होगा।और बच्चों को अपना पूरा मेहनत करना होगा।
ReplyDeleteRENU PRADHAN
Govt.P/S Kastura
Block - Duldula
Dist. - jashpur ( C.G.)
Due to corona students faced alot of problems studying through online mediums. It was a new learning curve for student as well as teachers. In India where education is pen paper based,online education should also be adapted so that in future students feel comfortable learning through online classes
ReplyDeleteकोरोना के वजह से 2 साल पढ़ाई अच्छे से नही हो पाया जिससे बच्चो का स्तर उनके कक्षा के हिसाब से नही बड़ा है, उन्हें सही स्तर पर लाने के लिए और अधिक मेहनत की आवश्यकता है
ReplyDeleteमाध्यमिक स्तर के बच्चों के अधिगम स्तर को लेकर के बड़ी चिंता है।
ReplyDeleteइस स्तर के बच्चों में आमतौर पर देखा गया है क्यों उनकी अधिगम स्तर ज्यादा अच्छा नहीं होता है। विद्यालय इस चुनौती से कैसे निपटें यही विद्यालय नेतृत्व के सम्मुख एक चुनौती है। इसके निराकरण के लिए विद्यालय में अनुशासनात्मक माहौल और शिक्षकों से कठोर परिश्रम पूर्ण शिक्षण कार्य करने की अपेक्षा होती है। शिक्षक और विद्यार्थियों से इस दिशा में अपेक्षित सहयोग भी प्राप्त होते हैं।
किंतु समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई प्रतीत होती है। और समय के साथ बच्चों में लर्निंग गैप और ज्यादा देखने को मिल रहा है। विद्यालय संसाधनों का समुचित दोहन/उपयोग शिक्षण में करने के लिए प्रयास किए जाते हैं। किंतु तकनीकी पक्ष में हम पिछड़ जाते हैं और शिक्षक स्टाफ की सीमित संख्या तथा समुदाय की अपेक्षित भागीदारी नहीं मिल पाना ये एक बड़ी चुनौती है।
'शिक्षण मॉडल की सही समझ और उसका शिक्षण में उपयोग' इस पर भी निरंतर संघर्ष करना पड़ता है।
विद्यालय नेतृत्व के सम्मुख इसी तरह के अनेक समस्याएं हैं।
हमारे विद्यालय परिसर में विद्यार्थियों में कोरोना काल के बाद में शिक्षा के स्तर में बहुत गिरवाट आयी है। विद्यार्थी हिंदी लिखना पढना नहीं कर पा रहे हैं जिससे बाकी विषय भी स्पष्ट रूप से प्रभावित हो रहे हैं।
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