आर्ट इंटीग्रेटेड लर्निंग (AIL) एक शिक्षण-शिक्षण मॉडल है जो 'कला के माध्यम से' और 'कला के साथ' सीखने पर आधारित है: यह एक ऐसी प्रक्रिया है जहाँ कला शिक्षण-शिक्षण का माध्यम बन जाती है, किसी के भीतर अवधारणाओं को समझने की कुंजी पाठ्यक्रम का विषय। शिक्षार्थी विभिन्न कला रूपों के माध्यम से विभिन्न अवधारणाओं के बीच संबंध बनाते हुए रचनात्मक रूप से अन्वेषण करते हैं। कला के अनुभव, दोनों दृश्य (ड्राइंग और पेंटिंग, क्ले मॉडलिंग, पॉटरी, पेपर शिल्प, मुखौटा और कठपुतली बनाने, विरासत शिल्प आदि) और प्रदर्शन कला (संगीत, नृत्य, थिएटर, कठपुतली, आदि) बेहतर समझ के लिए नेतृत्व करते हैं। और विभिन्न अवधारणाओं के बारे में ज्ञान का निर्माण। कला में शिक्षार्थियों के लिए आयु-उपयुक्त अवसरों को समायोजित करने की क्षमता होती है जो उनकी व्यक्तिगत गति का पता लगा सकते हैं। यह अनुभवात्मक अधिगम दृष्टिकोण के साथ प्रतिध्वनित होता है। एआईएल के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए निम्नलिखित चरणों की सिफारिश की जाती है
क्षमता निर्माण गतिविधियों की योजना योजना समय योजना संसाधन कक्षा प्रबंधन समुदाय की भागीदारी
बच्चो मे खेलने मे बडा मजा आता है,बच्चे अपने समझ एवं प्रचलित परिवेश मे जो खेल खेला जाता है उसे ही खेलते है । खेल एवं कहानी बच्चो को ज्यादा रोचक लगते है ।कहानी जो हम सबो को पढ़ने सुनने मे बहुत अच्छा लागत है ।
बच्चो मे कुछ अनुवांशिक गुण होते है अनुवांशिक गुण जिसे बच्चा अपने परिवेश मे जिन चीजो को देखता है उसको केवल ध्यान से देखने के करण सिख जाता है वही दूसरे परिवेश मे पला बढा बच्चा उस गुण को सिखने मे सर उम्र बिता देता है किन्तु सिख नही पाता है। कला शिक्षा का अभिन्न अंग है ।
बच्चो मे खेलने मे बडा मजा आता है,बच्चे अपने समझ एवं प्रचलित परिवेश मे जो खेल खेला जाता है उसे ही खेलते है । खेल एवं कहानी बच्चो को ज्यादा रोचक लगते है ।कहानी जो हम सबो को पढ़ने सुनने मे बहुत अच्छा लागत है ।
आर्ट इंटीग्रेटेड लर्निंग (AIL) एक शिक्षण-शिक्षण मॉडल है जो 'कला के माध्यम से' और 'कला के साथ' सीखने पर आधारित है: यह एक ऐसी प्रक्रिया है जहाँ कला शिक्षण-शिक्षण का माध्यम बन जाती है, किसी के भीतर अवधारणाओं को समझने की कुंजी पाठ्यक्रम का विषय। शिक्षार्थी विभिन्न कला रूपों के माध्यम से विभिन्न अवधारणाओं के बीच संबंध बनाते हुए रचनात्मक रूप से अन्वेषण करते हैं। कला के अनुभव, दोनों दृश्य (ड्राइंग और पेंटिंग, क्ले मॉडलिंग, पॉटरी, पेपर शिल्प, मुखौटा और कठपुतली बनाने, विरासत शिल्प आदि) और प्रदर्शन कला (संगीत, नृत्य, थिएटर, कठपुतली, आदि) बेहतर समझ के लिए नेतृत्व करते हैं। और विभिन्न अवधारणाओं के बारे में ज्ञान का निर्माण। कला में शिक्षार्थियों के लिए आयु-उपयुक्त अवसरों को समायोजित करने की क्षमता होती है जो उनकी व्यक्तिगत गति का पता लगा सकते हैं। यह अनुभवात्मक अधिगम दृष्टिकोण के साथ प्रतिध्वनित होता है। एआईएल के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए निम्नलिखित चरणों की सिफारिश की जाती है
क्षमता निर्माण गतिविधियों की योजना योजना समय योजना संसाधन कक्षा प्रबंधन समुदाय की भागीदारी
बच्चो को खेल-खेल मे बताना चाहिये तथा उन्हे लघु फिल्म दिखाकर उनमे जिज्ञासा उत्त्पन कराया जाना चाहिये। गावँ मे प्रचलित खेलों को जोड़ कर रोचक बनाया जा सकता हैं।
Bachcho ko khel - khel me sikhana asan hota kisi path ke anusar use kahani kavita ko colours paper me likhna use kirdaro ko akriti dekar padhaya ja sakta hai.. har bachhe ke andar sikhne ki jigyasa hoti hai hame
बच्चे खेल के माध्यम से सीखना बहुत ही पसन्द करते हैं। इस दौरान सीखी गयी बातें बच्चों को गहराई तक समझ आतीं हैं। इससे उनमें अनुभव एवं समझ का विकास होता है।
शिक्षण में कला का उपयोग करके शिक्षण को प्रभावी बनाया जा सकता है।कला के माध्यम से बच्चों में शिक्षण के प्रति रूचि को बढ़ाया जा सकता है।खेल खेल के माध्यम से , चित्र कला, संगीत, नृत्य, कहानी,नाटक आदि के माध्यम से शिक्षण को रूचिकर बनाया जा सकता है।
बच्चो मे खेलने मे बडा मजा आता है,बच्चे अपने समझ एवं प्रचलित परिवेश मे जो खेल खेला जाता है उसे ही खेलते है । बच्चो मे खेलने मे बडा मजा आता है,बच्चे अपने समझ एवं प्रचलित परिवेश मे जो खेल खेला जाता है उसे ही खेलते है । खेल एवं कहानी बच्चो को ज्यादा रोचक लगते है ।कहानी जो हम सबो को पढ़ने सुनने मे बहुत अच्छा लागत है ।
Kala samekit shiksha ke madhyam se hm bacchon ko bhut hi aasani aur rochak tarike se vishay ko smjha skte hai bacchon me gyan aur koshal ka vikash kr skte h
बच्चे खेल के माध्यम से सीखना बहुत ही पसन्द करते हैं। इस दौरान सीखी गयी बातें बच्चों को गहराई तक समझ आतीं हैं। इससे उनमें अनुभव एवं समझ का विकास होता है।
बच्चों को किन प्रकार की गतिविधियां जिसमें कला समाहित हो चित्रकला नृत्य कला संगीत कला आदि आदि इन सब के द्वारा कला समेकित शिक्षा को बढ़ावा दिया जा सकता है। एवं बच्चों को भी गतिविधि के माध्यम से एवं खेल खेल के द्वारा शिक्षा ग्रहण करने में रोचक एवं आनंददाई लगेगा जिससे वे आसानी से किसी विषय मैटर को सीख सकेंगे।
विभिन्न पाठ्यक्रमों के विषयवस्तु ने प्रतिबिंब एक अलग पहचान रखती है बच्चे इनके मढ़तम से खेल खेल में बहुत कुछ सिख लेते ह जैसे ड्राइंग पेंटिंग मुखोटा ईट पत्थर पेड़ फूल इत्यादि निसंदेह बच्चो के लिये यह बहुत ह8 रुचिकर विषय है
गतिविधियों में बच्चे अधिक रुचि लेते है। कला समेकित शिक्षा के अंतर्गत विषय से संबंधित गतिविधियों के माध्यम से बच्चों के अंदर छुपी हुई प्रतिभा को उभारा जा सकता है।
कला समेकित शिक्षा में काफी योगदान दे सकती है जैसे चित्रकारी इससे बच्चे न बल्कि रंगों के बारे मे जान पाते है बल्कि उनकी मानसिक कल्पना सक्ति पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है
कला समेकित शिक्षा की हेल्प से बच्चों में पढ़ाई में रुचि आती है । शिक्षण अधिगम तीव्रतम होती हैं। जैसे कि हम सीजन पढ़ रहे हैं तो गर्मी में कैसा लगता हैं क्या क्या फल मिलते हैं? हमे कैसी चीज़ें पसन्द आती हैं पूछने पर बच्चे iscream बर्फ गोले की बात करके प्रफुल्लित होता हैं आम की बाते करेगा उसको बर्फ खाते समय दांतो में कैसा लगता महसूस होगा कच्चा आम सुनकर मुह में पानी आएगा । जोकि उसे पाठ को समझने में आसान बनायेगा ।
हर.एक बच्चे मे कुछ न कुछ प्रतिभा होती है, बच्चों से उसके कला को किस प्रकार निखार लाए कि. बच्चे भी अपना सौ प्रति शत योगदान. देने विवश हो जाएं।बच्चों को खेलने में बहुत रूची होता हैं, खेल-खेल मे बच्चों के कला को.निखारने मे बड़ा मजा आता हैं।
प्रणिता वर्मा प्रधान पाठक Govt.P.S.Binaika Simga Balodabazar कभी भी कोई भी क्लास में कोई भी सब्जेक्ट पदा रहे है तो आप उसमें अपनी समझ के आधार पर उस टॉपिक से रिलेटेड उदाहरण देकर कलात्मक रूप से चित्र व एक्सप्रेशन के द्वारा पढ़ाया जाय तो बच्चे रुचि के साथ सीखते है
कोरोना संक्रमण काल मेंबच्चों को वेबेक्स एप के माध्यम से एवं फ्री कांफ्रेंस काल के माध्यम से जोड़े रखा।बच्चों को इनके माध्यम से पढ़ाता और कचछ चैलेंज देता जिसे बच्चे पूरा करते , इसमें बच्चों का सहयोग भी कुछ रूप में करता इस प्रकार कोर्स का लगभग 40 से 50 प्रतिशत पूर्ण हो गया है।
हर बच्चे में कोई ना कोई कला होती है उसके कला को पहचान कर उसे निकालना चाहिए और उस क्षेत्र में उसे आगे बढ़ाना चाहिए खेल खेल में सीखना बच्चों के अधिगम के लिये बहुत उपयोगी है.
बच्चों को किन प्रकार की गतिविधियां जिसमें कला समाहित हो चित्रकला नृत्य कला संगीत कला आदि आदि इन सब के द्वारा कला समेकित शिक्षा को बढ़ावा दिया जा सकता है। एवं बच्चों को भी गतिविधि के माध्यम से एवं खेल खेल के द्वारा शिक्षा ग्रहण करने में रोचक एवं आनंददाई लगेगा जिससे वे आसानी से किसी विषय मैटर को सीख सकेंगे।
जब हम किसी भी टॉपिक को पढ़ाएं तो जीवंत उदाहरण के साथ बतायें. और जो उदाहरण ले वो दैनिक जीवन से जुड़ा हुआ हो जिससे विद्यार्थी महसूस कर सके और उसे इनकी अनुभूति हो सके
Bachche ko unke aas pass k vatavaran se ,unke kuch sadharan se khel se,jinme wo mahir ho,usse unke under chupe hunar ka pata lagya ja skta h,Jo kala samekit siksha ka ek rup h
Darpan ke samane kissi vastu ko rakhane se jo pratibimb hamare ankho me padata h.jaise- chandni rat me tare,chand ka pratibimb, dhup me padh ka pratibimb,kisi vastu ka pratibimb,dhup me khade hone se jo chhaya ka pratibimb hamaare akho me dikhayi dena.
