कोर्स 08 (FLN) गतिविधि 1 : अपने विचार साझा करें
कोर्स 08 : सीखने का आकलन
गतिविधि 1 : अपने
विचार साझा करें
आकलन के ऐसे कौन-से प्रकार हैं जिन्हें आप
बुनियादी अवस्था में बच्चों के साथ प्रयोग कर सकते हैं? आकलन
के प्रकारों की सूची बनाएं - विशेष रूप से लिखित परीक्षा से भिन्न आकलन के प्रकार
सोचें। अपने विचार साझा करें।
Anklan karne ke liye hum maukhik tarkik khel aadi tarike apna sakte hai
ReplyDelete(1) गतिविधि के दौरान
Delete(2) भ्रमण के दौरान
(3) खाली स्थान वाले प्रश्न से
(4) कहानी सुनाते समय हर
बच्चेे से प्रतिक्रिया लेते
हुए
(5) बच्चे के पूर्व ज्ञान को
जोड़तेे हुए चर्चा करके
हम आकलन करते रहते
हैंं।
Bachche aur unke parivar ke sadasyon ke naam puchhana, ve Kya karya karte hain puchhana, bachchon ki gatividhi par dhyan dena, kahaniyan sunakar usse sambandhit prashna puchhana,
DeleteAakalan ke liy hum samuh gaividi prayojna kary khal parivash me upasthit kai any sansadhano ka prayog aaklan me kr sakte hai
ReplyDeleteहम बच्चों से वार्तालाप के दौरान चुनौती देकर, उससे उत्तर प्राप्त कर सकते हैं, बच्चों में गतिविधि कराकर आकलन किया जा सकता है, शाला में उपलब्ध सामग्रियों विश्लेषण एवं वर्गीकरण कराकर, शाला से बाहर परिवेश की चर्चा करके, क्षेत्र भ्रमण के दौरान इत्यादि
ReplyDeleteहम बच्चों से वार्तालाप के दौरान चुनौती देकर, उससे उत्तर प्राप्त कर सकते हैं, बच्चों में गतिविधि कराकर आकलन किया जा सकता है, शाला में उपलब्ध सामग्रियों विश्लेषण एवं वर्गीकरण कराकर, शाला से बाहर परिवेश की चर्चा करके, क्षेत्र भ्रमण के दौरान
ReplyDeleteHam bacchon Ko padhaane ke dauran chhote chhote prashn kya kar sakte hain Sathi unki ki samajh ka bhi aap le kar sakte hain
ReplyDeleteMoukhik tarkik avm khel k madhyam se aklan kr sakte hai
ReplyDeleteHam bacchon Se Kisi Vishay Vishesh per maukhik Roop se Charcha kar usse sambandhit prashnon ko poochh kar usse sambandhit gatividhiyon ke Madhyam se aakalan kar sakte hain
Deleteहम बच्चों से किसी विषय टापिक पर मौखिक रूप से चर्चा कर उन्हे उनसे संबंधित प्रश्न पुछकर आकलन कर सकते हैं गतिविधि आधारित आकलन कर सकते है
ReplyDeleteहम बच्चों से वार्तालाप के दौरान चुनौती देकर, उससे उत्तर प्राप्त कर सकते हैं, बच्चों में गतिविधि कराकर आकलन किया जा सकता है, शाला में उपलब्ध सामग्रियों विश्लेषण एवं वर्गीकरण कराकर, शाला से बाहर परिवेश की चर्चा करके, क्षेत्र भ्रमण के दौरान भी कुछ चर्चा किया जा सकता है।
ReplyDeleteहम लोग बच्चों से विभिन्न प्रकार से मौखिक रूप से आकलन कर सकते है
Deleteजैसे मौखिक, खेल-खेल में, किए गये गतिविधियों द्वारा, भ्रमण कराकर चर्चा आदि
बुनियादी अवस्था में बच्चों के साथ प्रयोग कर सकते हैं ये आकलन निम्न प्रकार से हो सकते हैं
Delete1 विभिन्न खेलों के माध्यम से
2 मौखिक चर्चा के माध्यम से
3 कहानी सुनाते हुए प्रतिक्रिया प्राप्त करके
4 विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से
5 बच्चों के पूर्व ज्ञान को जोड़ते हुए गतिविधियों के माध्यम से
