कोर्स 03

 

गतिविधि 2 - अपनी समझ साझा करे

 

हमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों की क्या भूमिका है? क्या वे सीखने में मदद करते हैं? क्या माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थियों में व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों के विकास और अभ्यास में शिक्षक भूमिका निभाते हैं? अपनी समझ साझा करें।

Comments

  1. हमारे दैनिक जीवन मे व्यक्तिगत- सामाजिक गुणों की महत्वपूर्ण भूमिका है,ये गुण हमे एक दूसरे को समझने ,समझाने व सीखने में सहायता करता है।
    माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थियों में व्यक्तिगत- सामाजिक गुणों के विकास और अभ्यास में क्षिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है,वे उनको समझते है फिर उनको सामाजिक मूल्यों का ज्ञान कराते है।परिस्थितियों के बारे में बताते है हुवे भविष्य में आने वाली कठिनाई से भी अवगत कराते है। वर्तमान स्थिति, समय व परिवेश को ध्यान में रखकर जीवन जीने की कला भी सिखाते है।

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    1. नमस्कार यह हमारे दैनिक जीवन व्यक्तिगत सामाजिक जो यह शिक्षकों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण शिक्षा प्रदान करता है और छात्र के बीच संवाद कैसे करना है और जो बच्चों को दृष्टिकोण है वह बहुत ही अलग अलग से बताता है कि बच्चे अपना-अपना दृष्टिकोण से क्या अलग हो सकते हैं।

      श्री आर एल साहू व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिवनी ब्लॉक मरवाही जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही, छत्तीसगढ़

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    2. शिक्षकों के लिए यह महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता हैं, बालक को अपना दृष्टिकोण बताने में सहायक

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  2. नमस्कार,
    हमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत-सामाजिक गुण जीवन के आधार के रूप में कार्य करते हैं ।
    माध्यमिक स्तर पर बालक अपने परिवार , समाज एवं विद्यालय से ही व्यक्तिगत एवं सामाजिक गुणों को ग्रहण करता है।
    इसी गुण के द्वारा बालक का चरित्र निर्माण होता है । शिक्षक बालक के व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों को बाहर निकालने व तराशने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं भूतकाल की गलतियों को ना दोहराकर वर्तमान स्थिति व परिवेश में भविष्य की कठिनाइयों का सामना करने के लिए उन्हें तैयार करते हैं तथा राष्ट्र की नींव मजबूत करते हैं।
    अतः हम कह सकते हैं कि बालक के व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों को निखारने व राष्ट्र निर्माण में शिक्षक आधारशिला का कार्य करते हैं।

    श्रीमती हेमलता बोगिया
    व्याख्याता(गणित)टी संवर्ग
    शास. हाई स्कूल, माकड़ी
    वि. खं./जिला-कोंडागांव(छ.ग.)

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  3. व्यक्तिगत और सामाजिक गुण किसी भी क्षेत्र के लिए बहुत ही अहम भूमिका निभाती है क्योंकि व्यक्तिगत और सामाजिक गुण में भिन्नता एक शब्दकोश की तरह है कि इसमें जितने भी सकता हूं को अलग-अलग रहते हैं और अलग-अलग जानकारियां देते हैं अलग-अलग ज्ञान का रास्ता खोलते हैं हो सकता है किसी की व्यक्तिगत गुण में वह बात हो जो सामाजिक स्तर पर लोगों को सोचने पर मजबूर कर दे और समाज में ऐसी संस्कृति हो जो किसी पथभ्रष्ट व्यक्ति को पुनः मुख्यधारा से जोड़ दें। एक शिक्षक के परिप्रेक्ष्य देखा जाए तो व्यक्तिगत और सामाजिक गुण एक हथियार की तरह वह इस्तेमाल कर सकता है जिसका अगर सदुपयोग किया जाए तो वह चमत्कार भी कर सकता है नहीं तो वह शिक्षक के लिए उस संस्था के लिए अभिशाप है।

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  4. व्यक्तिगत और सामाजिक गुणों को पहचानने और प्रदर्शित करने से विद्यार्थी विद्यालय में अन्य विद्यार्थियों और लोगों के साथ अधिक सहायक और उत्साहजनक तरीके से बातचीत करते हैं और व्यवहार संबंधी दिशानिर्देश निर्धारित करते हैं इसलिए शिक्षक अपनी दक्षता और कौशल के माध्यम से विद्यार्थियों को एक समान योगदान देते हैं हमारी प्रतिदिन की दिनचर्या व्यक्तिगत और सामाजिक गुणों के विकास में और अधिगम को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं

    पवन कुमार देवांगन (व्याख्याता)
    शासकीय हाई स्कूल बिलारी
    विकासखंड पामगढ़
    जिला जांजगीर चांपा छत्तीसगढ़

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  5. हमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत-सामाजिक गुण जीवन के आधार के रूप में कार्य करते हैं ।
    व्यक्तिगत और सामाजिक गुण किसी भी क्षेत्र के लिए बहुत ही अहम भूमिका निभाती है |माध्यमिक स्तर पर बालक अपने परिवार , समाज एवं विद्यालय से ही व्यक्तिगत एवं सामाजिक गुणों को ग्रहण करता है।
    इसी गुण के द्वारा बालक का चरित्र निर्माण होता है । शिक्षक बालक के व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों को बाहर निकालने व तराशने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं भूतकाल की गलतियों को ना दोहराकर वर्तमान स्थिति व परिवेश में भविष्य की कठिनाइयों का सामना करने के लिए उन्हें तैयार करते हैं तथा राष्ट्र की नींव मजबूत करते हैं।
    अतः हम कह सकते हैं कि बालक के व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों को निखारने व राष्ट्र निर्माण में शिक्षक आधारशिला का कार्य करते हैं।

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  6. माध्‍यमिक स्‍तर पर छात्र शिक्षक के बातों को अक्षरश: मानते हैं। यदि त्रुटि वश कोई शिक्षक कुछ गलत भी बता देता है और पालक उसमें सुधार करने कहता है, छात्र सुधार करने तैयार नहीं होता । कारण सिर्फ एक क्‍योंकि उसके शिक्षक ने वैसा बताया है। यह बात उच्‍च स्‍तर आते आते कम ही देखने को मिलती है कारण छात्र का एक शिक्षक के ऊपर निर्भरता नहीं रहती , शायद।

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  7. हमारे व्यक्तिगत जीवन में सामाजिक गुणों का बहुत बड़ा महत्व है ।विद्यार्थी विद्यालय में आता है तो वह विभिन्न पर गुणों को ग्रहण करता है ।वह अपने साथियों के साथ व्यवहार करता है इस तरह सीखने में इनकी बहुत बड़ी भूमिका होती है शिक्षक विद्यार्थी में इन गुणों को विश का विकास करने में सबसे अग्रणी होता है ।

    अमरचंद बर्मन
    व्याख्याता
    शासकीय स्तर माध्यमिक विद्यालय चकरभाठा

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  8. 1, 2021 at 12:15 AM
    हमारे दैनिक जीवन मे व्यक्तिगत- सामाजिक गुणों की महत्वपूर्ण भूमिका है,ये गुण हमे एक दूसरे को समझने ,समझाने व सीखने में सहायता करता है।सकारात्मक भावना अधिगम व प्रदर्शन को सुविधाजनक बनाता है
    माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थियों में व्यक्तिगत- सामाजिक गुणों के विकास और अभ्यास में शिछ्क महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है, वे उनको समझते है फिर उनको सामाजिक मूल्यों का ज्ञान कराते है।परिस्थितियों के बारे में बताते है हुवे भविष्य में आने वाली कठिनाई से भी अवगत कराते है। वर्तमान स्थिति, समय व परिवेश को ध्यान में रखकर जीवन जीने की कला भी सिखाते है।उनके व्यक्तित्व विकास और पहचान बनाने में सहयोग करते हैं वह बच्चों के जीवन में मार्गदर्शक की भूमिका निभाते है

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  9. हमारे दैनिक जीवन मे व्यक्तिगत- सामाजिक गुणों की महत्वपूर्ण भूमिका है,ये गुण हमे एक दूसरे को समझने ,समझाने व सीखने में सहायता करता है।सकारात्मक भावना अधिगम व प्रदर्शन को सुविधाजनक बनाता है
    माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थियों में व्यक्तिगत- सामाजिक गुणों के विकास और अभ्यास में शिछ्क महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है, वे उनको समझते है फिर उनको सामाजिक मूल्यों का ज्ञान कराते है।परिस्थितियों के बारे में बताते है हुवे भविष्य में आने वाली कठिनाई से भी अवगत कराते है। वर्तमान स्थिति, समय व परिवेश को ध्यान में रखकर जीवन जीने की कला भी सिखाते है।उनके व्यक्तित्व विकास और पहचान बनाने में सहयोग करते हैं वह बच्चों के जीवन में मार्गदर्शक की भूमिका निभाते है
    श्रीमति रीना जैन व्याख्याता शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नवागॉव पेड्रा जिला जीपीएम

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  10. हमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत सामाजिक गुणों की महत्वपूर्ण भूमिका है यह गुण हमें एक दूसरे को समझने में मदद करते हैं माध्यमिक स्तर के बालक बालिकाओं में व्यक्तिगत सामाजिक गुणों के विकास में शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं वर्तमान परिवेश में जीवन जीने की कला सिखाते हैं बच्चों के मार्गदर्शक के रूप में कार्य करते हैं

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  11. हां व्यक्तिगत सामाजिक गुणों को विकसित करने में मदद करते हैं शिक्षा के साथी शिक्षार्थियों के बीच तालमेल बनाने में काफी महत्वपूर्ण स्थान है शिक्षार्थी अपने सामाजिक परिवेश के बारे में ज्ञान प्राप्त करते हैं और उसके अनुरूप व्यवहार करते हैं

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  12. हमारे दैनिक जीवन मे व्यक्तिगत- सामाजिक गुणों की महत्वपूर्ण भूमिका है,ये गुण हमे एक दूसरे को समझने ,समझाने व सीखने में सहायता करता है।
    माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थियों में व्यक्तिगत- सामाजिक गुणों के विकास और अभ्यास में क्षिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है,वे उनको समझते है फिर उनको सामाजिक मूल्यों का ज्ञान कराते है।परिस्थितियों के बारे में बताते है हुवे भविष्य में आने वाली कठिनाई से भी अवगत कराते है। वर्तमान स्थिति, समय व परिवेश को ध्यान में रखकर जीवन जीने की कला भी सिखाते है।
    सुश्री रजनी साहू व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नवागांव पेंड्रा

