योग एवं व्यायाम हमारे स्वास्थ्य के लिए नितांत आवश्यक है। यह हमको न केवल फिटनेस रखता है बल्कि कई तरह की बीमारियो से हमे बचाता है और यदि हमारे शरीर मे बडी से बडी बीमारी हो तो उसे भी ठीक कर देता है। अतः योग व्यायाम करना अति आवश्यक है।
स्वास्थ्य शरीर में ही स्वस्थ दीमाग होता है, इसलिए शारीरिक गतिविधि, योग, एवं व्यायाम शिक्षा का ज्ञान विद्याथियों को होना अति आवश्यक है जिससे वे शरीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहें|
शारीरिक फिटनेस गतिविधियों में शामिल होने से शारीरिक एवम् मानसिक स्वस्थता बनी रहती है,,( स्वस्थ तन स्वस्थ मन ) व्यक्ति शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रहने से सभी कार्य कुशलता से कर सकता है।
शारीरिक फिटनेस गतिविधियों में शामिल होने से शारीरिक एवम् मानसिक स्वस्थता बनी रहती है।योग एवं खेलकूद से व्यक्ति का सर्वांगीण विकास होता है एवं तनाव मुक्त ऊर्जा से भरपूर एवं नवाचार को आत्मसात करने में सक्षम हो जाता है।
योगा, व्यायाम और खेल कूद शारीरिक फुर्ती प्रदान करते हुए आने वाली समस्याओ से लड़ने का ताकत प्रदान करता है. COVID 19 के इस दौर में इन आयामों का महत्व और अधिक बढ़ गया है
इरशाद बेगम बोहरा योग व्यायाम, खेलकूद जैसी फिटनेस की गतिविधियों में भाग लेने से शारीरिक, मानसिक एवं बौद्धिक विकास के साथ-साथ मन प्रफुल्लित एवं आत्मिक सुख शान्ति मिलती है। व्यवहार में कुशलता आती है।
योग्य व व्यायाम से मन प्रसन्न रह्ता है। प्रसन्न मन से कार्य करने से सभी कार्य अच्छे से पूर्ण होते हैं। जीवन मे पढ़ाई के साथ साथ खेल व व्यायाम जरुरी हैं।
शारीरिक फिटनेस गतिविधियों में शामिल होने से हम शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहते हैं जिससे हमें कभी भी हॉस्पिटल या डॉक्टर की भी शक्ल देखने की जरूरत नही पड़ती और इस तरह से हम आर्थिक रूप से भी स्वयं को मजबूत बनाते हैं.😊
योग एवं व्यायाम हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक है। यह हमको न केवल फिटनेस रखता है बल्कि विभिन्न बीमारियों से हमें बचाता है या बड़ी से बड़ी बीमारियों को जो है आसानी से ठीक कर देता है । अतः योग के साथ व्यायाम करना अति आवश्यक है ।
अमरचंद बर्मन व्याख्याता शासकीय उत्तर माध्यमिक विद्यालय चकरभाटा मुँगेली
नमस्कार, योग,व्यायाम ,आसन ,प्राणायाम इनके महत्व से इस कोरोना काल में सभी अवगत हो चुके हैं । शारीरिक संतुलन हेतु शारीरिक गतिविधि अत्यंत आवश्यक है।शारीरिक संतुलन के द्वारा ही व्यक्ति मानसिक ,भावात्मक एवं नैतिक रूप से स्वस्थ रह सकता है।अपने पाचन तंत्र को मजबूत बनाकर सभी बीमारियों को स्वयं के अंदर प्रविष्ट होने से रोक सकता है।
श्रीमती हेमलता बोगिया व्याख्याता(गणित) शासकीय हाई स्कूल,माकड़ी(कोंडागांव)
योग, व्यायाम एवं फिटनेस की विभिन्न गतिविधियों को करने से शारीरिक, मानसिक एवं बौद्धिकविकास के साथ-साथ आत्मिक शांति मिलती है और मन प्रफुल्लित रहता है जिससे वातावरण खुशनुमा रहता है।
शारीरिक फिटनेस गतिविधियों में शामिल होने से हम शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहते हैं जिससे हमें कभी भी हॉस्पिटल या डॉक्टर की भी शक्ल देखने की जरूरत नही पड़ती और इस तरह से हम आर्थिक रूप से भी स्वयं को मजबूत बनाते हैं.
शारीरिक फिटनेस गतिविधियों में शामिल होने से भौतिक शक्ति, मानसिक स्वास्थ्य लाभ (याददाश्त बढ़ना) , तनाव के स्तर में कमी, भावात्मक, नैतिक, धीरज, शक्ति , वजन पर काबू पाना , शरीर की वसा को कम करना , पेशी शक्ति, ब्रेन फंक्शन में सुधार, आकस्मिक स्थितियों का सामना करने के लिए,लचीलापन, व्यावसायिक योग्यता में सुधार, जीवन शैली में स्वचालन और परिवर्तन, भलाई की भावना बढ़ना, आत्म सम्मान में वृद्धि और बेहतर सामाजिक कौशल के लिए अनुमति प्रदान करता है इस प्रकार संपूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित करता है l
शारीरिक फिटनेस गतिविधि में योग, प्राणायाम,और खेल को अपना कर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दीर्घकाल तक बेहतर बनाया जा सकता है ।वर्तमान में योग और खेल जीवन का अनिवार्य हिस्सा बन गया है ।व्यस्त दिनचर्या में कहीं शांति और सुकून मिलता है तो वह योग और प्राणायाम ही है।
शारीरिक फिटनेस स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होती है शारीरिक फिटनेस से हमारे खून की तेज गति होती है जिससे कि हमारी जो खून में जो कोशिकाएं हैं उन में वृद्धि होती है और हमारा शरीर स्वस्थ रहता है हमारा भारत देश वेद गुरु के रूप में जाना जाता है
शारीरिक फिटनेस की गतिविधियों में खेलकूद व्यायाम एवं योग को शामिल करने से शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक रूप से स्वस्थ रहते हैं। यह हमें विभिन्न प्रकार के बीमारियों से बचाते हैं, कोविड-19 के दौरान यह हमारे लिए प्रासंगिक है।
शारीरिक फिटनेस गतिविधियों, वर्तमान आधुनिक भौतिकवादी युग मे शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए व्यायाम एवं खेलकूद के साथ प्रभात व सांध्य भ्रमण, जागिंग, योगा जैसे गतिविधियाँ का नियमित अभ्यास अपरिहार्य है !
