मॉड्यूल 7
गतिविधि 3: विचार करें
अपने राज्य / केंद्रशासित प्रदेश के किसी भी विषय / कक्षा के पाठ्यक्रम और प्रारंभिक चरण पर एनसीईआरटी दस्तावेज में उस विषय / कक्षा में सीखने के प्रतिफल को भी देखें। आपको क्या लगता है कि दोनों कैसे संबंधित हैं?
चिंतन के लिए कुछ समय लें और कमेंट बॉक्स में अपनी टिप्पणी दर्ज करें ।
प्रत्येक कक्षा का पाठ्यक्रम और उससे संबंधित सीखने के प्रतिफल का आपस मेंं घनिष्ठ संबंध है जो विषय से संबंधित गुणवत्ता पर आधारित है।
ReplyDeleteपाठ्यक्रम बच्चों को अधिगम के लिए विषय-वस्तु प्रदान करता है, वहीं सीखने के प्रतिफल उसके गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुनिश्चित करती है।
Deleteपाठ्यक्रम और सीखने के प्रतिफल में गहरा संबंध होता है। पाठ्यक्रम चाहे किसी भी विषय का हो, किसी भी राज्य का हो बच्चों के विभिन्न गुणों,कौशलों को निखारने में मदद करता है। सीखने के प्रतिफल प्राप्त कर छात्र उन कौशलों को प्राप्त कर आगे बढ़ता है।
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Deleteपाठ्यक्रम बच्चों को अधिगम के लिए विषय वस्तु प्रदान करता है वही सीखने के प्रतिफल उसके गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुनिश्चित करती है।
Deleteपाठ्यक्रम बच्चों को अधिगम के लिये विषय वस्तु प्रदान करता है,वहीं सीखने के प्रतिफल उसके गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के कौशल को प्राप्त कर आगे बढ़ने में सहायक एवं मददगार है।
DeletePathyakram aur sikhne sambandhit pratifal jo vidhay aaadharit ho is bat pr nirbhar krta hai ki mulyankan ki gunvatta kis prakar hai
ReplyDeleteदोनों में घनिष्ठ संबंध है क्योंकि एनसीईआरटी के गाइडलाइन अनुसार ही राज्य की शिक्षा संचालित होती है।
ReplyDeleteदोनों मे गहरा संबंध है जो विषय से संबंधित गुणवत्ता पर आधारितहै जिससे बच्चों मे समझ विकसित करने मे मदद मिलती है |
Deleteकिसी भी राज्य स्तर के प्रतिफल एनसीआरटी के प्रतिफल का ही पूरक है।
ReplyDeleteएनसीईआरटी और एससीईआरटी दोनों ही संस्था एक दूसरे के पूरक हैं क्योंकि दोनों के ही पाठ्यक्रम में हमेशा कुछ न कुछ समानता पाई गई है जो अति आवश्यक भी है
ReplyDeleteदोनों में संबंध है ।NCERTके गाइड लाइन के अनुसार ही राज्य की शिक्षा संचालित होती हैं ।जो विषय संबंधित गुणवत्ता पर आधारित होती हैं
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ReplyDeleteएनसीईआरटी और एससीईआरटी के गाइडलाइन के अनुसार शिक्षा व्यवस्था संचालित होती है।
ReplyDeleteदोनों में एक गहरा संबंध है क्योंकि ncert के guidelines के आधार पर ही scert भी शिक्षा व्यवस्था संचालित करता है।
ReplyDeleteNCERT और SCERT दोनों में गहरा सम्बन्ध है| NCERT की गाइडलाइन के अनुसार राज्य की शिक्षा व्यवस्था संचालित होती है|
DeleteDono me gahara sambandh hai
ReplyDeleteप्रत्येक कक्षा का पाठ्यक्रम और उससे संबंधित सीखने के प्रतिफल का आपस मेंं घनिष्ठ संबंध है जो विषय से संबंधित गुणवत्ता पर आधारित है।
ReplyDeleteदोनों में एक गहरा संबंध है क्योंकि ncert के guidelines के आधार पर ही scert भी शिक्षा व्यवस्था संचालित करता है।
ReplyDeleteDono ka lakshya str anusar gunvatta ki prapti hai
ReplyDeleteएन सी ई आर टी आर एससीईआरटी में में गहरा संबंध है क्योंकि एनसीईआरटी के अनुरूप ही एससीईआरटी कार्य करता है इसलिए दोनों का संबंध गहरा होता है
ReplyDeleteपाठ्यक्रम ओर सीखने के प्रतिफल का आपस मे गहरा सम्बन्ध है । एक के बिना दूसरा अधूरा है ।
ReplyDeleteदोनों में संबंध है । NCERT के गाइड लाइन के अनुसार ही राज्य की शिक्षा संचालित होती हैं ।जो विषय संबंधित गुणवत्ता पर आधारित होती हैं । अतः दोनों में गहरा संबंध है ।
ReplyDeleteदोनों में संबंध है । NCERT के गाइड लाइन के अनुसार ही राज्य की शिक्षा संचालित होती हैं ।जो विषय संबंधित गुणवत्ता पर आधारित होती हैं । अतः दोनों में गहरा संबंध है
ReplyDeleteप्रत्येक कक्षा का पाठ्यक्रम और उससे संबंधित सीखने की प्रतिफल का आपस में घनिष्ठ संबंध है जो विषय से संबंधित गुणवत्ता पर आधारित है।
ReplyDeleteदोनो में घनिष्ठ संबंध होता है।ncert के बनाये पाठ्यक्रमों को राज्य/केंद्रशासित अपने पाठ्यपुस्तक में अपने परिवेश से सम्बंधित जानकारियो को सम्मलित करते है जो विषय संबन्धित गुणवत्ता पर आधारित होती है
Deleteएनसीईआरटी और एससीईआरटी के सीखने के प्रतिफल में गहरी संबंध होता है चुकी एससीईआरटी में संदर्भ अलग अलग हो सकता है पर लक्ष्य एक ही होता है।
ReplyDeleteState aur central me difference jra as ho sakta h level ko lekr lakin dono ka aim ek hi h aur hmare pas sikshk h jisko samay samay pe refresher course Diya jata h jo syllabus aur bache ke bich mediator hote h ...kai baat topics pechida hote h lakin ek teacher ke roop me hum usko easy krke bacho ke samne leke aate h ....scert ncert me ghra smabndh h jo dono follow up krte h ...
