जलीय जन्तु के भोजन के आधार पर कार्यनीति तैयार करूगी। जलीय जीव जल में कैसे रहते हैं।किस तरह से जल में रहकर अपना भोजन शैवाक से कैसे ग्रहण करें। छोटे जन्तु को बड़े मछली कैसे खाते हैं, मछली के अंडों से कितने मछली पैदा होते हैं। इसके लिए जल में रहने वाले मेंढक, मछली, कछुआ, पनडुब्बी आदि के जीवन के बारे मे समझना होगा।
किसी विशेष बिन्दु पर कार्य योजना बनाने के लिए सबसे पहले परिवेश के साथ अंत:क्रिया करने में बच्चे आसानी से जुड़ सकते हैं।इसका पूर्ण ध्यान रखना होगा कि बच्चे और शिक्षक इसमें दोनो मिलकर सकारात्मक रूप से सहभागिता में शामिल ही सकें;तभी यह सार्थक होगा।
मैं *मिट्टी*थीम पर कार्ययोजना बनाना चाहूंगा। बच्चों के घरों में, पड़ोस में, आसपास,तथा खुद मिट्टी के क्या उपयोग है? विभिन्न गतिविधियों के लिए उन्हें मिट्टी कहां से प्राप्त होती है?किस किस प्रकार के मिट्टी उन्होंने देखा है?........
मैं *मिट्टी*थीम पर कार्ययोजना बनाना चाहूंगा। बच्चों के घरों में, पड़ोस में, आसपास,तथा खुद मिट्टी के क्या उपयोग है? विभिन्न गतिविधियों के लिए उन्हें मिट्टी कहां से प्राप्त होती है?किस किस प्रकार के मिट्टी उन्होंने देखा है?........ नेहरू लाल कुंभकार UPS कच्छारपारा(निराछिंदली) केशकाल, कोण्डागांव (छग)
विशेष टापिक के लिए पहले "थीम' पर विचार करते हुए निर्माण कर लेंगे, टापिक को ध्यान में रखते हुए उसकी उपलब्धता, उपयोग,महत्व बच्चों के साथ संबद्धता को ध्यान में रखते हुए एसी कार्यनीति जिसमें वे व्यक्तिगत एवं समूह के साथ अपने अधिक से अधिक ज्ञानेंद्रियों का उपयोग कर मूर्त रुप से अनुभव करें, अपने जिज्ञासु प्रश्न के उत्तर ढूंढने में प्रयासरत हों, सीखने के लिए उत्सुकता बनी रहे, ऐसी कार्यनीति बनाना अच्छा होगा।
Paryavarn me not only biotic topic but iske sath social environment pe b charcha ki ja sakti h ..jisse ki bacho samksh paryavarn ka vistrit pahlu samne aaye ....
Miss Durga Tembhurkar Govt. Middle school ranka Dist Rajnandgaon cg
जलीय जन्तु के भोजन के आधार पर कार्यनीति तैयार करूगी। जलीय जीव जल में कैसे रहते हैं।किस तरह से जल में रहकर अपना भोजन शैवाक से कैसे ग्रहण करें। छोटे जन्तु को बड़े मछली कैसे खाते हैं, मछली के अंडों से कितने मछली पैदा होते हैं। इसके लिए जल में रहने वाले मेंढक, मछली, कछुआ, पनडुब्बी आदि के जीवन के बारे मे समझना होगा।
अजय कुमार शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला ओरंगा विकासखंड रामचंद्रपुर जिला बलरामपुर (छत्तीसगढ़) 497220. किसी विशेष टॉपिक पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व हम यह अवलोकन करेंगे कि उक्त योजना हमारे घर, समाज, गांव, राज्य, देश अथवा विश्व से संबंधित हो, तथा योजना हमारे परिवेश का अंग हो, जिसका लाभ शिक्षार्थी को उनके जीवन में भरपूर मिले। किए गए कार्य योजना सार्थक एवं बहु उपयोगी हो, जैसे जल संरक्षण, वृक्षारोपण, वायु संरक्षण, भूमि संरक्षण, खेलों का आयोजन, सांस्कृतिक गतिविधियां, वीडियो, रेडियो, इंटरनेट, ऑनलाइन, ऑफलाइन आदि के माध्यम से ज्ञान संरक्षण करना शामिल है।
किसी बिंदु पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व हम यह अवलोकन करें कि उक्त योजना हमारे घर, समाज, गांव, राज्य, देश अथवा विश्व से संबंधित हो, तथा योजना हमारे परिवेश का अंग हो, जिसका लाभ शिक्षार्थी को उनके जीवन में भरपूर मिले तथा उसका सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो।
जलीय जन्तु के भोजन के आधार पर कार्यनीति तैयार करूगी। जलीय जीव जल में कैसे रहते हैं।किस तरह से जल में रहकर अपना भोजन शैवाक से कैसे ग्रहण करें। छोटे जन्तु को बड़े मछली कैसे खाते हैं, मछली के अंडों से कितने मछली पैदा होते हैं। इसके लिए जल में रहने वाले मेंढक, मछली, कछुआ, पनडुब्बी आदि के जीवन के बारे मे समझना होगा।
किसी बिंदु पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व हम यह अवलोकन करें कि उक्त योजना हमारे घर, समाज, गांव, राज्य, देश अथवा विश्व से संबंधित हो, तथा योजना हमारे परिवेश का अंग हो, जिसका लाभ शिक्षार्थी को उनके जीवन में भरपूर मिले तथा उसका सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो।
किसी विशेष टॉपिक पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व यह अति आवश्यक है कि हम यह अवलोकन करें कि उक्त योजना हमारे घर, समाज, गांव, राज्य, देश अथवा विश्व के हित मे है कि नही।अगर हित में है तो यह योजना हमारे परिवेश का अंग हो, जिसका लाभ सभी को उनके जीवन में भरपूर मिले।
किसी विशेष टॉपिक पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व यह अति आवश्यक है कि हम यह अवलोकन करें कि उक्त योजना हमारे घर, समाज, गांव, राज्य, देश अथवा विश्व के हित मे है कि नही।अगर हित में है तो यह योजना हमारे परिवेश का अंग हो, जिसका लाभ सभी को उनके जीवन में भरपूर मिले
जलीय जन्तु के भोजन के आधार पर कार्यनीति तैयार करूगी। जलीय जीव जल में कैसे रहते हैं।किस तरह से जल में रहकर अपना भोजन शैवाक से कैसे ग्रहण करें। छोटे जन्तु को बड़े मछली कैसे खाते हैं, मछली के अंडों से कितने मछली पैदा होते हैं। इसके लिए जल में रहने वाले मेंढक, मछली, कछुआ, पनडुब्बी आदि के जीवन के बारे मे समझना होगा।(kk siware)
Jelly jantu ke Aadhar per karya ne taiyar karungi.jal mein jio kaise rehte hain aur apne bhojan ka nirman kaise karte hain iske bare mein pata lagayenge.
जलीय जन्तु के भोजन के आधार पर कार्यनीति तैयार करूगी। जलीय जीव जल में कैसे रहते हैं।किस तरह से जल में रहकर अपना भोजन शैवाक से कैसे ग्रहण करें। छोटे जन्तु को बड़े मछली कैसे खाते हैं, मछली के अंडों से कितने मछली पैदा होते हैं। इसके लिए जल में रहने वाले मेंढक, मछली, कछुआ, पनडुब्बी आदि के जीवन के बारे मे समझना होगा
पर्यावरण अध्ययन से छात्रों के मानसिक,शारीरिक,सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है। किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने के पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेगें, जानकारी एकत्रित करेगें , उस पर विचार करेगें कि टॉपिक सही है अथवा नही, उस टॉपिक से जुडे आवश्यक सामाग्रियों का संचय एवं प्रबंध करेगें फिर कार्यनीति बनाकर उसे लागू करेगें।
Paryavaran adhyayane m water ki uplabdhata upyog mahatva pradushan & pradushit water ke shodhan ke bare me ek karyaniti banayenge aur students ko jankari dena ki jal hi jivan hai
पृथ्वी पाल राठिया (प्राथमिक शाला रुपुंगा) किसी टॉपिक को चुनने के लिए उस क्षेत्र के परिवेश पर निर्भर करेगा उस परिवेश में किस प्रकार की समस्याएं हैं यह देखना पड़ेगा जिससे कि बच्चे उस समस्या से सीधे जुड़ाव महसूस करें ।
जलीय जनंतु के.भोजन के आधार पर कार्य नीति तैयार करूंंगी.जलीय जीव जल में कैसे रहते हैं।कि स तरह से जल में रहकर अपना भोजन शैवाल से कैसे ग़हण करें छोटे जनतु को बड़ी मछली कैसे खाते है।मछली के अंडों से कितने मछली पैदा होते है।इसके लिए जल में रहने वाले मेंढक, मछली, कछुआ, पनडुब्बी औंर जल प़दुषण के बारे मे जा नते.है।
जल प्रदूषित कैसे होता है, इसके क्या कारण हैं, प्रदूषित जल के के क्या दुष्प्रभाव होते हैं,नदियों और तालाबों को प्रदूषित होने से कैसे बचाया जा सकता है, इसके लिए क्या कर सकते हैं.
Pure drinking water Teacher will interact with students regarding where they obtain drinking water from, where they store the water, how do they use the water. Then the teacher will explain if they keep it fully covered then it is safe or if they use water filter it is safe for consumption. But they also have to use clean utensils to store the water.
बच्चों के पूर्व ज्ञान का उस विशेष विषय के लिए क्या है जानेगे फिर उस ज्ञान को आज के ज्ञान से जोड़ सके उस पर कार्य करेंगे और बच्चों को सिखाने का कोशिश करेगे। ममता झा, छान्टा झा, बम्हनी संकुल
नाम- छेडूराम भारव्दाज पद- सहायक शिक्षक प्रा.शा.लालघाट किसी विशेष टॉपिक पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व हम यह अवलोकन करेंगे कि उक्त योजना हमारे घर, समाज, गांव, राज्य, देश अथवा विश्व से संबंधित हो, तथा योजना हमारे परिवेश का अंग हो, जिसका लाभ शिक्षार्थी को उनके जीवन में भरपूर मिले। किए गए कार्य योजना सार्थक एवं बहु उपयोगी हो, जैसे जल संरक्षण, वृक्षारोपण, वायु संरक्षण, भूमि संरक्षण, खेलों का आयोजन, सांस्कृतिक गतिविधियां, वीडियो, रेडियो, इंटरनेट, ऑनलाइन, ऑफलाइन आदि के माध्यम से ज्ञान संरक्षण करना शामिल है।
किसी विशेष टॉपिक के लिए मैं बच्चों के पूर्व ज्ञान, उस विशेष टॉपिक के लिए आवश्यक संसाधनों की बच्चों के लिए उपलब्धता, उचित समय, अनुकूल वातावरण के आधार पर कार्यनीति बनाऊंगा।
जलीय जन्तु के भोजन के आधार पर कार्यनीति तैयार करूगी। जलीय जीव जल में कैसे रहते हैं।किस तरह से जल में रहकर अपना भोजन शैवाक से कैसे ग्रहण करें। छोटे जन्तु को बड़े मछली कैसे खाते हैं, मछली के अंडों से कितने मछली पैदा होते हैं। इसके लिए जल में रहने वाले मेंढक, मछली, कछुआ, पनडुब्बी आदि के जीवन के बारे मे समझना होगा।किसी विशेष टॉपिक के लिए मैं बच्चों के पूर्व ज्ञान, उस विशेष टॉपिक के लिए आवश्यक संसाधनों की बच्चों के लिए उपलब्धता, उचित समय, अनुकूल वातावरण के आधार पर कार्यनीति बनाऊंगा
जलीय जन्तु के भोजन के आधार पर कार्यनीति तैयार करूगी। जलीय जीव जल में कैसे रहते हैं।किस तरह से जल में रहकर अपना भोजन शैवाक से कैसे ग्रहण करें। छोटे जन्तु को बड़े मछली कैसे खाते हैं, मछली के अंडों से कितने मछली पैदा होते हैं। इसके लिए जल में रहने वाले मेंढक, मछली, कछुआ, पनडुब्बी आदि के जीवन के बारे मे समझना होगा।किसी विशेष टॉपिक के लिए मैं बच्चों के पूर्व ज्ञान, उस विशेष टॉपिक के लिए आवश्यक संसाधनों की बच्चों के लिए उपलब्धता, उचित समय, अनुकूल वातावरण के आधार पर कार्यनीति बनाऊंगा
जलीय जन्तु के भोजन के आधार पर कार्यनीति तैयार करूगी। जलीय जीव जल में कैसे रहते हैं।किस तरह से जल में रहकर अपना भोजन शैवाक से कैसे ग्रहण करें। छोटे जन्तु को बड़े मछली कैसे खाते हैं, मछली के अंडों से कितने मछली पैदा होते हैं। इसके लिए जल में रहने वाले मेंढक, मछली, कछुआ, पनडुब्बी आदि के जीवन के बारे मे समझना होगा।किसी विशेष टॉपिक के लिए मैं बच्चों के पूर्व ज्ञान, उस विशेष टॉपिक के लिए आवश्यक संसाधनों की बच्चों के लिए उपलब्धता, उचित समय, अनुकूल वातावरण के आधार पर कार्यनीति बनाऊंगा
किसी विशेष टॉपिक के लिए कार्यनीति तैयार करते समय सर्वप्रथम हम यह अवलोकन करेंगे यह किस तरह विद्यार्थियों के पूर्व ज्ञान से संबद्ध है और साथ ही हम उनके दैनिक जीवन से जुड़े हुए विषयों को टॉपिक विशेष से जोड़कर कार्यनीति का निर्धारण करेंगे।
Shilpa Sahu M.S. Ghumka block and district Balod Kisi vishesh topik par yojna banate hue bachcho ke purv gaya ko dhyan me rakh ke va inke aas pass uplabdh sansadhano ko , bachcho ke drishtikon, samajh ko dhyan me rakh ke yojna banaenge.