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  13. व्यक्तिगत व् सामाजिक गुण का विशेष महत्व है
    माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थी अपने सामाजिक परिवेश के बारे में ज्ञान अर्जित करता है और उसी अनुसार व्यव्हार करता है

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  14. व्यक्तिगत और सामाजिक गुण छात्रों को आत्मविश्वासी बनने में सहायता करती है,जीवन के हर एक पहलू में उचित निर्णय लेने में सक्षम होते है।शिक्षक प्रभावी सूत्रधार के रूप में न केवल ज्ञान प्रदान करते है बल्कि उनके संज्ञानात्मक कौशल को विकसित करके उनके समग्र विकास को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।

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  15. मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और व्यक्तिगत सामाजिक गुणों का होना समाज में रहने वाले हर एक व्यक्ति में होना चाहिए।
    माध्यमिक स्तर में अध्ययन करने वाले छात्र छात्राओं की सामाजिक गुणों के विकास में शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, शिक्षक विद्यार्थियों के सकारात्मक एवं नकारात्मक गुणों की व्याख्या करते हैं उनके परिणामों की जानकारी देता है जो कि उनके सामाजिक गुणों को निखारने में सहयोग करता है।

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  16. हमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत एवं सामाजिक गुणों की बड़ी भूमिका होती है। इन्हीं गुणों के कारण हम परिवार,समाज, स्कूल में सहकर्मीयों और बच्चों के साथ समन्वय बनाकर कार्य करते हैं। माध्यमिक स्तर पर बालक , अपने परिवार,समाज और स्कूल से व्यक्तिगत एवं सामाजिक गुणों का विकास करता है।शिक्षक इन्हीं गुणों को बाहर निकालने एवं तराशने का कार्य करता है।शिक्षक बच्चों को केवल विषय ज्ञान ही नहीं प्रदान करता बल्कि भावी करियर और जीवन के प्रति जागरूक बनाता है।

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  17. हमारे दैनिक जीवन मे व्यक्तिगत -समाजिक गुण महत्वपूर्ण भूमिका निभा ते है।ये हमें एक दूसरे को समझने में मदद करते हैं।साथ ही सीखने में भी सहायता करते हैं।माध्यमिक स्तर पर विद्यार्थियों के व्यक्तिगत समाजिक गुणों के विकास में शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।वो विद्यार्थियों को भविष्य में आने वाली चुनौती का सामना करने के लिये तैयार करते हैं।

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  18. हमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत सामाजिक गुणों की महत्वपूर्ण भूमिका है
    शिक्षक बालक के व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं वर्तमान स्थिति, समय व परिवेश को ध्यान में रखकर जीवन जीने की कला भी सिखाते है।
    शिक्षक विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों में सामाजिक गुणों को विकसित करते रहते हैं

    नीलकंठ धुर्वे
    व्याख्याता एल बी
    शा उ.मा.विद्यालय बखरूटोला
    विकास खण्ड छुरिया
    जिला राजनांदगांव

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  19. हमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों की महत्वपूर्ण स्थान रखता है सीखना, सिखाना व्यक्तित्व विकास में पारिवारिक, सामाजिक, सांस्कृतिक पृष्ठभूमि , आसपास का वातावरण का प्रभाव होता है जिससे हमारे विचार सकारात्मक सोच लाने और हमें सीखने में मदद करते हैं l माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थियों में व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों के विकास और अभ्यास में शिक्षक छात्रों के विचारों को समझने और उसकी सराहना करने का, उनके व्यक्तित्व को आकार देने और और उन्हें अपनी पहचान स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं

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  20. स्वयं शिक्षक के व्यतिगत, सामाजिक गुणों के कारण ही एक सफल।शिक्षक छात्रों में नैतिक, सामाजिक, राजनीतिक गुणों का विकास करता है, माध्यमिक स्तर छात्रों का( उम्र ) वह महत्त्वपूर्ण पड़ाव है जो उनके व्यक्तित्व ओर राष्ट्र निर्माण में सहायक है।

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  21. हमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत-सामाजिक गुण जीवन के आधार के रूप में कार्य करते हैं ।
    व्यक्तिगत और सामाजिक गुण किसी भी क्षेत्र के लिए बहुत ही अहम भूमिका निभाती है | माध्यमिक स्तर पर बालक अपने परिवार , समाज एवं विद्यालय से ही व्यक्तिगत एवं सामाजिक गुणों को ग्रहण करता है। माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थियों में व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों के विकास और अभ्यास में शिक्षक छात्रों के विचारों को समझने और उसकी सराहना करने का, उनके व्यक्तित्व को आकार देने और और उन्हें अपनी पहचान स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जो उनके व्यक्तित्व ओर राष्ट्र निर्माण में सहायक है।

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  22. हमारे दैनिक जीवन मे व्यक्तिगत- सामाजिक गुणों की महत्वपूर्ण भूमिका है,ये गुण हमे एक दूसरे को समझने ,समझाने व सीखने में सहायता करता है।सकारात्मक भावना अधिगम व प्रदर्शन को सुविधाजनक बनाता है
    माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थियों में व्यक्तिगत- सामाजिक गुणों के विकास और अभ्यास में शिछ्क महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है, वे उनको समझते है फिर उनको सामाजिक मूल्यों का ज्ञान कराते है।परिस्थितियों के बारे में बताते है हुवे भविष्य में आने वाली कठिनाई से भी अवगत कराते है। वर्तमान स्थिति, समय व परिवेश को ध्यान में रखकर जीवन जीने की कला भी सिखाते है।उनके व्यक्तित्व विकास और पहचान बनाने में सहयोग करते हैं वह बच्चों के जीवन में मार्गदर्शक की भूमिका निभाते है

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  23. हम एक समाजिक प्राणी के रूप मे विकसीत हुए हैं। इसिलिए संवेदनाओ से भरपुर हैं,व्यक्तिगत सामजिक गुण ना केवल पारस्परिक संबंधों को प्रगाढ़ करता है बल्कि आपसी सहयोग से हमे विकास हेतू नयी दिशा देता है
    छात्र सदैव अपने शिक्षक को अपना पहला रोल मॉडल मानते हैं सो शिक्षक के लिये उत्तरदायित्व और बढ़ जाता है की वह अपने छात्र छात्राओं के लिये किस प्रकार के मार्ग का चयन कर रहा है

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  24. हमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत-सामाजिक गुण जीवन के आधार के रूप में कार्य करते हैं ।
    बालक अपने परिवार , समाज एवं विद्यालय से ही व्यक्तिगत एवं सामाजिक गुणों को ग्रहण करता है।
    इसी गुण के द्वारा बालक का चरित्र निर्माण होता है । शिक्षक बालक के व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों को बाहर निकालने व तराशने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं भूतकाल की गलतियों को ना दोहराकर वर्तमान स्थिति व परिवेश में भविष्य की कठिनाइयों का सामना करने के लिए उन्हें तैयार करते हैं तथा राष्ट्र की नींव मजबूत करते हैं।माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थियों में व्यक्तिगत- सामाजिक गुणों के विकास और अभ्यास में क्षिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है,वे उनको समझते है फिर उनको सामाजिक मूल्यों का ज्ञान कराते है।परिस्थितियों के बारे में बताते है l भविष्य में आने वाली कठिनाई से भी अवगत कराते है। वर्तमान स्थिति, समय व परिवेश को ध्यान में रखकर जीवन जीने की कला भी सिखाते है।
    अतः हम कह सकते हैं कि बालक के व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों को निखारने व राष्ट्र निर्माण में शिक्षक आधारशिला का कार्य करते हैं।
    गुरदीप सिंह छाबड़ा
    शा. उ. मा. विद्यालय, बुनागाँव
    विकासखंड कोंडागाँव
    जिला कोंडागाँव (छ. ग.)

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  25. दैनिक जीवन में व्यक्तिगत सामाजिक गुणों की अहम भूमिका होती है इससे व्यक्ति अपने गुणों में निखार ला सकता है ।स्वयं को व दूसरो को समझ सकता है ।
    हाँ वे सिखनें में मदद करता है ।
    व्यक्तिगत सामाजिक गुणों के विकास में शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है वे स्वंय को तलाशने की कोशिश,उनकी पहचान मे,उनके अंदर चलने वाले संघर्ष को शांत करने में मददगार होता है।
    Neeta Sahu (Lecturer)
    Govt.girls high school -Jhalap

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  26. व्यक्तिगत और सामाजिक गुण छात्रों को आत्मविश्वासी बनने में सहायता करती है,जीवन के हर एक पहलू में उचित निर्णय लेने में सक्षम होते है।शिक्षक प्रभावी सूत्रधार के रूप में न केवल ज्ञान प्रदान करते है बल्कि उनके संज्ञानात्मक कौशल को विकसित करके उनके समग्र विकास को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
    अतः हम कह सकते हैं कि बालक के व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों को निखारने व राष्ट्र निर्माण में शिक्षक आधारशिला का कार्य करते हैं।

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  27. वयकितीगत सामाजिक गुण हमारे जीवन का आधार है इसी से हम लोगो के साथ अच्छा व्यवहार रख पाते हैं इसी गुणों के कारण शिक्षक बच्चों को पढाता है वा समाज मे सही ढंग से जीवन यापन का तरीका बताता है।

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  28. माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थियों में व्यक्तिगत- सामाजिक गुणों के विकास और अभ्यास में शिछ्क महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है, वे उनको समझते है फिर उनको सामाजिक मूल्यों का ज्ञान कराते है।परिस्थितियों के बारे में बताते है हुवे भविष्य में आने वाली कठिनाई से भी अवगत कराते है। वर्तमान स्थिति, समय व परिवेश को ध्यान में रखकर जीवन जीने की कला भी सिखाते है।उनके व्यक्तित्व विकास और पहचान बनाने में सहयोग करते हैं वह बच्चों के जीवन में मार्गदर्शक की भूमिका निभाते है।


