कोर्स 05
गतिविधि 6 : अपनी समझ साझा करें
एक ऐसी स्थिति के बारे में सोचें जब आपके बेटे/बेटी
ने कुछ ऐसा किया हो जिसे आपने नापसंद किया हो। आपको वास्तव में इस बारे में बहुत बुरा
लगा/आहत पहुंचा। अब इनके आलोक में स्थिति का विश्लेषण करें : उन्होंने क्या किया था?
उन्होंने इस तरह का व्यवहार क्यों किया/क्यों कहा?
आपने इस पर कैसी प्रतिक्रिया दी? इस स्थिति में आप और क्या कर सकते थे? ब्लॉग पोस्ट
में अपने विचार साझा करें।
once upon a time in the presence of a guest I told her to accompany him while I had to do some urgent work of mine . he began to play with his friends. it made me hurt. but when I released that both of work was mine not his so I cleaned up my mind.
ReplyDeleteजब कोई बच्चा हमारी सोच एवं भावनाओं के विपरीत कोई कार्य या व्यवहार करता है, तो हमारे मन को ठेस पहुंचता है। लेकिन इस स्थिति में हमें उनसे बातचीत कर समस्याओं का समाधान ढूंढने की कोशिश करनी चाहिए।
ReplyDeleteमेरा एक अनुभव आप से साझा करती हूँ मेरी कक्षा में एक छात्रा थी वह पढाई में अच्छी थी किन्तु स्वाभाव से खराब थी सभी शिक्षकों से भी उसका व्यवहार उचित नहीं होता था| मैं ने उसकी अनुपस्थिति में कक्षा के शेष विद्याथियों से बात की उसके स्वाभाव के संबंध में तब मुझे ज्ञात हुआ कि उसकी माँ का देहांत हो गया था और उसके पिता उसकी दो बड़ी बहनों और उसको छोड़ कर दुसरे गाँव में अपनी दुसरी पत्नी और बच्चों के साथ रहते थे जब सभी शिक्षकों को वजह ज्ञात हुई तो सबकी नराजगी समाप्त हुई और सभी ने अप्रत्यक्ष रूप से उसे समझाया कि उस छात्रा के स्वाभाव में इतनीसकरात्मकता आई कि उसने आपनी छोटी बहन (सौतेली) को पढाई में सहयोग देना भी प्रारंभ कर दिया|
ReplyDeleteAisa to abhi sambhav nahi. Aage kah nahi skate.
ReplyDeleteअभी ऐसी परिस्थिति से अवगत नहीं हुए है फिर भी यदि ऐसा होता है तो बच्चो से प्यार से बात कर समस्या का समाधान ढूंढना चाहिए।
ReplyDeleteअभी तक इस प्रकार की स्थिति निर्मित नहीं हुई है लेकिन यदि भविष्य में इस प्रकार की समस्या आती है तो निश्चित रूप से उनके ऐसा करने का कारण जानने का प्रयास करेंगे तथा उनसे बातें करके समस्या का समाधान ढूंढ निकालेंगे
ReplyDeleteअभी तक ऐसी स्तिथयों का सामना नही हुआ है। अगर ऐसा हुआ तो समस्या का कारण जानना होगा ।
ReplyDeleteजब परिवार में बेटी /बेटा किसी ऐसे कार्य को कर देते है जो परिवार के अनुशाशन के विपरीत है तो उस पल हमें उन पर अत्यंत क्रोध आता है हमें उसे दण्डित करने का मन करता है लेकिन हमें अपने आवेगो पर नियंत्रण रखना पड़ेगा क्योंकि यह उम्र का ऐसा पड़ाव है जहाँ अच्छे बुरे कि पहचान करना कठिन होता है और माता या पिता को सायमित व्यवहार करते हुवे उन्हें सही मार्ग पर लाना होता है ताकि दुबारा ऐसी गलती न हो
