कोर्स 01 (FLN) गतिविधि 3 : अपने विचार साझा करें
कोर्स 01
गतिविधि 3 : अपने विचार साझा करें
बुनियादी साक्षरता और संख्याज्ञान मिशन के महत्व के बारे में विचार करें और सोचें कि बुनियादी साक्षरता और संख्याज्ञान के लक्ष्यों व उद्देश्यों को प्राप्त करने में ईसीसीई की क्या भूमिका हो सकती है? अपने विचार साझा करें।
सभी बच्चों को गतिविधियों पर आधारित शिक्षा प्रदान करना आवश्यक है
ReplyDeleteसभी बच्चों को गतिविधियां एवं लैंगिक समानता आधारित शिक्षा देना है।
Deleteखेल आधारित शिक्षा, सामानता आधारित शिक्षा हो।
DeleteECCE ke aadhar par hi ye tay ho payega ki teacher ko karna kya hai kyunki bachchon ke sath bachcha banna aasan kam nahi hai ECCE hi help karega teacher ki
DeleteSabhi ko dono trh k siksha mile
DeleteBuniyadi Shiksha bacchon mein Kale Kale ke sath padhne ka Vikas pradan karti hai
DeleteKhel AVN Samanta aadharit Shiksha mahatvpurn hai
DeleteBuniyadi Shiksha bacchon mein Khel Khel mein Dene se unka Vikas hota hai aur gatividhiyon seva activate Hain
Deleteबुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान मिशन उन बच्चों को बुनियादी आवश्यकताओं पर जोर देता है जो बच्चों की बाल अवस्था से बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान के अभ्यास कराने की बात करता है जिस प्रकार विभिन्न अध्ययनों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर पता चलता है कि यदि बच्चे को कक्षा तीसरी तक बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान नहीं होता वह बच्चा कहीं ना कहीं इस मिशन के उद्देश्यों को प्राप्त नहीं कर सकता है वह धीरे-धीरे बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान में पिछड़ जाता है जिससे वह कमजोर हो जाता है यह कमजोरी उसका अगले कक्षाओं में पूर्ण नहीं कराया जा सकता है। यदि बच्चे को बाल्यवस्था देखभाल एवं शिक्षा के माध्यम से जोड़कर बुनियादी साक्षरता ज्ञान पर विशेष जोर दिया जाए तो बच्चा कक्षा तीसरी तक बुनियादी साक्षरता एवं संख्या में समृद्ध हो जाएगा एवं आगे भाषा के कठिन अवधारणा एवं गणित की समस्याओं को सुलझाने में सक्षम हो पाएगा इसके लिए विभिन्न गतिविधियों जैसे खेल खेल के माध्यम से सीखने की आवश्यकता होगी।
Deleteबुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान बच्चों को खेल खेल गतिविधि आधारित शिक्षा प्रदान करना चाहिए
ReplyDeleteसभी बच्चों को गतिविधियां एवं लैंगिक समानता आधारित शिक्षा देना है।
Deleteबुनियादी साक्षरता में बच्चें अपने आसपास के परिवेश की चीज़ों की पहचान कर उनके नाम बता पाये ,छपे या लिखे शब्दों की पहचान चित्रों को देख कर कर पाए। चीज़ो को गिन पाये। इस प्रकार से लक्ष्य निर्धारित कर गतिविधि तैयार किया जाए।
ReplyDeleteबुनियादी साक्षरता और संख्याज्ञान के लक्ष्यों को पाने के लिए सामान्य बच्चों के साथ- साथ विशेष आवश्यकता वाले बच्चों का भी ध्यान रखना होगा।सीखना आनंददायक और आकर्षक होना चाहिए।
ReplyDeleteदिलीप कुमार वर्मा
सहा.शि.(एल. बी.)
शा.प्रा.शा.सुन्द्रावन
वि.ख. -पलारी
जिला - बलौदाबाजार (छ. ग.)
बुनियादी साक्षरता और संख्याज्ञान के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये स्थानीय शिक्षक ,जो बच्चों की भाषा, परिवेश से भलिभांति अवगत हो की आवश्यकता है।
ReplyDeleteVery good
ReplyDeleteGood
ReplyDeleteबुनियादी शिक्षा और संख्या ज्ञान बच्चों के सम्पूर्ण विकास की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण और निर्णायक भूमिका अदा करता है।।
DeleteSabhi bacchon ko sangya saksharta ke Aadhar per Shiksha pradan karna bahut avashyak hai
ReplyDeleteस्थानीय भाषा और खेल गतिविधि आधारित शिक्षा को बुनियादी साक्षरता संख्या ज्ञान लक्ष्य में शामिल कर किया जा सकता है
ReplyDeleteएवम इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पर्याप्त मानवी संसाधन का होना आवश्यक है
Buniyadi sakhcharta aur sankhyagyan ke lakchya ko prapt krne hetu sikhak dwara bachcho ki boli uccharan arth lipi aadi ko sahaj tarike se kraye jisse bacche ka savangin vikas ho.
ReplyDeleteसीखना आनंददायक और आकर्षक होना चाहिए। बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान के लिए मानवीय संसाधन होना आवश्यक है।
ReplyDeleteलीलाधर कोठारी
सहा शिक्षक एल बी
प्राथ शाला हांडीटोला
वि खंड अं चौकी
जिला राजनांदगांव
जिन बच्चों की सीखने की गति धीमी है उनको विशेष ध्यान में रखते हुए संसाधनों का निर्माण किया जाए।
ReplyDeleteबुनियादी साक्षरता और संख्याज्ञान के लक्ष्यों को पाने के लिए सामान्य बच्चों के साथ- साथ विशेष आवश्यकता वाले बच्चों का भी ध्यान रखना होगा।सीखना आनंददायक और आकर्षक होना चाहिए।
ReplyDeleteपूर्व प्राथमिक के बच्चे एक गीली मिट्टी की तरह होते है। उसे जैसे आकार देंगें वे वैसे ही ढल जाते है।अतः बच्चों को तनाव रहित खेल-खेल मे बच्चों को सीखना चाहिए।,जबरिया नहीं।
Deleteबुनियादी साक्षरता एवं सीखने में सामान्य बच्चों के साथ विशेष आवश्यकता वाले बच्चों का भी ध्यान रखना होगा।
ReplyDeleteबच्चों को प्रारंभिक शिक्षा उनकी मातृभाषा के माध्यम से दिया जाए तो वे जल्दी सीखेंगे.जिससेे सीखना आनंददायी एवं आकर्षक होगा. रवींद्र कुमार सिंह, सहायक शिक्षक प्राथमिक शाला देऊरभांठा, विकास खण्ड_पाली, जिला_कोरबा.
