कोर्स 07 गतिविधि 6 : अपने विचार साझा करें
कोर्स 07
गतिविधि 6 : अपने विचार साझा करें
अपने जिले/राज्य के लिंग अनुपात के जनगणना के आँकड़ों
को देखिये और उनकी तुलना मे राष्ट्रीय लिंग अनुपात से कीजिये। लिंग अनुपात के संदर्भ
मे आपके जिले/राज्य के अच्छे अथवा बुरे प्रदर्शन के क्या कारण हो सकते हैं? अपने विचारों
को साझा कीजिये।
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ReplyDelete🙏👭👬हमारे क्षेत्र का हाल ठीक है,अन्य क्षेत्र कि अपेक्षा🙏
Deleteअच्छा है
DeleteGood
ReplyDeleteहमारे यहां भेदभाव कम है
ReplyDeleteअशिक्षा एवं रूढ़िवादी सोच के कारण लिंग भेदभाव बढ़ रहा है।
ReplyDelete🙏👬👭हमारे जिला अपेक्षाकृत कम प्रभावित है🙏🙏👬👭
ReplyDeleteइसके बहुत से कारण हो सकते हैं जैसे अशिक्षा, गरिबी।
ReplyDeleteअशिक्षा और रूढ़ीवादी सोच, बढ़ती लिंगानुपात के मुख्य कारण हैं
ReplyDeleteमुख्य रुप से अशिक्षा , रूढिवादी सोच, गरीबी बढती लिंगानुपात के मुख्य कारण है
ReplyDeleteअशिक्षा एवं रूढिवादी विचारों के कारण
ReplyDeleteलिंगानुपात में अंतर है।
गौरीशंकर यादव
प्राचार्य
शास.हाईस्कूल बुटाकसा
वि.खं. चौकी, जि. राजनांदगाँव
मुख्य रुप से अशिक्षा, वैवहारिक शिक्षा का न होना, रूढिवादी पुरानी सोच, गरीबी खराब लिंगानुपात का मुख्य कारण है।
ReplyDeleteइस तथाकथित पढ़े लिखे समाज मे कोई, एक लड़की के मां बाप से पुछे कि वो दुसरों को लड़की पैदा करने के बारे मे क्या सलाह देंगें। सब पता चल जाएगा।
ReplyDeleteकिसी राज्य या जिले के लिंगानुपात वहां के लोगों की अशिक्षा पुरानी परंपरा परंपरा वादी विचारधारा और गरीबी लिंगा अनुपात में अंतर दिखाई देता है जिस राज्य जिले में शिक्षा शिक्षा का बेहतर प्रदर्शन हो वहां इस प्रकार लिंग अनुपात कम नजर आता है यही कारण आज राष्ट्रीय स्तर पर देखा जाता है जिसकी वजह से लिंग अनुपात में भिन्नता नजर आता है
ReplyDeleteReena Mishra- 2010 ke census ke adhar par hamara rajya Chhattisgarh lingaanupat me behtar hai. National Census ke data ki Tulane me bhi Chhattisgarh me linganupat ki sthiti utani kharab nahi hai. Chhattisgarh ki sanskriti me mahilaon ka bahut sammman hai aur yahan tak ki Chhattisgarh ki mahilayen apne ghar ki arthik adharshila bhi hai. Linganupat ki behatar sthiti me ye sabhi baten mahatavpurn bhumika nibhati hai.
