कोर्स 02 (FLN) गतिविधि 6 : अपने विचार साझा करें
कोर्स 02
गतिविधि 6 : अपने विचार साझा करें
यह निश्चित करने के लिए बच्चे स्वच्छता संबंधी आदतों का पालन कर रहे हैं,
प्रतिदिन के आधार पर आप किन क्षेत्रों की निगरानी रखने का प्रस्ताव रखेंगे? अपने विचार
साझा करें।
मुझे लगता है हम बच्चो को स्वक्षता से परिचित कराते है पर बच्चे तो बच्चे,बड़े भी इस पर घोर लापरवाही करते है।
ReplyDeleteBachchon ki harkaton par dhayan rakhana jaise ki munh me ungli dalna, nakhun katna, pencil ko munh me dalna, kuchh khane se pahle hath dhota hai ya nahi in sabi se pata chal sakta hai svachchhata sambandhi baton ka.
Deleteस्कूल में ही बच्चों को साफ सफाई के प्रति जागरुक करना चाहिये।
Deleteमेरे विचार से बच्चों को स्वच्छता और स्वास्थ्य की आदत प्रारंभ के वर्षो से ही शुरू करवा दिया जाय।
Deleteइस विषय पर मे विचार- सबसे पहले पालकों, समुदाय ,शिक्षकों को स्वच्छता के प्रति जिम्मेदारी को समझना होगा। बच्चों को भी इस विषय में बताना होगा।1 सबसे पहले तो बच्चों के व्यक्तिगत स्वच्छता पर निगरानी तय करनी होगी।
ReplyDelete2 दैनिक दिनचर्या में स्वच्छता के आदतों पर ध्यान देना होगा।
3 विद्यालय में ,कक्षा में स्वच्छ आदतों पर ध्यान देना होगा।
बच्चों को स्वच्छता के बारे में जानकारी देना चाहिए।उनको दैनिक जीवन में स्वच्छता पर जोर दिया जाना चाहिए।
DeleteDainik karyo me swachhata jaise ki subah brush karna, shouch ke baad sabun se hath dhona.kanghi karna aadi ke baare me bacccho ko batakar jagruk karte hai.
Delete🙏मुझे लगता है,बॉथरूम क्लास रूम व खेल का मैदान हर क्षेत्रों का एक CR रख ये काम आसान हो सकता है।🙏
ReplyDeleteस्वच्छता हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। खाने से पहले हाथ धोने तथा शौचालय से आने के बाद हाथ धोने की आदतों तथा स्वच्छता संबंधी अन्य आदतों पर निगरानी रखी जा सकती है।
Deleteबच्चों को स्वच्छता के बारे में जानकारी देना चाहिए।उनको दैनिक जीवन में स्वच्छता पर जोर दिया जाना चाहिए।
Deleteस्कुल पर तो बच्चे इसका पालन करते हैं ,पालको को जानकारी देना चाहिए औऱ घर पर पालक भी ध्यान दे तो बहुत अच्छा रहेगा
ReplyDeleteSwachhat ham sab ke liye ye hamare Jeevan ka ek mahatvpurn hissa hai ham bacchon Ko shuru se hi swachhata ka gyan date a rahe hain aur bij bich mein parents meeting main bhi e parents ko CO2 Kshetra se sambandhit Kai baten batate Hain
DeleteSchool ke sath sath Palak AVN Samudayik ke Sahyog se swachhata sambandhi jagrukta acchi Tarah Aasan hai sakta hai
Deleteशाला में बच्चों को जागरूक कर स्वच्छता को लेकर नित्य दिनचर्या में शामिल करने प्रेरित किया जाना चाहिए
ReplyDeleteशाला स्तर पर शिक्षक,बाल केबिनेट,smc के सहयोग से जागरूक करने के साथ-साथ बच्चों की नियमित मानिटरिंग करते हैं।
DeleteHar din jab bacche school aate hai to hume baccho k safai per vishesh dhyan dena chahiye
ReplyDeleteशाला में बच्चों को जागरूक कर स्वच्छता को लेकर नित्य दिनचर्या में शामिल करने प्रेरित किया जाना चाहिए।
ReplyDeleteस्वच्छता संबंधित आदतों को हम तीन भागों में बांट सकते हैं।
ReplyDelete1.विद्यालय
2.निज निवास
3.विद्यार्थियों के मित्रमंडली।
बच्चों के लिए स्वच्छता के प्रति हमें सचेत करना चाहिए
ReplyDeleteसबसे पहले पालकों, समुदाय ,शिक्षकों को स्वच्छता के प्रति जिम्मेदारी को समझना होगा। बच्चों को भी इस विषय में बताना होगा।1 सबसे पहले तो बच्चों के व्यक्तिगत स्वच्छता पर निगरानी तय करनी होगी।
ReplyDelete2 दैनिक दिनचर्या में स्वच्छता के आदतों पर ध्यान देना होगा।
3 विद्यालय में ,कक्षा में स्वच्छ आदतों पर ध्यान देना होगा।
स्कूल पर तो बच्चे इसका पालन करते हैं ,पालको को जानकारी देना चाहिए औऱ घर पर पालक भी ध्यान दे तो बहुत अच्छा रहेगा ।
ReplyDeleteबच्चों के स्वच्छता संबंधी आदतों का निरीक्षण करने के लिए स्वयं अवलोकन करता हूं एवं कक्षा में हूं स्वच्छता मंत्री स्वास्थ्य मंत्री आदि बनाया गया है।
ReplyDeleteप्रतिदिन प्रार्थना स्थल बच्चों के नाखून चेक कर व स्वच्छता के संदर्भ में प्रेरित करते हुए किया जा सकता है वहीं पालकों को स्वच्छता के बारे जानकारी प्राप्त कर इसे किया जा सकता है क्योंकि कई घरों में साफ।सफाई पर विशेष ध्यान नहीं दिया जाता सिर्फ पानी से ही साफ करने को प्राथमिकता के तौर में।अपनाया जाता हैं
ReplyDeleteWe can design some tools and indicators and Orient the youth clubs tu daily monitor the activities pertaining to cleanliness
ReplyDeleteBachcho ko swachchhata ke mahatv ko batate huye swachchhata ke prati hamesha dhyan dene ke liye prerit karna chahiye.