ReplyDeleteईसीसीई की भूमिका सामान्य और विषेश आवश्यकता वाले बच्चों को लेकर उनमें बुनियादी ज्ञान और संख्या ज्ञान को विकसित करना है
ReplyDeleteशिक्षा को बुनियादी साक्षरता संख्या ज्ञान लक्ष्य में शामिल कर किया जा सकता है
ReplyDeleteएवम इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पर्याप्त मानवी संसाधन का होना आवश्यक है.Rajesh mathur
स्थानीय भाषा का उपयोग करना चाहिए
ReplyDeleteखेल_खेल में व स्थानीय भाषा का शिक्षा में उपयोग कर लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है
ReplyDeleteबुनियादी शिक्षा के लक्ष्य को पूरा किया जा सकता है केवल टीमवर्क से ही
ReplyDeleteकिसी एक पर पूरी जिम्मेदारी छोड़ देने से हम आधारभूत शिक्षा पठन लेखन आधारभूत अंकगणित पूर्ण नहीं कर सकते शिक्षक, पालक, समुदाय व प्रशासनिक गतिविधि का पूर्ण प्रयासों से सफल हो सकते हैं। निपुण भारत बनाने के लिए हम सब को भी निपुण बनना पड़ेगा । अपने दायित्व का निर्वहन यदि सभी सही ढंग से करें तो हम 3 से 9 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों को पढ़ने लिखने और संख्या ज्ञान के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं
बुनियादी शिक्षा और संख्या ज्ञान के लक्ष्यों को पाने लिए ईसीसीई की महत्वपूर्ण भूमिका है।ईसीसीई ने बच्चों के आयु अनुसार आकर्षक,इंडोर-आऊटडोर खेल,समावेशी शिक्षा,लेखन,पठन, अंकगणित जैसे अनेक कौशलों को शामिल किया है।
ReplyDeleteईसीसी के माध्यम से बुनियादी संख्या ज्ञान एवं साक्षरता बहुत ही आवश्यक है इसके माध्यम से बच्चे बुनियादी स्तर की संख्या ज्ञान और साक्षरता यानी भाषा को सीख पाएंगे और बच्चे आगे पढ़ने लिखने में सहज हो पाएंगे।
ReplyDeleteबुनियादी साक्षरता आज के समय मे बहुत ही आवश्यक है, बच्चे किसी भी चीज को स्वयं करके सीखते है, बच्चो को अधिक से अधिक गतिविधि एवं खेल आधारित शिक्षा तथा समूह में क्रियाकलाप करने के लिए पूरा समय देना चाहिए इसमें पालको को भी शामिल करना चाहिए।
ReplyDeleteBachcho ko gatividhi ke liye pura samay diya jana chahiye.
ReplyDeleteबुनियादी साक्षरता आज के समय मे बहुत ही आवश्यक है, बच्चे किसी भी चीज को स्वयं करके सीखते है, बच्चो को अधिक से अधिक गतिविधि एवं खेल आधारित शिक्षा तथा समूह में क्रियाकलाप करने के लिए पूरा समय देना चाहिए इसमें पालको को भी शामिल करना चाहिए।
ReplyDeleteसुशील कुमार आडिल
सहा.शिक्षक (एल.बी.)
प्रा.शाला खपरी
Name: Mohammad Faheem( Shikshamitra)
DeleteP. S. Shekhana Nagram, Block मोहनलालगंज, डिस्ट्रिक्ट लखनऊ
छात्रों का सीखना us samay aanandit, ruchikar wa aakarshak ho sakta hai jab in bachcho ke साथ साथ विशेष आवश्यकता वाले बच्चो पर भी ध्यान दिया जाए। बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शिक्षकों को बच्चो को भाषा, परिवेश आदि से भलीभांति परिचित होने की आवश्यकता है। स्थानीय भाषा और खेल गतिविधि आधारित शिक्षा को बुनियादी साक्षरता संख्याज्ञान लक्ष्य में सम्मिलित किया जा सकता है। E C C E ke लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु पर्याप्त मानवीय संसाधनों की नितांत आवश्यकता है।
इस प्रकार भारत को निपुण भारत बनाने के लिए हम सब को निपुण बनना होगा।
THANK SO MUCH
बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान बच्चों को निश्चित तौर पर प्रारंभिक चरण में अच्छे से सिखाना बहुत आवश्यक है।
ReplyDeleteबच्चों के साथ स्थानीय भाषा का प्रयोग करना एवं अधिक से अधिक क्रियात्मक कार्य करना आवश्यक है।
ReplyDeleteVery good
ReplyDeleteबुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बच्चों को खेल खेल के माध्यम से गतिविधि आधारित और स्थानीय भाषा का उपयोग कर शिक्षा प्रदान करना चाहिए ।
ReplyDeleteसीखने की क्रिया आनंददायक और आकर्षक होने पर ही बच्चे रुचि लेते हैं। बुनियादी साक्षरता और संख्याज्ञान के लक्ष्यों को पाने के लिए सामान्य बच्चों के साथ- साथ विशेष आवश्यकता वाले बच्चों का भी ध्यान रखना होगा।
ReplyDeleteप्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल शिक्षा(ईसीसीई)मुख्य रूप से लचीली ,बहुआयामी,बहुस्तरीय, खेल आधारित, गतिविधि आधारित शिक्षा प्रणाली है।इस प्रकार बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान के लक्ष्यों व उद्देश्यों को प्राप्त करने मे ईसीसीई की महत्वपूर्ण भूमिका है।
ReplyDeleteBuniyadi saksharta va sankhya gyan ke lakshyo evm uddeshyo ki purti ke lie bachcho ko gatividhi aadhaarit shiksha dena or tlm ka adhik se adhik upyog karna chahie
