COVID-19 (कोरोना वायरस) के दौरान, आप अपने विद्यार्थियों के साथ किस प्रकार संपर्क
में रहे? आपने अपने शिक्षण में क्या मुख्य बदलाव किए?
अपने अनुभव साझा करें।
मैं कभी सिस्को वेबेक्स से ऑनलाइन कक्षा ली ,कभी वीडियो बनाकर व्हाट्सएप में भेजी।बहुत सारी मनोरंजक गतिविधियाँ भी कराई।दूसरे जिले से भी बच्चे मेरी क्लास में जुड़ते थे।पर मेरी मेहनत का पूरा फल नहीं मिल पाता था।जो बच्चे ध्यान देते उन्हें समझ आता था, कुछ बच्चे बिल्कुल रुचि नहीं लेते थे,कई बहाने बनाते थे।फिर इस परेशानी को दूर करने के लिए बरामदा क्लास लेना शुरू की।10वी,11वी और 12वी के बच्चों को गणित पढ़ाने के लिए ऑफलाइन क्लास ही उचित लगा मुझे
इस कोरोना महामारी के दौरान विद्यार्थियों से ऑनलाइन पढ़ाई के माध्यम से संपर्क में रहे । इस दौरान बच्चों को शिक्षण संबंधी एवं कोरोना वायरस से बचने के उपाय इत्यादि विषयों पर अवगत कराया गया एवं घर पर रहकर अध्ययन के लिए प्रेरित किया गया ।इसके अलावा मोबाइल एवं अन्य टेक्नोलॉजी का उपयोग करने के लिए कहा गया ।
अमरचंद बर्मन व्याख्याता शासकीय उत्तर माध्यमिक विद्यालय चकरभाठा मुंगेली
शुरू शुरू में जब लॉकडाउन से प्रारंभ हुआ था तब ऑनलाइन क्लासेस स्टार्ट करना था लेकिन कभी-कभी परेशानी यह होती थी कि या नेटवर्क प्रॉब्लम या बहुत सारे बच्चों के पास मोबाइल की कमी किसी भी प्रकार से कुछ कुछ ऑनलाइन कक्षाएं ही चल पाई थी 10वीं एवं 12वीं के बच्चों को वीडियो कॉल व्हाट्सएप एवं अन्य लिंक के माध्यम से क्लासेस जारी रखा गया जिस में भी बहुत ही कम बच्चे रुचि लेते थे अब परेशानी यह होता था कि बच्चों से संपर्क कैसे किया जाए क्योंकि कई बच्चे के पास मोबाइल भी नहीं था जैसे तैसे मोहल्ला क्लास लगाकर कुछ लाख डाउन में शिथिलता हुई तो घर में पढ़ा कर उनका कोर्स कंप्लीट कराया गया लेकिन फिर भी उनको उतनी संतुष्टि नहीं मिलती थी जितना बच्चे स्कूल में बैठकर पढ़ते थे
Telephone or virtual class k dwara bachho se sampark me rahe...online pdhane ka tarika sikha...training liya Sarva siksha abhiyan se...uska upyog online class me kiya...padhai tohar dwar par content upload karne ka bhi mauka mila
मैंने 9th to 12th Mathematics की on-line classes पढ़ई तुंहर दुआर के माध्यम से Cisco वेबेक्स का use करते हुए लिया। जिसमे content और स्क्रीन share करते हुए mathematical app Geogebra का use भी बच्चों को सिखाया ।
कोरोना काल मे ऑनलाइन क्लास लेना हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती थी क्योंकि हमारे यहां के अधिकांश बच्चो के पास मोबाइल नही था । तो जो बच्चे ऑनलाइन क्लास में जुड़ते थे उन्हें सहयोग लेकर बाकी के बच्चे अपनी पढ़ाई करते थे ।
पवन कुमार देवांगन शा.हाई स्कूल बिलारी जांजगीर-चाम्पा
कोरोना महामारी के दौरान बस्तर क्षेत्र में बच्चों से संपर्क में रहना बहुत कठिन था।मैंने व विद्यालय परिवार ने ऑफ लाइन कक्षा के रूप में मोहल्ला क्लास लिया तथा गाँवों में प्रिंट रीच का निर्माण किया, जिससे किताबों व अन्य जरूरी गतिविधियों को गाँवो के दीवारों पर बनाया गया जिससे बच्चे देख देख के उनका मनन एवं ध्यान कर सके। क्योंकि जिस क्षेत्र में हमारा विद्यालय है ,वहाँ ऑनलाइन सुविधाओं के बारे में सोचना मुश्किल कार्य है।
श्रीमती हेमलता बोगिया शास. हाई स्कूल, माकड़ी वि.खं./जिला-कोंडागांव
बच्चों के साथ ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से जुड़े रहे, ऑनलाइन क्लास लेना हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती थी, नेटवर्क प्रॉब्लम या बहुत सारे बच्चों के पास मोबाइल की कमी थी । जिन बच्चो के पास मोबाइल था उन्हें उस ग्राम के जिन बच्चो के पास कोई साधन नहीं था ऑनलाइन से जुड़ने का, एक साथ क्लास अटेंड करने को कहा गया। बच्चो के मदद से यह प्रयास सफल हुआ ।
कोरोना महामारी के समय बच्चो के साथ ऑनलाइन क्लास के माध्यम से अध्यापन किये परंतु बच्चो में जिस उत्सुकता के उम्मीद था वैसा नही मिला, कुछ बच्चों के पास मोबाइल नही था तो कुछ छात्रों को सिग्नल का समस्या था फिरभी हमलोगों ने बच्चों को अध्यापन कराया अपने पास मोबाइल न होने पर भी अन्य छात्रों के साथ मिलकर अध्ययन किये
कोविड19 के समय मैं विद्यार्थियों के साथ ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से जुड़ी रही।नेटवर्क और मोबाइल के समस्या के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ा।बहुत से विद्यार्थियों को ऑनलाइन क्लास का लाभ नही मिल पाया।
During the time of covid 19 lockdown I had use digital platforms for all educational activities Communicate students through WhatsApp, Google classroom. Teaching done with the help of online class by Google meet I had learnt how to use recorded lecture, pdf, animations, digital whiteboard during online class. It's a new experience of teaching
कोरोना महामारी के दौरान मैंने सत्र 2020–21 में कक्षा 9वीं और 10वीं के बच्चों को cgschool.in के माध्यम से ऑनलाइन क्लास लेकर पढ़ाने का प्रयास किया साथ ही बच्चों का whatsApp ग्रुप बनाकर उनको reading material उपलब्ध कराकर उन्हें निरंतर पढ़ाई के साथ जोड़कर रखने का प्रयास किया. विषय से संबंधित बहुत सारे topic पर YouTube video बनाकर बच्चों को whatsApp ग्रुप में भेजकर उन्हें पढ़ाने का प्रयास किया. सभी बच्चों का मोहल्ला वार छोटे छोटे ग्रुप बनाकर प्रतिदिन उन्हें शाम को किसी एक बच्चे के घर पर पढ़ने एवं दिए गए कार्य का अभ्यास एक दूसरे के सहयोग से करने को कहा गया और पढ़ाई के दौरान उनसे वीडियो कॉल के द्वारा उनसे उनकी उपस्थिति का पता किया एवं समस्या का समाधान करने का प्रयास किया गया. एक दो दिनों के अंतराल में अचानक किसी ग्रुप के पास पंहुचकर उनसे रुबरु होकर उनकी पढ़ाई से संबंधित कठिनाइयों का निराकरण करने का प्रयास किया गया. वर्तमान सत्र 2021–22 में भी 29 April 2021 से कक्षा 10वीं की ऑनलाइन क्लास मैंने शुरू की है जो कि निरंतर जारी है. वर्तमान में कक्षा 9वीं व 10वीं की ऑनलाइन क्लास जारी है.
कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान बच्चों से लगातार संपर्क मोबाइल के द्वारा बनाए रखें और समय-समय पर उन्हें उनके वर्तमान कक्षा और विषय की जानकारी प्रदान करते रहे, साथ ही उनको विषय से संबंधित संक्षिप्त जानकारी असाइनमेंट शॉर्ट नोट्स और विभिन्न शैक्षिक गतिविधियों के द्वारा पढ़ाई वर्चुअल तरीके से संपन्न कराई गई तथा जिन बच्चों को विषय समझने में कठिनाई महसूस होती थी, उनको विशेष नोट्स और टीचिंग लर्निंग मटेरियल बनाकर ऑनलाइन तरीके से समझाया गया।
कोविड-19के लाकडाउन के दौरान मोबाइल से बच्चों से नियमित सम्पर्क में रहा। आनलाईन क्लास शुरू किया, पर2-3 बच्चों के पास स्मार्टफोन थे। नेटवर्क की समस्या के कारण बच्चे कुछ ही दिन जुड़े। न बच्चों को न ही मुझे कुछ समझ आता था। धीरे-धीरे बच्चों नेआनलाईन क्लास में रूचि नहीं दिखाई। बाद में हमने मोहल्ला क्लास शुरू किया । जिसमें लगभग सभी विद्यार्थियों ने भाग लिया और नियमित अध्ययन -अध्यापन परीक्षा होने तक जारी रहा। परीक्षा के एक दिन पहले बच्चों को जनरल प्रमोशन दें दिया गया
कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान बच्चों से लगातार संपर्क मोबाइल के द्वारा बनाए रखें और समय-समय पर उन्हें उनके वर्तमान कक्षा और विषय की जानकारी प्रदान करते रहे, साथ ही उनको विषय से संबंधित संक्षिप्त जानकारी असाइनमेंट शॉर्ट नोट्स और विभिन्न शैक्षिक गतिविधियों के द्वारा पढ़ाई वर्चुअल तरीके से संपन्न कराई गई तथा जिन बच्चों को विषय समझने में कठिनाई महसूस होती थी, उनको विशेष नोट्स और टीचिंग लर्निंग मटेरियल बनाकर ऑनलाइन तरीके से समझाया गया।
कोविड संक्रमण के दौरान अपने विद्यार्थियों के साथ ऑनलाइन ग्रुप बना कर संपर्क स्थापित किया गया एवं कोविड से सम्बंधित जानकारियां/बचाव के वास्तविक तरीके एवं मिथ्या अवधारणाओं से विस्तार में चर्चा किया जाता रहा है
कोविड के दौरान शिक्षण शैली में मुख्य बदलाव ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से अध्ययन-अध्यापन के साथ सांस्कृतिक एवं साहित्यिक गतिविधियों को भी संचालित किया गया और विषय सम्बन्धी परीक्षा/अवलोकन/मूल्यांकन भी किया गया जिससे विद्यार्थियों एवं शिक्षको को इंटरनेट से जुड़कर सिखने का मौका मिला जो बेहद कारगर सिद्ध हुआ। By K.K.Gopal(lect.) G.H.S.S.Silli
मै पांच माह तक गणित का आनलाईन क्लास लिया मेरे स्कूल के साथ साथ अन्य स्कूल के विद्यार्थी भी इन क्लासेज मे जुड़े लेकिन गणित जैसे विषय को अध्यापन आनलाईन कराने मे बहुत समस्या आई विद्यार्थी हालांकि पुरी तरह से समझ नहीं पाते थे लेकिन पुछने पर हां सर समझ मे आ गया आगे बढ़ते हैं जैसा जवाब देते थे पर पता तब चलता था जब कोई प्रश्न करने पर उसका सही ढंग से उत्तर नहीं दे पाते थे बाद मे मैने कोविड19के नियमों को पालन करते हुए आफलाइन क्लास भी लिया क्योंकि गांवो मे नेटवर्क कि समस्या उपर से बच्चों के पास एन्ड्राइड मोबाईल कि अनुपलब्धता और है भी तो डाटा पेकेज डलवाने मे असमर्थ
मैंने विद्यार्थियों के मोबाइल नम्बर प्राप्त कर पालकोसे सम्पर्क कर ऑनलाइन कक्षा की आवश्यकता समझाया उन्हें अपने पाल्य को ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से अपनी पढ़ाई जारी रखने हेतु प्रेरित किया नियमित रूप से ऑनलाइन क्लास ली पाठ्यक्रम से सम्बंधित ऑडियो और वीडियो बना विद्यार्थियों को अवधारणा स्प्ष्ट करने का प्रयास किया
Covid 19 के दौरान विद्यार्थियों को ऑनलाइन क्लास लिया गया। जिसमे कुछ बच्चों को नेट्वर्क की समस्या और कुछ बच्चों को मोबाइल की समस्या का ,और कुछ बच्चों को डाटा का,सामना करना पड़ा। मैने कक्षावार watsab ग्रुप के माध्यम बच्चो सीखने-सिखाने का प्रयास किया। सिखाने का प्रयास किया
बच्चों के साथ ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से जुड़े रहे, ऑनलाइन क्लास लेना हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती थी, नेटवर्क प्रॉब्लम या बहुत सारे बच्चों के पास मोबाइल की कमी थी । जिन बच्चो के पास मोबाइल था उन्हें उस ग्राम के जिन बच्चो के पास कोई साधन नहीं था ऑनलाइन से जुड़ने का, एक साथ क्लास अटेंड करने को कहा गया। बच्चो के मदद से यह प्रयास सफल हुआ । श्रीमति रीना जैन व्याख्याता शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नवागॉव पेड्रा
