कोर्स 09
गतिविधि 6 : उद्योग के लिए क्षेत्रीय
भ्रमण का संगठन - अपने विचार साझा करें
क्षेत्र का भ्रमण एक शैक्षिक प्रक्रिया है, जिसके द्वारा प्रत्येक छात्र कार्यस्थल
पर घटनाओं और अन्य वास्तविक जीवन गतिविधियों को देख कर जानकारी प्राप्त करता या सीखता
है। व्यावसायिक अध्ययन के लिए क्षेत्र के दौरे के संगठन में आप किन समस्याओं का सामना
कर सकते हैं और आप उन समस्याओं का समाधान कैसे करेंगे? इस पर अपने विचार साझा करें।
🙏कई बार लोग सहयोग नही देते ,जिससे बच्चो का उत्साह कम हो जाता है ।इसमे प्राचार्य को पहल कर क्षेत्र प्रतिनिधियों से बात करनी चाहिए।🙏
ReplyDelete👍🙏
Deleteजब किसी सिद्धांत या विषयवस्तु का मूर्तरूप बच्चे देखते हौ तो उनमें रुचि विकसित उसके प्रति रुचि विकसित होती है और जिज्ञासा का जन्म होता है इससे अधिगम की प्रक्रिया तेज होती है और सम्बधित कार्यस्थल का व्यवहारिक होते हुए अनुभव बच्चो के सैद्धान्तिक ज्ञान को पुख्ता इंतजाम करता है । जो समस्या आती है वो है कार्यस्थल के गतिविधि और असुरक्षा के दृष्टि से असहयोग का भाव जन्म लेता है और कुछ बच्चे अति उत्साह में या बचकानी हरकतों से कार्यस्थल पर अपना अनापेक्षित रवैया दिखाते है जो समस्या निर्मित करता है जिससे बाधा उत्पन्न होती है लेकिन इसे बच्चो से खुलकर आपसी चर्चा समझाइस और जन प्रतिनिधि के सहयोग और कार्यस्थल के प्रभारी से विनम्र आग्रह व सहयोग निवेदित कर सुलझा सकते हैं।
ReplyDeleteकभी कभी शैक्षणिक भ्रमण में अनावश्यक समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिसका समाधान व्यवस्थित रूप से भ्रमण में जाने के पूर्व उस स्थान का पूर्व ज्ञान प्राप्त कर एवं उचित रूपरेखा बनाकर की जा सकती है।
ReplyDeleteकिसी भी कार्यस्थल पर जाने के पूर्व उस स्थल की दूरी, लगने वाला समय ,उपलब्ध संसाधन इनकी पूर्व तैयारी कर लेनी चाहिए। जिससे की लक्षित समूह को हम उपलब्ध संसाधन का प्रत्यक्ष सहभागिता प्रदान करने का प्रयास कर रहे हैं उन्हें कोई दिक्कत ना हो।
ReplyDeleteकार्यस्थल पर पहुंचकर वहां के मापदंडों को उपयोग करना चाहिए , जिससे कि आकस्मिक आपदा से बचा जा सके। कार्यस्थल पर पहुंच कर संबंधित अधिकारी से कार्य स्थल का अवलोकन करने की अनुमति प्राप्त कर कार्यस्थल के स्लाइड दिखाया जाना चाहिए। जिससे कि उन्हें वास्तविकता का कुछ ज्ञान हो सके फिर उन्हें वहां की संबंधित मशीनरियों की कार्यप्रणाली का बोध हो सके उन्हें अपेक्षित जानकारी प्राप्त हो।
जिससे कार्यस्थल पर कार्य का सुगमता परिचय हो सके।
उस जगह के बारे मे पूर्व ज्ञान रखना ताकि कोई दिक्कत न हो।
ReplyDeleteक्षेत्र भ्रमण में समस्याओं का सामना करना पड़ता है कुछ शरारती छात्र उत्साह में आकर ऐसी हरकत कर देते है जिसके कारण शेष अन्य छात्र के साथ साथ शिक्षकों को भी शर्मिंदगी का सामना करने पड़ता है, कुछ छात्र शिक्षकों की आज्ञा की अवहेलना करते है और कहीं भी घूमने चले जाते है , जिससे शिक्षक अनभिज्ञ रहते है ,,, इस प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। क्षेत्र भ्रमण जाने से पहले छात्रों के पलको से अनुमति ली जाय तथा भ्रमण के समय प्रभारी शिक्षक उपस्थित रहे,यदि बालिका वर्ग जाए तो उनके साथ महिला शिक्षक भी साथ होनी चाहिए।