शारीरिक फिटनेस गतिविधियों में शामिल होने से शरीर स्वस्थ्य एवम् मानसिक प्रसन्नता रहती है जिससे तनाव से मुक्ति मिलती है तथा नई ऊर्जा प्राप्त होती है । श्रीमती शीतल राजन शास. हाई स्कूल देवरी
मैं स्वयं योगाभ्यासी हूँ और प्रकृति के सानिध्य में प्राकृतिक जीवन का अभ्यास करता हूँ। विगत दस वर्षों में मुझे किसी भी एलोपैथिक दवा की आवश्यकता नहीं हुई। यदि कोई हल्की-फुल्की बीमारी हुई भी तो या तो अपने आप ठीक हो गई या फिर स्थानीय जड़ी बूटियों से ठीक हो गई। धर्मेन्द्र प्रसाद सारस्वत प्रभारी प्राचार्य शा. उ. मा. वि. चिल्हाटी
योग एवं व्यायाम हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक है। यह हमको न केवल फिटनेस रखता है बल्कि विभिन्न बीमारियों से हमें बचाता है |अतः योग के साथ व्यायाम करना अति आवश्यक है|योग,व्यायाम ,आसन ,प्राणायाम इनके महत्व से हम सभी अवगत हैं ।शारीरिक संतुलन हेतु शारीरिक गतिविधि अत्यंत आवश्यक है।शारीरिक संतुलन के द्वारा ही व्यक्ति मानसिक ,भावात्मक एवं नैतिक रूप से स्वस्थ रह सकता है।अपने पाचन तंत्र को मजबूत बनाकर सभी बीमारियों को स्वयं के अंदर प्रविष्ट होने से रोक सकता है।
Aaj ke es mahamari me sharirik fitness activities me shamil hona ati aavashyak h.es activities se hamara sharirik,manshik,tatha vyvharik jivan me badlao espst dikhai deta h.yoga,kasrat, jogging ya game koi bhi ho pratidin ise karna chahiye. Kai gambhir bimari se nijat pane ka sashkt aur achchha maddham h. 40 minutes ka walk bhi hame sakaratmak rah dikha sakta h.
योग,व्यायाम ,आसन ,प्राणायाम इनके महत्व से इस कोरोना काल में सभी अवगत हो चुके हैं । शारीरिक संतुलन हेतु शारीरिक गतिविधि अत्यंत आवश्यक है। यह हमको न केवल फिटनेस रखता है बल्कि विभिन्न बीमारियों से हमें बचाता है |अतः योग के साथ व्यायाम करना अति आवश्यक है|योग,व्यायाम ,आसन ,प्राणायाम इनके महत्व से हम सभी अवगत हैं ।शारीरिक संतुलन हेतु शारीरिक गतिविधि अत्यंत आवश्यक है।शारीरिक संतुलन के द्वारा ही व्यक्ति मानसिक ,भावात्मक एवं नैतिक रूप से स्वस्थ रह सकता है।
शारीरिक फिटनेस गतिविधियां ब्यक्ति को तन एवं मन से सुदृढ़ बनाती है। स्वस्थ तन में हो स्वस्थ मन का निवास होता है अतः शारीरिक फिटनेस गतिविधियां ब्यक्ति का चहुँमुखी विकास करती है।
स्वस्थ शरीर में स्वस्थ चेतना का वास होता है, अच्छे मन से सकारात्मक विचार संभव है अतः प्रतिदिन सुबह और शाम को अपने लिए योगा को महत्वपूर्ण स्थान देना है। इसके लिए हल्के-फुल्के मनोरंजन, व्यायाम या एरोबिक्स के माध्यम से दिन भर तरोताजा महसूस कर सकते हैं। मानसिक शांति के लिए बड़े बुजुर्गों के साथ समय बिताना विशेष लाभप्रद होता है । हर इंसान में बचपन छिपा रहता है, अतः उस बचपन को दूर जाने नहीं देना चाहिए।
स्वस्थ्य शरीर मे स्वस्थ्य मस्तिष्क का वास होता है। बच्चों की मानसिक स्वस्थ्य रखने के लिए शरीर की स्वस्थता पर पूरा ध्यान देना होगा। इसके लिए शारीरिक फिटनेस गतिविधियों में शामिल होना निहायत ही जरूरी है। हम योग, व्यायाम ,आसन ,प्राणायाम इनके महत्व से इस कोरोना काल में सभी अवगत हो चुके हैं । शारीरिक संतुलन, शारीरिक गतिविधियों से ही सम्भव है। शारीरिक संतुलन के द्वारा ही व्यक्ति मानसिक ,भावात्मक एवं नैतिक रूप से स्वस्थ रह सकता है। अपने पाचन तंत्र को मजबूत बनाकर सभी बीमारियों को स्वयं के अंदर प्रविष्ट होने से रोक सकता है। अतः इन गतिविधियों को अपने डैली रूटीन में जरूर शामिल करें।
शारीरिक संतुलन हेतु शारीरिक गतिविधि अत्यंत आवश्यक है। यह हमको न केवल फिटनेस रखता है बल्कि विभिन्न बीमारियों से हमें बचाता है |अतः योग के साथ व्यायाम करना अति आवश्यक है|योग,व्यायाम ,आसन ,प्राणायाम इनके महत्व से हम सभी अवगत हैं ।शारीरिक संतुलन हेतु शारीरिक गतिविधि अत्यंत आवश्यक है।शारीरिक संतुलन के द्वारा ही व्यक्ति मानसिक ,भावात्मक एवं नैतिक रूप से स्वस्थ रह सकता है।
खेल कूद, योगा एवं व्यायाम करते रहने से शरीर स्वस्थ और फुर्तीला बना रहता है। ये मेरा अनुभव है। बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए खेलकूद, योगाभ्यास अनिवार्य रूप से होना चाहिए।
शारीरिक फिटनेस गतिविधि में योग, प्राणायाम,और खेल को अपना कर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दीर्घकाल तक बेहतर बनाया जा सकता है ।वर्तमान में योग और खेल जीवन का अनिवार्य हिस्सा बन गया है ।व्यस्त दिनचर्या में कहीं शांति और सुकून मिलता है तो वह योग और प्राणायाम ही है। इसलिए हमें योग और व्यायाम को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिये।
शारीरिक फिटनेस गतिविधियों से स्वस्थ शरीर का निर्माण होता है |स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का निवास होता है ऐसा व्यक्ति भावनात्मक रूप से भी मजबूत बनता है उसका आत्मविश्वास भी बढ़ता है |
आज की भागदौड़ भरी जीवनशैली में मानव मशीन बनता जा रहा है और अस्वस्थ व तनावपूर्ण जीवन जीने के लिए मजबूर हो रहा है। शांतिपूर्ण स्वास्थ्य युक्त और तनाव रहित जीवन जीने के लिए शारीरिक फिटनेस के लिए योग, खेलकूद, संतुलित भोजन एवं स्वस्थ जीवन शैली का अपना महत्वपूर्ण योगदान है। शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग प्राणायाम व खेलकूद को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में स्थान देना ही होगा क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है। जो राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है।
किसी ने कहा है की स्वस्थ शरीर स्वस्थ मन का निवास होता है। इसलिए शरीर को स्वस्थ रखने के लिए किसी भी प्रकार के श्रम साध्य कार्य करना चाहिए।चाहे वह योग , कसरत,खेल, व्यायाम हो।यह हमारे शरीर को स्वस्थ रखता है।निरोग वदीर्घायु वा स्वस्थ रहने के लिए यह जरूरी है। किसी ने कहा है ,,,"धन के जाने से फिर कमाया जा सकता है पर स्वास्थ्य के एक बार जाने के बाद नही बनाया जा सकता है।,,",," WEALTH IS GONE NOTHING GONE BUT WEALTH IS GONE EVERYTHING GONE,"