बच्चों से मौखिक प्रश्न पूछ कर तथा विभिन्न प्रकार के खेलों के माध्यम से चर्चा द्वारा ।
ReplyDeleteशिक्षक सहायक सामाग्री से,कक्षा के अंदर या कक्षा से बाहर शिक्षप्रद खेलों से ,सहपाठी मुल्याँकन से अनुपयोगी वस्तुओंके द्बारा तुलना,वर्गीकरण विष्लेषण,समान और अंतर जाने जैसे अनेक गतिविधियाँ बच्चों को समूह या एकल में कराते समय उसका आँकलन करेंगे ।मौखिक में हम कहानी,कविता या पाठ से संबंधित छोटे छोटे प्रश्न पूछना।पठन कौशल में हम बच्चे को कहानी ,कविता,अनुच्छेद को रुक-रुक ,कभी-कभीकठिन शब्दों को छोडकर पढना, कविता को लय में न पढना,विराम चिंहों को ध्यान न देना।इन सभी बिन्दुओं मेंआँकलन कर सकते है ।ताकि बच्चेआगे गलती न कर सके ।
ReplyDeleteशाला में उपलब्ध सामग्रियों विश्लेषण एवं वर्गीकरण कराकर, शाला से बाहर परिवेश की चर्चा करके, क्षेत्र भ्रमण के दौरान भी कुछ चर्चा किया जा सकता है।
ReplyDeleteकविता, पाठ का वाचन, मौखिक प्रश्न, सरल शब्दों का प्रयोग, छोटी - छोटी कहानी, स्थानीय भाषा का प्रयोग संबंधित प्रश्न, सरल गतिविधि, आदि के द्वारा आकलन कर सकते हैं |
ReplyDeleteबच्चों को खेल पर अधारित कुछ गतिविधि करा कर उनसे गतिविधि संबंधित मौखिक प्रश्न पूंछकर उनका सहजता से आकलन किया जा सकता है
ReplyDeleteआंकलन के लिए बच्चों के स्तर से आंकलन की त्यारी की जाती है। जैसे कक्षा 2 के लिए ऑब्जेक्टिव टैप के प्रश्न तैयार कर सकते है। मोबाईल के माध्यम से भी चित्र दिखा कर पूछ सकते है। की किसका चित्र है। और भी आंकलन के कई तरीके है।
ReplyDeleteबच्चों से वार्तालाप के दौरान चुनौती देकर, उससे उत्तर प्राप्त कर सकते हैं, बच्चों में गतिविधि कराकर आकलन किया जा सकता है, शाला में उपलब्ध सामग्रियों विश्लेषण एवं वर्गीकरण कराकर, शाला से बाहर परिवेश की चर्चा करके, क्षेत्र भ्रमण के दौरान इत्यादि
ReplyDelete(1) गतिविधि के दौरान
ReplyDelete(2) भ्रमण के दौरान
(3) खाली स्थान वाले प्रश्न से
(4) कहानी सुनाते समय हर
बच्चेे से प्रतिक्रिया लेते
हुए
(5) बच्चे के पूर्व ज्ञान को
जोड़तेे हुए चर्चा करके
हम आकलन कर सकते हैं।
बच्चों को मौखिक रूप में पूछकर,उसके पूर्व ज्ञान को जोड़कर आकलन करना चाहिए
ReplyDeleteहम बच्चों के साथ खेल -खेल में ही उनका अवलोकन कर आकलन कर सकते हैं। कहानी सुनाकर अंत में कहनी से संबंधित सवाल कर आकलन कर सकते हैं।
ReplyDeleteशिक्षक सहायक सामाग्री से,कक्षा के अंदर या कक्षा से बाहर शिक्षाप्रद खेलों से ,सहपाठी मुल्याँकन से अनुपयोगी वस्तुओं के द्बारा तुलना,वर्गीकरण विश्लेषण,समान और अंतर जाने जैसे अनेक गतिविधियाँ बच्चों को समूह या एकल में कराते समय उसका आँकलन करेंगे ।मौखिक में हम कहानी,कविता या पाठ से संबंधित छोटे छोटे प्रश्न पूछकर पठन कौशल में हम बच्चे को कहानी ,कविता,अनुच्छेद को रुक-रुक ,कभी-कभी कठिन शब्दों को छोडकर पढना, कविता को लय में न पढना,विराम चिंहों को ध्यान न देना।इन सभी बिन्दुओं मेंआँकलन कर सकते है ।ताकि बच्चेआगे गलती न कर सके ।
ReplyDeleteहम बच्चों के प्रतिदिन प्रदर्शन के आधार पर आकलन कर सकते हैं।जैसे प्रतिदिन समय पर उपस्थिति ।शारीरिक स्वच्छता',बच्चों की रूचि अनुसार उनकी कला के प्रदर्शन के आधार पर।खेल द्वारा अन्य कई प्रकार से हम बच्चों का आकलन कर सकते है।