ReplyDeleteसबसे पहले पालकों, समुदाय ,शिक्षकों को स्वच्छता के प्रति जिम्मेदारी को समझना होगा। बच्चों को भी इस विषय में बताना होगा।1 सबसे पहले तो बच्चों के व्यक्तिगत स्वच्छता पर निगरानी तय करनी होगी।
ReplyDelete2 दैनिक दिनचर्या में स्वच्छता के आदतों पर ध्यान देना होगा।
3 विद्यालय में ,कक्षा में स्वच्छ आदतों पर ध्यान देना
Bachche swaym tn - mn swakch hote hai use bs science ki den wastuon se prichit krana hai
ReplyDeleteबच्चे सफाई पर ध्यान दे रहे हैं इसके लिए हमें प्रतिदिन यह कर सकते हैं कि अपनी-अपनी कक्षाओं में एक चार्ट लगा सकते हैं कि आज हमारा नाखून कटा हुआ है आज हमारे दांत साफ है कि नहीं आज हमारे कपड़े साफ है कि नहीं शौच से आने के बाद हम अपने हाथ धोते हैं कि नहीं भोजन करने से पहले आज हमने हाथ धोया था कि नहीं यह सब चार्ट के माध्यम से रखेंगे और बच्चे स्वयं उस चार्ट में टिक लगाएंगे इस प्रकार से हम निगरानी रख सकते हैं।
ReplyDeleteनिश्चित ही बच्चों में स्वच्छता संबंधित आदतों का विकास करना चाहिए इसके लिए हमें अपने विद्यालय स्तर पर स्वच्छता संबंधी आदतों का का विकास करना होगा ।इसके लिए व्यक्तिगत स्वच्छता से संबंधित एक चेक लिस्ट निर्माण करना होगा जिसमें नियमित स्नान,नियमित शौच,नाखून ,बाल कपड़ो की सच्च्छता से संबंधित एक चेक लिस्ट बनाना होगा उसे सभी बच्चों को देना होगा और प्रतिदिन उस चेक लिस्ट में बच्चों से अपनी आदतों से संबंधित आकलन करने को कहां जाएगा इस प्रकार इसे नियमित रूप से कराने पर बच्चों में स्वच्छता संबंधित आदतों का विकास होगा और इन्हीं आदतों के साथ अपने घर समाज में पालन करेंगे। व्यक्तिगत स्वच्छता के साथ परिवेश ई स्वच्छता पर भी ध्यान देना होगा। इसके लिए शिक्षक अभिभावकों एवं बच्चों सभी को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता होगी की आवश्यकता होगी।
DeletePrati din prati din bacchon mein swachhata jagrukta ke liye ye apne aap ka nirikshan karna aaspaas ka nirikshan Karna gali mohalle ka Adhikar nirikshan karte hue Apne swachhata Apne Ghar ki swachhata aur aaj pass ki swachhata ka Vishesh Dhyan rakhna chahie yah aadat hamari bhi hona chahie aur bacchon ke liye
ReplyDeleteहम अपने बच्चों को शांला मे साफ सफाई के बारे मे जागरूक. करते हैं, अगर पालक घर मे भी घ्यान दे तो बच्चों मे अच्छा प्रभाव पड़ता है।
ReplyDeleteस्कूल पर तो बच्चे इसका पालन करते हैं ,पालको को जानकारी देना चाहिए औऱ घर पर पालक भी ध्यान दे तो बहुत अच्छा होगा
ReplyDeleteबच्चों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाना अति आवश्यक है जैसे प्रार्थना सभा बालसभा प्रतिभा दिवस जैसे दिवसों पर स्वच्छता के प्रति विशेष जागरूक किया जा सकता है साथ ही पीटीएम में भी अभिभावकों को भी स्वच्छता के महत्व के बारे में जरूर अवगत कराना चाहिए
ReplyDeleteस्वयं की सफाई, दांत, नाखून इत्यादि की सफाई, हाथ धोने की आदत, कपड़ों की सफाई आदि के बारे में निगरानी रखेंगे।
ReplyDeleteप्रतिदिन स्कूल में प्रार्थना के समय स्वास्थ्य जांच करते हैं जैसे _ नाखून कटे हैं कि नहीं ,सभी बच्चे नहा कर आते हैं कि नहीं नियमित ब्रश करते हैं कि नहीं , कपड़े साफ हैं कि नहीं,बाल में तेल एवम् कंघी कर के आते हैं कि नहीं इन सब अच्छी आदतों को अपने दिनचर्या में शामिल करने को कहते हैं।
ReplyDeleteहम शाला में प्रतिदिन बच्चों को साफ़ सफाई के बारे में बताते हैं, बाल केबिनेट, एस एम सी एवं समुदाय के सहयोग से स्वच्छता के बारे में जागरूकता लाया जा सकता है.
ReplyDeleteशारिरिक साफ सफाई पर
ReplyDeleteबच्चे के सभी दिनचर्या जैसे कि शौचालय जाने के बाद साबुन से हाथ धो रहा है कि नहीं, खाना खाने के पहले हाथ अच्छी तरह से धो रहा है कि नहीं, अपने दांतो को अच्छी तरह साफ कर रहा है कि नहीं। अर्थात स्वच्छता संबंधी सभी पहलुओं पर हमें निगरानी करने की जरूरत है
ReplyDeleteबच्चों को अच्छी आदतें सिखाने के लिए प्रतिदिन प्रार्थना के समय उनके दांतों ,नाखूनों, बालो की सफाई के बारे मे निनिरिक्षण करना चाहिए तथा सबसे स्वच्छ बच्चे को सभी के सामने सम्मानित करना चाहिए ताकि दुसरे बच्चे उसे देख प्रेरणा ले सके।
ReplyDeleteबच्चों को शिक्षा के साथ साथ उनके स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दिया जाता है । गांव में पालकों को स्वस्थ्य और सुरक्षा संबंधी जानकारी दिया जाना चाहिए। क्यों कि ग्राम पंचायत में लोगों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी नहीं रहता है।
ReplyDeleteविद्यालय में बच्चों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करके उनको नित्य दिनचर्या में शामिल करने के लिए प्रेरित करना चाहिए ।
ReplyDeleteनियमित अंतराल में प्रार्थना सभा में स्वच्छता संबंधी जानकारी दिये जायें , इस विषय पर बच्चों को अपने विचार साझा करने के अवसर दिये जायें दांत, नाखून की सफाई , हाथ धोने की आदत, कपड़ों की सफाई आदि के बारे में निगरानी रखेंगे।
ReplyDeleteबच्चों को स्वच्छता संबंधी आदतों का पालन कराने के लिए निम्न कार्य कर सकते हैं -
ReplyDelete# स्वच्छता संबंधी आदतों का पालन करने के लिए विद्यालय में किसी एक बच्चे को स्वच्छता मंत्री बना सकते हैं जो प्रतिदिन हर बच्चे का स्वच्छता की जांच कर सके।
# शाला प्रबंधन समिति के सदस्य को भी जोड़ सकते हैं जो स्वच्छता संबंधी आदतों का पालन करने में बच्चों की मदद कर सके।
#प्रतिदिन प्रार्थना के दौरान बच्चों की स्वच्छता पर ध्यान देकर उन्हें अवगत करा सकते हैं।