ReplyDeleteअभी तक ऐसी स्थिति नहीं आई। मेरे मित्र ऐसी प्रवृत्ति के नहीं थे।
Deleteमेरे साथ अभी तक ऐसी कोई समस्या नहीं आया है यदि ऐसी कोई बात होती है तो उसका समाधान आपसी तालमेल के साथ करने की कोशिश करना चाहिए ।
ReplyDeleteB.S.Janghel Lect
GHS Chipra Balod
अभी ऐसी कोई स्थिति नहीं आया है पर मेरा अपने बेटा ,बेटी अगर कोई समस्या या गलत कार्य करता होगा तो मेरा प्रयास यहीं होगा की प्यार से समझ सकू और आने वाली समस्या को सजक कर सकू
ReplyDeleteमेरी बच्ची रात को देर से सोती व सुबह देर से उठती है मैने जब से उसे सुबह जल्दी उठने के फायदे बताया है वह जल्दी उठने कि कोशिश करती तो है लेकिन नाश्ता करके थोड़ा फिर सो जाती है भरोसा है कि धीरे धीरे सुधार हो जायेगा।
ReplyDeleteजब परिवार में बेटी /बेटा किसी ऐसे कार्य को कर देते है जो परिवार के अनुशाशन के विपरीत है तो उस पल हमें उन पर अत्यंत क्रोध आता है हमें उसे दण्डित करने का मन करता है लेकिन हमें अपने आवेगो पर नियंत्रण रखना पड़ेगा क्योंकि यह उम्र का ऐसा पड़ाव है जहाँ अच्छे बुरे कि पहचान करना कठिन होता है और माता या पिता को संयमित व्यवहार करते हुवे उन्हें सही मार्ग पर लाना होता है ताकि दुबारा ऐसी गलती न हो
ReplyDeleteनमस्कार ,
ReplyDeleteअभी तक ऐसी स्थिति निर्मित तो नहीं हुई है,लेकिन यदि निर्मित होती तो उस परिस्थिति को शांति से सोच कर हल निकालती।
किशोरावस्था में बच्चों का ऐसी गलती करना जो किसी भी माता-पिता को बुरा लगे सामान्य है,लेकिन उसे हम किस प्रकार से नियंत्रित करते हैं यह हमारे ऊपर निर्भर करता है।यदि हम क्रोध से उस परिस्थिति को निपटाते हैं तो उसका प्रभाव बच्चे के मन में जीवन भर रह जाता है,लेकिन अगर उसी परिस्थिति को हम समझदारी से,शांत मन से हल करते हैं तो बच्चा अपनी गलती को समझ भी लेता है और भविष्य में ऐसी गलती ना दोहराए इसके लिए वह सावधान भी हो जाता है।
श्रीमती हेमलता बोगिया
व्याख्याता(गणित)
शास. हाई स्कूल, माकड़ी(कोंडागांव)
अभी तक ऐसी स्तिथयों का सामना नही हुआ है। अगर ऐसा हुआ तो समस्या का कारण जानना होगा
ReplyDeleteएक बार मेरी बेटी के व्यवहार से बहुत आहत हुई थी
ReplyDeleteजब वह नाइंथ क्लास में थी उस समय उसके 3 सहेलियां थी जिसमें से तीनों सहेलियां अक्सर क्लास में नहीं रहते थे पेरेंट्स मीटिंग में जाने से पता चला कि अक्सर अपनी सहेलियों के साथ क्लास में नहीं रहती है बिना बताए ही घर से निकल जाना पूछने पर सही तरीके से जवाब नहीं देना गुस्से से बात करना जिससे बहुत आहत होती थीl उनके ऐसा करने का कारण उस उम्र में होने वाले शारीरिक, मानसिक बदलाव और साथियों का प्रभाव हो सकता हैl क्रोध तो नहीं कर पाती थी पर परेशान रहती थी फिर मैंने सोचा क्यों ना उनके पालकों से मिला जाए फिर मैंने वही किया उनके पेरेंट्स से मिलने के बाद पता चला कि वह सब भी गायब रहती है l मैंने डिसाइड किया कि उनकी मन की