कोर्स 10 गतिविधि 1 : अपने विचार साझा करें

 

कोर्स 10 : विद्यालय आधारित आकलन

गतिविधि 1 : अपने विचार साझा करें

अपनी कक्षा में किए जाने वाले व्यवहारों पर विचार करते हुए, तीन विधियाँ/तरीके बताइए जिनमें आप अनेक आकलन व्यवहारों का संचालन करते हैं। क्या ये व्यवहार आपके द्वारा नियोजित, निर्मित और क्रियान्वित किये गये हैं। अथवा क्या ये विभिन्न स्तरों पर सरंचनाबद्ध हैं और विद्यालय प्राधिकरणों अथवा शिक्षा बोर्डों द्वारा आप को प्रदान किये गये हैं? मान लीजिए आप इन मौजूदा आकलन रणनीतियों को बदलना चाहते हैं, तो एक विकल्प सुझाइये जिसमें आप अपनी स्वयं की योजना बना सकें और उसका क्रियान्वयन कर सकें और यह उच्च प्राधिकरणों द्वारा दिशा-निर्देशित न हों।

Comments

  1. कक्षा में मेरे द्वारा किए जाने वाले व्यवहार, तीन विधियाँ/तरीके निम्नलिखित है जिनमें मैं अनेक आकलन व्यवहारों का संचालन करता हैं। (1) Monday test (2) प्रोजेक्ट वर्क (3) maasikassignment ।
    सभी विद्यालयों में यह तीन विधियां जरूर लागू होनी चाहिए जिससे विद्यार्थियों में आत्मविश्वास बढ़ेगा ।

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  2. बिल्कुल सही

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  3. कक्षा में आकलन हेतु किये जाने वाली विधियों में सरप्राइज टेस्ट, प्रत्येक अध्यय को पढाने के पश्चात् उस विषय वस्तु से संबंधित प्रत्येक विद्याथियों को उनके विचार अभिव्यक्ति करवाना, एवं प्रायोजना कार्य देना|

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  4. विद्यालय में किए जा रहे आकलन शिक्षा एजेंसी द्वारा प्रदत्त है जिसमें मासिक टेस्ट, क्वार्टरली, हॉफ ईयरली, ईयरली एग्जाम आयोजित होते हैं। जिसमें आकलन के तरीके सभी विद्यार्थियों के लिए एक सा होता है।
    आकलन के लिए तैयार की जाने वाली गतिविधि में सभी विधाओं को शामिल किया जाना चाहिए। विद्यार्थी के रुचि अनुसार प्रश्नावली तैयार होना चाहिए।

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  5. Self assessment and peer assessment

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  6. 1. विद्यार्थीयों का व्यवहार
    2. विद्यार्थीयों की रुचि
    3. गृह कार्य
    4. Surprise test आदि.

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  7. मैं भी जो कक्षा में इनोवेशन का प्रयास करता हूं:--
    1- कक्षा व स्कूल परिसर में सिर्फ हिन्दी बोलने पर जोर
    2. तात्कालिक भाषण
    3. दोहे व चौपाई पर गीत, अन्त्याक्षरी
    4. नए शब्दों पर छोटा निबंध रचना
    5. शिक्षकों द्वारा बच्चे को एडॉप्ट करके हॉलिस्टिक एप्रोच
    6. इंगलिश वर्ड अन्त्याक्षरी

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  8. कक्षा में आकलन हेतु मुख्य रूप से निर्णय विधि अपनानी चाहिए सर्वप्रथम किसी भी पाठ एवं अध्याय को पढ़ाने के बाद का होमवर्क प्रत्येक विद्यार्थी से लेना जरूरी है और जांचना दूसरा प्रत्येक विद्यार्थी को नोट्स बनवाना साथ ही जांचना और बच्चों को सप्ताह में 1 दिन समूह विधि से भी अध्ययन व अध्यापन कराना। और प्रत्येक इकाई का बारी बारी से टेस्ट लेना और उनके द्वारा पाए हुए अंकित-अंक को बताना जिससे वह अगले टेस्ट में अपना बेहतर प्रदर्शन कर सकें। बीच-बीच में अध्ययन अध्यापन के दौरान मौखिक प्रश्नों का भी ध्यान होना, जिज्ञासा पैदा करना और उनके रूचि,व्यवहार में परिवर्तन लाना ‌।