बच्चों के साथ ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से जुड़े रहे, ऑनलाइन क्लास लेना हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती थी, नेटवर्क प्रॉब्लम या बहुत सारे बच्चों के पास मोबाइल की कमी थी । जिन बच्चो के पास मोबाइल था उन्हें उस ग्राम के जिन बच्चो के पास कोई साधन नहीं था ऑनलाइन से जुड़ने का, एक साथ क्लास अटेंड करने को कहा गया। बच्चो के मदद से यह प्रयास सफल हुआ । सुश्री रजनी साहू व्याख्याता शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नवागॉव पेड्रा
Covid-19 के दौरान हम हमारे स्कूल के बच्चों के साथ आॕनलाईन जुड़ने का प्रयास किये पर लगभग 40% ही सफल हो पाये क्योंकि ज्यादातर बच्चों के पास मोबाईल नहीं है घर में एक मोबाईल है, तो पापा ,मम्मी या भाई पकड़ कर बाहर चले जाते है, किसी के पास पुरानी मोबाईल है जिसमें स्टोरेज, वर्जन मे समस्या है, और कई और ऐसी ही छोटी छोटी समस्या की वजह से ऑनलाइन क्लास सफल नही हो पा रहा, परंतु जो बच्चे ऑनलाइन क्लास में जुड़े उनका response अच्छा आया |
कोरोना काल के दौरान के दौरान मेरे द्वारा ऑनलाइन क्लास लिया गया, परंतु यह देखा गया कि कुछ बच्चों के पास मोबाइल नहीं था तो मैंने मोहल्ला क्लास जनरेट करके ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों क्लास लिया, इससे जिनके पास मोबाइल था वह ऑनलाइन में जुड़े और जिनके पास मोबाइल नहीं था वह मोहल्ला क्लास के द्वारा क्लास में जुड़े।
कोरोना वायरस के दौरान बच्चों को ऑनलाइन क्लास के माध्यम से शिक्षा से जोड़ने का प्रयास किया परंतु ग्रामीण क्षेत्र में नेटवर्क प्रॉब्लम और गरीब बच्चों के पास स्मार्ट फ़ोन उपलब्ध नही होने कारण ऑनलाइन क्लास में परेशानी हुई।
I have taken online classes.but atudents are not taking interest on it.Most of the students are not attend the class and sometime network isaue was there..interaction with students can only be possible through offline classe
Covid-19 काल में हमारे सामने बहुत सारी परेशानियां आईं। ऑनलाइन क्लास के द्वारा उनकी पढाई जारी रखने की कोशिश की परंतु नेटवर्क इशू के कारण बहुत कम बच्चे जुड पाते हैं। ज्यादातर बच्चों के पास मोबाइल नहीं होने के कारण उनसे संपर्क करना बहुत मुश्किल हो रहा था फिर भी हमने कोशिश करते-करते उनके माता पिता से मोबाईल खरीदवा कर उनके साथ वाट्सएप के माध्यम से जुड कर उनकी पढाई जारी रखी। और जिनके पास मोबाइल नहीं था उनसे व्यक्तिगत संपर्क करके उनको मोहल्ला क्लास के द्वारा पढाया।
COVID-19 के दौरान विद्यार्थियों से whatsapp के द्वारा संपर्क में थे। प्रत्येक कक्षा का एक अलग समूह बनाया गया । शैक्षणिक, परीक्षा, विद्यालय संबंधी जानकारियां आदि whatsapp में बने समूहों के माध्यम से दिया जाता था। पहले शिक्षण कक्षा-कक्ष वातावरण पर आधारित था लेकिन COVID-19 के दौरान मोबाइल ही शिक्षण का सबसे बड़ा सहारा बना। मेरे द्वारा whatsapp समूहों में voice message के माध्यम से, Webex app द्वारा ऑनलाइन कक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों तक शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित की गई। Youtube video के लिंक भेजना, 3D gif image, PPT आदि के माध्यम से भौतिकी जैसे अमूर्त विषय को मूर्त रूप देने का प्रयास किया गया। यह भी मेरे शैक्षिक जीवन का अद्भुत समय रहा जिसमें विद्यार्थियों को अपरंपरागत माध्यमों से शिक्षित करने के प्रयास में मुझे भी बहुत कुछ सीखने को मिला।
कोरोना कॉल में शिक्षा पर जहां प्रश्न सिंह लग गया था वही आशा की किरण बनकर ऑनलाइन शिक्षा ने पठन-पाठन को गति प्रदान की। छत्तीसगढ़ राज्य शासन की ओर से पढ़ाई तुंहर द्वार पोर्टल बनाए जाने से ऑनलाइन पढ़ाई को एक नई दिशा मिली, सही समय पर शासन द्वारा लिए गए इस निर्णय से लाखों बच्चे जो कि स्कूल बंद होने से शिक्षा से वंचित हो जाते, वह अपने अपने घरों में सुरक्षित रह कर भी शिक्षा प्राप्त कर सकें इस तरह की व्यवस्था सुनिश्चित की गई। शिक्षकों को इस दिशा में कार्य करने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इसी कार्य में मैंने भी अपना योगदान दिया। आसान नहीं था छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा के लिए तैयार करना....। सभी छात्रों के पास मोबाइल का ना होना, हर जगह नेटवर्क का ना मिलना, तो एक समस्या थी ही साथ ही साथ छात्र इस नए तरीके को जल्द अपनाने के लिए तैयार भी नहीं थे। ऐसे में मैंने मेरी कक्षा के सभी छात्रों की सूची बनाकर सर्वप्रथम उन्हें जागरूक किया इसके लिए मैं उनके गांव उनके गली मोहल्ले में जाकर उनसे मिला उन्हें ऑनलाइन कक्षा के लिए प्रेरित किया तथा छत्तीसगढ़ शिक्षा पोर्टल में उनका नाम रजिस्टर करता गया जिनके पास मोबाइल की सुविधा नहीं थी उन्हें ग्रुप में रहकर पढ़ने के लिए उनके ग्रुप का निर्माण किया ताकि वह भी ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण कर सकें। मैंने उनकी ऑनलाइन कक्षाएं लेना प्रारंभ की तथा रोचक तरीके से पढ़ाना शुरू किया मैं उन्हें तुरंत ही पढ़ाए गए टॉपिक की पीडीएफ भी भेज दिया करता तथा मैंने अपने सभी टॉपिक के वीडियो भी बनाना शुरू किए जिससे कि वे छात्र जो अब भी पोर्टल से जुड़ नहीं पा रहे थे वह मेरे वीडियो देखकर पाठ समझ सके। इसी दिशा में मैंने वीडियोस बनाकर छत्तीसगढ़ शासन की साइट पढ़ई तुंहर द्वार मैं भी अपलोड किए जिससे बहुत से छात्र छात्राओं को उसका लाभ मिल सके। मैंने हर पाठ पूर्ण करने के बाद बच्चों को प्रश्न भेज कर उनकी परीक्षा भी ली जिससे पांच के प्रति उनकी समझ रोचकता तथा ऑनलाइन उपस्थिति जान सकूं। मैंने अपने जिले धमतरी से सर्वाधिक डिजिटल सामग्री छत्तीसगढ़ पोर्टल में डालने में भी अपनी भूमिका निभाई। मेरे द्वारा सीजी school.in पोर्टल में अपने विषय से संबंधित 87 डिजिटल सामग्री अपलोड किए जिसमें से 67 डिजिटल सामग्री अप्रूव होकर पोर्टल में अपलोड किए जा चुके हैं। जोकि कुरूद विकासखंड में ही नहीं बल्कि धमतरी जिले में भी सर्वाधिक है। मैं अवनीश तिवारी शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुरूद अपने द्वारा किए गए सभी प्रयासों से बहुत खुश हूं तथा मैंने इस कोरोना काल में भी अपने शिक्षक होने का सभी फर्ज निभाया है। साथ ही साथ मैं छत्तीसगढ़ शासन द्वारा बच्चों की शिक्षा लिए किए गए सभी संभव प्रयासो से बहुत प्रसन्न हूं
COVID-19 के दौरान विद्यार्थियों से whatsapp के द्वारा संपर्क में थे। प्रत्येक कक्षा का एक अलग समूह बनाया गया । शैक्षणिक, परीक्षा, विद्यालय संबंधी जानकारियां आदि whatsapp में बने समूहों के माध्यम से दिया जाता था। कोरोना महामारी के दौरान मैंने सत्र 2020–21 में कक्षा 9वीं और 10वीं के बच्चों को cgschool.in के माध्यम से ऑनलाइन क्लास लेकर पढ़ाने का प्रयास किया गया। इस दौरान बच्चों को शिक्षण संबंधी एवं कोरोना वायरस से बचने के उपाय इत्यादि विषयों पर अवगत कराया गया एवं घर पर रहकर अध्ययन के लिए प्रेरित किया गया । इसके अलावा मोबाइल एवं अन्य टेक्नोलॉजी का उपयोग शिक्षण हेतु करने के लिए प्रेरित किया गया ।
वैश्विक महामारी हम समस्त विद्यार्थियों से लगातार व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से संपर्क में बने हुए हैं इसके साथ ही हम नवाचार एवं आईसीटी के विभिन्न तकनीकों का उपयोग करते हुए लगातार ऑनलाइन क्लासेस और विद्यार्थियों के लिए नए रुचिकर टेस्ट लेते आ रहे है ।
कोरोना महामारी के समय बच्चो के साथ ऑनलाइन क्लास के माध्यम से अध्यापन किये नेटवर्क और मोबाइल के समस्या के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ाजिन बच्चों के पास मोबाइल नहीं है उनसे व्यक्तिगत संपर्क करके मोहल्ला क्लास भी संचालित किया
कोरोना काल मे ऑनलाइन क्लास लेना हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती थी क्योंकि हमारे यहां के अधिकांश बच्चो के पास मोबाइल नही था । तो जो बच्चे ऑनलाइन क्लास में जुड़ते थे उन्हें सहयोग लेकर बाकी के बच्चे अपनी पढ़ाई करते थे ।उनसे व्यक्तिगत संपर्क करके मोहल्ला क्लास भी संचालित किया
मैंने पिछले सत्र में 9वी, 10वी और 12वी की नियमित ऑनलाइन क्लास लिया। बच्चों की सहभागिता 10वी और 12वी का सन्तोषप्रद था लेकिन 9 वी वालो ने ऑनलाइन क्लास में रुचि नही दिखाई। नेटवर्क प्रॉब्लम से ऑनलाइन क्लास प्रभावित रहा।
कोरोना वायरस 19 के दौरान बच्चों को ऑनलाइन क्लास के माध्यम से शिक्षा से जोड़ने का प्रयास किया परंतु ग्रामीण क्षेत्र में नेटवर्क प्रॉब्लम और गरीब बच्चों के पास स्मार्ट फ़ोन उपलब्ध नही होने कारण ऑनलाइन क्लास में परेशानी हुआ
कोविड़ 19 के वजह से आनलाइन कक्षाओं से बच्चों को जोड़ने का समग्र प्रयास करती हूं शहरी क्षेत्रों के बच्चों की उपस्थिति अच्छी रहती है परन्तु ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे नेटवर्क एवं फोन की सुविधाएं नही होने के वजह से आनलाइन कक्षाओं में उपस्थित नहीं हो पाते हैं
COVID-19 होने के कारण विद्यार्थियों से whatsapp के द्वारा संपर्क में थे। प्रत्येक कक्षा का एक अलग समूह बनाया गया । शैक्षणिक, परीक्षा, विद्यालय संबंधी जानकारियां आदि whatsapp में बने समूहों के माध्यम से दिया जाता था। कोरोना महामारी के दौरान मैंने सत्र 2020–21 में कक्षा 11वीं और 12वीं के बच्चों को cgschool.in के माध्यम से ऑनलाइन क्लास लेकर पढ़ाने का प्रयास किया गया। इस दौरान बच्चों को शिक्षण संबंधी एवं कोरोना वायरस से बचने के उपाय इत्यादि विषयों पर अवगत कराया गया एवं घर पर रहकर अध्ययन के लिए प्रेरित किया गया । इसके अलावा मोबाइल एवं अन्य टेक्नोलॉजी का उपयोग शिक्षण हेतु करने के लिए प्रेरित किया गया ।
कोविड़ 19 महामारी की वजह से आनलाइन कक्षाओं का संचालन किया परन्तु ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे नेटवर्क एवं फोन सुविधाएं नही होने के कारण कक्षा में जुड़ नही पाते थे .. नवनीत कमल व्याख्याता जगदलपुर छत्तीसगढ़
Covid 19 के समय 9 से 12वी तक के विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन क्लास लिया,परन्तु स्मार्ट फोन की अनूपलब्धता,ग्रामीण क्षेत्रो में नेटवर्क प्राब्लम,छात्रों के पास डाटा की कमी इत्यादि कारणों से वे नही जुड़ पाते। ज्यादातर बच्चो में पढाई के प्रति उदासीनता देखी गई।बालिकाओ की संख्या बालककेँ अधिक होती थी।
कोविड 19 के दौरान whatsapp group के माध्यम से विद्यार्थियों के संपर्क में थे और cgschool.in के माध्यम से ऑनलाइन क्लास लेकर विद्यार्थियों को पढ़ाने का प्रयास किया परंतु ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे नेटवर्क एवम मोबाइल सुविधा न होने के कारण कक्षा में नही जुड़ पाते थे।