ReplyDeleteबुनियादी साक्षरता और संख्यज्ञान के लक्ष्य प्राप्ति हेतु बच्चो को गतिविधि आधारित ज्ञान आवश्यक है। साथ ही उनके मातृभाषा में समझाना जरूरी है ।जिससे बच्चे आसानी से सीख सके एवम् दक्षता हासिल कर सके।
ReplyDeleteबुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान बच्चों को निश्चित तौर पर सिखाना सहज ही आवश्यक है प्रारंभिक चरण में बच्चे की लर्निंग केपैबिलिटी तीव्र होती है अतः बुनियादी ज्ञान अच्छे से सिखाना बहुत आवश्यक है।
ReplyDeleteबुनियादी साछरता और् संख्या ज्ञान के लक्ष्य को पाने के लिए बालक, पालक ,चालक(शिछक)तीनो का योगदान आवश्यक है
ReplyDeleteबुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान हेतु बच्चों को विद्यालय एवं घर परिवार में स्वस्थ एवं ज्ञानवर्धक माहौल आवश्यक है जो कि रुचि पूर्ण शिक्षण खेल खेल में शिक्षा एवं स्वयं करके गतिविधि आधारित शिक्षण है
ReplyDeleteस्थानीय भाषा और खेल गतिविधि आधारित शिक्षा को बुनियादी साक्षरता संख्या ज्ञान लक्ष्य में शामिल कर किया जा सकता है
ReplyDeleteएवम इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पर्याप्त मानवी संसाधन का होना आवश्यक है
श्री मति एम बी बंजारे
प्राचार्य
शास उच्च माध्य विद्यालय सेलुद
बच्चों को बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान को गतिविधि से शिक्षा दिया जाना चाहिए।
ReplyDeleteबुनियादी साक्षरता में बच्चें अपने आसपास के परिवेश की चीज़ों की पहचान कर उनके नाम बता पाये और बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान को शामिल कर पर्याप्त संसाधनों का उपयोग कर जल्दी सीखने में मदद करें । बच्चों की शुरुवाती शिक्षा उनकी मातृभाषा में ताकि बच्चे अधिक तेजी से सीख सकें।
ReplyDeleteई सी सी ई के तहत हमें भाषा, इंडोर और आउट डोर खेल, तर्क आधारित शिक्षण को कक्षा में अपनाकर बच्चे में नैतिकता, शिष्टाचार, सहयोग की भावना का विकास कर ना होगा तभी 2025 तक पूर्ण रूप से लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं।
ReplyDeleteधन्यवाद
बहुत सुंदर पहल है
ReplyDeleteफाउंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमेरेसी केक लक्ष्य और उद्देश्यों को पूरा करने में ECCE का महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है वो बचपन अवस्था ही वह अवस्था है जब बच्चे भाषा सीखने की दृष्टि से बहुत लचीले होते हैं इसमें बच्चा अपना मातृभाषा और अपनी दूसरी भाषा सीखने में सक्षम होता है
ReplyDeleteबुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान मिशन के महत्व को रेखांकित करने के लिए मैं महाभारत के उस प्रसंग का वर्णन करना चाहूंगा जिसमें अभिमन्यु को चक्रव्यूह के अंदर प्रवेश करने का ज्ञान अपनी मां के गर्भ से ही हो गया था अर्थात बच्चा जो है मां के गर्भ से ही सीखना प्रारंभ कर देता है, तो बच्चों को सीखने सिखाने की प्रक्रिया से जोड़ने के लिए इंतजार नहीं करना चाहिए। बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान मिशन के माध्यम से बच्चों को प्राथमिक स्तर की शिक्षा के लिए एक मजबूत आधार प्रदान होगा।
ReplyDeleteडिजिटल सामग्री के माध्यम से गतिविधि कराई जाए जिससे कि बच्चे देखकर और सुनकर मनोरंजन के रुप में सीख सकें...
ReplyDeleteबुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान मिशन में इसीसीई का महत्वपूर्ण भूमिका है क्योंकि इसके द्वारा बच्चों के सीखने सीखाने की प्रक्रिया को मजबुती प्रदान किया जा सकता है इसके द्वारा बच्चे पढ़ने लिखने के कौशल एवं संख्या ज्ञान को आसानी से सीखकर अपने दैनिक जीवन में उपयोग कर सकते है ।
ReplyDeleteबच्चों की सक्रिय भागीदारी के लिए रोचक गतिविधियां कार्य योजना समूह में सीखा कर सक्रिय भागीदारी बढाऊगां। बच्चों को सरल एवं रोचक तरीके से भयमुक्त एवं आनंदमयी वातावरण में सिखाऊंगा। यह कोर्स बच्चों के भाषा सीखने संबंधित विषयों पर आधारित है। यह सभी विषय एक दूसरे के साथ आपस में जुड़े हुए हैं।
ReplyDeleteबुनियादी शिक्षा से ही बच्चे का सर्वांगीण विकास होगा क्योंकि बच्चा अगर मुलभुत शिक्षा लेखन पठन व संख्या ज्ञान को नही समझा तो आगे जाकर पढाई करने मे दिक्कत होगी।
ReplyDeleteबुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान ईसीसीई में महत्वपूर्ण स्थान रखता है इसके माध्यम से हम बच्चों को उपलब्ध साधनों के माध्यम से खेल खेल में शिक्षण करा सकते हैं
ReplyDeleteFoundation of learning begins with parents but to the first generation learner preschool ing performance is like that. Studies proves that as sounds the preschoolers in beginning the remaining same in future.