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    1. कक्षा में आकलन हेतू अध्यापन के बाद गृह कार्य देना ,कापी तैयार कराना,साप्ताहिक टेस्ट लेना ईकाई टेस्ट लेना जिज्ञासा पैदा करना एवं उनके व्यवहार तथा रूचि मे परिवर्तन लाना आदि को समयानुसार जाँच कराना।

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  9. 1 विद्यार्थियों को गृहकार्य
    2 विद्यार्थियों की रुचि
    3 विद्याथियों के व्यवहार के अनुसार कार्य किया जाना चाहिए

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  10. कक्षा में मेरे द्वारा किए जाने वाले व्यवहार, तीन विधियाँ/तरीके निम्नलिखित है जिनमें मैं अनेक आकलन व्यवहारों का संचालन करती हूँ।
    (1) स्लिप टेस्ट l
    (2) साप्ताहिक परीक्षा l
    (3) प्रोजेक्ट वर्क ।

    सभी विद्यालयों में यह तीन विधियां जरूर लागू होनी चाहिए जिससे विद्यार्थियों में आत्मविश्वास बढ़ेगा ।

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  11. कक्षा में आकलन हेतु मेरे द्वारा अवलोकन ,साक्षात्कार और पीयर समूह द्वारा विधियों को अपनाया जाता है | ये तरीके swayam द्वारा नियोजित है |

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  12. Surprise test
    Quiz on random topic taught
    Discussion

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  13. विद्यालय में किए जा रहे आकलन शिक्षा एजेंसी द्वारा प्रदत्त है जिसमें मासिक टेस्ट, क्वार्टरली, हॉफ ईयरली, ईयरली एग्जाम आयोजित होते हैं। जिसमें आकलन के तरीके सभी विद्यार्थियों के लिए एक सा होता है।
    आकलन के लिए तैयार की जाने वाली गतिविधि में सभी विधाओं को शामिल किया जाना चाहिए। विद्यार्थी के रुचि अनुसार प्रश्नावली तैयार होना चाहिए। Santosh kumar sahu Lecturer kabirdham chhattisgarh

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  14. कक्षा में आकलन हेतु
    1. सप्ताह में 1 दिन विषय वस्तु से संबंधित बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तरी टेस्ट
    2. कक्षा में विषय वस्तु के हिसाब से समूह गतिविधि के दौरान
    3. प्रत्येक अध्याय के अंत में बच्चों द्वारा विचार अभिव्यक्त करवाना l

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  15. कक्षा में आकलन के लिए अपनाएं जाने वाले तीन विधियां निम्न हैं:- 1. यूनिट टेस्ट 2. मौखिक प्रश्नोत्तरी 3. प्रोजेक्ट वर्क

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  16. सर्व प्रथम हिंदी लिखने पढ़ने व बोलने आना चाहिए क्योंकि गावों में यह बड़ी समस्या है। अब nep 2020में 3री में ही बच्चे ये कर लेंगे। तो आंकलन के ये सभी बिंदु हमारे व शिक्षार्थी हेतु कारगर होगें।
    सी एम साहू dargaon

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  17. स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा जारी कैलेंडर में तिमाही, अर्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षा का प्रावधान होता है। मेरे द्वारा कक्षा में बच्चो से मौखिक प्रश्न पूछा जाता है तथा एक यूनिट समाप्त होने पर कक्षा में टेस्ट लिया जाता है तथा विद्यार्थियों से कक्षा में कविता एवं पाठ के विषय वास्तु का पठन करवाया जाता है।

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  18. कक्षा में आकलन हेतु किये जाने वाली विधियों में सरप्राइज टेस्ट, प्रत्येक अध्यय को पढाने के पश्चात् उस विषय वस्तु से संबंधित प्रत्येक विद्याथियों को उनके विचार अभिव्यक्ति करवाना, एवं प्रायोजना कार्य देना| साथ ही साथ इसमे 3 बिंदु अपनाने है 1 इकाई मूल्यांकन, 2 viva और 3 असाइनमेंट वर्क एवं प्रोजेक्ट....