ReplyDeleteMy district is better than other districts of Chhattisgarh
Deleteहमारा राज्य छत्तीसगढ़ लिंगानुपात में अन्य राज्यों की तुलना से बेहतर है| अपनी संस्था में मैंने पाया है प्रत्येक वर्ष लडकों की तुलना में लडकियों की दर्ज संख्या एवं शाला में उपस्थिति का प्रतिशत अधिक रहा है जबकि हमारी शाला के विद्यार्थियों के पालक अनपढ़.कम पढ़े लिखें व मजदूर वर्ग से है परन्तु सोच रूढ़िवादी नहीं है|
ReplyDeleteअशिक्षा,गरीबी और रुढिवादी सोच के कारण लिंगानुपात में अन्तर है मेरे संस्था के कक्षाओं में लड़को के अपेक्षा लडकियों की संख्या अधिक है।
ReplyDeleteअशिक्षा और रुढिवादी विचार धारा के कारण हमारे क्षेत्र में लिंगानुपात अधिक है
ReplyDeleteपुरुषों और महिलाओं में लिंगानुपात का होना स्वभाविक है यह घर ,गांव, नगर ,जिला ,प्रदेश और देश मे होना स्वभाविक है।
ReplyDeleteगांव में यह धारणा है कि पुरुष खेती एवं घर को चलाने के लिए वह बहार पैसा कमाने जाता है और महिला वह घर गृहस्ती के काम में व्यस्त रहती है और धर्म शास्त्र के अनुसार एवं संस्कृति के अनुसार यह चलन है कि पुरुष अपने बॉस को बढ़ाता है और महिलाएं पराया घर में जाती है। यह सब अशिक्षा गरीबी एवं पुरानी पूर्वाग्रह से ग्रसित होने के कारण होता है। इसी प्रकार यह अलग-अलग नगर जिला, प्रदेश और देश में अलग अलग संस्कृति एवं अलग अलग विचारधारा एवं मान्यता होने के कारण पुरुष और महिला का लिंगानुपात में अंतर होना स्वभाविक है।
The region where I live has a good ratio
ReplyDeleteहमारे राज्य की स्थितियों में काफी हद तक सुधार हो चुका है पंचायत में आरक्षण भी है।जिन राज्यों में ऐसा हो रहा है वहाँ मानसिकता बदलने की आवश्यकता है।परंतु संसद में महिला आरक्षण बिल का पास नहीं होना देश हित मे अच्छा नहीं है।
ReplyDeleteरूढ़िवादी सोच के कारण
ReplyDeleteChhattisgarh मे लिंग अनुपात कम है, यहा बालिका शिक्षा पर जागरूकता अभियान जारी है
ReplyDeleteछत्तीसगढ मे जनगणना के ऑर्डर जो भी बयां करते हों,परन्तु लैंगिक भेदभाव कम है सभी को समान अधिकार है अवसरों की समानता है हर जगह महिलाओ का एकाधिकार नही, पर हां आनुपातिक स्थिति चिंतनीय नही है ।बेहतर प्रदर्शन लक्षित होता है ।
Deleteलिंग अनुपात के संदर्भ में राज्य का बुरे प्रदर्शन रूढ़ीवादी परंपरा, नकारात्मक सोच , अशिक्षा अंधविश्वास, आज भी ग्रामीणों में बेटे और बेटियों में भेद करना आदि के कारण लिंगानुपात में अंतर है राज्य के अच्छे प्रदर्शन अब पालको का जागरूक होना है l और यह सब शिक्षा से ही संभव हो पा रहा है l अब हर संस्था में लड़के से लड़कियों की संख्या अधिक हो रही है हर क्षेत्र में बढ़-चढ़कर भाग ले रही है
ReplyDeleteमुख्य रुप से अशिक्षा , रूढिवादी सोच, गरीबी बढती लिंगानुपात के मुख्य कारण है l
ReplyDeleteकिसी राज्य या जिले के लिंगानुपात वहां के लोगों की अशिक्षा पुरानी परंपरा परंपरा वादी विचारधारा और गरीबी लिंगा अनुपात में अंतर दिखाई देता है जिस राज्य जिले में शिक्षा शिक्षा का बेहतर प्रदर्शन हो वहां इस प्रकार लिंग अनुपात कम नजर आता है यही कारण आज राष्ट्रीय स्तर पर देखा जाता है जिसकी वजह से लिंग अनुपात में भिन्नता नजर आता है.
ReplyDeleteहमारा राज्य छत्तीसगढ़ लिंगानुपात में अन्य राज्यों की तुलना से बेहतर है| अपनी संस्था में मैंने पाया है प्रत्येक वर्ष लडकों की तुलना में लडकियों की दर्ज संख्या एवं शाला में उपस्थिति का प्रतिशत अधिक रहा है जबकि हमारी शाला के विद्यार्थियों के पालक अनपढ़.कम पढ़े लिखें व मजदूर वर्ग से है परन्तु सोच रूढ़िवादी नहीं है|
देश का औसत लिंगानुपात 943है जबकि छत्तीसगढ़ का 2011में लिंगानुपात 991 है अतः हमारा राज्य बेहतर है |यंहा गर्भापात के मामले कम है |
ReplyDeleteअशिक्षा, रूढ़िवादिता, गरीबी, सामाजिक मान्यता लिंग भेद भाव एवं लिंग अनुपात के प्रमुख कारन हैं।
ReplyDeleteChhatisgarh me linganupat dusare rajyon ki tulna me bahut accha ha.mere school me boys se jyada girls ha .Mere school Gram me bi linganupat bahut accha ha.or ye sabit Karta ha ki log shikshit ho rahe ha.Apne soch - Vichar me badlav la rahe hai.