बात जानने की कोशिश करूंगी फिर मैंने उन्हें थोड़ा ज्यादा समय देने की कोशिश की और उनके साथ पढ़ाई का महत्व, इस उम्र में होने वाले बदलाव , सही क्या है गलत क्या है कवियों, वैज्ञानिकों , प्रकृति इन सारी चीजों के बारे में बात करने लगी अपना हर अच्छा अनुभव शेयर करती रही l फिर धीरे से वह समझने लगी और उनके व्यवहार में काफी परिवर्तन आया आज वह हर बातें शेयर करती है और वह B.E कंप्लीट कर ली है l मुझे लगता है कि मुझे पहले से ही से बातचीत करते रहना चाहिए था तो शायद ऐसी स्थिति निर्मित ही नहीं होती l बच्चों के साथ बड़े ही सहानुभूति से सही मार्गदर्शन देने की जरूरत है फिर चाहे विद्यार्थी हो या हमारे स्वयं के बच्चे l
अभी तक इस प्रकार की स्थिति निर्मित नहीं हुई है। यदि भविष्य में इस प्रकार की स्थिति आती है तो अपने आवेगो पर नियंत्रण रखकर उसके ऐसा करने का कारण जानने का प्रयास करेंगे, तथा उनसे प्यार से बात कर समस्या का समाधान ढूंढ निकालेंगे।
ReplyDeleteUptil now i haven't faced this kind of situation. But in future if something like this happens then i would try to talk to the child and will try to find out what was the underlying reason for such behaviour.
ReplyDeleteAbhi tak aisa nhi hua hai pr agar aage kabhi aisa hua to nishchit roop se bachche ko sahi marg dikhaane ka prayas balak man ko dhyaan me rakh kar Kiya jaayega.
ReplyDeleteमेरी बेटी जब से पैदा हुई है तब से बहुत रोती है। तीन चार साल से बहुत परेशान था और अब भी परेशान हुँ। बह न रोये इसलिए सभी मीठा बोलना सिख गये।
ReplyDeleteमेरे पुत्र व पुत्री अभी प्राथमिक स्तर पर हैं। लेकिन मैं उन पर पढ़ाई के प्रति अत्यधिक दबाब डाल देता हूँ, तो वे रोने लग जाते हैं; तब मैं महसूस करता हूँ कि मुझे उनके साथ ज्यादा सख्ती से पेश नहीं आना चाहिए। फिर, मैं उन्हें सहज होकर प्यार से समझाता हूँ, तो वे मान जाते हैं। तब मुझे अच्छा लगता है।
ReplyDeleteमेरे बेटे द्वारा ऐसा व्यवहार किये जाने पर जो मुझे पसंद नहीं था या वह उसके लिए ठीक नहीं था मैंने उसे वास्तविकता से अवगत करते हुए समझाया और उसके विचारों को सुना किन्तु फिर भी जब वह नहीं समझा तो समय के साथ उचित बदलाव की उम्मीद के साथ हस्तक्षेप बंद कर दिया और सतत अवलोकन करते हुए उचित अवसर उपलब्ध कराये।
ReplyDeleteधर्मेन्द्र प्रसाद सारस्वत
प्रभारी प्राचार्य
शा. उ. मा. वि. चिल्हाटी
Ek bar mere bete ne dusri bar aishi baat kah di, jo mujhe nagwar lagi , man bada dukhi tha .aur use kathorta se ignore Karna suru kiya.k isme ghar walo ka sahyog bhi mila.mafi mangi tab maine usse bat ki veh aisaq vyvhar q tha.usne apna reason bataya, guilti mahsus ki ab kabhi bhi apno se bado k sath achchhe se bat karne k liye bola h.tab se veh achchha h.