    मनोज कुमार देशमुख
    व्याख्याता h s Kandadi
    Block mohala RJN

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  29. व्यक्तिगत सामाजिक गुणों के विकास में अध्यापकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। अध्यापक छात्रों के व्यवहार , भावनाओं व किशोरावस्था में होने वाले शारीरिक व मानसिक परिवर्तन को ध्यान में रख बच्चों का सही मार्गदर्शन करता है।

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  30. व्यक्तिगत सामाजिक गुण ही मानव होने का आधार स्तंभ है इसी से शिक्षक हर स्तर पर स्वयं की एवं विद्यार्थियों की मदद कर सकता है

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  31. व्यक्ति की पहचान अपने व्यक्तिगत समाजिक गुण से होती है। क्षमता, कौशल, ज्ञान, व्यवहार और बातचीत आदि गुण का अनुकरण दूसरे को सिखने में मदद करता है। चूंकि शिक्षक, विद्यार्थी का रोल मॉडल होता है अतः विद्यार्थी शिक्षक के इन गुणों को अपने जीवन में आत्मसात करता है।

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  32. प्रत्येक मनुष्य के जीवन में सामाजिक और व्यक्तिगत गुणों की अहम भूमिका है।परिवार, समाज और विद्यालय के अनुरूप ही व्यक्ति में सामाजिक और व्यक्तिगत गुणों का विकास होता है।
    माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थियों मे इन गुणों का विकास के लिए शिक्षक अहम भूमिका निभाते हैं।जो विद्यार्थियों के जीवन में नैतिक मूल्यों का विकास करते हैं।जैसे किसी अच्छे कार्य के लिए उन्हें सराहना और वही किसी गलत कार्य के लिए उन्हें धैर्यता से समझाना।

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  33. हमारे व्यक्तिगत जीवन में सामाजिक गुणों का बहुत बड़ा महत्व है ।विद्यार्थी विद्यालय में आता है तो वह विभिन्न पर गुणों को ग्रहण करता है ।वह अपने साथियों के साथ व्यवहार करता है इस तरह सीखने में इनकी बहुत बड़ी भूमिका होती है शिक्षक विद्यार्थी में इन गुणों को विश का विकास करने में सबसे अग्रणी होता है ।

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  34. किसी भी बच्चों में व्यक्तिगत और सामाजिक गुण उसकी परिवार उसकी समाज और उसके आसपास के लोगों के द्वारा विकसित की जा सकती है जिसमें शिक्षकों की भूमिका विशेष होती है क्योंकि बच्चा अपने शिक्षकों के प्रति विशेष लगाव रखता है और उसकी हर कहना मानता है अगर शिक्षक समर्पित भाव से बच्चों में व्यक्तिगत और सामाजिक गुणों को विकसित करें जैसे कि समाज में कैसे रहना है कैसे किस से व्यवहार करना है और उस बच्चे की व्यक्तिगत गुणों को जो कि खासकर कक्षा नौवीं से बारहवीं के बीच में भावनाएं विकसित होती है अगर उसको सही दिशा में ले जाकर के शिक्षक उसको पहचान कर अगर सही शिक्षा देता है तो विद्यार्थी व्यक्तिगत रूप से संपूर्ण विकसित हो सकता है जिसका प्रभाव पूरे समाज में दिखता है और वह अपनी समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है विष्णु प्रसाद पांडे गवर्नमेंट हाई स्कूल प पचगवा विकासखंड बलोदा जांजगीर चंपा

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  35. मनुष्य के लिए व्यक्तिगत और समाजिक गुण का होना अनिवार्य है इसी गुण के कारण मनुष्य मानव कहलाता है जो मानवीय गुणों और संवेदनाओं से पूर्ण होता है ।शिक्षक के लिए प्रत्येक बच्चों में निहित व्यक्तिगत और समाजिक गुणों का पहचान करना आवश्यक होता है इसके अभाव में शिक्षक बच्चों का सर्वांगीण विकास नहीं कर पाएगा ।
    🙏धन्यवाद 🙏

    सुरेश कुमार मेश्राम (व्याख्याता)
    शास.हाई स्कूल अमलीडीह धमतरी

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  36. Teacher is a role model for students. Some Teachers efficiently recognize children's behaviour and treat them accordingly. Students who are not secure in the family itself, teachers guide them to have self-confidence, motivate them to be a good citizen and get a better place in society.

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  37. व्यक्तिगत समाजिक गुणों की आधारशिला स्कूली शिक्षा के दौरान ही रखी जाति है l माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा के दौरान विद्यार्थी अपने जीवन के संक्रमण काल से गुजरता है ऐसे मेँ व्यक्ति गत सामाजिक शिक्षण के विविध आयामों का व्यक्तिगत भावनाओं के साथ सामंजस्य स्थापित कर शिक्षक एक आदर्श सामाजिक प्राणी का निर्माण करने मेँ अहम् भूमिका निभाता है 🙏🙏

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  38. मनुष्य में व्यक्तिगत और सामाजिक गुणों का होना नितांत आवश्यक है, इन्ही गुणों की वजह से हमारी समाज, परिवार, और हमारे कार्य -स्थल, जहाँ हम अपना अधिकांश समय व्यतीत करते हैं और परस्पर लोगों से घिरे रहते हैं, यहाँ हमें दूसरों के दृष्टिकोण को समझ कर विचार करते हुए,सम्मान पूर्वक, सराहना करते हुए, मिलकर रहना चाहिये।
    शिक्षक ही एकमात्र व्यक्ति है जो विद्यार्थियों को इन गुणों को अपनाने के लिए प्रेरित कर सकता है, परन्तु पहले उसे स्वयं इन गुणों को अपने जीवन में अपनाना होगा, क्यों कि विधार्थी शिक्षकों के एक- एक छोटी सी बातों या विचारों से प्रभावित होते रहते हैं, आप बच्चों के लिए एक आदर्श हैं । और आप अपने आपको जैसा प्रस्तुत करेंगे वे आपके जैसे बनने का प्रयत्न करेंगे, तभी आप अपने कर्तव्य को पूरा कर पायेंगे।

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  39. At present time it is necessary to understand physical and mental condition of students as well as family atmosphere. Doing such teacher can know actual situation of student and treat him according to understanding him.
    This practices bring good connectivity between students and teacher.

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  40. व्यक्तिगत सामाजिक गुण माध्यमिक स्तर
    के शिक्षार्थियों को परस्पर सिखने, समझने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
    शिक्षक शिक्षार्थियों के इस गुण के आधार
    पर उन्हें समस्या के निदान तथा भविष्य में आने वाली चुनोतियों के लिए सक्षम बनाने में सहयोग करते हैं।
    गौरीशंकर यादव
    प्राचार्य
    शास.हाईस्कूल बुटाकसा
    जिला राजनांदगांव

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  41. ,Hmare dainik jeevan me vyaktigat aur samajik gun ka vishesh mahtv mahtv h.school ka vatavaran aur teacher student ke liye unke vyaktigat aur samajik guno ko viksit krne ke liye dhancha bnata h.

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  42. व्यक्तिगत सामाजिक गुणो के विकास में शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करताहै वे स्वयं को तलाशने की कोशिश उनकी पहचान में उनके अंदर चलने वाले संघर्ष को शांत करने में मददगार होता है।

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  43. व्यक्तिगत सामाजिक गुण हमें एक दूसरे को समझने समझाने सीखने में सहायता करता है। माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थियों में व्यक्तिगत , समाजिक गुण के विकास और अभ्यास में शिक्षक भूमिका निभाते है, वे उनको समाजिक मूल्यों का ज्ञान एवम् परिस्थिति से अवगत कराते है । भविष्य की योजना के बारे में विचार साझा करते हैं।

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  44. माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा के दौरान विद्यार्थी अपने जीवन के संक्रमण काल से गुजरता है ऐसे मेँ व्यक्ति गत सामाजिक शिक्षण के विविध आयामों का व्यक्तिगत भावनाओं के साथ सामंजस्य स्थापित कर शिक्षक एक आदर्श सामाजिक प्राणी का निर्माण करने मेँ अहम् भूमिका निभाता है

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  45. व्यतिकगत गुणों के कारण कोई भी इंसान अच्छा है या बुरा का पता चल जाता है।और जिस समाज में अच्छे लोग होंगे तो समाज भी अच्छा होगा। शिक्षक को समाज का दर्पण कहा जाता है , शिक्षक बच्चों को क्लासरूम में पाठ्यक्रम के संदर्भ में सामाजिक गुणों से रूबरू कराता रहता है। सही गलत बातों को पहचानने में सहयोग करता है।

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  46. हमारे दैनिक जीवन मे व्यक्तिगत- सामाजिक गुणों की महत्वपूर्ण भूमिका है, इसी गुण के कारण मनुष्य मानव कहलाता है माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थियों में व्यक्तिगत- सामाजिक गुणों के विकास और अभ्यास में शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है वर्तमान स्थिति, समय व परिवेश को ध्यान में रखकर जीवन जीने की कला भी सिखाते है। शिक्षक विद्यार्थियों को भविष्य में आने वाली चुनौती का सामना करने के लिये तैयार करते हैं।

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  47. हमारे दैनिक जीवन मे व्यक्तिगत- सामाजिक गुणों की महत्वपूर्ण भूमिका है,ये गुण हमे एक दूसरे को समझने ,समझाने व सीखने में सहायता करता है।सकारात्मक भावना अधिगम व प्रदर्शन को सुविधाजनक बनाता है
    माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थियों में व्यक्तिगत- सामाजिक गुणों के विकास और अभ्यास में शिछ्क महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है, वे उनको समझते है फिर उनको सामाजिक मूल्यों का ज्ञान कराते है।

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  48. नमस्ते, हमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत सामाजिक गुणों की महत्वपुर्ण भूमिका है ।
    इन्ही गुणो के कारण व्यक्ति सही या गलत की पहचान कर पाता है।

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  49. हमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों की महत्वपूर्ण भूमिका है। जीवन के प्रत्येक आयाम में सीखना और उसका कुशलता से अनुप्रयोग करना ही समाज में और अस्तित्व में अनुकूलन प्रदान करता है। माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थियों का जीवन भावी जीवन का महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार है जहाँ बुनियादी व्यक्तिगत - सामाजिक गुणों का विकाश समूचे जीवन में विस्तारित होता है और इन व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों के विकास और अभ्यास में शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

    धर्मेन्द्र प्रसाद सारस्वत
    प्रभारी प्राचार्य
    शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चिल्हाटी
    छत्तीसगढ़