ReplyDeleteकिसी भी कार्यस्थल पर जाने के पूर्व उस स्थल की दूरी, लगने वाला समय ,उपलब्ध संसाधन इनकी पूर्व तैयारी कर लेनी चाहिए। जिससे की लक्षित समूह को हम उपलब्ध संसाधन का प्रत्यक्ष सहभागिता प्रदान करने का प्रयास कर रहे हैं उन्हें कोई दिक्कत ना हो।
ReplyDeleteकार्यस्थल पर पहुंचकर वहां के मापदंडों को उपयोग करना चाहिए , जिससे कि आकस्मिक आपदा से बचा जा सके। कार्यस्थल पर पहुंच कर संबंधित अधिकारी से कार्य स्थल का अवलोकन करने की अनुमति प्राप्त कर कार्यस्थल के स्लाइड दिखाया जाना चाहिए। जिससे कि उन्हें वास्तविकता का कुछ ज्ञान हो सके फिर उन्हें वहां की संबंधित मशीनरियों की कार्यप्रणाली का बोध हो सके उन्हें अपेक्षित जानकारी प्राप्त हो।
जिससे कार्यस्थल पर कार्य का सुगमता
कार्यस्थल पर विरोध करने के पूर्व योजना बनाना चाहिए योजना बना लेनी चाहिए अन्यथा इसके अभाव में कार्यस्थल पर कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जैसे छात्रों को भ्रमण स्थल के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए कि वह कहां जा रहे हैं इस तरह के मशीनों व्यक्तियों से उनका सामना होगा उन्हें मशीनों से दूर रहकर अपने मार्गदर्शक शिक्षक के निर्देशानुसार हसीनों का अवलोकन करना चाहिए छात्रों को ग्रुप बनाकर एवं उनके ग्रुप लीडर बना कर उन्हें दे देना चाहिए वे अपने ग्रुप लीडर और मार्गदर्शक शिक्षक के निर्देश अनुसार ही कार्य करेंगे अनावश्यक किसी मशीन को हाथ नहीं लगाएंगे मशीनों से सुरक्षित दूरी बनाकर ही अवलोकन करेंगे मशीन के प्रचारक ऑपरेटरों से बात करके ही पास में जाकर देख सकते और सीख सकते हैं इसके अतिरिक्त कार्यस्थल भ्रमण के पूर्व पलकों से लिखित में सहमति पत्र दे दिया जाना चाहिए उन्हें कार्यस्थल की दूरी कितनी है ब्राह्मण में अपेक्षित समय कितना है और क्या-क्या संसद सकते हैं यह भी जानकारी होनी चाहिए ताकि इसके अनुरूप अपने लिए लंच अल्पाहार आदि की व्यवस्था कर सके अथवा विद्यालय के द्वारा व्यवस्था की जा सके यदि इन सब बातों का ध्यान रखा जाए तो कार्यस्थल सुखद एवं आनंददायक होगा और इससे बच्चे प्रत्यक्ष रुप में सीखेंगे जो उनके लिए जीवन उपयोगी होगा और वे इसे हमेशा याद रखेंगे
ReplyDeleteबृजेश कुमार शर्मा
शासकीय हाई स्कूल खेकतरा वादन
विकासखंड लोरमी जिला मुंगेली छत्तीसगढ़
वॉइस टाइपिंग में कुछ गलतियां हो गई हैं क्षमा प्रार्थी हूं
ReplyDeleteबृजेश कुमार शर्मा
शासकीय हाई स्कूल खेकतरा दादन
Field work is a very challenging part of any educational system. Field work enables students to interact with the real life. Some of the problems related with field work baby that it can be dangerous , costly , some of the students will not prefer and some of the parents will not prefer . For teachers also it is very challenging, they have to organise it properly ,they are fully liable for the students and field trips can be stressful also.