योग अभ्यास से शारीरिक मानसिक नैतिक एवं सामाजिक क्षेत्रों में विकास होती है जैसे एक शारीरिक गतिविधि में भागीदारी के द्वारा शारीरिक संचालन स्वास्थ्य में सुधार होता है स्वस्थ व्यक्ति किसी भी कार्य को अधिक ऊर्जा एवं कुशलता के साथ संपन्न कर सकता है इस प्रकार व उचित निर्णय क्षमता का विकास कर मानसिक स्वास्थ्य को भी प्राप्त करता है विभिन्न सामूहिक गतिविधियों में शामिल होकर सक्रियता पूर्वक सामाजिक कुशलता का भी विकास होता है एवं समूह गतिविधियां तथा समूह खेलों में नियमों के पालन के द्वारा व्यक्ति में नैतिक मूल्यों का भी विकास होता है इस प्रकार योग और व्यायाम व्यक्ति की शारीरिक मानसिक भावनात्मक एवं सामाजिक विकास में सहायक होती है।
A healthy mind resides in a healthy body so to develop a healthy atmosphere in our school everyone needs to be fit and healthy. Physical activity makes our body as well as our mind active and fit so for overall development of students and teachers physical activities and sports are must
शैक्षणिक गतिविधियों सफल तभी होगा जब हम शारीरिक फिटनेस गतिविधियों को कठोरता से अपने दैनिक दिनचर्या में शामिल करेंगे। क्योंकि आज बच्चे से लेकर युवा वर्ग तथा बुजुर्ग तक मानसिक शारीरिक रूप से विभिन्न प्रकार के चिंता से युक्त हैं अतः जब तक हम स्वस्थ नहीं रहेंगे तब तक अन्य कार्य संपन्न नहीं हो पाएगा। अतः सुबह या शाम जब भी समय मिले हमें योगा कसरत या क्षेत्रीय स्तर की खेलों के माध्यम से अपने को व्यस्त रखकर मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकते है
Physical development is clear example how our body parts were getting developed. As time passes our body shapes changes our physical appearance , helpfull character and our good behaviour creates better environment in society. But no one can meausre the mental condition of a child, young and a adult . It is like self assessment things .examine yourself, find what is bad and good going in your mind and try to resolve it
सर्वविदित है स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का वास होता है और आपके सारे कार्य भी सुगमता पूर्वक होते जाते हैं यदि हम शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ हैं तो हम अपने आसपास के कार्यों को भी सहजता पूर्वक पूर्ण करते हुए आगे बढ़ते जाएंगे । वर्तमान परिपेक्ष में हम सभी में स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता अत्यधिक विकसित हुई है ।
शारीरिक फिटनेस गतिविधियों में शामिल होना बच्चे के शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।स्वस्थ्य शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है।
शिक्षा का उद्देश्य छात्र का सर्वांगीण विकास है।शारीरिक फिटनेस गतिविधियों में शामिल होने से संपूर्ण स्वास्थ्य प्रभावित होता है।ये शरीर के विभिन्न अंगों को मजबूत बनाते हैं।
योग, प्राणायाम, शारीरिक गतिविधियाँ, खेल कूद बच्चो को शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक रूप से मजबूत बनाता है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ दिमाग रहता है। बच्चो के सर्वांगीण विकास के लिए यह सभी गतिविधियाँ आवश्यक है।
शारीरिक फिटनेस के लिए योग एवं खेल का महत्वपूर्ण योगदान है, इसके लिए हमें प्रत्येक दिन अपनी दिनचर्या को सुबह योग तथा खेल के लिए रखना चाहिए जिससे योग के अंतर्गत शरीर में पाए जाने वाले अवशिष्ट पदार्थ का अपचयन हो जाता है, योग के विभिन्न आसन एवं प्राणायाम से कई रोगों की इलाज बिना दवाई लिए ठीक हो जाता है क्योंकि आसन में पेट संबंधी जितने भी विकार हैं वह दूर हो जाता साथ ही शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए खेल खेलने से भी शरीर में पाए जाने वाले हड्डी एवं मस्तिष्क का विकास होता है इससे हमें योग एवं आसन एवं व्यायाम करती रहना चाहिए जिससे हम निरोग रहे। और हमें पूर्ण विश्वास है कि यदि हम निरंतर योग एवं खेल खेलते रहेंगे तो निश्चित ही हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होगी और आने वाले बीमारियों से हम दूर रहेंगे तो हमें अपनी दिनचर्या को सुव्यवस्थित एवं संगठित करके आगे हमें निरंतर योग एवं खेल खेलते रहना चाहिए।
Being physicslly fit improves overall personality of a person. He feels energetic, confident, healthy, happy and it also improves his relations with other people.
शारीरिक गतिविधि में शामिल होने से शारीरिक एवम् मानसिक स्वस्थता बनी रहती है । योग और खेलकूद से व्यक्ति का सर्वांगीण विकास होता है ।रोज प्रातः योग करने से दिनभर ऊर्जावान बन रहे है ।योग से शरीर फिट रहता और शारीरिक फिटनेस से मन प्रसन्न रहता है। COVID 19 के समय जब स्कूल बंद था मैने स्कूल के बच्चों को ऑनलाइन योग सिखाया।
आज के परिवेश में योग एक महती भूमिका में है। जबकी दुनिया केवल अंगुलियों पर सीमित होती जा रही है।नेट internate का उपयोग ने कुछ लाभ दिए हैं पर शारिरिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाया है।योग इस हानि की घर से ही भरपाई कर सकता है।
कहा गया है कि स्वस्थ्य शरीर मे स्वस्थ्य मस्तिष्क का वास होता है। बच्चों की मानसिक स्वस्थ्य रखने के लिए शरीर की स्वस्थता पर पूरा ध्यान देना होगा। इसके लिए शारीरिक फिटनेस गतिविधियों में शामिल होना निहायत ही जरूरी है। हम योग, व्यायाम ,आसन ,प्राणायाम इनके महत्व से इस कोरोना काल में सभी अवगत हो चुके हैं । शारीरिक संतुलन, शारीरिक गतिविधियों से ही सम्भव है। शारीरिक संतुलन के द्वारा ही व्यक्ति मानसिक ,भावात्मक एवं नैतिक रूप से स्वस्थ रह सकता है। अपने पाचन तंत्र को मजबूत बनाकर सभी बीमारियों को स्वयं के अंदर प्रविष्ट होने से रोक सकता है। अतः इन गतिविधियों को अपने डैली रूटीन में जरूर शामिल करें।स्वास्थ्य रहें मस्त रहें ।संदीप किशोर भटनागर प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला तिरिया ।