ReplyDeleteBuniyadi sakchharta bachcho k vikas me mahatvapoorn hai
ReplyDeleteबुनियादी शिक्षा और संख्या ज्ञान खेल गतिविधि आधारित होना चाहिए
ReplyDeleteबुनियादी शिक्षा और संख्या ज्ञान के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए ईसीसीई की भूमिका अति महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें बच्चों को उनके आयु के अनुरूप समावेशी शिक्षा, लेखन ,पठन ,अंक गणित,खेल खेल में सीखना सिखाना जैसे अनेक कौशल को शामिल किया गया है।
ReplyDeleteBachcho ko unki aayu anurup shiksha uplabdh kraya jana chahiye. Jisse unka sarwangid vikas ho paye
ReplyDeleteबुनियादी शिक्षा और संख्याज्ञान मिशन के उद्देश्यों को प्राप्त करने में E C C E की विशेष भूमिका है। कयूकी ECCE में बच्चों के जन्म से लेकर प्रारंभिक शिक्षा के पूर्ण होने तक बच्चों के शारीरिक मानसिक बौद्धिक और समग्र विकास पर जोर दिया जाता है।
ReplyDeleteबुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान मिशन का महत्वपूर्ण भूमिका है इसमें बच्चों की आयु अनुसार लेखन पठन अंकगणित समावेशी शिक्षा खेल योगा इत्यादि शामिल है।
ReplyDeleteईसीसीई भूमिका - सामान्य और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को लेकर उन्हें बुनियादी ज्ञान और संख्या ज्ञान को विकसित करना है।
गतिविधि अधारित शिक्षा सबसे अच्छा शिक्षानीति है|
ReplyDeleteParivesh par aadharit gatividhi karana chahiye.
Deleteप्राथमिक विद्यालय विजयपुर वा चकिया चंदौली
Deleteबुनियादी शिक्षा और संख्या ज्ञान का परिचय देना अति आवश्यक है क्योंकि बच्चों को बुनियादी शिक्षा में शुरुआती समझ का ज्ञान होना बहुत जरूरी है साथ ही साथ आईसीटी के प्रयोग से बच्चों में अधिक क्षमता पैदा होती है यह यह एक अच्छी पहल है इसका प्रभाव भविष्य में बच्चों के अंदर जरूर नजर आएगा
शुरुआत से ही सभी बच्चों को खेल पर आधारित विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से शिक्षा तो देनी ही चाहिए साथ ही साथ उनमें बचपन से ही जेंडर आधारित शिक्षा भी आवश्यक है और उनको विभिन्न समूहों में बैठाकर जिसमें बालक बालिकाएं दोनों शामिल हो आधार पर शिक्षा दें तभी सार्थक होगा
ReplyDeleteखेल_खेल में व स्थानीय भाषा का शिक्षा में उपयोग कर लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता हैशुरुआत से ही सभी बच्चों को खेल पर आधारित विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से शिक्षा तो देनी ही चाहिए साथ ही साथ उनमें बचपन से ही जेंडर आधारित शिक्षा भी आवश्यक है और उनको विभिन्न समूहों में बैठाकर जिसमें बालक बालिकाएं दोनों शामिल हो आधार पर शिक्षा दें तभी सार्थक होगा
ReplyDeleteआधारित विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से शिक्षा तो देनी ही चाहिए साथ ही साथ उनमें बचपन से ही जेंडर आधारित शिक्षा भी आवश्यक है और उनको विभिन्न समूहों में बैठाकर जिसमें बालक बालिकाएं दोनों शामिल हो आधार पर शिक्षा दें तभी सार्थक होगा
ReplyDeleteखेल - खेल में एवं स्थानीय भाषा का प्रयोग करके लक्षय प्राप्त किया जा सकता है।
ReplyDeleteगतिविधि आधारित शिक्षा सबसे अच्छा शिक्षानीति है|
ReplyDeleteखेल - खेल के द्वारा विद्यार्थीयॉ को शिक्षा दिया जा सकता है
ReplyDeleteबुनियादी शिक्षा और संख्या ज्ञान के लिए प्री शिक्षा का मूल उदेशय स्पस्ट होना अति आवश्यक है। क्यों की कई बार हम पुराने रीती से पढ़ाते जाते है। और कई बच्चे इस शिक्षा से वंचित हो जाते है।
ReplyDeleteखेल खेल में शिक्षा इसका बेहतर परिणाम देखने को मिला है, और यह प्रणाली बच्चों को सीखने सिखाने में बहुत मददगार है।
ReplyDeleteप्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल शिक्षा(ईसीसीई)मुख्य रूप से लचीली ,बहुआयामी,बहुस्तरीय, खेल आधारित, गतिविधि आधारित शिक्षा प्रणाली है।इस प्रकार बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान के लक्ष्यों व उद्देश्यों को प्राप्त करने मे ईसीसीई की महत्वपूर्ण भूमिका है।
ReplyDeleteखुशहाली सोनी
सहायक शिक्षक
P/s ढाबाडीह
संकुल खजूरी
बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्री-प्रारम्भिक ज्ञान का परिवेश,गतिविधि आधारित ज्ञान,अक्षर ज्ञान,अंक ज्ञान पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है ।धन्यवाद
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteबच्चों को खेल के माध्यम एवम माता पिता के सहयोग सर उनकी भाषा मे शिक्षा दिया जाए
ReplyDeleteपूर्व प्राथमिक कक्षा के बच्चे को सुरक्षात्मक रूप से खेल-खेल में बुनियादी शिक्ष एवं संख्याज्ञान उच्च कक्षा के लिए मजबूत आधार का काम करता है।
ReplyDeleteबुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान के लक्ष्यों को पाने के लिए सामान्य बच्चों के साथ- साथ विशेष आवश्यकता वाले बच्चों का भी ध्यान रखना होगा तथा विद्यालय में वातावरण निर्माण मुख्यतः होना चाहिए
ReplyDeleteदीनानाथ चंद्रवंशी
सहा.शि.(एल. बी.)
शा.प्रा.शा.खरहट्टा
वि.ख. - बोडला
जिला - कबीरधाम (छ. ग.)