# पलकों को भी स्वच्छता अभियान में जोड़कर उनको प्रेरित कर सकते हैं।
# साफ सुथरा बच्चे को प्रोत्साहित करके उससे उपहार देखकर बाकी बच्चे को स्वच्छता के लिए प्रेरित कर सकते हैं
बच्चों को सर्व प्रथम अपने घर पर माता पिता एवम् अस पास के परिवेश में दिख रहे स्वछता पर ध्यानाकर्षण के साथ विद्यालय में शिक्षक के द्वारा स्वास्थ्य पर गतिविधि एवम् शिक्षा के माध्यम से बच्चों में इन आदतो का प्रतिदिन जीवन में उपयोग लाने से आदत सी हो जायेंगे।
ReplyDeleteइस विषय मे सबसे पहले पालकों, समुदाय ,शिक्षकों को स्वच्छता के प्रति जिम्मेदारी को समझना होगा। बच्चों को भी इस विषय में बताना होगा।1 सबसे पहले तो बच्चों के व्यक्तिगत स्वच्छता पर निगरानी तय करनी होगी।
ReplyDelete2 दैनिक दिनचर्या में स्वच्छता के आदतों पर ध्यान देना होगा।
3 विद्यालय में ,कक्षा में स्वच्छ आदतों पर ध्यान देना होगा।
इस विषय मे सबसे पहले पालकों, समुदाय ,शिक्षकों को स्वच्छता के प्रति जिम्मेदारी को स्वयं समझना होगा और बच्चों को भी इस विषय में बताकर उनको अपनी दिनचर्या में साफ सफाई,अच्छा खाना इस विषय पर ध्यान देने प्रेरित करना होगा। सबसे पहले तो बच्चों के व्यक्तिगत स्वच्छता पर निगरानी तय करनी होगी।दैनिक दिनचर्या में स्वच्छता के आदतों पर ध्यान देना होगा। विद्यालय में ,कक्षा में स्वच्छ आदतों पर ध्यान देना होगा। स्वास्थ्य ठीक रहेगा तो शिक्षा और पोषण भी अच्छा रहेगा इस चीज़ का ध्यान पालकों और शिक्षकों को रखना होगा।
ReplyDeleteसबसे पहले तो बच्चों के व्यक्तिगत स्वच्छता पर निगरानी तय करनी होगी।
ReplyDelete2 दैनिक दिनचर्या में स्वच्छता के आदतों पर ध्यान देना होगा।
3 विद्यालय में ,कक्षा में स्वच्छ आदतों पर ध्यान देना होगा।
1सबसे पहले तो बच्चों के व्यक्तिगत स्वच्छता पर निगरानी तय करनी होगी।
ReplyDelete2 दैनिक दिनचर्या में स्वच्छता के आदतों पर ध्यान देना होगा।
3 विद्यालय में ,कक्षा में स्वच्छ आदतों पर ध्यान देना होगा।
रहन सहन के माध्यम से साथ ही साथ उनके क्रियात्मक तरीकों से पता लग सकता हैl
ReplyDeleteशाला में बच्चों को जागरूक कर स्वच्छता को लेकर नित्य दिनचर्या में शामिल करने प्रेरित किया जाना चाहिए
ReplyDeleteREPLY
वर्तमान परिवेश में बच्चों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक और सजग रहना अत्यंत आवश्यक है।
ReplyDeleteबच्चों को शारिरिक सफाई के लाभ और हानि के बारे में जानकारी देना और अपने शरीर को साफ सुथरा
रखने को कहना। और इसका निरीक्षण व निर्देश नियमित किया जाना चाहिए।
Swachta se sambandhit prashan or daily routine me hone wali apne sharir ki safayi k bare me batana chiye assembly me or unhe swachta k prati jagruk karna chaiye
ReplyDeleteयह निश्चित करने के लिए बच्चे स्वच्छता संबंधी आदतों का पालन कर रहे हैं प्रतिदिन के आधार पर हम इन क्षेत्रों में निगरानी रखने का प्रस्ताव रखते हैं - कपड़ों की स्वच्छता , शारीरिक स्वच्छता जैसे - स्नान करना , दांत , बाल , नाखुन , मैल , आदि की सफाई करना , अपने बेग की सफाई करना आदि ।
ReplyDeleteहर दिन जब बच्चे स्कूल आते हैं तो हमें उनकी सफाई पर ध्यान देना चाहिए।
ReplyDeleteहम बच्चों को प्रार्थना में रोज स्वच्छता के बारे में बताते हैं और बच्चे भी बालों करते हैं।
ReplyDeleteबच्चों के स्वच्छता संबंधी आदतों का निरीक्षण करने के लिए स्वयं अवलोकन करता हूं एवं कक्षा में हूं स्वच्छता मंत्री स्वास्थ्य मंत्री आदि बनाया गया है।हम बच्चों को प्रार्थना में रोज स्वच्छता के बारे में बताते हैं और बच्चे भी बालों करते हैं।
ReplyDeleteअजीत चौहान
ReplyDeleteपालक एवं शिक्षक को स्वछता का खुद ध्यान देना जिसको देखकर बच्चे अनुसरण करेंगे
शाला में स्वच्छता चार्ट का निर्माण किया जाए प्रत्येक बच्चे स्वच्छता के प्रति जागरूकता की जांच की जाए
ReplyDeleteGreat
ReplyDeleteप्रतिदिन बच्चे जब स्कूल आते हैं स्वच्छता के प्रति ध्यान देते हैं उनके पालकों को भी घर घर जाकर स्वच्छता के प्रति जागरुक करना चाहिए
ReplyDeleteशिक्षक बच्चों की सभी आदतों को समझकर,बच्चों को स्वच्छता एवं अच्छा स्वास्थ्य के प्रति प्रेरित करें,साथ ही साथ बाल केबिनेट की जिम्मेदारी को भी बतायें ।इसके लिए पालकों को भी जागरूक करें ।धन्यवाद
ReplyDeleteयह निश्चित करने के लिए बच्चे स्वच्छता संबंधी आदतों का पालन कर रहे हैं प्रतिदिन के आधार पर हम इन क्षेत्रों में निगरानी रखने का प्रस्ताव रखते हैं - कपड़ों की स्वच्छता , शारीरिक स्वच्छता जैसे - स्नान करना , दांत , बाल , नाखुन , मैल , आदि की सफाई करना , अपने बेग की सफाई करना आदि ।
ReplyDeleteश्री खुशहाली सोनी
सहायक शिक्षक
संकुल खजूरी
प्रा. शा. ढाबाडीह
विद्यालय में बच्चों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करके उनको नित्य दिनचर्या में शामिल करने के लिए प्रेरित करना चाहिए
ReplyDeleteस्वच्छता पर विशेष ध्यान देना चाहिए l
ReplyDeleteउनके शारीरिक स्वच्छता पर ध्यान देंगे ।
ReplyDeleteसमय पर स्वच्छता संबंधी चर्चा बच्चों से किया जाता है। प्रत्येक दिवस मध्यान भोजन करने से पूर्व बच्चों को हाथों की सफाई के लिए दिशा निर्देश दिया जाता है। सप्ताह में एक बार प्रत्येक शनिवार को सभी बच्चों के नाखून व दांतों को चेक किया जाता है। बच्चों को उनके घरों में भी स्वच्छता संबंधी आदतों को पालन करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
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ReplyDeleteSorry for technical problem