किसी बिंदु पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व हम यह अवलोकन करें कि उक्त योजना हमारे घर समाज गांव राज्य देश अथवा विश्व से संबंधित हो तथा योजना हमारे परिवेश का अंग हो, जिसका लाभ शिक्षार्थी को उनके जीवन में भरपूर मिले तथा उसका सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो।
किसी बिंदु पर कार्य योजना तैयार करने के लिए हम उसे अवलोकन करें कि उक्त योजना हमारे घर समाज गांव देश अथवा विश्वा से संबंधित हो प्रथा योजना हमारे परिवेश का अंग हो जिसका लाभ विद्यार्थी को उनके जीवन में समग्र मिल सके तथा उसका सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो। जैसे कि जलीय जंतुओं को भोजन प्राप्त करने के लिए सावक पर निर्भर रहना पड़ता है जिस प्रकार की बड़ी मछली छोटी मछली को अपना भोजन बना लेती है इसी तरह जल में रहने वाले मछली मेंढक पनडुब्बी आदि अपना भोजन जल में ही रह कर बनाते हैं।
किसी विशेष टॉपिक पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व हम यह देखेंगे कि उक्त कार्य योजना ब्यक्ति, समुदाय, गांव, राज्य, देश अथवा विश्व से संबंधित हो, जो हर दृष्टि से सभी का विकास कर सके। अर्थात बनाई गई कार्य योजना बहुउपयोगी एवं बहुउद्देशीय हो।
किसी बिंदु पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व हम यह अवलोकन करें कि उक्त योजना हमारे घर, समाज, गांव, राज्य, देश अथवा विश्व से संबंधित हो, तथा योजना हमारे परिवेश का अंग हो, जिसका लाभ शिक्षार्थी को उनके जीवन में भरपूर मिले तथा उसका सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो।
जलीय जंतु के भोजन के आधार पर कार्यनीति तैयार करूंगा। जलीय जीव जल में कैसे रहते हैं। किस तरह से जल में रहकर अपना भोजन सहवाग से कैसे ग्रहण करें। छोटे जंतु को बड़े मछली कैसे खाते हैं ।मछली के अंडों से कितने मछली पैदा होते हैं। इसके लिए जल में रहने वाले मेंढक मछली कछुआ के जीवन के बारे में समझना होगा।
जलीय जंतुओं को भोजन प्राप्त करने के लिए सावक पर निर्भर रहना पड़ता है जिस प्रकार की बड़ी मछली छोटी मछली को अपना भोजन बना लेती है इसी तरह जल में रहने वाले मछली मेंढक पनडुब्बी आदि अपना भोजन जल में ही रह कर बनाते हैं।
मैं महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों मेंं से मिट्टी पर कार्य योजना तैयार करना चाहता हूं।इसके लिए छात्रों को खेत,खलिहानों का भ्रमण कराकर मिट्टी के नमूने एकत्रित करना,अवलोकन करना,, बनावट, उसके प्रकार,जल मेंं विलेयता, फसल के लिए उपयुक्तता की जानकारी के बाद अंत में निष्कर्ष पर पहुंचूंगा। ्
किसी टापिक पर कार्य योजना बनाने के लिए पूर्व अनुभव को समाहित करते हुए हमारे आसपास के वातावरण परिवेश गाँव समाज बच्चों की रूचि आदि को ध्यान में रखते हुए आगे की योजना बनायेगे। ( विनोद कुमार साहू)
पर्यावरण अध्ययन में सीखने के प्रतिफल के अपेक्षाओं से सीखने के प्रतिफल के विभिन्न गतिविधियों,प्रयोग ,अवलोकन ,निष्कर्ष के साथ विषय का विश्लेषण करेंगे ।धन्यवाद
किसी बिंदु पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व हम यह अवलोकन करें कि उक्त योजना हमारे घर, समाज, गांव, राज्य, देश अथवा विश्व से संबंधित हो, तथा योजना हमारे परिवेश का अंग हो, जिसका लाभ शिक्षार्थी को उनके जीवन में भरपूर मिले तथा उसका सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो।
किसी विशेष टॉपिक पर रणनीति बनाने के लिए उस टॉपिक पर सबसे पहले जानकारी इकट्ठी करनी पड़ेगी l जैसे टॉपिक है जल के स्रोत तो जल के स्रोत कितने प्रकार के हमारे समाज में उपयोग किए जाते हैं यह हमारे पर्यावरण में कौन-कौन से जल के स्रोत हैं क्या रे जल के स्रोत मनुष्य के लिए उपयोगी है या अनुपयोगी है इस तरह से विभिन्न बिंदुओं पर हम उक्त टॉपिक पर जानकारी इकट्ठी करेंगे उसके पश्चात जानकारी को लिखित रूप में सुरक्षित करेंगे l
Theam. Save Tree per yojna banana. Baccho se jankari lena unke purve gyan ka pta lagana. Aas pas ka bharman kerna. Isme avlokan serve kerne ke liy samuh banana. Jankari prapt kerna. Baccho se likhit aur maoukhik anser lena. Media audio video net samagri ka upyog kerna. Koi atak kahani me bhag lerker samuday ko samil kerege. Palko ka sahyog leker baccho ki madad kiya ja sakta hai. Tree ke mahatav ko samjhna. Samuday ke sath trees lagana nigrani kerne me sahayog le ker report aur record tayar kerenge.
टॉपिक जल संरक्षण ( जल बचाओ ) विषय आधारित चित्र बनाना, स्लोगन ,नारा, आसपास जल संसाधन का अवलोकन करेगें, विभिन्न विज्ञापन ,व समाचार पत्र के कटिंग कॉपी में चिपकाए, समूह कार्य आदि कार्य योजना बना सकते हैं ।
जल के विभि न् न स्त्रोतों का पता लगाने उसमें पाये जाने वाले विभिन्न जीव जन्तुयों एवं पौधों को जानना जल स्त्रोतों में1 प्रदुषण और उसकी उ पल ब्धता जलस्रोतों को स्वच्छ रखने के त रीके पर विचा र- विमर्श एवं लेखन करुंगा
किसी विशेष थीम पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व हम यह अवलोकन करेंगे कि उक्त योजना हमारे घर, समाज, गांव, राज्य, देश अथवा विश्व से संबंधित हो, तथा योजना हमारे परिवेश का अंग हो, जिसका लाभ शिक्षार्थी को उनके जीवन में भरपूर मिले। किए गए कार्य योजना सार्थक एवं बहु उपयोगी हो, जैसे जल संरक्षण, वृक्षारोपण, वायु संरक्षण, भूमि संरक्षण, खेलों का आयोजन, सांस्कृतिक गतिविधियां, वीडियो, रेडियो, इंटरनेट, ऑनलाइन, ऑफलाइन आदि के माध्यम से ज्ञान संरक्षण करना शामिल है।
Kisi vishes kary yojna tayar karne ke liy pehle avlokan karengekary yojna sarhak aur upyogi ho. Vrikha ropan van sanrakshan online offline adi ke madhayam se gyan sanrakshan karna shamil hai
किसी विशेष टॉपिक पर किसी विशेष टॉपिक पर कार्य योजना तैयार करने के लिए हम पहले उस टॉपिक पर विस्तृत जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश करेंगे और यह प्रयास अवश्य करेंगे की उस टॉपिक को हमारे परिवेश से जुड़े सूचनाओं के आधार पर कार्य योजना बनाएं।
किसी विशेष टॉपिक पर कार्य योजना को तैयार करने से पूर्व हमें यह जान लेना चाहिए कि उक्त योजना विषय वस्तु के साथ हमारे आस पास के सामाजिक परिवेश जुड़ा हो और शिक्षार्थी को समय पड़ने उसका अवलोकन करा सके ।
जल प्रदूषित कैसे होता है, इसके क्या कारण हैं, प्रदूषित जल के के क्या दुष्प्रभाव होते हैं,नदियों और तालाबों को प्रदूषित होने से कैसे बचाया जा सकता है, इसके लिए क्या कर सकते हैं.
किसी विशेष बिन्दु पर कार्य योजना बनाने के लिए सबसे पहले परिवेश के साथ अंत:क्रिया करने में बच्चे आसानी से जुड़ सकते हैं। इसका पूर्ण ध्यान रखना होगा कि बच्चे और शिक्षक इसमें दोनो मिलकर सकारात्मक रूप से सहभागिता में शामिल हो सकें तभी यह सार्थक होगा।
किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने के पूर्व उस टॉपिक से जुड़े आवश्यक सामग्रियों का संचय एवं प्रबंध करेंगे।हम अवलोकन करेंगें कि चक्रण योजना हमारे घर, समाज,गांव, राज्य देश अथवा विश्व हित में हैकि नहीं जिसका लाभ शिक्षार्थियों को उनके जीवन में भरपूर मिले तथा उसका सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो।
चंद्रकला मौर्य किसी विशेष टॉपिक के लिए कार्य नीति बनाने से पूर्व हम उन विषयों को अच्छे से अवलोकन करेंगे बच्चों की समझ विकसित करने के लिए हम उस टॉपिक को विस्तारपूर्वक समझाएंगे। मैं विशेष रूप से पर्यावरण अध्ययन में आसपास के परिवेश को जोड़कर बच्चों की समझ विकसित करना चाहूंगी। पर्यावरण के अंतर्गत आसपास के परिवेश से बच्चों को बहुत कुछ सीखने को मिलता है जिससे उनका सर्वांगीण विकास होता है। बच्चों में रहन-सहन की व्यवस्था किस तरह से होती है प्राकृतिक अवस्था हवा पानी मिट्टी सभी की परख वह करते हैं।
किसी बिंदु पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व हम यह अवलोकन करें कि उक्त योजना हमारे घर, समाज, गांव, राज्य, देश अथवा विश्व से संबंधित हो, तथा योजना हमारे परिवेश का अंग हो, जिसका लाभ शिक्षार्थी को उनके जीवन में भरपूर मिले तथा उसका सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो।
जलीय जंतु के भोजन के आधार पर कार्यनीति तैयार करूंगा। जलीय जीव जल में कैसे रहते हैं। किस तरह से जल में रहकर अपना भोजन सहवाग से कैसे ग्रहण करें। छोटे जंतु को बड़े मछली कैसे खाते हैं ।मछली के अंडों से कितने मछली पैदा होते हैं।
किसी बिंदु पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व हम यह अवलोकन करें कि उक्त योजना हमारे घर, समाज, गांव, राज्य, देश अथवा विश्व से संबंधित हो, तथा योजना हमारे परिवेश का अंग हो, जिसका लाभ शिक्षार्थी को उनके जीवन में भरपूर मिले तथा उसका सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो।
किसी विशेष टॉपिक के लिए कार्यनीति तैयार करते समय सर्वप्रथम हम यह अवलोकन करेंगे यह किस तरह विद्यार्थियों के पूर्व ज्ञान से संबद्ध है और साथ ही हम उनके दैनिक जीवन से जुड़े हुए विषयों को टॉपिक विशेष से जोड़कर कार्यनीति का निर्धारण करेंगे। खुशहाली सोनी बलौदा बाजार
पर्यावरण अध्ययन में किसी विशेष टॉपिक पर कार्य योजना बनाते समय विषय से संबंधित सभी परिवेशिय अनुभव का रुब्रिक्स तैयार करके क्रियान्वयन करेंगे और तभी यह सार्थक प्रयास होगा।
कौशल टिकरिहा पूर्व मा़ शाला बठेना पाटन किसी बिंदु पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व हम यह अवलोकन करे कि उक्त योजना हमारे घर समाज गांव राज्य देश अथवा विश्व से संबंधित हो तथा योजना हमारे परिवेश का अंग हो जिसका लाभ शिक्षार्थी को उनके जीवन में भरपूर मिले तथा उसका सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो।
किसी विशेष टॉपिक के लिए कार्यनीति तैयार करते समय सर्वप्रथम हम यह अवलोकन करेंगे। यह किस तरह विद्यार्थियों के पूर्व ज्ञान से संबद्ध है ,और साथ ही हम उनके दैनिक जीवन से जुड़े हुए विषयों को टॉपिक विशेष से जोड़कर कार्यनीति का निर्धारण करेंगे।
पर्यावरण अध्ययन से छात्रों के मानसिक,शारीरिक,सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है।पर्यावरण के अंतर्गत आसपास के परिवेश से बच्चों को बहुत कुछ सीखने को मिलता है जिससे उनका सर्वांगीण विकास होता है। बच्चों में रहन-सहन की व्यवस्था किस तरह से होती है प्राकृतिक अवस्था हवा पानी मिट्टी सभी की परख वह करते हैं। जिसमें हवा पानी मिट्टी का संरक्षण कैसे करना है उसके बारे में जानते हैं एवं जल संरक्षण करने का उपाय को सीखते हैं
प्रदूषण पर मैं कार्य योजना बना लूंगा जिसमें अलग-अलग प्रकार के प्रदूषण वायु प्रदूषण जल प्रदूषण स्थल प्रदूषण बच्चों की एक चार ग्रुप बना करके उनको अलग-अलग प्रदूषण के बारे में पता करने के लिए प्रोजेक्ट कर दिया जाएगा और फिर उनकी द्वारा लिए गए आंकड़ों पर चर्चा और उस प्रदूषण से निपटने के उपाय के बारे में हम क्या कर सकते हैं इस प्रकार योजना पर मैं काम करूंगा
जलीय जन्तु के भोजन के आधार पर कार्यनीति तैयार करूगी। जलीय जीव जल में कैसे रहते हैं।किस तरह से जल में रहकर अपना भोजन शैवाक से कैसे ग्रहण करें। छोटे जन्तु को बड़े मछली कैसे खाते हैं, मछली के अंडों से कितने मछली पैदा होते हैं। इसके लिए जल में रहने वाले मेंढक, मछली, कछुआ, पनडुब्बी आदि के जीवन के बारे मे समझना होगा।
Rajesh kumar Maheshwari Teacher(L.B.) MS kosamdih Masturi District-Bilaspur
किसी विशेष टॉपिक पर कार्य योजना बनाने से पहले मैं यह ध्यान रखूंगा और अवलोकन करूँगा की कार्ययोजना आस-पास के परिवेश से संबंधित हो। जिससे बच्चे अपने पूर्व ज्ञान से उसे जोड़ कर आसानी से सीख सके और उसका सकारात्मक परिणाम उन्हें मिल सके।
इन्द्र सिंह चन्द्रा , उच्च वर्ग शिक्षक , शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला काशीगढ़ , विकास खण्ड-जैजैपुर , जिला- जांजगीर-चांपा, (छ.ग.)
किसी विशेष टॉपिक पर कार्यनीति (योजना) तैयार करने के पूर्व हम यह अवलोकन (खोज )करेंगे कि उक्त योजना हमारे घर , समाज , गांव, राज्य , देश अथवा विश्व से संबंधित हो। योजना हमारे परिवेश के लिए सर्वोपरि हो। जिसका लाभ शिक्षार्थी को उनके जीवन की कार्यशैली हेतु भरपूर मिले। कार्य योजना सार्थक एवं बहु उपयोगी हो , जैसे जल संरक्षण, वृक्षारोपण, भूमि संरक्षण , वायु संरक्षण , खेलों का क्रियान्वयन, सांस्कृतिक गतिविधियां , ऑनलाइन , इंटरनेट आदि के माध्यम से ज्ञान एवं कौशल संरक्षण करना शामिल है। यदि कार्य योजना अच्छी है जिसमें समस्त पहलुओं का समावेश है तो छात्रों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित है।
विशेष टॉपिक पर कार्ययोजना बनाने के पूर्व हम अवलोकन करेंगे कि ,उसका सही परिणाम और सही निष्कर्ष निकल सके जिसका फायदा उस कार्ययोजना के परिप्रेक्ष में संबंधित को मिल सके ।।।
जलीय जंतु के भोजन के आधार पर कार्य नीति तैयार करूंगी जल में जल जीव कैसे रहते हैं अपना भोजन शैवाक से ग्रहण करते हैं जल्दी जीव मछली कछुए के जीवन के बारे में समझना होगा
किसी विशेष बिन्दु पर कार्य योजना बनाने के लिए सबसे पहले परिवेश के साथ अंत:क्रिया करने में बच्चे आसानी से जुड़ सकते हैं।इसका पूर्ण ध्यान रखना होगा कि बच्चे और शिक्षक इसमें दोनो मिलकर सकारात्मक रूप से सहभागिता में शामिल ही सकें;तभी यह सार्थक होगा।
माध्यमिक शाला :- केरगांव विकासखंड +जिला :- गरियाबंद
वर्षा टॉपिक पर अध्ययन की कार्य योजना :- वर्षा किसे कहते हैं? वर्षा कैसे होती है? भारत में वर्षा किस मौसम में सबसे अधिक होती है? बादल कैसे बनते हैं ?बादल से वर्षा कैसी होती है ? बादल से पानी के अतिरिक्त और कुछ गिरता है ? वर्षा की बूंदे बर्फ का गोला कैसे बन जाता है ?वर्षा होने पर धरती पर क्या परिवर्तन होते हैं ? वर्षा हमारे लिए क्यों आवश्यक है? अधिक वर्षा से होने पर क्या होगा ?कम वर्षा होने पर क्या होगा ? वर्षा की बूंदें बड़ी जलधारा कैसे बनती हैं? यह जलधाराएं कहां जाती हैं? हम वर्षा का इंतजार क्यों करते हैं? वर्षा के जल को इकट्ठा कर क्यों रखते हैं ? वर्षा को जल से हम क्या करते हैं? यदि पानी ही ना गिरे तो क्या होगा ? साल भर पानी गिरता रहे तो क्या होगा? सबसे कम वर्षा कहां होती है ? सबसे अधिक वर्षा कहां होती है ? पहाड़ों में अधिक वर्षा क्यों होती है ? क्या पेड़ पौधे अधिक होने पर पानी अधिक गिरता है ? मरुस्थल में कम पानी क्यों गिरता है?