ReplyDeleteबच्चों से किसी विषय पर बातचीत कर प्रश्न पूछ कर गतिविधि कराकर दक्षता के आधार पर विश्लेषण वर्गीकरण करा कर क्षेत्र भ्रमण कराकर अवलोकन कर उनकी दक्षता का आंकलन कर सकते हैं
ReplyDeleteमौखिक प्रश्नोत्तरी वस्तुनिष्ठवप्रश्न खाली स्थान सही गलत आदि प्रश्नों द्वारा ।
ReplyDeleteखेल के माध्यम से ,
ReplyDeleteभ्रमण के माध्यम से ,
मौखिक /बातचीत के माध्यम से ,
विद्यार्थी के पूर्व अनुभव से ,
सृजनात्मक कार्यों से ,
सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से ,
L2,L3 के शब्दों को, मातृभाषा के अंतरगत इन सभी शब्दों को क्या कहते हैं?
ये सवाल- जवाब पुछकर ,
उनकी अपनी निजी अवधारणाएँ /विचार होती है उसके तह में जाकर अवलोकन किया जा सकता है ।
(1) कहानी सुनाते समय प्रत्येक बच्चों से प्रति
ReplyDeleteक्रिया लेकर।
(2) मौखिक परीक्षा के माध्यम से।
(3) कोई बौद्धिक खेल द्वारा ।
1.गतिविधि के माध्यम से
ReplyDelete2.मौखिक रूप से
3.बच्चे के पूर्व ज्ञान को जोड़ते हुए
मौखिक रूप से लिखित रूप से खेल के माध्यम से चर्चा के माध्यम से अभिनय के माध्यम से बातचीत के माध्यम से
ReplyDelete1स्थानीय परिवेश के संबंध में पूछकर
ReplyDelete2,खेल गतिविधि का प्रयोग कर
3,गीत,कविता कहानी आदि पर चर्चाकर
सहायक सामाग्री से,कक्षा के अंदर या कक्षा से बाहर शिक्षप्रद खेलों से ,सहपाठी मुल्याँकन से अनुपयोगी वस्तुओंके द्बारा तुलना,वर्गीकरण विष्लेषण,समान और अंतर जाने जैसे अनेक गतिविधियाँ बच्चों को समूह या एकल में कराते समय उसका आँकलन करेंगे ।मौखिक में हम कहानी,कविता या पाठ से संबंधित छोटे छोटे प्रश्न पूछना।पठन कौशल में हम बच्चे को कहानी ,कविता,अनुच्छेद को रुक-रुक ,कभी-कभीकठिन शब्दों को छोडकर पढना, कविता को लय में न पढना,विराम चिंहों को ध्यान न देना।इन सभी बिन्दुओं मेंआँकलन कर सकते है ।ताकि बच्चेआगे गलती न कर सके ।
ReplyDeleteHam bacchon Se Kisi bhi paath ko padhte Samay paath ke bich Se prashn poochh Kar aap learn kar sakte hain Brahman ke dauran bacchon ko gatividhi aadharit aakalan kar sakte hain Khel Khel Mein tarkik Shakti ke Aadhar per aap line Kiya Ja sakta hai
ReplyDelete(1) गतिविधि के दौरान।
ReplyDelete(2) भ्रमण के दौरान ।
(3) खाली स्थान वाले प्रश्न से ।
(4)वस्तुनिष्ठ प्रश्न से ।
(5) कहानी सुनाते समय बच्चों से प्रतिक्रिया लेते हुए ।
(6) बच्चों के पूर्वज्ञान को जोड़ते हुए ।
(1) गतिविधि के दौरान
ReplyDelete(2) भ्रमण के दौरान
(3) खाली स्थान वाले प्रश्न से
(4) कहानी सुनाते समय हर
बच्चेे से प्रतिक्रिया लेते
हुए
(5) बच्चे के पूर्व ज्ञान को
जोड़तेे हुए चर्चा करके
हम आकलन करते रहते
हैंं।
हम बच्चों के साथ खेल -खेल में ही उनका अवलोकन कर आकलन कर सकते हैं। कहानी सुनाकर अंत में कहनी से संबंधित सवाल कर आकलन कर सकते हैं
ReplyDeleteगतिविधि के माध्यम से
ReplyDeleteमौखिक प्रश्न के द्वारा
बच्चों के पूर्व ज्ञान को जोड़ते हुये
गीत,कहानी के माध्यम से ।
धन्यवाद ।