ReplyDeleteAisa vah isliye kiya kyoti use laga ki ham use dhyan nhi de rahe h.aksar es umra me lagbhag her bachche aisi dharna bana lete h.
Hame aisi dasha me shant bhav se dhiraj hoker bachcho se bat kerke unke a man k ander ki baton ko samjh ker pyar se ya kabhi -kabhi kathor hoker bhi bachcho ko sahi rah per laya ja sakta h.
Manie 1 din ka samay liya aur usse bat ki 1 ya 2 ghante me bhi samasya ka hal nikal sakti thi.
जब परिवार में बेटी /बेटा किसी ऐसे कार्य को कर देते है जो परिवार के अनुशासन के विपरीत है तो उस पल मुझेउन पर अत्यंत क्रोध आता है तथा मैं उसे दण्डित करने का मन करता है लेकिन तुरंत अपने आवेगो पर नियंत्रण रखकर सोचता हूँ किक यह उम्र का एक ऐसा पड़ाव है जहाँ अच्छे बुरे कि पहचान करना कठिन होता है और उसकीमाता .दादा और दादी और स्वयं के व्यवहार को संयमित करते हुए उनसे बात चीत कर उन्हें सहे औए गलत बताते हुए तर्कों और उदाहरणों से समझाते है ताकि दुबारा ऐसी गलती न हो |
ReplyDeleteउम्र के अनुसार आनेवाली समस्याओं को प्यार से दृड़ता पूर्वक समझाने से सफलता मिलती है |
ReplyDeleteऐसी स्थिति निर्मित होने पर प्यार से व सहानुभूति पूर्वक समस्या का हल निकालना चाहिए
ReplyDeleteजब कोई बच्चा हमारी सोच एवं भावनाओं के विपरीत कोई कार्य या व्यवहार करता है, तो हमारे मन को ठेस पहुंचता है। लेकिन इस स्थिति में हमें उनसे बातचीत कर समस्याओं का समाधान ढूंढने की कोशिश करनी चाहिए। बेटी /बेटा किसी ऐसे कार्य को कर देते है जो परिवार के अनुशाशन के विपरीत है तो उस पल हमें उन पर अत्यंत क्रोध आता है हमें उसे दण्डित करने का मन करता है लेकिन हमें अपने आवेगो पर नियंत्रण रखना पड़ेगा क्योंकि यह उम्र का ऐसा पड़ाव है जहाँ अच्छे बुरे कि पहचान करना कठिन होता है और माता या पिता को सायमित व्यवहार करते हुवे उन्हें सही मार्ग पर लाना होता है ताकि दुबारा ऐसी गलती न हो
ReplyDeleteमेरे दो पुत्र हैं जो अभी छोटे हैं।इसलिए ऐसी स्थिति निर्मित नही हुई।भविष्य में इस प्रकार की स्थिति निर्मित होने पर बहुत ही सोच विचार कर कार्य करना होगा।
ReplyDeleteमेरे साथ अभी तक ऐसी कोई समस्या नहीं आया है यदि ऐसी कोई बात होती है तो उसका समाधान आपसी तालमेल के साथ करने की कोशिश करना चाहिए ।
ReplyDeleteऐसी परिस्थितियां कई बार हो चुकी है । उनकी जिद एवं गलतियों के कारण ऐसे मौके आते रहते हैं। उन्हे डांटने के साथ हाथ भी कभी कभार उठ जाता है। इससे वे नाराज, दुःखी होकर बहुत देर तक रोने , सिसकने में लगाते हैं। तब तक हम लोगों का गुस्सा खत्म हो जाता है और उन्हें प्यार दुलार कर, हंसाकर फिर से ऐसा नहीं करने के लिए समझाइश देते हैं।