कोरोना काल विद्यार्थियों एवम शिक्षकों के लिए दुखद समय रहा । शासन द्वारा निर्देशित शैक्षिक विकल्प ऑनलाइन क्लास एवम मोहल्ला वलास बहुत प्रभावी रहे। हमारे विद्यालय में शासन के आदेशानुसार बच्चों का व्हाट्सएप ग्रुप तैयार कर बच्चो को ऑनलाइन कक्षा द्वारा पढ़ाई हेतु समय सारिणी तैयार की गई। मैंने अपने विद्यार्थियों को व्यक्तिगत कॉल करके ऑनलाइन क्लास में जुड़ने संबंधी तकनीकी प्रक्रियाओं के बारे में समझाया साथ ही विद्यार्थियों को ऑनलाइन वलास में जुड़ने में आने वाली आने वाली तकनीकी सम्याओं को कॉल, एवं वीडियो कॉल के माध्यम से दूर करने का सफल प्रयास किया। बच्चो की पढ़ाई को प्राथमिकता देते हुए मैने अपने विषयों के साथ साथ उन विषयों का भी अध्यापन किया जिन विषयों के विषय शिक्षक नही थे। मैने अपने शिक्षण में बच्चों को व्हाइट बोर्ड, एनोटेशन, फ़ोटो एवं वीडियो के माध्यम से अध्ययन को सरल और सुगम बनाने का प्रयास किया। PTD द्वारा आयोजित होने वाली ऑनलाइन कक्षाओं के लिंक बच्चो उपलब्ध कराया। जिससे वे अधिक से अधिक अध्ययन कर सके। PTD द्वारा आयोजित MOTIVATIONAL वीडियो बच्चों को प्रेरित करने में काफी मदद मिली।
कोविड 19 के दौरान ऑनलाइन क्लास लेने में यह समस्या आया की ग्रामीण क्षेत्र के कई सारे बच्चे के पास मोबाइल नही होने के कारण बच्चे क्लास में जुड़ नहीं पाते थे। कुछ बच्चों को व्हाट्सएप के द्वारा पढ़ाया गया जो उनके लिए पढ़ाई से जुड़े रहने में मददगार साबित हुआ
कोविड 19 के विकराल समय मे विद्याथियों का अध्यापन सुचारू रूप से नही हो पा रहा था , इस समय इस व्यवस्था को बनाए रखने के लिए , छत्तीसगढ़ राज्य में "पढ़ाई तुंहर द्वार " के माध्यम से ऑन लाइन क्लास लिया, बच्चों के रुझान को देखते हुए , कई व्हाट्सएप ग्रुप बनाए जिनके माध्यम से राज्य के अलग अलग जिले के विद्याथी जुड़े और बहुत ही जिज्ञासा के आनंदपूवक अध्ययन किया।
Covid ki pandemic me cgschoo.in n ciscowebex k through online class liya gya from 11th 12th physics n jinbachho k pas android phone ni ta unhe mohalla class me padhaya vua Aprajita singh lecturer G.H.S.S TAGA
कोविड19के समय कोविड 19के नियमों को पालन करते हुऐ आनलाईन कक्षा चालू की गई जिसमें छात्रों की जूडने की संख्या कम थी,क्षेत्र में नेटवर्क समस्या थी।कुछ छात्रों टके पास मोबा. नहीं है। फिर मास्क लगा कर सैनीटाइजर का उपयोग करते हुए दोगज कि दूरी का पालन किया गया।
कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान बच्चों से लगातार संपर्क मोबाइल के द्वारा बनाए रखें और समय - समय पर उन्हें उनके वर्तमान कक्षा और विषय की जानकारी प्रदान करते रहे , साथ ही उनको विषय से संबंधित संक्षिप्त जानकारी असाइनमेंट शॉर्ट नोट्स और विभिन्न शैक्षिक गतिविधियों के द्वारा पढ़ाई वर्चुअल तरीके से संपन्न कराई गई तथा जिन बच्चों को विषय समझने में कठिनाई महसूस होती थी , उनको विशेष नोट्स और टीचिंग लर्निंग मटेरियल बनाकर ऑनलाइन तरीके से समझाया गया ।
कोविड 19 के दौरान शिक्षा व्यवस्था थोड़ी मुश्किल भरी रही। मैने ऑनलाइन क्लास वेबेक्स के माध्यम से लिया। प्रारंभ में छात्र अधिक संख्या में शामिल हुए, बाद में कम होते गए, फिर भी मैंने पढ़ाया। छात्रों को व्हाट्सएप के द्वारा भी जानकारी साझा किया।यूट्यूब के लिंक्स व कुछ वेबसाइट जिसमे उनके विषय से संबंधित तथ्य अच्छे से दिए थे, का साझा किया।
कोविड 19 के कारण शाला नही लग पाने से बच्चों के अध्ययन की जो धारा होती है वह नही हो पाई पर आज की आधुनिक प्रणालियों से मदद मिली मेरे क्षेत्र के सभी बच्चों के पास ऑनलाइन कक्षा संचालित करने में अधिक सफलता नही मिली फिर वाट्सएप के माध्यम से बच्चों से जुड़े और अध्ययन सामाग्री उन्हें उपलब्ध कराते रहे एवं असाइनमेंट के सम्बंध में जानकारी देते रहे कुल मिलाकर ये समय सब के लिए नये अनुभव लेकर आया और आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है को चरितार्थ करते हुए नये नये अध्यापन के मार्ग उपयोग में लाना सिखाया
मैं कोविड़ 19 के दौर मे बच्चों से ऑनलाइन कक्षा के माध्यम से जुड़ा रहा लेकिन अधिकतर बच्चे जुड़ने में कोई रुची नई दिखा रहे थे जो कुछ भी रुची दिखाये उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ा क्योंकि हमारे स्कूल दूरदराज के गांव में हैं यहाँ नेटवर्क व जागरूकता की परेशानी बहुत है ।इस परिस्थिति को देखते हुए मोहल्ला क्लास के माध्यम से बच्चों से जुड़े लेकिन इस प्रयास में सभी विद्यार्थियों ने उपस्थित दर्ज करने मे रूची नई दिखाया परंतु पहले से कुछ बेहतर रहा ।
कोविड-19 संक्रमण पर शाला के भौतिक रूप से बंद रहने दौरान WebEx Meeting App और छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग के पढाई तुहर द्वार के संयुक्त साइट से आनलाइन कक्षा संचालन किया गया।जागरूक व साधन सम्पन्न अभिभावक के बच्चों द्वारा ही इस अध्यापन का लाभ उठाया गया।
कोविड-19 महामारी के दौरान बच्चों से लगातार मोबाइल से संपर्क में थी 9 वीं से 12 वीं तक का अलग-अलग व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जिसमें विषय वस्तु से संबंधित बच्चों को सभी जानकारी देती थी cgschool. inके माध्यम से Cisco वेबैक्स से लगातार ऑनलाइन क्लास के माध्यम से प्रयास किया l विषय से संबंधित यूट्यूब वीडियो, Phetसिमुलेशन , क्लिक्स मॉड्यूल, क्लिक्स ऑडियो वीडियो , वॉइस मैसेज तथा सामान्य मैसेज के द्वारा लगातार बच्चों से जुड़े रहने में यह मेरे लिए मददगार साबित हुई बिल्कुल नया अनुभव था बहुत कुछ सीखने को मिला l
कोरोना महामारी के दौरान विद्यार्थियों से सीधा संपर्क नहीं हो पा रहा था। अतः ऑनलाइन क्लास के द्वारा शिक्षण कार्य कराया गया, साथ ही जिन बच्चों के पास स्मार्टफोन नहीं था उन्हें फोन में बात करके जानकारी दी गई।
Corona kal me hamne online class k madhyam se students k sath content kl bataya . Jo ruchikar aur students k liye nya mode tha.aur teachers k liye bhi bahut kuchh nyi bate sikhne ko bhi mila . Gramin kshetra me connectivity aur mobile ki anuplabhta students k sikhne me badhak rhi .
Mein Corona mahamari ke dauran bacchon se Sidhe Sampark Me to nai aa payi Kintu online class ke Madhyam se Shikshan Karya karwaya maine ..9th se 12thTak ka alag alag WhatsApp group Banaya jismein Vishay se sambandhit Sabhi Jankari Di gai Jaise Cisco WebEx kaise download karna hai, CG school.in ke Madhyam se kis Prakar se class attend karna hai , bacchon ko samjhaya Gaya ki jyada se jyada bacche classess attend Karen, knowledge Bade . Vishay se sambandhit YouTube video aur Kai Tarah Ke messages bacchon ke sath Saja Karte Rahe. Sabhi guidelines ka palan karte hue Moholla class bhi kiye jisme jo bachche online nai Judd paa rahe the ve sab aa sake..
Covid 19 के कारण बच्चो की पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए 9,11 व 12 के विद्यार्थियों के लिए अलग से wattsapp grp बनाकर उसमें विसयानुसार वीडियो बनाकर पाठ्य सामग्री को समझाने का पूरा प्रयास किया गया तथा प्रतिदिन ऑनलाइन क्लास ली गई ।
छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग की पहल 'पढ़ई तुंहर दुआर ' के प्रारंभ से ही कोरोना वैश्विक महामारी की कठिन परिस्थिति में श्री कौशिक मुनि त्रिपाठी द्वारा ऑनलाइन कक्षा की शुरुआत की गयी। इनकी ऑनलाइन कक्षा में छत्तीसगढ़ के लगभग सभी जिलों के विद्यार्थी जुड़ते हैं। इनके द्वारा कक्षा को प्रभावपूर्ण बनाने के लिए रुचिकर पी पी टी तैयार किया जाता है तथा समय -समय पर ऑनलाइन क़्विज का आयोजन भी किया जाता है। इनकी कक्षा में छतीसगढ़ के लगभग सभी जिलों के विद्यार्थियों की सहभागिता के बाबजूद इनके स्वयं के विद्यालय के कुछ विद्यार्थी इनकी ऑनलाइन कक्षा में जुड़ पाने मेंअसमर्थ थे। इसके लिए इन्होने 'कैंपेन टू 100 % अटेंडेंस ' शुरू किया। इन्होंने फ़ोन के माध्यम से एवं आवस्यकतानुसार उन विद्यार्थियों से संपर्क करना शुरू किया जो ऑनलाइन कक्षा में उपस्थित नहीं हो पा रहे थे किन्तु बहुत से विद्यार्थियों के पास मोबाइल की उपलब्धता न होने की वजह से साथ ही साथ नेटवर्क की समस्या की वजह से ऑनलाइन कक्षा में उपस्थित नहीं हो पा रहे थे। अब " कैंपेन टू 100 % अटेंडेंस " के तहद ऑनलाइन कक्षा के साथ -साथ ऑफलाइन कक्षा (जैसे मोहल्ला कक्षा ) एक उपाय था। इस ऑफलाइन कक्षा में बच्चों को पढ़ाने के साथ -साथ उन्हें “अध्ययन सामग्री” भी उपलब्ध कराया जाता है। इस प्रकार कोरोना वैश्विक महामारी की इस कठिन परिस्थिति में कौशिक मुनि त्रिपाठी का "कैंपेन टू 100 % अटेंडेंस" जारी है जिससे विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं।
महामारी के दौरान छात्र का व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया और कक्षाएं ली गईं. क्योंकि नेटवर्क की समस्या और घर में मोबाइल नहीं होने के कारण ऑनलाइन कक्षाओं के दौरान छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था.
I came in contact with my students through phone calls and whatsapp. I used digital teaching methods like online classes , animated videos which was very effective in my teaching classes. I put more stress on their writing work and English pronunciations and creativity too.
Covid 19 के दौरान बच्चों को आन-लाइन क्लास के माध्यम से शिक्षा से जोड़ने का प्रयास किया लेकिन बच्चों को नेटवर्क की समस्या और मोबाइल की समस्या के कारण परेशानी हुई।
I was very exited for online teaching some students are interested for online classes but some have problems of Network and unavailable of android mobile. ln this pandemic situation I made what's app group for students and continue teaching by virchual virchual class continue.
I was not very happy about online classes because this online classes has drawn barrier between rural and urban students. The students of villages were in field for cropping and cattling and urban children were in front of computers and labtops. The school life of rural students completely changed. It means online class were complete disaster for rural child. As a teacher of rural school I was and am very disappointed. Online classes are good but not suitable for rural child the reason is known to everyone. Instead of online class mohalla class is suitable.