किसी किसी विशेष बिंदु पर कार्य योजना तैयार करने के लिए पहले उसके बारे में जानकारी इकट्ठी करुगा। और यह योजना हमारे घर समाज गांव राज्य देश तथा विश्व से संबंधित तथा योजना हमारे परिवेश का अंग है इसका लाभ विद्यार्थी को उसके जीवन में भरपूर मिले और उसका सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो। मैं मिट्टी पर कार्य योजना तैयार करूंगा इसके लिए छात्रों को खेत ,खलिहानों , बाग, बगीचों का भ्रमण कराकर विभिन्न प्रकार की मिट्टी एकत्रित करेंगे । उसका अवलोकन करेंगे। उसकी जल में विलय ता ज्ञात करेंगे और वह किस प्रकार की मिट्टी है, और कितनी उपजाऊ है, इसका निरीक्षण करेंगे। इन प्रक्रिया के पश्चात निष्कर्ष पर पहुंचेंगे।
किसी बिन्दु पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व हमें यह समझना होगा कि यह कार्य योजना हमारे घर समाज प्रदेश देश से सम्बंधित हो तथा उसका बच्चॉ पर सकारात्मक प्रभाव पड़े
KISI BINDU PR KARYYOJNA ES PRAKAR TYAR KARE JISME BACHCHO KO AASANI SE SAMGH AAY GHYAN KO APNE PARIVASH SE JODDNE SE PARYAVARN VISHAY KO AASANI SE SAMGHAYA JA SAKTA HAI!
किसी टापिक पर कार्य योजना निर्माण करने से पहले हमारे आसपास का परिवेश कैसा है बच्चो के साथ उस कार्य योजना का कितना उपयोग किया जा सकता है। (मिथिलेश साहू)
किसी विशेष टाॅपिक पर अध्ययन के लिए कार्य योजना में मैं जल की उपयोगिता पर कार्य करना चाहूँगा क्योंकि गांव में लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है । बच्चों को हम बतायेंगे कि जल का उपयोग किस प्रकार करनी चाहिए शहरों में जल की किल्लत कितनी होती है वहां पर टैंकरों से सप्लाई की जाती है आज कई गांव में भी पानी की समस्या आने लगी है इसका मुख्य कारण है -वर्षा की कमी और इसके दुष्प्रभाव का कारण है प्रदूषण । हमें अपने घर, खेत, खलिहान, सड़कों के आस-पास अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने की आवश्यकता है सरकार इसके लिए कार्य कर रही है साथ ही हमें भी इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है- "जल है तो कल है " सी. एस. सोरी प्रा .शा.अलबेला पारा बासनवाही
किसी विशेष टॉपिक पर कार्य करने हेतु कार्ययोजना में पेड़और पौधे की उपयोगिता के बारे ने चर्चा करूँगा ।हमारे जीवन मे हम इनसे क्या प्राप्त करते है और इसे काटने से हमर क्या नुकसान है। रवि शंकर तिवारी शासकीय माध्यमिक शाला पारा डोल मनेन्द्रगढ़ कोरिया छत्तीसगढ़
किसी भी विषयवस्तु पर कार्य योजना बनाते समय हमें विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है कि विषय वस्तु बच्चों के परिवेश से जुड़ा हो| जीवन के लिए अनिवार्य आवश्यकता में शामिल हो|जैसे-जल , वायु, भोजन, मिट्टी, पेड़-पौधे , आवास ,प्रकाश , आवागमन के साधन आदि| इसके लिए हमारे जीवन में आवश्यकता, प्राप्ति के साधन ,संवर्धन , संरक्षण पर धयान आकर्षित किया जा सकता है|इससे बच्चे जागरूक होंगे एवं अपने सुनहरे भविष्य को संरक्षित कर सकेंगे|
किसी विशेष टॉपिक पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व हम यह अवलोकन करेंगे कि उक्त योजना हमारे घर, समाज, गांव, राज्य, देश अथवा विश्व से संबंधित हो, तथा योजना हमारे परिवेश का अंग हो, जिसका लाभ शिक्षार्थी को उनके जीवन में भरपूर मिले। किए गए कार्य योजना सार्थक एवं बहु उपयोगी हो, जैसे जल संरक्षण, वृक्षारोपण, वायु संरक्षण, भूमि संरक्षण, खेलों का आयोजन, सांस्कृतिक गतिविधियां, वीडियो, रेडियो, इंटरनेट, ऑनलाइन, ऑफलाइन आदि के माध्यम से ज्ञान संरक्षण करना शामिल है।
किसी बिंदु पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व हम यह अवलोकन करें कि उक्त योजना हमारे घर, समाज, गांव, राज्य, देश अथवा विश्व से संबंधित हो, तथा योजना हमारे परिवेश का अंग हो, जिसका लाभ शिक्षार्थी को उनके जीवन में भरपूर मिले तथा उसका सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो। उस विषय पर उससे संबंधित सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना तैयार करेंगे ।जैसे जल संरक्षण, वृक्षारोपण, वायु संरक्षण, भूमि संरक्षण, खेलों का आयोजन, सांस्कृतिक गतिविधियां, वीडियो, रेडियो, इंटरनेट, ऑनलाइन, ऑफलाइन आदि के माध्यम से ज्ञान संरक्षण करना शामिल है।
किसी विशेष विषय या टॉपिक पर कार्ययोजना बनाते समय उस विषय के बारे में सोचना होगा कि वह बच्चों के परिवेश व स्तर के लायक है या नहीं। फिर उस कार्ययोजना में क्या, क्यों, कैसे आदि प्रश्नों को ध्यान में रखकर योजना तैयार करना होगा।
जलीय जन्तु के भोजन के आधार पर कार्यनीति तैयार करूगी। जलीय जीव जल में कैसे रहते हैं।किस तरह से जल में रहकर अपना भोजन शैवाक से कैसे ग्रहण करें। छोटे जन्तु को बड़े मछली कैसे खाते हैं, मछली के अंडों से कितने मछली पैदा होते हैं। इसके लिए जल में रहने वाले मेंढक, मछली, कछुआ, पनडुब्बी आदि के जीवन के बारे मे समझना होगा।
जलीय जन्तु के भोजन के आधार पर कार्यनीति तैयार करूगी। जलीय जीव जल में कैसे रहते हैं।किस तरह से जल में रहकर अपना भोजन शैवाक से कैसे ग्रहण करें। छोटे जन्तु को बड़े मछली कैसे खाते हैं, मछली के अंडों से कितने मछली पैदा होते हैं। इसके लिए जल में रहने वाले मेंढक, मछली, कछुआ, पनडुब्बी आदि के जीवन के बारे मे समझना
Anita Singh Raipur किसी भी topic पर कार्ययोजना बनाने से पहले ये वचार करना होगा कि योजना बच्चों के परिवेश से जुड़ीं हो, उनके पूर्व ज्ञान सर से जोड़ते हुए योजना बनाना आवश्यक है।जिससे बच्चों को सीखने और समझकर अभिव्यक्त करने में सरल हो। जैसे गांव में साफ-सफाई के लिए योजना बनाकर पढ़ना ।इस टॉपिक को बच्चे आसानी से समझेंगे और स्वयं करके अपनी भागीदारी अच्छे से देंगे।बच्चों में अधिगम स्तर भी अच्छा होगा।
मैं पर्यावरण और प्रदूषण इस विषय पर कार्यनीति तैयार करूँगी । साथ ही उन्हें विज्ञान में सतत उपयोग के बारे में भी समझना चाहूंगा। आने वाली पीढ़ी को इन बातों के बारे में गहरी जानकारी एवं रुचि होना आवश्यक है ।
किसी बिन्दु पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व हमें यह समझना होगा कि यह कार्य योजना हमारे घर समाज प्रदेश देश से सम्बंधित हो तथा उसका बच्चॉ पर सकारात्मक प्रभाव पड़े
हम जल संसाधन पर योजना बना कर कार्य करना पसंद करेंगे। जल के स्त्रोत, जल का उपयोग एवं जल के दुरुपयोग से बचने के उपाय के तौर-तरीकों पर, इन सभी विषयों कार्य करना, सभी प्राणियों के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा।
जलीय जन्तु के भोजन के आधार पर कार्यनीति तैयार करूगी। जलीय जीव जल में कैसे रहते हैं।किस तरह से जल में रहकर अपना भोजन शैवाक से कैसे ग्रहण करें। छोटे जन्तु को बड़े मछली कैसे खाते हैं, मछली के अंडों से कितने मछली पैदा होते हैं। इसके लिए जल में रहने वाले मेंढक, मछली, कछुआ, पनडुब्बी आदि के जीवन के बारे मे समझना होगा।
मैं जल के अपव्यय व जल भण्डारण पर कार्यनीति बनाना चाहती हु क्योंकि जल के अपव्यय से जल का भारी नुकसान होता है क्योंकि पीने का साफ पानी बहुत ही सीमित मात्रा मे उपलब्ध है देश की आधी आबादी को साफ पीने का पानी बड़ी मुश्किल से मिल पाता है इस हेतु अपव्यय रोकने के साथ भण्डारण के उपाय करना भी आवश्यक है अतः इस पर कार्यनीति बनाकर काम करना जरुरी है
I would like to make an action plan on the *clay* theme. What is the use of soil in children's homes, in the neighborhood, and around? Where do they get soil from various activities?which type of soil they have they seen?
किसी भी टापिक पर कार्ययोजना तैयार करने से पहले हमें परिवेश को भी ध्यान में रखना चाहिए। हमें बच्चों के आसपास के परिवेश से कार्ययोजना तैयार करना चाहिए, ताकि बच्चों को समझने में मदद मिलेगी।
विशेष टापिक के लिए पहले "थीम' पर विचार करते हुए निर्माण कर लेंगे, टापिक को ध्यान में रखते हुए उसकी उपलब्धता, उपयोग,महत्व बच्चों के साथ संबद्धता को ध्यान में रखते हुए एसी कार्यनीति जिसमें वे व्यक्तिगत एवं समूह के साथ अपने अधिक से अधिक ज्ञानेंद्रियों का उपयोग कर मूर्त रुप से अनुभव करें, अपने जिज्ञासु प्रश्न के उत्तर ढूंढने में प्रयासरत हों, सीखने के लिए उत्सुकता बनी रहे, ऐसी कार्यनीति बनाना अच्छा होगा
मैं गांव से ताल्लुक रखता हूं मैं गांव के स्कूल में पढ़ाता हूं इसीलिए मैं अपने बच्चों को अपने उनकी संस्कृति से संबंधित शिक्षा जो उनके लिए उपयोगी है उसे देना चाहूंगा
किसी बिंदु ( गाँव की संस्कृति ) पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व हम यह अवलोकन करें कि उक्त योजना हमारे घर, समाज, गांव, राज्य, देश अथवा विश्व से संबंधित हो, तथा योजना हमारे परिवेश का अंग हो, जिसका लाभ शिक्षार्थी को उनके जीवन में भरपूर मिले तथा उसका सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो। आफिजा मलिक प्राथमिक शाला नवाटोला लोहारी
किसी विशेष टॉपिक पर कार्ययोजना तैयार करने के पूर्व हम यह अवलोकन करेंगे कि उक्त योजना हमारे समाज, परिवेश, गांव, राज्य अथवा देश से सम्बंधित हो.। जिसका लाभ बच्चों को जीवन में भरपूर मिले, जैसे वृक्षारोपण, भूमिसंरक्षण, जल संरक्षण एवं वनसंरक्षण आदि ।
Mai paryavaran pradushan ke ke bare me jagruk ta lane vishes prayas karunga karya yojna banakar...logo ko protsahit karunga...jitna mujhse hi sake....thanks
किसी विशेष टॉपिक पर कार्य योजना तैयार करने के लिए हमें बच्चों के परिवेश को ध्यान में रखना होगा कि उक्त योजना हमारे घर, परिवार, समाज, गांव, राज्य, देश अथवा विश्व से संबंधित हो, तथा जिसका लाभ शिक्षार्थी को उनके जीवन में भरपूर मिले।कार्य योजना सार्थक एवं बहु उपयोगी हो, जैसे जल संरक्षण, वृक्षारोपण आदि।
जलीय जंतु अपने आवास में भोजन ग्रहण कैसे करते हैं और उनका जीवन चक्र किस प्रकार जेल में पूर्ण होता है इसे समझना समझाना होगा जल में रहने वाले छोटे-मोटे जीव जैसे कि मेंढक सवाल कमाल जलकुंभी कछुआ मछली आदि आपस में कैसे निबाह करते हैं इन चीज को बच्चों को अच्छे से समझाया जा सकता है इस थीम पर कार्य करके
Kisi vishesh topic par karyojana banane ke liye phle topic chun le, use is trh se baccho ko bataya jaye ki wo khud ko us vishay k sath jod sake, fir usse judi sabhi chijo ko ek k baad ek batate chale ,baccho k vichar bhi liye ja sakte h, uske labh hani dono pakcho pr charcha ki jaye
किसी भी टॉपिक और उसके थीम केआधार पर हम कार्य योजना और उसका रूपरेखा तैयार करते है।साथ ही साथ आकलन के लिए एक मापदंड भी तैयार करना चाहिए फिर हमें व्यक्तिगत या समूहों में कार्यविवरण बनाना चाहिए।तब किसी थीम पर विचार और अनुभव साझा करने तथा प्रयोग,अन्वेषण इत्यादि पर टॉपिक के आधार पर चर्चा करना चाहिए।..H.L.Darro Bhanu pratap our
गाँव के प्राथमिक शिक्षक होने के नाते मैं गाँव की संस्कृति पर कार्ययोजना बनाना चाहूँगा।जिससे बच्चों को अपनी संस्कृति की अच्छी समझ हो। उनके पारंपरिक संस्कृति में किस तरह के कार्य होते हैं उसे वे जान सके अच्छे से समझ सके और अपनी परंपरा को वे आगे बढ़ाते रहें आगे।
कोई भी टापिक पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व अवलोकन करने की ज़रुरत है उक्त योजना हमारे परिवेश, गाँव से संबंधित हो जिससे बच्चे अपने परिवेश के बारे में जानकारी एकत्रित कर सके और अपने जीवन में इसका महत्व समझ सके। जो सभी के हित में है।
उस टॉपिक से संबंधित सभी पहलुओं को point out करके उन points पर विस्तृत चर्चा-परिचर्चा की योजना बनाऊँगा, फिर उसमें से महत्वपूर्ण बिंदुओं को बोर्ड पर प्रदर्शन करूंगा |
पेड़ पौधे थीम को लेकर कार्य योजना तैयार कर सकते हैं। बच्चों को पूर्व ज्ञान होता है वे पेड़ पौधे से भली भांति परिचित होते हैं।फल फूल, आकार, कांटेदार,झाड़िदार आदि रूप में वर्गीकृत कर सकते हैं। अलग-अलग उपयोग भी बता सकते हैं।
In order to prepare an action plan on a particular topic, we have to keep in mind the environment of the children that the said plan should be related to our home, family, society, village, state, country or world, and the benefit of which the learner gets in their life The work plan should be meaningful and multi-useful, such as water conservation, plantation etc.