बच्चे श्रव्य, दृश्य अथवा दोनों माध्यमों से अनुभव प्राप्त कर संबंधित विषय वस्तु को शीघ्रता पूर्ण एवं पूर्ण रूप से जानने में अपना समझ विकसित करते हैं। साथ में कला प्रदर्शन कर तथा जैसे कहानी नाटक रंगमंच रेडियो टीवी मोबाइल लैपटॉप एंड टेक्नोलॉजी के माध्यम से भी विषय पर अपना पकड़ मजबूत बनाते हैं। खेल खेल में शिक्षा आधारित गतिविधि करके भी तथा पाठ्यवस्तु से अनुभव प्राप्त कर, देख कर सीखते हैं। उनसे उनका विषय के सीखने के तरीके सरल, सुगम एवं सहज हो जाता है।
हर बच्चे में कोई ना कोई कला होती है उसके कला को पहचान कर उसे निकालना चाहिए और उस क्षेत्र में उसे आगे बढ़ाना चाहिए खेल खेल में सीखना बच्चों के अधिगम के लिये बहुत उपयोगी है.
अपने विषयों को सार्थक सीखने मे कला समेकित शिक्षा पूर्णतः छात्रों को लाभान्वित कर सकता है, पाठ के मुलअवधारणाओ तक पहुँचने के लिए AILरूचिकर एवं आनन्ददायी गतिविधि है कक्षा वार विषय वार पाठ के अनुसार सीखने-सिखाने की प्रक्रिया के रूप में संचालित किया जा सकता है।
बच्चों को खेल खेल में सीखना अच्छा लगता है इसलिए बच्चों को सिखाने के लिए गीत नाटक अभिनय खेल खेल के माध्यम से सीखना अच्छा लगता है कला शिक्षा के माध्यम से सीखना बच्चों में मनोरंजक और शीघ्रता के साथ सीखते हैं।
बच्चो मे खेलने मे बडा मजा आता है,बच्चे अपने समझ एवं प्रचलित परिवेश मे जो खेल खेला जाता है उसे ही खेलते है । खेल एवं कहानी बच्चो को ज्यादा रोचक लगते है ।कहानी जो हम सबो को पढ़ने सुनने मे बहुत अच्छा लागत है ।
आर्ट इंटीग्रेटेड लर्निंग एक ऐसी प्रक्रिया है जहां कला शिक्षण शिक्षण का माध्यम बन जाती है, किसी के भीतर अवधारणाओं को समझने की कूंजी, पाठ्यक्रम का विषय। कला के माध्यम से बच्चों के प्रतिभा को निखारा जा सकता है।शिक्षण को रुचि कर बनाकर बच्चों का बहुमुखी विकास कर सकते हैं।
कला समेकित शिक्षा अनुभवात्मक अधिगम का एक शैक्षणिक तरीका है अगर पाठयक्रम मे कला का समावेश हो तो विशेष रूप से अमूर्त अवधारणाओं को स्पष्ट करने मे मदद िमिलती है कला समेकित शिक्षा के िवििभिन्न विषयों की विषयवस्तु को तार्किक, विदयार्थी केन्द्रित और अर्थपूर्ण तरीकों से जोडने का साधन प्रदान करता है विदयालय मे सीखने सीखानेे की प्रक्रिया मे कला समेकित शिक्षा का समावेश हो जाए तो यह न केवल बच्चों के लिये रूचिकर होगा बल्कि शिक्षकों के लियेे भी उनकी कक्षा बालकेन्द्रित व आनंददायक बन जायेगा
बच्चों को स्वयं करके सीखने में अधिक आनंद आता है और इस तरीके से अर्जित शिक्षा स्थायी होता है।मैं अपने विषय भाषा शिक्षण में बालगीत के रूप में शामिल कर शिक्षण को रोचक बना सकता हूँ।
शैक्षिक गतिविधियों में कला का समाकेशन सिखाईं जाने वाली अवधारणाओं पर निर्भर करता है।गणित विषय मे मापन क्षेत्र फल आयतन मे कहानियों का चित्र कला का तुलनात्मक अध्ययन मे समरुपता मे मूर्ति कला का पर्यावरण समाजिक अध्ययन मे भाषा शिक्षण मे नाटक प्रहसन नृत्य कला गायन का प्रयोग किया जा सकता हैं।
दिनेश कुमार गुप्ता मा.शा.बलियारा सं.के.शंकरदाह धमतरी।
कला समेकित शिक्षा छात्रों को सरल एवं रुचिपूर्वक विषय से जोड़ता है।विषय वस्तु को छात्र जल्दी सीखता है।पढ़ाई बोझिल नही लगती।छात्र मजे लेकर खेल खेल में ज्ञान अर्जित कर लेता है। मा.शा.कुदूरघोड़ा अम्बागढ़ चौकी राजनांदगांव
कला समेकित शिक्षा में यह विषयों के अमूर्त अवधारणा को मूर्त रूप दे सकती है। कला से ही समग्र सर्वागीण विकास का उपाय है। जैसे मैं मिट्टी के विषय में पढ़ाई करता हूं तो सभी बच्चों को अलग अलग रंग की मिट्टी, मिट्टी के बर्तन ,खिलौने ,आदि लाने को कहूंगा। जो कला के माध्यम से शिक्षण होगा।
Anita Singh बच्चों को खेलने में बहुत आनन्द आता है। अगर पढ़ाई में हम कला को जोड़ दे तो ये बच्चों के लिए रुचिकर होगा । कला समेकित शिक्षा बच्चों के लिए सिखने के लिए अच्छे अवसर प्रदान करता है।अध्ययन के प्रति छात्रों की रुचि को बढ़ाता है।कला समेकित शिक्षा में बच्चे स्वयं करके सीखते हैं
https://youtu.be/8SxgzI1IKE4कला समेकित शिक्षा से बच्चों को किसी भी अवधारणा को सरलीकरण किया जा सकता है इसमें बच्चा स्वंय विभिन्न तरीकों का उपयोग कर आसानी से सीख सकता है । ममता झा ,छान्टा झा
बच्चो मे कुछ अनुवांशिक गुण होते है अनुवांशिक गुण जिसे बच्चा अपने परिवेश मे जिन चीजो को देखता है उसको केवल ध्यान से देखने के करण सिख जाता है वही दूसरे परिवेश मे पला बढा बच्चा उस गुण को सिखने मे सर उम्र बिता देता है किन्तु सिख नही पाता है। कला शिक्षा का अभिन्न अंग है
कला समेकित शिक्षा एक रुचिकर तरीक़ा है जिससे बच्चों मे अधिगम प्रक्रिया को आसान बनाया जा सकता है।बच्चों मे छिपी प्रतिभा को उजागर कर उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया जा सकता है।
बच्चे खेल के माध्यम से शिक्षा लेने में अधिक रुचि दिखाते है। अतः उन्हें बाहरी परिवेश में लाकर खेल-खेल में सिखाना चाहिए जो कि ज़्यादा रुचिकर होता है तथा यह कला से शिक्षण का अच्छा उदाहरण है।
कला को अधिगम के एक टूल के रूप में प्रयोग करने से आश्चर्यजनक सकारात्मक परिणाम प्राप्त होता है।मैं एक मंचीय कलाकार और संगीत साधक होने की वजह से हिंदी के प्रत्येक कविता के लिए एक धुन और लय का प्रयोग करता हूँ।इससे बच्चे रुचिपूर्वक उसे गाते हैं और जल्दी याद कर लेते हैं।इसी तरह संवादयुक्त पाठों का मंचन करने से भी बच्चों को अत्यधिक आनंद आता है तथा वे मजे से सीखते हैं।चित्रों ,लोकगीतों आदि के माध्यम से विज्ञान, गणित आदि विषयों को भी बेहद मनोरंजक तरीके से पढ़ाया जा सकता है।
Art of learning helps the student to experience a thing in its own way. Art also do catharsis and sublimation also which is the highest form of help can be achieved by the student. If student learn by art dance poetry reading enhance the understanding learning process.
कला समेकित शिक्षा में हम कला को पाठ्यक्रम का आधार बनाते हुए विभिन्न विषयों को सीखने और सिखाते हैं। विभिन्न कलाओं के माध्यम से विषयों एवं उनकी अमूर्त अवधारणाओं को मूर्त रूप प्रदान करते हैं। इस तरह कला समेकित शिक्षा बच्चों को की तरह के कौशलों और क्षमताओं का उपयोग करने में सक्षम बनाता है और सिखने को अनुभवजन्य एवं आनन्दायी।
Bachho ko chitro k madhyam se sikhana aur aise khel khilwana jo naki aanand de balki gyaan bhi de. Jaise luka chhupi k khel se ye shiksha de skte hai ki jhut kitna bhi chhup le vah akhir pe pkda hi jata hai
बच्चों को सीखने सिखाने की प्रक्रिया में यदि प्रत्येक विषय बिंदुओं को गतिविधि आधारित किया जाए, जो प्रत्येक बच्चे की रूचि के अनुसार हो तो बच्चे बहुत तीव्र गति से सीखेंगे, जिससे बच्चे में कला संबंधित विभिन्न कौशलों का विकास हो सकेगा।
कला समेकित शिक्षा सीखने में बहुत सहायक है पाठ्यवस्तु को सरल और रुचिकर बनाता है इससे बच्चों के दृश्य श्रव्य गतिविधि आधी का उपयोग होता है जिससे बच्चे अच्छी तरह सीखते हैं
शिक्षण कला में विषय वस्तु के आधार पर बच्चों को खेल खेल में सीखना अच्छा लगता है इसलिए बच्चों को सिखाने के लिए गीत नाटक अभिनय खेल खेल के माध्यम से सीखना अच्छा लगता है कला शिक्षा के माध्यम से सीखना बच्चों में मनोरंजक और शीघ्रता के साथ सीखते हैं।
बच्चो मे कुछ अनुवांशिक गुण होते है अनुवांशिक गुण जिसे बच्चा अपने परिवेश मे जिन चीजो को देखता है उसको केवल ध्यान से देखने के करण सिख जाता है वही दूसरे परिवेश मे पला बढा बच्चा उस गुण को सिखने मे सर उम्र बिता देता है किन्तु सिख नही पाता है। कला शिक्षा का अभिन्न अंग है
शिक्षण कला में विषय वस्तु के आधार पर बच्चों को खेल खेल में सीखना अच्छा लगता है इसलिए बच्चों को सिखाने के लिए गीत नाटक अभिनय खेल खेल के माध्यम से सीखना अच्छा लगता है कला शिक्षा के माध्यम से सीखना बच्चों में मनोरंजक और शीघ्रता के साथ सीखते हैं।
शिक्षा में खेल का बड़ा ही महत्व है खेल खेल में ही बच्चों को शिक्षित किया जा सकता है बच्चे अपनी रूचि के अनुसार काफी कुछ सीखते हैं कला समेकित शिक्षा बच्चों के सीखने के लिए महत्वपूर्ण है
आर्ट बिषय वस्तु को सरल सुबोध रूचिकर बनाता है और बच्चों मे स्थायित्व प्रदान करता है। अतः हम दृश्य एवं प्रदर्शन कला का चुनाव एवं प्रयोग करके छात्रों को लाभान्वित कर सकते हैं
कला शिक्षण बाल केंद्रित शिक्षण है ,कला के माध्यम से शिक्षार्थी संज्ञानात्मक भवनात्मक और मनोज्ञनात्मक भाव से बच्चे गतिविधि करते है। । किसी विषय से संबंधित चित्रकला , फोटोग्राफ ,कलात्मक अभियक्ति , कहानी, आदि गतिविधि कर सकते है ।
विभिन्न पाठ्यक्रमों के विषयवस्तु मे प्रतिबिंब एक अलग पहचान रखती है।बच्चे इनके माध्यम से खेल खेल मे बहुत कुछ सीख लेते है जैसे चित्रकला, संगीत, नृत्य गायन, कहानी,नाटक आदि। इनके के माध्यम से शिक्षण को रुचिकर बनाया जा सकता है।
Anand Das Manikpuri किसी भी विषय में कला शिक्षण खेल खेल में सिखाने की एक बहुत ही अच्छी विधि है इसमें हम विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से कला के क्षेत्र में हर विषय के संबंध में अध्यापन करा सकते हैं जो काफी रूचि कर हो सकती है
कला समेकित शिक्षा (A.I.L) छात्रों को समूह मे कार्य करने, रंगमंच,अभिनय,दृश्य कला,प्रदर्शन कला,रोलप्ले,संवाद,सज्जा,पोशाक,व केशसज्जा,गीत,नृत्य,संगीत से तो जोङता ही है साथ ही पाठ्यवस्तु का मंचन करने से उसके गूढ़तथ्यों को समझने तथा उसे अपने नीजि जीवन व अनुभव से जोङने मे मदद भी करता है ।कभी-कभी कला समेकित गतिविधियां किसी एक विषय से न जुङी होकर कई विषयो से संबंधित होती है और इस परिस्थिति में विद्यार्थी को बहुआयामी लाभ होता हैं छात्र परस्पर चर्चा के माध्यम से नवीनतम विचार को साझा करतें हैं तथा दुसरे विद्यार्थी के विचारों को गंभीरता से सुनकर मूल्यांकन अथवा आंकलन भी करते हैं ।कला समेकित शिक्षा विषयवस्तु को रोचक और आनंददायक बना देती हैं हम चाहे तो इसकी विडियो रिकार्डिंग करके बाद में छात्रों के साथ देख भी सकते है तथा चर्चा,आकलन कर सकते हैं ।