ReplyDeleteफील्ड वर्क के सुविधा उपलब्ध होने चाइए
ReplyDeleteफील्ड वर्क होना चाइए लेकिन पहले ही शिक्षक को डरा दिया जाता ऐसा नहीं होना चाइए तुम्हारी जिम्मेदारी कुछ हुआ तो ऐसा होगा वैसा होगा ।
ReplyDeleteक्षेत्र के भ्रमण में उद्योग या पर्यटन से संबंधित जानकारी यथा परिवहन
ReplyDeleteमौसम,मशीन से सावधानी, संचालक
से अनुमति तथा विद्यार्थियों का अति
उत्साहऔर अनुशासन में न चल पाने
से परेशानियां आ सकती हैं।जिसका
समयानुसार समाधान निकाला जा
सकता है।
गौरीशंकर यादव
प्राचार्य
शास.हाईस्कूल बुटाकसा
वि.खं. चौकी जि. राजनांदगाँव.
भ्रमण से संबंधित स्थल,परिवहन साधन
ReplyDeleteमौसम का ज्ञान, भ्रमण अनुमति, विश्राम
स्थल आदि की सम्यक जानकारी होनी
चाहिए।
गौरीशंकर यादव
प्राचार्य
शास.हाईस्कूल बुटाकसा
वि.खं. चौकी ,जि. राजनांदगाँव.
Jahan jana wahan ki doori, parents permission, adhikariyon ki permission etc. In sab ke sath - sath ghumate samay sawadhaniyan rakhana ,students ka interest hona, bhraman kshetra ki puri janakari ye sab bhi aawashyak hai.
ReplyDeleteजब किसी कार्य स्थल को मूर्तरूप से बच्चे देखते हौ तो उनमें उसके प्रति रुचि विकसित होती है और जिज्ञासा का जन्म होता है इससे अधिगम की प्रक्रिया तेज होती है और सम्बधित कार्यस्थल का व्यवहारिक ज्ञान बच्चो के सैद्धान्तिक ज्ञान को पुख्ता करता है ।कार्यस्थल पर पहुंचकर वहां के मापदंडों को उपयोग करना चाहिए , जिससे कि आकस्मिक आपदा से बचा जा सके। कुछ शरारती छात्र उत्साह में आकर ऐसी हरकत कर देते है जिसके कारण शेष अन्य छात्र के साथ साथ शिक्षकों को भी शर्मिंदगी का सामना करने पड़ता है, कुछ छात्र शिक्षकों की आज्ञा की अवहेलना करते है और कहीं भी घूमने चले जाते है , जिससे शिक्षक अनभिज्ञ रहते है ,,, इस प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। क्षेत्र भ्रमण जाने से पहले छात्रों के पालको से अनुमति ली जाय तथा भ्रमण के समय प्रभारी शिक्षक उपस्थित रहे |उस स्थल की और सम्बंधित कार्यों की जानकारी रखने वाले अनुभवी गाइड की मदद से कार्य को अंजाम दिया जायेगा|
ReplyDeleteउद्योग के लिए क्षेत्रीय भ्रमण का संगठन
ReplyDeleteकिसी उद्देश्य को लेकर स्थान विशेष की यात्रा शिक्षा के क्षेत्र में यह उद्देश्य सम्बन्धित विषय के प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करना है।बाहर शैक्षिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए किया गया नियंत्रित भ्रमण है जिसमें बालकों को मनोरंजन के साथ-साथ शैक्षिक अनुभवों की प्रत्यक्ष रूप से प्राप्ति होती है।भ्रमण के माध्यम से छात्रों में एक अनुभूति जागृत होती है,
व्यावसायिक अध्ययन के लिए क्षेत्र के दौरे के संगठन में समस्याओं का सामना कर सकते हैं
शिक्षण व्यूह रचना में कक्षा शिक्षण कार्य में बाधा उत्पन्न होना
प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करने में हमेशा दुर्घटना का भय रहना
शिक्षण व्यूह रचना कारगर नहीं है क्योंकि क्षेत्रीय भ्रमण में मनोरंजन का महत्व मिलता है जबकि उद्देश्य पूरे नहीं होते हैं