किसी विशेष टॉपिक पर कार्ययोजना तैयार करने के पूर्व हम यह अवलोकन करेंगे कि उक्त योजना हमारे समाज, परिवेश, गांव, राज्य अथवा देश से सम्बंधित हो.। जिसका लाभ बच्चों को जीवन में भरपूर मिले, जैसे वृक्षारोपण, भूमिसंरक्षण, जल संरक्षण एवं वनसंरक्षण आदि
मैं* मिट्टी*थीम पर कार्य योजना तैयार करना चाहुंगी। मिट्टी के क्या क्या उपयोग है। घर, खिलौना बनाने, मूर्ती बनाने आदि के लिए किस तरह के मिट्टी की जरूरत पड़ती है।
कार्यनीति में बच्चों के समझ के अनुसार प्राकृतिक से सारोकार नजदीकी पार्क भ्रमण यात्रा में दिखे पनस्पति जीवजन्तु आदि से परिचित करुगा। विशेस योजना से ही उन्हें एक एक करके पर्यावरण से रुब रु करुगा। जल पेड़ पौधे जीवजन्तु परिवार आवास आदि को गतिविधि से समझाया करूँगा।
संतोष जोशी संंकुल नवागांव जलीय जन्तु के निवास के आधार पर कार्यनीति तैयार करना । जलीय जीव जल में कैसे रहते हैं।किस तरह से जल में रहकर अपना भोजन कैसे ग्रहण करें। छोटे जन्तु को बड़े मछली कैसे खाते हैं, मछली के अंडों से कितने मछली पैदा होते हैं। इसके लिए जल में रहने वाले मेंढक, मछली, कछुआ, पनडुब्बी आदि के जीवन के बारे मे समझना होगा गांव के बच्चे तालाब नदी नाले से परिचित होते है परन्तु नदी की उपलब्ध ता सभी जगह मुश्किल है अतः उनमें निवास करने वाले जीवों की समझ बढाने पर कार्यनीति आवश्यक है।
किसी बिंदु पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व हम यह अवलोकन करें कि उक्त योजना हमारे घर, समाज, गांव, राज्य, देश अथवा विश्व से संबंधित हो, तथा योजना हमारे परिवेश का अंग हो, जिसका लाभ शिक्षार्थी को उनके जीवन में भरपूर मिले तथा उसका सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो।
पर्यावरण अध्ययन से छात्रों के मानसिक, शारीरिक, सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है।किसी भी विषय पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस विषय पर खोज करेंगे, जानकारी एकत्र करके उस पर विचार करेंगे ताकि यह पता चल सके कि विषय सही है या नहीं। उस विषय से जुड़े वस्तुओं का प्रबंध करके कार्यनीति बनाएँगे फिर उसे लागू करेंगे।
किसी विशेष टाॕपिक पर कार्य करने से पहले हमे परिवेश को भी ध्यान मे रखना चाहिए|हमे बच्चों के आसपास के परिवेश से कार्ययोजना तैयार करना चाहिए |जिससे बच्चों में अच्छी समझ विकसित हो सके|
कोई भी टापिक पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व अवलोकन करने की ज़रुरत होती है योजना हमारे परिवेश या गाँव से संबंधित हो जिससे बच्चे अपने परिवेश व गाँव के बारे मे जान सके समझ सके और अपने जीवन में इसका महत्व समझ सके जो सभी के हित के लिए हो पर्यावरण अध्ययन से सर्वांगीन विकास होता है।
किसी विशेष टॉपिक के लिए कार्यनीति तैयार करने के लिए निम्न आधारों की आवश्यकता होगी 1. उत्पत्ति व संरचना, 2. वैज्ञानिक सिद्धांत व प्रक्रियाएं, 3. सामाजिक व सांस्कृतिक पहलू, 4. संरक्षण, 5. उपयोगिता, 6. सामाजिक, सांस्कृतिक सरोकार
किसी विशेष टॉपिक के लिए कार्यनीति तैयार करने के लिए निम्न आधारों की आवश्यकता होगी 1. उत्पत्ति व संरचना, 2. वैज्ञानिक सिद्धांत व प्रक्रियाएं, 3. सामाजिक व सांस्कृतिक पहलू, 4. संरक्षण, 5. उपयोगिता, 6. सामाजिक, सांस्कृतिक सरोकार
प्रदूषण के कारण व रोकथाम पर कार्य योजना बनाऊंगी के लिए सर्वप्रथम बच्चों के पूर्व ज्ञान को ध्यान में रखते हुए उसे आज के ज्ञान से जोड़कर आगे की कार्यनीतियों को तैयार करूंगी।
किसी विशेष बिन्दु पर कार्य योजना बनाने के लिए सबसे पहले परिवेश के साथ अंत:क्रिया करने में बच्चे आसानी से जुड़ सकते हैं।इसका पूर्ण ध्यान रखना होगा कि बच्चे और शिक्षक इसमें दोनो मिलकर सकारात्मक रूप से सहभागिता में शामिल ही सकें;तभी यह सार्थक होगा।
मै वायु के ऊपर कार्य योजना तैयार करना चाहूंगा।कार्य योजना के क्रम निम्नलिखित होगा-- 1-वायु क्या है? 2-वायु की उतपत्ति कहाँ से होती है? 3-वायु की क्या उपयोगिता है? बच्चों को समूह में बांट कर सहभागिता से इस विषय को समझाने का प्रयास करूंगा।
किसी विशेष टॉपिक के लिए कार्यनीति का आधार बच्चे के परिवेश को सबसे पहले ध्यान में रखना होगा ततपश्चात बच्चों का उस विषय के सम्बंध में पूर्वज्ञान को ध्यान में रखकर कार्यनीति तैयार की जाय तो उनके लिए विषय को समझना आसान हो जाएगा
किसी भी थीम पर काम करने के लिए सबसे पहले ये जरूरी होता है कि हमको करना क्या है कार्य योजना तैयार कर बारीकियों पर विशेष ध्यान देना पड़ेगा तभी हम सकारात्मक नतीजा प्राप्त होगा
किसी विषय-वस्तु की प्रभावी कार्ययोजना बनाते समय यह ध्यान रखा जाए : विषय वस्तु का पूर्व अवलोकन , बच्चो के परिवेश से जुडाव,उनकी सक्रिय भागीदारी एवं सकारात्मक प्रतिफल की प्राप्ति होवे।
किसी भी टापिक पर कार्य योजना तैयार करने से पहले उसे अच्छी तरह से समझना होगा । जैसे कि ' जल ' के बारे में कार्य योजना बनाने के लिए उसके महत्व ' उपयोगिता ' स्वच्छता आदि को समझना जरूरी है ।
किसी विशेष टापिक पर शिक्षण कार्यनीति बनाते समय हम बच्चों के स्थानीय परिवेश एवं स्थितियों को, बच्चों के सहज एवं प्रभावी अधिगम आधारित कार्यनीति बना कर कार्य करेंगे!
ऐसे वनस्पति जो हमारे आसपास हैं और औषधि रूप में उपयोगी है जैसे तुलसी नीम हर्रा बहेड़ा आंवला गुड मुड़ी चिरचिटा को पहचानना उनके औषधि गुण को अपने मोहल्ले या घर के बड़ों से जानना और सूची बंद करना इस पर काम करना चाहूंगा
Kisi vishesh topic par kaarya yojna banane se pehle uski theme par vichaar karna chahiye aur uske baad use vaastavik jeevan se jod kar bachchon ke saamne prastut karna chahiye.
किसी विशेष टॉपिक पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व हम यह देखेंगे कि उक्त कार्य योजना ब्यक्ति, समुदाय, गांव, राज्य, देश अथवा विश्व से संबंधित हो, जो हर दृष्टि से सभी का विकास कर सके। अर्थात बनाई गई कार्य योजना बहुउपयोगी एवं बहुउद्देशीय हो।
किसी विशेष टॉपि के लिए कार्यनीति तैयार करने के लिए सबसे पहले बच्चों के आसपास के परिवेश का टॉपिक लूंगी जिससे बच्चे आसानी से अंतः क्रिया कर सके। स्थानीय परिवेश से बच्चे सहज व प्रभावी रूप से सकारात्मकता के साथ भागीदार बन सकते हैं।
विशेष टापिक के लिए पहले "थीम' पर विचार करते हुए निर्माण कर लेंगे, टापिक को ध्यान में रखते हुए उसकी उपलब्धता, उपयोग,महत्व बच्चों के साथ संबद्धता को ध्यान में रखते हुए एसी कार्यनीति जिसमें वे व्यक्तिगत एवं समूह के साथ अपने अधिक से अधिक ज्ञानेंद्रियों का उपयोग कर मूर्त रुप से अनुभव करें, अपने जिज्ञासु प्रश्न के उत्तर ढूंढने में प्रयासरत हों, सीखने के लिए उत्सुकता बनी रहे, ऐसी कार्यनीति बनाना अच्छा होगा
पर्यावरण अध्ययन अपने आसपास सामाजिक भौतिक सांस्कृतिक etc एकीकृत अध्ययन हैं जो किसी भी बिन्दू पर चर्चा के दौरान स्वतः अध्ययन में जुड़ जाता हैं वर्तमान परस्थिति मे covid19 को ध्यान मे रखते हुए स्वस्थ सुरक्षाऔर उनके उपयो पर अपने योगदान पर अध्ययन की जा सकती हैं 👍
कोर्स 03 गतिविधि 5 : सीखने के परिवेश का सृजन– अपने विचार साझा करें सीखने के परिवेश का सृजन करने के लिए अपने स्वयं के कुछ तरीके सोचें और अपने विचार साझा करें।
कोर्स 02 गतिविधि 2 : अपने विचार साझा करें माध्यमिक स्तर पर आई . सी . टी . आपके शिक्षण , अधिगम और मूल्यांकन कार्यों में कैसे सहयोग करती है ? अपनी समझ साझा करें।
कोर्स 08 : सीखने का आकलन गतिविधि 1 : अपने विचार साझा करें आकलन के ऐसे कौन-से प्रकार हैं जिन्हें आप बुनियादी अवस्था में बच्चों के साथ प्रयोग कर सकते हैं ? आकलन के प्रकारों की सूची बनाएं - विशेष रूप से लिखित परीक्षा से भिन्न आकलन के प्रकार सोचें। अपने विचार साझा करें।
Paryavaran adhyyan me sikhne k anubhavo ka niyojan sarjan aur aayojan aavashyak hai
ReplyDeleteजलीय जन्तु के भोजन के आधार पर कार्यनीति तैयार करूगी। जलीय जीव जल में कैसे रहते हैं।किस तरह से जल में रहकर अपना भोजन शैवाक से कैसे ग्रहण करें। छोटे जन्तु को बड़े मछली कैसे खाते हैं, मछली के अंडों से कितने मछली पैदा होते हैं। इसके लिए जल में रहने वाले मेंढक, मछली, कछुआ, पनडुब्बी आदि के जीवन के बारे मे समझना होगा।
Deleteकिसी विशेष बिन्दु पर कार्य योजना बनाने के लिए सबसे पहले परिवेश के साथ अंत:क्रिया करने में बच्चे आसानी से जुड़ सकते हैं।इसका पूर्ण ध्यान रखना होगा कि बच्चे और शिक्षक इसमें दोनो मिलकर सकारात्मक रूप से सहभागिता में शामिल ही सकें;तभी यह सार्थक होगा।
Deleteमैं *मिट्टी*थीम पर कार्ययोजना बनाना चाहूंगा। बच्चों के घरों में, पड़ोस में, आसपास,तथा खुद मिट्टी के क्या उपयोग है? विभिन्न गतिविधियों के लिए उन्हें मिट्टी कहां से प्राप्त होती है?किस किस प्रकार के मिट्टी उन्होंने देखा है?........
Delete
Deleteमैं *मिट्टी*थीम पर कार्ययोजना बनाना चाहूंगा। बच्चों के घरों में, पड़ोस में, आसपास,तथा खुद मिट्टी के क्या उपयोग है? विभिन्न गतिविधियों के लिए उन्हें मिट्टी कहां से प्राप्त होती है?किस किस प्रकार के मिट्टी उन्होंने देखा है?........
नेहरू लाल कुंभकार
UPS कच्छारपारा(निराछिंदली)
केशकाल, कोण्डागांव (छग)
गाँव के प्राथमिक शिक्षक होने के नाते मैं गाँव की संस्कृति पर कार्ययोजना बनाना चाहूँगा।जिससे बच्चों को अपनी संस्कृति का अच्छी समझ हो।
Deleteहवा प्रदूषण कैसे होता है हवा प्रदूषित होने के कारण निवारण पर योजना बनाऊँगी
ReplyDeleteकिसी विशेष टॉपिक पर कार्य योजना तैयार करने के लिए उस विषय को अच्छी तरह से समझना होगा।
ReplyDeleteविशेष टापिक के लिए पहले "थीम' पर विचार करते हुए निर्माण कर लेंगे, टापिक को ध्यान में रखते हुए उसकी उपलब्धता, उपयोग,महत्व बच्चों के साथ संबद्धता को ध्यान में रखते हुए एसी कार्यनीति जिसमें वे व्यक्तिगत एवं समूह के साथ अपने अधिक से अधिक ज्ञानेंद्रियों का उपयोग कर मूर्त रुप से अनुभव करें, अपने जिज्ञासु प्रश्न के उत्तर ढूंढने में प्रयासरत हों, सीखने के लिए उत्सुकता बनी रहे, ऐसी कार्यनीति बनाना अच्छा होगा।
DeleteParyavarn me not only biotic topic but iske sath social environment pe b charcha ki ja sakti h ..jisse ki bacho samksh paryavarn ka vistrit pahlu samne aaye ....
ReplyDeleteMiss Durga Tembhurkar
Govt. Middle school ranka
Dist Rajnandgaon cg
ReplyDeleteजलीय जन्तु के भोजन के आधार पर कार्यनीति तैयार करूगी। जलीय जीव जल में कैसे रहते हैं।किस तरह से जल में रहकर अपना भोजन शैवाक से कैसे ग्रहण करें। छोटे जन्तु को बड़े मछली कैसे खाते हैं, मछली के अंडों से कितने मछली पैदा होते हैं। इसके लिए जल में रहने वाले मेंढक, मछली, कछुआ, पनडुब्बी आदि के जीवन के बारे मे समझना होगा।
अजय कुमार शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला ओरंगा विकासखंड रामचंद्रपुर जिला बलरामपुर (छत्तीसगढ़) 497220.
ReplyDeleteकिसी विशेष टॉपिक पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व हम यह अवलोकन करेंगे कि उक्त योजना हमारे घर, समाज, गांव, राज्य, देश अथवा विश्व से संबंधित हो, तथा योजना हमारे परिवेश का अंग हो, जिसका लाभ शिक्षार्थी को उनके जीवन में भरपूर मिले।
किए गए कार्य योजना सार्थक एवं बहु उपयोगी हो, जैसे जल संरक्षण, वृक्षारोपण, वायु संरक्षण, भूमि संरक्षण, खेलों का आयोजन, सांस्कृतिक गतिविधियां, वीडियो, रेडियो, इंटरनेट, ऑनलाइन, ऑफलाइन आदि के माध्यम से ज्ञान संरक्षण करना शामिल है।
किसी बिंदु पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व हम यह अवलोकन करें कि उक्त योजना हमारे घर, समाज, गांव, राज्य, देश अथवा विश्व से संबंधित हो, तथा योजना हमारे परिवेश का अंग हो, जिसका लाभ शिक्षार्थी को उनके जीवन में भरपूर मिले तथा उसका सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो।
ReplyDelete
ReplyDeleteजलीय जन्तु के भोजन के आधार पर कार्यनीति तैयार करूगी। जलीय जीव जल में कैसे रहते हैं।किस तरह से जल में रहकर अपना भोजन शैवाक से कैसे ग्रहण करें। छोटे जन्तु को बड़े मछली कैसे खाते हैं, मछली के अंडों से कितने मछली पैदा होते हैं। इसके लिए जल में रहने वाले मेंढक, मछली, कछुआ, पनडुब्बी आदि के जीवन के बारे मे समझना होगा।
किसी बिंदु पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व हम यह अवलोकन करें कि उक्त योजना हमारे घर, समाज, गांव, राज्य, देश अथवा विश्व से संबंधित हो, तथा योजना हमारे परिवेश का अंग हो, जिसका लाभ शिक्षार्थी को उनके जीवन में भरपूर मिले तथा उसका सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो।
ReplyDeleteकिसी विशेष टॉपिक पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व यह अति आवश्यक है कि हम यह अवलोकन करें कि उक्त योजना हमारे घर, समाज, गांव, राज्य, देश अथवा विश्व के हित मे है कि नही।अगर हित में है तो यह योजना हमारे परिवेश का अंग हो, जिसका लाभ सभी को
ReplyDeleteउनके जीवन में भरपूर मिले।
किसी विशेष बिंदु पर योजना बनाने के लिए सबसे पहले समझना होगा तभी सकरात्मक परिणाम निकलेगा।
ReplyDeleteकिसी विशेष टॉपिक पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व यह अति आवश्यक है कि हम यह अवलोकन करें कि उक्त योजना हमारे घर, समाज, गांव, राज्य, देश अथवा विश्व के हित मे है कि नही।अगर हित में है तो यह योजना हमारे परिवेश का अंग हो, जिसका लाभ सभी को
Deleteउनके जीवन में भरपूर मिले
जलीय जन्तु के भोजन के आधार पर कार्यनीति तैयार करूगी। जलीय जीव जल में कैसे रहते हैं।किस तरह से जल में रहकर अपना भोजन शैवाक से कैसे ग्रहण करें। छोटे जन्तु को बड़े मछली कैसे खाते हैं, मछली के अंडों से कितने मछली पैदा होते हैं। इसके लिए जल में रहने वाले मेंढक, मछली, कछुआ, पनडुब्बी आदि के जीवन के बारे मे समझना होगा।(kk siware)
ReplyDelete, Pritan Kumar xess, जलीय जीव -जन्तु पर कार्य योजना बनांउगा
DeleteJelly jantu ke Aadhar per karya ne taiyar karungi.jal mein jio kaise rehte hain aur apne bhojan ka nirman kaise karte hain iske bare mein pata lagayenge.