आर्ट इंटीग्रेटेड लर्निंग (AIL) एक शिक्षण-शिक्षण मॉडल है जो 'कला के माध्यम से' और 'कला के साथ' सीखने पर आधारित है: यह एक ऐसी प्रक्रिया है जहाँ कला शिक्षण-शिक्षण का माध्यम बन जाती है, किसी के भीतर अवधारणाओं को समझने की कुंजी पाठ्यक्रम का विषय। शिक्षार्थी विभिन्न कला रूपों के माध्यम से विभिन्न अवधारणाओं के बीच संबंध बनाते हुए रचनात्मक रूप से अन्वेषण करते हैं। कला के अनुभव, दोनों दृश्य (ड्राइंग और पेंटिंग, क्ले मॉडलिंग, पॉटरी, पेपर शिल्प, मुखौटा और कठपुतली बनाने, विरासत शिल्प आदि) और प्रदर्शन कला (संगीत, नृत्य, थिएटर, कठपुतली, आदि) बेहतर समझ के लिए नेतृत्व करते हैं। और विभिन्न अवधारणाओं के बारे में ज्ञान का निर्माण। कला में शिक्षार्थियों के लिए आयु-उपयुक्त अवसरों को समायोजित करने की क्षमता होती है जो उनकी व्यक्तिगत गति का पता लगा सकते हैं। यह अनुभवात्मक अधिगम दृष्टिकोण के साथ प्रतिध्वनित होता है।
कला समेकित शिक्षण (AIL) बच्चों को अधिगम प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । बच्चे खेल के माध्यम से सीखना बहुत ही पसन्द करते हैं। इस दौरान सीखी गयी बातें बच्चों को गहराई तक समझ आतीं हैं। इससे उनमें अनुभव एवं समझ का विकास होता है।
माध्यमिक शाला :- केरगांव विकासखंड/ जिला :- गरियाबंद
आई इंटीग्रेटेड लर्निंग (AIL)एक शिक्षण पद्धति है जिसके माध्यम से शिक्षक अपने शिक्षण पद्धति में कला का समावेश कर छात्रों को विषय आधारित शिक्षा प्रदान करते हैं । शिक्षक विभिन्न कला जैसे ड्राइंग, पेंटिंग , कठपुतली, संगीत, अभिनय, नृत्य, थिएटर आदि के माध्यम से विद्यार्थी के लिए पाठ्यक्रम को रुचि बनाकर विषयवस्तु को समझाने का प्रयत्न करते हैं ।खेल-खेल में कला के माध्यम से छात्र रोचक ढंग से विभिन्न विषय को प्रभावी ढंग से समझ सकते हैं। कला का प्रयोग शिक्षण अधिगम के साथ-साथ मूल्यांकन में भी किया जा सकता है।
बच्चो मे खेलने मे बडा मजा आता है,बच्चे अपने समझ एवं प्रचलित परिवेश मे जो खेल खेला जाता है उसे ही खेलते है । खेल एवं कहानी बच्चो को ज्यादा रोचक लगते है ।कहानी जो हम सबो को पढ़ने सुनने मे बहुत अच्छा लागत है ।
कला समेकित शिक्षा अनुभवात्मक अधिगम का एक शैक्षणिक तरीका है। ... अगर पाठ्यक्रम में कला का समावेश हो तो इससे विशेष रूप से अमूर्त अवधारणाओं को स्पष्ट करने में मदद मिलती है। कला समेकित पाठ्यक्रम में विभिन्न विषयों की विषय वस्तु को तार्किक, विद्यार्थी केंद्रित और अर्थपूर्ण तरीकों से जोड़ने के साधन प्रदान कर सकता है।
बच्चों को किन प्रकार की गतिविधियां जिसमें कला समाहित हो चित्रकला नृत्य कला संगीत कला आदि आदि इन सब के द्वारा कला समेकित शिक्षा को बढ़ावा दिया जा सकता है। एवं बच्चों को भी गतिविधि के माध्यम से एवं खेल खेल के द्वारा शिक्षा ग्रहण करने में रोचक एवं आनंददाई लगेगा जिससे वे आसानी से किसी विषय मैटर को सीख सकेंगे।
बच्चे श्रव्य, दृश्य अथवा दोनों माध्यमों से अनुभव प्राप्त कर संबंधित विषय वस्तु को शीघ्रता पूर्ण एवं पूर्ण रूप से जानने में अपना समझ विकसित करते हैं। साथ में कला प्रदर्शन कर तथा जैसे कहानी नाटक रंगमंच रेडियो टीवी मोबाइल लैपटॉप एंड टेक्नोलॉजी के माध्यम से भी विषय पर अपना पकड़ मजबूत बनाते हैं। खेल खेल में शिक्षा आधारित गतिविधि करके भी तथा पाठ्यवस्तु से अनुभव प्राप्त कर, देख कर सीखते हैं। उनसे उनका विषय के सीखने के तरीके सरल, सुगम एवं सहज हो जाता है।
बच्चो मे खेलने मे बडा मजा आता है,बच्चे अपने समझ एवं प्रचलित परिवेश मे जो खेल खेला जाता है उसे ही खेलते है । खेल एवं कहानी बच्चो को ज्यादा रोचक लगते है ।कहानी जो हम सबो को पढ़ने सुनने मे बहुत अच्छा लागत है ।
Kala samekit siksha bachho me nihit anek kshamatayo ka pradarshan karane avm nikharane ka avasar pradan karata hai.kala samekit siksha ke madhyam see bachhe asani se sikhate hai.
कला समेकित शिक्षा इसके माध्यम से बच्चों को शिक्षण कार्य रुचिकर एवं सहज हो जाता है हम ना सिर्फ भाषा बल्कि गणित विज्ञान पर्यावरण सभी विषयों में कला को समाहित कर बच्चों को बिना उबकाई होए हम सहजता से शिक्षा प्रदान कर सकते हैं ।
बच्चो मे खेलने मे बडा मजा आता है,बच्चे अपने समझ एवं प्रचलित परिवेश मे जो खेल खेला जाता है उसे ही खेलते है । खेल एवं कहानी बच्चो को ज्यादा रोचक लगते है ।कहानी जो हम सबो को पढ़ने सुनने मे बहुत अच्छा लागत है ।
कला समेकित शिक्षा को हम अन्य विषयों से जोड़ कर उन विषयों को अमूर्त से मूर्त रूप में बदल कर सार्थक सीखने में बच्चों की मदद कर सकते हैं। उदाहरण स्वरूप बच्चों के खेल-खेल में तालाब का पारितंत्र बड़े से बाल्टी में या अन्य बर्तन में बनाकर सिखाया जा सकता है। जिसमें पानी भरकर कुछ मछलियां, कीड़े मकोड़े, शैवाल, पौधे, कमल के फूल रखे जा सकते हैं। इस खेल में बच्चों को स्वयं की भागीदारी करने दी जाए। उन्हें तालाब से संबंधित चीजे ढूंढकर लाने दिया जाए। कंकड़, मिट्टी अन्य आदि। इस प्रकार से और भी विषयों को हम बच्चों के कला से सीखने में मदद कर सकते हैं।
कला के माध्यम से अनुभव शिक्षार्थियों को शिक्षा के विकास में सार्थक है जैसे कि बच्चा परीक्षा में और परीक्षा देने में नर्वस और डर रहता है लेकिन उसी प्रश्न को उस बच्चे से कलात्मक ढंग से कला के माध्यम से अभिव्यक्त कर उत्तर दे दो डर और भय नहीं रहता है उसमें वह उस प्रश्न का आसानी से हल कर देता है ठीक उसी प्रकार शिक्षक भी अपने क्लास में हो सके तो भिन्न-भिन्न कला के माध्यम से शिक्षा दें तो वह पाठ योजना विषय वस्तु सरल आकर्षक और मजेदार हो जाता है जो कि बच्चा बड़ा बड़ा चाहते हुए उस विशेष विषय वस्तु को ध्यान पूर्वक देखता है समझता है और मानसिक पटल पर रख लेता है इसलिए शिक्षा हो सके तो विषय वस्तु को कला के माध्यम से पढ़ाया जाए जैसे बारिश का पानी आ रहा है तो उसको उंगली के माध्यम से गतिविधि कर प्रदर्शन कर दिखाकर पढ़ाई एक उंगली को एक्टिविटी का एक मेक एक्टिविटी दो उंगली के चार उंगली की एक्टिविटी उसी प्रकार वापसी 4 उंगली का एक्टिविटी बजाते हुए 3 उंगली का एक्टिविटी दो उंगली का एक्टिविटी एक उंगली का एक्टिविटी इससे जो आवाज उत्पन्न होता है उत्पन्न होता है बारिश जैसा आना और धीरे-धीरे चले जाना बच्चों में कला होना बहुत ही आवश्यक है शिक्षा के लिए और सार्थक भी है साथ ही साथ कला कई आयाम मैं विभिन्न तकनीकों का भी सहायता दिया जा सकता है मीडिया का भी जिससे कला और भी अच्छा हो जाता है और शिक्षा लेने में और भी आसान हो जाता है कला भावना से जुड़ा है जो कि प्रत्येक बच्चे अपनी सामाजिक परिवेश परिवारिक परिवेश वातावरण से कुछ ना कुछ पहले से ही सीखे हुए रहते हैं जोकि कला के माध्यम से अपनी भावनाओं को प्रकट करते हैं और व्यक्त करते हैं जो शिक्षक भी नहीं जानता और उस विषय को जो बच्चा जानता है उस पर विशेष गौर करना चाहिए ध्यान देना चाहिए उस टॉपिक पर और उस टॉपिक को सभी को साथ शेयर करते हुए बच्चों में विचार विमर्श करना चाहिए जो कि प्रत्येक बच्चे जानेंगे प्रत्येक बच्चे में प्राकृतिक स्वयं का गुण होता है होता है कक्षा में उजागर करना चाहिए प्रयास करना चाहिए कि बच्चा स्वयं उस विषय को प्रकट करें बिना जीजा के जिससे उसका आत्मविश्वास बढ़ता है बोलने में बात करने में समझने में शिक्षक से वाद-विवाद करने में संवाद करने में इसलिए कला शिक्षा के लिए अनुभव व्यक्तियों के लिए बहुत ही सार्थक है
बच्चों को खेलने में बड़ा मज़ा आता है बच्चे अपने समझ एवं प्रचलित परिवेश में जो खेल खेला जाता है उसे ही खेलते हैं खेल एवं कहानी बच्चों को ज्यादा रोचक लगते हैं।
बच्चों को खेलने में बड़ा मज़ा आता है बच्चे अपने समझ एवं प्रचलित परिवेश में जो खेल खेला जाता है उसे ही खेलते हैं खेल एवं कहानी बच्चों को ज्यादा रोचक लगते हैं।
बच्चो का मन कोमल होता हैंं। पढ़ाई के साथ -साथ बच्चो को खेल व विभ्भिन्न कलाओं मे भी रूची होती हैं। बच्चो को खेल व कलाओं में भाग लेने के लिए भी प्रोत्साहित करना चाहिए। तभी बच्चो का मन पढ़ाई मे लगेगा ।
कला समेकित शिक्षा में, हम कला को पाठ्यक्रम का मुख्य हिस्सा बनाते हुए काम करते हैं। विभिन्न कला रूपों का उपयोग करके विषय की अमूर्त अवधारणाओं का पता लगाया जा सकता है। कला समेकित कक्षाएँ सीखने के ऐसे अनुभव प्रदान कर सकती हैं जिससे सीखने वाले का मन, हृदय और शरीर उससे जुड़ जाता है।
गतिविधि में प्रत्येक बच्चे की भूमिका समान रहती है। रोचक व मनोरंजन पूर्ण गतिविधि में बच्चे उत्सुकता से भाग लेते है और खेल खेल में सीखते रहते है। अवधारणाएं लंबे समय तक उनके दिमाग मे बनी रहती है। क्योंकि उन्होंने उसे स्वयं से करके सीखा है।
कला समेकित शिक्षा विषयो को रुचिकर और आसान बनाती है चुंकि मेरा विषय science है मुझे अपने विषय को रुचिकर बनाने मे मदद होंगी अनुभव और अभिनय के आधार से जीव जन्तुओ और पर्यावरण को शीघ्र समझेंगे
बच्चों को खेल में ही रुचि अधिक रहता है। यदि आप किसी भी शिक्षण को खेल गतिविधि से करते है तो बच्चे आंनद लेते हुए शीघ्र ही सीखते है। अतः कलासमेकित शिक्षा शिक्षण को सरल व रुचि कर बनाते हैं।
शिक्षण के लिए कला का होना जरूरी और महतवपूर्ण है।हम बच्चों को कक्षा में अभिनय,नाटक ,पेन्टिंग,गायन,नृत्य और कठपुतली द्वारा सिखने की प्रक्रिया को आसान बना सकते है।जिससे बच्चे जल्दी सीख सकते है।