ReplyDeleteMiss Durga Tembhurkar
Middle school ranka dist rajnandagon cg
यह प्रतिफल अलग - अलग हितधारकों को ग्रहण करने के लिये तथा शिक्षकों एवं शिक्षार्थियों के बीच संबंध को मजबूत करने के लिये बनाए गये है ताकि शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को एक निश्चित और वांछित दिशा प्रदान किया जा सके एवं शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को रूचिकर एवं चित स्थाई बनाया जा सके और इसका लाभ अधिक मिल सके
ReplyDeleteप्रत्येक कक्षा का पाठ्यक्रम और उससे संबंधित सीखने के प्रतिफल का आपस मेंं घनिष्ठ संबंध है जो विषय से संबंधित गुणवत्ता पर आधारित है।(kk siware)
ReplyDeleteप्रत्येक कक्षा का पाठ्यक्रम और संबंधित सीखने के प्रतिफल का आपस में घनिष्ठ संबंध है जो विषय से संबंधित गुणवत्ता पर आधारित है
ReplyDeleteएन सी ई आर टी आर एससीईआरटी में में गहरा संबंध है क्योंकि एनसीईआरटी के अनुरूप ही एससीईआरटी कार्य करता है इसलिए दोनों का संबंध गहरा होता है
ReplyDeleteDono me samband hai.ncert ke nirdesho ke anushar scert shiksha vyawasta karta hai
ReplyDeleteलक्ष्य एक ही है पर दोनों का उद्देश्य एक ही है
ReplyDeleteशिक्षार्थियों को पाठ्यक्रम में प्रवेश पूर्व उन्हें सीखने -सिखाने के माध्यम से पूर्व में सीखे गए सभी आवश्यक पाठ्य बिंदुओं पर पुनः चर्चा तथा उनकी पुनरावृति कराई जावे। चाहे व गतिविधियों के द्वारा या शिक्षक, साथी, मित्र या स्वयं शिक्षार्थी करें। अथवा
ReplyDeleteविभिन्न उपकरणों, वीडियो, ऑनलाइन, ऑफलाइन, रेडियो, इंटरनेट, ब्लूटूथ इत्यादि सहायक सामग्रियों के माध्यम से तथा अभिभावक व अन्य मीडिया के द्वारा यदि संभव हो तो, उनके द्वारा उन्हें आगामी पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु तैयार की जावे।
शिक्षार्थियों को पाठ्यक्रम में प्रवेश पूर्व उन्हें सीखने- सिखाने के माध्यम से पूर्व में सीखे गए सभी अवश्य पाठ्य बिंदुओं पर पुनः चर्चा तथा उनकी पुनरावृति कराई जावे।
ReplyDeleteचाहे वह गतिविधियों के द्वारा या शिक्षक साथी, मित्र या स्वयं शिक्षार्थी करें। अथवा विभिन्न उपकरणों, वीडियो, ऑनलाइन, ऑफलाइन, रेडियो, इंटरनेट, ब्लूटूथ, ब्लैकबोर्ड इत्यादि सहायक सामग्रियों के माध्यम से मीडिया के द्वारा यदि संभव हो तो, उनके द्वारा उन्हें आगामी पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु तैयार की जावे।
प्रत्येक कक्षा का पाठ्यक्रम और उसके सीखने के प्रतिफल का आपस में गहरा संबंध है क्योंकि किसी भी राज्य का पाठ्यक्रम NCERT के गाइडलाइन के आधार पर ही निर्धारित होता है ।
ReplyDeleteदोनों में गहरा संबंध है एनसीईआरटी के आधार पर ही एससीआरटी पाठ्यक्रम संचालित करता है
ReplyDeleteदोनों में आपसी सहमति से कार्ययोजना को पूर्णता प्राप्त होता है। इसलिए ncert और scert में गहरा संबंध है।
ReplyDeleteसभी कक्षा का पाठ्यक्रम और उसके संबंध सीखने के प्रतिफल दोनों में घनिष्ठ संबंध है विषयों से संबंधित गुणवत्ता पर आधारित होता है।
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ReplyDeleteDono me ghanishth sambandh hai pratyek class ka pathyakram aur usase sambandhit sikhane ke pratifal ka aapas me sambandh hota hai
ReplyDeleteकिसी भी विषय के पाठ्यक्रम और सीखने के प्रतिफल के बीच घनिष्ठ संबंध है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार ही पाठ्यक्रम और सीखने के प्रतिफल का निर्धारण किया जाता है।
ReplyDeleteएनसीईआरटी और एससीईआरटी का पाठ्यक्रम निर्माण और उसके सिखने के प्रतिफल का आपस
ReplyDeleteमे गहरा संबंध है। एनसीईआरटी के गाईड लाईन के आधार पर ही राज्य की शिक्षा संचालित होती है। जो विषय संबंधित गुणवत्ता पर आधारित होती
है।
geetasahu - NCERT और SCERT दोनो में घनिष्ठ संबंध है,क्योंकि NCERT के गाइड लाइन अनुसार ही राज्य की शिक्षा संचालित होती है।
ReplyDeleteप्रत्येक कक्षा का पाठ्यक्रम एवं उससे संबधित सीखने के प्रतिफल का आपस में घनिष्ठ संबंध होता है जो विषय से संबंधित गुणवत्ता पर आधारित होता है ।
ReplyDeletePathyakram aur usase seekhane k pratifal me gahara sambandh hai jo vishay se sambandhit gunvatta par adharit hota hai.
ReplyDeleteकिसी भी विषय के पाठ्यक्रम और सीखने के प्रतिफल के बीच घनिष्ठ संबंध है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार ही पाठ्यक्रम और सीखने के प्रतिफल का निर्धारण किया जाता है। एनसीईआरटी के गाईड लाईन के आधार पर ही राज्य की शिक्षा संचालित होती है। जो विषय संबंधित गुणवत्ता पर आधारित होती
ReplyDeleteहै।
पाठ्यक्रम और सीखने के प्रतिफल दोनो का आपस मे घनिष्ठ संबंध है क्योकि ये प्रगति के आकलन हेतू महत्वपूर्ण है।
ReplyDeleteअधिगम प्रक्रिया में प्रत्येक कक्षा के लिए पाठ्यक्रम निर्धारित किया गया है और सीखने का प्रतिफल इससे संबंधित है बच्चों के लिए सीखने के क्रम में यह महत्वपूर्ण है
ReplyDeleteइन्द्र सिंह चन्द्रा , उच्च वर्ग शिक्षक , शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला काशीगढ़ , विकास खण्ड-जैजैपुर , जिला - जांजगीर - चांपा , (छ.ग.)
ReplyDeleteप्रत्येक कक्षा का पाठ्यक्रम और उससे संबंधित सीखने के प्रतिफल का आपस में गहरा संबंध है। एनसीईआरटी और एससीईआरटी दोनों ही संस्था एक दूसरे के पूरक हैं क्योंकि दोनों के ही पाठ्यक्रम में हमेशा कुछ न कुछ समानता पाई गई है । जो अति आवश्यक भी है। बच्चों के समस्या के समाधान हेतु पाठ्यक्रम वह सामग्री है जिसके द्वारा ही बच्चों के समझ विकसित करने में मदद मिलती है । सीखने - सिखाने की गुणवत्ता बढ़ जाती है । बच्चों को आसानी से पाठ्यक्रम पूरा करने में सीखने के प्रतिफल का अहम भूमिका रहती है । जिससे पाठ्यक्रम सरस और रुचिकर हो जाता है और बच्चों के मस्तिष्क में स्थायित्व प्रदान करता है और गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्राप्त करने में मददगार होती है।
दोनों में घनिष्ठ संबंध है।
ReplyDeleteप्रत्येक कक्षा का पाठ्यक्रम और उससे संबंधित सीखने के प्रतिफल का आपस में घनिष्ठ संबंध है जो विषय से संबंधित गुणवत्ता पर आधारित है।
ReplyDeleteकिसी भी विषय के पाठ्यक्रम और सीखने का प्रतिफल के बीच घनिष्ठ संबंध है।एनसीईआरटी के गाईड-लाईन अनुसार ही एससीईआरटी कार्य करती है।
ReplyDeleteप्रत्येक कक्षा के पाठ्यक्रम और बच्चों के सिकगने की प्रतिफल अहम भूमिज रहती है कोई भी पाठ्यक्रम सीखने की ओरतिफल के आधर पर तैयार किया जाता हैं दोनो में बहुत समानता होती हैं
ReplyDeleteNCERT or SCERT दोनों में गहरा संबंध है,क्योंकि NCERT के गाइडलाइन्स के आधार पर ही SCERT भी शिक्षा व्यवस्था संचालित होती है
ReplyDeleteपाठ्यक्रम और उससे संबंधित सीखने का
ReplyDeleteप्रतिफल का आपस में बहुत घनिष्ट सम्बन्ध है।
पाठ्यक्रम बच्चों को अधिगम के लिए विषय-वस्तु प्रदान करता है, वहीं सीखने के प्रतिफल उसके गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुनिश्चित करती है। दोनों सिखने के महत्पूर्ण प्रतिफल के रूप मे है ।
ReplyDeleteलक्ष्मीन चन्द्रा आमापाली जैजैपुर
ReplyDeleteप्रत्येक कक्षा का पाठ्यक्रम और उससे संबंधित सीखने के प्रतिफल का आपस में गहरा संबंध है। एनसीईआरटी और एससीईआरटी दोनों ही संस्था एक दूसरे के पूरक हैं क्योंकि दोनों के ही पाठ्यक्रम में हमेशा कुछ न कुछ समानता पाई गई है । जो अति आवश्यक भी है। बच्चों के समस्या के समाधान हेतु पाठ्यक्रम वह सामग्री है जिसके द्वारा ही बच्चों के समझ विकसित करने में मदद मिलती है । सीखने - सिखाने की गुणवत्ता बढ़ जाती है । बच्चों को आसानी से पाठ्यक्रम पूरा करने में सीखने के प्रतिफल का अहम भूमिका रहती है । जिससे पाठ्यक्रम सरस और रुचिकर हो जाता है और बच्चों के मस्तिष्क में स्थायित्व प्रदान करता है और गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्राप्त करने में मददगार होती है।
अपने राज्य/केंद्रशासित प्रदेश के किसी भी विषय/कक्षा के पाठ्यक्रम एनसीईआरटी के दस्तावेज में गहरा सम्बन्ध है।ये दोनों का शिक्षा गुणवत्ता को बढ़ाता है जिससे बच्चों का सीखने के लिए विषय वस्तु और कला समेकित शिक्षा का निर्माण करता है।
ReplyDeleteNCERT assists and advises tha central & state Governments on academic matters related to school education.