ReplyDeleteजलीय जन्तु के भोजन के आधार पर कार्यनीति तैयार करूगी। जलीय जीव जल में कैसे रहते हैं।किस तरह से जल में रहकर अपना भोजन शैवाक से कैसे ग्रहण करें। छोटे जन्तु को बड़े मछली कैसे खाते हैं, मछली के अंडों से कितने मछली पैदा होते हैं। इसके लिए जल में रहने वाले मेंढक, मछली, कछुआ, पनडुब्बी आदि के जीवन के बारे मे समझना होगा
ReplyDeleteप्रदूषण कैसे होता है, क्यों होता है, क्या कारण है, निदान पर कार्य योजना बनाऊंगा।
ReplyDeleteपर्यावरण अध्ययन से छात्रों के मानसिक,शारीरिक,सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है। किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने के पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेगें, जानकारी एकत्रित करेगें , उस पर विचार करेगें कि टॉपिक सही है अथवा नही, उस टॉपिक से जुडे आवश्यक सामाग्रियों का संचय एवं प्रबंध करेगें फिर कार्यनीति बनाकर उसे लागू करेगें।
ReplyDeleteप्रदुषण के कारण उसके रोकथाम के उपाय का कार्य योजना बनाऊंगा
ReplyDeleteजल प्रदूषण पर कार्ययोजना बनाकर
ReplyDeleteसमाज को जागरूक करूँगा
जल के दोहन एवम संग्रहसनपर कार्य अयोजन बनाकर अधधनकरूँगा
ReplyDeleteParyavaran adhyayane m water ki uplabdhata upyog mahatva pradushan & pradushit water ke shodhan ke bare me ek karyaniti banayenge aur students ko jankari dena ki jal hi jivan hai
ReplyDeleteपृथ्वी पाल राठिया (प्राथमिक शाला रुपुंगा)
ReplyDeleteकिसी टॉपिक को चुनने के लिए उस क्षेत्र के परिवेश पर निर्भर करेगा उस परिवेश में किस प्रकार की समस्याएं हैं यह देखना पड़ेगा जिससे कि बच्चे उस समस्या से सीधे जुड़ाव महसूस करें ।
जलीय जनंतु के.भोजन के आधार पर कार्य नीति तैयार करूंंगी.जलीय जीव जल में कैसे रहते हैं।कि स तरह से जल में रहकर अपना भोजन शैवाल से कैसे ग़हण करें छोटे जनतु को बड़ी मछली कैसे खाते है।मछली के अंडों से कितने मछली पैदा होते है।इसके लिए जल में रहने वाले मेंढक, मछली, कछुआ, पनडुब्बी औंर जल प़दुषण के बारे मे जा नते.है।
ReplyDeleteजल प्रदूषित कैसे होता है, इसके क्या कारण हैं, प्रदूषित जल के के क्या दुष्प्रभाव होते हैं,नदियों और तालाबों को प्रदूषित होने से कैसे बचाया जा सकता है, इसके लिए क्या कर सकते हैं.
ReplyDeleteप्रदूषण कैसे होता है?क्यों होता है? क्या कारण है? और कैसे दूर किया जा सकता है? इस पर कार्य योजना बनाउंगी।
ReplyDeleteजल प्रदूषण पर कार्य योजना बनाकर समाज को जागरूक करूंगी।
ReplyDeletePure drinking water
ReplyDeleteTeacher will interact with students regarding where they obtain drinking water from, where they store the water, how do they use the water. Then the teacher will explain if they keep it fully covered then it is safe or if they use water filter it is safe for consumption. But they also have to use clean utensils to store the water.
प्रदूषण कैसे होता है, प्रदूषण के कारण एवम् उसके रोकथाम के उपाय पर कार्ययोजना बनाउगा
ReplyDeleteकिसी बिन्दु को समझ कर सकारात्मक परिणाम निकालना।
ReplyDeleteकिसी विशेष बिंदु पर योजना बनाने के लिए सबसे पहले समझना होगा तभी सकरात्मक परिणाम निकलेगा।
ReplyDeleteबच्चों के पूर्व ज्ञान का उस विशेष विषय के लिए क्या है जानेगे फिर उस ज्ञान को आज के ज्ञान से जोड़ सके उस पर कार्य करेंगे और बच्चों को सिखाने का कोशिश करेगे। ममता झा, छान्टा झा, बम्हनी संकुल
ReplyDeleteकिसी बिंदु पर कार्य-योजना तैयार करने के पूर्व हम जानकारी एकत्रित करेंगे इस पर विचार कर कार्य-नीति बना कर उसे लागू करेंगे।
ReplyDeleteहवा:एक प्राकृतिक संसाधन पर मैं एक कार्यनीति तैयार करना चाहूंगा कि हवा को देखा नहीं जा सकता, केवल महसूस किया जा सकता है।
ReplyDeleteनाम- छेडूराम भारव्दाज
ReplyDeleteपद- सहायक शिक्षक
प्रा.शा.लालघाट
किसी विशेष टॉपिक पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व हम यह अवलोकन करेंगे कि उक्त योजना हमारे घर, समाज, गांव, राज्य, देश अथवा विश्व से संबंधित हो, तथा योजना हमारे परिवेश का अंग हो, जिसका लाभ शिक्षार्थी को उनके जीवन में भरपूर मिले।
किए गए कार्य योजना सार्थक एवं बहु उपयोगी हो, जैसे जल संरक्षण, वृक्षारोपण, वायु संरक्षण, भूमि संरक्षण, खेलों का आयोजन, सांस्कृतिक गतिविधियां, वीडियो, रेडियो, इंटरनेट, ऑनलाइन, ऑफलाइन आदि के माध्यम से ज्ञान संरक्षण करना शामिल है।
बहुत अच्छा है
ReplyDeleteकिसी विशेष टॉपिक के लिए मैं बच्चों के पूर्व ज्ञान, उस विशेष टॉपिक के लिए आवश्यक संसाधनों की बच्चों के लिए उपलब्धता, उचित समय, अनुकूल वातावरण के आधार पर कार्यनीति बनाऊंगा।
ReplyDeleteजल प्रदूषण के बारे में समाज को जागृत करना
ReplyDeleteजलीय जन्तु के भोजन के आधार पर कार्यनीति तैयार करूगी। जलीय जीव जल में कैसे रहते हैं।किस तरह से जल में रहकर अपना भोजन शैवाक से कैसे ग्रहण करें। छोटे जन्तु को बड़े मछली कैसे खाते हैं, मछली के अंडों से कितने मछली पैदा होते हैं। इसके लिए जल में रहने वाले मेंढक, मछली, कछुआ, पनडुब्बी आदि के जीवन के बारे मे समझना होगा।किसी विशेष टॉपिक के लिए मैं बच्चों के पूर्व ज्ञान, उस विशेष टॉपिक के लिए आवश्यक संसाधनों की बच्चों के लिए उपलब्धता, उचित समय, अनुकूल वातावरण के आधार पर कार्यनीति बनाऊंगा
ReplyDeleteGeeta sahu - वायु प्रदूषण एवं ध्वनि प्रदूषण कैसे होता है इसके कारण एवं निवारण पर योजना बनाउंगी।
ReplyDeleteजलीय जन्तु के भोजन के आधार पर कार्यनीति तैयार करूगी। जलीय जीव जल में कैसे रहते हैं।किस तरह से जल में रहकर अपना भोजन शैवाक से कैसे ग्रहण करें। छोटे जन्तु को बड़े मछली कैसे खाते हैं, मछली के अंडों से कितने मछली पैदा होते हैं। इसके लिए जल में रहने वाले मेंढक, मछली, कछुआ, पनडुब्बी आदि के जीवन के बारे मे समझना होगा।किसी विशेष टॉपिक के लिए मैं बच्चों के पूर्व ज्ञान, उस विशेष टॉपिक के लिए आवश्यक संसाधनों की बच्चों के लिए उपलब्धता, उचित समय, अनुकूल वातावरण के आधार पर कार्यनीति बनाऊंगा
ReplyDeleteजलीय जन्तु के भोजन के आधार पर कार्यनीति तैयार करूगी। जलीय जीव जल में कैसे रहते हैं।किस तरह से जल में रहकर अपना भोजन शैवाक से कैसे ग्रहण करें। छोटे जन्तु को बड़े मछली कैसे खाते हैं, मछली के अंडों से कितने मछली पैदा होते हैं। इसके लिए जल में रहने वाले मेंढक, मछली, कछुआ, पनडुब्बी आदि के जीवन के बारे मे समझना होगा।किसी विशेष टॉपिक के लिए मैं बच्चों के पूर्व ज्ञान, उस विशेष टॉपिक के लिए आवश्यक संसाधनों की बच्चों के लिए उपलब्धता, उचित समय, अनुकूल वातावरण के आधार पर कार्यनीति बनाऊंगा
ReplyDeleteकिसी विशेष टॉपिक के लिए कार्यनीति तैयार करते समय सर्वप्रथम हम यह अवलोकन करेंगे यह किस तरह विद्यार्थियों के पूर्व ज्ञान से संबद्ध है और साथ ही हम उनके दैनिक जीवन से जुड़े हुए विषयों को टॉपिक विशेष से जोड़कर कार्यनीति का निर्धारण करेंगे।
ReplyDeleteShilpa Sahu M.S. Ghumka block and district Balod
ReplyDeleteKisi vishesh topik par yojna banate hue bachcho ke purv gaya ko dhyan me rakh ke va inke aas pass uplabdh sansadhano ko , bachcho ke drishtikon, samajh ko dhyan me rakh ke yojna banaenge.
किसी टापिक पर कार्य नीति तैयार करते समय उसके सभी पक्षों को कवर करने की कोशिश होगी ।छात्रों को पूर्ण जानकारी मिल सके।
ReplyDeleteकिसी बिंदु पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व हम यह अवलोकन करें कि उक्त योजना हमारे घर समाज गांव राज्य देश अथवा विश्व से संबंधित हो तथा योजना हमारे परिवेश का अंग हो, जिसका लाभ शिक्षार्थी को उनके जीवन में भरपूर मिले तथा उसका सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो।
ReplyDeleteउड़ने वाले जीवों के ऊपर कार्ययोजना तैयार करूंगा जिसमे बच्चे उड़ने वाले जीवों में अंतर कर उनके रहन सहन एवम् व्यवहार के बारे में कुछ सीख सके
ReplyDeleteसकारात्मक परिणाम निकालना।
ReplyDeleteकिसी बिंदु पर कार्य योजना तैयार करने के लिए हम उसे अवलोकन करें कि उक्त योजना हमारे घर समाज गांव देश अथवा विश्वा से संबंधित हो प्रथा योजना हमारे परिवेश का अंग हो जिसका लाभ विद्यार्थी को उनके जीवन में समग्र मिल सके तथा उसका सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो। जैसे कि जलीय जंतुओं को भोजन प्राप्त करने के लिए सावक पर निर्भर रहना पड़ता है जिस प्रकार की बड़ी मछली छोटी मछली को अपना भोजन बना लेती है इसी तरह जल में रहने वाले मछली मेंढक पनडुब्बी आदि अपना भोजन जल में ही रह कर बनाते हैं।
ReplyDeleteकिसी विशेष टॉपिक पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व हम यह देखेंगे कि उक्त कार्य योजना ब्यक्ति, समुदाय, गांव, राज्य, देश अथवा विश्व से
ReplyDeleteसंबंधित हो, जो हर दृष्टि से सभी का विकास कर सके।
अर्थात बनाई गई कार्य योजना बहुउपयोगी
एवं बहुउद्देशीय हो।
किसी बिंदु पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व हम यह अवलोकन करें कि उक्त योजना हमारे घर, समाज, गांव, राज्य, देश अथवा विश्व से संबंधित हो, तथा योजना हमारे परिवेश का अंग हो, जिसका लाभ शिक्षार्थी को उनके जीवन में भरपूर मिले तथा उसका सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो।
ReplyDeleteकिसी विशेष टाॅपिक पर कार्य करने के लिए कार्ययोजना तैयार कर पूर्व अनुभव के आधार पर बच्चों को गतिविधियां से जोड़ना, ताकि अच्छी समझ विकसित हो सके।
ReplyDeleteजलीय जंतु के भोजन के आधार पर कार्यनीति तैयार करूंगा। जलीय जीव जल में कैसे रहते हैं। किस तरह से जल में रहकर अपना भोजन सहवाग से कैसे ग्रहण करें। छोटे जंतु को बड़े मछली कैसे खाते हैं ।मछली के अंडों से कितने मछली पैदा होते हैं। इसके लिए जल में रहने वाले मेंढक मछली कछुआ के जीवन के बारे में समझना होगा।
ReplyDeleteजलीय जंतुओं को भोजन प्राप्त करने के लिए सावक पर निर्भर रहना पड़ता है जिस प्रकार की बड़ी मछली छोटी मछली को अपना भोजन बना लेती है इसी तरह जल में रहने वाले मछली मेंढक पनडुब्बी आदि अपना भोजन जल में ही रह कर बनाते हैं।
ReplyDeleteJal pradushan ko rokne hetu karya yojna banakar karya karungi aur samaj me apna sahyog pradan karungi.