कोर्स 03 गतिविधि 5 : सीखने के परिवेश का सृजन– अपने विचार साझा करें सीखने के परिवेश का सृजन करने के लिए अपने स्वयं के कुछ तरीके सोचें और अपने विचार साझा करें।
कोर्स 02 गतिविधि 2 : अपने विचार साझा करें माध्यमिक स्तर पर आई . सी . टी . आपके शिक्षण , अधिगम और मूल्यांकन कार्यों में कैसे सहयोग करती है ? अपनी समझ साझा करें।
कोर्स 08 : सीखने का आकलन गतिविधि 1 : अपने विचार साझा करें आकलन के ऐसे कौन-से प्रकार हैं जिन्हें आप बुनियादी अवस्था में बच्चों के साथ प्रयोग कर सकते हैं ? आकलन के प्रकारों की सूची बनाएं - विशेष रूप से लिखित परीक्षा से भिन्न आकलन के प्रकार सोचें। अपने विचार साझा करें।
ठंड लगना
ReplyDeleteसायकल का टायर चलाना
Deleteहर एक पाठ्यक्रम को एक एक्टिविटी से जोड़के समझाना चाहिए
Deleteशिक्षण में कला का होना जरूरी एवं महत्वपूर्ण है।
DeleteVisay vastu ko yadi Dainik jeevan se jod kar bacho ko btaye jae to asani se samjh skte h
Deleteबच्चों को कलात्म पाठ्ययोजन सम्मीलित कर गतिविधि बनाकर कर सकते हैं।
Deleteबच्चों को खेल खेल में सिखाया जाना चाहिए ।
ReplyDeleteजाना चाहिए ।
ReplyDeleteरंगो के माध्यम से
ReplyDeleteविभिन्न पाठ्यक्रम के क्षेत्रों की विषय वस्तु की सीखने सिखाने के साथ कला को मिलना कला है जिससे ज्ञान और समझ विकसित होती है।
ReplyDeleteविभिन्न पाठ्यक्रम क्षेत्रों की विषय वस्तु के सीखने सिखाने के साथ कला को मिलने से ज्ञान और समझ विकसित होती है।
ReplyDeleteआर्ट इंटीग्रेटेड लर्निंग (AIL) एक शिक्षण-शिक्षण मॉडल है जो 'कला के माध्यम से' और 'कला के साथ' सीखने पर आधारित है: यह एक ऐसी प्रक्रिया है जहाँ कला शिक्षण-शिक्षण का माध्यम बन जाती है, किसी के भीतर अवधारणाओं को समझने की कुंजी पाठ्यक्रम का विषय।
ReplyDeleteशिक्षार्थी विभिन्न कला रूपों के माध्यम से विभिन्न अवधारणाओं के बीच संबंध बनाते हुए रचनात्मक रूप से अन्वेषण करते हैं।
कला के अनुभव, दोनों दृश्य (ड्राइंग और पेंटिंग, क्ले मॉडलिंग, पॉटरी, पेपर शिल्प, मुखौटा और कठपुतली बनाने, विरासत शिल्प आदि) और प्रदर्शन कला (संगीत, नृत्य, थिएटर, कठपुतली, आदि) बेहतर समझ के लिए नेतृत्व करते हैं। और विभिन्न अवधारणाओं के बारे में ज्ञान का निर्माण।
कला में शिक्षार्थियों के लिए आयु-उपयुक्त अवसरों को समायोजित करने की क्षमता होती है जो उनकी व्यक्तिगत गति का पता लगा सकते हैं। यह अनुभवात्मक अधिगम दृष्टिकोण के साथ प्रतिध्वनित होता है।
एआईएल के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए निम्नलिखित चरणों की सिफारिश की जाती है
क्षमता निर्माण
गतिविधियों की योजना
योजना समय
योजना संसाधन
कक्षा प्रबंधन
समुदाय की भागीदारी
बच्चो मे खेलने मे बडा मजा आता है,बच्चे अपने समझ एवं प्रचलित परिवेश मे जो खेल खेला जाता है उसे ही खेलते है ।
Deleteखेल एवं कहानी बच्चो को ज्यादा रोचक लगते है ।कहानी जो हम सबो को पढ़ने सुनने मे बहुत अच्छा लागत है ।
बच्चों को एक जगह एकाड्डा करके उनको सिखाने पर
Deleteशिक्षण में कला क होना ज़रूरी है।
ReplyDeleteteaching ko khel khel me, question answer aur dusre gatividhi k dwara kar sakte hai.
ReplyDeleteचिंतन करना
ReplyDeleteछात्रो के समक्ष अपने ज्ञान को बढाना ।
ReplyDeleteविभिन्न विषयों के पाठ्यक्रम को कला केसाथ सीखने में अनुभव एवं समझ विकसित होती है
ReplyDeleteबच्चो मे कुछ अनुवांशिक गुण होते है अनुवांशिक गुण जिसे बच्चा अपने परिवेश मे जिन चीजो को देखता है उसको केवल ध्यान से देखने के करण सिख जाता है वही दूसरे परिवेश मे पला बढा बच्चा उस गुण को सिखने मे सर उम्र बिता देता है किन्तु सिख नही पाता है।
ReplyDeleteकला शिक्षा का अभिन्न अंग है ।
हर बच्चे में कोई ना कोई कला होती है उसके कला को पहचान कर उसे निकालना चाहिए और उस क्षेत्र में उसे आगे बढ़ाना चाहिए
ReplyDeleteShikshan kary me gatividhi ka hona bahut avsyak hai
Deleteमैं एक कर्त्तव्यनिष्ठ शिक्षिका हूँ
ReplyDeleteछात्रों को सीखने में विश्वास रखती हूँ
मैं अपने कार्य के प्रति ईमानदार हूँ
बहुत बढिया
Deleteबच्चो मे खेलने मे बडा मजा आता है,बच्चे अपने समझ एवं प्रचलित परिवेश मे जो खेल खेला जाता है उसे ही खेलते है ।
ReplyDeleteखेल एवं कहानी बच्चो को ज्यादा रोचक लगते है ।कहानी जो हम सबो को पढ़ने सुनने मे बहुत अच्छा लागत है ।
बच्चों में किसी विषय की समझ बनाने के लिए कला का महत्वपूर्ण योगदान होता हैं साथ ही इसके माध्यम से दिया गया ज्ञान स्थाई होता है।
ReplyDeleteछात्रों को विषयों को रूचि कर बनाते हुए समझाना चाहिए।
ReplyDeleteबच्चों में सिखाने की रुचि उत्पन्न करने हेतु कला का प्रयोग आवश्यक होता है।
ReplyDeleteबच्चों को खेल के माध्यम से सीखने हेतु पयास करता हूं
ReplyDeleteबच्चों को खेल के माध्यम से सीखने हेतु पयास करता हूं
ReplyDeleteखेल -खेल मे छात्रगण अधिक रुचि से सिखते है।उस परिवेश को लाकर सिखाने सेबालक बालिका अधिक मन से सीखेगे।
ReplyDelete10, 2020 at 7:32 AM
ReplyDeleteविभिन्न पाठ्यक्रम के क्षेत्रों की विषय वस्तु की सीखने सिखाने के साथ कला को मिलना कला है जिससे ज्ञान और समझ विकसित होती
आर्ट इंटीग्रेटेड लर्निंग (AIL) एक शिक्षण-शिक्षण मॉडल है जो 'कला के माध्यम से' और 'कला के साथ' सीखने पर आधारित है: यह एक ऐसी प्रक्रिया है जहाँ कला शिक्षण-शिक्षण का माध्यम बन जाती है, किसी के भीतर अवधारणाओं को समझने की कुंजी पाठ्यक्रम का विषय।
ReplyDeleteशिक्षार्थी विभिन्न कला रूपों के माध्यम से विभिन्न अवधारणाओं के बीच संबंध बनाते हुए रचनात्मक रूप से अन्वेषण करते हैं।
कला के अनुभव, दोनों दृश्य (ड्राइंग और पेंटिंग, क्ले मॉडलिंग, पॉटरी, पेपर शिल्प, मुखौटा और कठपुतली बनाने, विरासत शिल्प आदि) और प्रदर्शन कला (संगीत, नृत्य, थिएटर, कठपुतली, आदि) बेहतर समझ के लिए नेतृत्व करते हैं। और विभिन्न अवधारणाओं के बारे में ज्ञान का निर्माण।
कला में शिक्षार्थियों के लिए आयु-उपयुक्त अवसरों को समायोजित करने की क्षमता होती है जो उनकी व्यक्तिगत गति का पता लगा सकते हैं। यह अनुभवात्मक अधिगम दृष्टिकोण के साथ प्रतिध्वनित होता है।
एआईएल के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए निम्नलिखित चरणों की सिफारिश की जाती है
क्षमता निर्माण
गतिविधियों की योजना
योजना समय
योजना संसाधन
कक्षा प्रबंधन
समुदाय की भागीदारी
कला समेकित शिक्षा के अन्तर्गत विषय से सम्बन्धित गतिविधियों के माध्यम से बच्चो में दक्षता ला सकते है।
ReplyDeleteखेल खेल में बच्चों को सीखाना चाहिए कला समेकित शिक्षा से बच्चों में ज्ञान और कौशल का विकास होता हैं और उनका सिखने में रूचि बढ़ती हैं |
ReplyDeleteकल्पना शक्ति व गतिविधियों की सहायता से
ReplyDeleteBachchon ko kala ke madhyam se sikhana chahiye
ReplyDeleteबच्चो को खेल-खेल मे बताना चाहिये तथा उन्हे लघु फिल्म दिखाकर उनमे जिज्ञासा उत्त्पन कराया जाना चाहिये। गावँ मे प्रचलित खेलों को जोड़ कर रोचक बनाया जा सकता हैं।
ReplyDeleteबच्चों को खेल के माध्यम से सीखने हेतु पयास करता हूं
ReplyDeleteBachcho ko khel ke madhyam se sikhane hetu prayash karti hu
Deleteहर बच्चे मे कोई न कोई कला छुपा रहता है उसे बाहर निकाल कर सामने लाना जरूरी है।
ReplyDeleteBachcho ko khel - khel me sikhana asan hota kisi path ke anusar use kahani kavita ko colours paper me likhna use kirdaro ko akriti dekar padhaya ja sakta hai.. har bachhe ke andar sikhne ki jigyasa hoti hai hame
ReplyDeleteबच्चे खेल के माध्यम से सीखना बहुत ही पसन्द करते हैं। इस दौरान सीखी गयी बातें बच्चों को गहराई तक समझ आतीं हैं। इससे उनमें अनुभव एवं समझ का विकास होता है।
ReplyDeleteBachho ko kala ke Madhayam se sikhana asan ho jata hai... kisi kathi vishayvastu ko asani se samjh sakte hai
ReplyDeleteशिक्षण में कला का उपयोग करके शिक्षण को प्रभावी बनाया जा सकता है।कला के माध्यम से बच्चों में शिक्षण के प्रति रूचि को बढ़ाया जा सकता है।खेल खेल के माध्यम से , चित्र कला, संगीत, नृत्य, कहानी,नाटक आदि के माध्यम से शिक्षण को रूचिकर बनाया जा सकता है।
ReplyDeleteकला समेकित शिक्षण से बच्चों में अन्तर्निहित प्रतिभाओं को उभारा जा सकता है|उनके सीखने की गति में उत्तरोत्तर वृद्धि होगी| सीखने में रूचि बढ़ेगी|
ReplyDeleteबच्चो मे खेलने मे बडा मजा आता है,बच्चे अपने समझ एवं प्रचलित परिवेश मे जो खेल खेला जाता है उसे ही खेलते है ।
ReplyDeleteबच्चो मे खेलने मे बडा मजा आता है,बच्चे अपने समझ एवं प्रचलित परिवेश मे जो खेल खेला जाता है उसे ही खेलते है ।
खेल एवं कहानी बच्चो को ज्यादा रोचक लगते है ।कहानी जो हम सबो को पढ़ने सुनने मे बहुत अच्छा लागत है ।
Kala samekit shiksha ke madhyam se hm bacchon ko bhut hi aasani aur rochak tarike se vishay ko smjha skte hai bacchon me gyan aur koshal ka vikash kr skte h
ReplyDeleteबच्चे खेल के माध्यम से सीखना बहुत ही पसन्द करते हैं। इस दौरान सीखी गयी बातें बच्चों को गहराई तक समझ आतीं हैं। इससे उनमें अनुभव एवं समझ का विकास होता है।
ReplyDeleteबच्चों को किन प्रकार की गतिविधियां जिसमें कला समाहित हो चित्रकला नृत्य कला संगीत कला आदि आदि इन सब के द्वारा कला समेकित शिक्षा को बढ़ावा दिया जा सकता है। एवं बच्चों को भी गतिविधि के माध्यम से एवं खेल खेल के द्वारा शिक्षा ग्रहण करने में रोचक एवं आनंददाई लगेगा जिससे वे आसानी से किसी विषय मैटर को सीख सकेंगे।
ReplyDeleteकला के विभिन्न माध्यमों से बच्चों में विषयवस्तु के प्रति रुचि जागृत की जा सकती है।
ReplyDeleteBachcho ko khel khel me ,natak ,kahani,kavita ke madhyam se jodkar sikhane par ve jayada romanchit hokar sikhate hai .