ReplyDeleteदोनों में घनिष्ठ संबंध हैं एनसीईआरटी के अनुसार ही राज्य की पाठ्यक्रम संचालित होती है।
ReplyDeleteपाठ्यक्रम बच्चों को अधिगम के लिए विषय वस्तु प्रदान करता है एन सी आर टी से राज्य की शिक्षा संचालित होती है
ReplyDeleteराज्य के पाठ्यक्रम एवं एनसीईआरटी के सिखने के प्रतिफल मे संबंध है।बच्चों के स्तर अनुसार प्रतिफल दिऐ जाते हैं
ReplyDeleteपाठ्यक्रम बच्चों को अधिगम के लिए विषय-वस्तु प्रदान करता है, वहीं सीखने के प्रतिफल उसके गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुनिश्चित करती है।
ReplyDeleteNCERT औरSCERT दोनों के पाठ्यक्रम में गहरा सम्बन्ध है ।
ReplyDeleteदोनों के पाठ्यक्रम कक्षा के स्तरानुरुप राज्य के भौगोलिक स्थिति के अनुसार संचालित किया जाता है ।
पाठ्यक्रम बच्चों को अधिगम के लिए विषय वस्तु प्रदान करता है एन सी आर टी से राज्य की शिक्षा संचालित होती है
ReplyDeleteपाठ्यक्रम बच्चों को अधिगम के लिए विषय वस्तु प्रदान करता है एन सी आर टी से राज्य की शिक्षा संचालित होती है
ReplyDeleteराष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार ही पाठ्यक्रम और सीखने के प्रतिफल का निर्धारण किया जाता है। एनसीईआरटी के गाईड लाईन के आधार पर ही राज्य की शिक्षा संचालित होती है। पाठ्यक्रम बच्चों को अधिगम के लिए विषय-वस्तु प्रदान करता है, वहीं सीखने के प्रतिफल उसके गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुनिश्चित करती है।
ReplyDeleteकिसी भी विषय के पाठ्यक्रम और सीखने के प्रतिफल के बीच घनिष्ठ संबंध है राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार ही पाठ्यक्रम और सीखने के प्रतिफल का निर्धारण किया जाता है एनसीईआरटी और एससीईआरटी का पाठ्यक्रम निर्माण और उसके सीखने के प्रतिफल का आपस में गहरा संबंध है
ReplyDeleteकिसी भी विषय के पाठ्यक्रम और सीखने के प्रतिफल के बीच घनिष्ठ संबंध है एनसीईआरटी और एससीईआरटी का पाठ्यक्रम निर्माण और उसके सीखने के प्रतिफल का आपस में गहरा संबंध है
ReplyDeleteप्रत्येक कक्षा का पाठ्यक्रम और उसे संबंधित आकलन एक दूसरी से संबंधित होते है आकलन सीखने की प्रक्रिया का प्रतिफल है
ReplyDeleteएनसीईआरटी व एससीईआरटी का पाठ्यक्रम निर्माण व सीखने के प्रतिफल के बीच गहरा संबंध है किसी भी विषय का पाठ्यक्रम और उससे संबंधित सीखने के प्रतिफल का आपस में गहरा संबंध होता है।
ReplyDeleteबच्चों को हमें क्या सिखाना है यह विषय वस्तु निर्धारित करता है। विषय वस्तु में क्या क्या होना चाहिए यह ncert द्वारा निर्धारित किया जाता है। किसी भी विषय वस्तु से सीखने के प्रतिफल के रूप में कुछ अपेक्षाएं होती है ।और शिक्षक के रूप में हमें आकलन के द्वारा यह पता करना होता है कि बच्चों ने कौन कौन से प्रतिफल को प्राप्त कर लिया है। अपेक्षित परिणाम प्राप्त न होने की स्थिति में पुनः प्रयास करना चाहिए जिससे कि वह बच्चा उस विषय वस्तु के प्रतिफल को प्राप्त कर सकें।
ReplyDeleteजगत राम कश्यप( शिक्षक )
ReplyDeleteमाध्यमिक शाला:- केरगांव
विकासखंड+जिला :- गरियाबंद
कक्षा में सीखने के प्रतिफल को एन.सी.ई.आर.टी.विषय के पाठ्यक्रम को पूरे भारत की पृष्ठभूमि को ध्यान में रखकर निर्धारित करती है , जबकि एन.सी.ई.आर.टी.द्वारा विकसित विषय पाठ्यक्रम को एस.सी.ई.आर.टी.अपने राज्य की पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए कुछ आंशिक संशोधन के साथ उसी सीखने के प्रतिफल को प्राप्त करने का लक्ष्य रखता है, जो सही भी है । इस तरह हम देख पाते हैं,कि केंद्र एवं राज्य दोनों द्वारा निर्धारित कक्षा विषय पाठ्यक्रम में सीखने का प्रतिफल दोनों के कार्यक्षेत्र अलग-अलग होते हुए भी दोनों संस्था के लक्ष्य एक हैं ।इस तरह म कह सकते कि दोनों संस्था को अलग-अलग नहीं रख सकते बल्कि दोनों एक दूसरे के पूरक हैं।
किसी भी विषय के पाठ्यक्रम और सीखने के प्रतिफल के बीच घनिष्ठ संबंध है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार ही पाठ्यक्रम और सीखने के प्रतिफल का निर्धारण किया जाता है। एनसीईआरटी के गाईड लाईन के आधार पर ही राज्य की शिक्षा संचालित होती है। जो विषय संबंधित गुणवत्ता पर आधारित होती
ReplyDeleteहै।
बच्चों को किस विषय में कितना अधिगम तक जाना है क्या सिखना है यहस्कूल की मुख्य विषय वस्तु है जो सभी अध्ययन स्त्रोतो में समान रूप से लागू होता है प्रकृया मेंभले ही असमानता हो
ReplyDeleteकिसी भी विषय के पाठ्यक्रम और सीखने के प्रतिफल के बीच घनिष्ठ संबंध है।
ReplyDeleteएनसीईआरटी और एससीईआरटी दोनों ही संस्था एक दूसरे के पूरक हैं क्योंकि दोनों के ही पाठ्यक्रम में हमेशा कुछ न कुछ समानता पाई गई है जो अति आवश्यक भी है
ReplyDeleteकिसी भी विषय के पाठ्यक्रम और सीखने के प्रतिफल के बीच धनिष्ठ संबंध होता है
ReplyDeleteप्रत्येक कक्षा का पाठ्यक्रम और उसे संबंधित आकलन एक दूसरी से संबंधित होते है आकलन सीखने की प्रक्रिया का प्रतिफल है।
ReplyDeleteदोनों में गहरा संबंध है एनसीईआरटी के गाइडलाइन के अनुसार एससीईआरटी की शिक्षा व्यवस्था संचालित की जाती है जो विषय से संबंधित गुणवत्ता पर आधारित होती है
ReplyDeleteदोनों में गहरा संबंध है। एनसीईआरटी के गाइडलाइन के अनुसार ही एससीईआरटी भी संचालित है। पाठ्यक्रम और सीखने के प्रतिफल का आपस में गहरा संबंध है। एक के बिना दूसरा अधूरा है।
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteएनसीईआरटी और एससीईआरटी दोनों में घनिष्ठ संबंध है। एनसीईआरटी के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए एससीईआरटी शिक्षण व्यवस्था लागू करती है
ReplyDeleteप्रत्येक कक्षा का पाठ्यक्रम और उससे संबंधित सीखने के प्रति फल का आपस में घनिष्ठ संबंध है जो विषय से संबंधित गुणवत्ता पर आधारित है। जिससे बच्चों के समझ विकसित करने में मदद मिलती है।
ReplyDeleteदोनों में है गहरा संबंध है जो विषय से संबंधित है
ReplyDeleteसभी कक्षाओं का पाठ्यक्रम और बच्चों के सीखने के प्रतिफल में बहुत गहरा संबंध है।बच्चों के समस्या के समाधान हेतु पाठ्यक्रम वह सामाग्री के द्वारा हीबच्चो के समझ विकसित करने में मदद मिलती है। सीखने-सिखाने कि गुणवत्ता बड जाती है।और बच्चों को आसानी सेपाठ्यक्रम वह सीख
ReplyDeleteने के प्रतिफल के द्वारा ही संभव है।
एनसीईआरटीी और एससीईआरटी दोनों में घनिष्ठ संबंध है। एनसीईआरटी के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए एससीईआरटी शिक्षण व्यवस्था लागू करती है
सभी कक्षाओं का पाठ्यक्रम और बच्चों के सीखने के प्रतिफल में बहुत गहरा संबंध है।बच्चों के समस्या के समाधान हेतु पाठ्यक्रम वह सामाग्री के द्वारा हीबच्चो के समझ विकसित करने में मदद मिलती है। सीखने-सिखाने कि गुणवत्ता बड जाती है।और बच्चों को आसानी सेपाठ्यक्रम वह सीख
ReplyDeleteने के प्रतिफल के द्वारा ही संभव है।
एनसीईआरटीी और एससीईआरटी दोनों में घनिष्ठ संबंध है। एनसीईआरटी के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए एससीईआरटी शिक्षण व्यवस्था लागू करती है.