ReplyDeleteमैं महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों मेंं से मिट्टी पर कार्य योजना तैयार करना चाहता हूं।इसके लिए छात्रों को खेत,खलिहानों का भ्रमण कराकर मिट्टी के नमूने एकत्रित करना,अवलोकन करना,, बनावट, उसके प्रकार,जल मेंं विलेयता, फसल के लिए उपयुक्तता की जानकारी के बाद अंत में निष्कर्ष पर पहुंचूंगा।
ReplyDelete्
किसी विशेष बिंदु पर कार्य योजना तैयार करने के लिए अवलोकन। करें कि योजना बच्चों के स्तर के हो बच्चों के परिवेश से मिलती हो।
ReplyDeleteकिसी टापिक पर कार्य योजना बनाने के लिए पूर्व अनुभव को समाहित करते हुए हमारे आसपास के वातावरण परिवेश गाँव समाज बच्चों की रूचि आदि को ध्यान में रखते हुए आगे की योजना बनायेगे। ( विनोद कुमार साहू)
ReplyDeleteपर्यावरण अध्ययन में सीखने के प्रतिफल के अपेक्षाओं से सीखने के प्रतिफल के विभिन्न गतिविधियों,प्रयोग ,अवलोकन ,निष्कर्ष के साथ विषय का विश्लेषण करेंगे ।धन्यवाद
ReplyDeletejal hi jiwan hai ,pr yojana banaungi
ReplyDeleteकिसी बिंदु पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व हम यह अवलोकन करें कि उक्त योजना हमारे घर, समाज, गांव, राज्य, देश अथवा विश्व से संबंधित हो, तथा योजना हमारे परिवेश का अंग हो, जिसका लाभ शिक्षार्थी को उनके जीवन में भरपूर मिले तथा उसका सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो।
ReplyDeleteकिसी विशेष टॉपिक पर रणनीति बनाने के लिए उस टॉपिक पर सबसे पहले जानकारी इकट्ठी करनी पड़ेगी l जैसे टॉपिक है जल के स्रोत तो जल के स्रोत कितने प्रकार के हमारे समाज में उपयोग किए जाते हैं यह हमारे पर्यावरण में कौन-कौन से जल के स्रोत हैं क्या रे जल के स्रोत मनुष्य के लिए उपयोगी है या अनुपयोगी है इस तरह से विभिन्न बिंदुओं पर हम उक्त टॉपिक पर जानकारी इकट्ठी करेंगे उसके पश्चात जानकारी को लिखित रूप में सुरक्षित करेंगे l
ReplyDeleteTheam. Save Tree per yojna banana. Baccho se jankari lena unke purve gyan ka pta lagana. Aas pas ka bharman kerna. Isme avlokan serve kerne ke liy samuh banana. Jankari prapt kerna. Baccho se likhit aur maoukhik anser lena. Media audio video net samagri ka upyog kerna. Koi atak kahani me bhag lerker samuday ko samil kerege. Palko ka sahyog leker baccho ki madad kiya ja sakta hai. Tree ke mahatav ko samjhna. Samuday ke sath trees lagana nigrani kerne me sahayog le ker report aur record tayar kerenge.
ReplyDeleteकार्य योजना बनाने से पहले देखेंगे कि विषय बच्चो से जुड़ा हुआ हो ताकि बच्चे सकारात्मक रूप से भाग ले और ध्यान देकर करें। तभी परिणाम संभव है।
ReplyDeleteटॉपिक जल संरक्षण ( जल बचाओ )
ReplyDeleteविषय आधारित चित्र बनाना, स्लोगन ,नारा,
आसपास जल संसाधन का अवलोकन करेगें,
विभिन्न विज्ञापन ,व समाचार पत्र के कटिंग कॉपी में चिपकाए, समूह कार्य आदि
कार्य योजना बना सकते हैं ।
जल प्रदूषण के लिए कार्ययोजना तैयार करूँगा जिसमें जल प्र दूषण के कारण, उपाय आदि के बारे में समझना होगा
ReplyDeleteजल के विभि न् न स्त्रोतों का पता लगाने उसमें पाये जाने वाले विभिन्न जीव जन्तुयों एवं पौधों को जानना जल स्त्रोतों में1 प्रदुषण और उसकी उ पल ब्धता जलस्रोतों को स्वच्छ रखने के त रीके पर विचा र- विमर्श एवं लेखन करुंगा
ReplyDeleteमैं प्राकृतिक संसाधन मिट्टी के बारे में अपनी कार्य योजना तैयार करूंगी । मिट्टी के प्रकार एवं उसका रंग, उपयोगिता के बारे में गतिविधियां करवाऊंगी।
ReplyDeleteकिसी विशेष थीम पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व हम यह अवलोकन करेंगे कि उक्त योजना हमारे घर, समाज, गांव, राज्य, देश अथवा विश्व से संबंधित हो, तथा योजना हमारे परिवेश का अंग हो, जिसका लाभ शिक्षार्थी को उनके जीवन में भरपूर मिले।
ReplyDeleteकिए गए कार्य योजना सार्थक एवं बहु उपयोगी हो, जैसे जल संरक्षण, वृक्षारोपण, वायु संरक्षण, भूमि संरक्षण, खेलों का आयोजन, सांस्कृतिक गतिविधियां, वीडियो, रेडियो, इंटरनेट, ऑनलाइन, ऑफलाइन आदि के माध्यम से ज्ञान संरक्षण करना शामिल है।
Bahut sundar
DeleteKisi vishes kary yojna tayar karne ke liy pehle avlokan karengekary yojna sarhak aur upyogi ho. Vrikha ropan van sanrakshan online offline adi ke madhayam se gyan sanrakshan karna shamil hai
ReplyDeleteजल ही जीवन है इस थीम पर जल का महत्व और जल संरक्षण के उपाय पर भी काम किया जा सकता है।
ReplyDeleteजल प्रदूषण पर कार्य योजना बनाकर समाज को जागरूक करना चाहूंगी।
ReplyDeleteजलीय जीव जन्तु के भोजन के आधार पर कार्यनीति तैयार कर कैसे रहते हैं कया खाते है उस पर विचार कर कायॅ करेगा चाहे वह जल प्रदूषण हो या समाज के बारे मे
ReplyDeleteJal pradushan par yojna banakar jagrukta failana.
ReplyDeleteजल प्रदूषण पर कार्य योजना बच्चों को जागरूक करने के लिए गतिविधि करवाना चाहते हैं।
ReplyDeleteकिसी विशेष टॉपिक पर किसी विशेष टॉपिक पर कार्य योजना तैयार करने के लिए हम पहले उस टॉपिक पर विस्तृत जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश करेंगे और यह प्रयास अवश्य करेंगे की उस टॉपिक को हमारे परिवेश से जुड़े सूचनाओं के आधार पर कार्य योजना बनाएं।
ReplyDeleteकिसी विशेष टॉपिक पर कार्य योजना को तैयार करने से पूर्व हमें यह जान लेना चाहिए कि उक्त योजना विषय वस्तु के साथ हमारे आस पास के सामाजिक परिवेश जुड़ा हो और शिक्षार्थी को समय पड़ने उसका अवलोकन करा सके ।
ReplyDeleteJaliy jeev jantu ke bhojan ke Aadhar par Katya Niti taiyar karna .jaliy jeev Hal me rahakar kis tarah bhojan grahan karte hai
ReplyDeleteजल प्रदूषित कैसे होता है, इसके क्या कारण हैं, प्रदूषित जल के के क्या दुष्प्रभाव होते हैं,नदियों और तालाबों को प्रदूषित होने से कैसे बचाया जा सकता है, इसके लिए क्या कर सकते हैं.
ReplyDeleteजल के समस्या पर कार्य योजना बनाकर समाज को जागरूक करूँगा।
ReplyDeleteकिसी विशेष बिन्दु पर कार्य योजना बनाने के लिए सबसे पहले परिवेश के साथ अंत:क्रिया करने में बच्चे आसानी से जुड़ सकते हैं। इसका पूर्ण ध्यान रखना होगा कि बच्चे और शिक्षक इसमें दोनो मिलकर सकारात्मक रूप से सहभागिता में शामिल हो सकें तभी यह सार्थक होगा।
ReplyDeleteकिसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने के पूर्व उस टॉपिक से जुड़े आवश्यक सामग्रियों का संचय एवं प्रबंध करेंगे।हम अवलोकन करेंगें कि चक्रण योजना हमारे घर, समाज,गांव, राज्य देश अथवा विश्व हित में हैकि नहीं जिसका लाभ शिक्षार्थियों को उनके जीवन में भरपूर मिले तथा उसका सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो।
ReplyDeleteचंद्रकला मौर्य
ReplyDeleteकिसी विशेष टॉपिक के लिए कार्य नीति बनाने से पूर्व हम उन विषयों को अच्छे से अवलोकन करेंगे बच्चों की समझ विकसित करने के लिए हम उस टॉपिक को विस्तारपूर्वक समझाएंगे। मैं विशेष रूप से पर्यावरण अध्ययन में आसपास के परिवेश को जोड़कर बच्चों की समझ विकसित करना चाहूंगी। पर्यावरण के अंतर्गत आसपास के परिवेश से बच्चों को बहुत कुछ सीखने को मिलता है जिससे उनका सर्वांगीण विकास होता है। बच्चों में रहन-सहन की व्यवस्था किस तरह से होती है प्राकृतिक अवस्था हवा पानी मिट्टी सभी की परख वह करते हैं।
किसी बिंदु पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व हम यह अवलोकन करें कि उक्त योजना हमारे घर, समाज, गांव, राज्य, देश अथवा विश्व से संबंधित हो, तथा योजना हमारे परिवेश का अंग हो, जिसका लाभ शिक्षार्थी को उनके जीवन में भरपूर मिले तथा उसका सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो।
ReplyDeleteजलीय जंतु के भोजन के आधार पर कार्यनीति तैयार करूंगा। जलीय जीव जल में कैसे रहते हैं। किस तरह से जल में रहकर अपना भोजन सहवाग से कैसे ग्रहण करें। छोटे जंतु को बड़े मछली कैसे खाते हैं ।मछली के अंडों से कितने मछली पैदा होते हैं।
ReplyDeleteकिसी बिंदु पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व हम यह अवलोकन करें कि उक्त योजना हमारे घर, समाज, गांव, राज्य, देश अथवा विश्व से संबंधित हो, तथा योजना हमारे परिवेश का अंग हो, जिसका लाभ शिक्षार्थी को उनके जीवन में भरपूर मिले तथा उसका सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो।
ReplyDeleteMaking the topic very interesting by using different techniques and activities keeping in mind the theme of the topic .
ReplyDeleteDivide the topic into small parts and the easier part should be explained first.
RADHAKRISHNA MISHRA
जल व वायु प्रदूषण के बारे में बच्चों को जागरूक करूगाँ
ReplyDeleteपर्यावरण अध्ययन में किसी विशेष टॉपिक पर कार्य योजना बनाते समय विषय से सम्बन्धी सभी परिवेशीय जानकारी का रुब्रिक्स तैयार करेंगे। तथा क्रियान्वन करेंगे।
ReplyDeleteकिसी विशेष टॉपिक के लिए कार्यनीति तैयार करते समय सर्वप्रथम हम यह अवलोकन करेंगे यह किस तरह विद्यार्थियों के पूर्व ज्ञान से संबद्ध है और साथ ही हम उनके दैनिक जीवन से जुड़े हुए विषयों को टॉपिक विशेष से जोड़कर कार्यनीति का निर्धारण करेंगे।
ReplyDeleteखुशहाली सोनी
बलौदा बाजार
पर्यावरण अध्ययन में किसी विशेष टॉपिक पर कार्य योजना बनाते समय विषय से संबंधित सभी परिवेशिय अनुभव का रुब्रिक्स तैयार करके क्रियान्वयन करेंगे और तभी यह सार्थक प्रयास होगा।
ReplyDeleteपर्यावरण अध्ययन में सीखने के प्रतिफल के अपेक्षाओं से सीखने के प्रतिफल के विभिन्न गतिविधियों,प्रयोग ,अवलोकन ,निष्कर्ष के साथ विषय का विश्लेषण करेंगे ।
ReplyDeleteकौशल टिकरिहा पूर्व मा़ शाला बठेना पाटन
ReplyDeleteकिसी बिंदु पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व हम यह अवलोकन करे कि उक्त योजना हमारे घर समाज गांव राज्य देश अथवा विश्व से संबंधित हो तथा योजना हमारे परिवेश का अंग हो जिसका लाभ शिक्षार्थी को उनके जीवन में भरपूर मिले तथा उसका सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो।
वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण के सम्बंध में बच्चों को होने वाले नुकसान को बताऊगा।
ReplyDeleteकिसी विशेष टॉपिक के लिए कार्यनीति तैयार करते समय सर्वप्रथम हम यह अवलोकन करेंगे। यह किस तरह विद्यार्थियों के पूर्व ज्ञान से संबद्ध है ,और साथ ही हम उनके दैनिक जीवन से जुड़े हुए विषयों को टॉपिक विशेष से जोड़कर कार्यनीति का निर्धारण करेंगे।
ReplyDeleteयोजना हमारे परिवेश का अंग हो, जिसका लाभ शिक्षार्थी को उनके जीवन में भरपूर मिले तथा उसका सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो.
ReplyDeleteपर्यावरण अध्ययन से छात्रों के मानसिक,शारीरिक,सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है।पर्यावरण के अंतर्गत आसपास के परिवेश से बच्चों को बहुत कुछ सीखने को मिलता है जिससे उनका सर्वांगीण विकास होता है। बच्चों में रहन-सहन की व्यवस्था किस तरह से होती है प्राकृतिक अवस्था हवा पानी मिट्टी सभी की परख वह करते हैं। जिसमें हवा पानी मिट्टी का संरक्षण कैसे करना है उसके बारे में जानते हैं एवं जल संरक्षण करने का उपाय को सीखते हैं
ReplyDeleteप्रदूषण पर मैं कार्य योजना बना लूंगा जिसमें अलग-अलग प्रकार के प्रदूषण वायु प्रदूषण जल प्रदूषण स्थल प्रदूषण बच्चों की एक चार ग्रुप बना करके उनको अलग-अलग प्रदूषण के बारे में पता करने के लिए प्रोजेक्ट कर दिया जाएगा और फिर उनकी द्वारा लिए गए आंकड़ों पर चर्चा और उस प्रदूषण से निपटने के उपाय के बारे में हम क्या कर सकते हैं इस प्रकार योजना पर मैं काम करूंगा
ReplyDeleteपालतू जानवरों के ऊपर कार्य योजना तैयार करूँगी।उनके रहने के स्थान,भोजन,इनसे मिलने वाली उपयोगी चीजें आदि पर कार्य नीति बनाऊँगी।
ReplyDeleteजलीय जन्तु के भोजन के आधार पर कार्यनीति तैयार करूगी। जलीय जीव जल में कैसे रहते हैं।किस तरह से जल में रहकर अपना भोजन शैवाक से कैसे ग्रहण करें। छोटे जन्तु को बड़े मछली कैसे खाते हैं, मछली के अंडों से कितने मछली पैदा होते हैं। इसके लिए जल में रहने वाले मेंढक, मछली, कछुआ, पनडुब्बी आदि के जीवन के बारे मे समझना होगा।
ReplyDeleteRajesh kumar Maheshwari
Teacher(L.B.)
MS kosamdih Masturi District-Bilaspur
किसी विशेष टॉपिक पर कार्य योजना बनाने से पहले मैं यह ध्यान रखूंगा और अवलोकन करूँगा की कार्ययोजना आस-पास के परिवेश से संबंधित हो। जिससे बच्चे अपने पूर्व ज्ञान से उसे जोड़ कर आसानी से सीख सके और उसका सकारात्मक परिणाम उन्हें मिल सके।
ReplyDeleteइन्द्र सिंह चन्द्रा , उच्च वर्ग शिक्षक , शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला काशीगढ़ , विकास खण्ड-जैजैपुर , जिला- जांजगीर-चांपा, (छ.ग.)