    युगल किशोर जैन
    व्याख्याता
    शा०उ०मा०वि० मासबरस, अंतागढ़, उत्तर बस्तर कांकेर (छ०ग०)

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  19. वैसे तीनों आकलन अपने स्थान पर सही है , पर मेरे अनुसार कक्षा कक्ष में अध्यापन के साथ साथ ही सुक्ष्म आकलन अति आवश्यक है , जिसमें शिक्षक प्रत्येक शिक्षार्थियों की आवश्यकता को समझ सके और उनके कठिनाइयों को दूर कर सकें ।
    धन्यवाद

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  20. कक्षा में आकलन हेतु मुख्य रूप से निर्णय विधि अपनानी चाहिए सर्वप्रथम किसी भी पाठ एवं अध्याय को पढ़ाने के बाद का होमवर्क प्रत्येक विद्यार्थी से लेना जरूरी है और जांचना दूसरा प्रत्येक विद्यार्थी को नोट्स बनवाना साथ ही जांचना और बच्चों को सप्ताह में 1 दिन समूह विधि से भी अध्ययन व अध्यापन कराना। और प्रत्येक इकाई का बारी बारी से टेस्ट लेना और उनके द्वारा पाए हुए अंकित-अंक को बताना जिससे वह अगले टेस्ट में अपना बेहतर प्रदर्शन कर सकें। बीच-बीच में अध्ययन अध्यापन के दौरान मौखिक प्रश्नों का भी ध्यान होना, जिज्ञासा पैदा करना और उनके रूचि,व्यवहार में परिवर्तन लाना ‌।हम आंकलन की बनी बनाम विधी से बंध गया है।चाह कर भी ऊन बेडियों से बाहर नही आ पाते।हमकरके सीखने में ज्यादा सीखते हैं।पर कक्षा में सीखना और आकलन हमारी मजबुरी है।प्रत्येक विद्यार्थी अपने सीखे हुए ज्ञान को भिन्न तरिके से प्रस्तुत करता है ।पर हम उससे केवल लिखकर बताने पर ही सफल मानते हैं।यह विद्यार्थीयो के साथ पूरा न्याय नही है।हमें आंकलन के अनेक अवसर और तरीके अपनाने होंगे। शिक्षा वादों ने कहा हैकि छात्र जिस प्रकार सीखते अलग अलग विधी से हैं वैसे ही आकलन में भी अनेक विधी समय की मांग है । संदीप किशोर भटनागर प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला तिरिया जिला बस्तर

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  21. 1- पढ़ाने के बाद लघु मूल्यांकन
    2- करके सीखने हेतु गतिविधियां जो विषय से सम्बंधित हो
    3-प्रोजेक्ट कार्य

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  22. 1. Padhaye ja rahe paath ka daily life me use karana ya kaise unknowingly students use kar rahe hai ? Yah batati hun.
    2. Monthly test .
    3. Lesson explanation ke baad homework me kuch questions aise hote hai jo students ki apno - apni pasand/ choice ke hote hai.

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  23. आकलन सतत और सूक्ष्म से धीरे-धीरे व्यापक होना चाहिए जैसे-
    1.पढ़ाते- पढ़ाते प्रश्न पूछना
    2.विधार्थियो द्वारा किया गया प्रश्न का कक्षा के अन्य विद्यार्थिंयों द्वारा जवाब देना।
    3.समूह बनाकर कक्षा में प्रतियोगिता करना।
    4.सरप्राइज मूल्यांकन ।
    5.विद्यालय में विद्यार्थी का व्यवहार परिवर्तन द्वारा।

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  24. छात्रों को नियमित लेखन कार्य करवाना आवश्यक है।
    लिखित या मौखिक गृह कार्य के माध्यम से उनके स्तर में सुधार होता है ।
    अचानक टेस्ट लेना क्योंकि पहले से बता दिये रहने से बच्चे स्कूल नहीं आते हैं ।अचानक टेस्ट लेने से वे क्लास में ज्यादा ध्यान देते हैं।

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  25. 1. Students se paricharcha
    2. Short answer type questions
    3.questions from previous knowledge
    Inke aadhar par path ka nirikshan avam parikshan kiya jata hai. Iske adhar par students ka aankalan kiya jata jai.