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ReplyDeleteस्कूल में प्रतिदिन बच्चों की सफाई पर शिक्षकों को ध्यान देना चाहिए बच्चे स्वच्छ गणवेश में शाला आए तथा नियमित तौर पर एक शिक्षक को स्वयं बच्चों की स्वस्थ आदतों जैसे साफ नाखून, बालों की स्वच्छता, दांतों की नियमित सफाई आदि पर ध्यान देना चाहिए इस संदर्भ में शिक्षकों को पालको से भी जानकारी प्राप्त करना चाहिए तथा उन्हें भी स्वच्छता का महत्व बताना चाहिए। ग्रामीण परिवेश में यह बहुत आवश्यक है।
ReplyDeleteHamen main is baat kar Dhyan Dena chahie ki ki bacche a Nimita per apni vyaktigat swachhata per Dhyan de rahe hain hain iski Hamen mounting karna chahie
ReplyDeleteसबसे पहले बच्चों को स्वाथ्य व स्वक्षता पर आधारित जानकारी देना होगा,ताकि कुछ जरूरी चीजों को समझ सके। फीर बच्चों को उनसे होने वाले फायदों से अवगत कराते हुए ध्यान देने को कहेंगे।
ReplyDeleteबच्चे स्वच्छता की नियमों को अपने आदत में ला सकें l हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए l
ReplyDeleteबच्चे खासकर ग्रामीण क्षेत्र के,टॉयलेट के बाद साबुन से हाथ धोने की आदत को अपनाने की चूक हो ही जाती है। मै इस पर ध्यान दे कर ऐसा न हो इसका प्रयास करता हुईं।
ReplyDeleteहम बच्चों को प्रार्थना के समय ,कक्षा में पढ़ाई के दौरान इन बातों पर नजर रख सकते हैं।
ReplyDeleteस्कूल में तो बच्चों की सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाता है परन्तु घर पर अभिभावको को भी ध्यान देने की आवश्यकता है जिसके लिए हम हमेशा प्रयासरत हैं।
ReplyDeleteशाला में बच्चों को स्वच्छता के प्रति जागरूक कर नित्य दिनचर्या में इसे शामिल करने हेतु प्रेरित किया जाना चाहिए। प्रतिदिन शाला में बच्चों के स्वच्छता संबंधी गतिविधियों पर निगरानी रखना चाहिए। बच्चों के नाखून,बाल,तेल,कंघी, कपड़े आदि पर ध्यान रखना चाहिए।मध्यान्ह भोजन के पूर्व और बाद में तथा शौचालय के बाद हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोने के लिए प्रेरित करते रहना चाहिए।
ReplyDeleteमैं तो यही देखूंगा कि बच्चे ने अपना ड्रेस साफ पहना है या नहीं, कपड़े को बराबर दबाकर पहना है कि नहीं।वो अपने जूते चप्पल और हाथ, पैर, नाखूनों और बाल साफ किया है कि नहीं आदि।
ReplyDeleteएक शिक्षक के रूप में मैं बच्चे के नाख़ून बाल कपड़े की स्वच्छता सम्बन्धी जांच करुगा और स्वच्छ न रहने के दुष्परिणाम को बताउगा।
ReplyDeleteइस विषय पर मेरा विचार है कि हम बच्चों को केवल
ReplyDeleteप्रतीकात्मक ज्ञान न दे। बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी सभी
समस्याओं को चित्रों के माध्यम से बताएं और उनके सभी समाधान को
स्वयं साथ में मिलकर हल करें।
परिवार में उन सभी पर बातचीत करें।
समुदाय भी अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें और बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी
समस्याओं को बच्चों के साथ मिलकर उन्हें हल करना सिखाना चाहिए ताकि वह स्वयं
अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बन सके।
Bacchon mein swachhata sambandhi nigrani rakhne ke Liye matao ka unmukhikarn krenge. Bachchho ko bhi swakhtha par poster,chitrkla, bnane ke liye protsahit karenge.
ReplyDeletePrayer ho ke bad bchochho ki unifome,nail aadi ka parikchan kar swakchata par 5minute ka charcha karte hai.
शिक्षकों, पालकों को यह दिनचर्या में रखकर पालन करना चाहिए।
ReplyDeleteBachcho ki dincharya ki nigrani karke
ReplyDeleteसबसे पहले पालकों, समुदाय ,शिक्षकों को स्वच्छता के प्रति जिम्मेदारी को समझना होगा। बच्चों को भी इस विषय में बताना होगा।1 सबसे पहले तो बच्चों के व्यक्तिगत स्वच्छता पर निगरानी तय करनी होगी।
ReplyDelete2 दैनिक दिनचर्या में स्वच्छता के आदतों पर ध्यान देना होगा।
3 विद्यालय में ,कक्षा में स्वच्छ आदतों पर ध्यान देना होगा।
भावना खत्री, सहायक शिक्षक, स्टेशन पारा, राजनांदगांव
Kahan jata hai ki baccha Jaisa dekhte hain Vaisa karte hain isliye swachhata sambandhi aadatein pahle a Badon ko karke bacchon Ke Samne dikhani chahie FIR bacche Unka anusaran Karke sikhenge dusre group mein Ham bacchon Ko school mein ek monitor Ki Tarah kaksha monitor Ki Tarah monitor Safai ke liye niyukt kar sakte hain Jo Pratidin bacchon ke Safai ke Karya unke Hath nakhun Bal sab ki Pratidin dekh rhe Karen
ReplyDeleteMDM भोजन के पूर्व साबून से हाथ धोने की आदत बनाना ।
ReplyDeleteप्रतिदिन मध्यान्ह भोजन से पहले नियमित रूप से नाखून व हाथ की सफाई पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
ReplyDeleteबच्चों को सफाई रहने निर्देशित करने पर स्वयं ही नहीं बल्कि अपने सहपाठियों को भी प्रेरित करते हैं । नाखून काटना, हाथ धुलाई, कपड़े की स्वच्छता, विद्यालय और कक्षाओं की स्वच्छता पर ध्यान देते हैं ।
ReplyDeleteकक्षा की स्वच्छता, बच्चों की स्वच्छता, परिसर की स्वच्छता ।
ReplyDeleteबच्चों की स्वच्छता संबंधी आदतों की निगरानी प्रतिदिन विद्यालय में स्वच्छता का अवलोकन करना उचित होगा।
ReplyDeleteMujhe lgta h hm sb school me baccho ki saf - safai se judi baato pr dhayn dete hi h....pr ise or behtar bnane k liye hm sabhi class me 1 chart lga de jisme baccho k naam ,vyaktigat swachata (baal ki lambai or sahi trh se cutting ,saf kapde,nakhun ki cutting ,roj brush krne )ki baate samil kr k baccho ko swaym apni safai k aadhar pr tik krne de...jisse ve safai k liye prerit b honge.....or bacche ghr pr apne family member ko b dekh kr saf -safai krna sikhe iske liye ghr walo ko b prerit kiya ja skta h....