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  50. Kisi bhi individual ke liye samajik aur vyaktigat gun samajhna aur develop karna bahut important hota hai. Inse hamari personality, soch, vichar, behaviour, learning capacity etc develop hoti hai

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  51. Smt hema chivane
    हमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत और सामाजिक गुणों की अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका होती है क्योंकि इन्हीं गुणों के कारण व्यक्ति अपना चरित्र बनाता है समाज में अपना एक स्थान बनाता है माध्यमिक स्तर के छात्र-छात्राओं में इन गुणों के विकास की प्रक्रिया स्कूल से ही शुरू हो जाती है. जब छात्र एक दूसरे से सहयोग करते हैं एक दूसरे की आवश्यकता पड़ने पर मदद करते हैं अपने से बड़ों या शिक्षकों का सम्मान करना सीखते हैं बातचीत करने की उत्तम शैली सीखते हैं अनुशासन सीखते हैं एक दूसरे की आर्थिक परिस्थितियों एवं जीवन शैली के बारे में जानते हैं कठिन परीक्षाओं से गुजरते हैं । येअनुभव उनके सामाजिक जीवन की राह पर चलना सिखाते हैं और वे एक अच्छा चरित्र निर्माण कर पाते हैं।

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  52. प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में सामाजिक गुणों का महत्वपूर्ण भूमिका है। यह गुण हम अपने माता पिता दोस्त सगे संबंधी से सीखते हैं क्योंकि किशोर अवस्था उत्सुकता की अवस्था होता है इसलिए इसमें सबसे ज्यादा भूमिका शिक्षक का होता है। इसलिए शिक्षक बच्चे को हमेशा अच्छे संस्कार प्रदान करें। किशोरावस्था में किसी भी कार्य को करके सीखने की उत्सुकता होती है । विद्यार्थी शिक्षक के प्रत्येक बात को ध्यान से सुनते हैं इसलिए शिक्षक को अपनी वाणी पर हमेशा संयम होना चाहिए।

    ताराचंद कौशिक
    (स.शि.)
    शास.उ.मा.वि.चोगरीबहार
    जिला जशपुर

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  53. हमारे दैनिक जीवन में स्वस्तिक सामाजिक गुणों की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रत्येक प्रश्न परिस्थिति के प्रति हमारा दृष्टिकोण सकारात्मक होना चाहिए तभी हम उस परिस्थिति का सही समाधान निकालते हुए आगे बढ़ सकते हैं, शिक्षक निश्चित रूप से छात्रों में चाहे वह किसी भी सामाजिक आर्थिक परिस्थिति से संबंध रखता हो उसके दृष्टिकोण को सकारात्मक बनाने में मदद कर सकता है वह कक्षा का वातावरण इस प्रकार निर्मित कर सकता है ताकि सभी छात्र निर्भीक होकर अपनी बात कह सकें अपनी उत्सुकता को शांत कर सकें तथा दूसरों के विचारों की सराहना कर सकें।

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  54. Each and every act is important as a teacher it's important to balance properly every thing in the classroom to grow a healthy mind and thought in every student.

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  55. व्यक्तिगत सामाजिक गुण छात्रों को आत्मविश्वासी बनने में सहायता करती है। जीवन के हर एक पहलू में उचित निर्णय लेने में सक्षम होते है। एक शिक्षक अपने अनुभव से न केवल ज्ञान प्रदान करता है बल्कि बच्चों में संज्ञानात्मक कौशल को विकसित करके उनके समग्र विकास को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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  56. व्यक्तिगत और सामाजिक गन छात्र को एक सही दिशा प्रदान करते हैं।अपने छात्र जीवन मे वह ज्यादातर अपने शिक्षकों को आदर्श मां कर उनके गुणो को आत्मसात करने की कोशिश करते हैं इसलियें शिक्षकों को अपना आचरण आदर्श रखने की आवश्यकता होती है।
    अर्चना जोशी प्राचार्य मोपका बिलासपुर

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  57. Personal social behaviour is an important role in our daily life for happiness peace and cooperation any level of life teacher is a role model for students some teacher efficiently recognise children's behaviour and then treat them accordingly teacher guide them to have self confidence motivate them to be a good citizen and the get better place into society

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  58. हमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत-सामाजिक गुण जीवन के आधार के रूप में कार्य करते हैं ।माध्यमिक स्तर पर बालक अपने परिवार , समाज एवं विद्यालय से ही व्यक्तिगत एवं सामाजिक गुणों को ग्रहण करता है।माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थियों में व्यक्तिगत- सामाजिक गुणों के विकास और अभ्यास में शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है, वे उनको समझते है फिर उनको सामाजिक मूल्यों का ज्ञान कराते है।परिस्थितियों के बारे में बताते हुवे भविष्य में आने वाली कठिनाई से भी अवगत कराते है। वर्तमान स्थिति, समय व परिवेश को ध्यान में रखकर जीवन जीने की कला भी सिखाते है।उनके व्यक्तित्व विकास और पहचान बनाने में सहयोग करते हैं वह बच्चों के जीवन में मार्गदर्शक की भूमिका निभाते है।

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  59. व्यक्तिगत और सामाजिक गुण हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं।दैनिक जीवन में हमारा व्यवहार इन गुणों से ही परिलक्षित होता है।एक शिक्षक जो भी ज्ञान, आदर्श विद्यार्थियों को सिखाता है वह व्यवहार जीवन भर संचालित होते रहता है।विद्यार्थी मिटटी के समान होते हैं, शिक्षक उन्हे जिस रूप में चाहे ढाल सकते हैं।

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  60. "Personal-Social qualities" play a very pivotal role in one's daily life in all the behavioral aspects. It's role becomes important for learning purposes and behavior. The teacher plays determining role for personal-social qualities and behavior of students, specifically at the secondary level by making them understand the importance behavioral aspects in the society with numerous examples and by establishing dialogue in a fascinating way with students.

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  61. हमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत एवम
    सामाजिक गुण का की महत्वपूर्ण भूमिका है।ये गुण जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अहम भूमिका निभाती है।विद्यार्थियों में व्यक्तिगत एवम सामाजिक गुणों के कारण ही उनका चरित्र उत्तम तथा समाज में अपना नाम रोशन करता है,साथ ही राष्ट्रीय एकता , राष्ट्रीय भावना का भी विकास होता है।

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  62. दैनिक जीवन में व्यक्तिगत एवं सामाजिक गुणों का अपना एक अलग ही महत्व होता है यह गुण हममे सीखने सिखाने तथा अपने जीवन को व्यवस्थित रूप से जीने की कला का विकास करता है। माध्यमिक स्तर पर छात्र-छात्राएं समझदार हो जाती हैं तथा वे शिक्षकों को अपना आदर्श मानते हैं । शिक्षकों को देखकर ही बच्चे सीखते हैं यदि शिक्षक में व्यक्तिगत और सामाजिक गुण होगा तो तो वह अपने आप ही बच्चों में वह गुण ट्रांसफर हो जाते हैं जाता है जिससे बच्चों में भी सामाजिक एवं व्यक्तिगत व्यक्तिगत गुणों का विकास होता है।

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  63. हमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत एवम् सामाजिक गुणों की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है । स्कूल में विद्यार्थी अपने शिक्षक की प्रत्येक बातो, आचरण का अनुकरण करते है, इसलिए कहा गया है कि " यदि एक डॉक्टर से गलती हो तो एक व्यक्ति की जान जाती है, यदि इंजीनियर से गलती हो तो एक मकान बिगड़ता है लेकिन यदि एक शिक्षक से गलती हो तो पूरा समाज बर्बाद हो सकता है ।"

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  64. हमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत और सामाजिक गुणों की महत्वपूर्ण भूमिका है। यही गुण व्यक्ति को एक सफल और कुशल नागरिक बनाते हैं। इन्हीं गुणों से सीखने और सिखाने की कला विकसित होती है। माध्यमिक स्तर पर विद्यार्थी शिक्षक को अपना आदर्श मानते हैं और एक अच्छे शिक्षक के मार्गदर्शन में अच्छे नागरिक बनाते हैं।

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  65. दैनिक जीवन में व्यक्तिगत एवं सामाजिक गुण महत्वपूर्ण होते है। विध्यार्तीयो में अनुशासन सीखने की कला के गुणों का सम्पूर्ण गुणों का विकास होता है। इसके लिए शिक्षक अपने विद्यार्थी को निरंतर अभ्यास द्वारा अभिप्रेरित करते है। इस प्रकार विद्यार्थी में निरंतर एवं पूर्ण रूप से सभी व्यक्तिगत एवं सामाजिक गुणों का विकास होता है। धन्यवाद

    श्रीमती सायरा रूबी हनीफी चिचिरदा बिलासपुर

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  66. दैनिक जीवन में ब्यक्तिगत-सामाजिक गुणों का बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है निश्चित रूप से यह सीखने सीखाने मे अत्यंत सहायक है वैसे तो शुरू से ही शिक्षक विद्यार्थियों पर इन गुणों का संचारण करते आ रहा है लेकिन वर्तमान covid-19 कि परिस्थिति मे जहाँ शिक्षक एवं छात्र वर्चुअली मिल पा रहे हैं ब्यक्तिगत-सामाजिक नये नये गुण जो आनलाईन क्लास के दौरान आवश्यक एवं अनिवार्य हैं सीखाया/बताया जा रहा है

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  67. शिक्षक छात्रों के व्यक्तिगत सामाजिक गुणों का संवर्धन करते हैं एवं एक आदर्श के रूप में स्वयं को प्रस्तुत भी करते हैं साथ ही छात्रों के वैचारिक समस्याओं का समाधान भी करते हैं

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  68. हमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत और सामाजिक गुणों की महत्वपूर्ण भूमिका है। यही गुण व्यक्ति को एक सफल और कुशल नागरिक बनाते हैं। इन्हीं गुणों से सीखने और सिखाने की कला विकसित होती है। माध्यमिक स्तर पर विद्यार्थी शिक्षक को अपना आदर्श मानते हैं और एक अच्छे शिक्षक के मार्गदर्शन में अच्छे नागरिक बनाते हैं।

    Santoshi panigrahi
    Lecturer
    Govt.HSS Ghatlohanga
    Bastar

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  69. Vyatigat-samajik gun hamare drink jivan ke aadhar shila he iske dwara bachhe apne aapko abhivyakt karna sikhte he aur dusro ko samajhte,aur samjhate he. Madhyamik ster per teacher bachho ka vyatitv la nirman karte he.