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  26. Following are some of the methods:-
    Daily homework
    Weekly test
    Ppt presentation
    Group discussion

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  27. सरप्राइज टेस्ट ,विषय अनुसार सेमिनार, प्रोजेक्ट वर्क,आपसी चर्चा, प्रश्नोत्तरी द्वारा आकलन ।

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  28. कक्षा में आकलन हेतू अध्यापन के बाद गृह कार्य देना ,कापी तैयार कराना,साप्ताहिक टेस्ट लेना ईकाई टेस्ट लेना जिज्ञासा पैदा करना एवं उनके व्यवहार तथा रूचि मे परिवर्तन लाना आदि को समयानुसार जाँच कराना। सरप्राइज टेस्ट ,विषय अनुसार सेमिनार, प्रोजेक्ट वर्क,आपसी चर्चा, प्रश्नोत्तरी द्वारा आकलन
    अशोक कुमार बंजारे
    व्याख्याता
    हाई स्कूल आमाली
    करगी रोड कोटा
    जिला बिलासपुर छत्तीसगढ़

    छत्तीसगढ़ बिलासपुर

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  29. कक्षा में मेरे द्वारा किए जाने वाले तरीके है -: 1.इकाई टेस्ट -मौखिक / लिखित । 2. सामान्य उत्तर के माध्यम से अध्यापन
    कराना।
    3 समूह बनाकर उनके माध्यम से चर्चा कराना ।

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  30. LSRW skills will be develop though the speech ,debate and many more written and oral discussion.

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  31. I assess the students by different methods like self assessment,pear assessment and continuos assessment by class activities.

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  32. सतत मूल्यांकन के द्वारा ही सही आकलन किया जा सकता है।

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  33. 1 - पढ़ाने से पहले पिछले टॉपिक की पुनरावृत्ति करता हू बच्चों से पूछता भी हू ।

    2 - सप्ताह में एक दिन मौखिक टेस्ट

    3 - कक्षा को दो ग्रुप में बांटकर कभी कभी विषय के प्रश्नों पर प्रतियोगिता कराता हूं जिसमें बच्चे भी इंट्रेस्ट लेते हैं।

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  34. बचचों के आंकलन हेतू गृह कारय, यूनिट टेस्ट, फेयर कापी बनवाना, तिमाही, अरधवारषिक, वार्षिक परीक्षा, असाइनमेंट और प्रोजेक्ट कारय। गृह कारय,फेयर कापी वा यूनिट टेस्ट से बच्चों को तैयारी करने में सुविधा होती हैं।

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  35. मेरे द्वारा विद्यार्थी आकलन हेतू निर्मित योजनानुसार - 1 बच्चों के कक्षागत व्यवहार को समझकर कार्य आरंभ करना । 2 - मौखिक प्रश्नों द्वारा मुल्यांकन । 3 - पढ़ाने के बाद तत्काल क्लास वर्क एवं होम वर्क देकर जांच करना ।यह पद्धति आकलन मे सही सफल होगा ।तत्पश्चात तदनुसार कार्य योजनाबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित करना बच्चों के हित मे होगा ।

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  36. 1 homework
    2. Project work
    3 pear assessment

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  37. कक्षा में आकलन हेतु किये जाने वाली विधियों में
    1 . सरप्राइज टेस्ट
    2 प्रत्येक अध्यय को पढाने के पश्चात् उस विषय वस्तु से संबंधित प्रत्येक विद्याथियों को उनके विचार अभिव्यक्ति करवाना
    3. प्रायोजना कार्य देना

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  38. 6, 2021 at 8:12 AM
    कक्षा में आकलन हेतु
    1. सप्ताह में 1 दिन विषय वस्तु से संबंधित बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तरी टेस्ट
    2. कक्षा में विषय वस्तु के हिसाब से समूह गतिविधि के दौरान
    3. प्रत्येक अध्याय के अंत में बच्चों द्वारा विचार अभिव्यक्त करवाना l