ReplyDeleteRenu Pradhan
Govt.P/S Kastura
Block - Duldula
Dist.- JASHPUR ( C.G.)
अन्य राज्यों की तुलना में हमारे यहाँ ठीक है.
ReplyDeleteChhattisgarh में महिला पुरुष अनुपात 991/1000 है जो अन्य राज्यो की तुलना में ज्यादा अच्छा है शिक्षित और अशिक्षित दोनों ही वर्ग मे पुत्र की चाहत ज्यादा होती है। रूढ़िवादिता और मानसिक संकीर्णता कारण हो सकते हैं।
ReplyDeleteहमारे छतीसगढ़ में लिंगानुपात की स्थिति उत्तरी राज्यों के मुकाबले काफी अच्छी है। लिंगानुपात में कमी होना केवल अशिक्षा है। कहीं कहीं भौगोलिक भी हो सकता है।
ReplyDeleteThe sex ratio in our state is better as compared to other states. People are beginning to understand the importance of education, the number of girls in our school is more than that of boys.
ReplyDeleteराज्य मे प्रशासनिक स्तर पर महिलाओं को समान अधिकार दिए गए है पर सामाजिक स्तर पर अभी भी महिलाओ को आगे आने की ज़रूरत है. आज भी सरकारी स्कूल मे घरेलु कार्य की वज़ह से ल़डकियों की उपस्थिति कम रहती है आज भी कई गरीब तबकों मे महिलाएं पुरुषों के हिंसा का शिकार हो रही है
ReplyDeleteरूढ़िवादी सोच और अशिक्षा के कारण पर अब व्यक्ति जागरूक हो रहे हैं
ReplyDeleteअन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ में लिंगानुपात अंतर बहुत कम है। ग्रामीण क्षेत्रों में लड़कियों की संख्या सतत बढ़ रही है।
ReplyDeleteपुरुष प्रधान सोच के कारण लिंगानुपात असंतुलन बढ़ा है। पूर्वाग्रह होने के कारण लड़का को ही वंश कारक मानते है । लड़कियों को नहीं। शिक्षित व पढ़े लिखे लोगों में भी ये पूर्वाग्रह हावी है।
ReplyDeleteछत्तीसगढ़ में लिंगानुपात अन्य राज्यों की तुलना मे क्रम है
ReplyDeleteIn our area sexratio data is good but we need to improve sexual similarity in so many areas.
ReplyDeleteIn our district sex ratio is good.Chattisgarh is having a good sex ratio comparable to our national ratio
ReplyDeleteछत्तीसगढ़ में लिंगानुपात अन्य राज्यों की तुलना मे क्रम है।। लिंगानुपात में कमी होना केवल अशिक्षा है।
ReplyDeleteअशोक कुमार बंजारे
व्याख्याता
शासकीय हाई स्कूल अमाली
विकासखंड कोटा
जिला बिलासपुर छत्तीसगढ़
हमारे राज्य में लिंगानुपात की स्थिति अन्य राज्यों की तुलना में काफी अच्छी है यहाँ ग्रामीण क्षेत्रों में भी लड़कियों की स्कूली शिक्षा के प्रति जागरूकता है ।
ReplyDeleteअशिक्षा व रूढ़िवादिता ही मुख्य रूप से माना जा सकता है
ReplyDeleteहमारे यहां लिंगानुपात कम है, रूढ़िवादी सोच तथा अशिक्षा के कारण बालिका शिक्षा में अंतर हो रहा है।
ReplyDeleteअशिक्षा और रूढ़िवादी के कारण लिंगानुपात में अंतर है ।
ReplyDeleteछत्तीसगढ़ में तो लिंगानुपात बहुत ही बढ़िया है 1005
ReplyDeleteऔर 2020 की जनसंख्या के अनुसार छत्तीसगढ़ देश में अव्वल है
Difference in sex ratio because of typical mindset.