शारीरिक फिटनेस गतिविधियों में शामिल होने से हमारा शरीर मजबूत रहेगा , शरीर मजबूत रहेगा तो हमारा मन अच्छा रहेगा , जिससे हम चीजों को अच्छी तरह से पढ़ सकते है और समझ सकते है
योग खेल और व्यायाम हम सभी के लिए आवश्यक है । खासकर बच्चों के सर्वांगीण विकास में इनका बहुत योगदान है । शारीरिक और मानसिक विकास के साथ ही शरीर कोस्वस्थ बनाए रखने में बहुत सहायता मिलती है ।
BaghelSeptember 13, 2021 at 9:51 AM स्वस्थ शरीर में स्वस्थ चेतना का वास होता है, अच्छे मन से सकारात्मक विचार संभव है अतः प्रतिदिन सुबह और शाम को अपने लिए योगा को महत्वपूर्ण स्थान देना है। इसके लिए हल्के-फुल्के मनोरंजन, व्यायाम या एरोबिक्स के माध्यम से दिन भर तरोताजा महसूस कर सकते हैं। मानसिक शांति के लिए बड़े बुजुर्गों के साथ समय बिताना विशेष लाभप्रद होता है । हर इंसान में बचपन छिपा रहता है, अतः उस बचपन को दूर जाने नहीं देना चाहिए।
स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मानसिकता का विकास होता है शारीरिक फिटनेस वाली गतिविधियों में हर व्यक्ति को शामिल होना चाहिए यह इंसान के जीवन को प्रभावित करता है
योग और व्यायाम से मैं केवल व्यक्ति का शारीरिक विकास होता है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है प्राणायाम से व्यक्ति मानसिक रूप से शांत और एकाग्र होता है जहां अन्य पद्धतियों के साइड इफेक्ट्स होते हैं वहीं भारतीय योग पद्धति शुभ परीक्षित और बिना किसी साइड इफेक्ट के शारीरिक कष्टों को दूर करने में सहायक है विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए योग और शारीरिक शिक्षा को पाठ्यक्रम का अनिवार्य अंग बनाया जाना चाहिए
ब्रजेश कुमार शर्मा व्याख्याता गणित शासकीय हाई स्कूल खेतला दादन
योगा, व्यायाम और खेल कूद शारीरिक फुर्ती प्रदान करते हुए आने वाली समस्याओ से लड़ने का ताकत प्रदान करता है. COVID 19 के इस दौर में इन आयामों का महत्व और अधिक बढ़ गया है
योग और प्राणायाम निः संदेह किसी भी व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारते और उनका विकास करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं |यह अनुभव द्वारा जाना जा सकता है, अतः इसे स्कूल स्तर पर अनिवार्य रूप से, विद्यार्थियों पर, स्कूल में लागू करना अच्छा हो सकता है |
योग खेल और व्यायाम हम सभी के लिए आवश्यक है खासकर बच्चों के सर्वांगीण विकास में इनका बहुत योगदान है शारीरिक और मानसिक विकास के साथ ही शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में बहुत सहायता मिलती है अशोक कुमार बंजारे व्याख्याता एल बी शासकीय हाई स्कूल अमाली विकासखंड कोटा जिला बिलासपुर छत्तीसगढ़
शारीरिक फिटनेस गतिविधियों में शामिल होने से शारीरिक एवम् मानसिक स्वस्थता बनी रहती है।योग एवं खेलकूद से व्यक्ति का सर्वांगीण विकास होता है एवं तनाव मुक्त ऊर्जा से भरपूर एवं नवाचार को आत्मसात करने में सक्षम हो जाता है।
शारीरिक फिटनेस गतिविधि में योग, प्राणायाम,और खेल को अपना कर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दीर्घकाल तक बेहतर बनाया जा सकता है ।वर्तमान में योग और खेल जीवन का अनिवार्य हिस्सा बन गया है ।व्यस्त दिनचर्या में कहीं शांति और सुकून मिलता है तो वह योग और प्राणायाम ही है।
कोर्स 03 गतिविधि 5 : सीखने के परिवेश का सृजन– अपने विचार साझा करें सीखने के परिवेश का सृजन करने के लिए अपने स्वयं के कुछ तरीके सोचें और अपने विचार साझा करें।
कोर्स 02 गतिविधि 2 : अपने विचार साझा करें माध्यमिक स्तर पर आई . सी . टी . आपके शिक्षण , अधिगम और मूल्यांकन कार्यों में कैसे सहयोग करती है ? अपनी समझ साझा करें।
कोर्स 08 : सीखने का आकलन गतिविधि 1 : अपने विचार साझा करें आकलन के ऐसे कौन-से प्रकार हैं जिन्हें आप बुनियादी अवस्था में बच्चों के साथ प्रयोग कर सकते हैं ? आकलन के प्रकारों की सूची बनाएं - विशेष रूप से लिखित परीक्षा से भिन्न आकलन के प्रकार सोचें। अपने विचार साझा करें।
निष्ठा के द्वारा कोविड 19 में अच्छी शिक्षा देना संभव हुआ आईसीटी का उपयोग करके सीखने की प्रक्रिया को लगातार जारी रखा जा सकता है।
ReplyDeleteयोग खेल और व्यायाम बच्चे के सर्वांगीण विकास मे बहुत सहायक है । कोरोना काल मे योग से शरीर को स्वस्थ रखने मे सहायता मिली है ।
Deleteकोविड काल मे बच्चे कमजोर हो गए।असेम्बली में प्राथना सभा मे एवम खेल कक्षा में स्वस्थ रहने के लिए योग, शारीरिक क्रियाएं जरूरी है।
Deleteयोग एवं व्यायाम हमारे स्वास्थ्य के लिए नितांत आवश्यक है। यह हमको न केवल फिटनेस रखता है बल्कि कई तरह की बीमारियो से हमे बचाता है और यदि हमारे शरीर मे बडी से बडी बीमारी हो तो उसे भी ठीक कर देता है।
Deleteअतः योग व्यायाम करना अति आवश्यक है।
शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग, व्यायाम, खेलकूद आदि प्रभाव कारी माध्यम हैं भारतीय योग पद्धति पूरे विश्व में सर्वाधिक लोकप्रिय है
ReplyDeleteयोग एवं खेलकूद से व्यक्ति का सर्वांगीण विकास होता है एवं बहुत तनाव मुक्त ऊर्जा से भरपूर एवं नवाचार को आत्मसात करने में सक्षम हो जाता है
ReplyDeleteनित्यानंद पुरी गोस्वामी
व्याख्यता
शा, हाई स्कूल खरकैना
स्वास्थ्य शरीर में ही स्वस्थ दीमाग होता है,
ReplyDeleteइसलिए शारीरिक गतिविधि, योग, एवं व्यायाम शिक्षा का ज्ञान विद्याथियों को होना अति आवश्यक है जिससे वे शरीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहें|