ReplyDeleteविभिन्न पाठ्यक्रमों के विषयवस्तु ने प्रतिबिंब एक अलग पहचान रखती है बच्चे इनके मढ़तम से खेल खेल में बहुत कुछ सिख लेते ह जैसे ड्राइंग पेंटिंग मुखोटा ईट पत्थर पेड़ फूल इत्यादि निसंदेह बच्चो के लिये यह बहुत ह8 रुचिकर विषय है
ReplyDeleteखेल खेल में बच्चों को पढ़ने में बहुत ही आनन्द आता है अतः खेल के माध्यम से सिखाने से विषय रूचि कर हो जाता है।
ReplyDeleteबच्चों को कहानी,कविता,नाटक, खेल ये सब बहुत अच्छा लगता है।इसके द्वारा बच्चे सीखने में रुचि लेते हैं।
ReplyDeleteगतिविधियों में बच्चे अधिक रुचि लेते है। कला समेकित शिक्षा के अंतर्गत विषय से संबंधित गतिविधियों के माध्यम से बच्चों के अंदर छुपी हुई प्रतिभा को उभारा जा सकता है।
ReplyDeleteAIL छात्रों की कल्पना को उड़ान भरने की आजादी देता है और साथ ही साथ कल्पना को अपने अनुभव के साथ जोड़कर एक सार्थक समझ पैदा करने में मदद करता है।
ReplyDeleteबच्चों को खेलना बहुत अच्छा लगता है यदि विषय आधारित खेल के माध्यम से पढ़ाया जाएगा तो बच्चे बिना किसी दबाव के जल्दी सीखेगे
ReplyDeleteकला समेकित शिक्षा में काफी योगदान दे सकती है जैसे चित्रकारी इससे बच्चे न बल्कि रंगों के बारे मे जान पाते है बल्कि उनकी मानसिक कल्पना सक्ति पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है
ReplyDeleteनाम-खुशहाली सोनी
P/s dhabadih
रंगों से।
ReplyDeleteBachhon ko khel k madhyam se padhaya jana chahiye
ReplyDeleteकला समेकित शिक्षा की हेल्प से बच्चों में पढ़ाई में रुचि आती है । शिक्षण अधिगम तीव्रतम होती हैं। जैसे कि हम सीजन पढ़ रहे हैं तो गर्मी में कैसा लगता हैं क्या क्या फल मिलते हैं? हमे कैसी चीज़ें पसन्द आती हैं पूछने पर बच्चे iscream बर्फ गोले की बात करके प्रफुल्लित होता हैं आम की बाते करेगा उसको बर्फ खाते समय दांतो में कैसा लगता महसूस होगा कच्चा आम सुनकर मुह में पानी आएगा । जोकि उसे पाठ को समझने में आसान बनायेगा ।
ReplyDeleteकला समेकित शिक्षा से बच्चों की प्रतिभा और हुनर का उजागर किया जा सकता है।समेकित शिक्षा से बच्चों को अनुभव कराके सिखाया जाता है
ReplyDeleteहर.एक बच्चे मे कुछ न कुछ प्रतिभा होती है, बच्चों से उसके कला को किस प्रकार निखार लाए कि. बच्चे भी अपना सौ प्रति शत योगदान. देने विवश हो जाएं।बच्चों को खेलने में बहुत रूची होता हैं, खेल-खेल मे बच्चों के कला को.निखारने मे बड़ा मजा आता हैं।
ReplyDeleteबच्चे की कला बाहर निकालने की जरूरत है।
ReplyDeleteVishay KO ruchikar banate hue kala ka upyog karte hue samjhana chahiye
ReplyDeleteविभिन्न पाठ्यक्रम के क्षेत्रों की विषय वस्तु की सीखने सिखाने के साथ कला को मिलना कला है जिससे ज्ञान और समझ विकसित होती है।
ReplyDeleteविभिन्न पाठ्यक्रम के क्षेत्रों की विषय वस्तु की सीखने सिखाने के साथ कला को मिलना कला है जिससे ज्ञान और समझ विकसित होती है।
ReplyDeleteप्रणिता वर्मा प्रधान पाठक
ReplyDeleteGovt.P.S.Binaika Simga
Balodabazar
कभी भी कोई भी क्लास में कोई भी सब्जेक्ट पदा रहे है तो आप उसमें अपनी समझ के आधार पर उस टॉपिक से रिलेटेड उदाहरण देकर कलात्मक रूप से चित्र व एक्सप्रेशन के द्वारा पढ़ाया जाय तो बच्चे रुचि के साथ सीखते है
कोरोना संक्रमण काल मेंबच्चों को वेबेक्स एप के माध्यम से एवं फ्री कांफ्रेंस काल के माध्यम से जोड़े रखा।बच्चों को इनके माध्यम से पढ़ाता और कचछ चैलेंज देता जिसे बच्चे पूरा करते , इसमें बच्चों का सहयोग भी कुछ रूप में करता इस प्रकार कोर्स का लगभग 40 से 50 प्रतिशत पूर्ण हो गया है।
ReplyDeleteहमारे यहां विज्ञान के जत्थो में आओ करके सीखे दिया रहता हैं जो कल का ही रूप होता है शिक्षार्थी कला के माध्यम से गहराई से सिकगते है
ReplyDeleteखेल खेल में सीखना बच्चों के अधिगम के लिये बहुत उपयोगी है.
ReplyDeleteबच्चों के साथ खेल खेल में अध्यापन सीखने के लिए सरल ।
ReplyDeletebacchon ko Sikhate samay sikhan kokhale-khaleme question-answer,aur dusare gatividhika bhi prayog karte hue sikha sakte hai,
ReplyDeleteबच्चों के साथ खेल खेल में अध्यापन सीखने के लिए सरल।
ReplyDeleteBaccho ko manoranjak tareeke se khel khel m sikhaana.
ReplyDeleteकला के माध्यम से बच्चों की प्रतिभा को निखारने और शिक्षा को रोचक बनाया जा सकता है इससे बच्चों में बहुमुखी प्रतिभा का विकास होगा।
ReplyDeleteहर बच्चे में कोई ना कोई कला होती है उसके कला को पहचान कर उसे निकालना चाहिए और उस क्षेत्र में उसे आगे बढ़ाना चाहिए खेल खेल में सीखना बच्चों के अधिगम के लिये बहुत उपयोगी है.
ReplyDeleteबच्चों को किन प्रकार की गतिविधियां जिसमें कला समाहित हो चित्रकला नृत्य कला संगीत कला आदि आदि इन सब के द्वारा कला समेकित शिक्षा को बढ़ावा दिया जा सकता है। एवं बच्चों को भी गतिविधि के माध्यम से एवं खेल खेल के द्वारा शिक्षा ग्रहण करने में रोचक एवं आनंददाई लगेगा जिससे वे आसानी से किसी विषय मैटर को सीख सकेंगे।
ReplyDeleteजब हम किसी भी टॉपिक को पढ़ाएं तो जीवंत उदाहरण के साथ बतायें. और जो उदाहरण ले वो दैनिक जीवन से जुड़ा हुआ हो जिससे विद्यार्थी महसूस कर सके और उसे इनकी अनुभूति हो सके
ReplyDeleteAIL के माध्यम से शिक्षण को बहुत ही प्रभावशाली बनाया जा सकता है
ReplyDeleteBachche ko unke aas pass k vatavaran se ,unke kuch sadharan se khel se,jinme wo mahir ho,usse unke under chupe hunar ka pata lagya ja skta h,Jo kala samekit siksha ka ek rup h
ReplyDeleteBachhon ko khel khel ke majhym se padhaya jana chahiye
ReplyDeleteकला के माध्यम से बच्चों के प्रतिभा को निखारा जा सकता है और शिक्षण को रूचिकर बनाकर बच्चों का बहुमुखी विकास कर सकते है l
ReplyDeleteDarpan ke samane kissi vastu ko rakhane se jo pratibimb hamare ankho me padata h.jaise- chandni rat me tare,chand ka pratibimb, dhup me padh ka pratibimb,kisi vastu ka pratibimb,dhup me khade hone se jo chhaya ka pratibimb hamaare akho me dikhayi dena.
ReplyDeleteBachcho ko kala adharit shiksha dene se unke andar ka bhay khatam ho jata . Vo usme involve hoker apne purane anubhav ka upyog karte huye sikhte hain
ReplyDeleteबच्चों को सीखने के लिए कला का उपयोग किया जाना चाहिए , जैसे - चित्रकारी , नाटक , गीत इत्यादि |
ReplyDeleteइससे उनकी समझ विकसित होती है
ReplyDeleteBachho ko gatividhi aadharit pathyakram adhik ruchikar lgta hai isliye kala samekti shikshan adhik upyogi v prabhavkari hoga
ReplyDeleteबच्चे श्रव्य, दृश्य अथवा दोनों माध्यमों से अनुभव प्राप्त कर संबंधित विषय वस्तु को शीघ्रता पूर्ण एवं पूर्ण रूप से जानने में अपना समझ विकसित करते हैं। साथ में कला प्रदर्शन कर तथा जैसे कहानी नाटक रंगमंच रेडियो टीवी मोबाइल लैपटॉप एंड टेक्नोलॉजी के माध्यम से भी विषय पर अपना पकड़ मजबूत बनाते हैं। खेल खेल में शिक्षा आधारित गतिविधि करके भी तथा पाठ्यवस्तु से अनुभव प्राप्त कर, देख कर सीखते हैं। उनसे उनका विषय के सीखने के तरीके सरल, सुगम एवं सहज हो जाता है।
ReplyDeleteहर बच्चे में कोई ना कोई कला होती है उसके कला को पहचान कर उसे निकालना चाहिए और उस क्षेत्र में उसे आगे बढ़ाना चाहिए खेल खेल में सीखना बच्चों के अधिगम के लिये बहुत उपयोगी है.