समस्याओं का समाधान
छात्रों को जिस स्थान पर ले जाना है वहां यह देखना आवश्यक है कि क्या वहां जाने से शिक्षण का उद्देश्य पूरा होता है
पहले यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि भ्रमण का समय कितना हो
अधिक व्यय पूर्ण ना हो
भ्रमण करते समय छात्रों को प्रश्न करने या किसी तथ्य को समझने की पूरी पूरी छूट देकर
छात्रों को निरीक्षण के पूरे पूरे अवसर देकर
किसी कारखाने को छात्रों को दिखाने से पहले प्रबंध को से पहले बातचीत करके आने वाली समस्या का समाधान कर सकते हैं
महिलाओं के कार्य और पुरुषों के कार्य संबंधी जो बातें हमारे दिमाग में घर कर गई है उसे वर्तमान परिवेश में बदलने की जरूरत है ताकि समाज में जेंडर समानता आए, इसकी शुरुआत हो भी चुकी है, उदाहरणार्थ विभिन्न टीवी चैनलों में दिखाए जा रहे खाना बनाने की प्रतियोगिता(मास्टर-शेफ) में बहुत से पुरूष चैंपियन हैं और बहुत से खेलों में महिलाएं पुरुषों से भी श्रेष्ठ हैं।
ReplyDeleteघनश्याम प्रसाद वर्मा
व्याख्याता
शा. हाईस्कूल कठिया नं.1
वि.खं.- तिल्दा रायपुर (छ.ग.)
क्षेत्र भ्रमण में समस्याओं का सामना करना पड़ता है कुछ शरारती छात्र उत्साह में आकर ऐसी हरकत कर देते है जिसके कारण शेष अन्य छात्र के साथ साथ शिक्षकों को भी शर्मिंदगी का सामना करने पड़ता है, कुछ छात्र शिक्षकों की आज्ञा की अवहेलना करते है और कहीं भी घूमने चले जाते है , जिससे शिक्षक अनभिज्ञ रहते है ,,, इस प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। क्षेत्र भ्रमण जाने से पहले छात्रों के पलको से अनुमति ली जाय तथा भ्रमण के समय प्रभारी शिक्षक उपस्थित रहे,यदि बालिका वर्ग जाए तो उनके साथ महिला शिक्षक भी साथ होनी चाहिए।
ReplyDeleteसुरेश कुमार मेश्राम व्याख्याता
शासकीय हाई स्कूल अमलीडीह धमतरी
उद्योग भ्रमण के लिए पालकों की अनुमति लेकर सम्बंधित उद्योग से जुड़ी सभी आवश्यक बातों को जानकर फिर अनुशासन के साथ बच्चों को लेजाने से परिस्थितियों को काफ़ी हद तक संभाला जा सकता है |
ReplyDeleteक्षेत्रीय शैक्षणिक भ्रमण में जब विद्यार्थियों को ले जाना हो तो अत्यधिक सतर्कता की आवश्यकता होती है। पालकों की अनुमति , संबंधित कार्यस्थल की संपूर्ण जानकारी के अलावा कोई भी आकस्मिक समस्याओं से निपटने हेतु पूर्व तैयारी की आवश्यकता होती है साथ ही शिक्षकों के निर्देशों का कड़ाई से पालन हो इसका ध्यान रखना होगा ।विद्यार्थी अनुशासित रहकर भ्रमण का आनंद भी ले पाएंगे और आवश्यक जानकारियां भी जुटा पाएंगे तभी भ्रमण रोचक ज्ञानवर्धक व उद्देश्य पूर्ण होगा।
ReplyDeleteभ्रमण मे जाने से पहले सभी बच्चों को स्पष्ट रूप से बता दें कि कैसे अनुशासन से रहना है तो परेशानी कम होगी
ReplyDeleteमै आपसे बिल्कुल सहमतहूँ
ReplyDeleteव्यावसायिक भ्रमण के लिए शासन से स्पष्ट आदेश होना चाहिए। ताकि आवागमन से संबंधित दुर्घटना होने से जान मा ल का नुक़सान की जिम्मेवार संस्था न होकर शासन को होना चाहिए। जिस भी व्यावसायिक क्षेत्र में भ्रमण के लिए जाएं वह संस्थान पूरा सहयोग करें। भ्रमण के शासन से फंड भी जारी होना चाहिए।