कोरोना काल मे बच्चों को पढ़ाई से जोड़ने के लिए सोशल मीडिया का सहयोग लिया बच्चों का व्हाट्सएप ग्रुप बना कर टीचिंग मटेरियल वीडियो पीडीएफ देना व ऑनलाइन क्लास में जुड़ने की तकनीक को समझा कर ज्यादा से ज्यादा बच्चों को शिक्षा से जोड़े रहने का प्रयास किया गया। अब बच्चों में टेक्नोलॉजी के उपयोग व ICT का महत्व समझ आया है बच्चे मोबाइल का सही उपयोग करना सीख रहे है। साथ ही शिक्षक भी अब शिक्षण में टेक्नोलॉजी के महत्व को समझ गए है।
कोरोना काल में बच्चो से जुड़ने के लिए हमने वॉट्सएप ग्रुप बनाया और बहुत से videos ,clippings ,PDF के माध्यम से शिक्षण सामग्री उन तक पहुचाने का प्रयास किया ऑनलाइन क्लासेज भी चलाई जो काफ़ी interesting रही पहले हमने इतने TLM का उपयोग नहीं किया था जितना इस कोरोनाकाल में किया है अब हमारा ये मोबाइल फोन काफी महत्वपूर्ण TLM बन चुका है इसकी मदद से हमने अपनी शिक्षण विधि में बहुत से परिवर्तन किए है जो कॉन्सेप्ट बच्चो को क्लियर नहीं हुए उनको VIDEOS ,pics clippings दिखाया,यूट्यूब की सहायता से विषय विषेज्ञयो की कक्षा में सम्मिलित करवाया जो निश्चित रूप से एक अलग एहसास था।
During Covid-19, I changed my ways of teaching. I took online class. Online class takes a lot of preparedness and skill. Hence I enhanced my skill for online class. I saw many online class on YouTube . I learned to make video lecture for my students. I used google forms to test my students to know their learning out come.
I learned to prepare slide based lecture for the students.
Thus, this Covid-19 pandemic gave us an opportunity to try new things to teach our students in a different way sitting in our home while maintaining the protocol of Covid-19
कोविड के दौरान ऑनलाइन क्लास के माध्यम से जुड़ा रहा ,बहुत कम ही विद्यार्थी जुड़ पाते थे अधिकांश कुछ न कुछ समस्या बताते थे ,ऑनलाइन पढ़ाने में आत्मसंतुष्टि नही हुई
महामारी के दौरान छात्र का व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया और कक्षाएं ली गईं, क्योंकि नेटवर्क की समस्या और घर में मोबाइल नहीं होने के कारण ऑनलाइन कक्षाओं के दौरान छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था.मैं कभी सिस्को वेबेक्स से ऑनलाइन कक्षा ली ,कभी वीडियो बनाकर व्हाट्सएप में भेजी।बहुत सारी मनोरंजक गतिविधियाँ भी कराई।दूसरे स्कूल से भी बच्चे मेरी क्लास में जुड़ते थे।पर मेरी मेहनत का पूरा फल नहीं मिल पाता था।जो बच्चे ध्यान देते उन्हें समझ आता था, कुछ बच्चे बिल्कुल रुचि नहीं लेते थे,कई बहाने बनाते थे।फिर इस परेशानी को दूर करने के लिए बरामदा क्लास लेना शुरू की।9 वी ,10वी, बच्चों को पढ़ाने के लिए ऑफलाइन क्लास ही उचित लगा
कोविड-19 के दौरान जब स्कूल बंद हो गए तो मैंने ऑनलाइन क्लासेस के माध्यम से पढ़ाना शुरू किया और व्हाट्सएप का भी यूज़ किया जहां के बच्चे ऑनलाइन नहीं जुड़ पाते थे उन बच्चों को मैंने उनके मोहल्ले में जाकर पढ़ाया और पूरी कोशिश की कि किसी भी तरह मैं उनके पाठ्यक्रम को पूरा कर सकूं
ऑनलाइन कक्षाओं को लेने के दौरान बहुत से प्रॉब्लम साईं सिग्नल पुअर होने के कारण गांव में अंदरूनी जगह पर रहने वाले बच्चे ऑनलाइन क्लासेस में नहीं जुड़ पाते थे या फिर साउंड नहीं आता था या फिर मेरी आवाज उन तक नहीं जाती थी किसी बच्चे के पास फोन भी नहीं होता था कई प्रकार की प्रॉब्लम हुई परंतु मैंने फिर भी कोशिश की
बच्चे ऑनलाइन क्लास में पढ़ाई करना चाहते थे लेकिन नेटवर्क समस्या होने के कारण बार बार लेफ्ट हो जाने के कारण पढ़ाई करने में बहुत ही परेशानी होती है।कुछ बच्चे गांव के काम करने भी चले जाते थे,किसी के पास mobile phone नहीं है,तो किसी के पास रिचार्ज के पैसे नहीं होते थे।
कोरोना काल मे ऑनलाइन क्लास लेना हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती थी क्योंकि हमारे यहां के अधिकांश बच्चो के पास मोबाइल नही था । महामारी के दौरान छात्र का व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया और कक्षाएं ली गईं, तो जो बच्चे ऑनलाइन क्लास में जुड़ते थे उन्हें सहयोग लेकर बाकी के बच्चे अपनी पढ़ाई करते थे ।
I have taken online classes regularly and interacted with the children with whatsapp and telephonic conversations. I have made certain changes in my style of teaching to be more interactive throughout the class as online mode lacks the interaction of offline classes. I have had regular doubt sessions along with question and answer sessions during our regular classes which helped me to evolve as a teacher as well as the students too.
Covid 19 के दौरान छात्रों को मोहल्ला एवं online classके माध्यम से mathsविषय पढाया, पर बच्चों की तरफ से network या data problem जैसे कई समस्या बताई गई ।पर अधिकांश छात्रों ने बडी लगन के साथ मेहनत की,और मैंने भी teaching aid का भरपूर उपयोग किया, regular छात्रों के HOMEWORK एवं doubt को देखा जिससे बच्चों में उत्साह था । पर अनुभव कहता है कि offline का solution online नहीं हो सकता है ।
बच्चों के साथ ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से जुड़े रहे, ऑनलाइन क्लास लेना हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती थी, नेटवर्क प्रॉब्लम या बहुत सारे बच्चों के पास मोबाइल की कमी थी । कोरोना काल में बच्चो से जुड़ने के लिए हमने वॉट्सएप ग्रुप बनाया और बहुत से videos ,clippings ,PDF के माध्यम से शिक्षण सामग्री उन तक पहुचाने का प्रयास किया
कोरोनावायरस के दौरान विद्यार्थियों से वर्चुअल ई जुड़े रहे ऑनलाइन कक्षाएं चालू रही लेकिन बच्चों का पढ़ाई के प्रति रुझान नहीं था गंभीरता से पढ़ाई नहीं की सभी नेटवर्क की समस्या की वजह से मोहल्ला क्लास लगाकर शिक्षण कार्य किया गया।
I had used online teaching platform Cisco WebEx for teaching but due to technical issues in village area it wasn't successful. Mohalla class had helped us to reach students and again connect them to studies. Teaching methodology was shifted more towards practical knowledge of topic utilising mohalla class environment. Students were more inclined towards Mohalla class as compared to online classes
स्कूल में कई तरह के बच्चे आतें हैं जिनके सोच में,समझ में, सीखने के तरीकों में, सीखने की क्षमताओं में, कौशल में , रूचि में अंतर होता है हमें चाहिए कि हम हर बच्चे को पहले समझें और उनकी समझ, आवश्यकता ,सीखने के स्तर के आधार पर पढ़ाने की विधियों का प्रयोग करें। किसी भी बच्चे की उपेक्षा नहीं करें ताकि बच्चों के मन में स्कूल, शिक्षकों के प्रति लगाव रहे बच्चे हर कौशल को सीखने में रूचि ले सके।जिससे बच्चो का सर्वांगीण विकास हो सके। और बेहतर तरीके से सीखे। संतोष कुमार साहू (व्याख्याता एल, बी)। शासकीय हाई स्कूल somnapur नया जिला, कबीरधाम (छ,ग)
कोविड 19 के समय बच्चों की पढ़ाई के आनलाइन कक्षाएं संचालित किया गया, वह इसके अलावा वाट्सएप ग्रूप बनाकर पाठ्य-पुस्तक से चुनौती देकर पढ़ाई से जोड़कर रखा गया, अधिगम के लिए विभिन्न एप्लिकेशन जैसे यूट्यूब गुगलबोलो,चिम्पल एप का उपयोग करना बच्चों को बताया गया, लेकिन परिणाम अपेक्षा से कम है।
कोरोना काल के दौरान छात्रो के वाट्सएप ग्रुप बना करपीडीएफ द्वारा,ऑनलाइन कक्षाओं के द्ववारा पाठ्यक्रम को पूरा करने की कोशिश की गई लेकिन ग्रामीण परिवेश में स्मार्ट फोन के अभाव के कारण लक्ष्य पूर्ति में बाधा आई।
कोविड-19 के दौरान जब स्कूल बंद हो गए तो मैंने ऑनलाइन क्लास के माध्यम से पढ़ाना शुरू किया और व्हाट्सएप का भी यूज़ किया जहां के बच्चे ऑनलाइन नहीं जुड़ पाते थे उन बच्चों को मैंने उनके मोहल्ले में जाकर पढ़ाया.मैं कभी सिस्को वेबेक्स से ऑनलाइन कक्षा ली ,कभी वीडियो बनाकर व्हाट्सएप में भेजी।बहुत सारी मनोरंजक गतिविधियाँ भी कराई।दूसरे स्कूल से भी बच्चे मेरी क्लास में जुड़ते थे।
इस आपातकालीन स्थिति में आनलाईन तथा मोहल्ला क्लास के माध्यम से छात्रों से जुड़े रहे हम वनांचल क्षेत्र में निवास करते है जहाँ अक्सर नेटर्वक की समस्या बनी रहती हैं इस वजह से कभी कभी आनलाईन कक्षा नहीं हो पाती थी इस समस्या के हल के लिए मै विषय वस्तु को विडियो के माध्यम से तथा कभी कभी सामान्य काँल के माध्यम से बच्चों को समझाती थी बच्चे मिस काल करके मुझ से संपर्क कर लेते थे आवश्यकता पड़ने पर मै छात्रों को स्वयं नोट्स तैयार कर उनकी फोटो खिचकर भेजती थी मेरे द्वारा बहुत सी रोचक व ज्ञान वर्धक गतिविधि भी छात्रों से करवायी जाती थी
कोविड 19 के समय बच्चों की पढ़ाई के आनलाइन कक्षाएं संचालित किया गया, वह इसके अलावा वाट्सएप ग्रूप बनाकर पाठ्य-पुस्तक से चुनौती देकर पढ़ाई से जोड़कर रखा गया, अधिगम के लिए विभिन्न एप्लिकेशन जैसे यूट्यूब गुगलबोलो,चिम्पल एप का उपयोग करना बच्चों को बताया गया, लेकिन परिणाम अपेक्षा से कम है।ऑनलाइन कक्षाओं को लेने के दौरान बहुत से प्रॉब्लम साईं सिग्नल पुअर होने के कारण गांव में अंदरूनी जगह पर रहने वाले बच्चे ऑनलाइन क्लासेस में नहीं जुड़ पाते थे या फिर साउंड नहीं आता था या फिर मेरी आवाज उन तक नहीं जाती थी किसी बच्चे के पास फोन भी नहीं होता था कई प्रकार की प्रॉब्लम हुई परंतु मैंने फिर भी कोशिश कीऑनलाइन कक्षाओं को लेने के दौरान बहुत से प्रॉब्लम साईं सिग्नल पुअर होने के कारण गांव में अंदरूनी जगह पर रहने वाले बच्चे ऑनलाइन क्लासेस में नहीं जुड़ पाते थे या फिर साउंड नहीं आता था या फिर मेरी आवाज उन तक नहीं जाती थी किसी बच्चे के पास फोन भी नहीं होता था कई प्रकार की प्रॉब्लम हुई परंतु मैंने फिर भी कोशिश की. मैं अजय कुमार व्याख्याता l.b शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय utai
Covid 19 के कारण मैंने ऑनलाइन क्लास को प्राथमिकता दिया और नियमित क्लास लिया जिसमे विद्यार्थियों ने रूचि दिखाई और पढ़ाई ठीक से हुवा। लेकिन कभी कभी नेटवर्क की समस्या आने से परेशानी भी हुवा। लेकिन covid 19 के आने से शिक्षा की कुछ नई तकनीक का भी ज्ञान मिला। कभी कभी मुहल्ला क्लास भी लिए। मैं खुद covid positive भी हो गया था जिससे covid के बारे में बहुत कुछ समझ आ गया जिसकी जानकारी विद्यार्थियों को दिया। समस्या तो आया लेकिन विद्यार्थियों से जुड़कर पढ़ाई को निरंतर रखा।
Covid19 के समय मैं सबसे पहले तो ऑनलाइन पढ़ाने की कोशिश की पर गांव में 2 -4 के अलावा कोई भी बालक के पास एंड्रॉइड मोबाइल तो है पर उसमे नेट बैलेंस की समस्या यह गांव था यह लोग मोबाइल तो रखे पर पैसे की समस्या तो फिर मैंने ऑफलाइन पढ़ाने का कार्य शुरू किया पर उसमे भी सफलता नाइ मिली फिर उसी समय मेरी duty covide19 में लग गयी और मैं जब जाता जिस बजी विद्यार्थी से मिलता तो पढ़ाई की कि चर्चा करना शुरू कर देता मुझे देख गांव के लोग बोलते आप कोरोना का duty Kar रहे गुरुजी की बच्चो की पढ़ाई ।बहुत दिक्कत होता है समझाना।
During covid 19, the medium of connecting with the students was the mobile phone.Teaching online through cgschool.in was a new experience for me and the students.Whatsapp is a good way to provide information.