ReplyDeleteबच्चों को सफाई के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है।
ReplyDeleteबच्चों की स्वच्छता सम्बंधित आदतों कि निगरानी हम तो प्रतिदिन प्रार्थना के समय करतें ही हैं जिसमें व्यक्तिगत स्वच्छता के साथ-साथ स्कूली कमरों की सफाई, शाला परिसर की सफाई, जो सार्वजनिक रूप से उपयोग में लाए जाते हैं जैसे:-हैंडपंप के आप-पास की सफाई, वॉशरूम व टॉयलेट की सही उपयोगिता के साथ-साथ ऐसे जगहों का सफाई के साथ उपयोग कैसे करें? ताकि अस्वच्छता,गंदगी न फैले और हम ज्यादा से ज्यादा उस जगह का सफाई के साथ उपयोग कर सके। और हम स्वस्थ रह सकें।
ReplyDeleteइन सब आदतों के निगरानी के अलावा हमें पालकों, गणमान्य व्यक्तियों, जनप्रतिनिधियों, smc के सदस्यों से इसके सही उपयोगिता का स्वयं पालन करने को कहें और बच्चों पर इन सारी आदतों का कढ़ाई से पालन करवाएं।
तभी ये स्वच्छता संबन्धी आदत संभव हो पाएगा और हम तभी सफल हो पाएंगे।
प्रतिदिन शाला में बच्चों के स्वच्छता संबंधी गतिविधियों पर निगरानी रखना चाहिए। बच्चों के नाखून,बाल,तेल,कंघी, कपड़े आदि पर ध्यान रखना चाहिए।मध्यान्ह भोजन के पूर्व और बाद में तथा शौचालय के बाद हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोने के लिए प्रेरित करते रहना चाहिए
ReplyDeleteबच्चों के कपड़े , नाखून , बाल, शौच के बाद हाथ धोते हैं या नहीं, खाने से पहले हाथ धोते हैं या नहीं और बैठने के जगह को साफ रखते हैं या नहीं? इन सब से तय करेंगे कि बच्चा स्वच्छता के लिए कितना जागरूक है।
ReplyDeleteयह निश्चित करने के लिए बच्चे स्वच्छता संबंधी आदतों का पालन कर रहे हैं, प्रतिदिन के आधार पर हम निगरानी रखेंगे कि बच्चे प्रतिदिन स्नान कर साफ सुथरे गणवेश पहनकर शाला आएं, नाखून काटें, Washroom, Toilet उपयोग करने के पश्चात नियमित रूप से हाथ धोएं, कोरोना महामारी को ध्यान मे रखते हुए मास्क और Sanitizer का उपयोग करें, साथ ही पालकों को भी स्वच्छता का महत्व समझाएं।
ReplyDeleteयह निश्चित करने के लिए बच्चे स्वच्छता संबंधी आदतों का पालन कर रहे हैं कि नही , इसके लिए प्रतिदिन के आधार पर हम निम्न क्षेत्रों में ध्यान केन्द्रित करने का प्रस्ताव रख सकते हैं, जैसे- कपड़ों की स्वच्छता , शारीरिक स्वच्छता जैसे - स्नान करना , दांत , बाल , नाखुन , मैल , आदि की सफाई करना , अपने बेग की सफाई करना इत्यादि।
ReplyDeleteप्रतिदिन के आधार पर हम निम्न क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।अपने शारिरिक अंगो की सफाई, आस-पास के वातावरण की सफाई, खाने से पहले और शौच के बाद हाथों की सफाई।
ReplyDeleteबच्चों को स्वछता के प्रति जागरूक करनी चाहिए
ReplyDeleteसबसे पहले तो बच्चों को समझाने की आवश्यकता होगी कि इसके दुष्परिणाम क्या होते हैं, फिर निज,विद्यालयीन,स्वयं के निवास व आसपास के स्वक्षता के बारे में बताते हुए उन्हें प्रोत्साहित करने की ओर ध्यान देने की आवश्यकता होगी।
ReplyDeleteपालकों व समुदाय को भी इस क्षेत्र के दुष्प्रभावों व फायदों पर चर्चा कर ध्यान देने पर जोर देने की ओर आगे बढ़ने की जरूरत है।
बाल विनोद उयके,प्रा.शा. कोदागांव आमापारा
बच्चों को प्रेरणा देकर । वे एक दूसरे को देखें और सीखने का प्रयास करें। एक स्वच्छ वातावरण निर्मित करने की कोशिश करते रहे। हर जगह।
ReplyDeleteबच्चों को स्वच्छता के प्रति जागरूक कर उसे पालन करने को प्रेरित करेंगे।
ReplyDelete1 शारीरिक स्वच्छता की निगरानी ।
2 कक्षा के स्वच्छता में सहयोग।
3 विद्यालय के स्वच्छता में सहयोग ।
बच्चों की नाखून जांच, बाल त् कपड़ो की स्थिति देख कर उनकी स्वच्छता की आदतों का आँकलन कर सकते हैं।
ReplyDeleteस्वच्छता का ध्यान मेरे ख्याल से जब से कोरोना संक्रमण होना शुरू हुआ तभी सेसब ध्यान दे रहे हैं।
ReplyDeleteस्वच्छ बच्चों को अन्य बच्चों के बीच उदाहरण प्रस्तुत कर ना चाहिए।
ReplyDeleteबच्चों को समझाने की आवश्यकता होगी कि इसके दुष्परिणाम क्या होते हैं, फिर विद्यालयीन,स्वयं के निवास व आसपास के स्वच्छता के बारे में बताते हुए उन्हें प्रोत्साहित करने की ओर ध्यान देने की आवश्यकता होगी।
ReplyDeleteपालकों व समुदाय को भी इस क्षेत्र के दुष्प्रभावों व फायदों पर चर्चा कर ध्यान देने पर जोर देने की ओर आगे बढ़ने की जरूरत है।
बच्चों के साथ साथ पालकों को भी जागरूक करना चाहिए क्योंकि घर में बच्चों की स्वच्छता की निगरानी पालकों के द्वारा ही रखी जा सकती है।
ReplyDeleteहर दिन शाला में स्वच्छता व स्वास्थ्य पर चर्चा किया जाना चाहिए।
ReplyDeleteहमें बच्चों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है ।
ReplyDeleteSwakshta hetu bachhe ko jagruk karenge, jaise khane se pahle aur washroom se ane k bad hath ko achhe se dhona h, nakhun ko samay par katna h, roz nahana h, muh me ungli nahi dalna h, kisi bhi chiz ko muh me nahi dalna h aur class me evam school parisar me kachra nai failana hai, kudedan ka use karna h ityadi.