ReplyDeleteOne day I have given some sweets to give to my sisters house on the way t he met some of his friends and given to them. I got angry and fired him but later I realised he was right and said sorry to him
ReplyDeleteसभी महनुभवों को मेरा प्रणाम, बात उन दिनो की है, जब मेरी बिटिया तीसरी कक्षा की छात्राओं थी ।एक बार गणित कक्षा में पढाई के दौरान उसकी स्केल और रबड(ईरेजर)गुम हो गई ।काफी ढूंढने के बाद भी जब वह नहीं मिली तब उसने अपने शिक्षकों को इस बारे में बताया ।टीचर ने बाद में देखते हैं कहकर उसे बैठक जाने को कहा ।दुसरे दिन बिटिया ने अपनी टीचर को पुनः कहा, पर टीचर ने ध्यान नहीं दिया ।उस दिन बिटिया ने किसी दुसरे छात्रा का स्केल और र्ड घर ले आई।मैने होम वर्क के दौरान उसकी स्केल और रबड को देखा जो दुसरे कलर का था । पुछा, पिहू ये किसकी रबड स्केल है ।तो पीहू ने सारा किस्सा कह सुनाया ।और कहा मेरी स्केल और रबड को किसी ने चुरा लिया था इसिलए मैने भी दुसरे की रख लि है।मुझे बहुत बुरा महसुस हुआ।बात बहुत छोटी थी,पर बीज भी तो छोटे होते हैं ।मैने उसे सहजता पूर्वक समझाया।और अगले दिन उसकी मैडम जी को वाकया बताया ।और एक खेल सुझाया। और पीहू को रबड स्केल क्लास में सबसे पुछकर वापस करने की सलाह दी।मैडम जी ने कहा आज हम सब ईमनदारी का खेल खेलेंगे।आप सभी के पास अगर किसी दुसरे छात्र छात्राओं की कोई भी सामग्री है तो यहां जमा करें ।फिर एक एक कर सभी अपने अपने सामग्री को पहचान कर इमानदारी का प्रदशर्न करें ।देखते देखते सभी को खोया समान मिल गया ।सभी खुश थे।
ReplyDeleteअभी मेरे बच्चे छोटे हैं कभी-कभी उन्हें अनावश्यक डांट दिया जाता है। इसके बाद भी हुए थोड़ी देर बाद पुनः पापा बहुत प्यार से बोलते हैं। जिससे सारा गुस्सा समाप्त हो जाता है।
ReplyDelete🙏हर किशोर की तरह आज भी किशोरो में समस्याएं समान है पर आज के परिवेश में सहायता की अधिक आवश्यकता है चाहे वे हमारे विद्यार्थी हो या हमारे बच्चे 👭👬
ReplyDelete🙏हर किशोर की तरह आज भी किशोरो में समस्याएं समान है पर आज के परिवेश में सहायता की अधिक आवश्यकता है चाहे वे हमारे विद्यार्थी हो या हमारे बच्चे 👭👬
Deleteअभी तक तो ऐसा घटना नही हुआ है, आगे का पता नही।
ReplyDeleteMy kid had bunked the class and had tried to hide the fact though i came to know later. She confessed that she wanted to be with her friends and to feel the pleasure of bunking a boring class.