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  70. प्रत्येक मनुष्य मे व्यक्तिगत व सामाजिक गुणों का होना अनिवार्य है l यदि यह गुण नहीं है तो हम हम समतामूलक समाज का निर्माण नहीं कर सकते हैl हमारा शिक्षण वी शिक्षा अधूरा हैl इं गुणों के कारण ही बच्चों में चारित्रिक,नैतिक,सामाजिक ,राष्ट्रीय मल्यों का निर्माण होता हैlयह छात्र तथा शिक्षक दोनों के लिए अनिवार्य हैl विशेषकर कर शिक्षक के लिए क्योंकि वह समाज का दर्पण वी मार्गदर्शक होता है।वह नई पीढ़ी का सृजनकर्ता होता है।साथ ही भावी राष्ट्रनिर्माता है। इसलिए यह आवश्यक गुणों उपलब्धि है।
    व्याख्याता
    Chandrashekhar Gajbiye
    Govt.Hr.Sec.School Chawand
    Narpur
    Kanker

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  71. Vyaktigat samajik gun Chhatra ka ek samajik nagrik k rup me viksit karne ka karta Karti hai. Madhyamik star par in guno Ko viksit karke ham samaj Ko jimmedar nagrik de sakte hai. Jo bhavi samaj k liye Aadarsh ho sakte hai.

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  72. व्यक्तिगत और सामाजिक गुणों को पहचानने और प्रदर्शित करने से विद्यार्थी विद्यालय में अन्य विद्यार्थियों और लोगों के साथ अधिक सहायक और उत्साहजनक तरीके से बातचीत करते हैं और व्यवहार संबंधी दिशानिर्देश निर्धारित करते हैं इसलिए शिक्षक अपनी दक्षता और कौशल के माध्यम से विद्यार्थियों को एक समान योगदान देते हैं हमारी प्रतिदिन की दिनचर्या व्यक्तिगत और सामाजिक गुणों के विकास में और अधिगम को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं

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  73. बालकों में ब्यक्तिगत और सामाजिक गुण अपने अनुभव और परिस्थितियों के अनुसार अपने योग्यता ज्ञान बुद्धि निर्णयन सोच विचार की क्षमता को बढ़ाना, दूसरों को समझना और समाज /राष्ट्र के प्रति जागरूक होता है
    शिक्षक ब्यक्तिगत और सामाजिक गुणों के आधार पर समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देता है जिसमे सभी विद्यार्थी आपसी समन्वय से सीखते है ।

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  74. व्यक्ति स्वयं अपने और समाज मे उसके द्वारा बनाये सम्बन्ध की सही समझ विकसित करने के लिए माध्यमिक स्तर पर सही समझ नही रखता उसके द्वारा लिया गया हर निर्णय भावात्मक होता है इस निर्णायक परिस्थित मे शिक्षक उनके लिए सहयोगात्मक व्यवहार अपने अनुभवो को साझा कर भविष्य के लिए उचित निर्णय लेने मे सहयोग प्रदान करता है।

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  75. It improves the overall development of the student that's why this is essential part of life

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  76. This comment has been removed by the author.

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  77. In our daily life our personal social qualities plays a very important role. This is a world of knowledge ,communication, imitation and learning from each other. We are know by the social qualities we display in this communicative world and its these social qualities and attributes are the corner stone of making our civilization rich. We respect people who poses better personal social qualities than us or qualities which we value very much.Whether you are a teacher or a person of world of work, personal social qualities makes a person a leader or a failure. A proper depiction of good behavior can teach much more than thousand text. Its the art of personal social qualities helps us to create a better human being and a better society. One scientist aspires many scientist, one good teacher aspires many to become one.
    In Secondary education personal social qualities of a teacher play a very important role as the adolescent learners are at budding stage and follow hero worship too.Therefore depiction of higher personal social qualities helps these learners to learn to behave well and practice higher quality human behavior.
    With the advent of virtual world it has become more easier to reach people but at the same it requires that our personal social qualities should be more friendly and at the same time more ethical providing positive visibility.

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  78. व्यक्तिगत- सामाजिक गुणों का हमारे जीवन मे महत्व बहुत अधिक है ये गुण हमे एक - दूसरे को पहचानने , समझने में मदद करते है,ये गुण हमारे जीवन का आधारशिला है,छात्रों को ये गुण सीखने में मददगार है,माध्यमिक स्तर पर शिक्षक छात्रों के व्यक्तिगत - सामाजिक गुणो के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है,, वे उन्हें समूह कार्य देकर उनके गुणों में विकास करते है ,,शिक्षक छात्रों के व्यवहार में परिवर्तन लाते है

    अमित जैन

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  79. Vayaktigat avm samajik guno ka vikas sabi teacher avm student me hona bahut hi jaruri hai. Iske bina ak sabhay va achchhe insan ki kalpna karna vyarth hoga. Isliye ek teacher ke roop me in guno ka vikas sabi me anivaryata viksit karne ka har sambhav prayas karna behatar hoga.

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  80. Hamare vyaktigat v samajik gun hi hame samaj me ek dusare ke sath milkar rahne ki samajh uttpann karte hai

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  81. Madhyamik star ke vidyarthiyo ke vaytigat aur samajik guno ka nirdharan Samaj Parivaar Aur Vidyalaya dwara hota hai isme shikshk ki bhumika bahut prabhvi hai shikshak hi vidyarthiyo ko jeeven mulya sikhate hai jinse unka sarvangin vikas hota hai aur bachcha bhavishya me ek achcha nagrik bnta hai

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    1. Suchitra Pandey lecturer G H H S School Ganod block_Arang

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  82. तेजबली शुक्ल
    दैनिक जीवन व्यक्तिगत सामाजिक जो यह शिक्षकों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण शिक्षा प्रदान करता है और छात्र के बीच संवाद कैसे करना है और जो बच्चों कोदृष्टिकोण प्रदान करता है और वह बहुत ही अलग-अलग से बताते हैं की बच्चे अपने अपने दृष्टिकोण से क्या अलग कर सकते हैं

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  83. Vykti me kuchh jivn muly hotel Han Jo priva Ur smaj se Jude rhne me madd krta ha in guno ka vikas school patho ke madhym se krte Han khaskr bhasha vishay se

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  84. Teachers And Students
    1.Friendly
    2.confidencial
    3.Reliability
    4.basic knowledge concept clear
    5.Career Guidelines in future Aim

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  85. व्यक्ति एक सामाजिक प्राणी है व्यक्ति समाज मे रहकर ही व्यक्तिगत एवम सामाजिक गुणों को ग्रहण करता है । माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों में व्यक्तिगत एवम सामाजिक गुणों के विकास में शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है । वर्तमान स्थिति ,समय ,परिवेश , परिस्थिति में जीवन जीने की कला सिखाते हैं और उनके व्यक्तित्व विकास में स्वयं की पहचान बनाने में पथ प्रदर्शन का कार्य करते है ।

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  86. व्यक्तिगत और सामाजिक गुण किसी भी क्षेत्र के लिए बहुत ही अहम भूमिका निभाती है |माध्यमिक स्तर पर बालक अपने परिवार , समाज एवं विद्यालय से ही व्यक्तिगत एवं सामाजिक गुणों को ग्रहण करता है।
    इसी गुण के द्वारा बालक का चरित्र निर्माण होता है । शिक्षक बालक के व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों को बाहर निकालने व तराशने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं भूतकाल की गलतियों को ना दोहराकर वर्तमान स्थिति व परिवेश में भविष्य की कठिनाइयों का सामना करने के लिए उन्हें तैयार करते हैं तथा राष्ट्र की नींव मजबूत करते हैं।
    अतः हम कह सकते हैं कि बालक के व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों को निखारने व राष्ट्र निर्माण में शिक्षक आधारशिला का कार्य करते हैं।माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों में व्यक्तिगत एवम सामाजिक गुणों के विकास में शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है । वर्तमान स्थिति ,समय ,परिवेश , परिस्थिति में जीवन जीने की कला सिखाते हैं और उनके व्यक्तित्व विकास में स्वयं की पहचान बनाने में पथ प्रदर्शन का कार्य करते है ।

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  87. हमारे जीवन मे व्यक्तिगत सामाजिक गुणों का बड़ा महत्व है यह हमे समाज मे एक पहचान बनाने में मदद करता है , ये मूल्य हमे दुसरे से संबंध स्थापित करने मे काफी सहायक होता है।
    B.S. Janghel
    Lect. G.H.S.Chipra Balod

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    1. किसी विद्यार्थी के जीवन में इन गुणों निखारने में शिक्षक की अहम भूमिका होती है,विद्यार्थी अपने जीवन मे आने वाले प्रत्येक परिस्थितियों का डटकर मुकाबला कर पाते हैं ।

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  88. हमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत एवं सामाजिक गुणों का बहुत प्रभाव पड़ता है स्कूल का वातावरण छात्रों के व्यक्तिगत एवं समाजिक गुणों को विकसित करने का ढांचा बनाता है, जो उनके जीवन के सभी पहलुओं प्रभावित करता है। विद्यार्थि किस प्रकार सीखते हैं खुशी आनंद उत्तेजना आदि अधिगम प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाती है नकारात्मक सोच एवं भावना अधिक अधिगम प्रक्रिया में बाधा डालते हैं हालांकि माध्यमिक स्तर में जब विद्यार्थी किशोरावस्था में होते हैं शिक्षकों की भूमिका और महत्वपूर्ण हो जाती है।

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  89. हमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत सामाजिक गुणों की अहम भूमिका होती है। यह हमें एकदूसरे को समझने समझाने और सीखने में सहायता प्रदान करता है। माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थियों के लिए बहुत ही आवश्यक होता है कि एक शिक्षक को उन्हें किस प्रकार से व्यक्तिगत सामाजिक पहलुओं पर ध्यान दें । ताकि उनके लक्ष्य को हासिल कर सके हैं। वर्तमान और भविष्य में जीवन जीने की कला सिखाते हैं। शिक्षक अपने छात्रों ने व्यक्तिगत सामाजिक गुणों का विकास करके एक अच्छे नागरिक का निर्माण करते हैं।

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  90. हमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत सामाजिक गुणों की महत्वपूर्ण भूमिका है यह गुण हमें एक दूसरे को समझने में मदद करते हैं माध्यमिक स्तर के बालक बालिकाओं में व्यक्तिगत सामाजिक गुणों के विकास में शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं वर्तमान परिवेश में जीवन जीने की कला सिखाते हैं बच्चों के मार्गदर्शक के रूप में कार्य करते हैं
    Savita Patel

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  91. विद्यालय में ही बच्चों का व्यक्तित्व का विकास होता है वह समाज में किस तरह से रहना है बड़ों को कैसे सम्मान देना है छोटों को स्नेह देना है कैसे बातें करना है यह सारे सामाजिक गुण बच्चे स्कूल में ही सीखते हैं

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  92. हमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों की महतवपूर्ण भूमिका है| इसके द्वारा शिक्षण और समाज को समझने में आसानी होती है |शिक्षण सुगम और प्रभावी हो जाता है |ये गुण सीखने में मदद करते हैं| माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थियों में व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों के विकास और अभ्यास में शिक्षक महत्व पूर्ण भूमिका निभाते हैं ।विद्यार्थियों को समझने और उनसे सबन्ध बनाना आसन हो जाता है |वे अपनी शंकाओं का समाधान बिना झिझक के कर लेते हैं |

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  93. Dainik jivan me iske upyog se hr problem hal ho sakte hai. Image bhi achchha ban jata hai. Jisase work aasan ho jata hai. Ye laabhprad hai. Student ko teach karna saral ho jata hai.