ReplyDeleteकिसी विशेष टॉपिक पर कार्यनीति (योजना) तैयार करने के पूर्व हम यह अवलोकन (खोज )करेंगे कि उक्त योजना हमारे घर , समाज , गांव, राज्य , देश अथवा विश्व से संबंधित हो। योजना हमारे परिवेश के लिए सर्वोपरि हो। जिसका लाभ शिक्षार्थी को उनके जीवन की कार्यशैली हेतु भरपूर मिले। कार्य योजना सार्थक एवं बहु उपयोगी हो , जैसे जल संरक्षण, वृक्षारोपण, भूमि संरक्षण , वायु संरक्षण , खेलों का क्रियान्वयन, सांस्कृतिक गतिविधियां , ऑनलाइन , इंटरनेट आदि के माध्यम से ज्ञान एवं कौशल संरक्षण करना शामिल है। यदि कार्य योजना अच्छी है जिसमें समस्त पहलुओं का समावेश है तो छात्रों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित है।
विशेष टॉपिक पर कार्ययोजना बनाने के पूर्व हम अवलोकन करेंगे कि ,उसका सही परिणाम और सही निष्कर्ष निकल सके जिसका फायदा उस कार्ययोजना के परिप्रेक्ष में संबंधित को मिल सके ।।।
ReplyDeleteजलीय जंतु के भोजन के आधार पर कार्य नीति तैयार करूंगी जल में जल जीव कैसे रहते हैं अपना भोजन शैवाक से ग्रहण करते हैं जल्दी जीव मछली कछुए के जीवन के बारे में समझना होगा
ReplyDeleteकिसी विशेष बिन्दु पर कार्य योजना बनाने के लिए सबसे पहले परिवेश के साथ अंत:क्रिया करने में बच्चे आसानी से जुड़ सकते हैं।इसका पूर्ण ध्यान रखना होगा कि बच्चे और शिक्षक इसमें दोनो मिलकर सकारात्मक रूप से सहभागिता में शामिल ही सकें;तभी यह सार्थक होगा।
ReplyDeleteजगत राम कश्यप (शिक्षक )
ReplyDeleteमाध्यमिक शाला :- केरगांव
विकासखंड +जिला :- गरियाबंद
वर्षा टॉपिक पर अध्ययन की कार्य योजना :-
वर्षा किसे कहते हैं? वर्षा कैसे होती है? भारत में वर्षा किस मौसम में सबसे अधिक होती है? बादल कैसे बनते हैं ?बादल से वर्षा कैसी होती है ? बादल से पानी के अतिरिक्त और कुछ गिरता है ? वर्षा की बूंदे बर्फ का गोला कैसे बन जाता है ?वर्षा होने पर धरती पर क्या परिवर्तन होते हैं ? वर्षा हमारे लिए क्यों आवश्यक है? अधिक वर्षा से होने पर क्या होगा ?कम वर्षा होने पर क्या होगा ? वर्षा की बूंदें बड़ी जलधारा कैसे बनती हैं? यह जलधाराएं कहां जाती हैं? हम वर्षा का इंतजार क्यों करते हैं? वर्षा के जल को इकट्ठा कर क्यों रखते हैं ? वर्षा को जल से हम क्या करते हैं? यदि पानी ही ना गिरे तो क्या होगा ? साल भर पानी गिरता रहे तो क्या होगा? सबसे कम वर्षा कहां होती है ? सबसे अधिक वर्षा कहां होती है ? पहाड़ों में अधिक वर्षा क्यों होती है ? क्या पेड़ पौधे अधिक होने पर पानी अधिक गिरता है ? मरुस्थल में कम पानी क्यों गिरता है?
किसी किसी विशेष बिंदु पर कार्य योजना तैयार करने के लिए पहले उसके बारे में जानकारी इकट्ठी करुगा। और यह योजना हमारे घर समाज गांव राज्य देश तथा विश्व से संबंधित तथा योजना हमारे परिवेश का अंग है इसका लाभ विद्यार्थी को उसके जीवन में भरपूर मिले और उसका सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो।
ReplyDeleteमैं मिट्टी पर कार्य योजना तैयार करूंगा इसके लिए छात्रों को खेत ,खलिहानों , बाग, बगीचों का भ्रमण कराकर विभिन्न प्रकार की मिट्टी एकत्रित करेंगे । उसका अवलोकन करेंगे। उसकी जल में विलय ता ज्ञात करेंगे और वह किस प्रकार की मिट्टी है, और कितनी उपजाऊ है, इसका निरीक्षण करेंगे। इन प्रक्रिया के पश्चात निष्कर्ष पर पहुंचेंगे।
Very good
Deleteकिसी बिन्दु पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व हमें यह समझना होगा कि यह कार्य योजना हमारे घर समाज प्रदेश देश से सम्बंधित हो तथा उसका बच्चॉ पर सकारात्मक प्रभाव पड़े
ReplyDeleteKISI BINDU PR KARYYOJNA ES PRAKAR TYAR KARE JISME BACHCHO KO AASANI SE SAMGH AAY GHYAN KO APNE PARIVASH SE JODDNE SE PARYAVARN VISHAY KO AASANI SE SAMGHAYA JA SAKTA HAI!
ReplyDeleteकिसी टापिक पर कार्य योजना निर्माण करने से पहले हमारे आसपास का परिवेश कैसा है बच्चो के साथ उस कार्य योजना का कितना उपयोग किया जा सकता है। (मिथिलेश साहू)
ReplyDeleteकिसी विशेष टाॅपिक पर अध्ययन के लिए कार्य योजना में मैं जल की उपयोगिता पर कार्य करना चाहूँगा क्योंकि गांव में लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है । बच्चों को हम बतायेंगे कि जल का उपयोग किस प्रकार करनी चाहिए शहरों में जल की किल्लत कितनी होती है वहां पर टैंकरों से सप्लाई की जाती है आज कई गांव में भी पानी की समस्या आने लगी है इसका मुख्य कारण है -वर्षा की कमी और इसके दुष्प्रभाव का कारण है प्रदूषण । हमें अपने घर, खेत, खलिहान, सड़कों के आस-पास अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने की आवश्यकता है सरकार इसके लिए कार्य कर रही है साथ ही हमें भी इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है- "जल है तो कल है "
ReplyDeleteसी. एस. सोरी
प्रा .शा.अलबेला पारा
बासनवाही
Cause of pollution , how to control I will make a project on it.
ReplyDeleteकिसी विशेष टॉपिक पर कार्य करने हेतु कार्ययोजना में पेड़और पौधे की उपयोगिता के बारे ने चर्चा करूँगा ।हमारे जीवन मे हम इनसे क्या प्राप्त करते है और इसे काटने से हमर क्या नुकसान है। रवि शंकर तिवारी शासकीय माध्यमिक शाला पारा डोल मनेन्द्रगढ़ कोरिया छत्तीसगढ़
ReplyDeleteकिसी भी विषयवस्तु पर कार्य योजना बनाते समय हमें विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है कि विषय वस्तु बच्चों के परिवेश से जुड़ा हो| जीवन के लिए अनिवार्य आवश्यकता में शामिल हो|जैसे-जल , वायु, भोजन, मिट्टी, पेड़-पौधे , आवास ,प्रकाश , आवागमन के साधन आदि| इसके लिए हमारे जीवन में आवश्यकता, प्राप्ति के साधन ,संवर्धन , संरक्षण पर धयान आकर्षित किया जा सकता है|इससे बच्चे जागरूक होंगे एवं अपने सुनहरे भविष्य को संरक्षित कर सकेंगे|
ReplyDeleteकिसी टॉपिक पर कार्ययोजना करने से पहले आस पास के परिवेश की विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है
ReplyDeleteकिसी विशेष टॉपिक पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व हम यह अवलोकन करेंगे कि उक्त योजना हमारे घर, समाज, गांव, राज्य, देश अथवा विश्व से संबंधित हो, तथा योजना हमारे परिवेश का अंग हो, जिसका लाभ शिक्षार्थी को उनके जीवन में भरपूर मिले।
ReplyDeleteकिए गए कार्य योजना सार्थक एवं बहु उपयोगी हो, जैसे जल संरक्षण, वृक्षारोपण, वायु संरक्षण, भूमि संरक्षण, खेलों का आयोजन, सांस्कृतिक गतिविधियां, वीडियो, रेडियो, इंटरनेट, ऑनलाइन, ऑफलाइन आदि के माध्यम से ज्ञान संरक्षण करना शामिल है।
जल प्रदूषण को रोकने के लिए समाज को जागृत करना
ReplyDeleteकिसी बिंदु पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व हम यह अवलोकन करें कि उक्त योजना हमारे घर, समाज, गांव, राज्य, देश अथवा विश्व से संबंधित हो, तथा योजना हमारे परिवेश का अंग हो, जिसका लाभ शिक्षार्थी को उनके जीवन में भरपूर मिले तथा उसका सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो। उस विषय पर उससे संबंधित सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना तैयार करेंगे ।जैसे जल संरक्षण, वृक्षारोपण, वायु संरक्षण, भूमि संरक्षण, खेलों का आयोजन, सांस्कृतिक गतिविधियां, वीडियो, रेडियो, इंटरनेट, ऑनलाइन, ऑफलाइन आदि के माध्यम से ज्ञान संरक्षण करना शामिल है।
ReplyDeleteकिसी विशेष विषय या टॉपिक पर कार्ययोजना बनाते समय उस विषय के बारे में सोचना होगा कि वह बच्चों के परिवेश व स्तर के लायक है या नहीं। फिर उस कार्ययोजना में क्या, क्यों, कैसे आदि प्रश्नों को ध्यान में रखकर योजना तैयार करना होगा।
ReplyDeleteपर्यावरण अध्ययन में सीखने के अनुभवों का नियोजन , सृजन और आयोजन आवश्यक है ।
ReplyDeleteजल ही जीवन है , जल के श्रोत , जल के संरक्षण के बारे में बताया जा सकता है |
ReplyDeleteकिसी विशेष टॉपिक पर योजना बनाने के पूर्व हमें सोचना होगा कि यह बच्चों के लिये उपयोगी है या नही।
ReplyDeleteजलीय जन्तु के भोजन के आधार पर कार्यनीति तैयार करूगी। जलीय जीव जल में कैसे रहते हैं।किस तरह से जल में रहकर अपना भोजन शैवाक से कैसे ग्रहण करें। छोटे जन्तु को बड़े मछली कैसे खाते हैं, मछली के अंडों से कितने मछली पैदा होते हैं। इसके लिए जल में रहने वाले मेंढक, मछली, कछुआ, पनडुब्बी आदि के जीवन के बारे मे समझना होगा।
ReplyDeleteजलीय जन्तु के भोजन के आधार पर कार्यनीति तैयार करूगी। जलीय जीव जल में कैसे रहते हैं।किस तरह से जल में रहकर अपना भोजन शैवाक से कैसे ग्रहण करें। छोटे जन्तु को बड़े मछली कैसे खाते हैं, मछली के अंडों से कितने मछली पैदा होते हैं। इसके लिए जल में रहने वाले मेंढक, मछली, कछुआ, पनडुब्बी आदि के जीवन के बारे मे समझना
ReplyDeleteAnita Singh
ReplyDeleteRaipur
किसी भी topic पर कार्ययोजना बनाने से पहले ये वचार करना होगा कि योजना बच्चों के परिवेश से जुड़ीं हो, उनके पूर्व ज्ञान सर से जोड़ते हुए योजना बनाना आवश्यक है।जिससे बच्चों को सीखने और समझकर अभिव्यक्त करने में सरल हो। जैसे गांव में साफ-सफाई के लिए योजना बनाकर पढ़ना ।इस टॉपिक को बच्चे आसानी से समझेंगे और स्वयं करके अपनी भागीदारी अच्छे से देंगे।बच्चों में अधिगम स्तर भी अच्छा होगा।
मैं पर्यावरण और प्रदूषण इस विषय पर कार्यनीति तैयार करूँगी । साथ ही उन्हें विज्ञान में सतत उपयोग के बारे में भी समझना चाहूंगा। आने वाली पीढ़ी को इन बातों के बारे में गहरी जानकारी एवं रुचि होना आवश्यक है ।
ReplyDeleteकिसी बिन्दु पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व हमें यह समझना होगा कि यह कार्य योजना हमारे घर समाज प्रदेश देश से सम्बंधित हो तथा उसका बच्चॉ पर सकारात्मक प्रभाव पड़े
ReplyDeleteहम जल संसाधन पर योजना बना कर कार्य करना पसंद करेंगे। जल के स्त्रोत, जल का उपयोग एवं जल के दुरुपयोग से बचने के उपाय के तौर-तरीकों पर, इन सभी विषयों कार्य करना, सभी प्राणियों के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा।
ReplyDeleteप्रदूषण कैसे होता है क्यो होता है इस पर कार्य योजना बनौगी ताकि बच्चे भी समझ सके
ReplyDeleteजलीय जन्तु के भोजन के आधार पर कार्यनीति तैयार करूगी। जलीय जीव जल में कैसे रहते हैं।किस तरह से जल में रहकर अपना भोजन शैवाक से कैसे ग्रहण करें। छोटे जन्तु को बड़े मछली कैसे खाते हैं, मछली के अंडों से कितने मछली पैदा होते हैं। इसके लिए जल में रहने वाले मेंढक, मछली, कछुआ, पनडुब्बी आदि के जीवन के बारे मे समझना होगा।
ReplyDeleteParyavaran adhyyan me sikhne k anubhavo ka niyojan sarjan aur aayojan aavashyak hai
ReplyDeleteमैं जल के अपव्यय व जल भण्डारण पर कार्यनीति बनाना चाहती हु क्योंकि जल के अपव्यय से जल का भारी नुकसान होता है क्योंकि पीने का साफ पानी बहुत ही सीमित मात्रा मे उपलब्ध है देश की आधी आबादी को साफ पीने का पानी बड़ी मुश्किल से मिल पाता है इस हेतु अपव्यय रोकने के साथ भण्डारण के उपाय करना भी आवश्यक है अतः इस पर कार्यनीति बनाकर काम करना जरुरी है
ReplyDeleteI would like to make an action plan on the *clay* theme. What is the use of soil in children's homes, in the neighborhood, and around? Where do they get soil from various activities?which type of soil they have they seen?
ReplyDeleteकिसी भी टापिक पर कार्ययोजना तैयार करने से पहले हमें परिवेश को भी ध्यान में रखना चाहिए। हमें बच्चों के आसपास के परिवेश से कार्ययोजना तैयार करना चाहिए, ताकि बच्चों को समझने में मदद मिलेगी।
ReplyDeleteमै मृदा प्रदूषण पर कार्य करना चाहूँगा कि कैसे हमारा मिट्टी दिनोदिन प्रदूषित होते जा रहा है।इस विषय पर कार्य योजना बना कर बच्चों के साथ साझा करूँगा।
ReplyDeleteविशेष टापिक के लिए पहले "थीम' पर विचार करते हुए निर्माण कर लेंगे, टापिक को ध्यान में रखते हुए उसकी उपलब्धता, उपयोग,महत्व बच्चों के साथ संबद्धता को ध्यान में रखते हुए एसी कार्यनीति जिसमें वे व्यक्तिगत एवं समूह के साथ अपने अधिक से अधिक ज्ञानेंद्रियों का उपयोग कर मूर्त रुप से अनुभव करें, अपने जिज्ञासु प्रश्न के उत्तर ढूंढने में प्रयासरत हों, सीखने के लिए उत्सुकता बनी रहे, ऐसी कार्यनीति बनाना अच्छा होगा
ReplyDeleteजल प्रदूषण कैसे होता है => जल प्रदूषण के कारणों को अन्वेषण किया जाएगा जल को छात्रों को उसके स्रोतों के बारे में बताया जाएगा
ReplyDeleteमैं गांव से ताल्लुक रखता हूं मैं गांव के स्कूल में पढ़ाता हूं इसीलिए मैं अपने बच्चों को अपने उनकी संस्कृति से संबंधित शिक्षा जो उनके लिए उपयोगी है उसे देना चाहूंगा
ReplyDeleteKisi vishay PR karyojana banane se pahale har pahaluo PR vichar karke
ReplyDeleteKarya Yojana taiyar karunga
किसी बिंदु ( गाँव की संस्कृति ) पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व हम यह अवलोकन करें कि उक्त योजना हमारे घर, समाज, गांव, राज्य, देश अथवा विश्व से संबंधित हो, तथा योजना हमारे परिवेश का अंग हो, जिसका लाभ शिक्षार्थी को उनके जीवन में भरपूर मिले तथा उसका सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो।
ReplyDeleteआफिजा मलिक प्राथमिक शाला नवाटोला लोहारी
किसी विशेष टॉपिक पर कार्ययोजना तैयार करने के पूर्व हम यह अवलोकन करेंगे कि उक्त योजना हमारे समाज, परिवेश, गांव, राज्य अथवा देश से सम्बंधित हो.। जिसका लाभ बच्चों को जीवन में भरपूर मिले, जैसे वृक्षारोपण, भूमिसंरक्षण, जल संरक्षण एवं वनसंरक्षण आदि ।
ReplyDeleteजल प्रदूषण एवं कारण एवं उसके निदान पर छात्रों का प्रोजेक्ट वर्क कराया जा सकता है क्योंकि यह वर्तमान समय की प्रमुख समस्या है जिससे हम सामना करते हैं
ReplyDeleteकिसी विशेष टापिक पर कार्य योजना तैयार करने के लिए उस विषय को अच्छी तरह से समझना जरूरी है।
ReplyDeleteMai paryavaran pradushan ke ke bare me jagruk ta lane vishes prayas karunga karya yojna banakar...logo ko protsahit karunga...jitna mujhse hi sake....thanks
ReplyDeleteKisi topic ko pdhane se pahele basic chin ko btna uske bad m JAL , Mrida prdushan k bare m pura knowledge dungi
ReplyDeleteKoi bhi topic ko pdhane k liye ooske basics jaana jroori hota h.
