कोर्स 10 गतिविधि 5 : सहभागी समूह आकलन को लेकर मेरे अनुभव : अपने अनुभव साझा करें

 

कोर्स 10 : विद्यालय आधारित आकलन

 गतिविधि 5 : सहभागी समूह आकलन को लेकर मेरे अनुभव : अपने अनुभव साझा करें

एक क्षण के लिए अपनी कक्षा के अनुभवों का प्रत्यास्मरण कीजिए और उन घटनाओं पर चिंतन कीजिए, जहाँ पर आपने एक तकनीक के रूप में सहभागी-समूह आकलन का उपयोग अवश्य किया हो। कार्य अथवा विषय (आधारभूत सूचना जैसेकि विषय, ग्रेड, शीर्षक, अधिगम, प्रतिफल भी प्रदान कीजिए।) योजना, प्रतिफल और कक्षा में सहभागी-समूह आकलन का क्रियान्वयन करने में सामना की जा रही चुनौतियों के लिए सोपानों का संकेत करते हुए कार्य अथवा विषय और क्रियान्वयन रणनीति का वर्णन कीजिए।

Comments

  1. सहभागी समूह आकलन शिक्षक और शिक्षर्थी दोनों के लिये सार्थक विधि है जो दोनों के लिये उपयोगी वा सार्थक मार्ग प्रदान करता है. और आकलन गलतिओ से सीखकर आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करता hi

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  2. अलग-अलग बुद्धि लब्धि वाले विद्यार्थियों को समूह कार्य देकर उनमें आपसी सामंजस्य बढ़ाते हुए विषय के प्रति रुचि जागृत की गई जो श्रेयस्कर रहा ।

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  3. Different ability students brought together in a group to do an activity

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  4. सहभागी समूह आकलन विधि शिक्षक और शिक्षार्थी ओं दोनों के लिए बहुत ही सार्थक विधि है इस विधि में विद्यार्थी एक दूसरे के साथ सहयोग करते हुए अपने समझ विकसित करते हैं सहभागी समूह आकलन विधि से विद्यार्थियों को सीखने के और समझने के अधिक अवसर प्राप्त होते हैं

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  5. अलग-अलग बुद्धि लब्धि वाले विद्यार्थियों को समूह कार्य देकर उनमें आपसी सामंजस्य बढ़ाते हुए विषय के प्रति रुचि जागृत की गई जो श्रेयस्कर रहा

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  6. विभिन्न बुद्धि स्तर वाले विद्यार्थियों को समान कार्य देकर सामंजस्य बनाते हुए रुचि जागृत करने का प्रयास किया जाना चाहिए।

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  7. सहभागिता आकलन सार्थक है

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    1. It increases correct. Flow of information and co devlopment of trainer and trainee

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  8. सहभागी समूह विधि शिक्षक ,विद्यार्थी आकलन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि समूह में एक दूसरे के विचारों का आदान-प्रदान होता है और एक दूसरे के विचारों का आदान प्रदान करके सही तथ्य को सामने लाया जाता है और जब तक सही तथ्य सामने नहीं आते हैं तब समूह में स्वीकार नहीं किए जाते हैं इस प्रकार देखा जाए तो समूह विधि एक तथ्य एवं सिद्धांत पर आधारित विधि है। सहभागिता समूह आकलन से विद्यार्थियों को स्वयं सीखने एवं समझने का मौका मिलता है और इससे बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ता है।



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  9. सहभागी समूह आकलन विधि आकलन लिये सार्थक विधि है जो विद्यार्थीयों के लिए उपयोगी व सार्थक मार्ग प्रदान करती है. और जो विद्यार्थी को गलतिओ से सीखकर आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करती है |अलग-अलग बुद्धि लब्धि वाले विद्यार्थियों को समूह कार्य देकर उनमें आपसी सामंजस्य बढ़ाते हुए विषय के प्रति रुचि जागृत की जाती है | समूह आकलन विधि विद्यार्थीयों के आकलन के लिए बहुत ही सार्थक विधि है इस विधि में विद्यार्थी एक दूसरे के साथ सहयोग करते हुए अपने समझ विकसित करते हैं सहभागी समूह आकलन विधि से विद्यार्थियों को सीखने के और समझने के अधिक अवसर प्राप्त होते हैं समूह में एक दूसरे के विचारों का आदान-प्रदान होता है और एक दूसरे के विचारों का आदान प्रदान करके सही तथ्यों को सामने लाया जाता है और जब तक सही तथ्य सामने नहीं आते हैं तब समूह में स्वीकार नहीं किए जाते हैं इस प्रकार देखा जाए तो समूह विधि एक तथ्य एवं सिद्धांत पर आधारित विधि है। सहभागिता समूह आकलन से विद्यार्थियों को स्वयं सीखने एवं समझने का मौका मिलता है और इससे बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ता है।

