कोर्स 03

 

गतिविधि 1 - अपने विचार साझा करें

 

खुशीशब्द के बारे में सोचें। जो आपके दिमाग में तुरंत आए उसे साझा करें। यदि कोई व्यक्तिखुशीके बारे में कुछ साझा करता है, जो आपके द्वारा साझा किए गए से बिलकुल अलग है तो आपको कैसा लगेगा? इस अंतर के क्या कारण हो सकते हैं? अपनी समझ साझा करें।

Comments

  1. नमस्कार ,
    सभी व्यक्तियों के विचार मनन एवं चिंतन का प्रकार अलग-अलग होता है।
    यदि मुझे किसी चीज को करके ,देखकर या सुनकर खुशी मिलती है और मैं उसको साझा करती हूं लेकिन अन्य व्यक्ति के द्वारा साझा किया हुआ खुशी का विचार मुझ से भिन्न हो तो मैं उनके विचारों का सम्मान करूंगी तथा विचार करूंगी कि इस खुशी का यह भी पहलू हो सकता है।

    श्रीमती हेमलता बोगिया
    व्याख्याता(गणित)टी संवर्ग
    शास. हाई स्कूल, माकड़ी
    वि. खं./जिला-कोंडागांव

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    1. खुशी , खुशी की परिभाषा सभी लोगो के लिए अलग होती है,एक बच्चे के लिए शायद खिलौने देख के तो, बड़े लोगो के लिए अलग शांति, सुकून, प्रसिद्धि..
      निशा पटेल, लेक्चरर,शा.कन्या.उ.मा. शा.कुरुद, धमतरी

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  2. खुशी ,केवल शब्द ही काफी है चेहरे के साथ साथ समस्त सृष्टी का व्यवहार मेअपनापन लाने के लिए।खुशी अपने आप मे उल्लास का उद्भव करता है।
    रमेश उपाध्याय,व्याख्याता,शा उ मा वि आसना,जिला-बस्तर
    9425261308

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    1. सबके खुशी के मानक अलग 2 है

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  3. खुशी खूबसूरत जिंदगी की एक हसीन पल का नाम है। जैसे ही मैंने खुशी के बारे में विचार किया मुझे अपने परिवार के सदस्यों के चेहरों पर खिले मुस्कान दिखाई दे और यदि कोई दूसरा व्यक्ति खुशी के बारे में अपना विचार व्यक्त करें तो हो सकता है और होगा ही कि उसका विचार मेरे विचार से भिन्न ना हो क्योंकि हर व्यक्ति की मनोवैज्ञानिक सोच अलग-अलग होती है।

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  4. "खुशी एक ऐसा एहसास है
    जि सकी हर किसी को तलाश है।"

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  5. खुशी वह शब्द है जिसे शब्दों में वर्णन करना मुश्किल है हम इसे केवल महसूस कर सकते हैं अच्छा जीवन जीने के लिए खुश रहना बेहद जरूरी है लेकिन दुर्भाग्य से ज्यादातर लोगों को जीवन से खुशी नहीं मिल रही है अलग-अलग लोगों के पास खुशी के अलग-अलग विचार हैं कुछ लोग पैसा कमाने से खुश होते हैं तो कुछ लोग प्यार में खुश होते हैं तो कुछ लोग खुशी और संतुष्टि तब महसूस करते हैं जब वे पेशेवर जिंदगी में अच्छा काम करते हैं

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  6. खुशी एक भावनात्मक पहलू है जो हर जीवो मे देखने को मिल जाता है यह एक सुखद पल मे उत्पन्न होने वाले भाव है।

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  7. जब कोई आशा हम दूसरों से करते है और वह उस पर खरा उतरा है, तो दोनों को खुशी होती है। लेकिन दो लोगों के खुशी का कारण भिन्‍न होने के कई कारण हो सकते हैं, दोनो के उद्देश्‍य पृथक होना, समझ में अंतर होना, ज्ञान का भिन्‍न स्‍तर इत्‍यदि।

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  8. “खुशी एक मानसिक या भावनात्मक स्थिति है, जिसे दूसरों के बीच, सकारात्मक या सुखद भावनाओं के बीच ससमाधान से लेकर गहन आनंद तक परिभाषित किया जा सकता है.” ... “खुशी आंतरिक आनंद की एक स्थिति है, जो तब आती है जब मन शांत हो जाता है, बेचैन सोच और चिंताओं से मुक्त होता है.”

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  9. खुशी एक भाव है जो हमारे चेहरे में साफ रूप से दिखाई देती है जब हम खुश होते हैं तो, मेरी सबसे बड़ी खुशी मेरे माता पिता को खुश देखना है जरूरी नहीं है कि हम सिर्फ अपने वजह से खुश हो कभी कभी हमे दूसरों की वजह से भी खुशी का अनुभव होता है।
    सुश्री रजनी साहू व्याखाता
    शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नवागांव पेंड्रा

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  10. खुशी का मतलब मेरे लिए मेरे बच्चे हैं जिनके साथ रहने पर हर समस्याओं का समाधान हो जाता है और हर एक पल खास हो जाता है उनके साथ मै बहुत खुश रहती हूँ लेकिन अन्य व्यक्ति के द्वारा साझा किया हुआ खुशी का विचार मुझ से भिन्न हो तो मैं उनके विचारों का सम्मान करूंगी तथा विचार करूंगी कि इस खुशी का यह भी पहलू हो सकता है।
    श्रीमति रीना जैन व्याख्याता शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नवागॉव पेड्रा जिला जीपीएम

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  11. मेरे लिए खुशी मेरी जॉब है जिसे मै ईमानदारी से करती हूं और आगे भी ऐसे ही कोशिश करूंगी।

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  12. खुशी शब्द आज एक भाव है जो प्रत्येक व्यक्ति के मन में होता है। हर व्यक्ति की सोचने समझने मनाने और चिंतन करने की क्षमता अलग-अलग होती है। जिस चीज में खुशी एक को मिले जरूरी नहीं है दूसरे को भी ऐसी चीज में खुशी मिले अतः जो है दोनों की भाव को समझने के लिए उनकी स्थिति को भी समझना होगा।
    अमरचंद बर्मन

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  13. खुशी शब्द के उच्चारण से निश्छल और निः स्वार्थ प्रेम से परिपूर्ण नन्हें बच्चों का मुस्काता चेहरे की झलक दिखाई देती है।यह हृदय की सुखद अनुभव है।जब हृदय उत्साहित हो तो खुशी का अनुभव होता है।

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  14. मेरे लिए खुशी मेरा परिवार है उनके साथ मैं बहुत खुश रहती हूं खुशी एक भाव है जो व्यक्ति के चेहरे से झलकता है अलग-अलग व्यक्तियों की अलग-अलग खुशियां हो सकती है खुशी एक आंतरिक आनंद है

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  15. जब मैं किसी कार्य को संपादित करता हूँ और उसका परिणाम सुखद होता है तब मुझे खुशी होती है और उस खुशी को दूसरे को साझा करने से उनके मन मे जो विचार आता है वह मेरे विचार से थोड़ा भिन्न है उस स्थिति में मैं उनके विचार का गहन अधयाय करूँगा और खुशी का ये भी पहलू हो सकता है।

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  16. खुशी जिन्दगी को सरलता से जीने का उपहार है । जब हम अपने खुशिओं के पलो को याद करते है तो हमारा मन उत्साह से भर जाता है । यदि इस पर कोई अपना विचार दे जो मेरे विचारों से भिन्न है तो मै उनके इस विचार का सम्मान करूँगी क्यौंकि ये उनकी भावनाओं पर आधारित है । दो लोंगो की एक ही सोंच हो यह आवश्यक नहीं क्योंकि घटनाक्रम व परिस्तिथि में भिन्नता होती है ।
    Neeta Sahu Leat.
    Govt.girls high school jhalap

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  17. एक शिक्षक के लिए ख़ुशी निश्छल प्रेम है जो बच्चों के चेहरे पर दिखाई देती है जब उनकोआशानुरूप अध्यापन में शारीरिक व् मानसिक संतुष्टि मिलती है

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  18. Khushi Tan Man v Dil ka sukun hai hai.

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  19. मै जब किसी के लिए कुछ भी करू और सामने वाले की आँखे चमक उठे,उसके चेहरे की वो मुस्कराहट औऱ उसकी संतुष्टि ही मेरे लिए ख़ुशी है।ख़ुशी के मायने हर किसी के लिए अलग अलग हो सकते है क्योंकि हर किसी की सोच दूसरे से भिन्न होती है।

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    1. खुशी बाटने से ही हमे खुशी मिल सकती है।

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  20. खुशी शब्द सहसा celebration की याद दिलाता है,दो लोगो की सोच भिन्न भले होती है पर भाव ,प्रसन्नता का पैमाना भिन्न नही होता ,अतः हर भाव स्वीकार्य होगा मेरे लिए।👍

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  21. खुशी, एक शब्द नहीं एक मानसिक भाव है। जिसे महसूस करते ही मेरे चेहरे पर मुस्कान आ जाती है और वह यादगार पल याद आने लगता है। खुशियां अपने कार्यों से या दूसरे की अपेक्षाओं पर खरा उतरने से मिलती हैं। यदि कोई व्यक्ति खुशी के बारे में अपना विचार व्यक्त करें जो मेरे विचार से भिन्न हो तो मैं उसके विचारों का सम्मान करूंगा। हर व्यक्ति के खुश होने के कारण अलग-अलग होते हैं।हम सबको दूसरों की खुशियों का सम्मान करना चाहिए।