कोरोना संक्रमण के दौरान बच्चे विद्यालय से दूर हुए और शिक्षकों से दूरी बढ़ गई ऐसे समय में शासन के निर्देशानुसार एवं कोविड-19 के डब्ल्यूएचओ के गाइडलाइन के अनुसार कोरोना बिहेवियर का उपयोग हमें करना पड़ा और राज्य शासन के मार्गदर्शन में मोहल्ला क्लास अथवा ऑनलाइन क्लास के माध्यम से बच्चों के संपर्क में रहें उनका उनका मार्गदर्शन किया उनका संक्षिप्त अध्यापन करवाया राज्य माध्यमिक शिक्षा मंडल के द्वारा भी पाठ्यक्रमों में कुछ कटौती की गई उसका भी पालन किया गया पर बच्चों से प्रत्यक्ष मिलकर अध्ययन अध्यापन करवाना जो सार्थक रहता है उसकी कमी महसूस हुई कुल मिलाकर हमने प्रयत्न किया और कुछ अपेक्षित परिणाम भी हासिल किए
मैंने सबसे पहले अपने बच्चों से ऑनलाइन क्लास का पूरा प्रोसेस सीखा और फिर बच्चों को फोन करके उनको भी ऑनलाइन क्लास इस तरह से ज्वाइन करना है इसकी जानकारी दी मैं एक स्लम एरिया के स्कूल में पढ़ाती हूं वहां सभी बच्चों के पास मोबाइल फोन नहीं था मैंने उन विद्यार्थियों को जिनके घर में मोबाइल था उनके घर के आसपास रहने वाले विद्यार्थियों को बुलाया उनके पालकों से बात की और कहा कि वह एक निश्चित समय में मोबाइल को घर में छोड़े ताकि उन विद्यार्थियों की पढ़ाई जारी रहे फिर मैंने अपने पाठ्यक्रम को एक ऑनलाइन क्लास की तरह अरेंज किया हर दिन में पढ़ाने से पूर्व अभ्यास करती थी और उस पैराग्राफ को इस तरह से तैयार करती थी कि कम समय में वह अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त कर सके इसके अलावा पाठ्यक्रम का पीडीएफ बना बनाने लगी और जिस बच्चे के पास मोबाइल है उसको मैं ग्रुप में शेयर कर देती थी ताकि जिन बच्चों के पास मोबाइल नहीं है वह किसी भी समय उस बच्चे के पास आकर पीडीएफ से नोट्स बना ले इस तरह जो बच्चे दूसरी जगह काम पर भी जाते थे बेबी शाम के घर पहुंच कर पीडीएफ से नोट्स बना लेते थे इस तरह से बच्चों की पढ़ाई का सिलसिला शुरू हो गया और सीखने तथा प्रश्नावली को हल करने की मैं काफी सफलता मिली
कोरोना काल मे मैने बच्चो का आनलाइन क्लास लिया ।इसमे बहुत सी कठिनाईयो का सामना करना पडा। बहुत से बच्चो ने आनलाइन क्लास ज्वान नही किये क्योकि उनके पास स्मार्ट फोन नही था।
During covid pandemic we had the opportunity to try new things to teach our students in a different way. We use to take them to a park and did various activities which was very effective. In online classes students couldn't connect because of the lack of Android phone.
It was beginning of new era in my teaching learning practice. It was tough to connect students. Students didn't have mobile. And the fortunates who had them, had low connectivity. Yet we brought students in one new form of learning that's digital learning. Trail and error method made teaching successful.
During covid-19 School were closed, we try to be in online contact with students but due to the rural area of school less student were connected .Because some student have no smart phone available in there home. And some have not good connection of internet. Then also we trying by our side .
वेवेक्स मीटिंग के द्वारा छात्रों का ऑनलाइन कक्षा संचालित किया गया था। एवम् उनकी समस्याओं का हर संभव समाधान करने की कोशिश की गई। जिससे अधिकांश छात्र लाभान्वित हुए।
Online class ke sath other activities ko involved krne per students jyada study ke liy interested hote h jo unk interest per based ho to learning teaching affective hoti h
कोविड 19 काल में आन्लाईन क्लास एवम् वाट्सप ग्रुप के द्वारा सम्पर्क में रहा और शालेय गतिविधियों का संचालन किया आन्लाईन क्लास में नेटवर्क का कष्ट रहा एवं सभी बच्चों के पास मोबाईल की सुविधा नहीं थी फिर भी चुनौति का सामना करते हुए छात्र छात्राओं को लाभान्वित किया।
बच्चों के साथ ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से जुड़ने का प्रयास किया लेकिन अधिकांश दूरस्थ अंचल में रहने के कारण नेटवर्क की समस्या हुई। और कई बच्चों की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह एंड्राइड मोबाइल खरीद सके। क्योंकि यह बच्चे ग्रामीण स्तर की गरीब परिवारों से आते हैं। इसलिए मोबाइल की समस्या के कारण परेशानी हुई।
कोरोनावायरस के दौरान विद्यार्थियों से ई _वर्चुअल, ऑनलाइन क्लास के माध्यम से उनकी पढ़ाई करवाई एवं सभी छात्रों का जब आनलाइन क्लास से जुड़ना संभव नहीं था, तब मोहल्ला क्लास लगाकर उनको पढ़ाई से जोड़ने का प्रयास किया।
कोरोना काल के दौरान ऑनलाइन कक्षा और ऑफलाइन कक्षा के महत्व और उपयोगिता को समझ सके। दोनों के अपने गुण और दोष हैं लेकिन कुशल शिक्षक वही है जो दोषों की न्यूनतम दशा में शिक्षा के श्रेष्ठतम आयामों को अर्जित करने में सफल हो। धर्मेंद्र प्रसाद सारस्वत प्रभारी प्राचार्य शा. उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चिल्हाटी जिला - राजनांदगाव (छत्तीसगढ़ )
In covid epidemic I will take online class regularly and I had always give instructions to the students to protect their families and your self. I had taken Mohalla classes also .The students taken more participant with happily.
I used zoom app and educational videos of English compulsory .I also used the pinterest app pictionary and dictionary app . This technique is useful for only those student who have mobile handsets and direct access to the internet ,poor students suffer a lot so I provided offline printed material to these students .
ऑनलाइन क्लास के माध्यम से बच्चों को पढाने का प्रयास किया लेकिन कुछ ही बच्चे क्लास में जुड़ पाए क़्योंकि नेटवर्क की समस्या तथा गरीब तबके के बच्चों के पास मोबाइल नही था।
कोविड-19 के दौरान बच्चों को वॉइस मैसेज के द्वारा यह समझाया कि उन्हें ऑनलाइन क्लास कैसे करनी है कौन-कौन से ऐप डाउनलोड करने हैं उसके बाद स्क्रीनशॉट लेकर हर प्रोसेस को अच्छे से समझाया जिससे उन्हें आसानी हुई बच्चों को ग्रुप में जोड़ा सीजी डॉट निक में क्लास ज्वाइन करने के लिए कहा ऑनलाइन क्लास के माध्यम से उनकी पढ़ाई करवाई फोटो पीडीएफ आदि कंटेंट अपलोड किए जिससे बच्चों को समझने में आसानी हो ज्यादा से ज्यादा संख्या में ऑनलाइन क्लास अटेंड करने के लिए प्रोत्साहित किया नेटवर्क की समस्या के कारण थोड़ी परेशानी होती थी लेकिन बार-बार कोशिश करके उनका कोर्स पूरा करने के लक्ष्य को पूरा किया बच्चों के सामने आने वाली समस्याओं को भी दूर किया और को व्हाट्सएप किस तरह बचकर रहना है अपना बचाव करना है और दूसरों को भी बचाना है इसकी प्रतिदिन जानकारी दी
Covid 19 kal me online class aur whatsapp group ka sanchalan kiya.online class me network problem hua aur sabhi bachho ke pass mobil ki suvidha nhi thi.fir bhi chunoutiyo ka samna krte huye bachho ko labhanvit kiya
कोरोना काल में आॅनलाइन कक्षा करे माध्यम से बच्चों से जुड़ने की कोशिश की गयी। जो बच्चे शेड्यूल टाईम में नहीं जुड़ पाए रहे थे उनके लिए ऑनलाइन कक्षा की वीडियो बनाकर ग्रुप में उपलब्ध कराने की कोशिश की गयी। और जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं था, उनके लिए विडियो को आडियों में कन्वर्ट कर ब्लूटुथ के माध्यम से उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया। तथा छात्रों में रूचि को बनाये रखने हेतु समय समय पर आॅनलाइन पाठ्यसहगामी क्रियाएँ कराची गयी।
During Corona teaching was done online but it was not very fruitful. There was the network problem. Many students even some teachers too face the problem of not having the proper hand set .I did so many online new activities for maintaining the children's interest.
कोरोना काल में निरंतर ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से बच्चों से जुड़ने का प्रयास किया गया|नेटवर्क की समस्या,मोबाईल की अनुपलब्धता सिग्नल की समस्या आदि अनेक समस्याओं के बावजूद अधिक से अधिक बच्चों को ऑनलाइन कक्षा में जुड़ने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया गया|वेबक्स मीटिंग के द्वारा छात्रों का ऑनलाइन कक्षा संचालित की गयी तथा उनकी समस्याओं का हर संभव समाधान करने की कोशिश की गई,जिससे अधिकांश छात्र लाभान्वित हुए|बच्चों को पढ़ाई से जोड़ने के लिए सोशल मीडिया का सहयोग लिया |बच्चों का व्हाट्सएप ग्रुप बना कर टीचिंग मटेरियल वीडियो पीडीएफ देना व ऑनलाइन क्लास में जुड़ने की तकनीक को समझा कर ज्यादा से ज्यादा बच्चों को शिक्षा से जोड़े रहने का प्रयास किया गया।
I was taking online class and trying to improve my virtual classes, and send small video regarding topic for those who were not able to attend class on time.