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  10. सहभागी समूह आकलन विधि में जब विभिन्न बुद्धि स्तर वाले विद्यार्थी अपने स्तर पर विचारों को प्रगट करते हैं तब एक नया और सटीक तथ्य सामने आता है| अतः आकलन की सही विधि है|

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  11. सहभागी समूह आकलन करना कक्षा 9 वी व 10 के स्तर पर कठिन परंतु रोचक तथ्य के रुप मे परिलक्षित हो रहा है जहाँ बच्चे स्वयं के साथ समूह चिंन्हाकंन तथा विचारों को साझा करने मे योग्य बन रहे है वही बर्हिमुखी प्रतिभा के छात्रो मे निखार आ रहा है। और एक कुशल नेतृत्व की भूमिका का प्रदर्शन भी दिखाई दे रहा है। पर शुरुआत मे मनोबल सभी के हिलते नजर आते है बच्चों की रोचकता व सहभागिता भी अल्पांश मे होती है पर गतिविधियों के आगे बढने पर स्व आकलन एवं सहभागिता मे बदलाव दिखा है।
    मनीष कुमार राय
    शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय प्रतापपुर

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  12. सहभागी समूह आकलन करना कक्षा 9 वी व 10 के स्तर पर कठिन परंतु रोचक तथ्य के रुप मे परिलक्षित हो रहा है जहाँ बच्चे स्वयं के साथ समूह चिंन्हाकंन तथा विचारों को साझा करने मे योग्य बन रहे है वही बर्हिमुखी प्रतिभा के छात्रो मे निखार आ रहा है। और एक कुशल नेतृत्व की भूमिका का प्रदर्शन भी दिखाई दे रहा है। पर शुरुआत मे मनोबल सभी के हिलते नजर आते है बच्चों की रोचकता व सहभागिता भी अल्पांश मे होती है पर गतिविधियों के आगे बढने पर स्व आकलन एवं सहभागिता मे बदलाव दिखा है।

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  13. सहभागी समूह आंकलन एक बहुत ही रोचक व महत्वपूर्ण विधि है जिसके माध्यम से विद्यार्थियो में आपसी ज्ञान का आदान प्रदान व रुचिपूर्ण समझ विकसीत होती है | इससे विद्यार्थियों के आत्मविश्वास और व्यवहार कुशलता में वृद्धि होती है । शिक्षार्थियो व विद्यार्थियों के मध्य यह विधि तर्कपूर्ण ज्ञान को बढ़ावा देने में सहायक है ।

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  14. सहभागी समूह आंकलन का उपयोग कक्षा 9वीं एवँ 10वीं के लिए लाभदायक है। इस उम्र के बच्चे एक दूसरे के साथ विचार साझा करने में सक्षम होते हैं। समूह आंकलन से उनकी प्रगति का पता चलता है।

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  15. सहभागी समूह विधि शिक्षक ,विद्यार्थी आकलन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि समूह में एक दूसरे के विचारों का आदान-प्रदान होता है और एक दूसरे के विचारों का आदान प्रदान करके सही तथ्य को सामने लाया जाता है और जब तक सही तथ्य सामने नहीं आते हैं तब समूह में स्वीकार नहीं किए जाते हैं इस प्रकार देखा जाए तो समूह विधि एक तथ्य एवं सिद्धांत पर आधारित विधि है। सहभागिता समूह आकलन से विद्यार्थियों को स्वयं सीखने एवं समझने का मौका मिलता है और इससे बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ता है।

    संतोष कुमार साहू व्याख्याता शासकीय हाई स्कूल सोमनापुर नया कबीरधाम छत्तीसगढ़

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  16. सहभागी समूह विधि शिक्षक ,विद्यार्थी आकलन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि समूह में एक दूसरे के विचारों का आदान-प्रदान होता है और एक दूसरे के विचारों का आदान प्रदान करके सही तथ्य को सामने लाया जाता है और जब तक सही तथ्य सामने नहीं आते हैं तब समूह में स्वीकार नहीं किए जाते हैं इस प्रकार देखा जाए तो समूह विधि एक तथ्य एवं सिद्धांत पर आधारित विधि है। सहभागिता समूह आकलन से विद्यार्थियों को स्वयं सीखने एवं समझने का मौका मिलता है और इससे बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ता है। Santosh kumar sahu Lecturer kabirdham chhattisgarh