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  22. ख़ुशी शब्द को याद करते ही अपने घर परिवार का ध्यान आता है जब सब परिवार एक साथ होते हैं तब की खुशी अलग ही होती है दूसरा जब आप अपने दायित्वों का उचित और पूरी निष्ठा से निर्वहन करते है तब खुशी प्राप्त होती है जब आप किसी की मदद करते हो तो खुशी प्राप्त होती है वैसे ही किसी को खेलने में किसी को घूमने में किसी को पढ़ने में आदि लोगों की खुशी अलग अलग विषयों में होती है सभी के खुश होने के कारण अलग अलग होते है एक शिक्षक की खुशियाँ उसके विद्यार्थियों की अपने जीवन मे सफल होने पर निर्भर होती है अपने विद्यार्थियों को प्रगति करते देख उसे अपार ख़ुशी मिलती है
    *सुनील कुमार श्रीवास्तव शास.उ.मा.शाला कोसमी वि.ख. छुरा*
    जिला गरियाबंद(छत्तीसगढ़)*

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  23. खुशी शब्द की अनुभूति आंतरिक प्रसन्नता से है।हर व्यक्ति की समझ के अनुसार ख़ुशी की अनुभूति भी अलग अलग होती है।

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  24. खुशी वह जो हमारे मन को आनंदित करें, खुशी हमें किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान आदि कहीं से भी मिल सकता है किसी को खुश करना भी व्यक्ति की एक कला होती हैं शिक्षक साथियों में ये कला अवश्य होनी चाहिए ताकि सरल सहज तरीके से अध्ययन - अध्यापन कार्य सफल हो सकें।

    नीलकंठ धुर्वे
    व्याख्याता एल बी
    शा.उ.मा.शा.बखरूटोला
    ब्लाक छुरिया राजनांदगांव

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  25. खुशी एक ऐसा भावनात्मक एहसास है जब हम किसी कार्य को करते हैं और पूर्ण होता है या हमारे व्यक्तिगत व्यवहार से खुश है बहुत अच्छा महसूस करते हैं हमें लगता है कि हम खुश हैं यानी हमारे मानसिक स्थिति का आनंदित होना ,और इसके लिए बहुत सारी परिस्थितियां शामिल होती है जैसे कि छोटे बच्चों की किलकारियां को देखकर आनंदित होते हैं ,कक्षा में बच्चे बहुत ही अच्छा कार्य करते हैं l हम अच्छा और संतुष्ट महसूस करते हैं, प्राकृतिक सुंदरता देखकर सुनकर स्पर्श करके और भी बहुत सारे कारण हो सकते हैं जिससे मन में सुकून शांति और आनंद की अनुभूति होती है खुशी कह सकते हैं!

    यह अन्य से भिन्न इसलिए है क्योंकि सबकी सोचने समझने स्मरण करने , देखने, परखने का नजरिया या अवलोकन करने की क्षमता अलग - अलग होने के कारण होती है l

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  26. खुशी के कई रूप है, व्यक्ति, वस्तु, अंतर्मन, बाहय कई प्रकार की हो सकती हैं। किसी छात्र को जब पाठ्यवस्तु समझ मे आती हैं तब सकारात्मक पक्ष मजबूत होता हैं। ई पाठ्यवस्तु के अध्ययन से छात्रों को खुशी महसूस होती हैं।

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  27. खुशी जिन्दगी को सरलता से जीने का उपहार है । जब हम अपने खुशिओं के पलो को याद करते है तो हमारा मन उत्साह से भर जाता है । खुशी शब्द एक भाव है जो प्रत्येक व्यक्ति के मन में होता है। हर व्यक्ति की सोचने समझने मनाने और चिंतन करने की क्षमता अलग-अलग होती है। प्राकृतिक सुंदरता देखकर सुनकर स्पर्श करके और भी बहुत सारे कारण हो सकते हैं जिससे मन में सुकून शांति और आनंद की अनुभूति होती है खुशी कह सकते हैं!

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  28. खुशी शब्द के उच्चारण से निश्छल और निः स्वार्थ प्रेम से परिपूर्ण नन्हें बच्चों का मुस्काता चेहरे की झलक दिखाई देती है।यह हृदय की सुखद अनुभव है।जब हृदय उत्साहित हो तो खुशी का अनुभव होता है। manmohan singh thakur

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  29. सभी व्यक्तियों के विचार मनन एवं चिंतन का प्रकार अलग-अलग होता है।
    यदि मुझे किसी चीज को करके ,देखकर या सुनकर खुशी मिलती है और मैं उसको साझा करती हूं लेकिन अन्य व्यक्ति के द्वारा साझा किया हुआ खुशी का विचार मुझ से भिन्न हो तो मैं उनके विचारों का सम्मान करूंगी तथा विचार करूंगी कि इस खुशी का यह भी पहलू हो सकता है।खुशी के कई रूप है, व्यक्ति, वस्तु, अंतर्मन, बाहय कई प्रकार की हो सकती हैं। किसी छात्र को जब पाठ्यवस्तु समझ मे आती हैं तब सकारात्मक पक्ष मजबूत होता हैं। ई पाठ्यवस्तु के अध्ययन से छात्रों को खुशी महसूस होती हैं।

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  30. मेरे लिए वह हर एक कार्य जिसके कारण अपनों और अन्य सभी के चेहरे पर मुस्कान आ जाए, *खुशी* है. चाहे वह कार्य मेरे द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हुआ हो या किसी अन्य के द्वारा.
    जिस कार्य को करने के पश्चात मन को सुखद अनुभूति का एहसास हो, *खुशी* है.
    प्रत्येक व्यक्ति की *ख़ुशी* की परिभाषा भिन्न भिन्न हो सकती है. कोई अपनी ख़ुशी में खुश होता है, कोई अपनों की ख़ुशी में खुश होता है तो कोई सब की खुशी में खुश होता है.
    कई व्यक्ति ऐसे भी होते हैं जो दूसरों की तकलीफ या उन्हें दुखी देखकर खुश होते हैं. यह अंतर व्यक्ति के घर या सामाजिक परिदृश्य के कारण हो सकता है. व्यक्ति जिस तरह के परिवेश में पलता है बढ़ता है उसकी सोच में भी उसका प्रभाव पड़ता है.
    पर मेरे लिए इससे ख़ुशी की परिभाषा नहीं बदलती. मेरे लिए ख़ुशी सिर्फ वह है जिसकी वजह से सभी के चेहरे पर मुस्कान आ जाए.
    गुरदीप सिंह छाबड़ा
    शा. उ. मा. विद्यालय, बुनागाँव
    विकासखंड+ जिला कोंडागाँव
    छत्तीसगढ़

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  31. खुशी आंतरिक आनंद की एक स्थिति है, जो तब आती है जब मन शांत हो जाता है, बेचैन सोच और चिंताओं से मुक्त होता है

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  32. हर इंसान अपने अनुसार रहना वा जीना चाहता है अपनी खुशी चाहता है यही कारण है कि मै जिस बात से खुश हू सामने वाला उसी बात से दुखी है।

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  33. खुशी शब्द आते ही सबसे पहले मुझे मेरे परिवार का हँसता मुस्कुराता चेहरा दिखाई देता है और एक शिक्षक के तौर पर मेरी खुशी मेरे विद्यार्थियों औऱ मेरे शिक्षा संस्थान से जुडी है।

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  34. खुशी शब्द आज एक भाव है जो प्रत्येक व्यक्ति के मन में होता है। हर व्यक्ति की सोचने समझने मनाने और चिंतन करने की क्षमता अलग-अलग होती है। जिस चीज में खुशी एक को मिले जरूरी नहीं है दूसरे को भी ऐसी चीज में खुशी मिले अतः जो है दोनों की भाव को समझने के लिए उनकी स्थिति को भी समझना होगा। कई व्यक्ति ऐसे भी होते हैं जो दूसरों की तकलीफ या उन्हें दुखी देखकर खुश होते हैं। यह अंतर व्यक्ति के घर या सामाजिक परिदृश्य के कारण हो सकता है। व्यक्ति जिस तरह के परिवेश में पलता है, बढ़ता है उसकी सोच में भी उसका प्रभाव पड़ता है।
    पर मेरे लिए इससे ख़ुशी की परिभाषा नहीं बदलती. मेरे लिए ख़ुशी सिर्फ वह है जिसकी वजह से सभी के चेहरे पर मुस्कान आ जाए।

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  35. खुशी शब्द को सुनते ही मन सुखद भावनात्मक समंदर में गोते खाने लगता है। प्रत्येक व्यक्ति का खुश होना उसकी अपनी सामाजिक, मानसिक,पारिवारिक आंतरिक व अन्य परिस्थितियों पर निर्भर करता है।

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  36. खुशी शब्द के बारे में सोचते ही मेरी बेटी के जन्म की यादें ताजी हो गई । किसी वस्तु या विषय पर दो लोगों के विचार भिन्न हो सकते हैं ये मैं भलीभांति जानता हूं तो मुझे इसमें खुशी ही मिलेगी । कारण कि मुझे किसी के विचार जानने का अवसर मिला। विचारों में अंतर व्यक्ति के परिवेश के कारण होता है।

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  37. खुशी एक आंतरिक एहसास है ,यदि खुशी को कोई और अलग तरीके से समझता है तो मुझे एक और नए दृष्टिकोण का पता चलेगा और ये साथ ही मेरी अपनी दूसरे विषयो के प्रति धारणा को भी एक नए अवाम में देखने में सहायता करेगा

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  38. खुशी परिस्थिति से तादाम्य की स्वीकृति है,जो परिवेश, काल और भावनाओं का प्रकटीकरण है।

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  39. Happiness comes from inside when your family,students and surroundings are happy

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  40. जब किसी दिन मैं अच्छा काम करता हूं खासकर स्कूल में बच्चों को जब मैं पढ़ाता हूं तो मेरा मन बहुत प्रसन्न रहता है और मेरे मन में खुशी की भाव पैदा होती है यह हर व्यक्ति पर निर्भर करता है कि कब किसको खुशी मिल सकती है किसी को खुशी किसी को परेशान करने से मिल सकती है किसी की खुशी कुछ देने से मिल सकती है किसी किसी को खुशी कुछ लेने से हो सकती है और किसी को खुशी कुछ भी करने से हो सकता है