Conducted online class for students. Learnt how to deal with student problems using technology. Faced problems like less no. Of students all the students doesn't have facilities to join the class and various individual problems. But on the other hand students become more familiar with us and understood need of technology in teaching learning process
सबसे पहले फ़ोन द्वारा छात्रों से स्पार्क कर ऑनलाइन क्लास के बारे में जानकारी दी। आवश्यक ऐप डाउनलोड करने के बारे में गाइडलाइन दिया फोटो और मैसेज के द्वारा समझाया धीरे-धीरे बच्चे ऑनलाइन क्लास अटेंड करने लगे फिर उनके पास पुस्तके नहीं थी पीडीएफ और फोटो खींचकर जो पेज पढ़ाना रहता था उसका फोटो भेजते थे सीजी school.in के द्वारा क्लास ज्वाइन करने के बारे में कहा गया और उसमें फोटो पीडीएफ वीडियो ऑडियो बनाकर कंटेंट अपलोड किया नियमित क्लास ले बच्चों ने अपनी जो भी समस्याएं बताई उसको अपने विधि से हल करने को बताया नेटवर्क की बहुत ज्यादा समस्या आती थी इसलिए बार-बार क्लास बनाना पड़ता था लेकिन फिर भी उनकी सुविधा देखकर दो-तीन बार पाठों काे रिविजन करवाया। गृह कार्य असाइनमेंट के द्वारा उनकी प्रगति का मूल्यांकन किया और उन में जो कमी थी उसे दूर करने का प्रयास किया इस प्रकार से यह वर्चुअल क्लास हमारे लिए भी एक नया अनुभव था हमने कई नई चीजें उसके द्वारा सीखी बीच-बीच में हमेशा कोरोना संक्रमण के बारे में और उससे बचाव के उपाय के बारे में बच्चों को बताते ही रहते थे बच्चे भी अपने बहुत सारे अनुभव शेयर करते थे उनकी बातों से ही हमें मालूम हुआ कि उन्होंने भी बहुत अच्छे से लॉकडाउन के सभी नियमों का पालन किया था और अभी भी करते हैं कई बार पालकों से भी बात करके उन्हें समझाना पड़ता था कि आप अपना फोन बच्चों को पढ़ने के लिए अवश्य दें उनके पास पैसे की समस्या थी रिचार्ज नहीं करवा पाते थे उस समस्या का भी थोड़ा बहुत हाल किया गया इस प्रकार से ऑनलाइन क्लास थोड़ा बहुत परेशानी के साथ संपन्न हो गया
कोरोना काल में ऑनलाइन कक्षा और मोहल्ला क्लास के माध्यम से बच्चो से जुड़ने का प्रयास किया गया। ट्राईबल एरिया होने के कारण कई समस्याएं हुई जैसे - बच्चो के पास एंड्रॉयड मोबाइल ना होना, नेटवर्क प्रॉब्लम, मोबाइल रिचार्ज ना होना, बिजली की समस्या, आदि। कोई बच्चा पढ़ाई से वंचित न हो इसलिए ऑनलाइन क्लास के साथ साथ मोहल्ला क्लास भी लिया गया । मोहल्ला क्लास में कोविड 19 से सुरक्षा के नियमो का पालन किया गया जैसे- मास्क का उपयोग , सेनेटाइजर, सोशल डिस्टेंसिंग आदि। जो बच्चे ऑनलाइन क्लास में नहीं जुड़ पाए उन्हें मोहल्ला क्लास में पाठयक्रम से संबंधित जानकारी दी गई। ऑनलाइन क्लास में वेबेक्स मीट, गूगल मीट एप, के माध्यम से बच्चो को पढ़ाया गया। सीजी स्कूल वेबसाइट से बच्चो की क्लास ली गई। ऑनलाइन क्लास में ब्लैक बोर्ड की जगह स्मार्ट बोर्ड का उपयोग किया गया, डिजिटल लाइब्रेरी का उपयोग किया गया । बच्चो को विभिन्न प्रकार की पढ़ाई की वेबसाइट से अवगत कराया गया।
कोरोना काल के दौरान ऑनलाइन क्लास में सभी बच्चे शामिल नही हो पा रहे थे जिसका मुझे बहुत अफसोस हुआ चाहे कारण मोबाईल की अनुपलब्धता हो या इंटरनेट की समस्या । इसके अलावा वाट्सएप के माध्यम से अधिक से अधिक बच्चों तक पहुँचकर उन्हें पढ़ने हेतु प्रेरित करने का प्रयास किया ।
कोरोना लॉक डाउन् के दौरान विद्यार्थियों से वर्चुअल माध्यम से जुड़े रहे ऑनलाइन कक्षाएं चालू रही लेकिन बच्चों का पढ़ाई के प्रति रुझान नहीं था गंभीरता से पढ़ाई नहीं की सभी नेटवर्क की समस्या कभी मानसिक परेशानियों की वजह से पूर्णतया अव्यवस्थित रहा प्रति दिवस ऑनलाइन कक्षाओं में उपस्थिति में बहुत ही ज्यादा उतार चढ़ाव देखने को मिलता था क्लास जोड़ने का टाइमिंग डिस्टर्ब था अनुशासन की कमी थी_ आदिवासी अंचल में आभावग्रस्तता से बच्चों में शैक्षिक विकास का होना नगण्य प्रतीत हुआ,
कोरोना काल मे मैं बच्चों से व्हाट्स एप के माध्यम से लगातार संपर्क में था। साथ ही वेबेक्स एप व cgschool.in दोनो सिस्टम का इस्तेमाल करके क्लास 10 th,11th,12th की कक्षाएँ ले रहा था।
Covid 19 के दौरान आनलाइन कक्षा एवम मौहल्ला कक्षाओं के माध्यम से बच्चों से जुड़ने का प्रयास किया । आनलाइन कक्षा में बच्चों की उपस्थिति कम होती थी। कभी-कभी नेटवर्क इशू होता था।पर मोहल्ला क्लास में बच्चे उपस्थित रहते थे। social distance का पालन करते हुए covid के नियमों का कड़ाई से पालन करते हुए मोहल्ला क्लास लिया गया।
मैंने COVID19 महामारी के कारण बच्चों को पढाई के प्रति जो रूझान था।उसे इस महामारी मे कम होते हुये देखा है।फ़िर भी मैंने कोशिश की।कि बच्चों को पढाई से जोडे रखु।ईस के लिए मैंने online class के माध्यम से बच्चों को पढाया।फ़िर भी बहुत सारे बच्चे क्लास में नही जुड़ पाते थे।तो फिर ऐसे बच्चों को मैंने मोहल्ला क्लास के माध्यम से भी पढाया।
कोविड 19 के समय बच्चों की पढ़ाई हेतु शासन के निर्देश नुसार onlion class mohalla class पढाया गया जिसमें बच्चों को क्षेत्र के विभिन्न शिक्षक साथियों के शिक्षण कौसल का लाभ मिला इसके साथ ही बच्चों को वयक्ति गत मोबाइल समपर्क और स्थानीय सामाजिक, सह भाटिया जिसमें शिक्षित युवा साथियों पालकसघ और समाज के अनय हुनरमद साथियों का भी शिक्षणकार्य भरपूर सहयोग मिला और बच्चों को अपनी अवश्य ता व रुचि के अनुसार ज्ञान प्राप्त करने का एक अच्छा अवसर मिला गया था शिक्षण कौशल के जिस क्षेत्र को अब तक इगनोर किया जाता था संकट काल में उसी क्षेत्र ने भरपूर सहयोग दिया इस तरह से कोविड 19 शिक्षा जगत में शिक्षण कौशल की एक नई दिशा लेकर आयीहै comment पढने वाले सभी शिक्षकविदो को धन्यवाद
कोरोना काल के दौरान ऑनलाइन क्लास लिया मौहल्ला क्लास भी लिया छात्र छात्राओं के बने वॉट्सएप्प ग्रुप में भी नोटस भेजा तथा छात्रों को पढ़ाया गया और छात्र छात्राओं को फोन से संपर्क कर पढ़ाई करने के लिए कहा गया इतने प्रयासों के बाद भी ऑनलाइन की कक्षा में बच्चों की उपस्थित कम थी क्योंकि कई बच्चों के पास मोबाईल नहीं है फिर भी इस कोरोना काल में छात्र छात्राओं को पढ़ाई से जोड़े रखने का प्रयास किया जा रहा है।
कोरोना वायरस के प्रभाव से lockdown था जिसके कारण विद्यालय बन्द था इस दौरान मैं बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया लेकिन इस ऑनलाइन क्लास में बच्चे को सीखने में परेशानी होती रही (जैसे:- नेटवर्क समस्या, मोबाइल रिचार्ज/चार्ज आदि)इस कारण यह ऑनलाइन क्लास ज्यादा प्रभावी नही हुआ।
कोरोना का हाल में मोबाइल के माध्यम से बच्चों के साथ संपर्क में लगातार रहे किंतु नेटवर्क नहीं होने के कारण काफी असुविधा हुई व्हाट्सएप व फोन के माध्यम से लगातार बच्चों के साथ में संपर्क बना रहा है
🙏🏻नमस्कार 🙏🏻कोरोना जैसे भीषण महामारी के दौर में हमने बच्चों से सम्पर्क करने के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया ,रोज ऑनलाइन पढ़ाई होती रही परन्तु बच्चों से सीधा सम्पर्क न हो पाने का हमे खेद रहा एवं पुरी ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान नेटवर्क या मोबाइल कुछ बच्चों के पास न होना जैसी समस्याओं से परेशान रहे ।परन्तु मुझे बहुत खुशी है की सभी बच्चों की कक्षाएं ऑनलाइन के माध्यम से संचालित रही जिससे सारे बच्चे लाभान्वित होते रहे किसी की शिक्षा बीच मे नहीं रुकी ।
इस संक्रमण के कारण बच्चे ऑफलाइन पढ़ाई से बिलकुल अलग हो गए.. सिर्फ एक ही ऑप्सन था ऑनलाइन क्लास व वाट्सअप ग्रुप बनाकर बच्चों की समस्या दूर की जाये... लेकिन हमारे स्कूल जहाँ है वहा नेटवर्क की समस्या थी.... फिर बोलटू के बोल, मोहल्ला क्लास आदि के द्वारा बच्चों को शिक्षा दी गई
करोनाकाल मे मैंने बच्चों को वेबेक्स के माध्यम सेआनलाइन पढाया।इसमेँ बहुत सारी तकनीक जानकारी को सीखा।हलाकि नेटवर्क की समस्या थु फिरभी बच्चों ने इस नये माध्यम से भी पढाई का तरीका को सीखा।
During Covid 19, we had a very interactive sessions with students by taking online class for each subject where around 15-20 students gather together to take session. Along with it we took mohalla class and students use to clear doubts using whatsapp group.
कोविड19की वजह से लाकडाउन के दौरान अप्रैल मई 2020 में विद्यार्थियों से संपर्क बनाए रखना अपने आप में बडी कठिन चुनौती थी ।मई 2020में ही छ.ग. शासन स्कूल शिक्षा विभाग ने छ.ग.राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के अंतर्गत "पढ़ई तुंहर दुआर" योजना के रुप में आनलाईन कक्षा प्रारंभ की,जिसमें मैं राजनीति विज्ञान के विषय विशेषज्ञ के रुप में जुड़ा।आनलाईन कक्षा बनाना,विषयवस्तु का पावर पाईंट प्रेजेंटेशन और कक्षा हर किसी के लिए खुला होना,पुनः यूट्यूब से उसे देख पाना,विद्यार्थियों व शैक्षिक प्रशासकों का आनलाईन जुडना आदि नया और रोमांचक अनुभव रहा।इन कक्षाओं से विद्यार्थियों के साथ ही मुझे भी आत्मविकास का अवसर मिला।कोविड की नकारात्मक परिस्थितियों के बीच केवल यही अनुभव सकारात्मक और आत्मविश्वास बढाने वाला बना रहा।
कोरोना जैसे भीषण महामारी के दौर में ऑनलाइन क्लास के माध्यम से अध्यापन किये परंतु बच्चो में जिस उत्सुकता के उम्मीद था वैसा नही मिला, कुछ बच्चों के पास मोबाइल नही था तो कुछ छात्रों को सिग्नल का समस्या था जिन छात्रों तक मोबाइल व नेटवर्क की प्रॉब्लम था मोहला क्लॉस लेकर अध्यापन कराया जिनके पास मोबाइल न होने पर भी अन्य छात्रों के साथ मिलकर अध्ययन किये
कोरोना काल में बच्चों से कक्षा में संपर्क नहीं होने से आनलाइन क्लास एक प्रमुख माध्यम रहा, परन्तु ग्रामीण परिवेश में कई विद्यार्थियों के पास मोबाइल या सही नेट नहीं होने से यह प्रयास पुरी तरह सफल नहीं रहा, मोहल्ला क्लास के रूप में भी बच्चों से संपर्क रहा, कुछ विद्यार्थी से सीधे मोबाइल से भी संपर्क रहा।
कोविड-19 संक्रमण के दौरान विद्यार्थियों से वर्चुअल संपर्क के माध्यम से जुडा़, लेकिन नेटवर्क की समस्या के चलते प्रतिदिन बच्चों की संख्या काफी बदलती रही। साथ ही बच्चों की रूचि में कमी भी होती रही।
कोरोना काल में मोबाइल के माध्यम से बच्चों के साथ संपर्क में लगातार रहे किंतु नेटवर्क नहीं होने के कारण काफी असुविधा हुई व्हाट्सएप व फोन के माध्यम से लगातार बच्चों के साथ में संपर्क में बनी रही और वॉट्सएप में वीडियो बना के डालते रहे जिससे बच्चो की शिक्षा में रुकावट नहीं आयी।
कोरोना काल में मोबाइल के माध्यम से बच्चों के साथ संपर्क में लगातार रहे किंतु नेटवर्क नहीं होने के कारण काफी असुविधा हुई व्हाट्सएप व फोन के माध्यम से लगातार बच्चों के साथ में संपर्क बनाए रखा और वॉट्सएप में वीडियो लगातार डालते रहे जिससे बच्चो की पढ़ाई में नुकसान नहीं हुआ।
कोविड_ 19 के दौरान लॉकडाउन में बच्चों के साथ व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से, ई_ वर्चुअल ऑनलाइन क्लास के माध्यम से संपर्क में रहे। कई बच्चों के पास एंड्राइड फोन नहीं होने के कारण और नेटवर्क की समस्या के कारण क्लास अटेंड नहीं कर पा रहे थे उन बच्चों को, जिनके पास एंड्रॉयड फोन है और जहां पर नेटवर्क है उन बच्चों के साथ जुड़ने के लिए कहा जाता था लॉकडाउन खुलने के बाद मोहल्ला क्लास के माध्यम से पढ़ाई कराया गया ।covid_19 गाइडलाइन का पालन करते हुए। लेकिन इन सब चीजों में बच्चों का रुझान पढ़ाई की ओर बहुत कम दिखा । जो पढ़ाई स्कूल के कक्षा में होती थी और बच्चे जो इंटरेस्ट लेकर पढ़ते थे। वैसा इंटरेस्ट बच्चों में देखने बहुत कम मिला।
कोरोना वायरस ने समाज को गहरी शिक्षा प्रदान की है। सभी ने अपने स्तर पर सहयोग करने की कोशिश की। शिक्षक होने के कारण मेरा कर्तव्य था कि मैं अपनी शिक्षण को इस कठिन परिस्थितियों में भी सुदृढ रूप से क्रमशः जारी रखूं। मोबाइल सेवा तथा कम्प्यूटर के माध्यम से हमने यह प्रयास किया कि अधिक से अधिक और आसान सी शिक्षण व्यवस्था हो। चुनौतियाँ बहुत थी पर सरकार के द्वारा की गई व्यवस्था तथा आधुनिक तकनीकी व्यवस्था के कारण यह आसानी से सम्भव हो सका। ऑनलाइन क्लास, यु ट्यूब के माध्यम से स्वयं की वीडियो लेक्चर बनाकर बच्चों तक पहुँचाना, व्हाट्सएप्प के माध्यम से ग्रुप बनाकर फाइल्स तथा जरूरी सन्देश भेजना, टेलीग्राम में ग्रुप बनाकर क्विज लेना, गूगल फॉर्म की सहायता से प्रश्नोत्तरी तैयार करना । बाद में जब कोरोना का थोड़ा कम प्रभाव रहा तो मोहल्ला क्लास के माध्यम से बच्चों का मार्गदर्शन किया। इस कोरोना काल मे मैने बहुत ज्ञानार्जन किया जिससे कि मेरे बच्चों को मैं बेहतर शिक्षा दे सकूँ। धन्यवाद....