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  94. छात्र हो या शिक्षक दोनों ही समाज के महत्वपूर्ण अंग हैं।शिक्षा का आधार ही समाज और व्यक्ति के समन्वय पर आधारित होता है। माध्यमिक स्तर के छात्र उस सीमा पर खड़े होते हैं जहाँ एक कदम बढ़ाते ही उन्हें समाज के नियमों एवं उद्देश्यों को समझना और पालन करना होता है ऐसे में शिक्षा संस्थान उन्हें उचित मार्गदर्शन प्रदान कर सकती है।उनके अंदर समाज सुधारक ,समाज के प्रति प्रेम एवं सम्मान बढ़ाने वाले व्यक्तिगत गुणों का विकास किया जा सकता है।वो भी विषय को या टॉपिक को समाज के साथ जोड़कर।

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  95. Definately the personnel social qualities plays a vital role in our day to day life. It helps is in understanding the others perspective such as by understanding the others attitude ,knowing our surroundings and thus become sensitive and careful towards them. The same thing is applicable to our secondary students as they are passing through the age of adolescent they have their own choices and requirements. So by understanding their attitude , emotions ,knowing them and guiding them for their future prospects make them reliable upon us. Students feel secure and protective themselves . And thus they became able to cope with any situations of the life.

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  96. मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। अर्थात मनुष्य की समस्त आवश्यताओ की पूर्ति समाज के भीतर रहकर ही पूरी हो सकती है। ऐसे में मनुष्य को एक-दूसरे की आवश्यताओ को, एक दूसरे के विचारों को समझना आवश्यक है। एक शिक्षक और एक छात्र भी उसी समाज के अंग है। ऐसे में शिक्षक को छात्र के विचारों को और एक छात्र को अपने शिक्षक को समझना आवश्यक है।इस प्रकार एकदूसरे को समझने की आवश्यकता मनुष्य में सामाजिक गुणो का विकास करता है।

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  97. जी हां शिक्षक का अनुकरण। विद्यार्थी अवश्य करते हैं। अतः शिक्षक के व्यक्तिगत सामाजिक गुणों का भी अनुकरण करेंगे। और इसीलिए शिक्षक अपना प्रत्येक व्यवहार बच्चों के समक्ष बड़ी सावधानी से करते हैं।
    सी, एम, साहू
    ब्याखाता शास उच्च मा वि dargaon

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  98. शास्त्र जीवन के आधार के रूप में कार्य करते हैं ।
    व्यक्तिगत और सामाजिक गुण किसी भी क्षेत्र के लिए बहुत ही अहम भूमिका निभाती है |माध्यमिक स्तर पर बालक अपने परिवार , समाज एवं विद्यालय से ही व्यक्तिगत एवं सामाजिक गुणों को ग्रहण करता है।
    इसी गुण के द्वारा बालक का चरित्र निर्माण होता है । शिक्षक बालक के व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों को बाहर निकालने व तराशने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं भूतकाल की गलतियों को ना दोहराकर वर्तमान स्थिति व परिवेश में भविष्य की कठिनाइयों का सामना करने के लिए उन्हें तैयार करते हैं तथा राष्ट्र की नींव मजबूत करते हैं।
    अतः हम कह सकते हैं कि बालक के व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों को निखारने व राष्ट्र निर्माण में शिक्षक आधारशिला का कार्य करते हैं।

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  99. Vyaktigat aur samajik guno ka Vikas hamare Jeevan ke liye bahut mahatvpurn hai aur Inka Vikas school mein schooli Shiksha ke madhyam se sambhav Ho pata hai kyunki ek shikshak chhatron ke sath adhikansh Jude hue rahte hain aur Chhatra Apne shikshak ko ek Aadarsh ke roop mein manta hai unki mahatvpurn bhumika hoti hai vyaktigat aur samajik gunon ke Vikas main main shikshak ki mahatvpurn bhumika hoti hai vartman ki kathinai ka nirakaran karne mein main unko Apne Bihari jivan mein aane wali samasyaon ko dur karne mein ek samajh paida karne karne mein mein shikshak ki bhumika mahatvpurn hoti hai

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  100. व्यक्तिगत एवं सामाजिक गुणों का सद्विकास परिवार समाज एवं राष्ट्र के लिए कल्याणकारी होता है।ये गुण माध्यमिक स्तर के बालक में प्रमुखता से प्रकट हो सकते हैं यदि इन गुणों के विकास हेतु पारिवारिक विद्यालयीन एवं सामाजिक स्तर पर अनुकूल वातावरण प्रदान किया जाए।
    शिक्षक बालक का आदर्श होता है तब विद्यार्थी शिक्षक से ही अपने व्यक्तित्व को निखारने का प्रयास करता है तथा सामाजिक रूप से स्वयं को शिक्षक के समान बनाने का प्रयास करता है।

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  101. हमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत सामाजिक हो जीवन के आधार के रूप में कार्य करते हैं माध्यमिक स्तर पर बालक अपने परिवार समाज एवम विद्यालय से ही व्यक्तिगत सामाजिक गुणों को प्रदर्शित करता है ।

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  102. हमारे दैनिक जीवन में व्यक्ति गत सामाजिक गुणों का बहुत महत्व है शिक्षक का अनुशासित होना सकारात्मक सोच रखना छात्र को प्रोत्साहित करना उन पर अमिट छाप छोड़ ता है शिक्षक निश्चित ही व्यक्ति गत सामाजिक गुणों के माध्यम से छात्रों का विकास करने में अहम भूमिका निभाने में सक्षम हैं।

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  103. व्यक्तिगत और सामाजिक गुण बहुत ही ज़रूरी है,और ये गुण मुख्य रूप से स्कूल में ही विकसित होते है और इसमें शिक्षक की विशेष भूमिका होती है।

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  104. हमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत-सामाजिक गुण जीवन के आधार के रूप में कार्य करते हैं ।
    माध्यमिक स्तर पर बालक अपने परिवार , समाज एवं विद्यालय से ही व्यक्तिगत एवं सामाजिक गुणों को ग्रहण करता है।
    इसी गुण के द्वारा बालक का चरित्र निर्माण होता है । शिक्षक बालक के व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों को बाहर निकालने व तराशने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं भूतकाल की गलतियों को ना दोहराकर वर्तमान स्थिति व परिवेश में भविष्य की कठिनाइयों का सामना करने के लिए उन्हें तैयार करते हैं तथा राष्ट्र की नींव मजबूत करते हैं।
    अतः हम कह सकते हैं कि बालक के व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों को निखारने व राष्ट्र निर्माण में शिक्षक आधारशिला का कार्य करते हैं

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  105. This comment has been removed by the author.

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  106. माध्यमिक स्तर पर बालक अपने परिवार ,समाज एवम विद्यालय से ही व्यक्तिगत सामाजिक गुणों को ग्रहण करता है,शिक्षक बालक के गुणों को तराशने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है और वर्तमान परिवेश में भविष्य की कठनाइयों का सामना करने के लिए तैयार करते है और राष्ट्र की नीव मजबूत करते है ।

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  107. August 11, 2021 at 11:33 PM
    प्रत्येक मनुष्य के जीवन में सामाजिक और व्यक्तिगत गुणों की अहम भूमिका है।परिवार, समाज और विद्यालय के अनुरूप ही व्यक्ति में सामाजिक और व्यक्तिगत गुणों का विकास होता है।
    माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थियों मे इन गुणों का विकास के लिए शिक्षक अहम भूमिका निभाते हैं।जो विद्यार्थियों के जीवन में नैतिक मूल्यों का विकास करते हैं।जैसे किसी अच्छे कार्य के लिए उन्हें सराहना और वही किसी गलत कार्य के लिए उन्हें धैर्यता से समझाना|

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  108. प्रत्येक मनुष्य के जीवन मे व्यक्तिगत सामाजिक गुणों का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है इसके द्वारा कक्षा मे और कक्षा के बाहर छात्रों से कैसे संवाद किया जाना चाहिए ये पता चलता है शिक्षक अपनी कौशल से बच्चों में सामाजिक और नैतिक मूल्यों का विकास कर सकते हैं
    Yadram Banjare (प्राचार्य )

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  109. हमारे व्यक्तिगत जीवन में सामाजिक गुणों का बहुत बड़ा महत्व है ।विद्यार्थी विद्यालय में आता है तो वह विभिन्न पर गुणों को ग्रहण करता है ।वह अपने साथियों के साथ व्यवहार करता है इस तरह सीखने में इनकी बहुत बड़ी भूमिका होती है शिक्षक विद्यार्थी में इन गुणों को विश का विकास करने में सबसे