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  41. मेरे लिए खुशी, जब भी मेरे किसी काम या कारण से दूसरों के चेहरे में प्रसन्नता आए तो यह मेरे लिए खुशी का कारण होता है। यदि किसी व्यक्ति की खुशी का कारण मेरे कारण से अलग होता है तो कोई बात नहीं सब के विचार भिन्न भिन्न होते हैं।

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  42. खुशी एक आत्मीय अनुभूति है जिसे महसूस करते ही मेरे चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाती हैं और हर व्यक्ति के खुश होने के कारण अलग-अलग होते हैं।

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  43. मेरे लिए खुशी जब भी मेरे किसी काम या कारण से दूसरों के चेहरे में प्रसन्नता आए तो यह मेरे लिए खुशी का कारण होता है। यदि किसी व्यक्ति की खुशी का कारण मेरे कारण से अलग होता है तो कोई बात नहीं सब के विचार भिन्न-भिन्न होते हैं।
    श्रीमती ममता बिझवार
    शासकीय हाई स्कूल पंचगवा, विकासखंड बलौदा, जांजगीर चांपा

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  44. खुशी सकारात्मक परिणाम से प्राप्त खूबसूरत जिंदगी का एक हसीन मनोभाव है, जो चेहरे पर स्पष्ट दिखाई देती हैं। यदि कोई व्यक्ति खुशी के बारे में मुझसे बिल्कुल अलग विचार साझा करें तो हमें उस पर गहन चिंतन के साथ सकारात्मक सोच बनानी होगी। इस अंतर का मुख्य कारण उनका अपना अलग दृष्टिकोण हो सकता है।

    चन्द्र कान्त झा (ब्याख्याता)
    शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बड़ेडोंर
    विकास खण्ड-फरसगांव (कोंडागांव)

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  45. For me happiness means that the things which gives me pleasure after completion of anything.

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  46. जहाँ मन में संतोष हैं, वहीँ खुशी हैं।

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  47. 'खुशी' वास्तव में मानव जीवन की पहली और आखिरी इच्छा है ।इंसान के लिए खुश रहने के कारण अलग-अलग तो हो सकते हैं लेकिन खुशी के अवसर पर भावनाएं लगभग एक समान होते हैं ।इंसान खुशी के अवसर पर बहुत से ऐसे अच्छे और नेक कार्य भी कर जाता है जो हमारे समाजिक सरोकार से जुड़े होते हैं।
    🙏 धन्यवाद 🙏
    सुरेश कुमार मेश्राम (व्याख्याता )
    शास.हाई स्कूल अमलीडीह धमतरी

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    1. खुशी किसी भी व्यक्ति की उस मनोदशा का प्रगटीकरण है कि उसने अपनी कार्य शैली से सकारात्मकता के साथ लक्ष्य को प्राप्त किया है।
      यही खुशी सतत् रूप में उर्जा के साथ मार्ग प्रशस्त करेगी।
      अत:हर कार्य प्रसन्नता से करे निश्चय ही सफल होंगे।

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  48. विरेन्द्र कुमार दिब्य छुरा जब मैं एक शिक्षक के रूप में खुशी शब्द के बारे सोचता हूँ तो मझे सबसे ज़्यादा खुशी तब प्राप्त होती है जब मैं कक्षा मेंभी बच्चों के साथ और कक्षा के बाहर साथियों संबधियो के परिपेक्ष्य लेकर किसी कानसेपट,, प्रश्न के उत्तर को उमसके सही अर्थमे समझ व समझा ने सफल हो पाता हूँ यदि कोई व्यक्ति खुशी के बारे में, साझा करता है जो मेरे खुशी से भिन्न है तो अगर मुझे तदानुभुतिहोती है और उसकी खुशी सराहना करता हूँ तोमुझमें वयक्ति सामाजिक गुण है औरअगर तदानुभुति व सराहना नहीं किया गया तो सामाजिक गुणो को सिखना पडेगा ओ भी सतत, अभियाश के साथ धन्यवाद

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  49. मेरे किसी कार्य से सामने वाले व्यक्ति सन्तुष्ट और प्रसन्न नजर आता है तो वहां मेरे लिए खुशी है।
    सी एल साहू
    रानीतराई दुर्ग

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  50. हर व्यक्ति की अवश्यताये भिन्न होती है ठीक उसी प्रकार खुशियाँ भी भिन्न संसाधनों से प्राप्त होती है और प्रत्येक व्यक्ति उसे अलग अलग ढंग से अभिव्यक्त करता है जो उस व्यक्ति के परिप्रेक्ष्य उसे ज्यादा ख़ुशी कर सकता है हो सकता है किसी दूसरे व्यक्ति को वही बात बिलकुल खुशी ना दे. तथापि हमें प्रत्येक व्यक्ति के ख़ुशी को पूरा आदर देना चाहिए ताकि अच्छे समाज का निर्माण हो सके
    नमस्कार

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  51. "ख़ुशी" शब्द मेरे लिये!
    किसी के चेहरे पर मुस्कान ला पाऊँ, किसी के काम आ सकूँ और अपनी जिम्मेदारियों को चाहे वह देश, समाज, परिवार, मित्र या मेरे स्कूल के प्यारे बच्चे के प्रति पूरी ईमानदारी से निभाता रहूँ,
    सभी मनुष्यों में भावनाओं को व्यक्त करने के लिये तंत्रिका तंत्र प्रणाली और हार्मोन दोनों कि ही भूमिका महत्वपूर्ण होती है, इन दोनों का संतुलन जरूरी होता है,पर इसमे कुछ चीजें जैसे शिक्षा, आसपास का माहौल, आर्थिक,सामाजिक और मानसिक स्थिति, परिवार, मित्र।
    इन सब का प्रभाव सबके जीवन में अलग- अलग पड़ता है, इसलिए इसे या किसी भी शब्दों को हम एक- दूसरे से अलग समझते हैं।

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  52. If someone comes up with a different definition of 'Happiness' I'll accept it and would like to know how he/she is defining Happiness and after knowing it, I will take my thoughts towards that direction.

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  53. खुशी शब्द मेरे लिए बहुत मायने रखता है।जब हम कोई भी कार्य करते है और हम उसमे सफल होते है तो हमे खुशी मिलती है।हो सकता है दूसरो को न हो। यहां हम देखते है की सभी की सोच अलग अलग है।दूसरा क्या सोच रहे हैं या अलग है उससे हमे दुखी नहीं होना चाहिए।
    इस अंतर का कारण है सभी लोगो की सोच और समझ अलग अलग है।

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  54. खुशी शब्द है उस क्षण का जिस पल
    समष्टि के साथ तादाम्य स्थापित होकर
    सकारात्मकता उच्च स्तर पर अभिव्यक्ति होती है।
    गौरीशंकर यादव
    प्राचार्य
    शास.हाईस्कूल बुटाकसा
    जिला -राजनांदगांव

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  55. खुशी के बारे में सोचते ही मेरे मन में मेरे परिवार की छवि आ जाती है। उनके खिलखिलाते चहरे की छवि मेरे लिए बहुत ही सुखद है जो मुझे आन्नद की अनुभूति कराता है।

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  56. मेरे लिए खुशी मेरे परिवार और मित्र है,, उनके साथ मै खुशी का अनुभव करती हूं सभी व्यक्तियों के लिए अलग अलग खुशियां होती है ,, उनके कारण भी अलग अलग होते है

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  57. मेरे लिए "खुशी " का मतलब परिवार को खुश रखना है। वही मेरे लिए सब कुछ है।

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  58. एक शिक्षक होने के नाते मुझे खुशी तब होती है जब मेरे द्वारा पढ़ाई गईं विषय वस्तु विद्यार्थीयों को समझ में आ जाए।

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  59. दूसरों की सहायता , मदद करके जो आनंद आता है वही खुशी है।

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  60. मेरे लिए खुशी शब्द का आशय उस सुखद अहसास से है जो मेरा रोम रोम सकारात्मकता तथा उत्साह की ऊर्जा से भर देता है। मेरी खुशी का कारण व्यक्तिगत तथा सामाजिक हो सकता है सभी के लिए खुशी शब्द का अलग-अलग कारण तथा आशय हो सकता है तदनुसार खुशी शब्द,के बारे में विचार भी अलग हो सकते हैं ।जो बहुत ही स्वाभाविक प्रक्रिया है। जब हम, दूसरों के दृष्टिकोण की सराहना करते हैं और उनके दृष्टिकोण का सम्मान करते हैं संवेदनशील होने की नींव रखते हैं, हम दूसरों के प्रति और स्वयं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं, तो यह हमें अधिक सशक्त बनाता है और उत्साह के साथ प्रभावी ढंग से संवाद और दूसरों के लिए संवेदनशीलता दिखाने में सहायता करता है।

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  61. खुशी' वास्तव में मानव जीवन की पहली और आखिरी इच्छा है ।इंसान के लिए खुश रहने के कारण अलग-अलग तो हो सकते हैं लेकिन खुशी के अवसर पर भावनाएं लगभग एक समान होते हैं ।प्रत्येक व्यक्ति का खुश होना उसकी अपनी सामाजिक, मानसिक,पारिवारिक आंतरिक व अन्य परिस्थितियों पर निर्भर करता है।

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  62. अपनी वजह से किसी दूसरे को खुश देखने में सच्ची खुशी होती है

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  63. ख़ुशी शब्द के बारे में सोचने का अर्थ होता है, हमारे मस्तिष्क में ख़ुशी शब्द से संबंधित पूर्व से स्थापित स्मृतियों को पुनर्व्यवस्थित करना। वह कोई संदर्भ या अनुभूति भी हो सकती है। शब्द से सम्बद्ध मनोशारीरिक प्रतिक्रिया ख़ुशी को भीतरी और वाह्य आयामों में विस्तारित करती है। जिसे हम ख़ुशी के रूप में अनुभव या व्यक्त करेंगे।
    धर्मेन्द्र प्रसाद सारस्वत
    प्रभारी प्राचार्य
    शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चिल्हाटी
    छत्तीसगढ़