Sabhi class ke pathyakrm aur shikhne ke prtifal me sambdh hai kis subject me bacche ne kya kya adigam kokitne time me pura kerna hai ye sabhi guidelines scert ke nirdeso ke anusar kiya jata hai. NCERT aurSCERT dono hi ek dusre ke purak hai. SCERT apne rajya ke bhugolik parivesh ke aadar per kuch aur binduo ko samil kerta hai jo ki baccho ki sikhne sikhane me aur aaklan me tool ki tarah upyog me late hai baccho ko apne privesh apne Rajya aur apne Bharat desh ki aarthik samajik rajnitik aur sanskritik muddo ki jankari prapt hoty hai. Is tarah subject ke pathyakrm aur sikhne ke prtyfal ka aaklan me mahatvapurna sambandh hai.
ReplyDeleteएनसीईआरटी व एससीईआरटी का पाठ्यक्रम निर्माण व सीखने के प्रतिफल के बीच गहरा संबंध है । किसी भी विषय का पाठ्यक्रम और उससे संबंधित सीखने के प्रतिफल का आपस में गहरा संबंध होता है।
ReplyDeleteछत्तीसगढ़ राज्य के एससीईआरटी पाठ्यक्रम अनुसार , कक्षा 6 वीं के पाठ्यक्रम में प्राकृत संख्या एवं पूर्ण संख्या पर आधारित विषय वस्तु में अवधारणाओं का पूर्ण ज्ञान, विद्यार्थियों को हो जाता है और वह उन अवधारणाओं को स्पष्ट रूप से सीख लेते हैं एवं अपने दैनिक जीवन में भी लागू करने में सक्षम हो जाते हैं ।
ReplyDeleteNCERT के गाइड लाइन के अनुसार ही राज्य की शिक्षा संचालित होती हैं ।अतः दोनों में गहरा संबंध है । दोनों के पाठ्यक्रम के बीच काफी समानताएं होती है।
ReplyDeleteNCERT की गाइडलाइन के अनुसार ही राज्य की भी शिक्षा संचालित होती हैअत:दोनों एक दूसरे से संबंधित है।जिसके अंतर्गत पाठ्यक्रम अधिगम के लिए विषयवस्तु सुनिश्चित करता है तथा सीखने के प्रतिफल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर आधारित है।
ReplyDeleteलक्ष्य एक ही है दोनों का उद्देश्य एक है
ReplyDeleteप्रत्येक कक्षा का पाठ्यक्रम और बच्चों के सीखने के प्रतिफल का घनिष्ठ सम्बन्ध है । बचचों के समस्या के समाधान हेतु पाठ्यक्रम व सामग्री के द्वारा ही बच्चों के समझ विकसित करने में मदद मिलती है।
ReplyDeleteसभी कक्षाओं का पाठ्यक्रम और उससे सीखने की प्रतिफल का आपस में गहरा संबंध होता है। जो विषय से संबंधित गुणवत्ता पर आधारित है।
ReplyDeleteछात्र अपने क्षमता प्रदर्शन के अनुसार ही अपनी प्रतिक्रिया देते है । यह प्रतिफल अलग अलग हितधारकों को सक्षम करने के लिए बनाए गए है ताकि शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को एक निश्चित दिशा तथा रुचिकर बनाया जा सके ।।।
ReplyDeleteRADHAKRISHNA MISHRA
नई राष्ट्र शिक्षा नीति के तहत राज्य और एनसीआरटी की सहायता से दोनों में सम्ब स्थापित हो सकता है। जिसमें शिक्षा के क्षेत्र में सीखने के प्रतिफल में नई अवसर प्राप्त होगी।
ReplyDeleteएन सी ई आर टी और एस सी ई आर टी दोनों के पाठ्यक्रम बच्चों के सर्वांगीण विकास को ध्यन में रख कर बनाया जाता है। दोनों में इस दृष्टि से समानता है। दोनों के उद्देश्य एक ही है। इस तरह राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान परिषद राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद के मार्ग दर्शन अनुसार कार्य करता है।
ReplyDeleteकिसी भी बिषय के पाठ्यक्रम और प्रारंभिक चरण पर NCERT दस्तावेजों में घनिष्ठ सम्बन्ध होता है।NCERT के दस्तावेजों में निहित निर्देशानुसार किसी बिषय का कक्षानुसार पाठ्यक्रम तय होता है।राज्य के पाठ्यक्रम में वहाँ के खानपान व संस्कृति का ध्यान रखा जाता है।
ReplyDeleteदादू सिंह तोमर
स शि (L.B.)
दोनों में सम्बंध है राज्य और केंद्र से शिक्षा व्यवस्था संचालित की जाती है बच्चों के स्तर के अनुसार ही पाठ्यक्रम में अधिगम समाहित होता है।पाठ्यक्रम सामग्री के माध्यम से ही समझ बनाने में मदद मिलती है।
ReplyDeleteशिक्षार्थियों को पाठ्यक्रम में प्रवेश पूर्व उन्हें सीखने- सिखाने के माध्यम से पूर्व में सीखे गए सभी अवश्य पाठ्य बिंदुओं पर पुनः चर्चा तथा उनकी पुनरावृति कराई जावे।
ReplyDeleteचाहे वह गतिविधियों के द्वारा या शिक्षक साथी, मित्र या स्वयं शिक्षार्थी करें। अथवा विभिन्न उपकरणों, वीडियो, ऑनलाइन, ऑफलाइन, रेडियो, इंटरनेट, ब्लूटूथ, ब्लैकबोर्ड इत्यादि सहायक सामग्रियों के माध्यम से मीडिया के द्वारा यदि संभव हो तो, उनके द्वारा उन्हें आगामी पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु तैयार की जावे।
NCERT देश के विभिन्न आयु वर्गों के छात्रों से विभिन्न कौशलों की उम्मीद करता है जिसके आधार पर पाठ्यक्रम तैयार करता है जिसे राज्य भी लागु करते है जब सीखने के प्रतिफल100℅होंगे तभी छात्रों का सर्वांगीण विकास होगा इस आधार पर दोनो एक दूसरे के पूरक हैं।
ReplyDeleteप्रत्येक कक्षा का पाठ्यक्रम और उससे संबंधित सीखने के प्रतिफल का आपस मेंं घनिष्ठ संबंध है जो विषय से संबंधित गुणवत्ता पर आधारित है
ReplyDeleteपाठ्यक्रम और सीखने के प्रतिफल में गहरा संबंध होता है। पाठ्यक्रम चाहे किसी भी विषय का हो, किसी भी राज्य का हो बच्चों के विभिन्न गुणों,कौशलों को निखारने में मदद करता है। सीखने के प्रतिफल प्राप्त कर छात्र उन कौशलों को प्राप्त कर आगे बढ़ता है।
ReplyDeleteपाठ्यक्रम का निर्धारण एससीईआरटी एवं एनसीईआरटी के द्वारा किया जाता है जो बच्चों के स्तर और क्षेत्रीय तौर पर ध्यान देते हैं इससे बच्चों को सीखने और सिखाने की प्रक्रिया सुव्यवस्थित होती है और सीखने के प्रतिफल पर काम होता है जो सीखने सिखाने के आधार का काम करता है
ReplyDelete
ReplyDeleteदोनों में सम्बंध है राज्य और केंद्र से शिक्षा व्यवस्था संचालित की जाती है बच्चों के स्तर के अनुसार ही पाठ्यक्रम में अधिगम समाहित होता है।पाठ्यक्रम सामग्री के माध्यम से ही समझ बनाने में मदद मिलती है।
SANDHYA Bala Dewangan
ReplyDeleteसभी कक्षाओं का पाठ्यक्रम और बच्चों के सीखने में गहरा संबंध है। पाठ्यक्रम के द्वारा बच्चों में समझ विकसित करने में मदद मिलती है। यह अधिगम के लिए विषयवस्तु, टॉपिक्स व थीम्स प्रदान करता है। सीखने का प्रतिफल ज्ञान और कौशल से परिपूर्ण ऐसे कथन हैं जिन्हें बच्चों को एक कक्षा या पाठ्यक्रम के अंत तक प्राप्त करने की आवश्कता होती है। ये शिक्षकों व पालकों को यह समझने में मदद करते हैं कि बच्चों ने एक वर्ष के दौरान क्या सीखा है?