    Purneema Sahu
    G.H.S.S Rahud gunderdehi Balod

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  110. मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और मनुष्य समाज से ही सभी चीज सीखता है बिना समाज के कोई सुख की अनुभूति नहीं हो सकती समाज हमें व्यक्तियों के व्यवहार एवं आश्रम का पालन सिखाता है अपने सहपाठियों के साथ रहना ही एक सामाजिक दायित्व है और बिना समाज के हम एवं सामाजिक जीवन के अपने आप को असमर्थता महसूस करते हैं आज हमें जो कि जो जो चीज मिला है वह समाज से ही मिला है माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थियों को नैतिक शिक्षा की सख्त जरूरत है और यह सब समाजिक जीवन में ही प्राप्त होता है। वर्तमान परिस्थितियों में कठिनाइयों का सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए तभी हमारी देश की धरोहर मजबूत होगी।

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  111. मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और हमारे व्यक्तिगत जीवन में सामाजिक गुणों का बहुत बड़ा महत्व है। विद्यार्थी विद्यालय में आता है तो वह विभिन्न गुणों को ग्रहण करता है। वह अपने साथियों के साथ व्यवहार करता है इस तरह उनके सामाजिक गुण सीखने में इनकी बहुत बड़ी भूमिका होती है। शिक्षक विद्यार्थी में इन गुणों का विकास करने में सबसे अग्रणी होता है ।

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  112. व्यक्ति गत सामाजिक गुण हमें एक दूसरे को समझने में सहायता करते है माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों मे इन गुणों का विकास अत्यंत आवश्यक है

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  113. हमारे जीवन में व्यक्तिगत सामाजिक गुण है की महत्वपूर्ण भूमिका है यह हमें जीवन जीने की कला सिखाते हैं और हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैंl
    व्यक्तिगत सामाजिक लिसन देखने में सहायक होता हैl
    शिक्षक माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थियों को आगे बढ़ने हेतु प्रेरित करने के लिए एवं उन्हें सामाजिक गुण विकसित करने के लिए प्रेरित करते हैं जो उन्हें आगे चलकर अपने जीवन में जीने हेतु उचित माहौल प्रदान करते हैं l

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  114. सामाजिक-व्यक्तिगत गुणों का होना सभी के जीवन मे जरूरी है।मा.स्तर के बच्चे जीवन मे आ रहे बदलावों से गुजर रहे होते है,ऐसे समय मे उनकी कठिनाइयों को दूर करने मे शिक्षक प्रभावी भूमिका निभाता है।

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  115. ब्यक्तिगत सामाजिक गुण आवश्यक है इसके द्वारा हम एक दूसरे की भावना को समझते हैं साथ ही अच्छे संस्कार सीखते हैं ।माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थियों को इन गुणों के विकास में शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

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  116. हमारे दैनिक जीवन मे व्यक्तिगत सामाजिक गुणों की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह गुण हमे एक दूसरे को समझने मे सहायक है। विद्यार्थियों में व्यक्तिगत सामाजिक गुणों के विकास में शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।शिक्षक बच्चों के मार्गदर्शक के रूप में कार्य कर जीवन जीने की कला सिखाते हैं।

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  117. Dainik Jeevan me vyaktigat samajik guno ki mahatvapurn bhumika h.ye hame Jeevan jine ki kala sikhane me sahayak h.in guno k hone se shikshak bachcho k liye prabhavi bhumika nibha sakta h.

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  118. vyaktigat samajik guno ke karan hi hum ek dusre ki bhawnaon ko samajh paate hai..yah sikhne sikhane ki prakriya me mahttvpurn bhumika nibhati hai.

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  119. व्यक्तिगत और सामाजिक गुणों को पहचानने और प्रदर्शित करने से विद्यार्थी विद्यालय में अन्य विद्यार्थियों और लोगों के साथ अधिक सहायक और उत्साहजनक तरीके से बातचीत करते हैं और व्यवहार संबंधी दिशानिर्देश निर्धारित करते हैं इसलिए शिक्षक अपनी दक्षता और कौशल के माध्यम से विद्यार्थियों को एक समान योगदान देते हैं हमारी प्रतिदिन की दिनचर्या व्यक्तिगत और सामाजिक गुणों के विकास में और अधिगम को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं

    शशीकांत चन्द्रा (व्याख्याता)
    शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल अखरार

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  120. एक सामाजिक प्राणी होने के नाते व्यक्ति के जीवन में व्यक्तिगत और सामाजिक गुणों की बहुत ही अहम् भूमिका होती है यह गुण व्यक्ति को संवेदनशीलता सहयोग सहनशीलता आदि की सीख देते हुए बहुत ही अच्छा नागरिक बनाते हैं माध्यमिक स्तर के छात्र कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं और यही सही वक्त होता है जब शिक्षक एक कुम्हार की तरह उन्हें सही रूप और आकार दे सकता है व्यक्तिगत और सामाजिक गुणों को वह स्वयं प्रस्तुत करते हुए उन्हें एक महत्वपूर्ण सामाजिक प्राणी और समाज का प्रहरी बना सकता है।
    कविता बिजोलिया व्याख्याता
    शासकीय म ल बा उच्चतर माध्यमिक कन्या विद्यालय जगदलपुर बस्तर छ ग

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  121. समाज में सफल व्यक्तित्व के रूप में जाने जाएँ इसके लिए व्यक्ति के व्यक्तिगत और सामाजिक गुणों का विकास बहुत मायने रखता है |ये गुण परिवार समाज और राष्ट्र की उन्नति में चार चाँद लगा देते हैं |उत्तम नागरिकों के विकास में सहायक बनते हैं |माध्यमिक स्तर की शिक्षा का स्तर उम्र का ऐसा पड़ाव होता है जहाँ व्यक्तिगत और सामाजिक गुणों की नींव रख बच्चों के जीवन को सही मार्गदर्शन देना एक शिक्षक की राष्ट्र के प्रति सर्वोपरि जिम्मेदारी होती है |पढ़ाते समय ही शिक्षक कक्षा का वातावरण ऐसा बनाकर रखें जिससे एक दूसरे के प्रति सम्मान पनपे दूसरों के दृष्टिकोण को समझने की क्षमता बढ़े, बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाये, एक दूसरे के प्रति देखभाल भलाई और दयालुपन का भाव विकसित हो तो ऐसे वातावरण में अपनत्व का माहौल मिलने से सीखने की क्षमता बढ़ती है शिक्षित उत्तम नागरिकों का विकास होगा जिससे समाज को नैतिक मूल्यों का पालन करने वाले कर्तव्यनिष्ठ मजबूत कंधे मिलेंगे जिनपर राष्ट्र भी गर्व कर सकेगा |

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  122. हमारे जीवन में व्यक्तिगत व सामाजिक गुणों का अत्यंत ही महत्वपूर्ण स्थान है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है ,यह हम सभी जानते हैं। समाज में रहने के लिए समाज के नियमों व परिपाटियों का ज्ञान होना आवश्यक है। विद्यालय में आने वाले बच्चे अपने शिक्षक को देखते हैं उनके व्यवहार को परखते हैं वअनुसरण करते हैं, अतः इस संदर्भ में शिक्षक की भूमिका अत्यंत ही महत्वपूर्ण होती है।

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  123. हमारे दैनिक जीवन मे व्यक्तिगत - सामाजिक गुणों की महत्वपूर्ण भूमिका है। व्यक्तिगत - सामाजिक गुण हमे हमारे नैतिक मुल्यों से जोड़ कर रखती है, जो हमे हमारे सामाजिक जिंदगी को सहज बनाने में सहायक है। प्रत्येक व्यक्ति अपने लक्ष्यों को हासिल करने के कड़ी में अपने सहपाठी, शिक्षक, माता-पिता तथा अन्य रिस्तेदारों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सहयोग लेता रहता है। सामान्य रूप से समझे तो, व्यक्ति अपने व्यक्तित्व के विकास के लिए अथक प्रयास करता है, जो उनके लक्ष्य तक पहुचने में उनकी सबलता बनाये रखता है। यह ना केवल सफलता की सीढ़ी है बल्कि यह जीवन को खुशनुमा बनाये रखने में अतिआवश्यक गुण साबित होता है। व्यक्तिगत सामाजिक गुण, हमारे व्यवहार, समझ-बुझ तथा कर्मठता को बढ़ाता है, जो एक सफल समाज को दिशा प्रदान करता है। यह एक अनुशासन है, जिससे प्रत्येक व्यक्ति अपने समीप के सभी व्यक्ति के साथ अच्छे संबंध की स्थापना करने में मददगार है शिक्षक इन गुणों को शिक्षार्थियों के आदत में ढाल सकने तक की शक्ति रखता है। विद्यार्थी अपने किशोरावस्था में ही सबसे ज्यादा सीखने की अवस्था मे होते हैं, उनका शारीरिक विकास होने के साथ ही मानसिक सबूझ विकसित करने के उम्र में होते हैं। विद्यार्थी स्कूल में शिक्षकों से बहुत कुछ सीखता है, चाहे वह अध्ययन हो या पर्सनालिटी डेवलोपमेन्ट। विद्यार्थी अपने शिक्षकों के व्यव्हार से ज्यादा प्रभावित होते हैं। वे विद्यालय में सचेत व अचेत दोनो ही मन से एक साथ सीखते रहते हैं, और शिक्षक द्वारा बताए गए रोचक बातें उन्हें सबसे पहले उत्सुक बनाती है । ऐसेमेसिर्फ शिक्षक ही हैं जो अपने शिक्षार्थियों मे व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों को आत्मसात करवा सकता है। धन्यवाद।

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  124. Vyaktigat avam samajik visheshata students ki personality ko samajhane me sahayak hoti hai. Shikshan ke samay students "response" aur unke "way of thinking" ko samajhane me bhi helpful hai. Ek shikshak ke liye teaching strategies banane ke liye aur students ke respond ko samajhane me sahayak hai. Overall a teacher plays an important role in personality development.