Deleteकिसी राज्य या जिले के लिंगानुपात वहां के लोगों की अशिक्षा पुरानी परंपरा परंपरा वादी विचारधारा और गरीबी लिंगा अनुपात में अंतर दिखाई देता है जिस राज्य जिले में शिक्षा शिक्षा का बेहतर प्रदर्शन हो वहां इस प्रकार लिंग अनुपात कम नजर आता है यही कारण आज राष्ट्रीय स्तर पर देखा जाता है जिसकी वजह से लिंग अनुपात में भिन्नता नजर आता है.
ReplyDeleteहमारा राज्य छत्तीसगढ़ लिंगानुपात में अन्य राज्यों की तुलना से बेहतर है| अपनी संस्था में मैंने पाया है प्रत्येक वर्ष लडकों की तुलना में लडकियों की दर्ज संख्या एवं शाला में उपस्थिति का प्रतिशत अधिक रहा है जबकि हमारी शाला के विद्यार्थियों के पालक अनपढ़.कम पढ़े लिखें व मजदूर वर्ग से है परन्तु सोच रूढ़िवादी नहीं है|
संतोष कुमार साहू व्याख्याता शासकीय हाई स्कूल सोमन पुर नया जिला। कबीरधाम छत्तीसगढ़
असीक्षा और रूढ़िवादी के कारण लिंगानुपात में अंतर है
ReplyDelete
ReplyDeleteलिंगानुपात में छत्तीसगढ़ देश में अव्वल : प्रदेश में 1000 पुरुषों की तुलना में 958 महिला है। वहीं पर कोंडागांव जिला का लिंगानुपात 1000 पुरुषों की तुलना में 1033 महिलाएं हैं , जो सर्वश्रेष्ठ महिलाओं की स्थिति को दर्शाती है।
छत्तीसगढ़ में बेटियों की सुरक्षा को लेकर किये जा रहे सरकार के प्रयासों का असर दिख रहा है। ताजा जारी आंकड़ों के अनुसार जन्म के समय लिंगानुपात (एसआरबी) में छत्तीसगढ़ देशभर में अव्वल है। प्रदेश में अन्य राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की तुलना में लिंगानुपात कहीं बेहतर है। हाल ही में रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त द्वारा वर्ष 2018 के आंकड़े जारी किए गए हैं, जिसमें छत्तीसगढ़ में 1000 पुरुषों की तुलना में 958 महिला है। जबकि राष्ट्रीय स्तर पर ग्रामीण क्षेत्रों में 1000 पुरुषों की तुलना में 900 महिला हैं। इन आंकड़ों से पता चलता है कि देश के सर्वाधिक शिक्षित राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ में कन्या भ्रूण हत्या और महिला सुरक्षा को लेकर प्रदेश में कार्य किया जा रहा है। सुपोषण अभियान, कन्यादान योजना सहित कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं साथ ही सोनोग्राफी सेंटर्स पर ट्रैकिंग सिस्टम लगाए गए हैं। इन प्रयासों का ही असर है कि छत्तीसगढ़ शिक्षित राज्यों को पीछे छोड़कर लिंगानुपात में टॉप पर है।
हमारा जिला कोरबा एवम राज्य छत्तीसगढ़ में लिंगानुपात राष्ट्रीय लिंगानुपात से बेहतर है।
ReplyDeleteबेटी पराया धन है और बेटा कुल का दीपक है।यह सोच जब तक समाज में रहेगा तब तक लिंगानुपात में सुधार संभव नहीं है।
अब स्कूलों में बालिकाओं की बढ़ती संख्या से साबित होता है कि सीजी में लिंगानुपात लगभग ठीक है।
ReplyDeleteसी एम साहू
व्याख्याता
शास उच्च मा विद्या लय
Dargaon
भारत का औसत लिंगानुपात लगभग 947 है और जसपुर जिले का 1005 है इस दृष्टि से हमारा जिला लिंगानुपात में बेहतर है
ReplyDeleteलिंगानुपात में छत्तीसगढ़ देश में अव्वल : प्रदेश में 1000 पुरुषों की तुलना में 958 महिला है। वहीं पर कोंडागांव जिला का लिंगानुपात 1000 पुरुषों की तुलना में 1033 महिलाएं हैं , जो सर्वश्रेष्ठ महिलाओं की स्थिति को दर्शाती है।