बुनियादी शिक्षा बहुत ही जरूरी है
ReplyDeleteजितने भी कमजोर बच्चे है उसे पहले लेखन व पठन संख्यात्मक कौशलों से जरूर जोड़ना चाहिए जिसे बच्चे का विकास हो सके। सभी को समान दृष्टि कोन से देखा जाए।
पूर्व प्राथमिक के बच्चे एक गीली मिट्टी की तरह होते है। उसे जैसे आकार देंगें वे वैसे ही ढल जाते है।अतः बच्चों को तनाव रहित खेल-खेल मे बच्चों को सीखना चाहिए।,जबरिया नहीं
ReplyDeleteबच्चो को व्यवहारिक शिक्षा मनोरंजक तरीके से प्रदान किया जाना चाहिए साथ ही साथ बुनियादी शिक्षा में ज्यादा प्रयोगों से बचना चाहिए।
ReplyDeleteTeacher should be like a friend for students.
ReplyDeletevery important
ReplyDeleteखेल खेल में शिक्षा
ReplyDeleteबच्चों के लिए बुनियादी शिक्षा बहुत ही जरूरी है लेकिन बुनियाद को अच्छा रखने के लिए शिक्षक बहुत ही प्रयास करता है लेकिन प्राथमिक शालाओं में शिक्षकों की कमी हमेशा देखी गई है नन्हे-मुन्ने बच्चों के के लिए यही समस्या सीखने में बाधक बनती है जब शासन यह मानती है कि बुनियाद ठीक होगा तो सब ठीक होगा
ReplyDeleteबुनियादी साक्षरता व संख्या ज्ञान में ईसीसीई की विशेष भूमिका है । यह इसके लिए बहुत जरूरी है।
ReplyDeleteIt is important for children overall Growth.
ReplyDeleteबुनियादी साक्षरता तथा संख्या ज्ञान (FLN) बच्चों में प्रारंभिक स्तर (कक्षा तीन तक) से ही पढने , लिखने तथा संख्या ज्ञान की बुनियादी समझ निर्माण करने पर बल देता है I इसका लाभ यह होगा कि बच्चे आगे की कक्षाओं में निर्धारित पाठ्यक्रम को सहजता और सरलता से पूरा कर सकेंगे, साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता भी बेहतर हो सकेगी I
ReplyDeleteगुणवत्तापूर्ण शिक्षा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रमुख उद्देश्यों में से एक है I इस लक्ष्य को तभी प्राप्त किया जा सकता है जब शिक्षा आधार अर्थात प्रारंभिक स्तर से ही शिक्षा सशक्त और गुणवत्तापूर्ण हो I FLN इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु आरंभिक और अत्यंत महत्वपूर्ण पहल है I
चिमन लाल साहू
सहायक शिक्षक
शासकीय प्राथमिक शाला खम्हरिया (यदु)
विकासखण्ड- बलौदाबाजार
जिला –बलौदाबाजार ( छत्तीसगढ़ )
बच्चो को खेल .खेल में संख्या ज्ञान व बुनियादी शिक्षा में ECCE की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है और जरुरी भी है
ReplyDeleteबुनियादी साक्षरता और संख्याज्ञान मिशन के लक्ष्यो और उद्देश्यों को प्राप्त करने में ECCE की एक बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।इसमें हम बच्चों को उचित अवसर एवम् सक्षम माहौल प्रदान कर खेल खेल में मिशन के लक्ष्यों एवम् उद्देश्यों को प्राप्त कर सकते हैं।
ReplyDeleteबुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान के लिये ECCE की महत्वपूर्ण भूमिका है.!
ReplyDeleteबुनियादी शिक्षा के अंतर्गत बच्चों के पठन कौशल, लेखन कौशल और गणितीय समझ विकसित होगी जो आगे की कक्षाओं के लिए आवश्यक है।
ReplyDeleteखेल आधारित शिक्षा, सामानता आधारित शिक्षा हो।
ReplyDeleteशिक्षा को बुनियादी साक्षरता संख्या ज्ञान लक्ष्य में शामिल कर किया जा सकता है
ReplyDeleteBasic literacy and number knowlege is primary tool for mental development
ReplyDeleteगतिविधि आधारित शिक्षा से प्राप्त ज्ञान स्थायी होता है।
ReplyDeleteबच्चो को खेल और गतिविधि से सिखाने में वे अच्छे से सीखते है और यह सीखा हुआ ज्ञान स्थाई रहता है और उनका मानसिक विकास में भी मदद मिलती है
ReplyDeleteछात्रों के सर्वांगीण विकास मे सहायक है।
ReplyDeleteActivities are important to learn with fun
ReplyDeleteबुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान के उद्देश्य स्वतंत्र पठन एवं स्वतंत्र लेखन बच्चों में शामिल करना जिसके अंतर्गत बच्चों को योग्य बनाने हेतु शिक्षक, समुदाय तथा अन्य वरिष्ठजनों ,कामगारों को सम्मिलित रूप से मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता पर बल देना तथा उनके बुनियादी ज्ञान को विकसित करना है |][यह का मुख्य उद्देश्य ह
ReplyDeleteबच्चे आगे सीख पाने में सक्षम होंगे।सीखने में उन्हें सरलता होगी।
ReplyDeleteबच्चों को स्थानीय भाषा के साथ जोड़कर गतिविधियों ,खेलों और मौखिक रूप से सिखाया जाये।
ReplyDeleteस्थानीय भाषा और खेल गतिविधि आधारित शिक्षा होनी चाहिए ,बुनियादी साक्षरता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आसपास के वातावरण और मानवी संसाधन आवश्यक है साथ में पालकों को भी बच्चों को घर में उचित मार्गदर्शन करना चाहिए
ReplyDeleteबुनियादी शिक्षा के लिए आधारित गतिविधियाँ होनी चाहिए I
ReplyDeleteछात्रों के जीवन के पहले 6 छः वर्ष अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। इन वर्षों में छात्र बहुत कुछ सीख सकते हैं तथा भाषाओं और संख्यायों का ज्ञान इस उम्र में प्राप्त करने से जीवनपर्यंत काम आता है और इस ज्ञान को आसानी से बच्चों तक पहुचाने का काम ईसीसीई स्कूल द्वारा आसानी से और मनोरंजक तरीके से किया जा सकता है।
ReplyDeleteकरनपाल सिंह (स.अ.)