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  17. सहभागी समूह आकलन को लेकर अनुभव
    कक्षा में समूह कार्य देकर और बड़ी ही कुशलता से उस कार्य को पूरा करना, आपस में एक दूसरे से सीखना , कार्य कुशलता में वृद्धि , सहयोग की भावना विकसित कर l उन लोगों के विभिन्न क्रिया-कलापों में सम्मिलित होकर उस के बारे में जानकारी को विकसित करना । अतः घनिष्ठ एवं औपचारिक सम्बन्ध स्थापित हो जाता है l अधिक यथार्थ व्यवहार lसूचनायें अधिक शुद्ध एवं विश्वसनीय होती है l

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  18. सहभागी समूह आकलन विधि शिक्षक और विद्यार्थी आकलन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि समूह में एक दूसरे के विचारों का आदान-प्रदान होता है और एक दूसरे के विचारों का आदान प्रदान करके सही तथ्य को सामने लाया जाता है और जब तक सही तथ्य सामने नहीं आते हैं तब समूह में स्वीकार नहीं किए जाते हैं इस प्रकार देखा जाए तो समूह विधि एक तथ्य एवं सिद्धांत पर आधारित विधि है। सहभागिता समूह आकलन से विद्यार्थियों को स्वयं सीखने एवं समझने का मौका मिलता है और इससे बच्चों में आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।

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  19. सामंजस्य हेतु 2 लोगो/समूहों की आवश्यकता होती हैं, शिक्षक एवम छात्र। विचारों को सांझा करके समस्या मुलक निदान की ओर बड़ा जा सकता है। स्वयं सीखने का प्रयास से छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ता है। लीडरशिप क्वालिटी से आगे बढ़ने का मौका प्राप्त होता है।

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  20. सहभागी समूह आंकलन शिक्षक और विद्यार्थी दोनों के लिए सार्थक विधि है किन्तु इसमें सभी विद्यार्थियों का स्तर अच्छा होना आवयशक है।

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  21. सहभागी समूह आकलन शिक्षक और शिक्षर्थी दोनों के लिये सार्थक विधि है जो दोनों के लिये उपयोगी वा सार्थक मार्ग प्रदान करता है. और आकलन गलतिओ से सीखकर आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करता है श्रीमती एम बी बंजारे (प्राचार्य )sages selud

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  22. सहभागी समूह आकलन विधि आकलन लिये सार्थक विधि है जो विद्यार्थीयों के लिए उपयोगी व सार्थक मार्ग प्रदान करती है. और जो विद्यार्थी को गलतिओ से सीखकर आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करती है |अलग-अलग बुद्धि लब्धि वाले विद्यार्थियों को समूह कार्य देकर उनमें आपसी सामंजस्य बढ़ाते हुए विषय के प्रति रुचि जागृत की जाती है | समूह आकलन विधि विद्यार्थीयों के आकलन के लिए बहुत ही सार्थक विधि है इस विधि में विद्यार्थी एक दूसरे के साथ सहयोग करते हुए अपने समझ विकसित करते हैं सहभागी समूह आकलन विधि से विद्यार्थियों को सीखने के और समझने के अधिक अवसर प्राप्त होते हैं समूह में एक दूसरे के विचारों का आदान-प्रदान होता है और एक दूसरे के विचारों का आदान प्रदान करके सही तथ्यों को सामने लाया जाता है और जब तक सही तथ्य सामने नहीं आते हैं तब समूह में स्वीकार नहीं किए जाते हैं इस प्रकार देखा जाए तो समूह विधि एक तथ्य एवं सिद्धांत पर आधारित विधि है। सहभागिता समूह आकलन से विद्यार्थियों को स्वयं सीखने एवं समझने का मौका मिलता है और इससे बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ता है।सहभागी समूह आकलन विधि में जब विभिन्न बुद्धि स्तर वाले विद्यार्थी अपने स्तर पर विचारों को प्रगट करते हैं तब एक नया और सटीक तथ्य सामने आता है| अतः आकलन की सही विधि है|Sandeep Bhatnagar principal govt.HSS Tiriya

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  23. जब हम एक से अधिक बच्चों का समूह बनाकर उन्हें कोई कार्य देते हैं तो वे ना सिर्फ अपने बुद्धि लब्धि के अनुसार कार्य मे अपना सहयोग देते हैं बल्कि एक दूसरे के ना केवल कार्य से सीखते हूं अपितु एक दूसरे की गलतियों से भी सीखते हैं. उनमें भी दुसरे बच्चों की तरह कुछ करने का आत्मविश्वास बढ़ता है. रुचि बढ़ती है

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  24. Class 9th mathematics - " Real Numbers " - irrational nos. - " Karani - surds " explain karane ke baad group work dene par sabhi ke responses positive the. It proves that they can easily understand the topics and accept their mistakes without hesitation. It proves sahayogatmak vyavhaar aur gatividhiyan seekhane me bahut hi kaargar hai.