ReplyDeleteअपने विषयों को सार्थक सीखने मे कला समेकित शिक्षा पूर्णतः छात्रों को लाभान्वित कर सकता है, पाठ के मुलअवधारणाओ तक पहुँचने के लिए AILरूचिकर एवं आनन्ददायी गतिविधि है कक्षा वार विषय वार पाठ के अनुसार सीखने-सिखाने की प्रक्रिया के रूप में संचालित किया जा सकता है।
ReplyDeleteबच्चों को खेल खेल में सीखना अच्छा लगता है इसलिए बच्चों को सिखाने के लिए गीत नाटक अभिनय खेल खेल के माध्यम से सीखना अच्छा लगता है कला शिक्षा के माध्यम से सीखना बच्चों में मनोरंजक और शीघ्रता के साथ सीखते हैं।
ReplyDeleteलोककथाओ के माध्यम से विभिन्न विषयों और भाषा सामागी को समेकित करने के तरीको को जानने समझने और साझा करने में मदद मिलेगा ।
ReplyDeleteगतिविधि करके अपने विषय को रूचिकर,रोचक बनायेगे और बच्चों को सीखने मे सहायता मिलेगा उसमें (बच्चों)गुणवत्ता लायेगे ।
कला समेकित शिक्षण से बच्चेअधिक से अधिक समझ सकते है। कहानी ,कविता,नाटक आदि को रोचक बनाया जा सकता है।खेल-खेल में बच्चे अधिक समझते है।
ReplyDeleteThe students can learn better through art integrated learning.
ReplyDeleteBachchon ko khel khel me sikhana
ReplyDeleteविभिन्न विषयों के पाठ्यक्रम को कला केसाथ सीखने में अनुभव एवं समझ विकसित होती है
ReplyDeleteहर बच्चे में कोई ना कोई कला होती है उसके कला को पहचान कर उसे निकालना चाहिए और उस क्षेत्र में उसे आगे बढ़ाना चाहिए
ReplyDeleteबच्चो मे खेलने मे बडा मजा आता है,बच्चे अपने समझ एवं प्रचलित परिवेश मे जो खेल खेला जाता है उसे ही खेलते है ।
ReplyDeleteखेल एवं कहानी बच्चो को ज्यादा रोचक लगते है ।कहानी जो हम सबो को पढ़ने सुनने मे बहुत अच्छा लागत है ।
Learner are understanding and follow, through art integrated learning.
ReplyDeleteसमेकित कला को अध्ययन से जोड़ने पर विषय सरल,तर्कपूर्ण,रचनात्मक,करके सीखने,स्वंय से सीखने पर जोर देती है जिससे विषय पर गहरी समझ बनती है ।
ReplyDeletePratyek bachcho me kalatmak abhiruchi hoti bachcho ki ruchi ko saar laye..
ReplyDeleteआर्ट इंटीग्रेटेड लर्निंग एक ऐसी प्रक्रिया है जहां कला शिक्षण शिक्षण का माध्यम बन जाती है, किसी के भीतर अवधारणाओं को समझने की कूंजी, पाठ्यक्रम का विषय।
ReplyDeleteकला के माध्यम से बच्चों के प्रतिभा को निखारा जा सकता है।शिक्षण को रुचि कर बनाकर बच्चों का बहुमुखी विकास कर सकते हैं।
विभिन्न कौशलों का विकास करके ।
ReplyDeleteहर बच्चे में कोई ना कोई कला होती है उसके कला को पहचान कर उसे निकालना चाहिए और उस क्षेत्र में उसे आगे बढ़ाना चाहिए
ReplyDeleteकला समेकित शिक्षा अनुभवात्मक अधिगम का एक शैक्षणिक तरीका है अगर पाठयक्रम मे कला का समावेश हो तो विशेष रूप से अमूर्त अवधारणाओं को स्पष्ट करने मे मदद िमिलती है कला समेकित शिक्षा के िवििभिन्न विषयों की विषयवस्तु को तार्किक, विदयार्थी केन्द्रित और अर्थपूर्ण तरीकों से जोडने का साधन प्रदान करता है विदयालय मे सीखने सीखानेे की प्रक्रिया मे कला समेकित शिक्षा का समावेश हो जाए तो यह न केवल बच्चों के लिये रूचिकर होगा बल्कि शिक्षकों के लियेे भी उनकी कक्षा बालकेन्द्रित व आनंददायक बन जायेगा
ReplyDeleteविभिन्न पाठ्यक्रम क्षेत्रों की विषय वस्तु के सीखने सिखाने के साथ कला को मिलने से ज्ञान और समझ विकसित होती है।(kk siware)
ReplyDeleteबच्चों को स्वयं करके सीखने में अधिक आनंद आता है और इस तरीके से अर्जित शिक्षा स्थायी होता है।मैं अपने विषय भाषा शिक्षण में बालगीत के रूप में शामिल कर शिक्षण को रोचक बना सकता हूँ।
ReplyDeleteशैक्षिक गतिविधियों में कला का समाकेशन सिखाईं जाने वाली अवधारणाओं पर निर्भर करता है।गणित विषय मे मापन क्षेत्र फल आयतन मे कहानियों का चित्र कला का तुलनात्मक अध्ययन मे समरुपता मे मूर्ति कला का पर्यावरण समाजिक अध्ययन मे भाषा शिक्षण मे नाटक प्रहसन नृत्य कला गायन का प्रयोग किया जा सकता हैं।
ReplyDeleteदिनेश कुमार गुप्ता
मा.शा.बलियारा सं.के.शंकरदाह धमतरी।
कला समेकित शिक्षा छात्रों को सरल एवं रुचिपूर्वक विषय से जोड़ता है।विषय वस्तु को छात्र जल्दी सीखता है।पढ़ाई बोझिल नही लगती।छात्र मजे लेकर खेल खेल में ज्ञान अर्जित कर लेता है।
ReplyDeleteमा.शा.कुदूरघोड़ा
अम्बागढ़ चौकी
राजनांदगांव
Pratyek bachche me alag alag kala hoti hai uske kala ko pahchan kar usake anusar kary chhetra me aage badhana chahiye
ReplyDeleteविभिन्न पाठ्यक्रम क्षेत्रों की विषय वस्तु के सीखने सिखाने के साथ कला को मिलने से ज्ञान और समझ विकसित होती है।
ReplyDeleteकला समेकित शिक्षा में यह विषयों के अमूर्त अवधारणा को मूर्त रूप दे सकती है। कला से ही समग्र सर्वागीण विकास का उपाय है।
ReplyDeleteजैसे मैं मिट्टी के विषय में पढ़ाई करता हूं तो सभी बच्चों को अलग अलग रंग की मिट्टी, मिट्टी के बर्तन ,खिलौने ,आदि लाने को कहूंगा।
जो कला के माध्यम से शिक्षण होगा।
Anita Singh
ReplyDeleteबच्चों को खेलने में बहुत आनन्द आता है। अगर पढ़ाई में हम कला को जोड़ दे तो ये बच्चों के लिए रुचिकर होगा । कला समेकित शिक्षा बच्चों के लिए सिखने के लिए अच्छे अवसर प्रदान करता है।अध्ययन के प्रति छात्रों की रुचि को बढ़ाता है।कला समेकित शिक्षा में बच्चे स्वयं करके सीखते हैं
https://youtu.be/8SxgzI1IKE4कला समेकित शिक्षा से बच्चों को किसी भी अवधारणा को सरलीकरण किया जा सकता है इसमें बच्चा स्वंय विभिन्न तरीकों का उपयोग कर आसानी से सीख सकता है ।
ReplyDeleteममता झा ,छान्टा झा
We can easily relate art to Education and also apply it in a Awesome manner .
ReplyDeleteबच्चो मे कुछ अनुवांशिक गुण होते है अनुवांशिक गुण जिसे बच्चा अपने परिवेश मे जिन चीजो को देखता है उसको केवल ध्यान से देखने के करण सिख जाता है वही दूसरे परिवेश मे पला बढा बच्चा उस गुण को सिखने मे सर उम्र बिता देता है किन्तु सिख नही पाता है।
ReplyDeleteकला शिक्षा का अभिन्न अंग है
कला समेकित शिक्षा एक रुचिकर तरीक़ा है जिससे बच्चों मे अधिगम प्रक्रिया को आसान बनाया जा सकता है।बच्चों मे छिपी प्रतिभा को उजागर कर उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया जा सकता है।
ReplyDeleteKhel khel me bachche jyada sikhaate hai
ReplyDeleteहर बच्चे में कोई ना कोई कला होती है उसके कला को पहचान कर उसे निकालना चाहिए और उस क्षेत्र में उसे आगे बढ़ाना चाहिए
ReplyDeleteबच्चे खेल के माध्यम से शिक्षा लेने में अधिक रुचि दिखाते है। अतः उन्हें बाहरी परिवेश में लाकर खेल-खेल में सिखाना चाहिए जो कि ज़्यादा रुचिकर होता है तथा यह कला से शिक्षण का अच्छा उदाहरण है।
ReplyDeleteकला को अधिगम के एक टूल के रूप में प्रयोग करने से आश्चर्यजनक सकारात्मक परिणाम प्राप्त होता है।मैं एक मंचीय कलाकार और संगीत साधक होने की वजह से हिंदी के प्रत्येक कविता के लिए एक धुन और लय का प्रयोग करता हूँ।इससे बच्चे रुचिपूर्वक उसे गाते हैं और जल्दी याद कर लेते हैं।इसी तरह संवादयुक्त पाठों का मंचन करने से भी बच्चों को अत्यधिक आनंद आता है तथा वे मजे से सीखते हैं।चित्रों ,लोकगीतों आदि के माध्यम से विज्ञान, गणित आदि विषयों को भी बेहद मनोरंजक तरीके से पढ़ाया जा सकता है।
ReplyDeleteबच्चो को खेल खेल में सीखना बच्चे आपस मे संवाद करके भी एक दूसरे से सीखते ह जिससे अदभुत सकारात्मक परिणाम प्राप्त किया जा सकता ह
ReplyDeleteArt of learning helps the student to experience a thing in its own way. Art also do catharsis and sublimation also which is the highest form of help can be achieved by the student. If student learn by art dance poetry reading enhance the understanding learning process.