उ प्रा विद्यालय शेरनी
ब्लॉक राया
जिला मथुरा
गतिविधि आधारित शिक्षा होना चाहिए
ReplyDeleteस्कूलों मे इस तरह का माहौल बनाया जाए कि
ReplyDeleteबच्चे अपने आस पास कि चीजों को पहचान सके, उनके नाम लिख सकें और उनको गिन सके ।
बुनियादी साक्षरता और संख्याज्ञान मिशन के लक्ष्यो और उद्देश्यों को प्राप्त करने में ECCE की एक बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।इसमें हम बच्चों को उचित अवसर एवम् सक्षम माहौल प्रदान कर खेल खेल में मिशन के लक्ष्यों एवम् उद्देश्यों को प्राप्त कर सकते हैं।
ReplyDeleteभावना खत्री, सहायक शिक्षक, स्टेशन पारा, राजनांदगांव
ईसीसीई के माध्यम से बच्चे खेल खेल में कहानियों के माध्यम से चित्रों के माध्यम से खुले वातावरण में रंगों, आकारो और अंकों और अक्षरो का पहचान कर लेते है इस तरह ईसीसीई बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान के लक्ष्यों को प्राप्त करने में अहम भूमिका निभाती है ।
ReplyDeleteलैंगिक समानता का होना अनिवार्य है, समाज में आज भी लड़कों को ज़्यादा महत्व दिया जा रहा है ।
ReplyDeleteबच्चो को खेल .खेल में संख्या ज्ञान व बुनियादी शिक्षा में ECCE की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है और जरुरी भी है|
ReplyDeleteमहामारी के पश्चात प्राथमिक स्तर के बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहायक सिद्ध होगा।
चंद्रवीर मेश्राम
सहायक शिक्षक
शा. प्राथमिक शाला कुरुदडीह
खेल के माध्यम से बच्चों को संख्या ज्ञान कराया जा सकता है।
ReplyDeleteखेल एवं गतिविधियां बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान के लक्ष्यों को पर्याप्त करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसे और अधिक प्रभावशाली बनाया जा सकता है। इसके लिए शिक्षकों के साथ साथ अभिभावकों को को भी इस मिशन से जोड़ना होगा।
ReplyDeleteSchool me es tarah ka mahaul bnaya jaaye ki bachhe apne aas pass Ki chijo pahachan sake unke naam likh sake or unko gin sake...
ReplyDeleteBuniyadi Shiksha or Sankhya gyan ko saral VA satic banane me ECCE ka bahut yogdan ha .jisse bache apni ruchi or star anurup prapt ka sake.
ReplyDeleteGovt. P/S Kastura
Block :- Duldula
Dist. :- Jashpur ( C.G.)
Khel khle me padhai aur sikhne k liye rochak garividhiyo ka hona baccho k sikhne k star ko badhayegi
ReplyDeleteबुनियादी शिक्षा और संख्या ज्ञान विकसित करने में ई सी सी ई की बहुत बड़ी भूमिका है क्योंकि बच्चों को अपने परिवेश में खेल के माध्यम से पठन पाठन लेखन कौशल का विकास होगा|
ReplyDeleteबुनियादी शिक्षा और संख्या ज्ञान विकाशित करने में ई सी सी ई की बहुत बड़ी भूमिका है क्योंकि बच्चों को अपने परिवेश में खेल के माध्यम से पठान पठान लेखन कौशल का विकाश होगा।
ReplyDeleteECCE के माध्यम से होने वाली गतिविधि बच्चों के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
ReplyDeleteबुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान 3 से 9 वर्ष तक के बच्चों में ही ही जाना चाहिए। इस स्टार तक बच्चो को अपनी लोक भाषा और राष्ट्र भाषा को पढ़ना लिखना और संख्यात्मक ज्ञान हो इसके लिए खेल आधारित , उन्मुक्त खुला वातावरण , लैंगिक समानता पूर्ण शिक्षा ही सहयोग प्रदान करेगी।
ReplyDeleteबुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान मिशन का मुख्य लक्ष्य यह है कि ३-९ वर्ष के बच्चों में पढ़ना , लिखना एवं संख्या ज्ञान आ जाना है इसके लिए हम शिक्षकों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है।
ReplyDelete3से 9वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों के लिए ई सी सी ई प्रथम चरण तथा 11से 14वर्ष के लिए द्वितीय चरण । क्योंकि 3से 5वर्षके बीच बच्चों 85%दिमाग विकसित हो जाता है ऐसा माना जाता है। ले किन ऐसा सब बच्चों के साथ नहीं होता है । 10 -11वर्ष की आयु में बच्चों में बदलाव आने लगता ।इसी प्रकार 14-16वर्ष आयु के बीच । अतः ईसीसीई का तृतीय चरण भी हो ।
ReplyDeleteशाला में मनोरंजन पूर्वक गतिविधि होना चाहिए जिससे छात्रों का रुझान बढ़े,,
ReplyDeleteCece bacchon ko Apne a sthaniya parivesh se ek Bade parivesh mein samayojan karne mein mein sahayata Karega AVN unke a a ki matra likhane ki chamta ko co-ed Behtar dhang se a hi khane mein Main sahayata Karega
ReplyDeleteसभी को दोनों तरह की शिक्षा मिलने आवश्यक है
ReplyDeleteसभी को दोनों प्रकार की शिक्षा मिली आवश्यक है
ReplyDeleteबुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान में ECCE की महत्वपूर्ण भूमिका है, क्योंकि बच्चों के सीखने की गति तीव्र होती है।
ReplyDeleteसभी बच्चों को गतिविधि आधारित शिक्षा प्रदान करनी चाहिए
ReplyDeleteBuniyadi Sikha ar sankhya gyan sikhnane ke liye gatividhi ke sat sath sikhnane ke liye uchit vatavaran hona chahiye
ReplyDeletegatividji adharit class me bacche sikhte h ar buniyadi sikha me ECCE ki mahatvpurn bhumika h
ReplyDeleteनेहा मिश्रा
ReplyDeleteसभी बच्चो को गतिविधि आधारित शिक्षा प्रदान करनी चाहिए
BAcche khel khel me anand lekar sikhenge, unhe maza aega sikhne me jo ki unke buniyadi Shiksha aur ank gyan ko badhaega .
ReplyDeleteबुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान के लक्ष्य को प्राप्त करने की आवश्यकता है। बच्चों को खेल-खेल में गतिविधियों के माध्यम से शिक्षा देनी चाहिए। जिससे बच्चों को लेखन,पठन एवं गणितीय कौशल का विकास हो सके।
ReplyDeleteबचपन मे सीखी ज्ञान स्थिर रहता है, अतः ई सी सी ई बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान में अहम भूमिका निभा सकती है।
ReplyDeleteशिक्षा को बुनियादी साक्षरता संख्या ज्ञान लक्ष्य में शामिल कर किया जा सकता है
ReplyDeleteएवम इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पर्याप्त मानवी संसाधन का होना आवश्यक है.
बुनियादी साक्षरता, संख्या ज्ञान बहुत ही जरूरी लक्ष्य है। इसमें एक और महत्व पूर्ण बात है बच्चों की नियमित उपस्थिति, जो बच्चे नियमित होते है उनके सीखने की दर अधिक होती है। अगर 3री तक पढ़ने आ जाये गणितीय संक्रिया करना आ जाये तो विकास तेज होता है।
ReplyDeleteबुनियादी साक्षरता और संख्याज्ञान मिशन के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा उनकी मातृभाषा के माध्यम से दिया जाए तो वे जल्दी सीखेंगे.जिससेे सीखना आनंददायी एवं आकर्षक होगा. खेल-खेल शिक्षा बच्चों को ज्यादा रुचिकर लगता है।
ReplyDeleteपंचराम ठाकुर, सहायक शिक्षक
शास. प्राथ. शाला - बिहाझर,
विकास खण्ड - बागबाहरा
जिला- महासमुन्द (छ.ग.)
पुस्तक पढ़ने का अभ्यास भी एक गतिविधि है।
ReplyDeleteबुनियादी शिक्षा बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है अगर प्रारंभिक शिक्षा में बच्चों का भाषा ज्ञान और संख्या ज्ञान अच्छे से नहीं होगा तो उन्हें आगे की पढ़ाई में बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा और वह पिछड़ जाएंगे इसीलिए बुनियादी शिक्षा के माध्यम से बच्चों को पठन लेखन और संख्याओं का ज्ञान दिया जाना चाहिए जिससे आगे की पढ़ाई के लिए उनमें आत्मविश्वास की वृद्धि होगी और पढ़ाई के प्रति रुचि जागृत होगी
ReplyDeletegatividji adharit class me bacche asani se annad dayak watawarn me sikhte h ar buniyadi sikha me ECCE ki mahatvpurn bhumika h
ReplyDeleteBachche activities adharit teaching method se manoranjak watawarn me jaldi sikhte hai
ReplyDeleteGood job
ReplyDeleteFLZ मिशन के तहत बुनियादी शिक्षा और संख्या ज्ञान 8 साल तक के उम्र के बच्चों को हो जायेगा। जीवन के मजबूत आधार के लिए यह जरुरी है। ECCE पाठ्यक्रम को कक्षा तीन तक उन्नत करने से इस लक्ष्य को आसानी से हासिल किया जा सकता है।
ReplyDeleteईसीसीई पाठ्यक्रम को खेल आधारित कर आनंद दायक बनाया जाए ताकि बच्चे खेल-खेल में ही संख्या ज्ञान में पारंगत हो जाएं।
ReplyDeleteबुनियादी साक्षरता आनंददायक हो खेल खेल में हो प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा दी जानी चाहिए।
ReplyDeleteसी एम साहू
शास उच्च मा विद्यालय दारगाव
Bacche khel khel m asani s sikhte h
ReplyDeleteबुनियादी सुविधाओं को बढ़ावा देना होगा औऱ संख्या ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए हम सभी को मिलकर और प्रयास करना होगा।
ReplyDeleteबुनियादी साक्षरता और संख्याज्ञान के लक्ष्यों को पाने के लिए सामान्य बच्चों के साथ- साथ विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को भी सहभागी बनाते हुए बच्चों का सीखना आनंददायक, आकर्षक, मनोरंजक, ज्ञानवर्धक, गतिविधि आधारित होना चाहिए।
ReplyDeleteखेल आधारित शिक्षा समानता आधारित शिक्षा हो सभी बच्चों को गतिविधियों पर आधारित शिक्षा प्रदान करना आवश्यक है जिन बच्चों की सीखने की गति धीमी है उनको विशेष ध्यान में रखते हुए संसाधनों का निर्माण किया जाएगा उनको शिक्षा प्रदान किया जाना चाहिए।।।
ReplyDeleteबुनियादी साक्षरता व संख्या ज्ञान बच्चो हेतु जरूरी है।जीवन भर उपयोग आता है।हालांकि infrastructure की कमाई से बच्चे पिछड़ रहे।शासन को और ध्यान देने की जरूरत है।
ReplyDeleteKhel khel me shiksha dena
ReplyDeleteबुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान में ईसीसीई की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है।
ReplyDeleteईसीसीई से बचे अचछी तरह सेसीखतेहै इसिलिए इसेशिक्षको पालको तथा समाज के लोगो कोसहयोग करना चाहिए
ReplyDeleteखेल आधारित शिक्षा बच्चो के लिए उपयोगी।
ReplyDeleteसीखने के लिए बेहद जरुरी है।
ReplyDeleteबुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान खेल खेल गतिविधि आधारित शिक्षा प्रदान करना चाहिए ।
ReplyDeleteबुनियादी शिक्षा के लक्ष्य को पूरा किया जा सकता है केवल टीमवर्क से ही
ReplyDeleteकिसी एक पर पूरी जिम्मेदारी छोड़ देने से हम आधारभूत शिक्षा पठन लेखन आधारभूत अंकगणित पूर्ण नहीं कर सकते शिक्षक, पालक, समुदाय व प्रशासनिक गतिविधि का पूर्ण प्रयासों से सफल हो सकते हैं। निपुण भारत बनाने के लिए हम सब को भी निपुण बनना पड़ेगा । अपने दायित्व का निर्वहन यदि सभी सही ढंग से करें तो हम 3 से 9 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों को पढ़ने लिखने और संख्या ज्ञान के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं