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  25. It was amazing.in groups students never hasitate with their logic and facts.they can get rid of their confusions very easily

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  26. We can overcome the challenges while teaching in a classroom by participation of each and every student of the class and making sure that proper harmony is there in the class and each and every student is engaged in the learning activity

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  27. सहभागी समूह आकलन बहुत ही रोचक है,इसमे विद्यार्थियों में अवधारणाओं की अच्छी समझ उत्पन्न होती है ।

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  28. सहभागी समूह विधि से अलग -अलग समझ रखने वाले विधार्थियों में सीखने के अवसर बढ़ते है सहजता से सीख पाते हैं |

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  29. अलग-अलग बुद्धि वाले विद्यार्थियों का समूह बनाकर उन्हें समूह कार्य दे कर के उनका आकलन करना ज्यादा बेहतर होना चाहिए l

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  30. सहभागी समूह आकलन विधि शिक्षक एवं विद्यार्थियों दोनों की लिए रोचक है जिससे हमने विद्यार्थियों की व्यवहार, उनके द्वारा किये जाने वाले सहयोग तथा समूह में कार्य करना ,समूह का नेतृत्व करना बहुत अच्छा रहा।

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  31. समूह में आंकलन करना समझ विकसित करने का महत्वपूर्ण साधन है

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  32. सहभागी समूह आकलन विधि से बच्चों मे सहयोग की भावना आती है कम बुद्धि लबधी वाले बच्चे को अधिक बुद्धि लब्धी वाले बच्चों से कुछ सीखने वा करने को मिल जाता है।

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  33. सहभागी समूह आकलन पद्दति का उपयोग यदि आकलन हेतू किए गए, एवं आकलन के समस्त बिंदु जैसे विषय ,ग्रेड ,शीर्षक ,अधिगम ,प्रतिफल आदि सभी समेकित कर योजना के क्रियान्वयन, से आकलन और प्रतिफल मे चुनौतियां तो होंगी, चूंकि कार्य सहभागी समूह के लिए है , अतः विभिन्न सोपान जैसे - 1- बातचीत से,कुछ सामान्य मौखिक प्रश्न कर। 2- बच्चो के अधिगम स्तर जानना ।3- विषयगत प्रश्न पूछ कर ,। जरूरी नही कि इस प्रक्रिया से इच्छित प्रतिफल प्राप्त हो , पर चूंकि यहां समूह पर कार्य हो रहा है, अतः क्रियान्वयन मे विभिन्न रणनीतियों का समावेश कर आकलन से ही सही प्रतिफल मिलेगा, यहां बच्चो की परिवेश ,बुद्धिलब्धि अधिगम स्तर मे भिन्नता है, किन्तु इस प्रकार आकलन सही होगा एवं समूह आकलन से सभी को समान रूप से सीखने के अवसर मिलेंगे ,जो बच्चो के अधिगम स्तर को उन्नत करेगा ।

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  34. This helps each participant, even if they belong to different learning ability or personality types, if the teacher has planned the activity before execution.

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  35. समूह आकलन विधि विद्यार्थियों के आकलन के लिए बहुत ही सार्थक विधि है। इसमें विद्यार्थियों को सीखने के अधिक अवसर प्राप्त होते है। विभिन्न बुद्धि लब्धि वाले छात्र एक समूह मे कार्य करते हैं एवम् एक दूसरे से सीखते है ।