ReplyDeleteI tried not to be harsh but to let her imagine the possible consequences. She accepted that it was wrong
बच्चा यदि कोई गलती करता है तो आघात तो लगता है परंतु उसकी गलती कहा थी यदि इसका ज्ञान उसे नहीं था तो उसको उसकी गलती से होने वाली हानि की चर्चा उससे करनी पड़ेगी जैसे मेरा बच्चा कोई नशा करता है तो सामाजिक ढांचा मे हम लोग उसको किस दृष्टि से देखे गे ये उसको बताना होगा। उसके अच्छे दोस्तो को वो किस प्रकार खो देगा और उन दोस्तो की उसको कितनी जरूरत है, वो उससे दूर हो जायेंगे। 🙏🙏
ReplyDeleteपीढ़ी अंतराल का प्रभाव बच्चों की क्रियाओं तथा व्यवहार में दिखता है।कई बार ऐसी स्थितियां आती है जिन्हे सहन करना मुश्किल होता है परंतु शांति से तथा समझकर ही इसका हल निकाला जा सकता है।
ReplyDeleteजब हमारा बच्चा हमारे भावनाओं के विपरीत काम करता है तब हमारे मन को बहुत ठेस पहुँचता है और दुःख होता है किन्तु हम जानते हैं कि बच्चो में परिपक्वता की कमी के कारण वह ऐसा व्यव्हार कर रहा है और तब इसके कारण का पता लगाकर समस्या के समाधान का प्रयास करना चाहिए। फिर माता पिता के समझाने पर बच्चा धीरे - धीरे समझ जायेगा और भविष्य में ऐसा कोई काम नहीं करेगा जिससे उसके माता पता की भावनाओ को ठेस पहुंचे।
ReplyDeleteजब हमारा बच्चा हमारे भावनाओ के विपरीत काम करता हैं तब हमे बहुत पीड़ा होती है। हमे उन पर बहुत क्रोध आता हैलेकिन हमे धैर्य से काम लेना चाहिए ।
ReplyDeleteकभी-कभी बच्चे अपने माता-पिता की बात को नहीं मानते हैं मेरी 4 साल बच्ची भी अपने होमवर्क को नहीं कर पा रही थी बाद में मैंने विश्लेषण किया तो पाया कि रुचि की कमी थी एवं पिछले कुछ दिनों से हमने विशेष ध्यान नहीं दिया था उनके रूचि के अनुसार यदि पढ़ाया जाए तो हम को बेहतर परिणाम मिल सकते हैं l
ReplyDeleteअभी ऐसी कोई स्थिति नहीं आया है
ReplyDeleteअभी तक ऐसी स्थिति नहीं आई है।
ReplyDeleteजब कोई बच्चा हमारी सोच एवं भावनाओं के विपरीत कोई कार्य या व्यवहार करता है,तो हमारे मन को ठेस पहुंचता है।लेकिन इस स्थिति में हमें उनसे बातचीत कर समस्याओं का समाधान ढूंढने की कोशिश करनी चाहिए।
ReplyDeleteSeptember 12, 2021 at 12:33 AM
ReplyDeleteजब कोई बच्चा हमारी सोच एवं भावनाओं के विपरीत कोई कार्य या व्यवहार करता है, तो हमारे मन को ठेस पहुंचता है। लेकिन इस स्थिति में हमें उनसे बातचीत कर समस्याओं का समाधान ढूंढने की कोशिश करनी चाहिए। बेटी /बेटा किसी ऐसे कार्य को कर देते है जो परिवार के अनुशाशन के विपरीत है तो उस पल हमें उन पर अत्यंत क्रोध आता है हमें उसे दण्डित करने का मन करता है लेकिन हमें अपने आवेगो पर नियंत्रण रखना पड़ेगा क्योंकि यह उम्र का ऐसा पड़ाव है जहाँ अच्छे बुरे कि पहचान करना कठिन होता है और माता या पिता को सायमित व्यवहार करते हुवे उन्हें सही मार्ग पर लाना होता है ताकि दुबारा ऐसी गलती न हो
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ऐसे सिचुएशन में हमें बच्चों की मानसिकता को समझना चाहिए। और उन्हें प्यार से समझाने का और अपनी गलती का एहसास दिलाना चाहिए। क्योंकि किशोरावस्था में माता - पिता और बच्चों का रिश्ता दोस्ताना होता है।
ReplyDeleteहमे उनसे समस्या जानकर सकरात्मक प्रतिक्रिया देनी चाहिए
ReplyDeleteअभी ऐसी कोई स्थिति नहीं आया है पर मेरा अपने बेटा ,बेटी अगर कोई समस्या या गलत कार्य करता होगा तो मेरा प्रयास यहीं होगा की प्यार से समझ सकू और आने वाली समस्या को सजक कर सकू
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