शारीरिक फिटनेस गतिविधियों में शामिल होने से शारीरिक एवम् मानसिक स्वस्थता बनी रहती है,,( स्वस्थ तन स्वस्थ मन ) व्यक्ति शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रहने से सभी कार्य कुशलता से कर सकता है।
ReplyDeleteशारीरिक फिटनेस गतिविधियों में शामिल होने से शारीरिक एवम् मानसिक स्वस्थता बनी रहती है।योग एवं खेलकूद से व्यक्ति का सर्वांगीण विकास होता है एवं तनाव मुक्त ऊर्जा से भरपूर एवं नवाचार को आत्मसात करने में सक्षम हो जाता है।
ReplyDeleteयोगा, व्यायाम और खेल कूद शारीरिक फुर्ती प्रदान करते हुए आने वाली समस्याओ से लड़ने का ताकत प्रदान करता है. COVID 19 के इस दौर में इन आयामों का महत्व और अधिक बढ़ गया है
ReplyDeleteइरशाद बेगम बोहरा
Deleteयोग व्यायाम, खेलकूद जैसी फिटनेस की गतिविधियों में भाग लेने से शारीरिक, मानसिक एवं बौद्धिक विकास के साथ-साथ मन प्रफुल्लित एवं आत्मिक सुख शान्ति मिलती है। व्यवहार में कुशलता आती है।
शारीरिक फिटनेस गतिविधि से मन प्रफुलित वा बाडी दुरूस्त रहता है जहाँ मन सवसथ वहा हर काम ठीक।
ReplyDeleteशारीरिक फिटनेस से मन खुश रहता है ।
ReplyDeleteयोग्य व व्यायाम से मन प्रसन्न रह्ता है। प्रसन्न मन से कार्य करने से सभी कार्य अच्छे से पूर्ण होते हैं। जीवन मे पढ़ाई के साथ साथ खेल व व्यायाम जरुरी हैं।
ReplyDeleteशारीरिक फिटनेस गतिविधियों में शामिल होने से हम शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहते हैं जिससे हमें कभी भी हॉस्पिटल या डॉक्टर की भी शक्ल देखने की जरूरत नही पड़ती और इस तरह से हम आर्थिक रूप से भी स्वयं को मजबूत बनाते हैं.😊
ReplyDeleteयोग एवं व्यायाम हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक है। यह हमको न केवल फिटनेस रखता है बल्कि विभिन्न बीमारियों से हमें बचाता है या बड़ी से बड़ी बीमारियों को जो है आसानी से ठीक कर देता है ।
ReplyDeleteअतः योग के साथ व्यायाम करना अति आवश्यक है ।
अमरचंद बर्मन
व्याख्याता
शासकीय उत्तर माध्यमिक विद्यालय चकरभाटा मुँगेली
नमस्कार,
ReplyDeleteयोग,व्यायाम ,आसन ,प्राणायाम इनके महत्व से इस कोरोना काल में सभी अवगत हो चुके हैं ।
शारीरिक संतुलन हेतु शारीरिक गतिविधि अत्यंत आवश्यक है।शारीरिक संतुलन के द्वारा ही व्यक्ति मानसिक ,भावात्मक एवं नैतिक रूप से स्वस्थ रह सकता है।अपने पाचन तंत्र को मजबूत बनाकर सभी बीमारियों को स्वयं के अंदर प्रविष्ट होने से रोक सकता है।
श्रीमती हेमलता बोगिया
व्याख्याता(गणित)
शासकीय हाई स्कूल,माकड़ी(कोंडागांव)
योग शारीरिक ,बौद्धिक ,नैतिक, विकास करता है और कोविड19 के विषम परिस्थितियों में योग अभ्यास बहुत ही अच्छा साबित हुआ
ReplyDeleteOverall development of mental and physical body. Releases all worries and makes active.
ReplyDeleteयोग, व्यायाम एवं फिटनेस की विभिन्न गतिविधियों को करने से शारीरिक, मानसिक एवं बौद्धिकविकास के साथ-साथ आत्मिक शांति मिलती है और मन प्रफुल्लित रहता है जिससे वातावरण खुशनुमा रहता है।
Deleteशारीरिक फिटनेस गतिविधियों में शामिल होने से हम शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहते हैं जिससे हमें कभी भी हॉस्पिटल या डॉक्टर की भी शक्ल देखने की जरूरत नही पड़ती और इस तरह से हम आर्थिक रूप से भी स्वयं को मजबूत बनाते हैं.
ReplyDeleteYog aur vyayam dainik jeevan me shamil karane se sharirik vikas ke sath - sath mansik vikas bhi bahut achchi tarah se hota hai. Kaha gaya hai - " yog chittvrtti nirodhh"
ReplyDeleteशारीरिक फिटनेस गतिविधियों में शामिल होने से भौतिक शक्ति, मानसिक स्वास्थ्य लाभ (याददाश्त बढ़ना) , तनाव के स्तर में कमी, भावात्मक, नैतिक, धीरज, शक्ति , वजन पर काबू पाना , शरीर की वसा को कम करना , पेशी शक्ति, ब्रेन फंक्शन में सुधार, आकस्मिक स्थितियों का सामना करने के लिए,लचीलापन, व्यावसायिक योग्यता में सुधार, जीवन शैली में स्वचालन और परिवर्तन, भलाई की भावना बढ़ना, आत्म सम्मान में वृद्धि और बेहतर सामाजिक कौशल के लिए अनुमति प्रदान करता है इस प्रकार संपूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित करता है l
ReplyDeleteYoga and vyayam is nessecary
ReplyDeleteयोग ध्यान व्यायाम खेल के माध्यम से मन व् तन दोनों को तंदुरुस्त रख सकतें हैं
ReplyDeleteशारीरिक फिटनेस गतिविधि में योग, प्राणायाम,और खेल को अपना कर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दीर्घकाल तक बेहतर बनाया जा सकता है ।वर्तमान में योग और खेल जीवन का अनिवार्य हिस्सा बन गया है ।व्यस्त दिनचर्या में कहीं शांति और सुकून मिलता है तो वह योग और प्राणायाम ही है।
ReplyDeleteशारीरिक फिटनेस स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होती है शारीरिक फिटनेस से हमारे खून की तेज गति होती है जिससे कि हमारी जो खून में जो कोशिकाएं हैं उन में वृद्धि होती है और हमारा शरीर स्वस्थ रहता है हमारा भारत देश वेद गुरु के रूप में जाना जाता है
ReplyDeleteशारीरिक फिटनेस की गतिविधियों में खेलकूद व्यायाम एवं योग को शामिल करने से शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक रूप से स्वस्थ रहते हैं। यह हमें विभिन्न प्रकार के बीमारियों से बचाते हैं, कोविड-19 के दौरान यह हमारे लिए प्रासंगिक है।
ReplyDeleteशारीरिक फिटनेस गतिविधि से मन प्रफुलित वा बाडी दुरूस्त रहता है जहाँ मन सवसथ वहा हर काम ठीक
ReplyDeleteशारीरिक फिटनेस गतिविधियों, वर्तमान आधुनिक भौतिकवादी युग मे शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए व्यायाम एवं खेलकूद के साथ प्रभात व सांध्य भ्रमण, जागिंग, योगा जैसे गतिविधियाँ का नियमित अभ्यास अपरिहार्य है !
ReplyDeleteयोग एवं खेलकूद से ब्यक्ति का सर्वांगीण विकास होता है इसलिए नियमित योग करना चाहिए
ReplyDeleteताराचंद कौशिक
(स.शि.)