दोनों में गहरा संबंध है।
ReplyDeleteएन सी आर टी द्वारा पाठ्यक्रम को राज्यो मे एकरुपता प्रदान करती है। राज्यो मे समान शिक्षा का समन्वय बनाती है। (विनोद कुमार साहू)
ReplyDeleteNCERT के निर्देश के अनुसार ही SCERT या अन्य के पाठ्यक्रम निर्धारित होते हैं तय मानदण्ड के अनुसार कक्षा/विषय का निश्चित लक्ष्य होता है जिसे बच्चों द्वारा प्राप्त करना आवश्यक होता है।अतः यह एक दूसरे का पूरक है।
ReplyDeleteपाठ्यक्रम विद्यार्थी को अधिगम के लिए विषय वस्तु प्रदान करता है पाठ्यक्रम का सीखने के प्रतिफल के से गहरा संबंध
ReplyDeleteहोता है पाठ्यक्रम बच्चों के कौशल गुणों को निखारने में मदद करता है
पाठ्यक्रम बच्चों को अधिगम के लिए विषय-वस्तु प्रदान करता है, वहीं सीखने के प्रतिफल उसके गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुनिश्चित करती है
ReplyDeleteएन सी ईआर टी एवं एस सी ई आर टी दोनों एक-दूसरे के पूरक है।
ReplyDeleteपाठ्यक्रम कोई भी कक्षा का हो ,कोई भी राज्य का हो , बच्चों के विभिन्न गुणों, कौशल को निखारने में मदद करता है।
ReplyDeleteपाठ्यक्रम और सीखने के प्रतिफल का घनिष्ट संबंध होता है।
सभी कक्षाओं के पाठ्यक्रम और सीखने के प्रतिफल मे गहरा संबंध है.
ReplyDeleteपाठ्यक्रम बच्चों को अधिगम के लिए विषय-वस्तु प्रदान करता है, वहीं सीखने के प्रतिफल उसके गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुनिश्चित करती है।
ReplyDeleteदोनो मे घनिष्ट सम्बन्ध है पाठ्यक्रम बच्चो को अधिगम के लिए विषय-वस्तु प्रदान करता है । वही सीखने के प्रतिफल उसके गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुनिश्चित करता है ।
ReplyDeleteपाठ्यक्रम तथा सीखने के प्रतिफल में घनिष्ठ संबंध होता है क्यों पाठ्यक्रम जितना अच्छा होगा सीखने के प्रतिफल में उतनी ही गुणवत्ता आती है अर्थात हमें बच्चों को क्या सिखाना है यह विषय वस्तु निर्धारित करता है शिक्षक के रूप में हम आकलन के द्वारा यह पता करते हैं कि बच्चों ने कौन-कौन से प्रतिफल को प्राप्त कर लिया है और अपेक्षित परिणाम प्राप्त ना होने की स्थिति में पुनः प्रयास करते हैं जिसे बच्चा विषय वस्तु के प्रतिफल को प्राप्त कर सके
ReplyDeletePathykram Aur sikhane Ka pratifal Ka aapas Mein Gehra sambandh Hai Jo Vishay sambandhit gunvatta par aadharit hai
ReplyDeleteपाठ्यक्रम और सीखने के प्रतिफल में सम्बन्ध को नकारा नहीं जा सकता क्योंकि सभी विद्यार्थी अपने विद्यालय में पाठयपुस्तक की सहायता से अध्ययन ग्रहण करते है और उन्हीं बातों से दैनिक जीवन में उपयोगिता नुसार उपयोग में लेते है ।
ReplyDeleteपाठ्यक्रम बच्चों में अधिगम के लिए विषय वस्तु प्रदान करता है , और दूसरी ओर सीखने के प्रतिफल गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा का दृष्टिकोण सुनिश्चित करती है ।
एनसीईआरटी और एस सी ई आर टी में गहरा संबंध है क्योंकि एनसीईआरटी के अनुरूप ही एससीईआरटी कार्य करता है पाठ्यक्रम और सीखने के प्रतिफल का आपस में गहरा संबंध है एक के बिना दूसरा अधूरा है।
ReplyDeleteदोनों में एक गहरा संबंध है क्योंकि ncert के guidelines के आधार पर ही scert भी शिक्षा व्यवस्था संचालित करता है।
ReplyDeleteखुशहाली सोनी
बालोद बाजार
प्रत्येक कक्षा के लिये NCERT पाठ्यक्रम विषय वार सीखने के प्रतिफल, न केवल जिला /राज्य/राष्ट्रीय स्तर पर आकलन के मापदंडों की सूचना देते हैं, बल्कि इसके साथ ही विद्या लय स्तर पर गुणवत्ता पुर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने की दिशा निर्देशित करते हैं।
ReplyDeleteपाठ्यक्रम विद्यार्थियों को अधिगम के लिए विषय वस्तु प्रदान करता है। सभी कक्षाओं का पाठयक्रम और बच्चों के सिखने मे गहरा सम्बंध है ।पाठ्यक्रम के द्वारा बच्चों में समझ बिकसित करने मे मदद मिलती हैं। यह अधिगम के लिए विषय वस्तु, टापिक्स,व थिम्श प्रदान करता है। सिखने का प्रतिफल ज्ञान और कौशल से परिपूर्ण एसे कथन है, जिन्हें बच्चों को एक कक्षा या पाठ्यक्रम के अन्त तक प्राप्त करने की आवश्यकता होती हैं। तथा शिक्षकोँ व पलकों को यह समझने में आसानी होती हैं। बच्चों ने एक वर्ष में क्या सिखा।
ReplyDeletePathyakram bachchon ko adhigam kelie vishayavastu pradan karta hai vahin sikhne ki pratiphal uske gunvatapurn siksha ko sunishchit karti hai.