ReplyDeleteRADHAKRISHNA MISHRA
कला समेकित शिक्षा के माध्यम से शिक्षण को रुचिकर बनाकर बच्चो की प्रतिभा को निखारा जा सकता है।
ReplyDeleteकला समेकित शिक्षा में हम कला को पाठ्यक्रम का आधार बनाते हुए विभिन्न विषयों को सीखने और सिखाते हैं। विभिन्न कलाओं के माध्यम से विषयों एवं उनकी अमूर्त अवधारणाओं को मूर्त रूप प्रदान करते हैं। इस तरह कला समेकित शिक्षा बच्चों को की तरह के कौशलों और क्षमताओं का उपयोग करने में सक्षम बनाता है और सिखने को अनुभवजन्य एवं आनन्दायी।
ReplyDeleteबच्चे खेल खेल में सहज रूप से अपनी अभिब्यकित करते हैं, जिसका अवलोकन कर अच्छे से समझ विकसित किया जा सकता है।
ReplyDeleteविभिन्न पाठ्यक्रम के क्षेत्रों की विषय वस्तु की सीखने सिखाने के साथ कला को मिलना कला है जिससे ज्ञान और समझ विकसित होती है
ReplyDeleteVibhinn vishayo ke pathykram ko kla ke sath sikhane me anubhav avm samajh viksit hoti hai
ReplyDeleteशिक्षण में कला का होना अति आवश्यक है।
ReplyDeleteकला के साथ जोड़कर किसी भी सब्जेक्ट को आसानी से समझाया जा सकता है
ReplyDeleteविभिन्न विषयों के पाठ्यक्रम को कला के साथ सीखने में अनुभव एवं समझ विकसित होती है।
ReplyDeleteBaccho ko khel khel me sikhaane se we achhi tarah se samjh sakenge or padh paenge
ReplyDeleteबच्चों का अपनी समझ द्वारा कुछ भी नया करना जो उनके लिए रुचिकर हो कला है
ReplyDeleteBachho ko chitro k madhyam se sikhana aur aise khel khilwana jo naki aanand de balki gyaan bhi de. Jaise luka chhupi k khel se ye shiksha de skte hai ki jhut kitna bhi chhup le vah akhir pe pkda hi jata hai
ReplyDeleteबच्चों को सीखने सिखाने की प्रक्रिया में यदि प्रत्येक विषय बिंदुओं को गतिविधि आधारित किया जाए, जो प्रत्येक बच्चे की रूचि के अनुसार हो तो बच्चे बहुत तीव्र गति से सीखेंगे, जिससे बच्चे में कला संबंधित विभिन्न कौशलों का विकास हो सकेगा।
ReplyDeleteकला समेकित शिक्षा सीखने में बहुत सहायक है पाठ्यवस्तु को सरल और रुचिकर बनाता है इससे बच्चों के दृश्य श्रव्य गतिविधि आधी का उपयोग होता है जिससे बच्चे अच्छी तरह सीखते हैं
ReplyDeleteकला समेकित शिक्षा के माध्यम से बच्चों में शिक्षण अभिरुचि के माध्यम से अंतर्निहित क्षमताओं को जानने एवं समझने का अवसर मिलता है ।
ReplyDeleteशिक्षण कला में विषय वस्तु के आधार पर बच्चों को खेल खेल में सीखना अच्छा लगता है इसलिए बच्चों को सिखाने के लिए गीत नाटक अभिनय खेल खेल के माध्यम से सीखना अच्छा लगता है कला शिक्षा के माध्यम से सीखना बच्चों में मनोरंजक और शीघ्रता के साथ सीखते हैं।
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ReplyDeleteबच्चों में किसी विषय की समझ बनाने के लिए कला का महत्वपूर्ण योगदान होता हैं साथ ही इसके माध्यम से दिया गया ज्ञान स्थाई होता है।
कला समेकित शिक्षा बच्चो में निहित अनेक क्षमताओं का प्रदर्शन करने व निखारने का मौका देता है । विषय में निहित अवधारणा को समझने में मदद करता है ।
ReplyDeleteशिक्षण में कला का होना अति आवश्यक है।
ReplyDeleteबच्चो मे कुछ अनुवांशिक गुण होते है अनुवांशिक गुण जिसे बच्चा अपने परिवेश मे जिन चीजो को देखता है उसको केवल ध्यान से देखने के करण सिख जाता है वही दूसरे परिवेश मे पला बढा बच्चा उस गुण को सिखने मे सर उम्र बिता देता है किन्तु सिख नही पाता है।
ReplyDeleteकला शिक्षा का अभिन्न अंग है
Bachchon me kisi bhi vishay me samajh banane hetu kala ka bahut mahattvapurn yogdan hota hai kyonki yah gyan isthai hota hai
ReplyDeleteसभी बच्चों में कला शिक्षण से गतिविधियां करने में रूचि उत्पन्न होती है।
ReplyDeleteशिक्षण कला में विषय वस्तु के आधार पर बच्चों को खेल खेल में सीखना अच्छा लगता है इसलिए बच्चों को सिखाने के लिए गीत नाटक अभिनय खेल खेल के माध्यम से सीखना अच्छा लगता है कला शिक्षा के माध्यम से सीखना बच्चों में मनोरंजक और शीघ्रता के साथ सीखते हैं।
ReplyDeleteकला समेकित शिक्षा बच्चो को अपने रुचि के अनुसार सीखने में मदत करता है। कला से को भी ज्ञान सीखेगा स्थाई रूप ले लेता है।
ReplyDeleteशिक्षा में खेल का बड़ा ही महत्व है खेल खेल में ही बच्चों को शिक्षित किया जा सकता है बच्चे अपनी रूचि के अनुसार काफी कुछ सीखते हैं कला समेकित शिक्षा बच्चों के सीखने के लिए महत्वपूर्ण है
ReplyDeleteTopic ko ruchikar banane ke liye kala ka upyog Karna chahiye taki topic asani se samajh me aaye
ReplyDeleteआर्ट बिषय वस्तु को सरल सुबोध रूचिकर बनाता है और बच्चों मे स्थायित्व प्रदान करता है। अतः हम दृश्य एवं प्रदर्शन कला का चुनाव एवं प्रयोग करके छात्रों को लाभान्वित कर सकते हैं
ReplyDeleteविभिन्न पाठ्यक्रम क्षेत्रों की विषय वस्तु के सीखने सिखाने के साथ कला को मिलने से ज्ञान और समझ विकसित होती है।
ReplyDeleteकला शिक्षण बाल केंद्रित शिक्षण है ,कला के माध्यम से शिक्षार्थी संज्ञानात्मक भवनात्मक और मनोज्ञनात्मक भाव से बच्चे गतिविधि करते है। ।
ReplyDeleteकिसी विषय से संबंधित चित्रकला , फोटोग्राफ ,कलात्मक अभियक्ति , कहानी, आदि गतिविधि कर सकते है ।
बच्चों को अपने अनुभव व्यक्त करने में बहुत अच्छा लगता है।
ReplyDeleteBachcho ko apni bat btane me mja aata hai
ReplyDeleteविभिन्न पाठ्यक्रमों के विषयवस्तु मे प्रतिबिंब एक
ReplyDeleteअलग पहचान रखती है।बच्चे इनके माध्यम से खेल खेल मे बहुत कुछ सीख लेते है जैसे चित्रकला, संगीत, नृत्य गायन, कहानी,नाटक आदि। इनके के माध्यम से शिक्षण को रुचिकर बनाया जा सकता है।
Khel khel se padhana chahiye
ReplyDeleteAnand Das Manikpuri
ReplyDeleteकिसी भी विषय में कला शिक्षण खेल खेल में सिखाने की एक बहुत ही अच्छी विधि है इसमें हम विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से कला के क्षेत्र में हर विषय के संबंध में अध्यापन करा सकते हैं जो काफी रूचि कर हो सकती है
कला समेकित शिक्षा (A.I.L) छात्रों को समूह मे कार्य करने, रंगमंच,अभिनय,दृश्य कला,प्रदर्शन कला,रोलप्ले,संवाद,सज्जा,पोशाक,व केशसज्जा,गीत,नृत्य,संगीत से तो जोङता ही है साथ ही पाठ्यवस्तु का मंचन करने से उसके गूढ़तथ्यों को समझने तथा उसे अपने नीजि जीवन व अनुभव से जोङने मे मदद भी करता है ।कभी-कभी कला समेकित गतिविधियां किसी एक विषय से न जुङी होकर कई विषयो से संबंधित होती है और इस परिस्थिति में विद्यार्थी को बहुआयामी लाभ होता हैं छात्र परस्पर चर्चा के माध्यम से नवीनतम विचार को साझा करतें हैं तथा दुसरे विद्यार्थी के विचारों को गंभीरता से सुनकर मूल्यांकन अथवा आंकलन भी करते हैं ।कला समेकित शिक्षा विषयवस्तु को रोचक और आनंददायक बना देती हैं हम चाहे तो इसकी विडियो रिकार्डिंग करके बाद में छात्रों के साथ देख भी सकते है तथा चर्चा,आकलन कर सकते हैं ।
ReplyDeleteआर्ट इंटीग्रेटेड लर्निंग (AIL) एक शिक्षण-शिक्षण मॉडल है जो 'कला के माध्यम से' और 'कला के साथ' सीखने पर आधारित है: यह एक ऐसी प्रक्रिया है जहाँ कला शिक्षण-शिक्षण का माध्यम बन जाती है, किसी के भीतर अवधारणाओं को समझने की कुंजी पाठ्यक्रम का विषय।
ReplyDeleteशिक्षार्थी विभिन्न कला रूपों के माध्यम से विभिन्न अवधारणाओं के बीच संबंध बनाते हुए रचनात्मक रूप से अन्वेषण करते हैं।
कला के अनुभव, दोनों दृश्य (ड्राइंग और पेंटिंग, क्ले मॉडलिंग, पॉटरी, पेपर शिल्प, मुखौटा और कठपुतली बनाने, विरासत शिल्प आदि) और प्रदर्शन कला (संगीत, नृत्य, थिएटर, कठपुतली, आदि) बेहतर समझ के लिए नेतृत्व करते हैं। और विभिन्न अवधारणाओं के बारे में ज्ञान का निर्माण।
कला में शिक्षार्थियों के लिए आयु-उपयुक्त अवसरों को समायोजित करने की क्षमता होती है जो उनकी व्यक्तिगत गति का पता लगा सकते हैं। यह अनुभवात्मक अधिगम दृष्टिकोण के साथ प्रतिध्वनित होता है।
कला समेकित शिक्षण (AIL) बच्चों को अधिगम प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । बच्चे खेल के माध्यम से सीखना बहुत ही पसन्द करते हैं। इस दौरान सीखी गयी बातें बच्चों को गहराई तक समझ आतीं हैं। इससे उनमें अनुभव एवं समझ का विकास होता है।
ReplyDeleteबच्चो को गतिविधि साथ पढ़ाना चाहिए
ReplyDeleteजगत राम कश्यप (शिक्षक)
ReplyDeleteमाध्यमिक शाला :- केरगांव
विकासखंड/ जिला :- गरियाबंद
आई इंटीग्रेटेड लर्निंग (AIL)एक शिक्षण पद्धति है जिसके माध्यम से शिक्षक अपने शिक्षण पद्धति में कला का समावेश कर छात्रों को विषय आधारित शिक्षा प्रदान करते हैं । शिक्षक विभिन्न कला जैसे ड्राइंग, पेंटिंग , कठपुतली, संगीत, अभिनय, नृत्य, थिएटर आदि के माध्यम से विद्यार्थी के लिए पाठ्यक्रम को रुचि बनाकर विषयवस्तु को समझाने का प्रयत्न करते हैं ।खेल-खेल में कला के माध्यम से छात्र रोचक ढंग से विभिन्न विषय को प्रभावी ढंग से समझ सकते हैं।
कला का प्रयोग शिक्षण अधिगम के साथ-साथ मूल्यांकन में भी किया जा सकता है।
बच्चो मे खेलने मे बडा मजा आता है,बच्चे अपने समझ एवं प्रचलित परिवेश मे जो खेल खेला जाता है उसे ही खेलते है ।
ReplyDeleteखेल एवं कहानी बच्चो को ज्यादा रोचक लगते है ।कहानी जो हम सबो को पढ़ने सुनने मे बहुत अच्छा लागत है ।
कला समेकित शिक्षा अनुभवात्मक अधिगम का एक शैक्षणिक तरीका है। ... अगर पाठ्यक्रम में कला का समावेश हो तो इससे विशेष रूप से अमूर्त अवधारणाओं को स्पष्ट करने में मदद मिलती है। कला समेकित पाठ्यक्रम में विभिन्न विषयों की विषय वस्तु को तार्किक, विद्यार्थी केंद्रित और अर्थपूर्ण तरीकों से जोड़ने के साधन प्रदान कर सकता है।
ReplyDeleteकला समेकित शिक्षा एक शिक्षण मॉडल है जो बच्चो को करके सीखने पर जोर देता है। यह पाठ्य विषयों को उनसे संबंधित धारणाओं को सरल और स्पष्ट करता है।
ReplyDeleteबच्चों को खेल खेल में सिखाने से बच्चे जल्दी सिखते हैं ।
ReplyDeleteकला के माध्यम से ,या खेल से हम जटिल से जटिल सवालो को आसानी से समझ कर हल कर सकते है।इससे बच्चों की समझ का विकास होगा ।
ReplyDeleteबच्चों को किन प्रकार की गतिविधियां जिसमें कला समाहित हो चित्रकला नृत्य कला संगीत कला आदि आदि इन सब के द्वारा कला समेकित शिक्षा को बढ़ावा दिया जा सकता है। एवं बच्चों को भी गतिविधि के माध्यम से एवं खेल खेल के द्वारा शिक्षा ग्रहण करने में रोचक एवं आनंददाई लगेगा जिससे वे आसानी से किसी विषय मैटर को सीख सकेंगे।
ReplyDeleteकला समेकित शिक्षा हमारी शिक्षा को सहज, सुलभ और सरल बनाता है।
ReplyDeleteबच्चे श्रव्य, दृश्य अथवा दोनों माध्यमों से अनुभव प्राप्त कर संबंधित विषय वस्तु को शीघ्रता पूर्ण एवं पूर्ण रूप से जानने में अपना समझ विकसित करते हैं। साथ में कला प्रदर्शन कर तथा जैसे कहानी नाटक रंगमंच रेडियो टीवी मोबाइल लैपटॉप एंड टेक्नोलॉजी के माध्यम से भी विषय पर अपना पकड़ मजबूत बनाते हैं। खेल खेल में शिक्षा आधारित गतिविधि करके भी तथा पाठ्यवस्तु से अनुभव प्राप्त कर, देख कर सीखते हैं। उनसे उनका विषय के सीखने के तरीके सरल, सुगम एवं सहज हो जाता है।
ReplyDeleteविभिन्न पाठ्यक्रम के क्षेत्रों की विषय वस्तु की सीखने सिखाने के साथ कला को मिलना कला है जिससे ज्ञान और समझ विकसित होती है।
ReplyDeleteबच्चों को खेलना अच्छा लगता है।इसलिए बच्चों को खेल खेल में कला से जोड़कर सिखाना चाहिए।जिससे कला अमिट छाप छोड़ जाए।
ReplyDeleteबच्चो मे खेलने मे बडा मजा आता है,बच्चे अपने समझ एवं प्रचलित परिवेश मे जो खेल खेला जाता है उसे ही खेलते है ।
ReplyDeleteखेल एवं कहानी बच्चो को ज्यादा रोचक लगते है ।कहानी जो हम सबो को पढ़ने सुनने मे बहुत अच्छा लागत है ।
शिक्षण में कला का होना जरूरी और महत्वपूर्ण है
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ReplyDeleteKala samekit siksha bachho me nihit anek kshamatayo ka pradarshan karane avm nikharane ka avasar pradan karata hai.kala samekit siksha ke madhyam see bachhe asani se sikhate hai.