ReplyDeleteछत्तीसगढ़ में बेटियों की सुरक्षा को लेकर किये जा रहे सरकार के प्रयासों का असर दिख रहा है। ताजा जारी आंकड़ों के अनुसार जन्म के समय लिंगानुपात (एसआरबी) में छत्तीसगढ़ देशभर में अव्वल है। प्रदेश में अन्य राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की तुलना में लिंगानुपात कहीं बेहतर है। हाल ही में रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त द्वारा वर्ष 2018 के आंकड़े जारी किए गए हैं, जिसमें छत्तीसगढ़ में 1000 पुरुषों की तुलना में 958 महिला है। जबकि राष्ट्रीय स्तर पर ग्रामीण क्षेत्रों में 1000 पुरुषों की तुलना में 900 महिला हैं। इन आंकड़ों से पता चलता है कि देश के सर्वाधिक शिक्षित राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ में कन्या भ्रूण हत्या और महिला सुरक्षा को लेकर प्रदेश में कार्य किया जा रहा है। सुपोषण अभियान, कन्यादान योजना सहित कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं साथ ही सोनोग्राफी सेंटर्स पर ट्रैकिंग सिस्टम लगाए गए हैं। इन प्रयासों का ही असर है कि छत्तीसगढ़ शिक्षित राज्यों को पीछे छोड़कर लिंगानुपात में टॉप पर है।बस्तर जिले में तो यह लिंगानुपात बहुत ही चौकाने वाला है ।यहां देश ही नहीं दुनिया के लिये एक आदर्श स्थिति है। लिंगानुपात मे यहां का आंकडा प्रति 1000 महिलाओं में केवल 983पुरुष है ।जो प्रकृति के नियमों के अनुरुप है । संदीप किशोर भटनागर प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला तिरिया जगदलपुर बस्तर (छ.ग. )
छत्तीसगढ़ राज्य में 1000 पुरुषों की तुलना में 958 महिलाएं है। वही जांजगीर चाम्पा जिले में 1000 पुरुषों की तुलना में 986 महिलाएं है।
ReplyDeleteप्रदेश के अनुपात में हमारे जिले की स्थिति बेहतर है परंतु वर्तमान परिस्थितियों में महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु और बेहतर प्रयास किए जाने चाहिए ।
हमारे यह भेदभाव काम है।
ReplyDeleteOur state has better male:female ratio.
ReplyDeleteआज भी भेद भाव पूर्णता समाप्त नहीं हुआ है लोगो के विचारों में अनेक परिवर्तन अंतर है
ReplyDeleteदेश में महिला और पुरुष की लिंग अनुपात 899/1000 है।
ReplyDeleteजबकि छत्तीसगढ़ में 991/1000 है।
लिंगानुपात में लड़कियों की संख्या का कम होना सामाजिक की गलत लैंगिक सोच है। लड़कियों के प्रति होने वाले लैंगिक दुर्व्यवहार और शोषण एक बड़ा कारण है। जेंडर निष्पक्षता और जेंडर समानता की सोच रूढ़ सामाजिक और धार्मिक सोच है। यह समय के साथ आर्थिक और सामाजिक बदलाव तथा धर्मनिरपेक्ष सोच के साथ बदलेगा।
Hamare yanha sthiti behtar hai
ReplyDeleteप्रति एक हजार (१०००) पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या लिंग अनुपात कहलाती हैं। भारत में लिंग अनुपात देश मे लिंग अनुपात प्रायः महिलाओं के साथ नहीं होता है इसका मुख्य कारण क्या है इसका मुख्य कारण है कि आज कल अधिकतर व्यक्ति पुत्र प्राप्ति की कामना करते हैं ।
ReplyDeleteअशिक्षा एवं रूढ़िवादी सोच के कारण लिंग भेदभाव बढ़ रहा है।
ReplyDeleteहमारे क्षेत्र में लिंगानुपात की स्थिति अच्छा है इसका कारण है कि हमारा क्षेत्र आदिवासी क्षेत्र है और आदिवासियों में लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाता इसलिए हमेशा से ही लिंगानुपात राष्ट्रीय औसत से बेहतर रहा है।
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