ReplyDeleteसबसे पहले पालकों, समुदाय ,शिक्षकों को स्वच्छता के प्रति जिम्मेदारी को समझना होगा।
ReplyDeleteयह कि बच्चे स्वच्छता संबंधी आदतो का पालन कर रहे हैं।उसके लिए हमे घर,स्कूल,एवम् आसपास के परिवेश को स्वच्छ रखना होगा।बच्चो को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना होगा।
ReplyDeleteSabse pahle baccho ke parents ko swakshata ke bare me btana hoga
ReplyDelete1 baccho ke dincharya me swakshata ko dekhna hoga
2 class me ar class ke baher bhi bacho ki nigrani rakhnai hogi
3 sabse pahle unke vaiktigat swakshata ko btana hoga
यह निश्चित करने के लिए बच्चे स्वच्छता संबंधी आदतों का पालन कर रहे हैं, प्रतिदिन के आधार पर हम निगरानी रखेंगे कि बच्चे प्रतिदिन स्नान कर साफ-सुथरे कपड़े पहन कर विद्यालय आयें।नाखुन की साफ-सफाई करें, नियमित रूप से हाथ धोवें, बच्चे अपने घर में तथा आस-पास के परिवेश को भी स्वच्छ रखने हेतु आदत डालें।
ReplyDeleteSabse pahle bachho ko swakshata kya h bataye kaise rakhni h bataye phir nimn bato ki nigrani rakhenge
ReplyDelete1 baccho ki
2 vidyalay ki
3 niwas ki
1. एम डी एम भोजन लेते समय 2. टाइलेट से आने के बाद। 3. खेल कूद करते समय 4. उनके ड्रेश ,नाखून , बैग को देखकर एवं 5. उनके पालक से बातें कर के पता लगाया जा सकता है कि बच्चों में परिवर्तन आ रहा है या नहीं।
ReplyDeleteस्वच्छता पर ध्यान शिक्षक और अभिभावक दोनों की जिम्मेदारी हैं। यदि बच्चा साफ - सफाई से नहीं आता है तो बैठक मे इस बात को रख सकते हैं, क्योंकि सभी अभिभावक एक जैसै नहीं होते हैं। इसके साथ ही स्कूल मे बाल - संसद का गठन करके बच्चों को स्वच्छता मंत्री और उप स्वच्छता मंत्री का पद देकर रोजाना स्वच्छता रिपोर्ट कार्ड की जॉच कर सकते हैं।
ReplyDeleteRENU PRADHAN
Govt.P/ S Kastura
Block - Duldula
Dist - JASHPUR ( C.G.)
Sabhi apne jimmedariyon aur maulik kartavyon ka palan kare to koi samasya hi nahi hai. Parantu hamare dikhave aur svarthapan ki soch ke karan hi bar-bar niti niyam banaye v bigare ja rahen hai.soch- vichar sudhare to karm sudhre to fir desh sudhare jiski pahal svayam se karani chahiye.
ReplyDeleteSaph saphai pr vises dhayan dena chahiye.
ReplyDeleteएक अंग्रेजी में कहावत है " फर्स्ट इंप्रेशन इज द बेस्ट इंप्रेशन" इसलिए यह निश्चित करने के लिए बच्चे स्वच्छता संबंधी आदतों का पालन कर रहे हैं, प्रतिदिन के आधार पर हम इन क्षेत्रों पर अपने विचार करें-
ReplyDeleteपहला बच्चों के प्रतिदिन सुबह स्कूल आने की अवस्था अवस्था को हम गौर करेंगे कि वह सही रूप से तैयार हुए कि नहीं कपड़े पहने हुए कि नहीं साफ-सुथरे हैं या नहीं क्यों क्योंकि इससे वह यह दर्शाता है कि बच्चा स्कूल आने के लिए कितना उत्साहित है।
दूसरा पैमाना यह देखा जाएगा कि वह दिनभर स्कूल में अपनी कक्षा और आसपास के चालक प्रांगण में किस प्रकार के गतिविधि स्वच्छता आधारित करता है क्या वह कागज या चॉकलेट खाने के बाद रे पर बाहर फेकता है या कूड़ेदान में फेंक रहा है शौचालय का प्रयोग किस प्रकार कर रहे हैं एमडीएम खाने के पहले वह किस प्रकार से अपने हाथों को धोता है साबुन से या बिना साबुन के इस प्रकार की शाला में रहते हुए साला प्रांगण से संबंधित हो ।
तीसरी तीसरी बात इस बात पर गौर करेंगे कि जब बच्चा साला या विद्यालय से अवकाश के पश्चात घर जाता है उस समय उसकी स्थिति क्या रहती है इस प्रकार की गतिविधियों को देखकर हम यहां प्रतिदिन अनुमान लगा सकते हैं कि बच्चा स्वच्छता के प्रति कितना जागरूक है।
अनिल कुमार ध्रुव
समग्र शिक्षा शासकीय प्राथमिक शाला
टाईपदर
संकुल तिरिया, विकासखंड जगदलपुर
जिला बस्तर
पालक,बालक और समुदाय को स्वच्छता के जागरूक एवं प्रेरित करके निरंतर शाला स्तर बच्चों की व्यक्तिगत स्वच्छता की निगरानी किया जाना चाहिए।
ReplyDeleteस्वच्छता के लिए निरंतर अवगत कराना।
ReplyDeleteSchool me bachcho ke bal cabinet me swachhta ke bare me unhi ko monitoring ki jimmedaar i di jaye aur ve ghar bhi iska palan kare.