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  64. खुशी ( Happiness ) मन में होने वाली सुखद अनुभूति ,उत्साह बढ़ाने वाली भाव है
    जीवन में अपनी मनपसंद चीजों के मिल जाने से या अपने बच्चों ,परिवार एवं दोस्तो की खुशहाल रहने पर जो postive Feeling होती है उसे खुशी कहते हैं Satisfaction भी खुशी लेकर आता है। जो व्यक्ति अपने जीवन से संतुष्ट है वह खुश है।

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  65. खुशी एक मानसिक भाव है जो सबके लिए अलग-अलग परिस्थितियों में पैदा होती है मेरे लिए खुशी का मतलब मेरे परिवार के सदस्यों का स्वस्थ रहना है जब भी मैं सुनती हूं कि मेरे अपने लोग खासकर मेरी वृद्ध माता एकदम सकुशल है तो तुरंत ही खुश हो जाती हूं और मैं सभी के कमेंट पढ़ कर भी खुश हूं क्योंकि चाहे कोई भी अलग-अलग परिस्थितियां हो सबके लिए खुश रहना मायने रखता है।
    Hema chivane

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  66. हर कार्य को खुशी-खुशी करना चाहिए ताकि उसका परिणाम भी अच्छा प्राप्त हो। यदि कोई व्यक्ति अपना खुशी जाहिर करता है और उसके जाहिर किए गए शब्दों पर हमें अच्छा नहीं लगता है, उस स्थिति में हमें उनकी बातों को गहराई से समझने की जरूरत होगी। उसे तुरंत उसकी जाहिर की गई खुशी पर नकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करना चाहिए। हमें मनन करना चाहिए कि उसके द्वारा व्यक्त की गई खुशी में किसी अन्य को तकलीफ तो नहीं पहुंचा है। निसंदेह उसके खुशी में किसी को तकलीफ पहुंचा हो तो हमें उसकी खुशी में शामिल नहीं होना चाहिए।

    रामसेवक पैकरा
    व्याख्याता एलबी
    शासकीय उत्तर माध्यमिक विद्यालय बसकेपी
    विकासखंड -कुसमी, जिला- बलरामपुर छत्तीसगढ़.

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  67. खुशी एक मानसिक भाव है जो हमारे चेहरे पर साफ दिखाई देती हैं। मुझे अपने कर्तव्यों को पूरा करने में अपार खुशी महसूस होती हैं। मैं अपने विद्यालय में हमेशा सभी बच्चों को खुश करने की कोशिश करता हूं ताकि उनका मन पढ़ाई में लगा रहे और शिक्षकों के द्वारा दिए गए कार्य को पूरा करें। मन प्रसन्न रहें तो किसी भी कार्य को करने में आनंद आता है।

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  68. खुशी एक मानसिक या भावनात्मक स्थिति है जो हमारे चेहरे पर साफ दिखाई देता है हर व्यक्ति की सोचने और चिंतन करने की क्षमता अलग-अलग हैं
    संतोषी सदा सुखी ‌‌
    ताराचंद कौशिक
    (स.शि.)
    शास.उ.मा.वि.चोगरीबहार
    जिला जशपुर

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  69. खुशी एक मानसिक स्थिति हैजो मन को आनंदित कर देती है। भूमि भूमि व्यक्तियों के लिए खुशी का कारण अलग अलग हो सकता है ,जैसे मेरे लिए छोटे बच्चे खुशी का कारण है तो यह किसी के लिए बोझिल भी हो सकते हैं
    कक्षा में पहला दिन विद्यार्थी होते हैं जिनके लिए खुशी शब्द का अर्थ 3 दिन हो सकता है लेकिन हमें कक्षा का वातावरण इस प्रकार तैयार करना चाहिए या विद्यार्थियों में इस प्रकार समझ विकसित करनी चाहिए जिससे प्रत्येक बच्चा दूसरे की खुशी से खुशी सके, दूसरों की खुशी को समझ सके तथा उसकी सराहना कर सके।



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  70. The meaning and reasons of happiness are different for everyone. In my life happiness is peace of mind, feeling occurred due to state of mind. If the view of any other person is different from me than I will try to understand his opinion and respect it. As, happiness is love and to be loved, I would prefer to do harmony. There are many small things in life which give us happiness and we can share it by just a smile. And in classroom it is the best tool for achieving better learning outcomes.

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  71. जब किसी के काम आती हूं,तो जो संतुष्टि मिलती है वही खुशी है।

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  72. जब भी मेरे मन माफिक कार्य होता है या किसी कारण से दूसरों के चेहरे में प्रसन्नता आए तो यह मेरे लिए खुशी का कारण होता है। यदि किसी व्यक्ति की खुशी का कारण मेरे कारण से अलग होता है तो मुझे खुशी की एक नए कारण का पता चलेगा।

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  73. Khushi aisi chij hai jo Dene se badhati Hai stul sadhno ki apeksha Khushi de aur Khushi badhaen. Kyunki Khushi jaisi khurak Nahin.

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  74. खुशी एक मानसिक/भावनात्मक स्थिति है, जिसे दूसरों के बीच, सकारात्मक या सुखद भावनाओं के बीच समाधान से लेकर गहन आनंद तक परिभाषित किया जा सकता है। खुशी आंतरिक आनंद की एक स्थिति है, जो तब आती है जब मन शांत होता है और बेचैन सोच और चिंताओं से मुक्त होता है।

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  75. खुशी एक मानसिक स्थिति का स्वरूप है जो बाहरी परिस्थितियों के कारण भी प्राप्त हो सकती है और आंतरिक कारणों से भी।
    मुझे जिस चीज या कारण से खुशी मिलती है वो दूसरे के लिए अलग हो सकते हैं क्योंकि सबकी सोच और परिस्थिति भिन्न होती है।हम अपनी खुशी को दूसरों पर नही थोप सकते उनकी खुशी के कारणों का सम्मान करना होगा

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  76. परिवार के साथ बिताया वक्त मुझे ख़ुशी प्रदान करता है ।

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  77. दुसरो की खुशी में खुश रहना ही असली खुशी होती ,,खुशी का मतलब अपने माता पिता भाई बहन की खुशियां होती है,,,

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  78. खुशी एक मनोभाव है जो चेहरे और स्वभाव में झलकता है

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  79. खुशी मेरे लिए वह पल होता है जब कोई काम मेरे अनुसार हो या अपने बच्चों के साथ बिताए गया पल होता हैं

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  80. According to me "Happiness" means satisfaction. If anyone else's views are different then I don't feel awkward because everybody has his own perspective towards "Happiness" as per the situations, requirements and understanding.

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  81. ख़ुशी शब्द से मन में प्रशन्नता का भाव उत्पन्न होने लगता है, यह भाव हृदय के अंदर से आता है।
    अतः ख़ुशी सबके लिए समान नहीं होता वरन् यह व्यक्ति पर निर्भर करता है कि उसे किस कार्य से हृदय से संतुष्टि मिलती है।ऐसा कार्य या घटना आर्थिक, सामाजिक या धार्मिक कुछ भी हो सकता है।

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  82. खुशी तो मन की एक भावना है जिसे केवल अहसास किया जाता है प्रकट नही kiya जाता

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  83. खुशी शब्द से ही मन प्रसन्न हो जाता है।खुशी एक मनोभाव है जो चेहरे से और स्वभाव में झलकता है।

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  84. खुशी एक ऐसा शब्द है जिसको सोचते ही मन प्रसन्न हो जाता है व्यक्ति जब भी कोई कार्य करता है तब वह उसने खुशी तलाश करता है और यदि वह उस कार्य में सफल हो गया अर्थात उसे खुशी प्राप्त हो गई। खुशी शब्द के मायने प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग अलग हो सकता है और होता भी है इसीलिए हमें हर व्यक्ति के विचार का सम्मान करना चाहिए।

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  85. जब मेरे कार्यों से किसी के चेहरे पर मुस्कान देखती हूं तो मुझे आंतरिक संतोष एवम् खुशी महसूस होती है ।

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  86. खुशी शब्द के उच्चारण से निश्छल और निः स्वार्थ प्रेम से परिपूर्ण नन्हें बच्चों का मुस्काता चेहरे की झलक दिखाई देती है।यह हृदय की सुखद अनुभव है।जब हृदय उत्साहित हो तो खुशी का अनुभव होता है।

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  87. खुशी एक आंतरिक भावना है जो हमें अच्छे काम करने से मिलती है।

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  88. जब हम कोई विशेष कार्य करते हैं और फिर हमें उसमें सफलता मिलती है तो वह बेहद खुशी का क्षण होता है।

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  89. ख़ुशी एक अनुभूति है जो किसी कार्य को सफलतापूर्वक निभाने के बाद प्राप्त होती है। जैसे अपने लगाए हुए पौधे में फूल खिलने पर होती है। ठीक इसी तरह अपने विद्यार्थी को लगनपूर्वक अध्ययन करते हुए सफल होते हुए शिक्षक को होती है। धन्यवाद

    श्रीमती सायरा रूबी हनीफी चिचिरदा बिलासपुर

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  90. Khushi se mujhe festival yaad aata he .mujhe festivals me sab khush hote he. Dusro ki soch mujhse alag ho sakti he mujhe koi strange nai hoga. Kyo ki logo ke kisi vastu ko dekhne ka nazariya alag hota he, aur situation,man ki sthiti per depend karta he.