ReplyDeleteपाठ्यक्रम और सीखने के प्रति फल का आपस में घनिष्ठ संबंध है। जो विषय से संबंधित गुणवत्ता पर आधारित है।
ReplyDeleteAnita Singh
ReplyDeleteRaipur( cg)
पाठ्यक्रम और सीखने के प्रतिफल में गहरा सम्बन्ध होता है। विद्यार्थी पाठ्यपुस्तक की सामग्री से बहुत कुछ सीखते हैं, और अपने दैनिक जीवन मे उसे उपयोग में लाते हैं । पाठ्यक्रम छात्रों में को अधिगम के लिए सामग्री प्रस्तुत करते हैं । विभिन्न गतिविधियों के लिए topics और विषयवस्तु प्रदान करते हैं। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए यह सहायक है।
पाठ्यक्रम और सीखने के प्रतिफल में गहरा सम्बन्ध होता है। विद्यार्थी पाठ्यपुस्तक की सामग्री से बहुत कुछ सीखते हैं, और अपने दैनिक जीवन मे उसे उपयोग में लाते हैं । पाठ्यक्रम छात्रों में को अधिगम के लिए सामग्री प्रस्तुत करते हैं । विभिन्न गतिविधियों के लिए topics और विषयवस्तु प्रदान करते हैं। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए यह सहायक है।
ReplyDeleteदोनों में घनिष्ठ संबंध है। दोनों ही एक दूसरे के पूरक हैं।
ReplyDeleteपाठ्यक्रम और सीखने का प्रतिफल में गहरा संबंध होता है ।पाठ्यक्रम किसी भी विषय का हो ।अनेक कौशलों को सीखने में सहायक होता है ।
ReplyDeleteदोनों में घनिष्ठ संबंध है। दोनों ही एक दूसरे के पूरक हैं।
ReplyDeletePathykram aur sikhane ke pratifal alag hai Kintu Ek dusre ke a porak hi pathykram Vishay per aadharit hi aur sikhane ke pratifal vibhinn Kaushal se Chhatra chhatron ko gunvatta Pune Shiksha han main Daksh banana hi
ReplyDeleteपाठ्यक्रम और सीखने के प्रतिफल मे गहरा संबंध है ।यह बच्चो के कौशलो को निखारने में मदद करता है।
ReplyDelete
ReplyDeleteप्रत्येक कक्षा का पाठ्यक्रम और उससे संबंधित सीखने के प्रतिफल का आपस में गहरा संबंध है। एनसीईआरटी और एससीईआरटी दोनों ही संस्था एक दूसरे के पूरक हैं क्योंकि दोनों के ही पाठ्यक्रम में हमेशा कुछ न कुछ समानता पाई गई है । जो अति आवश्यक भी है। बच्चों के समस्या के समाधान हेतु पाठ्यक्रम वह सामग्री है जिसके द्वारा ही बच्चों के समझ विकसित करने में मदद मिलती है । सीखने - सिखाने की गुणवत्ता बढ़ जाती है । बच्चों को आसानी से पाठ्यक्रम पूरा करने में सीखने के प्रतिफल का अहम भूमिका रहती है । जिससे पाठ्यक्रम सरस और रुचिकर हो जाता है और बच्चों के मस्तिष्क में स्थायित्व प्रदान करता है और गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्राप्त करने में मददगार होती है।
पाठ्यक्रम और सीखने के प्रतिफल में गहरा संबंध होता है। पाठ्यक्रम चाहे किसी भी विषय का हो, किसी भी राज्य का हो बच्चों के विभिन्न गुणों,कौशलों को निखारने में मदद करता है। सीखने के प्रतिफल प्राप्त कर छात्र उन कौशलों को प्राप्त कर आगे बढ़ता है।
ReplyDeleteपाठ्यक्रम और सीखने के प्रतिफल में घनिष्ठ संबंध होता है। बच्चा अपने पाठ्यक्रम से बहुत कुछ सीखता है और उसे अपनी रोज मर्रा के जीवन मे उपयोग में लाते रहते हैं। पाठ्यक्रम छात्रों को अधिगम के लिए सामग्री और गतिविधियों के लिए विषयवस्तु प्रदान करते हैं। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए यह सहायक व आवश्यक हैं।
ReplyDeleteपाठ॒यक्रम और सिखने के प्रतिफल में बहुत गहरा संबंध है।यह बच्चों के कौशल विकास में सहायक होता है।
ReplyDeleteपाठ्यक्रम और सीखने के प्रतिफल में गहरा सम्बन्ध होता है। विद्यार्थी पाठ्यपुस्तक की सामग्री से बहुत कुछ सीखते हैं, और अपने दैनिक जीवन मे उसे उपयोग में लाते हैं । पाठ्यक्रम छात्रों में को अधिगम के लिए सामग्री प्रस्तुत करते हैं । विभिन्न गतिविधियों के लिए topics और विषयवस्तु प्रदान करते हैं। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए यह सहायक है।
ReplyDeleteप्रत्येक विषय के पाठ्यक्रम अथवा विषय वस्तु सीखने के प्रतिफल तक पहुंचने में मार्गदर्शन प्रदान करती है |
ReplyDeleteसभी कक्षाओं का पाठ्यक्रम और बच्चों के सीखने के प्रतिफल के बीच गहरा संबंध है पाठ्यक्रम बच्चों को अधिगम के लिए विषयवस्तु प्रदान करता है वहीं सीखने के प्रतिफल उसके गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुनिश्चित करती है |
ReplyDeleteSCERT avm NCERT dono pathyakram ka nirdharan karate hai.dono ka uddeshya ak hi hai. N CERt rastra k dristikon Ko Dhyan rakhati hai.scert rajya Ko Dhyan me rakhate hue pathyakram nirdharan karati hai
ReplyDeleteसत्यनारायण निषाद शिक्षक एल बी पूर्व मा शा लुर्गीखुर्द।
ReplyDeleteअपने राज्य के पाठ्यक्रम और प्रारम्भिक चरण पर एनसीईआरटी दस्तावेज़ में कक्षा में सीखने के प्रतिफल परस्पर सामाजिक, मानवीय और व्यावहारिक मूल्यों की ओर इंगित करता है।
पाठ्यक्रम और सीखने के प्रतिफल एक दूसरे के पूरक हैं।
ReplyDeleteपाठ्यक्रम और बच्चों के सीखने का प्रतिफल में गहरा संबंध है।
ReplyDeleteपाठ्यक्रम और सीखने का प्रतिफल दोनों में गहरा संबंध है क्योंकि इससे बच्चों में समझ विकसित करने में मदद मिलती है।
ReplyDeleteSCERT बच्चों के स्तर को ध्यान में रखते हुए शोध के बाद पाठ्यक्रम बनाती है जिसमे हर पहलू का ध्यान रखती है । उनका लक्ष्य होता है कि सभी बच्चे सीखने के प्रतिफल को आसानी से प्राप्त कर सके।अतःसभी बिंदुओं का आपस मे गहरा संबंध होता है ।
ReplyDeleteदिनेश्वर प्रसाद साहू (सहायक शिक्षक )
पाठ्यक्रम और सीखने का प्रतिफल दोनों में गहरा सबन्ध है, उनका लक्ष्य सभी बच्चे आसानी से सीख सके।।
ReplyDeleteसभी कक्षाओं का पाठ्यक्रम और बच्चों के सीखने के प्रतिफल के बीच गहरा संबंध है पाठ्यक्रम बच्चों को अधिगम के लिए विषयवस्तु प्रदान करता है वहीं सीखने के प्रतिफल उसके गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुनिश्चित करती है |
ReplyDeleteसभी कक्षाओं का पाठ्यक्रम और बच्चों के सीखने के प्रतिफल के बीच गहरा संबंध है पाठ्यक्रम बच्चों को अधिगम के लिए विषयवस्तु प्रदान करता है वहीं सीखने के प्रतिफल उसके गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुनिश्चित करती है |
ReplyDeleteSCERT तथा NCERT द्वारा प्रारंभिक स्तर पर सीखने के प्रतिफलों में गहरा संबंध है। NCERT के द्वारा प्रारंभिक स्तर पर सीखने के प्रतिफलों को इस प्रकार विकसित किए गए हैं कि प्रत्येक राज्य या केंद्र शासित प्रदेश अपने राज्य के पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों में इन प्रति फलों को समाहित कर सकते हैं ।