शास.उ.मा.वि.चोगरीबहार
जिला जशपुर
शारीरिक फिटनेस गतिविधियों में शामिल होने से शरीर स्वस्थ्य एवम् मानसिक प्रसन्नता रहती है जिससे तनाव से मुक्ति मिलती है तथा नई ऊर्जा प्राप्त होती है ।
ReplyDeleteश्रीमती शीतल राजन
शास. हाई स्कूल देवरी
शारीरिक फिटनेस गतिविधियों में शामिल होना आज के तनाव भरे जीवन शैली के लिए आवश्यक हो गया है।
ReplyDeleteशारिरिक गतिविधियों में खुद को जोड़कर हम अपने आप को तरोताजा महसूस करा सकते हैं।
Exercise and yoga is necessary to remind healthy and fit
ReplyDeleteमैं स्वयं योगाभ्यासी हूँ और प्रकृति के सानिध्य में प्राकृतिक जीवन का अभ्यास करता हूँ। विगत दस वर्षों में मुझे किसी भी एलोपैथिक दवा की आवश्यकता नहीं हुई। यदि कोई हल्की-फुल्की बीमारी हुई भी तो या तो अपने आप ठीक हो गई या फिर स्थानीय जड़ी बूटियों से ठीक हो गई।
ReplyDeleteधर्मेन्द्र प्रसाद सारस्वत
प्रभारी प्राचार्य
शा. उ. मा. वि. चिल्हाटी
योग एवं व्यायाम हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक है। यह हमको न केवल फिटनेस रखता है बल्कि विभिन्न बीमारियों से हमें बचाता है |अतः योग के साथ व्यायाम करना अति आवश्यक है|योग,व्यायाम ,आसन ,प्राणायाम इनके महत्व से हम सभी अवगत हैं ।शारीरिक संतुलन हेतु शारीरिक गतिविधि अत्यंत आवश्यक है।शारीरिक संतुलन के द्वारा ही व्यक्ति मानसिक ,भावात्मक एवं नैतिक रूप से स्वस्थ रह सकता है।अपने पाचन तंत्र को मजबूत बनाकर सभी बीमारियों को स्वयं के अंदर प्रविष्ट होने से रोक सकता है।
ReplyDeleteAaj ke es mahamari me sharirik fitness activities me shamil hona ati aavashyak h.es activities se hamara sharirik,manshik,tatha vyvharik jivan me badlao espst dikhai deta h.yoga,kasrat, jogging ya game koi bhi ho pratidin ise karna chahiye. Kai gambhir bimari se nijat pane ka sashkt aur achchha maddham h. 40 minutes ka walk bhi hame sakaratmak rah dikha sakta h.
ReplyDeleteशारिरीक फिटनेश दिन भर काम करने के लिए शरीर को तैयार करता है। 10000 कदम चलना और सुर्यनमस्कार करना चाहिए। व्यायाम शरीर की उर्जा को जाग्रत करता है।
ReplyDeleteशारीरिक शिक्षा हमारे जीवन के लिए बहुत उपयोगी है।योग ,व्यायाम से हमारा शारीरिक, मानसिक , भावनाओ का विकाश होता है।
ReplyDeleteखेलकूद एवम शारीरिक व्यायाम से शरीर स्वस्थ रहता है। शरीर में स्फूर्ति का संचार होता है।और स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का निवास होता है।
ReplyDeleteयोग,व्यायाम ,आसन ,प्राणायाम इनके महत्व से इस कोरोना काल में सभी अवगत हो चुके हैं ।
ReplyDeleteशारीरिक संतुलन हेतु शारीरिक गतिविधि अत्यंत आवश्यक है। यह हमको न केवल फिटनेस रखता है बल्कि विभिन्न बीमारियों से हमें बचाता है |अतः योग के साथ व्यायाम करना अति आवश्यक है|योग,व्यायाम ,आसन ,प्राणायाम इनके महत्व से हम सभी अवगत हैं ।शारीरिक संतुलन हेतु शारीरिक गतिविधि अत्यंत आवश्यक है।शारीरिक संतुलन के द्वारा ही व्यक्ति मानसिक ,भावात्मक एवं नैतिक रूप से स्वस्थ रह सकता है।
खेलकूद और शारिरिक फिटनेस गतिविधियों से शरीर स्वस्थ रहता है। शरीर में दिनभर ऊर्जा का संचार होता है । और मन शांत रहता है।
ReplyDeleteशारीरिक फिटनेस गतिविधियां ब्यक्ति को तन एवं मन से सुदृढ़ बनाती है। स्वस्थ तन में हो स्वस्थ मन का निवास होता है अतः शारीरिक फिटनेस गतिविधियां ब्यक्ति का चहुँमुखी विकास करती है।
ReplyDeleteनिष्ठा के द्वारा शारीरिक गतिविधियों मे सबसे महत्वपूर्ण योग की भावना को समझा और योग को अपने जीवन मे आत्मसात किया 🙏🙏
ReplyDeleteस्वस्थ शरीर में स्वस्थ चेतना का वास होता है, अच्छे मन से सकारात्मक विचार संभव है अतः प्रतिदिन सुबह और शाम को अपने लिए योगा को महत्वपूर्ण स्थान देना है। इसके लिए हल्के-फुल्के मनोरंजन, व्यायाम या एरोबिक्स के माध्यम से दिन भर तरोताजा महसूस कर सकते हैं। मानसिक शांति के लिए बड़े बुजुर्गों के साथ समय बिताना विशेष लाभप्रद होता है । हर इंसान में बचपन छिपा रहता है, अतः उस बचपन को दूर जाने नहीं देना चाहिए।
ReplyDeleteस्वस्थ्य शरीर मे स्वस्थ्य मस्तिष्क का वास होता है। बच्चों की मानसिक स्वस्थ्य रखने के लिए शरीर की स्वस्थता पर पूरा ध्यान देना होगा। इसके लिए शारीरिक फिटनेस गतिविधियों में शामिल होना निहायत ही जरूरी है। हम योग, व्यायाम ,आसन ,प्राणायाम इनके महत्व से इस कोरोना काल में सभी अवगत हो चुके हैं ।
ReplyDeleteशारीरिक संतुलन, शारीरिक गतिविधियों से ही सम्भव है। शारीरिक संतुलन के द्वारा ही व्यक्ति मानसिक ,भावात्मक एवं नैतिक रूप से स्वस्थ रह सकता है। अपने पाचन तंत्र को मजबूत बनाकर सभी बीमारियों को स्वयं के अंदर प्रविष्ट होने से रोक सकता है। अतः इन गतिविधियों को अपने डैली रूटीन में जरूर शामिल करें।
योग एवं खेल मनुष्य को तनाव मुक्त करता है तथा सारा दिन स्फूर्ति और ताजगी महसूस करता है इसलिए नियमित योग और व्यायाम करना चाहिए
ReplyDeleteशारीरिक संतुलन हेतु शारीरिक गतिविधि अत्यंत आवश्यक है। यह हमको न केवल फिटनेस रखता है बल्कि विभिन्न बीमारियों से हमें बचाता है |अतः योग के साथ व्यायाम करना अति आवश्यक है|योग,व्यायाम ,आसन ,प्राणायाम इनके महत्व से हम सभी अवगत हैं ।शारीरिक संतुलन हेतु शारीरिक गतिविधि अत्यंत आवश्यक है।शारीरिक संतुलन के द्वारा ही व्यक्ति मानसिक ,भावात्मक एवं नैतिक रूप से स्वस्थ रह सकता है।
ReplyDeleteशारिरिक व्यायाम से तन और मन दौनो ही मजबूत होता हैं।
ReplyDeleteखेल कूद, योगा एवं व्यायाम करते रहने से शरीर स्वस्थ और फुर्तीला बना रहता है। ये मेरा अनुभव है। बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए खेलकूद, योगाभ्यास अनिवार्य रूप से होना चाहिए।
ReplyDeleteयोग व्यायाम खेलकूद हमें फिट रहने मेे मदद करता है,फिट व्यक्ति हर क्षेत्र में जोश के साथ हिस्सा लेता है। 🚴🚵
ReplyDeletePhysical fitness not only helps you in your physical activities but also helps you in better productivity and efforts
ReplyDeleteशारीरिक फिटनेस गतिविधि में योग, प्राणायाम,और खेल को अपना कर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दीर्घकाल तक बेहतर बनाया जा सकता है ।वर्तमान में योग और खेल जीवन का अनिवार्य हिस्सा बन गया है ।व्यस्त दिनचर्या में कहीं शांति और सुकून मिलता है तो वह योग और प्राणायाम ही है। इसलिए हमें योग और व्यायाम को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिये।