प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल शिक्षा(ईसीसीई)मुख्य रूप से लचीली ,बहुआयामी,बहुस्तरीय, खेल आधारित, गतिविधि आधारित शिक्षा प्रणाली है।इस प्रकार बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान के लक्ष्यों व उद्देश्यों को प्राप्त करने मे ईसीसीई की महत्वपूर्ण भूमिका है।
ReplyDeleteबुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान खेल आधारित और गतिविधि आधारित होना चाहिए। इसके लिए शिक्षकों का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।
ReplyDeleteबुनियादी साक्षरता आज की आवश्यकता है। इसे 100%सफल बनाना है।
ReplyDeleteबुनियादी शिक्षा एक महत्वपूर्ण पहलू है।
ReplyDeleteयह एक यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण गतिविधि है जिससे बच्चों बच्चों का सर्वांगीण विकास होगा। उनका महत्वपूर्ण दिया होगा कि इसके अनुसार बच्चों के लिए महत्वपूर्ण पाठ्यक्रम गतिविधि एवं अन्य आवश्यक पाठ्य सामग्री प्रदान करें
ReplyDeleteबुनियादी शिक्षा बच्चों के मानसिक एवम् शारीरिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है
ReplyDeleteशिक्षा खेल आधारित एवम् समानता आधारित होनी चाहिए।
ReplyDeleteBuniydi sikcha avam sankhyagyan bachcho ke aage sikhne ke liye atyant avsyak hai ecce isko prapt karne me matvpurn bhumika nibha sakta hai
ReplyDeleteBunyadi saksharta avam sankhyagyan baccho ke liye bahut zaroori hai kyoki jab tak wey in chizon ko nhi jane payenge to wo aage chal in sab se kathin chizon ko kaise samjhenge
ReplyDeleteसभी बच्चों को गतिविधियों पर आधारित शिक्षा प्रदान करना आवश्यक है
ReplyDeleteई सी सी की भूमिका अत्यंत आवश्यक है
ReplyDeleteमनोज कुमार यादव
सहायक शिक्षक
शास प्राथ शाला आबादीपारा
सन्कुल- भटगांव
वि ख - पथरिया मुंगेली(छ ग)
बुनियादी शिक्षा और संख्या ज्ञान प्राप्त करने में ईसीसीई का बहुत बढा योगदान है।
ReplyDeleteप्री स्कूल तक बच्चों को जितना हो सके खेलकूद और गतिविधि आधारित शिक्षा प्रदान करना चाहिए
ReplyDeleteबुनियादी साक्षरता में बच्चें अपने आसपास के परिवेश की चीज़ों की पहचान कर उनके नाम बता पाये ,छपे या लिखे शब्दों की पहचान चित्रों को देख कर कर पाए। चीज़ो को गिन पाये। इस प्रकार से लक्ष्य निर्धारित कर गतिविधि तैयार किया जाए
ReplyDeleteFln के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए सतत एवम व्यापक मूल्यांकन एक अच्छा उपकरण है
ReplyDeleteBuniyadi Shiksha bacchon mein Kale Kale ke sath padhne ka Vikas pradan karti hai
ReplyDeleteBachcho ke sankhyatmk aur bhashayi gyan ke vikas ke liye pre schooling jaruri hai jisse unhe school me kafi madat milegi
ReplyDeleteयदि बच्चे को बाल्यवस्था देखभाल एवं शिक्षा के माध्यम से जोड़कर बुनियादी साक्षरता ज्ञान पर विशेष जोर दिया जाए तो बच्चा कक्षा तीसरी तक बुनियादी साक्षरता एवं संख्या में समृद्ध हो जाएगा एवं आगे भाषा के कठिन अवधारणा एवं गणित की समस्याओं को सुलझाने में सक्षम हो पाएगा इसके लिए विभिन्न गतिविधियों जैसे खेल खेल के माध्यम से सीखने की आवश्यकता होगी।
ReplyDeleteप्रत्येक बच्चा कक्षा के अंत में पढ़ने, लिखने और संख्या ज्ञान में वांछित क्षमता प्राप्त कर सके और उसका समग्र विकास हो सकेl
ReplyDeleteबुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान मिशन उन बच्चों को बुनियादी आवश्यकताओं पर जोर देता है जो बच्चों की बाल अवस्था से बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान के अभ्यास कराने की बात करता है जिस प्रकार विभिन्न अध्ययनों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर पता चलता है कि यदि बच्चे को कक्षा तीसरी तक बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान नहीं होता वह बच्चा कहीं ना कहीं इस मिशन के उद्देश्यों को प्राप्त नहीं कर सकता है वह धीरे-धीरे बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान में पिछड़ जाता है जिससे वह कमजोर हो जाता है यह कमजोरी उसका अगले कक्षाओं में पूर्ण नहीं कराया जा सकता है। यदि बच्चे को बाल्यवस्था देखभाल एवं शिक्षा के माध्यम से जोड़कर बुनियादी साक्षरता ज्ञान पर विशेष जोर दिया जाए तो बच्चा कक्षा तीसरी तक बुनियादी साक्षरता एवं संख्या में समृद्ध हो जाएगा एवं आगे भाषा के कठिन अवधारणा एवं गणित की समस्याओं को सुलझाने में सक्षम हो पाएगा इसके लिए विभिन्न गतिविधियों जैसे खेल खेल के माध्यम से सीखने की आवश्यकता होगी।
ReplyDeleteIss video me baccho ko khel khel me sikhane ka tarika bhot acha h
ReplyDeleteबुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान बच्चों को खेल खेल गतिविधि आधारित शिक्षा प्रदान करना चाहिए
ReplyDeleteSabhi baccho ko practical tarike se sikhana bhot acha upaye hai
ReplyDeleteबुनियादी साक्षरता एवं संख्याज्ञान की प्रशिक्षण से हमें खेल खेल से एवं गतिविधियां से बच्चों को अच्छी शिक्षा दे सकते हैं।
ReplyDelete