ReplyDeleteकिसी विशेष टॉपिक पर कार्य योजना तैयार करने के लिए हमें बच्चों के परिवेश को ध्यान में रखना होगा कि उक्त योजना हमारे घर, परिवार, समाज, गांव, राज्य, देश अथवा विश्व से संबंधित हो, तथा
ReplyDeleteजिसका लाभ शिक्षार्थी को उनके जीवन में भरपूर मिले।कार्य योजना सार्थक एवं बहु उपयोगी हो, जैसे जल संरक्षण, वृक्षारोपण आदि।
जलीय जंतु अपने आवास में भोजन ग्रहण कैसे करते हैं और उनका जीवन चक्र किस प्रकार जेल में पूर्ण होता है इसे समझना समझाना होगा जल में रहने वाले छोटे-मोटे जीव जैसे कि मेंढक सवाल कमाल जलकुंभी कछुआ मछली आदि आपस में कैसे निबाह करते हैं इन चीज को बच्चों को अच्छे से समझाया जा सकता है इस थीम पर कार्य करके
ReplyDeleteजल ही जीवन है, जल के श्रोत,जल के संरक्षण के बारे में बताया जा सकता है।
ReplyDeleteजल प्रदूषण के कारण एवं निदान, जल सरंक्षण के सबंध में छात्रों को जागरूक करना चाहिए।
DeleteKisi vishesh topic par karyojana banane ke liye phle topic chun le, use is trh se baccho ko bataya jaye ki wo khud ko us vishay k sath jod sake, fir usse judi sabhi chijo ko ek k baad ek batate chale ,baccho k vichar bhi liye ja sakte h, uske labh hani dono pakcho pr charcha ki jaye
ReplyDeleteउस टॉपिक की उपयोगिता ,प्रभवशीलता,और दूरगामी परिणाम को देखते हुए ही मै कार्यनीति बनाऊंगा,जो सभी को प्रभावित करे,
ReplyDeleteकिसी भी टॉपिक और उसके थीम केआधार पर हम कार्य योजना और उसका रूपरेखा तैयार करते है।साथ ही साथ आकलन के लिए एक मापदंड भी तैयार करना चाहिए फिर हमें व्यक्तिगत या समूहों में कार्यविवरण बनाना चाहिए।तब किसी थीम पर विचार और अनुभव साझा करने तथा प्रयोग,अन्वेषण इत्यादि पर टॉपिक के आधार पर चर्चा करना चाहिए।..H.L.Darro Bhanu pratap our
ReplyDeleteगाँव के प्राथमिक शिक्षक होने के नाते मैं गाँव की संस्कृति पर कार्ययोजना बनाना चाहूँगा।जिससे बच्चों को अपनी संस्कृति की अच्छी समझ हो। उनके पारंपरिक संस्कृति में किस तरह के कार्य होते हैं उसे वे जान सके अच्छे से समझ सके और अपनी परंपरा को वे आगे बढ़ाते रहें आगे।
ReplyDeleteकोई भी टापिक पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व अवलोकन करने की ज़रुरत है उक्त योजना हमारे परिवेश, गाँव से संबंधित हो जिससे बच्चे अपने परिवेश के बारे में जानकारी एकत्रित कर सके और अपने जीवन में इसका महत्व समझ सके। जो सभी के हित में है।
ReplyDeleteउस टॉपिक से संबंधित सभी पहलुओं को point out करके उन points पर विस्तृत चर्चा-परिचर्चा की योजना बनाऊँगा, फिर उसमें से महत्वपूर्ण बिंदुओं को बोर्ड पर प्रदर्शन करूंगा |
ReplyDeleteपेड़ पौधे थीम को लेकर कार्य योजना तैयार कर सकते हैं। बच्चों को पूर्व ज्ञान होता है वे पेड़ पौधे से भली भांति परिचित होते हैं।फल फूल, आकार, कांटेदार,झाड़िदार आदि रूप में वर्गीकृत कर सकते हैं। अलग-अलग उपयोग भी बता सकते हैं।
ReplyDeleteप्रदूषण के कारण एवं उनके निवारण के उपाय हेतु योजना बनाना
ReplyDeleteTheam aur up-theam ke sath rubix ka istemal mere karya ko bachho tk aasani se pucha skta h.
ReplyDeleteIn order to prepare an action plan on a particular topic, we have to keep in mind the environment of the children that the said plan should be related to our home, family, society, village, state, country or world, and the
ReplyDeletebenefit of which the learner gets in their life The work plan should be meaningful and multi-useful, such as water conservation, plantation etc.
किसी विशेष टॉपिक पर कार्ययोजना तैयार करने के पूर्व हम यह अवलोकन करेंगे कि उक्त योजना हमारे समाज, परिवेश, गांव, राज्य अथवा देश से सम्बंधित हो.। जिसका लाभ बच्चों को जीवन में भरपूर मिले, जैसे वृक्षारोपण, भूमिसंरक्षण, जल संरक्षण एवं वनसंरक्षण आदि
ReplyDeleteमैं* मिट्टी*थीम पर कार्य योजना तैयार करना चाहुंगी। मिट्टी के क्या क्या उपयोग है। घर, खिलौना बनाने, मूर्ती बनाने आदि के लिए किस तरह के मिट्टी की जरूरत पड़ती है।
ReplyDeleteकार्यनीति में बच्चों के समझ के अनुसार प्राकृतिक से सारोकार नजदीकी पार्क भ्रमण यात्रा में दिखे पनस्पति जीवजन्तु आदि से परिचित करुगा। विशेस योजना से ही उन्हें एक एक करके पर्यावरण से रुब रु करुगा। जल पेड़ पौधे जीवजन्तु परिवार आवास आदि को गतिविधि से समझाया करूँगा।
ReplyDeleteसंतोष जोशी संंकुल नवागांव जलीय जन्तु के निवास के आधार पर कार्यनीति तैयार करना । जलीय जीव जल में कैसे रहते हैं।किस तरह से जल में रहकर अपना भोजन कैसे
ReplyDeleteग्रहण करें। छोटे जन्तु को बड़े मछली कैसे खाते हैं, मछली के अंडों से कितने मछली पैदा होते हैं। इसके लिए जल में रहने वाले मेंढक, मछली, कछुआ, पनडुब्बी आदि के जीवन के बारे मे समझना होगा गांव के बच्चे तालाब नदी नाले से परिचित होते है परन्तु नदी की उपलब्ध ता सभी जगह मुश्किल है अतः उनमें निवास करने वाले जीवों की समझ बढाने पर कार्यनीति आवश्यक है।
किसी बिंदु पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व हम यह अवलोकन करें कि उक्त योजना हमारे घर, समाज, गांव, राज्य, देश अथवा विश्व से संबंधित हो, तथा योजना हमारे परिवेश का अंग हो, जिसका लाभ शिक्षार्थी को उनके जीवन में भरपूर मिले तथा उसका सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो।
ReplyDeleteआज वायु प्रदूषण बहुत बढ़ गया है। हवा प्रदूषित होनें के कारण जानकर उसका निवारण करने के लिए योजना बनाऊंगा।
ReplyDeleteपर्यावरण अध्ययन से छात्रों के मानसिक, शारीरिक, सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है।किसी भी विषय पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस विषय पर खोज करेंगे, जानकारी एकत्र करके उस पर विचार करेंगे ताकि यह पता चल सके कि विषय सही है या नहीं। उस विषय से जुड़े वस्तुओं का प्रबंध करके कार्यनीति बनाएँगे फिर उसे लागू करेंगे।
ReplyDeleteकिसी विशेष टाॕपिक पर कार्य करने से पहले हमे परिवेश को भी ध्यान मे रखना चाहिए|हमे बच्चों के आसपास के परिवेश से कार्ययोजना तैयार करना चाहिए |जिससे बच्चों में अच्छी समझ विकसित हो सके|
ReplyDeleteकोई भी टापिक पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व अवलोकन करने की ज़रुरत होती है योजना हमारे परिवेश या गाँव से संबंधित हो जिससे बच्चे अपने परिवेश व गाँव के बारे मे जान सके समझ सके और अपने जीवन में इसका महत्व समझ सके जो सभी के हित के लिए हो पर्यावरण अध्ययन से सर्वांगीन विकास होता है।
ReplyDeleteकिसी विशेष टॉपिक के लिए कार्यनीति तैयार करने के लिए निम्न आधारों की आवश्यकता होगी
ReplyDelete1. उत्पत्ति व संरचना,
2. वैज्ञानिक सिद्धांत व प्रक्रियाएं,
3. सामाजिक व सांस्कृतिक पहलू,
4. संरक्षण,
5. उपयोगिता,
6. सामाजिक, सांस्कृतिक सरोकार
किसी विशेष टॉपिक के लिए कार्यनीति तैयार करने के लिए निम्न आधारों की आवश्यकता होगी
Delete1. उत्पत्ति व संरचना,
2. वैज्ञानिक सिद्धांत व प्रक्रियाएं,
3. सामाजिक व सांस्कृतिक पहलू,
4. संरक्षण,
5. उपयोगिता,
6. सामाजिक, सांस्कृतिक सरोकार
किसी विशेष बिन्दु पर योजना बनाने के लिये सबसे पहले समझना होगा तभो सकारात्मक परिणाम निकलेगा।
ReplyDeleteप्रदूषण के कारण व रोकथाम पर कार्य योजना बनाऊंगी के लिए सर्वप्रथम बच्चों के पूर्व ज्ञान को ध्यान में रखते हुए उसे आज के ज्ञान से जोड़कर आगे की कार्यनीतियों को तैयार करूंगी।
ReplyDeleteकिसी विशेष टापिक पर कार्य योजना तैयार करने से पहले उस विषय वस्तु का गहन अध्ययन करने की आवश्यकता होगी।उसके बाद ही उसकी कार्य योजना तैयार की जा सकती है।
ReplyDeleteकिसी विशेष बिन्दु पर कार्य योजना बनाने के लिए सबसे पहले परिवेश के साथ अंत:क्रिया करने में बच्चे आसानी से जुड़ सकते हैं।इसका पूर्ण ध्यान रखना होगा कि बच्चे और शिक्षक इसमें दोनो मिलकर सकारात्मक रूप से सहभागिता में शामिल ही सकें;तभी यह सार्थक होगा।
ReplyDeleteमै वायु के ऊपर कार्य योजना तैयार करना चाहूंगा।कार्य योजना के क्रम निम्नलिखित होगा--
ReplyDelete1-वायु क्या है?
2-वायु की उतपत्ति कहाँ से होती है?
3-वायु की क्या उपयोगिता है?
बच्चों को समूह में बांट कर सहभागिता से इस विषय को समझाने का प्रयास करूंगा।
किसी विशेष टॉपिक के लिए कार्यनीति का आधार बच्चे के परिवेश को सबसे पहले ध्यान में रखना होगा ततपश्चात बच्चों का उस विषय के सम्बंध में पूर्वज्ञान को ध्यान में रखकर कार्यनीति तैयार की जाय तो उनके लिए विषय को समझना आसान हो जाएगा
ReplyDeleteकिसी भी थीम पर काम करने के लिए सबसे पहले ये जरूरी होता है कि हमको करना क्या है कार्य योजना तैयार कर बारीकियों पर विशेष ध्यान देना पड़ेगा तभी हम सकारात्मक नतीजा प्राप्त होगा
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ReplyDeleteकिसी विशेष टाफिक पर कार्ययोजना तैयार करने के पूर्व विषयवस्तु का अवलोकन करेंगे।
ReplyDeleteकिसी विषय-वस्तु की प्रभावी कार्ययोजना बनाते समय यह ध्यान रखा जाए : विषय वस्तु का पूर्व अवलोकन , बच्चो के परिवेश से जुडाव,उनकी सक्रिय भागीदारी एवं सकारात्मक प्रतिफल की प्राप्ति होवे।
ReplyDeleteकिसी भी टापिक पर कार्य योजना तैयार करने से पहले उसे अच्छी तरह से समझना होगा । जैसे कि ' जल ' के बारे में कार्य योजना बनाने के लिए उसके महत्व ' उपयोगिता ' स्वच्छता आदि को समझना जरूरी है ।
ReplyDeleteकिसी विशेष टापिक पर शिक्षण कार्यनीति बनाते समय हम बच्चों के स्थानीय परिवेश एवं स्थितियों को, बच्चों के सहज एवं प्रभावी अधिगम आधारित कार्यनीति बना कर कार्य करेंगे!
ReplyDeleteऐसे वनस्पति जो हमारे आसपास हैं और औषधि रूप में उपयोगी है जैसे तुलसी नीम हर्रा बहेड़ा आंवला गुड मुड़ी चिरचिटा को पहचानना उनके औषधि गुण को अपने मोहल्ले या घर के बड़ों से जानना और सूची बंद करना इस पर काम करना चाहूंगा
ReplyDeleteKisi vishesh topic par kaarya yojna banane se pehle uski theme par vichaar karna chahiye aur uske baad use vaastavik jeevan se jod kar bachchon ke saamne prastut karna chahiye.
ReplyDeleteकिसी विशेष टॉपिक पर कार्य योजना तैयार करने के पूर्व हम यह देखेंगे कि उक्त कार्य योजना ब्यक्ति, समुदाय, गांव, राज्य, देश अथवा विश्व से
ReplyDeleteसंबंधित हो, जो हर दृष्टि से सभी का विकास कर सके।
अर्थात बनाई गई कार्य योजना बहुउपयोगी
एवं बहुउद्देशीय हो।
किसी विशेष टॉपि के लिए कार्यनीति तैयार करने के लिए सबसे पहले बच्चों के आसपास के परिवेश का टॉपिक लूंगी जिससे बच्चे आसानी से अंतः क्रिया कर सके। स्थानीय परिवेश से बच्चे सहज व प्रभावी रूप से सकारात्मकता के साथ भागीदार बन सकते हैं।
ReplyDeleteLouis bhi bindu par karyayojna banaunga
ReplyDeleteविशेष टापिक के लिए पहले "थीम' पर विचार करते हुए निर्माण कर लेंगे, टापिक को ध्यान में रखते हुए उसकी उपलब्धता, उपयोग,महत्व बच्चों के साथ संबद्धता को ध्यान में रखते हुए एसी कार्यनीति जिसमें वे व्यक्तिगत एवं समूह के साथ अपने अधिक से अधिक ज्ञानेंद्रियों का उपयोग कर मूर्त रुप से अनुभव करें, अपने जिज्ञासु प्रश्न के उत्तर ढूंढने में प्रयासरत हों, सीखने के लिए उत्सुकता बनी रहे, ऐसी कार्यनीति बनाना अच्छा होगा
ReplyDeleteपर्यावरण अध्ययन अपने आसपास सामाजिक भौतिक सांस्कृतिक etc एकीकृत अध्ययन हैं जो किसी भी बिन्दू पर चर्चा के दौरान स्वतः अध्ययन में जुड़ जाता हैं वर्तमान परस्थिति मे covid19 को ध्यान मे रखते हुए स्वस्थ सुरक्षाऔर उनके उपयो पर अपने योगदान पर अध्ययन की जा सकती हैं 👍
ReplyDeleteप्रदूषण कैसे होता है?क्यों होता है? क्या कारण है? और कैसे दूर किया जा सकता है? इस पर कार्य योजना बनाउंगी।
ReplyDeleteकिसी थीम को लेकर उसके प्रासंगिकता क़ो देखते हुए कार्ययोजना बनाऊंगा।
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