कोर्स 03 गतिविधि 5 : सीखने के परिवेश का सृजन– अपने विचार साझा करें सीखने के परिवेश का सृजन करने के लिए अपने स्वयं के कुछ तरीके सोचें और अपने विचार साझा करें।
कोर्स 02 गतिविधि 2 : अपने विचार साझा करें माध्यमिक स्तर पर आई . सी . टी . आपके शिक्षण , अधिगम और मूल्यांकन कार्यों में कैसे सहयोग करती है ? अपनी समझ साझा करें।
कोर्स 08 : सीखने का आकलन गतिविधि 1 : अपने विचार साझा करें आकलन के ऐसे कौन-से प्रकार हैं जिन्हें आप बुनियादी अवस्था में बच्चों के साथ प्रयोग कर सकते हैं ? आकलन के प्रकारों की सूची बनाएं - विशेष रूप से लिखित परीक्षा से भिन्न आकलन के प्रकार सोचें। अपने विचार साझा करें।
I have taking Online classes regularly
ReplyDeleteI have taking Online classes regularly for class 9 to 12
ReplyDeletecovid-19 के दौरान विद्यार्थियों को ऑनलाइन क्लास के माध्यम से पढ़ाया गया।
ReplyDeleteबच्चों के साथ ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से जुड़े रहे लेकिन बच्चों को नेटवर्क की समस्या और मोबाइल की समस्या के कारण परेशानी हुई।
ReplyDeleteमैं कभी सिस्को वेबेक्स से ऑनलाइन कक्षा ली ,कभी वीडियो बनाकर व्हाट्सएप में भेजी।बहुत सारी मनोरंजक गतिविधियाँ भी कराई।दूसरे जिले से भी बच्चे मेरी क्लास में जुड़ते थे।पर मेरी मेहनत का पूरा फल नहीं मिल पाता था।जो बच्चे ध्यान देते उन्हें समझ आता था, कुछ बच्चे बिल्कुल रुचि नहीं लेते थे,कई बहाने बनाते थे।फिर इस परेशानी को दूर करने के लिए बरामदा क्लास लेना शुरू की।10वी,11वी और 12वी के बच्चों को गणित पढ़ाने के लिए ऑफलाइन क्लास ही उचित लगा मुझे
ReplyDeleteइस कोरोना महामारी के दौरान विद्यार्थियों से ऑनलाइन पढ़ाई के माध्यम से संपर्क में रहे ।
ReplyDeleteइस दौरान बच्चों को शिक्षण संबंधी एवं कोरोना वायरस से बचने के उपाय इत्यादि विषयों पर अवगत कराया गया एवं घर पर रहकर अध्ययन के लिए प्रेरित किया गया ।इसके अलावा मोबाइल एवं अन्य टेक्नोलॉजी का उपयोग करने के लिए कहा गया ।
अमरचंद बर्मन
व्याख्याता
शासकीय उत्तर माध्यमिक विद्यालय चकरभाठा मुंगेली
शुरू शुरू में जब लॉकडाउन से प्रारंभ हुआ था तब ऑनलाइन क्लासेस स्टार्ट करना था लेकिन कभी-कभी परेशानी यह होती थी कि या नेटवर्क प्रॉब्लम या बहुत सारे बच्चों के पास मोबाइल की कमी किसी भी प्रकार से कुछ कुछ ऑनलाइन कक्षाएं ही चल पाई थी 10वीं एवं 12वीं के बच्चों को वीडियो कॉल व्हाट्सएप एवं अन्य लिंक के माध्यम से क्लासेस जारी रखा गया जिस में भी बहुत ही कम बच्चे रुचि लेते थे अब परेशानी यह होता था कि बच्चों से संपर्क कैसे किया जाए क्योंकि कई बच्चे के पास मोबाइल भी नहीं था जैसे तैसे मोहल्ला क्लास लगाकर कुछ लाख डाउन में शिथिलता हुई तो घर में पढ़ा कर उनका कोर्स कंप्लीट कराया गया लेकिन फिर भी उनको उतनी संतुष्टि नहीं मिलती थी जितना बच्चे स्कूल में बैठकर पढ़ते थे
ReplyDeleteTelephone or virtual class k dwara bachho se sampark me rahe...online pdhane ka tarika sikha...training liya Sarva siksha abhiyan se...uska upyog online class me kiya...padhai tohar dwar par content upload karne ka bhi mauka mila
ReplyDeleteमैंने 9th to 12th Mathematics की on-line classes पढ़ई तुंहर दुआर के माध्यम से Cisco वेबेक्स का use करते हुए लिया। जिसमे content और स्क्रीन share करते हुए mathematical app Geogebra का use भी बच्चों को सिखाया ।
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteकोरोना काल मे ऑनलाइन क्लास लेना हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती थी क्योंकि हमारे यहां के अधिकांश बच्चो के पास मोबाइल नही था । तो जो बच्चे ऑनलाइन क्लास में जुड़ते थे उन्हें सहयोग लेकर बाकी के बच्चे अपनी पढ़ाई करते थे ।
ReplyDeleteपवन कुमार देवांगन
शा.हाई स्कूल बिलारी
जांजगीर-चाम्पा
कोरोना महामारी के दौरान बस्तर क्षेत्र में बच्चों से संपर्क में रहना बहुत कठिन था।मैंने व विद्यालय परिवार ने ऑफ लाइन कक्षा के रूप में मोहल्ला क्लास लिया तथा गाँवों में प्रिंट रीच का निर्माण किया, जिससे किताबों व अन्य जरूरी गतिविधियों को गाँवो के दीवारों पर बनाया गया जिससे बच्चे देख देख के उनका मनन एवं ध्यान कर सके।
ReplyDeleteक्योंकि जिस क्षेत्र में हमारा विद्यालय है ,वहाँ ऑनलाइन सुविधाओं के बारे में सोचना मुश्किल कार्य है।
श्रीमती हेमलता बोगिया
शास. हाई स्कूल, माकड़ी
वि.खं./जिला-कोंडागांव
बच्चों के साथ ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से जुड़े रहे, ऑनलाइन क्लास लेना हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती थी, नेटवर्क प्रॉब्लम या बहुत सारे बच्चों के पास मोबाइल की कमी थी । जिन बच्चो के पास मोबाइल था उन्हें उस ग्राम के जिन बच्चो के पास कोई साधन नहीं था ऑनलाइन से जुड़ने का, एक साथ क्लास अटेंड करने को कहा गया। बच्चो के मदद से यह प्रयास सफल हुआ ।
ReplyDeleteकोरोना महामारी के समय बच्चो के साथ ऑनलाइन क्लास के माध्यम से अध्यापन किये परंतु बच्चो में जिस उत्सुकता के उम्मीद था वैसा नही मिला, कुछ बच्चों के पास मोबाइल नही था तो कुछ छात्रों को सिग्नल का समस्या था फिरभी हमलोगों ने बच्चों को अध्यापन कराया अपने पास मोबाइल न होने पर भी अन्य छात्रों के साथ मिलकर अध्ययन किये
ReplyDeleteकोविड19 के समय मैं विद्यार्थियों के साथ ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से जुड़ी रही।नेटवर्क और मोबाइल के समस्या के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ा।बहुत से विद्यार्थियों को ऑनलाइन क्लास का लाभ नही मिल पाया।
ReplyDeleteDuring the time of covid 19 lockdown I had use digital platforms for all educational activities
ReplyDeleteCommunicate students through WhatsApp, Google classroom.
Teaching done with the help of online class by Google meet
I had learnt how to use recorded lecture, pdf, animations, digital whiteboard during online class.
It's a new experience of teaching
कोरोना महामारी के दौरान मैंने सत्र 2020–21 में कक्षा 9वीं और 10वीं के बच्चों को cgschool.in के माध्यम से ऑनलाइन क्लास लेकर पढ़ाने का प्रयास किया साथ ही बच्चों का whatsApp ग्रुप बनाकर उनको reading material उपलब्ध कराकर उन्हें निरंतर पढ़ाई के साथ जोड़कर रखने का प्रयास किया. विषय से संबंधित बहुत सारे topic पर YouTube video बनाकर बच्चों को whatsApp ग्रुप में भेजकर उन्हें पढ़ाने का प्रयास किया. सभी बच्चों का मोहल्ला वार छोटे छोटे ग्रुप बनाकर प्रतिदिन उन्हें शाम को किसी एक बच्चे के घर पर पढ़ने एवं दिए गए कार्य का अभ्यास एक दूसरे के सहयोग से करने को कहा गया और पढ़ाई के दौरान उनसे वीडियो कॉल के द्वारा उनसे उनकी उपस्थिति का पता किया एवं समस्या का समाधान करने का प्रयास किया गया. एक दो दिनों के अंतराल में अचानक किसी ग्रुप के पास पंहुचकर उनसे रुबरु होकर उनकी पढ़ाई से संबंधित कठिनाइयों का निराकरण करने का प्रयास किया गया.
ReplyDeleteवर्तमान सत्र 2021–22 में भी 29 April 2021 से कक्षा 10वीं की ऑनलाइन क्लास मैंने शुरू की है जो कि निरंतर जारी है. वर्तमान में कक्षा 9वीं व 10वीं की ऑनलाइन क्लास जारी है.
कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान बच्चों से लगातार संपर्क मोबाइल के द्वारा बनाए रखें और समय-समय पर उन्हें उनके वर्तमान कक्षा और विषय की जानकारी प्रदान करते रहे, साथ ही उनको विषय से संबंधित संक्षिप्त जानकारी असाइनमेंट शॉर्ट नोट्स और विभिन्न शैक्षिक गतिविधियों के द्वारा पढ़ाई वर्चुअल तरीके से संपन्न कराई गई तथा जिन बच्चों को विषय समझने में कठिनाई महसूस होती थी, उनको विशेष नोट्स और टीचिंग लर्निंग मटेरियल बनाकर ऑनलाइन तरीके से समझाया गया।
ReplyDeleteमैंने Cisco WebEx app के माध्यम से छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाया, एवम whatsapp group बनाकर उनसे ऑनलाइन संपर्क में रहते हुए उनकी जिज्ञासाएं शांत की।
ReplyDeleteकोविड-19के लाकडाउन के दौरान मोबाइल से बच्चों से नियमित सम्पर्क में रहा। आनलाईन क्लास शुरू किया, पर2-3 बच्चों के पास स्मार्टफोन थे। नेटवर्क की समस्या के कारण बच्चे कुछ ही दिन जुड़े। न बच्चों को न ही मुझे कुछ समझ आता था। धीरे-धीरे बच्चों नेआनलाईन क्लास में रूचि नहीं
ReplyDeleteदिखाई। बाद में हमने मोहल्ला क्लास शुरू किया । जिसमें लगभग सभी विद्यार्थियों ने भाग लिया और नियमित अध्ययन -अध्यापन परीक्षा होने तक जारी रहा। परीक्षा के एक दिन पहले बच्चों को जनरल प्रमोशन दें दिया गया
मैंने cgschool.inके माध्यम से ऑनलाइन पढ़ाया और बच्चों को covid19 के समय भी पढ़ाई से जोड़े रखा।
ReplyDeleteकोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान बच्चों से लगातार संपर्क मोबाइल के द्वारा बनाए रखें और समय-समय पर उन्हें उनके वर्तमान कक्षा और विषय की जानकारी प्रदान करते रहे, साथ ही उनको विषय से संबंधित संक्षिप्त जानकारी असाइनमेंट शॉर्ट नोट्स और विभिन्न शैक्षिक गतिविधियों के द्वारा पढ़ाई वर्चुअल तरीके से संपन्न कराई गई तथा जिन बच्चों को विषय समझने में कठिनाई महसूस होती थी, उनको विशेष नोट्स और टीचिंग लर्निंग मटेरियल बनाकर ऑनलाइन तरीके से समझाया गया।
ReplyDeleteकोविड संक्रमण के दौरान अपने विद्यार्थियों के साथ ऑनलाइन ग्रुप बना कर संपर्क स्थापित किया गया एवं कोविड से सम्बंधित जानकारियां/बचाव के वास्तविक तरीके एवं मिथ्या अवधारणाओं से विस्तार में चर्चा किया जाता रहा है
ReplyDeleteकोविड के दौरान शिक्षण शैली में मुख्य बदलाव ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से अध्ययन-अध्यापन के साथ सांस्कृतिक एवं साहित्यिक गतिविधियों को भी संचालित किया गया और विषय सम्बन्धी परीक्षा/अवलोकन/मूल्यांकन भी किया गया जिससे विद्यार्थियों एवं शिक्षको को इंटरनेट से जुड़कर सिखने का मौका मिला जो बेहद कारगर सिद्ध हुआ।
By
K.K.Gopal(lect.)