Ham bachcho ke aaklan me vhavarik jivan se jude maukhik prashn puchhkar aaklan kar sakte hai or bachcho ki ruchi ko dhyan me rakhkar pratyek bachcho ka alag alag tarike se bhi aanklan kar sakte hai
ReplyDeleteगतिविधि के माध्यम से एवं खेल खेल मे बहुत सी बातो को बच्चो के सामने रख सकते हे
ReplyDeleteटेकलाल साहू
ReplyDeleteशासकीय प्राथमिक शाला खैरखूँटा
वि.खंड-पिथौरा, जि. महासमुंद(छ.ग.)
आकलन के ऐसे बहुत से प्रकार हैं जिन्हें हम बुनियादी अवस्था में बच्चों के साथ प्रयोग कर सकते हैं।जो निम्न हैं:-
1.खेल-खेल के माध्यम से।
2.मौखिक बातचीत व प्रश्नों के माध्यम से।
3.गतिविधियों के दौरान।
4.टी.एल.एम.माध्यम से।
5.भ्रमण के दौरान।
6.चर्चा-परिचर्चा के दौरान चुनौती देकर।
7.कहानी,कविता,गीत के माध्यम से।
8.पूर्वदक्षता से संबंधित बातों का सिलसिला प्रारंभ कर।
9.शाला में उपलब्ध सामग्रियों का तुलना,अंतर,विश्लेषण और वर्गीकरण कराकर।
इत्यादि तरीकों से आकलन कर सकते हैं।
क्या है की बच्चे या कहें बच्चो का आकलन खेल खेल में हो सकता है।जैसे कहानी सुनाने के बाद क्रिटिकल प्रश्न भी बच्चो के बीच रख सकते हैं,हालांकि मैने देखा की एकाध बच्चा ही इस पर प्रतिक्रिया देता है,कभी दो भी।
ReplyDeleteहम लोग बच्चों से विभिन्न प्रकार से मौखिक रूप से आकलन कर सकते है
ReplyDeleteजैसे मौखिक, खेल-खेल में, किए गये गतिविधियों द्वारा, भ्रमण कराकर चर्चा आदिl
खेल के माध्यम से ,भ्रमण के माध्यम से ,मौखिक /बातचीत के माध्यम से ,विद्यार्थी के पूर्व अनुभव से,
ReplyDeleteसृजनात्मक कार्यों से ,सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से ,L2,L3 के शब्दों को, मातृभाषा के अंतरगत इन सभी शब्दों को क्या कहते हैं?ये सवाल- जवाब पुछकर ,उनकी अपनी निजी अवधारणाएँ /विचार होती है उसके तह में जाकर अवलोकन किया जा सकता है ।
आकलन के ऐसे बहुत से प्रकार हैं जिन्हें हम बुनियादी अवस्था में बच्चों के साथ प्रयोग कर सकते हैं।जो निम्न हैं:-
ReplyDelete1.खेल-खेल के माध्यम से।
2.मौखिक बातचीत व प्रश्नों के माध्यम से।
3.गतिविधियों के दौरान।
4.टी.एल.एम.माध्यम से।
5.भ्रमण के दौरान।
6.चर्चा-परिचर्चा के दौरान चुनौती देकर।
7.कहानी,कविता,गीत के माध्यम से।
8.पूर्वदक्षता से संबंधित बातों का सिलसिला प्रारंभ कर।
9.शाला में उपलब्ध सामग्रियों का तुलना,अंतर,विश्लेषण और वर्गीकरण कराकर।
इत्यादि तरीकों से आकलन कर सकते हैं।
शरद कुमार सोनी
प्राथमिक शाला महोरा
बैकुंठपुर जिला कोरिया
बच्चों का आंकलन विद्यालय में शिक्षकों के द्वारा पूरे वर्ष भर विद्यालयीन समय में बच्चे की प्रत्येक गतिविधियों पर नजर रखते हुए किया जाता है । चर्चा के दौरान किसी भी विषय का पूर्व ज्ञान के साथ साथ वर्तमान में उनकी समझ, बीच बीच में प्रश्न पूछ कर , लिखित टेस्ट, मौखिक टेस्ट, परियोजना कार्य, कक्षा कार्य, गृह कार्य, अपने आस पास की चीजों की तुलना कर विश्लेषण करने का task देकर , शैक्षणिक भ्रमण, खेल, सांस्कृतिक इत्यादि अनेक अवसरों के माध्यम से बच्चे का शैक्षिक, सह शैक्षिक एवं उनके अनुशासन, व्यक्तित्व एवं सामाजिक आंकलन किया जाता है।
ReplyDeleteAsk Alan Bachchan ka mulyankan Kaine ka safe best tarika hai.