ReplyDeleteशारीरिक फिटनेस गतिविधियों से स्वस्थ शरीर का निर्माण होता है |स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का निवास होता है ऐसा व्यक्ति भावनात्मक रूप से भी मजबूत बनता है उसका आत्मविश्वास भी बढ़ता है |
ReplyDeleteआज की भागदौड़ भरी जीवनशैली में मानव मशीन बनता जा रहा है और अस्वस्थ व तनावपूर्ण जीवन जीने के लिए मजबूर हो रहा है। शांतिपूर्ण स्वास्थ्य युक्त और तनाव रहित जीवन जीने के लिए शारीरिक फिटनेस के लिए योग, खेलकूद, संतुलित भोजन एवं स्वस्थ जीवन शैली का अपना महत्वपूर्ण योगदान है। शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग प्राणायाम व खेलकूद को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में स्थान देना ही होगा क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है। जो राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है।
ReplyDeleteकिसी ने कहा है की स्वस्थ शरीर स्वस्थ मन का निवास होता है। इसलिए शरीर को स्वस्थ रखने के लिए किसी भी प्रकार के श्रम साध्य कार्य करना चाहिए।चाहे वह योग , कसरत,खेल, व्यायाम हो।यह हमारे शरीर को स्वस्थ रखता है।निरोग वदीर्घायु वा स्वस्थ रहने के लिए यह जरूरी है।
ReplyDeleteकिसी ने कहा है ,,,"धन के जाने से फिर कमाया जा सकता है पर स्वास्थ्य के एक बार जाने के बाद नही बनाया जा सकता है।,,",," WEALTH IS GONE NOTHING GONE BUT WEALTH IS GONE EVERYTHING GONE,"
CHANDRASHEKHAR GAJBIYE
LECTURER
GOVT.HR.SEC.SCH.CHAWAND
योग अभ्यास से शारीरिक मानसिक नैतिक एवं सामाजिक क्षेत्रों में विकास होती है जैसे एक शारीरिक गतिविधि में भागीदारी के द्वारा शारीरिक संचालन स्वास्थ्य में सुधार होता है स्वस्थ व्यक्ति किसी भी कार्य को अधिक ऊर्जा एवं कुशलता के साथ संपन्न कर सकता है इस प्रकार व उचित निर्णय क्षमता का विकास कर मानसिक स्वास्थ्य को भी प्राप्त करता है विभिन्न सामूहिक गतिविधियों में शामिल होकर सक्रियता पूर्वक सामाजिक कुशलता का भी विकास होता है एवं समूह गतिविधियां तथा समूह खेलों में नियमों के पालन के द्वारा व्यक्ति में नैतिक मूल्यों का भी विकास होता है इस प्रकार योग और व्यायाम व्यक्ति की शारीरिक मानसिक भावनात्मक एवं सामाजिक विकास में सहायक होती है।
ReplyDeleteA healthy mind resides in a healthy body so to develop a healthy atmosphere in our school everyone needs to be fit and healthy. Physical activity makes our body as well as our mind active and fit so for overall development of students and teachers physical activities and sports are must
ReplyDeleteशैक्षणिक गतिविधियों सफल तभी होगा जब हम शारीरिक फिटनेस गतिविधियों को कठोरता से अपने दैनिक दिनचर्या में शामिल करेंगे। क्योंकि आज बच्चे से लेकर युवा वर्ग तथा बुजुर्ग तक मानसिक शारीरिक रूप से विभिन्न प्रकार के चिंता से युक्त हैं अतः जब तक हम स्वस्थ नहीं रहेंगे तब तक अन्य कार्य संपन्न नहीं हो पाएगा। अतः सुबह या शाम जब भी समय मिले हमें योगा कसरत या क्षेत्रीय स्तर की खेलों के माध्यम से अपने को व्यस्त रखकर मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकते है
ReplyDeletePhysical development is clear example how our body parts were getting developed. As time passes our body shapes changes our physical appearance , helpfull character and our good behaviour creates better environment in society. But no one can meausre the mental condition of a child, young and a adult . It is like self assessment things .examine yourself, find what is bad and good going in your mind and try to resolve it
ReplyDeleteसर्वविदित है स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का वास होता है और आपके सारे कार्य भी सुगमता पूर्वक होते जाते हैं यदि हम शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ हैं तो हम अपने आसपास के कार्यों को भी सहजता पूर्वक पूर्ण करते हुए आगे बढ़ते जाएंगे । वर्तमान परिपेक्ष में हम सभी में स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता अत्यधिक विकसित हुई है ।
ReplyDeleteशारीरिक फिटनेस गतिविधियों में शामिल होना बच्चे के शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।स्वस्थ्य शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है।
ReplyDeleteशिक्षा का उद्देश्य छात्र का सर्वांगीण विकास है।शारीरिक फिटनेस गतिविधियों में शामिल होने से संपूर्ण स्वास्थ्य प्रभावित होता है।ये शरीर के विभिन्न अंगों को मजबूत बनाते हैं।
ReplyDeleteखेल और व्यायाम से व्यक्ति का शारिरिक और मानसिक विकास के साथ साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्धि होता है,
ReplyDeleteयोग, प्राणायाम, शारीरिक गतिविधियाँ, खेल कूद बच्चो को शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक रूप से मजबूत बनाता है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ दिमाग रहता है। बच्चो के सर्वांगीण विकास के लिए यह सभी गतिविधियाँ आवश्यक है।
ReplyDeleteशारीरिक फिटनेस के लिए योग एवं खेल का महत्वपूर्ण योगदान है, इसके लिए हमें प्रत्येक दिन अपनी दिनचर्या को सुबह योग तथा खेल के लिए रखना चाहिए जिससे योग के अंतर्गत शरीर में पाए जाने वाले अवशिष्ट पदार्थ का अपचयन हो जाता है, योग के विभिन्न आसन एवं प्राणायाम से कई रोगों की इलाज बिना दवाई लिए ठीक हो जाता है क्योंकि आसन में पेट संबंधी जितने भी विकार हैं वह दूर हो जाता साथ ही शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए खेल खेलने से भी शरीर में पाए जाने वाले हड्डी एवं मस्तिष्क का विकास होता है इससे हमें योग एवं आसन एवं व्यायाम करती रहना चाहिए जिससे हम निरोग रहे। और हमें पूर्ण विश्वास है कि यदि हम निरंतर योग एवं खेल खेलते रहेंगे तो निश्चित ही हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होगी और आने वाले बीमारियों से हम दूर रहेंगे तो हमें अपनी दिनचर्या को सुव्यवस्थित एवं संगठित करके आगे हमें निरंतर योग एवं खेल खेलते रहना चाहिए।
ReplyDeleteBeing physicslly fit improves overall personality of a person. He feels energetic, confident, healthy, happy and it also improves his relations with other people.