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  91. आशातीत परिणाम मिलने पर खुशी होती है तथा दुसरोंं की खुशी का सम्मान करना चाहिए लेकिन किसी को दुसरोंं को परेशान करने मे खुशी मिलती है तो ? उसे उसके ब्यवहार के दुस्प्रभाव की ओर ध्यान दिलाने पर उसके समझ मे सुधार आ जाय तभी खुश होना चाहिए

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  92. खुशी प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग अलग वैचारिक अनुभूति है। मैं एक शिक्षक हूँ जब किसी विषय वस्तु को बच्चो के साथ साझा कर उसे समझने में सफल होता हूँ मेरे लिए वह खुशी है।

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  93. खुशी भावनात्मक अभिवक्ति का माध्यम है जिसमे व्यक्ति द्वारा अपनी सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार करता है। जिन वस्तुओं व्यक्तियों या व्यवस्थाओं को मनुष्य अपने लिए अच्छा समझता है उस पर खुशी जाहिर करता है।।

    भूषण कुमार साहू
    व्याख्याता
    शासकीय हाई स्कूल महका कला
    पाटन दुर्ग छत्तीसगढ़

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  94. खुशियां प्रसन्नता आदि की अभिव्यक्ति चाहे जिस प्रकार से भी की गई हो हमें प्रत्युत्तर में मुस्कुराना ही चाहिए भले ही बाद में हमें हंसी या क्रोध आए

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  95. सभी का चीजों को देखने का तरीका अलग होता है|दूसरों केनजरिये से देखकर हम अपनी समझ बढा तथा परिपक्व कर सकते हैं |

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  96. खुश रहने का मतलब सकारात्मक भावनाओ से युक्त अच्छी तरह से आप को पा लेना। इसका अर्थ यह है कि अलग -अलग लोगो और संस्कृतियों के लिए अलग - अलग हो सकते है । क्यूंकि सभी का दृष्टिकोण, विचार, चिंतन भिन्न होता है। इसलिए यह भिन्नात्मक अवधारणा को प्रदर्शित करता है ।
    अरस्तू ने कहा है - " खुशी अपने आप पर निर्भर करता है ।"
    व्याख्याता
    शा. उ.मा. वि. चवांड
    Narharpur
    KANKER

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  97. मेरे लिए खुशी शब्द का आशय उस सुखद अहसास से है जो मेरा रोम रोम सकारात्मकता तथा उत्साह की ऊर्जा से भर देता है। मेरी खुशी का कारण व्यक्तिगत तथा सामाजिक हो सकता है सभी के लिए खुशी शब्द का अलग-अलग कारण तथा आशय हो सकता है तदनुसार खुशी शब्द,के बारे में विचार भी अलग हो सकते हैं ।जो बहुत ही स्वाभाविक प्रक्रिया है। जब हम, दूसरों के दृष्टिकोण की सराहना करते हैं और उनके दृष्टिकोण का सम्मान करते हैं संवेदनशील होने की नींव रखते हैं, हम दूसरों के प्रति और स्वयं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं, तो यह हमें अधिक सशक्त बनाता है और उत्साह के साथ प्रभावी ढंग से संवाद और दूसरों के लिए संवेदनशीलता दिखाने में सहायता करता है।

    Santoshi panigrahi
    Lecturer
    Govt.HSS Ghatlohanga
    Bastar

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  98. खुशी से आशय हर व्यक्ति अपने अपने अर्थ में लगता है ।खुशी व्यक्त करने की विषय वस्तु भी है और नहीं भी है। खुश जब हम अपने में रहते हैं तो हमारा चेहरा चमकने लगता है। किसी दूसरे व्यक्ति के चेहरे को देखते हैं यदि उसका उसका मुख प्रसन्नता से चमक रहा है तुम समझ जाते हैं कि वह व्यक्ति खुश है। व्यक्ति में किताबों पर ही निर्णय लेता है वह जैसा सोचता है वैसा उसको अपना प्रतिबिंब सामने वाले में दिखाई देता है। यदि आपका मनपसंद है तो आप सामने वाले के चेहरे पर छाई देखेंगे भी आपका मन दुखी है तो सामने वाला आपको दुखी दिखाई देगा या उसकी मन: स्थिति पर निर्भर करता है।

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  99. खुशी एक मनोभाव है, भावनात्मक अभिव्यक्ति से प्रदर्शित होती है।खुशी के कई कारण हो सकते है अलग अलग विचार हो सकते हैं ।स्वयं की खुशी,परिवार व मित्रों की खुशी,परोपकार सहायता से खुशी,देशप्रेम की खुशीऔर मेरा देश सिरमौर बने,यही सबसे बड़ी खुशी होगी मेरी।

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  100. Khushi Shabd k maybe har vyakti k liye alag alag ho sakta hai. Apne vyavhar avm man ki dasha par nirbhar karta hai ki game list baat par Khushi mahsoos Hoti hai.
    Kisi Anya vyakti k dwara khusi vyakti liye Jane par yadi hamare vichar bhi us make me Mel khaye hai to game bhi khusi hi Hoti hai. Vicharo k Mel nahi home samne wale vyakti k khusi vyakt karne par bhi khusi nahi mil Sakti.

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  101. खुशी एक ऐसे भावनात्मक मानसिक स्थिति है जिसको शब्दों में व्यक्त करना संभव नहीं है ऐसी आंतरिक अनुभूति है जो हमारे शारीरिक हाव-भाव और चेहरे से परिलक्षित हो जाती है हां अन्य व्यक्ति द्वारा सांझा किया गया खुशी का विचार मेरे व्यक्तिगत विचार से भिन्न हो सकता है इससे मुझे भी खुश रहने का एक नया विचार मिल जाएगा मैं उनके विचारों का सम्मान करूंगी

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  102. खुशी ,केवल शब्द ही काफी है चेहरे के साथ साथ समस्त सृष्टी का व्यवहार मेअपनापन लाने के लिए।खुशी अपने आप मे उल्लास का उद्भव करता है।

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  103. Happiness is a feeling which could differ from individial to individual but for me is satisfaction which creates an aura of positivity around myself and it also affects people around me in a positive way

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  104. खुशी तब मिलती है जब है अपने कर्तव्य का पालन कर पाने में सक्षम होते है और किसी की जरूरत में काम आ पाने में सक्षम होते है तो ऐसे कार्यों के बाद जो मन में शांति और संतुष्टी का जो भाव है वहीं खुशी है।

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  105. खुशी का एहसास हर ब्यक्ति के लिए अलग पल और तातपर्य है एक ही समय मे एक ही घटना के प्रतिफल अलग हो सकता है
    खुशी किसी ब्यक्ति में अल्पकालिक और दीर्घकालिक मानसिक और शारीरिक संतुष्टि का उद्दीपन है जिसमे ब्यक्ति ब्यक्तिगत या सभी के साथ अपने सकारात्मक विचारों को भौतिक व आर्थिक रूप में साझा करता है
    यदि कोई खुशी को हमसे अलग परिभाषित करता है तो निश्चित ही अच्छा अनुभव व ज्ञान रखता है स्वाभाविक है सम्मान का पात्र है।

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  106. खुशी मानव मन की आनंदित पहलु है । हमें एक-दूसरे की भावनाओं को लेकर सकारात्मक सोच के साथ खुशियों का आदान-प्रदान करना चाहिए।एक दूसरे के विचारों का सम्मान करना चाहिए।

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  107. Khushi sabad sunte hi man me kuchh achcha kuchh sunder sukun dene wale chhad ki anubhuti hoti hai.or eska seema kitni hogi yh vyakti vishesh ke bhavatmak soach per nirbhar rhega.

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  108. It's that beautiful feeling of the heart which originates from that thing which gives happiness to everyone in this world

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  109. खुशी शब्द सुनते ही चेहरे पर एक मुस्कान ही आ जाती है

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  110. "खुशी" यह एक अहसास है। जो सभी लोग हमेशा पाने का प्रयत्न करते हैं। हां इसके मायने प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग अलग हो सकती है। हमारी हार किसी के लिए जीत की खुशी हो सकती है, किसी की हार किसी और के लिए जीत की खुशी हो सकती है। इस गतिविधि से हम भिन्न-भिन्न लोगों के लिए 'खुशी' के भिन्न-भिन्न अर्थ को समझ सकते हैं।
    अरूण कुमार दिल्लीवार
    G. H. S. School Kallubanjari
    Chhuriya Rajnandgaon

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  111. The term " Happiness" brings a smile in everyone's face but it differs from person to person. Everyone wants to be happy but the reason of becoming may not the be the same. A person who loves literature would be very happy to write a book, while a scientist will become happy if he can invent something. We all differ in our passion, inspiration , dreams and we must respect that as all human minds are not orchestrated for one general task.Diversity of human minds has led to this this beautiful world and everyone wants to find happiness.The academic fraternity is struggling to make the learners happy and happy leanings.
    Dr.Deepa Dass
    Principal, GHSS MANIKCHAURI

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  112. खुशी प्रसन्नता का भाव है, खुशी के बारे में मन मे सोचने से ही पूरे शरीर मे अलग अनुभूति होती है, व्यक्तिगत भिन्नता होने के कारण खुशी के बारे में भी सब के अपने अलग अलग विचार , भाव है

    अमित जैन

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  113. खुशी शब्द के बारे मे सोच कर बहुत से अच्छे बीते हुए पल याद आते है। हर किसी के विचार खुशी को लेकर अलग हो सकते है इसलये हमे सबकी विचार धारणाओ का सम्मान करना चाहिए और हर तरफ खुशी बाटने की कोशिश करनी छाहिये।

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  114. Khushi vah shabda hai jise sunne yaapnane se apane aap me santushti ka aubhav hota hai. Jab mai kisi ki sahayata karta hu to mujhe us vakt jo anubhav hota hai vahi mere liye badhi kushi hoti hai.