ReplyDeleteSCERT तथा NCERT द्वारा प्रारंभिक स्तर पर सीखने के प्रतिफलों में गहरा संबंध है। NCERT के द्वारा प्रारंभिक स्तर पर सीखने के प्रतिफलों को इस प्रकार विकसित किए गए हैं कि प्रत्येक राज्य या केंद्र शासित प्रदेश अपने राज्य के पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों में इन प्रतिफलों को समाहित कर सकते हैं ।
ReplyDeleteकिसी भी विषय के पाठ्यक्रम और सीखने के प्रतिफल के बीच घनिष्ठ संबंध है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार ही पाठ्यक्रम और सीखने के प्रतिफल का निर्धारण किया जाता है। एनसीईआरटी के गाईड लाईन के आधार पर ही राज्य की शिक्षा संचालित होती है। सीखने के प्रतिफल उसके गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुनिश्चित करती है |उनका लक्ष्य सभी बच्चे आसानी से सीख सके।।
ReplyDeleteSCERT तथा NCERT द्वारा प्रारंभिक स्तर पर सीखने के प्रतिफलों में गहरा संबंध है। NCERT के द्वारा प्रारंभिक स्तर पर सीखने के प्रतिफलों को इस प्रकार विकसित किए गए हैं कि प्रत्येक राज्य या केंद्र शासित प्रदेश अपने राज्य के पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों में इन प्रतिफलों को समाहित कर सकते हैं ।
ReplyDeleteसभी कक्षाओं का पाठ्यक्रम और बच्चों के सीखने के प्रतिफल में बहुत गहरा संबंध है।बच्चों के समस्या के समाधान हेतु पाठ्यक्रम वह सामाग्री के द्वारा हीबच्चो के समझ विकसित करने में मदद मिलती है। सीखने-सिखाने कि गुणवत्ता बड जाती है।और बच्चों को आसानी सेपाठ्यक्रम वह सीख
ReplyDeleteने के प्रतिफल के द्वारा ही संभव है।
शिक्षक अपना पाठ्य पुस्तक के आधार पर पाठ्यक्रम पूरा करा देते है परन्तु यह बात स्पष्ट नहीं हो पाती कि बच्चों को उन विषयवस्तु में किस प्रकार अवसर देने की जरूरत है अर्थात् सत्र के अंत में बच्चों को क्या-क्या आना चाहिए यह शैक्षिक अपेक्षाओं के रूप में परिभाषित किया गया है विद्यालय से संबंधित सभी हितधारकों को शामिल करते हुए सीखने के प्रतिफल को निर्धारित किया गया है।इसकी प्राप्ति के बगैर छात्रों के सर्वांगीण विकास की बात उचित नहीं है।
ReplyDeleteपाठ्यक्रम और सीखने के प्रतिफल में गहरा संबंध होता है। पाठ्यक्रम चाहे किसी भी विषय का हो, किसी भी राज्य का हो बच्चों के विभिन्न गुणों,कौशलों को निखारने में मदद करता है। सीखने के प्रतिफल प्राप्त कर छात्र उन कौशलों को प्राप्त कर आगे बढ़ता है।
ReplyDeleteछात्र अपनी प्रदर्शन क्षमता के अनुरूप अपनी प्रतिक्रिया देते हैं। यह प्रतिफल अलग-अलग हित धारकों को सक्षम करने के लिए और शिक्षकों व छात्रों के बीच सम्बन्ध को मज़बूत करने के लिए बनाए गए हैं ताकि शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को एक निश्चित और वांछित दिशा प्रदान की जा सके तथा ज़्यादा रुचिकर बनाया जा सके
ReplyDeleteNCERT or SCERT दोनों में गहरा संबंध है,क्योंकि NCERT के गाइडलाइन्स के आधार पर ही SCERT भी शिक्षा व्यवस्था संचालित होती है।
ReplyDeleteदोनों का मेल न हो तो शिक्षण अधिगम का स्तर गिर जाता हैं।
भूषण मोहले🕺 छत्तीसगढ़
पाठ्यक्रम और सीखने के प्रतिफल में गहरा संबंध है।कक्षा में पाठ्यक्रम से बच्चा ज्ञान की बात ग्रहण कर भविष्य में उच्च शिक्षा का नीव रखता है। कक्षा से बाहर समाज से अन्य नैतिक गुणों को ग्रहण करता है।दोनों ज्ञान बच्चों को एक उत्कृष्ठ व्यक्ति बनाता है।
ReplyDeleteपाठ्यक्रम और सीखने के प्रतिफल में गहरा संबंध है।पाठ्यक्रम बच्चों के ज्ञान और कौशल को निखारता है।बच्चा स्कूल के पाठ्यक्रम से विषयों के अंदर का ज्ञान अर्जित करता है, तथा अपने आसपास से अन्य सामाजिक एवं नैतिक गुणों को ग्रहण करता है।
ReplyDeleteकमलेश साहू
प्रधान पाठक
मा.शा.कुदूरघोड़ा
अंबागढ़ चौकी
पाठयक्रम ओर सीखने के प्रतिफल में गहरा प्रभाव है बच्चे भविष्य में उच्च शिक्षा की नीव रखता है
ReplyDeleteएनसीईआरटी और एससीईआरटी में गहरा संबंध है क्योंकि एनसीईआरटी के अनुसार ही एससीआरटी कार्य करता है पाठ्यक्रम और सीखने का प्रतिफल का भी आपस में गहरा संबंध होता है इसलिए दोनों एक दूसरे के पूरक हैं
ReplyDeleteदोनों में संबंध है । NCERT के गाइड लाइन के अनुसार ही राज्य की शिक्षा संचालित होती हैं ।जो विषय संबंधित गुणवत्ता पर आधारित होती हैं । अतः दोनों में गहरा संबंध है ।
ReplyDeleteप्रत्येक कक्षा का पाठ्यक्रम और उसके सीखने के प्रतिफल का आपस में गहरा संबंध है क्योंकि किसी भी राज्य का पाठ्यक्रम NCERT के गाइडलाइन के आधार पर ही निर्धारित होता है ।
ReplyDeleteNageshwar Kumar Kumbhkar
Govt Middle school Bhadara
Cluster-bhuvreli
Block-bamhanidih
Distt-Janjgir champa
Ncert aur Scert me gahara sambandh hai. Scert, Ncert ke aadhar per hi kam karta hai
ReplyDeleteDono me aapsi sambndh h kyoki baccho ke sikhne me gunvtta ko bdhata h.
ReplyDeleteकिसी भी कक्षा के कोई भी विषय का पाठ्यक्रम और बच्चों के सीखने के प्रतिफल में गहरा सम्बंन्ध है। पाठ्यक्रम चाहे किसी भी राज्य का हो वो बच्चो के सभी कौशल को निखार के उन्हें सर्वगुण सम्पन्न बनाते है।
ReplyDeleteप्रत्येक कक्षा का पाठ्यक्रम और उससे संबंधित सीखने के प्रतिफल का आपस मेंं घनिष्ठ संबंध है जो विषय से संबंधित गुणवत्ता पर आधारित है।
ReplyDeleteसीखने के प्रतिफल और पाठ्यक्रम में विशेष संबंध होता है सीखने के प्रतिफल पाठ्यक्रम के पूर्ण होने के पश्चात बच्चों में आने वाली दक्षtao koकोर्शाता है l सिलेबस एनसीईआरटी का हो या एससीईआरटी का सिलेबस उस राज्य के विभिन्न त्यौहारों विभिन्न महत्वपूर्ण संस्कृतियों को देखते हुए बनाया जाता है l
ReplyDeleteपाठ्यक्रम और सीखने के प्रतिफल में गहरा संबंध होता है। पाठ्यक्रम चाहे किसी भी विषय का हो, किसी भी राज्य का हो बच्चों के विभिन्न गुणों, कौशलों को निखारने में मदद करता है। सीखने के प्रतिफल प्राप्त कर छात्र उन कौशलों को प्राप्त कर आगे बढ़ता है।
ReplyDeleteदोनो एक दूसरे के पूरक हैं।
ReplyDeleteDono me gahra sambandha hai,kyoki pathyakram ki sahayata se baccho ko sikhne me aasani hoti hai.jisse unki sikhne ki gunvatta me improvement hota hai.