ReplyDeleteकिसी क्षेत्र के दौरे में संगठन में मुख्यता अनुशासनहीनता सबसे बड़ी चुनौती होती है। अनुशासन का पालन करना/करवाना ही चुनौती का सामना करना है
आपस में तालमेल बना कर समस्या का समाधान संभव है अनुशासित कर जिम्मेदारी दे कर, किसी भी तथ्य को रोचक ढंग से प्रस्तुत कर,ध्यान केंद्रित कर समस्याओ का समाधान हो सकता है।
ReplyDeleteजिस भी कार्यस्थल का भ्रमण कराने विद्याथियों को ले जाया जाना है वहाँ की सम्पूर्ण जानकारी होना चाहिए नहीं तो भ्रमण का उद्देश्य अधूरा रह जाता है जैसे कि दिशा कार्यक्रम के अन्तर्गत 2 कार्यस्थल में हमारे विद्याथियों को प्रवेश भी नहीं करने दिया गया और हमारे विद्याथियों को सिर्फ निराशा हाथ आई
ReplyDeleteKisi bhi kshetra ka bhraman karane ke purva vaha ki sampurn jankari maloo honi chahiye,jisse kisi bhi prakar ki samasya ka samana karne me pareshani nahi hogi.
ReplyDeleteक्षेत्रीय शैक्षणिक भ्रमण में जब विद्यार्थियों को ले जाना हो तो अत्यधिक सतर्कता की आवश्यकता होती है। पालकों की अनुमति , संबंधित कार्यस्थल की संपूर्ण जानकारी के अलावा कोई भी आकस्मिक समस्याओं से निपटने हेतु पूर्व तैयारी की आवश्यकता होती है साथ ही शिक्षकों के निर्देशों का कड़ाई से पालन हो इसका ध्यान रखना होगा ।विद्यार्थी अनुशासित रहकर भ्रमण का आनंद भी ले पाएंगे और आवश्यक जानकारियां भी जुटा पाएंगे तभी भ्रमण रोचक ज्ञानवर्धक व उद्देश्य पूर्ण होगा।भ्रमण मे जाने से पहले सभी बच्चों को स्पष्ट रूप से बता दें कि कैसे अनुशासन से रहना है तो परेशानी कम होगी।
ReplyDeleteअशोक कुमार बंजारे
व्याख्याता
शासकीय हाई स्कूल अमाली
विकासखंड कोटा
जिला बिलासपुर छत्तीसगढ़
उद्योगों में शैक्षणिक भ्रमण मे अनेको समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं और अनुशासन का पालन करते हुए शैक्षणिक भ्रमण को ज्ञानवर्धक और सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकेंगे ।और कुछ हद तक समस्याओं को कम कर सकेंगे।
ReplyDeleteशैक्षिक भ्रमण के दौरान अधिगम की प्रक्रिया तेज तो हो जाती है परंतु बच्चों की जिम्मेदारी तथा उनकी सुरक्षा की ओर विशेष ध्यान देना होता है।उनकी चंचल प्रवृत्ति समस्या उत्पन्न करती है।इसके लिए आवश्यक है माता पिता तथा जन प्रतिनिधियों की सहभागिता की।
ReplyDeleteBeing prepared with all the possible information and knowledge about the place and being alert and calm in case of any difficulty will sort out half of the problems... Other things can be dealt with the help of local people and administrative help.... Social media also comes as a big help these days
ReplyDeleteबच्चो के लिए शैक्षिक भ्रमण एक बहुत ही महतत्वपूर्ण गतिविधि है सीखने के लिए । परंतु भ्रमण के दौरान बहुत से चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जैसे उचित आवागमन की सुविधा , वित्ती व्यवस्था w भ्रमण के दौरान सुरक्षा आदि। इस प्रकार की चुनौतियों से निपटने के लिए उचित प्रबन्धन , अनुकूल मौसम आवश्यक होता है। भ्रमण क्षेत्र की पूर्व जानकारी व भ्रमण स्थल की चिन्हाकन आवश्यक होता है। नहीं हो भटकाव की आशंका होती है। बच्चों में अनुशासन बनाए रखने के लिए शिक्षकों की सतर्कता व सजगता अवश्य होना चाहिए।