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  115. "खुशी"एक भावुक पल होता है, सभी व्यक्ति ख़ुश रहना चाहते हैं, व्यक्ति गत विभिन्नता की वजह से खुशी के पल मे भिन्नता हो सकती है। खुशी होने से मन प्रफुल्लित हो जाता है,जिसकी झलक चेहरे पर स्पष्ट दिखाई देता है।

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  116. Jo kam karne ke bad Dil Mein sukun Milti Hai Vahi Mere Liye Khushi Hai Jaise school mein bacchon ko padhaane ke bad Mujhe milati Hai

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  117. Aj mai nishtha ke module ko padhkar ander se khushi mahsus kar rahi hu.jab koi dusara meri bato me khushi mahsus nahi karta jisme mai khush hoti hu to uska yahi karan hai ki pratyek vyakti ka drishtikon alag hota hai.

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  118. Anil kumar sharma
    LECTURER l b
    Govt.high school Sarhar
    खुशी खुबसूरत जिन्दगी की एक हसीन पल है।अच्छा जीवन जीने के लिए खुश रहना जरूरी है।

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  119. Khushi Shabd se sabhi ko shyad khushi mil jati hogi hr insaan ke liye khushi ke nayne alag hote hai meri Beti ka naam hi khushi hai mujhe is naam se hi khushi mil jati hai pr ydi koi meri khushi se khush nhi hota to mujhe ye lagta hai ki uske liye khushi kisi aur baat pr nirbhar krti aur mujhe koi samasya nhi hogi

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  120. तेजवली शुक्ल
    खुशी केवल शब्द ही काफी है चेहरे के साथ-साथ समस्त सृष्टि का व्यवहार में अपनापन लानेके लिए खुशी अपने आप में उल्लास का उद्भव करता है

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  121. Khusi ek anubhuti h jo hame antarik urja deta hai aur jeevan ko jine ki ichcha sakti deta hai

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  122. Khusi se hame jine ki prerna milti h

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  123. खुशी को अनुभव किया जा सकता है

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  124. जैसे ही मैंने खुशी के बारे में विचार किया मुझे अपने परिवार के सदस्यों के चेहरों पर खिले मुस्कान दिखाई दे और यदि कोई दूसरा व्यक्ति खुशी के बारे में अपना विचार व्यक्त करें तो हो सकता है और होगा ही कि उसका विचार मेरे विचार से भिन्न ना हो क्योंकि हर व्यक्ति की मनोवैज्ञानिक सोच अलग-अलग होती है।

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  125. Muje apne jivan me Teaching me sabse badi khushi milti hai jisme aanand ki anubhuti hoti hai.hum dusron ke vichar ko
    respect de.

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  126. खुशी एक व्यक्तिगत और सुखद अनुभूति है जो निश्चय ही प्रत्येक व्यक्ति में भिन्न होती है।इसमें परिस्थितियों का बहुत प्रभाव होता है।मुझे छोटे बच्चों की बाल सुलभ चेष्टाएं बहुत खुशी देती हैं।इसके बाद अपनी किसी हाॅबी (रचनात्मकता )को पूरा करना परम सुख देता है ।

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  127. खुशी को अलग अलग व्यक्ति द्वारा अलग अलग ढंग से व्यक्त करने के पीछे उसकी व्यक्तिगत एवम सामाजिक पृष्ठभूमि का प्रभाव होता है।

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  128. खुशी प्रसन्नता का भाव है, खुशी के बारे में मन मे सोचने से ही पूरे शरीर मे अलग अनुभूति होती है, व्यक्तिगत भिन्नता होने के कारण खुशी के बारे में भी सब के अपने अलग अलग विचार है

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  129. खुशी एक भाव है और निश्छल प्रेम है । खुशी जिंदगी को सरलता से जीने का उपहार है । प्रत्येक व्यक्ति की सोचने ,समझने ,मानने की क्षमता अलग अलग होती है यदि मन में सुकून हो ,शांति हो ,हृदय उत्साहित हो जिससे आनंद का अनुभव होता हो उसे हम खुशी कहते हैं।

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  130. जब कोई हमारे विचार से सहमत हो कर सराहना करता है तो खुशी होती है ,लेकिन यह आवश्यक नहीं कि लोग आपसे सहमत ही हों क्योंकि सबके सोचने विचारने के ढंग भिन्न होते हैं ।

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  131. खुशी एक मानसिक संतोष है जो हमें ऊर्जावान बनाता है। सब के लिए खुशी का मतलब अलग अलग हो सकता है लेकिन यह शब्द हमें आगै बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करता है।

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  132. खुशी सबके लिए अलग अलग कारण से होती है क्योंकि प्रत्येक मनुष्य की आवश्यकताएं एवं आकांक्षाएँ अलग- अलग होती हैं मेरी वजह से यदि किसी को थोड़ी भी ख़ुशी मिलती है इस बात से ही मुझे खुशी होती है ।

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  133. खुशी एक सुखद अनुभूति है परिवार में परिवार के सदस्यों स्कूल में शिक्षकों एवं छात्रों में सकारात्मक सोच उत्साह का संचार कार्य के प्रति लगन देख कर खुशी मिलती है यह अन्य से अलग इसलिए है क्योंकि सबकी विचार सोचने समझने देखने का नजरिया एवं परखने की क्षमता अलग-अलग होती है उनके विचार मुझसे भिन्न है तो उनके विचारों का सम्मान करूंगा कि इस खुशी का यह भी पहलू हो सकता है।

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  134. The term "happiness" what I feel is the state of being energetic ,enjoyful, excitement ,encouragement ,self confidence ,firm determination and a bunch of positive thoughts. If someone's thinking doesn't matches with me then I would suppose that it's a human nature and I should respect and understand his/hers feeling. And thus respecting and understanding each others view we can have conducive environment around us and make the things better. Thanks.

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  135. अनुकूल वेदनियम सुखम्.
    हमारे मन पसंद कोई चीज हमे मिल जाती है तब मिलने के बाद जो भाव हमारे मानस पटल पर बनता है उसे खुशी कहते हैं, जिससे हमे सुख की अनुभूति होती हैं

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  136. यदि मेरे द्वारा व्यक्त खुशी किसी अन्य द्वारा व्यक्त खुशी से अलग है तो मुझे उसकी भावना, विचारों और दृष्टिकोण का सम्मान करना चाहिए |साथ ही उसके द्वारा व्यक्त विचार और सोच का गहराई से विचार हो हो सकता है वो कारण की तरफ अपना ध्यान ही नहीं गया हो |

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  137. Mai apne circumstances ke anurup hi happy ho Sakta hu. Parantu dusre ke circumstances alag ho sakte hai. Ye natural hai. As koi result se, koi money se, koi house se.

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  138. ये एक ऐसा शब्द हैं जिसको सुन कर ही उसकी अनु भूति मन की जिज्ञासा मे एक हर्ष भर देता है यदि इसमे कर्तव्य को भी जोड़ दे तो हम को एक आत्म संतुष्टि प्रदान करती है।

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  139. प्रत्येक व्यक्ति के लिए खुशी के मायने अलग अलग हो सकते हैं। परंतु सभी व्यक्तियों में खुशी का अर्थ अपने मनचाहे उद्देश्य की पूर्ति है। उदाहरण के तौर पर कक्षा में किसी छात्र को चित्रकारी करने में खुशी मिलती है जबकि हो सकता है शिक्षक को छात्र के विषय संबंधी उपलब्धियों को पूरा करने में खुशी मिलती है। ऐसे में शिक्षक को उस छात्र की खुशी का सम्मान करते हुए उसकी प्रतिभा को विषय संबंधी उपलब्धियों को प्राप्त करने में उपयोग किया जाना चाहिए। ना कि अपने उद्देश्यों को उस छात्र पर थोपना चाहिए।

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  140. जब हमारी इच्छा या आकांक्षा पूर्ण होती है तब हृदय भाव विभोर हो उठता है जिसे प्रदर्शित करने का हर व्यक्ति विशेष का अलग नजरिया और तरीका हो सकता है। मुझे जब खुशी होती है मैं पहले अपने परिवार के साथ उसे साझा करती हूं ईश्वर को याद करती हूं पर हर व्यक्ति ऐसा करे आवश्यक नही है।कोई खुशी में झूमता है तो खुशी के आंसू भी बहाता है।हमे हर व्यक्ति की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए उसे समझने की कोशिश करनी चाहिए।

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  141. खुशी हमारी कार्य शैली की सफलता को दर्शाने वाली अमिव्यक्ति है। जिंदगी की एक हसीन पल का नाम है। कोई दूसरा व्यक्ति खुशी के बारे में अपना विचार व्यक्त करें तो हो सकता है और होगा ही कि उसका विचार मेरे विचार से भिन्न ना हो क्योंकि हर व्यक्ति की मनोवैज्ञानिक सोच अलग-अलग होती है।
    मृदुला त्रिपाठी, शा, उ मा विद्यालय तिफरा
    बिलासपुर

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  142. Khushi Shabd ke sabhi ke liye alag alag mahine Hote Hain Kisi Ko co-chairman bhej kar Khushi hoti hai tu kisi ko khareed kar Kahane ka matlab hai Khushi Man tantrik manobhav hai ka manobhav hai

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  143. खुशी खूबसूरत जिंदगी की एक हसीन पल का नाम है। जैसे ही मैंने खुशी के बारे में विचार किया मुझे अपने परिवार के सदस्यों के चेहरों पर खिले मुस्कान दिखाई दे और यदि कोई दूसरा व्यक्ति खुशी के बारे में अपना विचार व्यक्त करें तो हो सकता है और होगा ही कि उसका विचार मेरे विचार से भिन्न ना हो क्योंकि हर व्यक्ति की मनोवैज्ञानिक सोच अलग-अलग होती है।
    के. पी. साहू
    व्याख्याता

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  144. खुशी एक सुखद अनुभूति है जो सकारात्मक सोच उत्साह का संचार करती है कार्यों में सफलता हमको खुशी देती है और यह हमें आगे और बेहतर करने की प्रेरणा भी है ।

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  145. जीवन में हर कोई खुशी पाने के लिए ही तो सारे झमेला झेलते हैं। मेरे लिए भी किसी की खुशी से मिलने वाली खुशी बहुत ही प्रेरणाप्रद ही होगी।