ReplyDelete1 test paper kisi help se
2 gatividhi se
3 chitrkari se hum bachcho ka aakan kar sakte hai.
शिक्षक सहायक सामाग्री से,कक्षा के अंदर या कक्षा से बाहर शिक्षप्रद खेलों से ,सहपाठी मुल्याँकन से अनुपयोगी वस्तुओंके द्बारा तुलना,वर्गीकरण विष्लेषण,समान और अंतर जाने जैसे अनेक गतिविधियाँ बच्चों को समूह या एकल में कराते समय उसका आँकलन करेंगे ।मौखिक में हम कहानी,कविता या पाठ से संबंधित छोटे छोटे प्रश्न पूछना।पठन कौशल में हम बच्चे को कहानी ,कविता,अनुच्छेद को रुक-रुक ,कभी-कभीकठिन शब्दों को छोडकर पढना, कविता को लय में न पढना,विराम चिंहों को ध्यान न देना।इन सभी बिन्दुओं मेंआँकलन कर सकते है ।ताकि बच्चेआगे गलती न कर सके
ReplyDeleteनाम-खुशहाली सोनी
स्कूल- प्रा.शा.ढ़ाबाडीह
खजुरी
(१) गतिविधि के दौरान
ReplyDelete(२) भ्रमण के दौरान
(३) खाली स्थान वाले प्रश्न से
(४) मौखिक परीक्षा के माध्यम से
(५) कोई बौद्धिक खेल द्वारा
(६) स्थानीय परिवेश के संबंध में पूछ कर
सहायक सामाग्री से,कक्षा के अंदर या कक्षा से बाहर शिक्षप्रद खेलों से ,सहपाठी मुल्याँकन से अनुपयोगी वस्तुओंके द्बारा तुलना,वर्गीकरण विष्लेषण,समान और अंतर जाने जैसे अनेक गतिविधियाँ बच्चों को समूह या एकल में कराते समय उसका आँकलन करेंगे ।मौखिक में हम कहानी,कविता या पाठ से संबंधित छोटे छोटे प्रश्न पूछना।पठन कौशल में हम बच्चे को कहानी ,कविता,अनुच्छेद को रुक-रुक ,कभी-कभीकठिन शब्दों को छोडकर पढना, कविता को लय में न पढना,विराम चिंहों को ध्यान न देना।इन सभी बिन्दुओं मेंआँकलन कर सकते है । इसी प्रकार गणित में भी खेल के माध्यम से संख्या,छोटा- बड़ा , ऊपर -निचे सीधी लाइन , आडी लाइन ,अंदर - बाहर , दूर - पास , आदि का भी आकलन कर सकते हैं |
ReplyDelete(1) कहानी सुनाते समय प्रत्येक बच्चों से प्रति
ReplyDeleteक्रिया लेकर।
(2) मौखिक परीक्षा के माध्यम से।
(3) कोई बौद्धिक खेल द्वारा ।
4.टी.एल.एम.माध्यम से।
5.भ्रमण के दौरान।
6.चर्चा-परिचर्चा के दौरान चुनौती देकर।
7.कहानी,कविता,गीत के माध्यम से।
(8) मौखिक परीक्षा के माध्यम से
(9) कोई बौद्धिक खेल द्वारा
(10) स्थानीय परिवेश के संबंध में पूछ कर
हम बच्चों को कविता पाठ का वाचन करते हुए।,मौखिक प्रश्न सरल शब्दों का प्रयोग ,छोटी-छोटी कहानी स्थानीय भाषा का प्रयोग, संबंधित सरल गतिविधि , भ्रमण के दौरानआदि ।के द्वारा आकलन कर सकते हैं जैसे t.l.m. के माध्यम से भ्रमण के दौरान खाली स्थान वाले प्रश्न से कहानी सुनाते समय हर बच्चे से प्रतिक्रिया लेते हुए बच्चों के पूर्व ज्ञान को जोड़ते हुए खेल-खेल में आकलन कर सकते हैं।
ReplyDeleteबच्चे के पूर्व ज्ञान, मौखिक वार्ता,सहायक सामग्री,भ्रमण,विभिन्न गतिविधि आदि के माध्यम से आकलन कर सकते हैं।