ReplyDeleteशैक्षिक भ्रमण में अलग अलग तरह की असुविधाएं उत्पन्न होती है। जैसे किसी जलाशय के भ्रमण में बच्चों को नहाने की अनुमति न दी जाए आदि।
ReplyDeleteक्षेत्र का भ्रमण एक शैक्षणिक प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत उद्योगों का शैक्षणिक भ्रमण करने से एवं व्यवसायिक शिक्षा हासिल करने में मदद मिलती है।
ReplyDeleteव्यवसायिक अध्ययन के लिए क्षेत्र का अध्ययन करने से कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यह उद्योग पर आधारित होता है जैसे शक्कर कारखाना, लोहा्इ्स्पात संयंत्र एलमुनियम कारखाना अलग-अलग जगह में जाने से अलग-अलग समस्याएं हो सकती हैं जैसे शक्कर के कारखाना में विभिन्न प्रकार की अवशिष्ट पदार्थ, प्रदूषण, अनुशासन की जानकारियां हासिल कर , कैसे बनता है अगर किसी भी प्रकार की परेशानी या समस्या आती है तो हमसे सहानुभूति पूर्वक ,धर्य, नियमों का पालन करती हुई एवं अनुमति एवं आवागमन के साधनों का इंतजाम करके समस्या का समाधान किया जा सकता है कोई भी भ्रमण से आत्मा शांति एवं आत्मविश्वास बढ़ता है झिझक है वह दूर होता है।
हम लोग भी अपने बच्चो को शैक्षणिक भ्रमण के लिए ले कर जाते है तो प्रशासनिक सहयोग शून्य ही होता है किन्तु नैतिकता मानवता लोगो मे है जो हमे सहयोग करते है ।
ReplyDeleteभ्रमण के लिए शासन के द्वारा कोई फंड नही मिलता है बच्चे शिक्षक मिल कर ही भ्रमण की रुपरेखा तैयार करते है बच्चो के पालक आर्थिक सहयोग करते है ।शिक्षक के उपर ही सब रहता है ।
इसमे कोई शक नही है कि घुमने के लिए बच्चो के मन मे जिज्ञासा खुब रहता है ।
हमारे यहा प्राथमिक शाला मे बच्चो को पार्क मे /वन भ्रमण के लिए ले जाने का कार्य क्रम बना लेकर गये बच्चो की खुशी देख कर सब परेशानी हम भूल जाते है ।
कक्षा 5,8,12वी के बच्चो का शैक्षणिक भ्रमण का कार्यक्रय तय करना चाहिए।और अनिवार्य करना चाहिए कि बच्चो को स्कूल के आखिर.सत्र मे शैक्षणिक भ्रमण मे अवश्य ले जाने का प्रवधान बने।
कार्य स्थल के भ्रमण के दौरान छात्रों को विषय वस्तु एवं कार्य प्रणाली को समझने में मदद मिलती है, किन्तु कई बार संसथान प्रभारी इसके लिए सहयोग नहीं करते है तब संस्था प्रमुख के द्वारा कार्य स्थल प्रभारी से चर्चा करके इसका समाधान किया जा सकता है।
ReplyDeleteशैक्षणिक भ्रमण की योजना बनाते समय
ReplyDeleteउस क्षेत्र की औद्योगिक स्थान को प्रमुखता से लेना चाहिए , साथ ही उस औद्योगिक क्षेत्र में क्या काम होता है , किसका उत्पादन , या निर्माण हो रहा है ,
तथा इसके लिए कौन कौन से कौशल (दक्षता ) की आवश्यकता होती है , इन सभी की जानकारी ले कर विद्यार्थियों को वहां ले जा कर समझने का प्रयास करना चाहिए।