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  146. खुशी दिल की एक प्रकार की अनुभूति होती है मुझे दूसरे की और अपनी सफलता पर खुशी मिलती है जो आगे और अच्छा करने की प्रेरणा प्रदान करती है

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  147. खुशी जीवन का वो पल हैँ जब आप ह्रदय से मुस्कुराते है जैसे एक बच्चा अपनी माँ को देखकर मुस्कुराता है

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  148. Khushi ek bhavnatmak abhivyakti hai aur jab ham Khush hote Hain aur ham apni Khushi ka izhaar dusron ke samne karte Hain aur usse bhi vahi apeksha rakhte Hain ki hamari Khushi se khush ho to hamen behad Sukha Anubhuti hoti hai isliye ham hamen har kisi ki Khushi ka Samman karna chahie aur khushiyon mein shariq hi hona chahie

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  149. अलग अलग व्यक्तियों का एक ही वस्तु को देखने का दृष्टिकोण अलग अलग होता सकता है. मुझे चीज से खुशी मिलती है जरुरी नहीं कि उसै भी उसी चीज से खुशी मिले हमें उसका सम्मान करना चाहिए

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  150. अलग अलग व्यक्तियों का एक ही वस्तु को देखने का दृष्टिकोण अलग अलग होता सकता है मुझे जिस चीज से खुशी मिलती है जरुरी नहीं कि उसै भी उसी चीज से खुशी मिलती है हमें सबका सम्मान करना चाहिए

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  151. नमस्कार मैं अनीता चौबे शासकीय हाई स्कूल हरदी बेरला बेमेतरा खुशी मेरे हिसाब से वह शब्द है या वह भावना है जो हम किसी काम को करने देखने सुनने पर महसूस करते हैं या प्रतिक्रिया जो हमारी आती है उसे हम खुशी कह सकते हैं खुशी ऐसी प्रतिक्रिया या भावना है जो कोई भी कार्य जब हम करते हैं और हम उसमें प्रतिबद्धता महसूस नहीं करते हमें निष्क्रियता नहीं होती और पूरे मन से हम जब उस काम को करते हैं तो जो आनंद के अनुभूति होती है उसे ही मैं खुशी कहती हूं अलग अलग व्यक्ति की खुशियां अलग अलग हो सकती हैं जरूरी नहीं है कि मुझे जिस चीज से खुशी मिल रही हो सामने वाले को भी उसी चीज से खुशी मिले क्योंकि खुशी मन: स्थिति है और सब की मन: स्थिति अलग-अलग होती है तो मुझे जिस काम से खुशी मिल रही है जरूरी नहीं है कि सामने वाले को भी उससे खुशी प्राप्त हो तो दूसरे व्यक्ति को जिस चीज से खुशी हो तो मैं मुझे उसकी भावनाओं का भी सम्मान करना चाहिए तो मैं ऐसा ही करूंगी अगर मेरी खुशी दूसरे कार्यों में है सामने वाले की नहीं है उसकी दूसरे कार्यों में है तो मैं उसकी भावनाओं का सम्मान करते हुए उसे उसकी खुशी का काम करने दूंगी धन्यवाद

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  152. खुशी एक संवेदना है जो प्रत्येक प्राणी में पाई जाती है। हमें प्रत्येक प्राणी की इस संवेदना का ध्यान रखना चाहिए। यह व्यक्ति के व्यवहार पर निर्भर करता है कि उसे किस चीज में खुशी मिलती है और किस तरह की खुशी मिलती है। मैं तो चाहूंगा कि मेरी कक्षा का प्रत्येक बच्चा इस संवेदना के साथ जिए और एक दूसरे की खुशी का ध्यान रखें।
    धन्यवाद
    देवेंद्र सिंह

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  153. खुशी अपनी इच्छा या सपना पूरा होने पर हमारे चेहरे पर जो भाव आता है जब हम आनंदित हो जाते हैं सबके सोचने चिंतन करने का तरीका अलग-अलग होता है सबके खुश होने कारण भी अलग-अलग होता है किसी की खुशी में किसी का बुरा नहीं होना चाहिए।

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  154. खुशी किसी भी व्यक्ति की उस मनोदशा का प्रगटीकरण है कि उसने अपनी कार्य शैली से सकारात्मकता के साथ लक्ष्य को प्राप्त किया है।
    यही खुशी सतत् रूप में उर्जा के साथ मार्ग प्रशस्त करेगी।
    अत:हर कार्य प्रसन्नता से करे निश्चय ही सफल होंगे।
    मृदुला त्रिपाठी
    प्राचार्य,
    शास उ मा शाला तिफरा , बिलासपुर

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  155. जब हम किसी कार्य को करते है और हमे आत्मसंतुष्टि मिलती है उसे ही खुशी कहते है।

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  156. Mere liye khushi tab hoti hai jab mere karan koi khush ho ya uska bhala ho

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  157. Khusi ki mayne har kisi k liye alag ho sakye h . Yah age group par bhi nirbhar karta h. Ek chhota bachha sirf ek khilona se khush ho sakta h . Ya ek bujurg aadmi apne dosto k sath samay bitakar khus ho sakta h.

    Yogeshwari sahu
    Lecturer biology
    Gov hss deobaloda

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  158. खुशी एक ऐसा शब्द है जो सबके जीवन में आता है कोई व्यक्ति खुश तभी होता है, जब उसके मन मुताबिक के अनुसार कोई चीज होते जाता है ,और खुशी क्षणिक होती है।
    क्योंकि प्रत्येक के जीवन में सुख- दुख आते जाते रहता है, जिस प्रकार सूर्य कि प्रकाश की किरण धूप छांव लगा रहता है वैसी ही प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में सुख दुख आते जाते रहता है प्रत्येक मनुष्य को अपने कर्म को अच्छे रखना चाहिए जिससे जीवन में अच्छे कर्म करने से खुशी मिलती है।
    शिवनारायण जायसवाल
    व्याख्याता एलबी
    शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय प्रतापपुर जिला सूरजपुर छत्तीसगढ़।

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  159. खुशी एक अंतर्मन में उतपन्न एक अद्भुत भाव है परंतु मेरे विचार से अन्य की खुशी में स्वयं खुशी होना एक सुखद अनुभूति है।

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  160. खुशी केवल एक मानसिक स्थिती है जो संतुष्टी और पूर्णता के भाव के साथ विद्यमान होती है कभी किसी और की संतुष्टि देख कर भी अपने हृदय में वही भाव आता है और कभी आत्मिक शांति से भी वही तृप्ति और संतुष्टि मिलती है।

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  161. खुशी एक मानसिक या भावनात्मक स्थिति है, जिसे दूसरों के बीच, सकारात्मक या सुखद भावनाओं के बीच ससमाधान से लेकर गहन आनंद तक परिभाषित किया जा सकता है.खुशी आंतरिक आनंद की एक स्थिति है, जो तब आती है जब मन शांत हो जाता है, बेचैन सोच और चिंताओं से मुक्त होता है.

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  162. खुशी एक मानसिक या भावनात्मक स्थिति है, जिसे दूसरों के बीच, सकारात्मक या सुखद भावनाओं के बीच ससमाधान से लेकर गहन आनंद तक परिभाषित किया जा सकता है.खुशी आंतरिक आनंद की एक स्थिति है, जो तब आती है जब मन शांत हो जाता है, बेचैन सोच और चिंताओं से मुक्त होता है

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  163. खुशी एक आंतरिक अहसास है,यदि खुशी को कोई और अलग तरीके से समझता हैं तो मुझे एक और नए दृष्टिकोण का ज्ञान होता हैं और साथ ही मेरी अपनी दूसरे विषयों के प्रति धारणा को भी नए नजरिए से देखने में मदद करेगा।

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  164. खुशी , एक ऐसा शब्द है जिसे सुनते ही मन में Positive Feelings आनी शुरू हो जाती हैं। जब खुशी आती है तो जीवन में प्रत्येक कार्य में मन लगता है।जीवन में कोई भी कार्य यदि सही तरीके से करना है तो खुशी के बिना हो ही नहीं सकता।

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  165. खुशी एक आंतरिक एहसास है इससे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सकारात्मक दृष्टिकोण का विकास होता है
    Yadram Banjare( प्राचार्य )
    Ghss Deokar Bemetara

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  166. “खुशी एक मानसिक या भावनात्मक स्थिति है, जिसे दूसरों के बीच, सकारात्मक या सुखद भावनाओं के बीच ससमाधान से लेकर गहन आनंद तक परिभाषित किया जा सकता है.” ... “खुशी आंतरिक आनंद की एक स्थिति है, जो तब आती है जब मन शांत हो जाता है, बेचैन सोच और चिंताओं से मुक्त होता है.”

    युगल किशोर जैन
    व्याख्याता (रसायन)
    शा०उ०मा०वि० मासबरस

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  167. खुशी शब्द आते ही सबसे पहले मुझे मेरे परिवार का हँसता मुस्कुराता चेहरा दिखाई देता है और एक शिक्षक के तौर पर मेरी खुशी मेरे विद्यार्थियों औऱ मेरे शिक्षा संस्थान से जुडी है।

    Purneema Sahu
    G.H.S.S Rahud Gunderdehi Balod

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  168. खुशी एक अनुभूति है, एक मानसिक या भावनात्मक स्थिति है, जिसे दूसरों के बीच, सकारात्मक या सुखद भावनाओं के बीच ससमाधान से लेकर गहन आनंद तक परिभाषित किया जा सकता है. खुशी आंतरिक आनंद की एक स्थिति है, जो तब आती है जब मन शांत हो जाता है, बेचैन सोच और चिंताओं से मुक्त होता है.