ReplyDeleteखेल व योग का हमारे जीवन में महत्व पूर्ण है इसे नियमित रूप से करने पर शरीर स्वस्थ रहता है। मानसिक शारीरिक सामाजिक नैतिक गुणों का विकास होता है।
ReplyDeleteशारीरिक गतिविधि में शामिल होने से शारीरिक एवम् मानसिक स्वस्थता बनी रहती है । योग और खेलकूद से व्यक्ति का सर्वांगीण विकास होता है ।रोज प्रातः योग करने से दिनभर ऊर्जावान बन रहे है ।योग से शरीर फिट रहता और शारीरिक फिटनेस से मन प्रसन्न रहता है। COVID 19 के समय जब स्कूल बंद था मैने स्कूल के बच्चों को ऑनलाइन योग सिखाया।
ReplyDeleteस्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है।
ReplyDeleteडा. कुसुम दीवान
प्राचार्य
शास. उ. मा. शाला बधिया टोला, डोंगरगढ़
राजनांदगांव
Exercise, sports , games , and yoga makes us physically fit and healthy. For overall personality development it is need of the hour.
ReplyDeleteआज के परिवेश में योग एक महती भूमिका में है।
ReplyDeleteजबकी दुनिया केवल अंगुलियों पर सीमित होती जा रही है।नेट internate का उपयोग ने कुछ लाभ दिए हैं पर शारिरिक स्वास्थ्य को नुकसान
पहुंचाया है।योग इस हानि की घर से ही भरपाई कर सकता है।
स्वास्थ्य के लिए शारीरिक गतिविधियों की नितांत आवश्यकता है ।योग कसरत खेल कूद से शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य मिलता है।
ReplyDeleteकहा गया है कि स्वस्थ्य शरीर मे स्वस्थ्य मस्तिष्क का वास होता है। बच्चों की मानसिक स्वस्थ्य रखने के लिए शरीर की स्वस्थता पर पूरा ध्यान देना होगा। इसके लिए शारीरिक फिटनेस गतिविधियों में शामिल होना निहायत ही जरूरी है। हम योग, व्यायाम ,आसन ,प्राणायाम इनके महत्व से इस कोरोना काल में सभी अवगत हो चुके हैं ।
ReplyDeleteशारीरिक संतुलन, शारीरिक गतिविधियों से ही सम्भव है। शारीरिक संतुलन के द्वारा ही व्यक्ति मानसिक ,भावात्मक एवं नैतिक रूप से स्वस्थ रह सकता है। अपने पाचन तंत्र को मजबूत बनाकर सभी बीमारियों को स्वयं के अंदर प्रविष्ट होने से रोक सकता है। अतः इन गतिविधियों को अपने डैली रूटीन में जरूर शामिल करें।स्वास्थ्य रहें मस्त रहें ।संदीप किशोर भटनागर प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला तिरिया ।
शारीरिक फिटनेस गतिविधियों में शामिल होने से हमारा शरीर मजबूत रहेगा , शरीर मजबूत रहेगा तो हमारा मन अच्छा रहेगा , जिससे हम चीजों को अच्छी तरह से पढ़ सकते है और समझ सकते है
ReplyDeletePhysical fitness give mentally and physically relaxation to us so yoga should be necessary for everyone
ReplyDeleteयोग खेल और व्यायाम हम सभी के लिए आवश्यक है । खासकर बच्चों के सर्वांगीण विकास में इनका बहुत योगदान है । शारीरिक और मानसिक विकास के साथ ही शरीर कोस्वस्थ बनाए रखने में बहुत सहायता मिलती है ।
ReplyDeleteBaghelSeptember 13, 2021 at 9:51 AM
ReplyDeleteस्वस्थ शरीर में स्वस्थ चेतना का वास होता है, अच्छे मन से सकारात्मक विचार संभव है अतः प्रतिदिन सुबह और शाम को अपने लिए योगा को महत्वपूर्ण स्थान देना है। इसके लिए हल्के-फुल्के मनोरंजन, व्यायाम या एरोबिक्स के माध्यम से दिन भर तरोताजा महसूस कर सकते हैं। मानसिक शांति के लिए बड़े बुजुर्गों के साथ समय बिताना विशेष लाभप्रद होता है । हर इंसान में बचपन छिपा रहता है, अतः उस बचपन को दूर जाने नहीं देना चाहिए।
योग,खेल और व्यायाम शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अति आवश्यक है।
ReplyDeleteस्वस्थ शरीर में स्वस्थ मानसिकता का विकास होता है शारीरिक फिटनेस वाली गतिविधियों में हर व्यक्ति को शामिल होना चाहिए यह इंसान के जीवन को प्रभावित करता है
ReplyDeleteयोग और व्यायाम से मैं केवल व्यक्ति का शारीरिक विकास होता है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है प्राणायाम से व्यक्ति मानसिक रूप से शांत और एकाग्र होता है जहां अन्य पद्धतियों के साइड इफेक्ट्स होते हैं वहीं भारतीय योग पद्धति शुभ परीक्षित और बिना किसी साइड इफेक्ट के शारीरिक कष्टों को दूर करने में सहायक है विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए योग और शारीरिक शिक्षा को पाठ्यक्रम का अनिवार्य अंग बनाया जाना चाहिए
ReplyDeleteब्रजेश कुमार शर्मा
व्याख्याता गणित
शासकीय हाई स्कूल खेतला दादन
खेल, व्यायाम, योग और अच्छे पोषण आहार स्वास्थ्य का राज है औरव्यक्ति के सर्वांगीण विकास का सूत्र।
ReplyDeleteयोगा, व्यायाम और खेल कूद शारीरिक फुर्ती प्रदान करते हुए आने वाली समस्याओ से लड़ने का ताकत प्रदान करता है. COVID 19 के इस दौर में इन आयामों का महत्व और अधिक बढ़ गया है
ReplyDeleteयोग और खेलकूद से व्यक्ति का सर्वांगीण विकास होता है । इसलिए नियमित योग करना चाहिए ,इससे नई ऊर्जा मिलती हैं । शरीर स्वस्थ रहता है ।
ReplyDeleteमानसिक और शारीरिक विकास से व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास होता है
ReplyDeleteयोग और प्राणायाम निः संदेह किसी भी व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारते और उनका विकास करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं |यह अनुभव द्वारा जाना जा सकता है, अतः इसे स्कूल स्तर पर अनिवार्य रूप से, विद्यार्थियों पर, स्कूल में लागू करना अच्छा हो सकता है |
ReplyDeleteयोग खेल और व्यायाम हम सभी के लिए आवश्यक है खासकर बच्चों के सर्वांगीण विकास में इनका बहुत योगदान है शारीरिक और मानसिक विकास के साथ ही शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में बहुत सहायता मिलती है अशोक कुमार बंजारे व्याख्याता एल बी शासकीय हाई स्कूल अमाली विकासखंड कोटा जिला बिलासपुर छत्तीसगढ़
ReplyDeleteशारीरिक फिटनेस गतिविधियों में शामिल होने से शारीरिक एवम् मानसिक स्वस्थता बनी रहती है।योग एवं खेलकूद से व्यक्ति का सर्वांगीण विकास होता है एवं तनाव मुक्त ऊर्जा से भरपूर एवं नवाचार को आत्मसात करने में सक्षम हो जाता है।
ReplyDeleteशारीरिक फिटनेस गतिविधि में योग, प्राणायाम,और खेल को अपना कर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दीर्घकाल तक बेहतर बनाया जा सकता है ।वर्तमान में योग और खेल जीवन का अनिवार्य हिस्सा बन गया है ।व्यस्त दिनचर्या में कहीं शांति और सुकून मिलता है तो वह योग और प्राणायाम ही है।
ReplyDelete