जब किसी सिद्धांत या विषयवस्तु का मूर्तरूप बच्चे देखते हौ तो उनमें रुचि विकसित उसके प्रति रुचि विकसित होती है और जिज्ञासा का जन्म होता है इससे अधिगम की प्रक्रिया तेज होती है और सम्बधित कार्यस्थल का व्यवहारिक होते हुए अनुभव बच्चो के सैद्धान्तिक ज्ञान को पुख्ता इंतजाम करता है । जो समस्या आती है वो है कार्यस्थल के गतिविधि और असुरक्षा के दृष्टि से असहयोग का भाव जन्म लेता है और कुछ बच्चे अति उत्साह में या बचकानी हरकतों से कार्यस्थल पर अपना अनापेक्षित रवैया दिखाते है जो समस्या निर्मित करता है जिससे बाधा उत्पन्न होती है लेकिन इसे बच्चो से खुलकर आपसी चर्चा समझाइस और जन प्रतिनिधि के सहयोग और कार्यस्थल के प्रभारी से विनम्र आग्रह व सहयोग निवेदित कर सुलझा सकते हैं।
ReplyDeleteसंतोष कुमार साहू व्याख्याता शासकीय हाई स्कूल somnapur नया कबीरधाम छत्तीसगढ़
शैक्षिक भ्रमण एक बहुत ही महतत्वपूर्ण गतिविधि है सीखने के लिए ,परंतु भ्रमण के दौरान बहुत से चुनौतियों का सामना करना पड़ता है । सबसे पहली बात तो भ्रमण के विषय मे पूरी जानकारी होनी चाहिये और बच्चों को अनुशासित रहने का निर्देश पहले से दे देना चाहिए, ताकि बच्चे अनुशासित रहते हुए सीख सके।
ReplyDeleteकहीं कहीं अभी तक औद्योगिक छेत्र विकसित ही नहीं हुए है जहा पर विधार्थी को भ्रमण कराया जाए जो है भी वो काफी दूरी पर है। प्रभाकर राजा शर्मा गॉवत हायर सेकेंडरी स्कूल बीजापुर 🙏
ReplyDeleteकिसी भी व्यवसायिक प्रशिक्षण संस्थान में उपस्थित स्टॉफ , वहां की कार्यप्रणाली , वहां की परिस्थितीयां जानने के बाद उस स्थान के प्रभारी से अनुमति लेने के बाद भ्रमण कार्य किया जा सकता है । इसके साथ ही भ्रमण में जाने वाले समस्त विद्यार्थियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी भ्रमण प्रभारी की होती है ।
ReplyDeleteक्षेत्र भ्रमण में समस्याओं का सामना करना पड़ता है कुछ शरारती छात्र उत्साह में आकर ऐसी हरकत कर देते है जिसके कारण शेष अन्य छात्र के साथ साथ शिक्षकों को भी शर्मिंदगी का सामना करने पड़ता है,तथा कई बार सही प्रकार की guidance नहीं मिल पाती।
ReplyDeleteव्यवसायिक भ्रमण करने में कई सारी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जैसे बजट की कमी शिक्षकों विद्यार्थियों का रूचि कम होना कार्यस्थल पर पहुंचकर समस्या ग्रस्त बच्चे के द्वारा परेशानी उत्पन्न करना इन समस्याओं का समाधान शिक्षक समूह के द्वारा विद्यार्थियों से एवं पालकों से विस्तृत चर्चा करके किया जा सकता है
ReplyDeleteKshetra bhraman Jane se pahle tyaari karna chahiye, jankari prapat us sthan ka, teacher students ko bataye aur problem solve kare
ReplyDeleteKshetra bhraman Jane se pahle tyaari karna chahiye jankari prapat us sthan ka teacher students ko bataye aur problem solve kare. Sabarmati lecturer govt.high school badwahi block bharatpur dist. Koriya cg.
Deleteविधिवत, योजनाबध्द तरीके से भ्रमण मे जाने से अवांछित समस्या नही आएगी
ReplyDeleteThe problems with such kind of visit is lack of interest from organization heads and parents often deny providing consent. Girls especially are prohibited from industrial visits.