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  36. सहभागी समूह आकलन एयरप्लेन की एक बहुत अच्छी विधि है जो शिक्षक और विद्यार्थियों के बीच शक्ति का संतुलन बनाती है और विद्यार्थियों में सीखने की गति को तेज करते हैंक्योंकि विद्यार्थी कई बार सही उत्तर ज्ञात रहने पर भी भय अथवा संकोच अथवा हिचक के कारण शिक्षक को सही सही उत्तर नहीं दे पाते अतः वास्तविक आकलन नहीं हो पाता जबकि विद्यार्थियों का आपस में अलग-अलग बुद्धि लब्धि वाले विद्यार्थियों के बीच एक अच्छा सामंजस्य स्थापित हो जाता है और वह अपनी बातों को खुलकर एक दूसरे के साथ रख सकते इस तरह विद्यार्थियों का यथार्थ का प्लेन संभव हो पाता है इसके अलावा आकलन की इस पद्धति से शिक्षक के श्रम और समय की भी बचत होती है अतः आकलन की यह पद्धति शिक्षक और विद्यार्थियों दोनों के लिए हितकर एवं उपयोगी है
    बृजेश कुमार शर्मा व्याख्याता गणित शासकीय हाई स्कूल खेकतरा दादन विकास खंड लोरमी जिला मुंगेली छत्तीसगढ़

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  37. सहभागिता सीखने की बाधाओं को दूर कर्ता है

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  38. सहभागी समूह विधि शिक्षक ,विद्यार्थी आकलन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि समूह में एक दूसरे के विचारों का आदान-प्रदान होता है और एक दूसरे के विचारों का आदान प्रदान करके सही तथ्य को सामने लाया जाता है और जब तक सही तथ्य सामने नहीं आते हैं तब समूह में स्वीकार नहीं किए जाते हैं इस प्रकार देखा जाए तो समूह विधि एक तथ्य एवं सिद्धांत पर आधारित विधि है। सहभागिता समूह आकलन से विद्यार्थियों को स्वयं सीखने एवं समझने का मौका मिलता है और इससे बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ता है।

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  39. सहभागी समूह आकलन विधि आकलन लिये सार्थक विधि है जो विद्यार्थीयों के लिए उपयोगी व सार्थक मार्ग प्रदान करती है. और जो विद्यार्थी को गलतिओ से सीखकर आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करती है |अलग-अलग बुद्धि लब्धि वाले विद्यार्थियों को समूह कार्य देकर उनमें आपसी सामंजस्य बढ़ाते हुए विषय के प्रति रुचि जागृत की जाती है | समूह आकलन विधि विद्यार्थीयों के आकलन के लिए बहुत ही सार्थक विधि है इस विधि में विद्यार्थी एक दूसरे के साथ सहयोग करते हुए अपने समझ विकसित करते हैं सहभागी समूह आकलन विधि से विद्यार्थियों को सीखने के और समझने के अधिक अवसर प्राप्त होते हैं समूह में एक दूसरे के विचारों का आदान-प्रदान होता है और एक दूसरे के विचारों का आदान प्रदान करके सही तथ्यों को सामने लाया जाता है और जब तक सही तथ्य सामने नहीं आते हैं तब समूह में स्वीकार नहीं किए जाते हैं इस प्रकार देखा जाए तो समूह विधि एक तथ्य एवं सिद्धांत पर आधारित विधि है। सहभागिता समूह आकलन से विद्यार्थियों को स्वयं सीखने एवं समझने का मौका मिलता है और इससे बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ता है।सहभागी समूह आकलन विधि में जब विभिन्न बुद्धि स्तर वाले विद्यार्थी अपने स्तर पर विचारों को प्रगट करते हैं तब एक नया और सटीक तथ्य सामने आता है| अतः आकलन की सही विधि है|Sandeep Bhatnagar principal govt.HSS Tiriya

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  40. सहभागी समूह आंकलन एक बहुत ही रोचक व महत्वपूर्ण विधि है जिसके माध्यम से विद्यार्थियो में आपसी ज्ञान का आदान प्रदान व रुचिपूर्ण समझ विकसीत होती है | इससे विद्यार्थियों के आत्मविश्वास और व्यवहार कुशलता में वृद्धि होती है । शिक्षार्थियो व विद्यार्थियों के मध्य यह विधि तर्कपूर्ण ज्ञान को बढ़ावा देने में सहायक है ।

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  41. विद्यार्थियों को ग्रुप में बैठकर उन्हें रिसर्च कार्य देते हैं रिसर्च कार्य पूर्ण होने पर सभी ग्रुप अपना प्रेजेंटेशन देते हैं और अन्य समूह उस पर सवाल पूछते हैं या उसमें कोई कमी बताते हैं इस तरह सहभागी समाकलन का कार्य पूर्ण होता है। रिसर्च कार्य ज्यादा कठिन स्तर का नहीं होना चाहिए और समुदाय में उपलब्ध होना चाहिए।
    - उच्च प्राथमिक शाला मातेंगा केशकाल

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