ReplyDeleteबच्चों में स्वच्छता संबंधी आदतों की निगरानी करने के लिए इन क्षेत्रो में ध्यान रखना चाहिये÷
ReplyDeleteप्रतिदिन हाथ धुलाई हो
बाल व नाख़ून की समय पर कटा होना
मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता की जाँच
नैतिक शिक्षा के माध्यम सेस्वच्छता का पाठ पढ़ाना।
दादू सिंह तोमर
सहा शिक्षक
Bacchon ko pratidin swachhata ke prati jagruk karte rahana chahie Vidyalay mein nirmit roop se swachhata ke prati batana chahie palan karne ke liye prerit karna chahie
ReplyDeleteशाला में बच्चों को स्वछता के प्रति जागरूक कर स्वच्छता को लेकर नित्य दिनचर्या में शामिल करने प्रेरित किया जाना चाहिए।
ReplyDeleteबच्चों को प्रतिदिन स्वच्छता की सीख दी जाए तथा दैनिक क्रियाकलापों के निर्देश देते रहें।
ReplyDelete"स्वच्छता हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। खाने से पहले हाथ धोने तथा शौचालय से आने के बाद हाथ धोने की आदतों तथा स्वच्छता संबंधी अन्य आदतों पर निगरानी रखी जा सकती है।"
ReplyDelete"स्वच्छता हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। खाने से पहले हाथ धोने तथा शौचालय से आने के बाद हाथ धोने की आदतों तथा स्वच्छता संबंधी अन्य आदतों पर निगरानी रखी जा सकती है।"
ReplyDeletehttps://nishtha-cg.blogspot.com/2021/09/02-fln-6.html?m=1#:~:text=%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%9A%E0%A5%8D%E0%A4%9B%E0%A4%A4%E0%A4%BE%20%E0%A4%B9%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%87%20%E0%A4%9C%E0%A5%80%E0%A4%B5%E0%A4%A8%20%E0%A4%95%E0%A4%BE%20%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%AA%E0%A5%82%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A3%20%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%B8%E0%A4%BE%20%E0%A4%B9%E0%A5%88%E0%A5%A4%20%E0%A4%96%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%87%20%E0%A4%B8%E0%A5%87%20%E0%A4%AA%E0%A4%B9%E0%A4%B2%E0%A5%87%20%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%A5%20%E0%A4%A7%E0%A5%8B%E0%A4%A8%E0%A5%87%20%E0%A4%A4%E0%A4%A5%E0%A4%BE%20%E0%A4%B6%E0%A5%8C%E0%A4%9A%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A4%AF%20%E0%A4%B8%E0%A5%87%20%E0%A4%86%E0%A4%A8%E0%A5%87%20%E0%A4%95%E0%A5%87%20%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%A6%20%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%A5%20%E0%A4%A7%E0%A5%8B%E0%A4%A8%E0%A5%87%20%E0%A4%95%E0%A5%80%20%E0%A4%86%E0%A4%A6%E0%A4%A4%E0%A5%8B%E0%A4%82%20%E0%A4%A4%E0%A4%A5%E0%A4%BE%20%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%9A%E0%A5%8D%E0%A4%9B%E0%A4%A4%E0%A4%BE%20%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%AC%E0%A4%82%E0%A4%A7%E0%A5%80%20%E0%A4%85%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%AF%20%E0%A4%86%E0%A4%A6%E0%A4%A4%E0%A5%8B%E0%A4%82%20%E0%A4%AA%E0%A4%B0%20%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%97%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%80%20%E0%A4%B0%E0%A4%96%E0%A5%80%20%E0%A4%9C%E0%A4%BE%20%E0%A4%B8%E0%A4%95%E0%A4%A4%E0%A5%80%20%E0%A4%B9%E0%A5%88%E0%A5%A4
बच्चों की स्वच्छता संबंधी आदतों का निगरानी रखने के लिए हम बच्चों के विभिन्न गतिविधियों पर ध्यान दे सकते हैं जैसे कि बच्चे घर में, स्कूल में,अपने साथियों के साथ, अपने सामानों के साथ, अपने शरीर के अंगों के साथ किस प्रकार से स्वच्छता पर ध्यान देते हैं|
ReplyDeleteइन सभी से आकलन किया जा सकता है कि बच्चे स्वच्छता को ध्यान देते हैं कि नहीं|
बच्चों को स्वच्छता का महत्व बताना चाहिए।
ReplyDeleteस्वच्छता ना होने के दुष्परिणाम को बताना चाहिए।
स्वच्छता हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। खाने से पहले हाथ धोने तथा शौचालय से आने के बाद हाथ धोने की आदतों तथा स्वच्छता संबंधी अन्य आदतों पर निगरानी रखी जा सकती है।
ReplyDeleteबच्चों को अपनी स्वच्छता घर के स्वच्छता और समाज के स्वच्छता बारे में बताना चाहिए।
ReplyDeleteSrividhya Gopikrishnan
शाला स्तर पर बाल कैबिनेट के गठन करके सप्ताह के किसी एक दिन पूर्ण शारीरक गतिविधियों एवं प्रार्थना के समय प्रत्येक बच्चे के आंकलन के लिए कुछ विद्यार्थियों का चयन करके एवं शारीरिक स्वच्छता एवं स्वस्थता का ज्ञान देना उनकी गतिविधियों उनके कपड़ो उनकी साफ सफाई पर ध्यान देना एवं smc के सदस्यों के माध्यम से जागरूकता अभियान एवं पालको से इस बिषय पर घर मे ध्यान देने के लिए प्रेरित करके हम बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य का विकास कर सकते हैं
ReplyDeleteबच्चे यदि स्वास्थ्य संबंधी आदतों का पालन कर रहे हैं तो इसका मतलब है कि 1.वह अपने खानपान पर अच्छे से ध्यान दे रहे हैं 2.वह स्वच्छता और स्वास्थ्य विषय पर भी जागरूक है 3.शारीरिक गतिविधियों/खेल और स्वास्थ्य के बीच संबंध के विषय में भी जागरूक है। 4. स्वस्थ सामाजिक संबंध और भावनात्मक स्वास्थ्य विषय का भी उन्हें अच्छी समझ है।
ReplyDeleteमुँह की सफाई,नहाना,कपड़े की सफाई,शारिरिक स्वच्छता आदि का निगरानी करना उचित होगा
ReplyDeleteमुझे लगता है बच्चों को स्वच्छता संबंधी आदतों के प्रति जागरूक करना अति आवश्यक है और इसकी शुरुआत व्यक्तिगत तौर पर की जानी चाहिए। अगर बच्चे बचपन से ही स्वच्छता व अच्छी आदतों पर ध्यान देंगे और उसका पालन करेंगे तो उनका स्वास्थ्य भी अच्छा होगा और वे अपने आसपास एक सकारात्मक और बेहतर परिवेश का निर्माण कर सकेंगे।
ReplyDeleteस्वच्छता समाज का प्रमुख अंग है। इससे संबंधित बच्चों को अनेक प्रेरक कहानियों के माध्यम से बच्चों में स्वच्छता की आदत डालने का प्रयास करना चाहिए।
ReplyDeleteबच्चों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना चाहिए तथा दैनिक दिनचर्या में स्वच्छता के आदतों पर ध्यान देना होगा। शाला में भी स्वच्छता संबंधी निरीक्षण के लिए स्वच्छता मंत्री बनाया गया है। प्रार्थना सभा में प्रतिदिन नाखून बाल आदि संबंधी स्वच्छता की जांच होनी चाहिए।
ReplyDeleteHum bachho ko safai ki aadat dalwane ke sath unhe ye bhi batayengy ki agar hum swachata ke kya fayde hai.