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ReplyDelete28, 2021 at 7:29 AM
क्षेत्र भ्रमण में समस्याओं का सामना करना पड़ता है कुछ शरारती छात्र उत्साह में आकर ऐसी हरकत कर देते है जिसके कारण शेष अन्य छात्र के साथ साथ शिक्षकों को भी शर्मिंदगी का सामना करने पड़ता है,तथा कई बार सही प्रकार की guidance नहीं मिल पाती।
क्षेत्रीय भ्रमण के दौरान कई प्रकार की परेशानी आती है. भ्रमण से सही फायदा हो इसके लिए सही मार्ग दर्शक, वित्तीय सहायता, वाहन की vyavastha, स्थानीय लोगों का सहयोग और माता पिता की अनुमति बहुत जरूरी है. Parents को इस भ्रमण का महत्व समझाकर उनको इसके लिए अनुमति ले सकते हैं इसके लिए हम अपने विभाग की सहायता ले सकते हैं. अच्छे मार्ग दर्शक और गाइड को आमंत्रित कर सकते हैं. स्थानीय लोगों को अपनी समस्या बताकर वहाँ के अधिकारियों, पार्षदों की मदद ले सकते हैं.
ReplyDeleteकिसी भी प्रकार के शैक्षिक भ्रमण मे बच्चो को लेकर जाने के पूर्व बच्चो को उसके संबंध मे पूर्ण रूप से जानकारी देना, कि भ्रमण कार्यक्रम का उद्देश्य, बताकर .....क्या कयौ कैसे जैसे बच्चो के जिज्ञासा को शांत कर एक उत्साह पूर्ण वातावरण तैयार कर, उसका भविष्य मे उपयोगिता , के साथ ही वहां खतरे , सावधानी,अनुशासन की आवश्यकता के प्रति पूर्ण आगाह कर ले जाएं तो कोई समस्या ही नही आयेगी, और बच्चे बहुत उत्साहित होकर भ्रमण कार्यक्रम के उद्देश्य प्राप्ती मे सहयोगी बनेंगे , तथा हमारा कार्यक्रम भी बिना कोई बाधा के सम्पन्न होगा ।
ReplyDeleteKisi bhi bhraman me jane se purv sabhi karyo ko yojna badh tarike se puri ker leni chahiye saath hi students ko bhi puri jankari di jani chahiyee
ReplyDeleteव्यावसायिक शिक्षा के लिए भृमण अति आवश्यक हैं क्योंकि वहाँ क्या करना हैं ?कैसे करना हैं यह जानकारी एकत्र करके अपने पंसद के व्यावसायिक योग्यता पर फोकस किया जा सकता हैं।और मानसिक रूप से तैयारी कर सकते हैं।
ReplyDeleteRENU PRADHAN
Govt.P/S Kastura
Block - Duldula
Dist. - Jashpur (C.G.)
क्षेत्र के भ्रमण में उद्योग या पर्यटन से संबंधित जानकारी यथा परिवहन
ReplyDeleteमौसम,मशीन से सावधानी, संचालक
से अनुमति तथा विद्यार्थियों का अति
उत्साहऔर अनुशासन में न चल पाने
से परेशानियां आ सकती हैं।जिसका
समयानुसार समाधान निकाला जा
सकता है।
क्षेत्रीय शैक्षणिक भ्रमण में जब विद्यार्थियों को ले जाना हो तो अत्यधिक सतर्कता की आवश्यकता होती है। पालकों की अनुमति , संबंधित कार्यस्थल की संपूर्ण जानकारी के अलावा कोई भी आकस्मिक समस्याओं से निपटने हेतु पूर्व तैयारी की आवश्यकता होती है साथ ही शिक्षकों के निर्देशों का कड़ाई से पालन हो इसका ध्यान रखना होगा ।विद्यार्थी अनुशासित रहकर भ्रमण का आनंद भी ले पाएंगे और आवश्यक जानकारियां भी जुटा पाएंगे तभी भ्रमण रोचक ज्ञानवर्धक व उद्देश्य पूर्ण होगा।
ReplyDeleteक्षेत्र भ्रमण में जाने की पूर्व उस क्षेत्र व उस व्यवसाय आदि के बारे में पूर्ण जानकारी पता कर लेनी चाहिए साथ ही आने वाली समस्या का पूर्वानुमान कर आवश्यक तैयारी कर लेनी चाहिए जिससे अनावश्यक समस्याओं से बचा जा सकता है।
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