ReplyDeleteआकलन के बहुत सारे प्रकार होते है जिन्हें हम बुनियादी अवस्था में बच्चों के साथ प्रयोग कर सकते हैं। (1) बच्चों के पूर्व ज्ञान को जोड़ते हुए चर्चा करके। (2) टी.एल.एम. के माध्यम से। (3) गीत,कविता, कहानी,पठन का वाचन कराके। (4) भ्रमण के दौरान। (5) कहानी सुनाते समय हर बच्चे से प्रतिक्रिया लेते हुए। (6) खाली स्थान वाले प्रश्न से। (7) खेल के दौरान गतिविधि से।
ReplyDelete(8) शाला के बाहर परिवेश की चर्चा करके आदि।
आकलन के प्रकार: (1)कहानी कविता सुनना (2)भ्रमण (3)आसपास के वस्तु ओ के बारे में बोलना (4) वस्तु संग्रहण (5)वस्तुओं की उपयोगिता बताना (6)यात्रा वृत्तांत सुनना
ReplyDeleteहमारे द्वारा आकलन की सूची :-
ReplyDeleteकहानी कविता
भ्रमण
बात चीत के माध्यम
गतिविधि के समय
प्रश्न पूछ कर
1, गतिविधि के माध्यम से
ReplyDelete2, मौखिक प्रश्न पूछकर
3, खाली स्थान वाले प्रश्न
4 , कविता / कहानी के माध्यम से
5, भ्रमण के द्वारा
6, बात चित के द्वारा
7, आकलन /अवलोकन के द्वारा
Bibhilnna प्रकार की गतिविधियों के द्वारा , चित्रों me bat चित्रों karke कविता कहानियो के द्वारा उनके अपने भावी को व्यक्त कर पाना
ReplyDeleteस्थानीय स्तर की कहानियाँ सुना कर बातचीत करते हुए प्रश्न के रूप में, गतिविधि करते हुए खेल खेल में प्रश्न पूछ कर आकलन कर सकते हैं
ReplyDeleteबच्चों से वार्तालाप के दौरान चुनौती देकर, उनसे उत्तर प्राप्त कर सकते हैं, बच्चों में विभिन्न गतिविधियां कराकर आकलन किया जा सकता है, शाला में उपलब्ध सामग्रियों विश्लेषण एवं वर्गीकरण कराकर, शाला से बाहर परिवेश की चर्चा करके, क्षेत्र भ्रमण के दौरान इत्यादि से बच्चो का आकलन किया जा सकता है। जिनमें भ्रमण, मौखिक प्रश्न, गतिविधि, रुचि, ये सभी शामिल है।
ReplyDeleteवैसे तो बच्चों का हर क्लास में हर विषय पर आकलन होता रहता है। प्रारंभिक स्कूल में हम बच्चों से वार्तालाप संवाद से ही यह जानने की कोशिश करते हैं कि बच्चा बात चीत में कैसा है।यह भी एक प्रकार का आकलन ही होता है। बच्चों का आकलन अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग गतिविधियों के माध्यम से होता है। शिक्षण क्षेत्र में गतिविधियों से, मौखिक प्रश्नोत्तरी से, कविता, कहानी पढ़ने कहा कर,गृह कार्यों से, टेस्ट पेपर लेकर आदि।
ReplyDeleteगतिविधि के दौरान बातचीत करके, शैक्षिक भ्रमण के दौरान, समूह खेल के दौरान, कविता / कहानी के माध्यम से, वस्तुओं का वर्गीकरण, विश्लेषण करके, प्रश्न पूछ कर, बातचीत कर, Tlm के माध्यम से आकलन।