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  39. satan mulyankan ke dwara hona chahiye

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  40. satat mulyankan ke tahat hona chahiye

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  41. सर्व प्रथम हिंदी लिखने पढ़ने व बोलने आना चाहिए क्योंकि गावों में यह बड़ी समस्या है। अब nep 2020में 3री में ही बच्चे ये कर लेंगे। तो आंकलन के ये सभी बिंदु हमारे व शिक्षार्थी हेतु कारगर होगें।

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  42. विद्यार्थियों के आकलन हेतु अपना जाने वाले कार व्यवहारों में कुछ तो शासन के द्वारा निर्देशित रहते हैं जैसे त्रैमासिक परीक्षा अर्धवार्षिक परीक्षा वार्षिक परीक्षा आदि। जबकि कुछ आकलन व्यवहार हमारे द्वारा नियोजित किए जाते हैं जैसे rapid test, surprise test, weekend test. इसके अलावा पाठ के अंत में दिए गए अभ्यास प्रश्न के द्वारा भी छात्रों का आकलन किया जाता है साथ ही प्रायोगिक एवं प्रोजेक्ट कार्य के द्वारा भी उनके ज्ञान का आकलन किया जाता है
    बृजेश कुमार शर्मा व्याख्याता गणित शासकीय हाई स्कूल खेकतरा दादन विकास खंड लोरमी जिला मुंगेली छत्तीसगढ़

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  43. पढने की क्षमता के विकास केलिए पाठ से स्वयं प्रश्न बनाने के लिए प्रेरित करना

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  44. 1. इकाई वार टेस्ट
    2. प्रति दिन का रिपोर्ट क्या शिखा
    3.हिंदी भाषा में बोलना वा सही लिखना

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  45. - ईकाई टेस्ट
    - मौखिक आकलन
    - समूह कार्य

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  46. कक्षा में आकलन हेतु मुख्य रूप से निर्णय विधि अपनानी चाहिए सर्वप्रथम किसी भी पाठ एवं अध्याय को पढ़ाने के बाद का होमवर्क प्रत्येक विद्यार्थी से लेना जरूरी है और जांचना दूसरा प्रत्येक विद्यार्थी को नोट्स बनवाना साथ ही जांचना और बच्चों को सप्ताह में 1 दिन समूह विधि से भी अध्ययन व अध्यापन कराना। और प्रत्येक इकाई का बारी बारी से टेस्ट लेना और उनके द्वारा पाए हुए अंकित-अंक को बताना जिससे वह अगले टेस्ट में अपना बेहतर प्रदर्शन कर सकें। बीच-बीच में अध्ययन अध्यापन के दौरान मौखिक प्रश्नों का भी ध्यान होना, जिज्ञासा पैदा करना और उनके रूचि,व्यवहार में परिवर्तन लाना ‌।हम आंकलन की बनी बनाम विधी से बंध गया है।चाह कर भी ऊन बेडियों से बाहर नही आ पाते।हमकरके सीखने में ज्यादा सीखते हैं।पर कक्षा में सीखना और आकलन हमारी मजबुरी है।प्रत्येक विद्यार्थी अपने सीखे हुए ज्ञान को भिन्न तरिके से प्रस्तुत करता है ।पर हम उससे केवल लिखकर बताने पर ही सफल मानते हैं।यह विद्यार्थीयो के साथ पूरा न्याय नही है।हमें आंकलन के अनेक अवसर और तरीके अपनाने होंगे। शिक्षा वादों ने कहा हैकि छात्र जिस प्रकार सीखते अलग अलग विधी से हैं वैसे ही आकलन में भी अनेक विधी समय की मांग है । संदीप किशोर भटनागर प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला तिरिया जिला बस्तर

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  47. कक्षा में आकलन हेतु
    1. सप्ताह में 1 दिन विषय वस्तु से संबंधित बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तरी टेस्ट
    2. कक्षा में विषय वस्तु के हिसाब से समूह गतिविधि के दौरान
    3. प्रत्येक अध्याय के अंत में बच्चों द्वारा विचार अभिव्यक्त करवाना l

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