ReplyDeleteहमारे राज्य ( छत्तीसगढ़ ) की प्रत्येक कक्षा के सभी विषयों के पाठ्यक्रमों और प्रारंभिक चरण पर एन.सी ई आर.टी. दस्तावेज में इन प्रत्येक कक्षाओं के सभी विषयों में सीखने के प्रतिफलों को देखने पर इन दोनों में गहरा संबंध दिखाई पड़ता है | ये सीखने के प्रतिफल हमें प्रत्येक कक्षा की सभी विषयों के पाठ्यक्रमों की विषयवस्तुओं की शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में मार्गदर्शन देने का कार्य करते हैं, ये सीखने के प्रतिफल हमें यह भी बताते हैं कि उक्त पाठ्यक्रम की विषयवस्तु का शिक्षण कार्य कराने के पश्चात विद्यार्थियों में कौन-कौन सी अवधारणाओं की समझ विकसित होगी और उनमें कौन-कौन से कौशलों का विकास होगा |
ReplyDeleteकिसी भी विषय या कक्षा के पाठ्यक्रम व सीखने के प्रतिफल एक दूसरे के पूरक हैं । शिक्षक किसी भी कक्षा के पाठ्यक्रम में निहित विषय वस्तु को छात्रों तक इस विधि से पहुंचाते हैं कि छात्रों को सीखने के अधिक से अधिक अवसर प्राप्त हो सके और अपने उच्च अधिगम प्रतिफल को प्राप्त कर सकें इसके लिए शिक्षक, समुदाय ,माता-पिता, विद्यालय अर्थात सभी हित धारकों को सम्मिलित करते हुए छात्रों के सर्वांगीण विकास का प्रयास करते हैं।
ReplyDeleteNCERT और SCERT दोनों के पाठ्यक्रम बच्चों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रख कर बनाया जाता है। दोनों में इस दृष्टि से समानता है। दोनों के उद्देश्य एक ही है। इस तरह राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान परिषद राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद के मार्ग दर्शन अनुसार कार्य करते है।
ReplyDeleteलेकिन दोनों के पाठ्यक्रमों में आंशिक विभिन्नताएं देखी जा सकती है। राज्य के पाठ्यक्रम में स्थानीय भाषाओं,भौगोलिक क्षेत्रो,एवं संस्कृति का समावेश होता हैं जो बच्चों को समझने,सीखने में आसानी होते है। NCERT की पाठ्यक्रम प्राथमिक स्तर के बच्चों के लिए सीखने में जटिलता हो सकता है। जबकि उच्च प्राथमिक एवं हाई स्कूलों के बच्चों के लिए अनुकूल पाठ्यक्रम मान सकते हैं।
Kisi bhi visay me Pathayakram aur sikhane me practical me gahra sambandh h. Pathayakram game yah batata h ki bite Gaye visay vastu ko sikhane ke Paschayat kin kin kausalo Ka Vikas bacche me Hoga.
ReplyDeleteSunita Dewangan
सभी विषयों के पाठ्यक्रम एवं सीखने के प्रतिफल एक दूसरे के पूरक होते है,क्योंकि पाठ्यक्रम का उद्देश्य ही सीखने के प्रतिफल की प्राप्ति है।प्रत्येक पाठ्यक्रम का उद्देश्य कुछ प्रतिफलो को प्राप्त करना होता है।
ReplyDeleteपाठ्यक्रम बच्चों को अधिगम के लिए विषय-वस्तु प्रदान करता है, वहीं सीखने के प्रतिफल उसके गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुनिश्चित करती है।
ReplyDeleteकिसी विषय के पाठ्यक्रम व सीखने के प्रतिफल मे गहरा संबंध है ,जिससे छात्र तर्कशील होते हुए विषय वस्तु की समझ को दैनिक जीवन मे उतारने के लिए अग्रसर रहे।
ReplyDeleteपाठ्यक्रम और प्रारंभिक चरण पर एनसीईआरटी में संबंधित विषय में सीखने के प्रतिफल को भी देखना ज़रूरी इसलिए है क्योंकि इससे शिक्षक एवं छात्र को सीखने सीखाने का मार्गदर्शन मिलता हैं। इससे विषय वस्तु को समझने एवं शिक्षक द्वारा छात्रों का आकलन करने में भी मदद मिलती है।
ReplyDeleteपाठ्यक्रम और प्रारंभिक चरण पर एनसीईआरटी में संबंधित विषय में सीखने के प्रतिफल को भी देखना ज़रूरी इसलिए है क्योंकि इससे शिक्षक एवं छात्र को सीखने सीखाने का मार्गदर्शन मिलता हैं। इससे विषय वस्तु को समझने एवं शिक्षक द्वारा छात्रों का आकलन करने में भी मदद मिलती है।
ReplyDeleteपाठ्यक्रम और सीखने के प्रतिफल में गहरा संबंध होता है। पाठ्यक्रम चाहे किसी भी विषय का हो, किसी भी राज्य का हो बच्चों के विभिन्न गुणों, कौशलों को निखारने में मदद करता है। सीखने के प्रतिफल प्राप्त कर छात्र उन कौशलों को प्राप्त कर आगे बढता है।
ReplyDeleteप्रत्येक पाठ्यक्रम और उनके सीखने के प्रतिफल बच्चों के आयु व बौद्धिक क्षमता को ध्यान में रखकर विकसित किया गया है।जिसमे बच्चों को स्वयं करके सीखने, विचार व चर्चा करने,समूह में कार्य करने तथा निष्कर्ष निकालने को प्रेरित किया गया है।
ReplyDeleteDono me gahra sambandh hai..Jo baccho ke vibhin guno aur kaushalo ko nikharne me madad karta hai..
ReplyDeleteपाठ्यक्रम बच्चों को अधिगम के लिए विषय-वस्तु प्रदान करता है, वहीं सीखने के प्रतिफल उसके गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुनिश्चित करती है
ReplyDeleteपाठ्यक्रम बच्चों को अधिगम के लिए विषय-वस्तु प्रदान करता है, वहीं सीखने के प्रतिफल उसके गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुनिश्चित करती है।
ReplyDeletePathyakram Auor Shikhane me Pratifhal Ka Aapas Me Gahara Sambhndh Hai.EkKe Bina Fides Adhura Hai
ReplyDeleteविभिन्न कक्षा का पाठ्यक्रम और उससे संबंधित सीखने के प्रतिफल का आपस में घनिष्ठ संबंध है जो कक्षा ,उम्र एवं विषय से संबंधित गुणवत्ता पर आधारित हैं।
ReplyDeleteState aur central me difference jra as ho sakta h level ko lekr lakin dono ka aim ek hi h aur hmare pas sikshk h jisko samay samay pe refresher course Diya jata h jo syllabus aur bache ke bich mediator hote h ...kai baat topics pechida hote h lakin ek teacher ke roop me hum usko easy krke bacho ke samne leke aate h ....scert ncert me ghra smabndh h jo dono follow up krte h ...
ReplyDeleteपाठ्यक्रम और सीखने के प्रतिफल दोनों में संबंध होता है जो बच्चों को सीखने का गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करता है
ReplyDeleteहमारे राज्य छत्तीसगढ़ के प्रारंभिक शिक्षा में हमारे देश की एक गम्भीर सामाजिक समस्या नशाखोरी पर चर्चा हेतु पाठ मौजूद है एवंम इस विषय पर हम सभी शिक्षक अपने स्कूल के बच्चों को समय- समय पर जागरूक करते रहते है। अद्यपि आज भी हमारे समाज मे इस समस्या का विकराल रूप दिखता है। जबकि हमारे आसपास ऐसे कई परिवारों के उदाहरण मौजूद है जो इन सामाजिक समस्या के चलते बेहद बुरी तरह प्रभावित हैं।
ReplyDeleteसीखने के प्रारंभिक अवस्था मे बच्चे इसे बुराई के रूप में जान लेते है परन्तु कही ना कहीं वे अपने युवावस्था में आपने स्थानीय परिवेश के लोंगो से प्रभावित होकर इस बुराई में शामिल हो जाते हैं।
NCERT और SCERT दोनों के पाठ्यक्रम बच्चों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रख कर बनाया जाता है। अतः दोनों में समानता है और दोनों के उद्देश्य एक ही है। इस तरह राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान परिषद के मार्ग दर्शन अनुसार कार्य करते है।
ReplyDeleteलेकिन दोनों के पाठ्यक्रमों में आंशिक विभिन्नताएं देखी जा सकती है। राज्य के पाठ्यक्रम में स्थानीय भाषाओं, भौगोलिक क्षेत्रो, एवं संस्कृति का समावेश होता हैं जिससे बच्चों को समझने,सीखने में आसानी होता है।
बच्चों को पाठ्यक्रम अधिगम के लिए विषय वस्तु प्रदान करता है एन सी आर टी से राज्य की शिक्षा संचालित होती है
ReplyDeleteपाठ्यक्रम और सीखने के प्रतिफल के मध्य गहरा संबंध है ये सिक्के के दो पहलू के समान है । अधिगम के दौरान हर शिक्षक को सीखने के प्रतिफल को ध्यान में रखते हुए आकलन करने से बच्चे की प्रगति का सही अनुमान लगाया जाता है । बच्चे स्वयं भी अपनी प्रगति का सही आकलन कर सकता है ।
ReplyDeletePatyakram bachchon se sikhne sikhane me madad milta hai
ReplyDeleteSabhi bachcho k liye pathykra m ek se banaaya jata hai. Lekin bachcho me sikhne ka star alag alag hota hai.
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