बच्चों को खेल खेल में सिखाया जाना चाहिए ।
ReplyDeleteविभिन्न विषयों को कला से जोड़कर अध्यापन कराना चाहिए जिससे विषय रोचक एवं रुचिकर हो सके
ReplyDeleteकला समेकित शिक्षा इसके माध्यम से बच्चों को शिक्षण कार्य रुचिकर एवं सहज हो जाता है हम ना सिर्फ भाषा बल्कि गणित विज्ञान पर्यावरण सभी विषयों में कला को समाहित कर बच्चों को बिना उबकाई होए हम सहजता से शिक्षा प्रदान कर सकते हैं ।
ReplyDeleteखेल इत्यादि से जोड़कर पढ़ाना चाहिये।
ReplyDeleteLearn with fun is necessary
ReplyDeleteआज का समय तकनीकी युग का है। इंटरनेट के माध्यम से हम विभिन कामो को आसानी से कर सकते है।पढ़ाई मे इसकी बहुत उपयोगिता है।
ReplyDeleteबच्चो मे खेलने मे बडा मजा आता है,बच्चे अपने समझ एवं प्रचलित परिवेश मे जो खेल खेला जाता है उसे ही खेलते है ।
ReplyDeleteखेल एवं कहानी बच्चो को ज्यादा रोचक लगते है ।कहानी जो हम सबो को पढ़ने सुनने मे बहुत अच्छा लागत है ।
कला समेकित शिक्षा को हम अन्य विषयों से जोड़ कर उन विषयों को अमूर्त से मूर्त रूप में बदल कर सार्थक सीखने में बच्चों की मदद कर सकते हैं। उदाहरण स्वरूप बच्चों के खेल-खेल में तालाब का पारितंत्र बड़े से बाल्टी में या अन्य बर्तन में बनाकर सिखाया जा सकता है। जिसमें पानी भरकर कुछ मछलियां, कीड़े मकोड़े, शैवाल, पौधे, कमल के फूल रखे जा सकते हैं। इस खेल में बच्चों को स्वयं की भागीदारी करने दी जाए। उन्हें तालाब से संबंधित चीजे ढूंढकर लाने दिया जाए। कंकड़, मिट्टी अन्य आदि। इस प्रकार से और भी विषयों को हम बच्चों के कला से सीखने में मदद कर सकते हैं।
ReplyDeleteकला के माध्यम से अनुभव शिक्षार्थियों को शिक्षा के विकास में सार्थक है जैसे कि बच्चा परीक्षा में और परीक्षा देने में नर्वस और डर रहता है लेकिन उसी प्रश्न को उस बच्चे से कलात्मक ढंग से कला के माध्यम से अभिव्यक्त कर उत्तर दे दो डर और भय नहीं रहता है उसमें वह उस प्रश्न का आसानी से हल कर देता है ठीक उसी प्रकार शिक्षक भी अपने क्लास में हो सके तो भिन्न-भिन्न कला के माध्यम से शिक्षा दें तो वह पाठ योजना विषय वस्तु सरल आकर्षक और मजेदार हो जाता है जो कि बच्चा बड़ा बड़ा चाहते हुए उस विशेष विषय वस्तु को ध्यान पूर्वक देखता है समझता है और मानसिक पटल पर रख लेता है इसलिए शिक्षा हो सके तो विषय वस्तु को कला के माध्यम से पढ़ाया जाए जैसे बारिश का पानी आ रहा है तो उसको उंगली के माध्यम से गतिविधि कर प्रदर्शन कर दिखाकर पढ़ाई एक उंगली को एक्टिविटी का एक मेक एक्टिविटी दो उंगली के चार उंगली की एक्टिविटी उसी प्रकार वापसी 4 उंगली का एक्टिविटी बजाते हुए 3 उंगली का एक्टिविटी दो उंगली का एक्टिविटी एक उंगली का एक्टिविटी इससे जो आवाज उत्पन्न होता है उत्पन्न होता है बारिश जैसा आना और धीरे-धीरे चले जाना बच्चों में कला होना बहुत ही आवश्यक है शिक्षा के लिए और सार्थक भी है साथ ही साथ कला कई आयाम मैं विभिन्न तकनीकों का भी सहायता दिया जा सकता है मीडिया का भी जिससे कला और भी अच्छा हो जाता है और शिक्षा लेने में और भी आसान हो जाता है कला भावना से जुड़ा है जो कि प्रत्येक बच्चे अपनी सामाजिक परिवेश परिवारिक परिवेश वातावरण से कुछ ना कुछ पहले से ही सीखे हुए रहते हैं जोकि कला के माध्यम से अपनी भावनाओं को प्रकट करते हैं और व्यक्त करते हैं जो शिक्षक भी नहीं जानता और उस विषय को जो बच्चा जानता है उस पर विशेष गौर करना चाहिए ध्यान देना चाहिए उस टॉपिक पर और उस टॉपिक को सभी को साथ शेयर करते हुए बच्चों में विचार विमर्श करना चाहिए जो कि प्रत्येक बच्चे जानेंगे प्रत्येक बच्चे में प्राकृतिक स्वयं का गुण होता है होता है कक्षा में उजागर करना चाहिए प्रयास करना चाहिए कि बच्चा स्वयं उस विषय को प्रकट करें बिना जीजा के जिससे उसका आत्मविश्वास बढ़ता है बोलने में बात करने में समझने में शिक्षक से वाद-विवाद करने में संवाद करने में इसलिए कला शिक्षा के लिए अनुभव व्यक्तियों के लिए बहुत ही सार्थक है
ReplyDeleteबच्चों को खेलने में बड़ा मज़ा आता है बच्चे अपने समझ एवं प्रचलित परिवेश में जो खेल खेला जाता है उसे ही खेलते हैं खेल एवं कहानी बच्चों को ज्यादा रोचक लगते हैं।
ReplyDeleteबच्चों को खेलने में बड़ा मज़ा आता है बच्चे अपने समझ एवं प्रचलित परिवेश में जो खेल खेला जाता है उसे ही खेलते हैं खेल एवं कहानी बच्चों को ज्यादा रोचक लगते हैं।
ReplyDeleteकला समेकित शिक्षा को अनिवार्य रूप से पाठयक्रम में शामिल कर शिक्षण पद्धति को ओर अधिक रोचक बनाया जा सकता है।
ReplyDeleteबच्चो का मन कोमल होता हैंं। पढ़ाई के साथ -साथ बच्चो को खेल व विभ्भिन्न कलाओं मे भी रूची होती हैं। बच्चो को खेल व कलाओं में भाग लेने के लिए भी प्रोत्साहित करना चाहिए। तभी बच्चो का मन पढ़ाई मे लगेगा ।
ReplyDeleteकला समेकित शि्क्षा छात्रों को विषय को अच्छे से सीखने मे लाभान्वित करता है विषय से परे वे अवधारणा को इसके माध्यम से समझ लेते हैं |
ReplyDeleteकला समेकित शिक्षा में, हम कला को पाठ्यक्रम का मुख्य हिस्सा बनाते हुए काम करते हैं। विभिन्न कला रूपों का उपयोग करके विषय की अमूर्त अवधारणाओं का पता लगाया जा सकता है। कला समेकित कक्षाएँ सीखने के ऐसे अनुभव प्रदान कर सकती हैं जिससे सीखने वाले का मन, हृदय और शरीर उससे जुड़ जाता है।
ReplyDeleteकिसी कार्य को सर्वोत्तम ढंग से करना ही कला है,शिक्षण में कला का होना बहुत जरूरी है तभी बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सकता है।
ReplyDeleteविभिन्न पाठ्यक्रम में कला समेकित शिक्षा का समावेश बहुत आवश्यक है क्योंकि बच्चों को खेल खेल में सीखना अधिक आनंद एवम् रुचिकर लगता है।
ReplyDeleteगतिविधि में प्रत्येक बच्चे की भूमिका समान रहती है। रोचक व मनोरंजन पूर्ण गतिविधि में बच्चे उत्सुकता से भाग लेते है और खेल खेल में सीखते रहते है। अवधारणाएं लंबे समय तक उनके दिमाग मे बनी रहती है। क्योंकि उन्होंने उसे स्वयं से करके सीखा है।
ReplyDeleteकला समेकित शिक्षा विषयो को रुचिकर और आसान बनाती है चुंकि मेरा विषय science है
ReplyDeleteमुझे अपने विषय को रुचिकर बनाने मे मदद होंगी अनुभव और अभिनय के आधार से जीव जन्तुओ और पर्यावरण को शीघ्र समझेंगे
बच्चों को खेल में ही रुचि अधिक रहता है। यदि आप किसी भी शिक्षण को खेल गतिविधि से करते है तो बच्चे आंनद लेते हुए शीघ्र ही सीखते है।
ReplyDeleteअतः कलासमेकित शिक्षा शिक्षण को सरल व रुचि कर बनाते हैं।
Manisha Ratnakr ...Visay vastu ko yadi Danik jeevan se jod kar bavho ko bataye jae to ve asani se smajh skte hai.
ReplyDeleteविभिन्न पाठ्यक्रम क्षेत्रों की विषय वस्तु के सीखने सिखाने के साथ कला को मिलने से ज्ञान और समझ विकसित होती है।
ReplyDeleteशिक्षण के लिए कला का होना जरूरी और महतवपूर्ण है।हम बच्चों को कक्षा में अभिनय,नाटक ,पेन्टिंग,गायन,नृत्य और कठपुतली द्वारा सिखने की प्रक्रिया को आसान बना सकते है।जिससे बच्चे जल्दी सीख सकते है।
ReplyDeleteकला समेकित शिक्षा से गणितीय आकृति में अच्छा समझ बनाया जा सकता है |
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