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  169. खुशी मेरे लिए मेरे भीतर से आनेवाला एक अनुभव है चाहे बाहरी परिस्थिति जो भी हो।यदि अन्य लोगों के खुशी के बारे मे विचार मुझसे अलग हो तो मैं उनके विचार का सम्मान करती हूं

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  170. Dusro ko khus karna sabse badi khushi hai

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  171. खुशी एक सुखद अनुभूति एवं मन की एक सुखद भावना है

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  172. Khushi ka arth sabhi k liye alg alg hota h .kisi ko yadi kisi karan se khushi hoti h to zaruri nahi ki kisi any ko usi karN se khushi milti ho.par yadi khushi sachmuch jayaz karan se h to hame unki khushi me khush hona hi chahiye.
    Apne sath sath dusro ko khushi dena hi sachchi khushi h.

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  173. Khushi apne aap me ullas ka vatavaran banata h.

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  174. Khushi shabd apneaap me ek khushnuma mahol bana deta hai.Yah shabd sunte hi apno ke khile chehre samne aate hai.Dusro ke vichar isase alag ho sakte hai..per mai unke point of view se bhi sochna chahungi.

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  175. खुशी वह शब्द है जिसे शब्दों में वर्णन करना मुश्किल है हम इसे केवल महसूस कर सकते हैं अच्छा जीवन जीने के लिए खुश रहना बेहद जरूरी है लेकिन दुर्भाग्य से ज्यादातर लोगों को जीवन से खुशी नहीं मिल रही है अलग-अलग लोगों के पास खुशी के अलग-अलग विचार हैं कुछ लोग पैसा कमाने से खुश होते हैं तो कुछ लोग प्यार में खुश होते हैं तो कुछ लोग खुशी और संतुष्टि तब महसूस करते हैं जब वे पेशेवर जिंदगी में अच्छा काम करते हैं
    शशिकांत चन्द्रा
    शा.उ.मा.वि. अखरार

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  176. खुशी जीवन का आधार है और प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग परिस्थितियां और मानसिकता इन्हें निर्धारित करती है इसलिए यदि किसी की खुशी उसके द्वारा साझा की जाती है तो निश्चित रूप से उसके लिए मन में सम्मान ही जागृत होगा भले ही मेरी स्वयं की परिस्थितियां और मानसिकता उससे भिन्न हो।
    कविता बिजोलिया व्याख्याता शासकीय म ल बा कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जगदलपुर बस्तर छ ग

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  177. खुशी शब्द के बारे में सोचते ही मेरे दिमाग में एक छवियां उभरने लगी जो पुरानी यादों से जुड़ी थी। हर व्यक्ति के लिए यह अलग2 हो सकता है क्योंकि इस शब्द के मायने प्रत्येक के लिए अलग2 अनुभव जुड़े रहने के कारण होता है। किसी के लिए खुशियों के मायने उल्लास उमंग, किसी का इतंजार खत्म होना तो किसी के लिए खुशी खुशी किताब हो सकती है।

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  178. मेरे परिप्रेक्ष्य में, खुशी एक अनुभव है, जो हमें विभिन्न कार्यों के पूरे होने और सफल होने से मिलती हैं। इसमे कोई भी संदेह नही है कि, हर व्यक्ति के खुशी पाने के पीछे के कार्य या कारण अलग हो सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, एक छोटा बच्चा आने माँ के घर लौट आने भर से ही खुश हो जाता है, वैसे ही एक विद्यार्थी अपने रुचिगत विषय मे अच्छे अंक पाने से खुश हो जाता है, यह एक ऐसा अनुभव है, जो उनके तय किये गए पैमाने में खरे उतरने से मिलने लगती है। और अगर एक व्यक्ति के खुशी के पैमाने आपसे मेल हो जाए तो आप तुरंत खुश हो जाते हैं,पर अगर उनके लक्ष्य या खुशी के पैमाने आपसे बिल्कुल अलग है, तो आप सबसे पहले उनके परिस्थितियों और उनके परिप्रेक्ष्य से जुड़ने की कोशिश करें, यह कदम आपको हर किसी के परिप्रेक्ष्य को समझने में मदद करेगा, और आप भी हर परिस्थितियों में अंदर से खुश हो सकेंगे ।

    खुश रहिये, मस्त रहिये, स्वस्थ रहिये।

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  179. Khushi or happiness is a state of mind which gives us satisfaction. In today's world getting happiness has become a difficult but students get happiness in small things also. A little praise from teacher can give them lot of happiness.

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  180. अतीत में हमारे द्वारा अनुभव किए गए आनंद के क्षणों की स्मृति उभरती है।यह स्मृति अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग हो सकती है।

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  181. Definition and meaning of happiness is different for everyone. If the other person has a different reason for being happy i would respect his view of happiness and be graceful towards him.

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  182. खुशी मन की आंतरिक एवं भावात्मक अभिव्यक्ति क्षण है, जिसे चेहरे पर देखा जा सकता है इसकी व्याख्या करना एवं अंतः पटल में इसे अनुभव करना पृथक पृथक बातें है। इस भाव को केवल और केवल अनुभव किया जा सकता है तथा अन्य लोग इसे मुख के भाव-भाव से समझ सकते हैं। सर्व विदित है कि खुशी मानसिक पटल पर तभी होती है, जब हम शांत/ मनमाफिक कार्य सम्पन्न होते है। खुशी मन की पराकाष्ठा की प्रतिपुष्टि है ।
    Smt. Sushma Baghel
    Govt. hss. badedongar

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  183. Koi bhi kaam jo nahi ban pa raha hai usko seekhane par ya wo kaam easily kar lene ka tareeka malum ho Jane par jo anubhav hota hai wahi " Khushi" hai.

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  184. खुशी शब्द को सुनकर सबसे पहले पहले मुझे मेरे लडके की। प्यारी हंसी याद आ जाती हैं,,, यह स्वाभाविक है कि मेरा विचार अन्य के विचारो से अलग होता है। अच्छा तो नहीं लगता हैं परन्तु हमें अन्य के विचारो का भी सम्मान करना चाहिए

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  185. खुशी का कोई एक निश्चित कारण नहीं है मेरे लिए कई बार बच्चों के साथ खेलते खेलते बहुत खुशी होती है कभी कुछ अच्छा बनाया समय तारीफ की तो बहुत खुशी होती है स्कूल के बच्चे जब बर्थडे पर अपना प्यार जताते हैं आप अपना सम्मान जताते हैं तो बहुत खुशी होती है अलग-अलग जगहों पर खुशी अलग-अलग चीजों से होती है अगले व्यक्ति के लिए या दूसरे इंसान के लिए किसी और कारण से खुशियां हो सकती होंगी वह उनकी अपनी पसंद है मेरे लिए वह मायने नहीं सकता

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  186. har ek ki feeling alag level rakhta hai...usko jaan lena ya maan lena hi har kisi ke liye khushi hai...

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  187. mujhe khushi tab milti hai jab log mujhe use roop me sweekaar karte hain , jaisa mai hoon.

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  188. खुशी, किये गये कार्यों की पूर्णता ,और उससे मिलने वाली संतुष्टि के अनुभव का भाव है,होठों पर एक मुस्कान उभरती है।
    सभी अपनी मानसिक अवस्थाओं के आधार पर गर्व और खुशी को महसूस करते है और वैसा ही उनका भाव भी अभिव्यक्त होता है

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  189. खुशी हर व्यक्ति में अलग अलग परिस्थिति पर मिलता है यदि बच्चो को उसकी आशा के अनुरूप कार्य मिले व उसमे वह सफल हो जाता है तो उसे ख़ुशी प्राप्त होती है जिससे उनका विचार और उसमे सीखने की समझ और विकास होता है व्यक्तिगत जीवन , सामाजिक बदलाव आदि मिल जाती है

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  190. अतीत में हमारे द्वारा अनुभव किए गए आनंद के क्षणों की स्मृति उभरती है।यह स्मृति अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग हो सकती है। मेरे परिप्रेक्ष्य में, खुशी एक अनुभव है, जो हमें विभिन्न कार्यों के पूरे होने और सफल होने से मिलती हैं। इसमे कोई भी संदेह नही है कि, हर व्यक्ति के खुशी पाने के पीछे के कार्य या कारण अलग हो सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, एक छोटा बच्चा आने माँ के घर लौट आने भर से ही खुश हो जाता है, वैसे ही एक विद्यार्थी अपने रुचिगत विषय मे अच्छे अंक पाने से खुश हो जाता है, यह एक ऐसा अनुभव है, जो उनके तय किये गए पैमाने में खरे उतरने से मिलने लगती है। और अगर एक व्यक्ति के खुशी के पैमाने आपसे मेल हो जाए तो आप तुरंत खुश हो जाते हैं,पर अगर उनके लक्ष्य या खुशी के पैमाने आपसे बिल्कुल अलग है, तो आप सबसे पहले उनके परिस्थितियों और उनके परिप्रेक्ष्य से जुड़ने की कोशिश करें, यह कदम आपको हर किसी के परिप्रेक्ष्य को समझने में मदद करेगा, और आप भी हर परिस्थितियों में अंदर से खुश हो सकेंगे ।


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  191. खुशी एक भावना है जो हमें हँसना सिखाता है। निश्चय आज दुनिया भर में अरबों लोग हैं, तथा सबके विचार और पक्ष अलग हैंं।
    अर्थात हम किसी भी दूसरे व्यक्ति को उनके विचार पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते।
    हमें सबके विचार का सम्मान करना चाहिए।

    ग्लोरिया एक्का
    शास. बालक उ. मा. शाला, सरगाँव
    वि.ख.- पथरिया
    जिला- मुंगेली (छ.ग.)

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  192. Mujhe iss antar se achcha lagta hai, doosre vyakti ki muskaan dekhkar mujh mein bhi dugni khushi aa jaati hai. Ek baat ko agar hum donon do siron se dekhein, toh ek naya nishkarsh aur abivyakti ka janm hota hai. Mere dimag mein sabse pehle mera parivaar aata hai.

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