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  125. हमारे दैनिक जीवन में सा, एवम् व्य, गुण ही हमारे व्यक्तित्व को बनाता है। यह शिक्षण अधिगम में बहुत जरूरी है मा. स्तर के शिक्षार्थी में इन गुणों का विकास में शिक्षक की भूमका बहुत ही महत्पूर्ण है क्योंकी गुरु ही इन गुणों को तराशने में बहुत मदद गार है

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  126. समाज से अलग होकर किसी भी व्यक्ति के लिए जीना संभव ही नहीं है समाज में रहकर एक दूसरे के साथ हम कैसे तालमेल बैठाकर परस्पर सहयोग के द्वारा जीवन जीते हैं वही गुण सामाजिक गुण कहलाते हैं एक दूसरे का सहयोग करना परस्पर मिलकर रहना यह सब चीजें सीखने के लिए सबसे अच्छा माध्यम विद्यालय है क्योंकि वहां पर बच्चे अपने सहपाठियों के साथ एक एक चीज को हर दिन महसूस करते हैं और इसमें बहुत प्रभावी भूमिका शिक्षक की है सही गलत का भेद बताने वाला काम शिक्षक ही करता है जब बच्चे छोटे होते हैं तो वह जो देखते हैं

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  127. छात्रों में अच्छे व्यक्तिगत एवम् सामाजिक गुणों का विकास होना चाहिए । इसमें शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। ।

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  128. एक शिक्षक के लिए खास कर उसके सामाजिक गुण दैनिक जीवन मे एवं कार्य क्षेत्र मे बहुत प्रभावशील होते हैं ।
    शिक्षक का प्रभाव किशोरवय बच्चो प्रभावकारी होता है जो बच्चो से हस्तांतरित होकर उनमें सामाजिक मूल्यों के विकास में सहयोगी होते हैं ।

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  129. हर विद्याथ्ाी के लिए सामाजिक परिवेश मे शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण होती हैं

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  130. This helps children in developing a social bond with teacher and the fellow classmates which thereby helps in happy and cheerful learning. The children feel safe and secure around their teacher if the teacher tries to establish a emotional bond with them.

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  131. Yah gun hamare jivan ka ek important part hai.Nishchit rup se teacher isme important role mein hota hai .Teacher students ke ideal hotel hain

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  132. व्यक्तिगत,सामाजिक गुणों का जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है।विद्यालय जीवन में शाला में होने वाले विविध आयोजन इन गुणों के प्रस्फुटन,विकास और प्रदर्शन के लिए बच्चे को उचित मंच प्रदान करते हैं।जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रम,खेल, प्रार्थना स्थल के आयोजन, स्कूल/क्लास लीडरशिप,पाठों में सम्मिलित नीतिगत कहानियां/कविताएं आदि इन गुणों के विकास में सहायक होती हैं।शिक्षक का व्यक्तित्व,व्यवहार इन अवसरों पर गुणों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
    डा. कुसुम दीवान
    प्राचार्य
    शास. उ. मा. शाला बधिया टोला, डोंगरगढ़
    राजनांदगांव

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  133. शिक्षक आपने व्यक्ति गत और सामाजिक गुणों के माध्यम से तदनुभूति द्वारा अपने विद्याथियों के व्यक्तिगत और सामाजिक गुणों को पहचान कर कक्षा तथा शाला में स्वस्थकर एवं आनंदमय वातावरण का निर्माण कर सकते हैं और इन परिस्थितियों में शिक्षण और अधिगम दोनों ही कार्य सरल तथा गुणवत्ता पूर्ण होंगे.

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  134. हमारे दैनिक जीवन मे व्यक्तिगत- सामाजिक गुणों की महत्वपूर्ण भूमिका है,ये गुण हमे एक दूसरे को समझने ,समझाने व सीखने में सहायता करता है।माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थियों को इन गुणों के विकास में शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

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  135. Hamare Dainik jivan me personal & social qualities ka important sthan hai.Iska teacher ke madhyam se students ki life par bahut jayada effect hota hai. s.k.chincholkar G.D.K.P.H.S.S.KOTA

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  136. Our social qualiti s plays very important role in our life as it helps us to understand others and copperate with others and to an extent helps us live a peaceful life. Students also need to develop good social behaviour as it would help them shape up their personality and help them make decisions regarding their careers. A teacher plays important role in motivating a student and bring positive behavioural response in students so that he or she cn become a responsible person.

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  137. Our personal- social qualities are responsible for our overall personality, and therefore plays a very important role in our life. How we respond to a given situation, our decision, our way of thinking everything is the outcome of this. Personal- social qualities helps in learning also, as these affect the level of perception. A teacher can play an important role in the development of personal and social qualities of students. Beside family students spend most of the time with teacher and friends, teacher is able to observe and understand the qualities and so can inspire them to grow in a positive way. Their good and sound qualities help them to learn fast.

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  138. एक व्यक्ति के व्यक्तिगत व्यवहार ही मनुष्य को उचा बनाते है हमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत सामाजिक गुणों की महत्वपूर्ण भूमिका है।ये गुण हमें एक दूसरे को जानने और सिखने मे मदद करते है।माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थीयो मे व्यक्तिगत सामाजिक गुणों के विकास और अभ्यास मे शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है, वे उन्हें सामाजिक मूल्यों का ज्ञान कराते हैं औंर भविष्य में आने वाली कठिनाईयो का मुकाबला करते हुए जीवन जीने की कला सीखाते हैं

    सी.आर.ध्रुव

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  139. हमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत सामाजिक गोल्ड अत्यंत महत्वपूर्ण है साथ ही माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थियों में व्यक्तिगत और सामाजिक गुणों के विकास में शिक्षक एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं वे उनकी भविष्य की आने वाली परिस्थितियों से अवगत कराने और दिशा निर्देशित करने का कार्य करते हैं

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  140. Ashvini Zadey
    Asst teacher
    GHSS sundara rajnandgaon
    Chhatro me vyaktigat aur samajik gun unkee sarwangin vikas me aadharshila ka karya karate hai.....

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  141. व्यक्तिगत सामाजिक गुण से राष्ट्र सुदृढ़ होता है व्यक्तिगत जीवन मे सामाजिक गुणो का बहुत महत्व है शिक्षक माध्यमिक स्तर मे विद्यार्थियों के सामाजिकरण मे सहयोग करते है
    श्रीमती अनुरिमा शर्मा
    व्याख्याता एलबी
    शा उ मा वि सेजबहार धरसीवा रायपुर

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  142. व्यक्ति गत सामाजिक गुण व्यवहारिक कौशल का विकास करता है

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  143. हमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों की बहुत आवश्यकता है , क्योंकि विद्यार्थी इनके माध्यम से बेहतर रूप से समझ सकते है , जिसके साथ साथ वह अन्य विषयों के बारे में भी बेहतर रूप से सीख सकते है । हा माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थियों में व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों के विकास और अभ्यास में शिक्षक भूमिका निभाते हैं

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  144. शिक्षक के आचरण से छात्र में व्यतिगत एवम सामाजिक गुण विकसित होते हैं।

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  145. व्यक्ति गत समाज की गुणों से सामाजिक गुणों का विकास होता है

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  146. माध्यमिकस्तर पर हर छात्र के लिए शिक्षक व्यक्तिगत व सामाजिक गुणों के सृजन में महत्वपूरण कडी़ है। इसलए आछात्र शिक्षक केआचरण ,व्यवहार गुणोंकाअक्षरशः पालन करते हैं।जिससें छात्र व्यक्तिगत ,एवं।सामाजिक गुणों का विकास करते हूए सामाजीकरण करने
    अपना महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।

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  147. व्यक्तिगत और सामाजिक गुणों की शिक्षा के क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है। विशेष रूप से माध्यमिक शिक्षा स्तर पर यह अत्यंत ही आवश्यक है क्योंकि जहां प्राथमिक स्तर पर बच्चे आंख मूंदकर अपने शिक्षकों पर विश्वास करते हैं और उनके कथन को ब्रह्म वाक्य समझकर पालन करते हैं,उनमें कोई त्रुटि या कमी नहीं निकालते वहीं दूसरी ओर माध्यमिक स्तर पर शिक्षार्थी किशोर वय में होते हैं और पल-पल शिक्षकों का मूल्यांकन करते हैं। यदि शिक्षक में नैतिक मूल्यों की कमी है तो वह अगर छात्रों को नैतिक मूल्यों की शिक्षा देने में सक्षम नहीं हो सकता। किशोरावस्था में छात्रों में अनिर्णय की स्थिति और असमंजस बना रहता है।ऐसी स्थिति में शिक्षक अपने व्यक्तिगत और सामाजिक गुणों से छात्र के लिए विश्वसनीय सलाहकार और मार्गदर्शक बन सकता है
    Brajesh Kumar Sharma lecturer Govt High school
    Khektara Dadan
    Block Lalpur Lormi
    Dist Mungeli

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  148. व्यक्तिगत और सामाजिक गुण छात्रों को आत्मविश्वासी बनने में सहायता करती है,जीवन के हर एक पहलू में उचित निर्णय लेने में सक्षम होते है।शिक्षक प्रभावी सूत्रधार के रूप में न केवल ज्ञान प्रदान करते है बल्कि उनके संज्ञानात्मक कौशल को विकसित करके उनके समग्र विकास को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।

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  149. Teacher can guide students to develop their social virtues in right direction.

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  150. स्वयं शिक्षक व्यक्तिगत सामाजिक गुणों के कारण ही एक सफल शिक्षक छात्रों में नैतिक समाजिक राजनीतिक गुणों का विकास करता है माध्यमिक स्तर के छात्रों को उमर यह महत्वपूर्ण पड़ाव जो उनके व्यक्तित्व और राष्ट्र निर्माण में सहायक है।
    अशोक कुमार बंजारे
    शासकीय हाई स्कूल अमाली
    विकासखंड कोटा जिला बिलासपुर छत्तीसगढ़

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  151. व्यक्तिगत सामाजिक गुणों के विकास में अध्यापकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। अध्यापक छात्रों के व्यवहार , भावनाओं व किशोरावस्था में होने वाले शारीरिक व मानसिक परिवर्तन को ध्यान में रख बच्चों का सही मार्गदर्शन करता है।

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  152. हमारे दैनिक जीवन मे व्यक्तिगत- सामाजिक गुणों की महत्वपूर्ण भूमिका है,ये गुण हमे एक दूसरे को समझने ,समझाने व सीखने में सहायता करता है।
    माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थियों में व्यक्तिगत- सामाजिक गुणों के विकास और अभ्यास में क्षिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है,वे उनको समझते है फिर उनको सामाजिक मूल्यों का ज्ञान कराते है।परिस्थितियों के बारे में बताते है हुवे भविष्य में आने वाली कठिनाई से भी अवगत कराते है। वर्तमान स्थिति, समय व परिवेश को ध्यान में रखकर जीवन जीने की कला भी सिखाते है।

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