ReplyDeleteआकलन के बहुत सारे प्रकार होते है जिन्हें हम बुनियादी अवस्था में बच्चों के साथ प्रयोग कर सकते हैं। आकलन सभी कक्षा में व सभी विषयों में किया जाता है । इसमें से प्रमुख रूप से निम्न हैं -
ReplyDelete(1) बच्चों के पूर्व ज्ञान को जोड़ते हुए चर्चा करके।
(2) टी.एल.एम. के माध्यम से।
(3) गीत,कविता, कहानी,पठन का वाचन कराके।
(4) भ्रमण के दौरान।
(5) कहानी सुनाते समय हर बच्चे से प्रतिक्रिया लेते हुए।
(6) खाली स्थान वाले प्रश्न से।
(7) खेल के दौरान गतिविधि से।
(8) भ्रमण के दौरान शाला के बाहर परिवेश की चर्चा करके ।
(9) मौखिक व लिखित प्रश्नों द्वारा।
बच्चों के साथ प्रत्येक कार्य में आकलन करने के अवसर हो सकते हैं ऐसा समझ आता है कि चाहे खेलते हुए या भ्रमण करते हुए या चाहे पढ़ते समय हो या चाहे उनसे विभिन्न विषयों पर वार्तालाप करते समय।
ReplyDelete(1) गतिविधि के दौरान
ReplyDelete(2) भ्रमण के दौरान
(3) खाली स्थान वाले प्रश्न से
(4) कहानी सुनाते समय हर
बच्चेे से प्रतिक्रिया लेते
हुए
(5) बच्चे के पूर्व ज्ञान को
जोड़तेे हुए चर्चा करके
हम आकलन करते(6) खाली स्थान वाले प्रश्न से।
(7) खेल के दौरान गतिविधि से।
(8) भ्रमण के दौरान शाला के बाहर परिवेश की चर्चा करके ।
(9) मौखिक व लिखित प्रश्नों द्वारा।
1) गतिविधि के दौरान
ReplyDelete(2) भ्रमण के दौरान
(3) खाली स्थान वाले प्रश्न से
(4) कहानी सुनाते समय हर
बच्चेे से प्रतिक्रिया लेते
हुए
(5) बच्चे के पूर्व ज्ञान को
जोड़तेे हुए चर्चा करके
हम आकलन करते रहते
हैंं।
हम बच्चों से वार्तालाप के दौरान चुनौती देकर, उससे उत्तर प्राप्त कर सकते हैं। बच्चों में गतिविधि कराकर आकलन किया जा सकता है। शाला में उपलब्ध सामग्रियों विश्लेषण एवं वर्गीकरण कराकर, शाला से बाहर परिवेश की चर्चा करके, क्षेत्र भ्रमण के दौरान इत्यादि।
ReplyDelete(1) गतिविधि के दौरान
ReplyDelete(2) भ्रमण के दौरान
(3) खाली स्थान वाले प्रश्न से
(4) कहानी सुनाते समय हर
बच्चेे से प्रतिक्रिया लेते
हुए
(5) बच्चे के पूर्व ज्ञान को
जोड़तेे हुए चर्चा करके।
(6) Tlmका प्रयोग करके । इनके अतिरिक्त कक्षा अध्यापन के दौरान अन्य गतिविधियो से कर सकते है।
बच्चों को पूर्व ज्ञान से संबंधित प्रश्न पूछे, गतिविधि कराके प्रश्न पूछे ं
ReplyDeleteबात चीत,गतिविधियों के दौरान आकलन भी साथ साथ किया जा सकता है।
ReplyDeletePrayojana kary
ReplyDeleteMaukhik prasnotar
Samuhik kary
Kchetra braman ke samay avlokan
Padhate samay prasna puchna
Grih kary se
Vartalap se
कविता, पाठ का वाचन, मौखिक प्रश्न, सरल शब्दों का प्रयोग, छोटी - छोटी कहानी, स्थानीय भाषा का प्रयोग संबंधित प्रश्न, सरल गतिविधि, आदि के द्वारा आकलन कर सकते हैं |
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