ReplyDeleteबच्चों में स्वच्छता संबंधी आदतों के लिए उन्हें प्रतिदिन अच्छी आदतें जैसे हाथ धोने के तरीके खाने के पहले शौच के बाद साबुन से हाथ धोना स्वच्छता संबंधी आते हैं बीमारियां के कारण तथा उनसे बचाव की चर्चा स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने एवं संतुलित भोजन के महत्व को बताते हुए के समग्र विकास में सहयोग करना चाहिए।
ReplyDeleteशिक्षकों पाल को अभिभावकों से बच्चे की स्वच्छता संबंधी गतिविधि पर चर्चा करनी पड़ेगी बच्चे को स्वच्छता के महत्व से अवगत कराना पड़ेगा ताकि उनमें स्वच्छता संबंधी आदतों का विकास हो सके
ReplyDeleteशुरू से ही स्वच्छता का पाठ करना चाइए
ReplyDeleteबच्चों को प्रार्थना के समय उनके स्वच्छता की जांच की जानी चाहिए ,जैसे प्रतिदिन स्वच्छ कपड़ा पहने , दांत साफ हों , सिर में तेल लगा हुआ हो । शौचालय से आने के बाद साबुन से हाथ धोना ,खाना खाने के पहले साबुन से हाथ धोना आदि का नियमित जांच किया जाय तथा पालकों को भी स्वच्छता की जांच करने हेतु समिति बैठक में निर्देश देना चाहिए ।बच्चों को यह सलाह देना चाहिए कि वे यात्रा, पिकनिक ,एवम अन्य कार्यक्रम में बाहर जाने पर भी स्वच्छता के नियम का पालन करें । उन्हें यह शिक्षा देना चाहिए कि स्वच्छ रहने पर ही स्वस्थ रहा जा सकता है ।
ReplyDeleteसबसे पहले पालकों, समुदाय ,शिक्षकों को स्वच्छता के प्रति जिम्मेदारी को समझना होगा। बच्चों को भी इस विषय में बताना होगा।1 सबसे पहले तो बच्चों के व्यक्तिगत स्वच्छता पर निगरानी तय करनी होगी।
ReplyDelete2 दैनिक दिनचर्या में स्वच्छता के आदतों पर ध्यान देना होगा।
3 विद्यालय में ,कक्षा में स्वच्छ आदतों पर ध्यान देना होगा।
बच्चे जब स्कूल आते हैं ।तब उनके कपड़े साफ है या नही उनके नाखून और बाल कटे है की नही उनके दांत साफ है कि नही वे नहा कर आए हैं की नही । जिस जगह पर वे बैठते है वह जगह साफ है कि नही । इन सभी बातों से हम बच्चे की स्वच्छ आदतों का पता लगा सकते है।।।
ReplyDeleteइस विषय पर मे विचार- सबसे पहले पालकों, समुदाय ,शिक्षकों को स्वच्छता के प्रति जिम्मेदारी को समझना होगा। बच्चों को भी इस विषय में बताना होगा।1 सबसे पहले तो बच्चों के व्यक्तिगत स्वच्छता पर निगरानी तय करनी होगी।
ReplyDelete2 दैनिक दिनचर्या में स्वच्छता के आदतों पर ध्यान देना होगा।
3 विद्यालय में ,कक्षा में स्वच्छ आदतों पर ध्यान देना होगा।
मैं आपके द्वारा दिए गए विचार का समर्थन करता हूँ। मैं एक शिक्षक होने के नाते इसका पालन करता हूँ।
ReplyDelete1. बच्चे शाला आने के पूर्व से ही स्वच्छता को ध्यान रखकर शाला के लिए तैयार होता है, शाला आने के पश्चात वह अपने कक्षा व शाला प्रांगण की साफ-सफाई भी देखते हैं। प्रार्थना के बाद बच्चे खुद ही अपने कतार के साथियों का साफ-सफाई जैसे- बाल, नाखून, कपड़ें गणवेश आदि की जाँच करते हैं।
2. शाला में दैनिक दिनचर्या के तहत बच्चे अपने हाथ-पैर , मुँह की सफाई स्वच्छ कपड़े, बालों में तेल कंघी, नाखूनों की सफाई आदि पर स्वयं घ्यान देते हैं छोटे बच्चों को थोड़ा समझाने की जरुरत पड़ती है।
3. विद्यालय व कक्षा में बच्चों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए उसे जोडऩे की जरुरत है, जैसे- अपने सहपाठी भाई-बहनों का नाखून काटना, बाल बनाना, खाने के समय हाथ धुलाना, कक्षा की साफ-सफाई व टाटपट्टी सही रखना व साफ -सुथरा रखना, आईने नेपकीन की सफाई , फूल पेड़-पौधों की देखभाल करना , खेल के समान व मैदान को साफ-सुथरा रखना आदि स्वच्छता के आदतों को बच्चे अपने दैनिक दिनचर्या में अपनाता है।
बच्चे जब स्कूल आते हैं ।तब उनके कपड़े साफ है या नही उनके नाखून और बाल कटे है की नही उनके दांत साफ है कि नही वे नहा कर आए हैं की नही । जिस जगह पर वे बैठते है वह जगह साफ है कि नही । इन सभी बातों से हम बच्चे की स्वच्छ आदतों का पता लगा सकते है।।
ReplyDeleteOk
ReplyDeleteबच्चों की साफ सफाई के लिए स्कूल के साथ-साथ पालकों का ध्यान देना बहुत ही जरूरी है यदि पालक ध्यान नहीं देंगे तो बच्चे भी स्वच्छता पर उतना ध्यान नहीं दे पाएंगे जितना देना चाहिए
ReplyDeleteमुझे लगता है हम बच्चो को स्वक्षता से परिचित कराते है पर बच्चे तो बच्चे,बड़े भी इस पर घोर लापरवाही करते है।
ReplyDeleteEske liye ye dekhna hoga ki bachche apne aap ki safai jaise roj nahana brush karna balo me kanghi karna nakhun kata hai ki nahi sath hi apne parivesh ko swachcha rakhne ke prati uska vyavhar kaisa hai aadi bato par dhyan dena hoga
ReplyDeleteविद्यालय में बच्चों की साफ सफाई की आदतों को विकसित किया जा सकता है। नाखूनों की साफ सफाई, खाने से पहले हैंड वाश, टॉयलेट को साफ रखना, अपने सामानों को व्यवस्थित रखना इत्यादि।
ReplyDeleteविद्यालय में बच्चों की साफ सफाई की आदतों को विकसित किया जा सकता है। नाखूनों की साफ सफाई, खाने से पहले हैंड वाश, टॉयलेट को साफ रखना, अपने सामानों को व्यवस्थित रखना इत्यादि। बच्चों को स्वयं साफ सुधरा रहने को प्रेरित किया जा सकता है।
ReplyDeleteस्वच्छता हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। खाने से पहले हाथ धोने तथा शौचालय से आने के बाद हाथ धोने की आदतों तथा स्वच्छता संबंधी अन्य आदतों पर निगरानी रखी जा सकती है।
ReplyDeleteस्वच्छता हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। खाने से पहले हाथ धोने तथा शौचालय से आने के बाद हाथ धोने की आदतों तथा स्वच्छता संबंधी अन्य आदतों पर शाला में विद्यार्थियों से बार-बार बताया और पालन करवाया जाए इस तरीके से बच्चों पर निगरानी रखी जा सकती है।
ReplyDeleteबच्चों मे साफ सफाई के बारे मे जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए।
ReplyDeleteसाफ सफाई k bare me jagruk kare
ReplyDeleteSwachshata ka gatividhi se prerit karna hai...shaf suthara bachcho ko demo ki tarh pesh kar sakte hai
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