G.H.S.S.Silli
मै पांच माह तक गणित का आनलाईन क्लास लिया मेरे स्कूल के साथ साथ अन्य स्कूल के विद्यार्थी भी इन क्लासेज मे जुड़े लेकिन गणित जैसे विषय को अध्यापन आनलाईन कराने मे बहुत समस्या आई विद्यार्थी हालांकि पुरी तरह से समझ नहीं पाते थे लेकिन पुछने पर हां सर समझ मे आ गया आगे बढ़ते हैं जैसा जवाब देते थे पर पता तब चलता था जब कोई प्रश्न करने पर उसका सही ढंग से उत्तर नहीं दे पाते थे बाद मे मैने कोविड19के नियमों को पालन करते हुए आफलाइन क्लास भी लिया क्योंकि गांवो मे नेटवर्क कि समस्या उपर से बच्चों के पास एन्ड्राइड मोबाईल कि अनुपलब्धता और है भी तो डाटा पेकेज डलवाने मे असमर्थ
ReplyDeletecovid-19 के दौरान कक्षा नही लगने पर हम बच्चों से सिस्को webex app के माध्यम से वर्चुअल मीटिंग कर बच्चों को सीखने के लिये प्रेरित करते रहे
ReplyDeleteमैंने विद्यार्थियों के मोबाइल नम्बर प्राप्त कर पालकोसे सम्पर्क कर ऑनलाइन कक्षा की आवश्यकता समझाया उन्हें अपने पाल्य को ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से अपनी पढ़ाई जारी रखने हेतु प्रेरित किया नियमित रूप से ऑनलाइन क्लास ली पाठ्यक्रम से सम्बंधित ऑडियो और वीडियो बना विद्यार्थियों को अवधारणा स्प्ष्ट करने का प्रयास किया
ReplyDeleteCovid 19 के दौरान विद्यार्थियों को ऑनलाइन क्लास लिया गया।
ReplyDeleteजिसमे कुछ बच्चों को नेट्वर्क की समस्या और कुछ बच्चों को मोबाइल की समस्या का ,और कुछ बच्चों को डाटा का,सामना करना पड़ा।
मैने कक्षावार watsab ग्रुप के माध्यम बच्चो सीखने-सिखाने का प्रयास किया।
सिखाने का प्रयास किया
बच्चों के साथ ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से जुड़े रहे, ऑनलाइन क्लास लेना हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती थी, नेटवर्क प्रॉब्लम या बहुत सारे बच्चों के पास मोबाइल की कमी थी । जिन बच्चो के पास मोबाइल था उन्हें उस ग्राम के जिन बच्चो के पास कोई साधन नहीं था ऑनलाइन से जुड़ने का, एक साथ क्लास अटेंड करने को कहा गया। बच्चो के मदद से यह प्रयास सफल हुआ ।
ReplyDeleteश्रीमति रीना जैन व्याख्याता शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नवागॉव पेड्रा
ReplyDeleteबच्चों के साथ ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से जुड़े रहे, ऑनलाइन क्लास लेना हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती थी, नेटवर्क प्रॉब्लम या बहुत सारे बच्चों के पास मोबाइल की कमी थी । जिन बच्चो के पास मोबाइल था उन्हें उस ग्राम के जिन बच्चो के पास कोई साधन नहीं था ऑनलाइन से जुड़ने का, एक साथ क्लास अटेंड करने को कहा गया। बच्चो के मदद से यह प्रयास सफल हुआ ।
सुश्री रजनी साहू व्याख्याता शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नवागॉव पेड्रा
Covid-19 के दौरान हम हमारे स्कूल के बच्चों के साथ आॕनलाईन जुड़ने का प्रयास किये पर लगभग 40% ही सफल हो पाये क्योंकि ज्यादातर बच्चों के पास मोबाईल नहीं है घर में एक मोबाईल है, तो पापा ,मम्मी या भाई पकड़ कर बाहर चले जाते है, किसी के पास पुरानी मोबाईल है जिसमें स्टोरेज, वर्जन मे समस्या है, और कई और ऐसी ही छोटी छोटी समस्या की वजह से ऑनलाइन क्लास सफल नही हो पा रहा, परंतु जो बच्चे ऑनलाइन क्लास में जुड़े उनका response अच्छा आया |
ReplyDeleteकोरोना काल के दौरान के दौरान मेरे द्वारा ऑनलाइन क्लास लिया गया, परंतु यह देखा गया कि कुछ बच्चों के पास मोबाइल नहीं था तो मैंने मोहल्ला क्लास जनरेट करके ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों क्लास लिया, इससे जिनके पास मोबाइल था वह ऑनलाइन में जुड़े और जिनके पास मोबाइल नहीं था वह मोहल्ला क्लास के द्वारा क्लास में जुड़े।
ReplyDeleteकोरोना वायरस के दौरान बच्चों को ऑनलाइन क्लास के माध्यम से शिक्षा से जोड़ने का प्रयास किया परंतु ग्रामीण क्षेत्र में नेटवर्क प्रॉब्लम और गरीब बच्चों के पास स्मार्ट फ़ोन उपलब्ध नही होने कारण ऑनलाइन क्लास में परेशानी हुई।
ReplyDeleteI have taken online classes.but atudents are not taking interest on it.Most of the students are not attend the class and sometime network isaue was there..interaction with students can only be possible through offline classe
ReplyDeleteकोरना काल के दौरान मैंने ऑनलाइन कक्षाएं ली जिन बच्चों के पास मोबाइल नहीं है उनसे व्यक्तिगत संपर्क करके मोहल्ला क्लास भी संचालित किया
ReplyDeleteCovid-19 काल में हमारे सामने बहुत सारी परेशानियां आईं। ऑनलाइन क्लास के द्वारा उनकी पढाई जारी रखने की कोशिश की परंतु नेटवर्क इशू के कारण बहुत कम बच्चे जुड पाते हैं। ज्यादातर बच्चों के पास मोबाइल नहीं होने के कारण उनसे संपर्क करना बहुत मुश्किल हो रहा था फिर भी हमने कोशिश करते-करते उनके माता पिता से मोबाईल खरीदवा कर उनके साथ वाट्सएप के माध्यम से जुड कर उनकी पढाई जारी रखी। और जिनके पास मोबाइल नहीं था उनसे व्यक्तिगत संपर्क करके उनको मोहल्ला क्लास के द्वारा पढाया।
ReplyDeleteCOVID-19 के दौरान विद्यार्थियों से whatsapp के द्वारा संपर्क में थे। प्रत्येक कक्षा का एक अलग समूह बनाया गया । शैक्षणिक, परीक्षा, विद्यालय संबंधी जानकारियां आदि whatsapp में बने समूहों के माध्यम से दिया जाता था।
ReplyDeleteपहले शिक्षण कक्षा-कक्ष वातावरण पर आधारित था लेकिन COVID-19 के दौरान मोबाइल ही शिक्षण का सबसे बड़ा सहारा बना। मेरे द्वारा whatsapp समूहों में voice message के माध्यम से, Webex app द्वारा ऑनलाइन कक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों तक शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित की गई। Youtube video के लिंक भेजना, 3D gif image, PPT आदि के माध्यम से भौतिकी जैसे अमूर्त विषय को मूर्त रूप देने का प्रयास किया गया।
यह भी मेरे शैक्षिक जीवन का अद्भुत समय रहा जिसमें विद्यार्थियों को अपरंपरागत माध्यमों से शिक्षित करने के प्रयास में मुझे भी बहुत कुछ सीखने को मिला।
कोरोना कॉल में शिक्षा पर जहां प्रश्न सिंह लग गया था वही आशा की किरण बनकर ऑनलाइन शिक्षा ने पठन-पाठन को गति प्रदान की।
ReplyDeleteछत्तीसगढ़ राज्य शासन की ओर से पढ़ाई तुंहर द्वार पोर्टल बनाए जाने से ऑनलाइन पढ़ाई को एक नई दिशा मिली, सही समय पर शासन द्वारा लिए गए इस निर्णय से लाखों बच्चे जो कि स्कूल बंद होने से शिक्षा से वंचित हो जाते, वह अपने अपने घरों में सुरक्षित रह कर भी शिक्षा प्राप्त कर सकें इस तरह की व्यवस्था सुनिश्चित की गई।
शिक्षकों को इस दिशा में कार्य करने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इसी कार्य में मैंने भी अपना योगदान दिया। आसान नहीं था छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा के लिए तैयार करना....। सभी छात्रों के पास मोबाइल का ना होना, हर जगह नेटवर्क का ना मिलना, तो एक समस्या थी ही साथ ही साथ छात्र इस नए तरीके को जल्द अपनाने के लिए तैयार भी नहीं थे। ऐसे में मैंने मेरी कक्षा के सभी छात्रों की सूची बनाकर सर्वप्रथम उन्हें जागरूक किया इसके लिए मैं उनके गांव उनके गली मोहल्ले में जाकर उनसे मिला उन्हें ऑनलाइन कक्षा के लिए प्रेरित किया तथा छत्तीसगढ़ शिक्षा पोर्टल में उनका नाम रजिस्टर करता गया जिनके पास मोबाइल की सुविधा नहीं थी उन्हें ग्रुप में रहकर पढ़ने के लिए उनके ग्रुप का निर्माण किया ताकि वह भी ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण कर सकें।
मैंने उनकी ऑनलाइन कक्षाएं लेना प्रारंभ की तथा रोचक तरीके से पढ़ाना शुरू किया मैं उन्हें तुरंत ही पढ़ाए गए टॉपिक की पीडीएफ भी भेज दिया करता तथा मैंने अपने सभी टॉपिक के वीडियो भी बनाना शुरू किए जिससे कि वे छात्र जो अब भी पोर्टल से जुड़ नहीं पा रहे थे वह मेरे वीडियो देखकर पाठ समझ सके।
इसी दिशा में मैंने वीडियोस बनाकर छत्तीसगढ़ शासन की साइट पढ़ई तुंहर द्वार मैं भी अपलोड किए जिससे बहुत से छात्र छात्राओं को उसका लाभ मिल सके। मैंने हर पाठ पूर्ण करने के बाद बच्चों को प्रश्न भेज कर उनकी परीक्षा भी ली जिससे पांच के प्रति उनकी समझ रोचकता तथा ऑनलाइन उपस्थिति जान सकूं। मैंने अपने जिले धमतरी से सर्वाधिक डिजिटल सामग्री छत्तीसगढ़ पोर्टल में डालने में भी अपनी भूमिका निभाई। मेरे द्वारा सीजी school.in पोर्टल में अपने विषय से संबंधित 87 डिजिटल सामग्री अपलोड किए जिसमें से 67 डिजिटल सामग्री अप्रूव होकर पोर्टल में अपलोड किए जा चुके हैं। जोकि कुरूद विकासखंड में ही नहीं बल्कि धमतरी जिले में भी सर्वाधिक है।
मैं अवनीश तिवारी शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुरूद अपने द्वारा किए गए सभी प्रयासों से बहुत खुश हूं तथा मैंने इस कोरोना काल में भी अपने शिक्षक होने का सभी फर्ज निभाया है। साथ ही साथ मैं छत्तीसगढ़ शासन द्वारा बच्चों की शिक्षा लिए किए गए सभी संभव प्रयासो से बहुत प्रसन्न हूं
COVID-19 के दौरान विद्यार्थियों से whatsapp के द्वारा संपर्क में थे। प्रत्येक कक्षा का एक अलग समूह बनाया गया । शैक्षणिक, परीक्षा, विद्यालय संबंधी जानकारियां आदि whatsapp में बने समूहों के माध्यम से दिया जाता था।
ReplyDeleteकोरोना महामारी के दौरान मैंने सत्र 2020–21 में कक्षा 9वीं और 10वीं के बच्चों को cgschool.in के माध्यम से ऑनलाइन क्लास लेकर पढ़ाने का प्रयास किया गया।
इस दौरान बच्चों को शिक्षण संबंधी एवं कोरोना वायरस से बचने के उपाय इत्यादि विषयों पर अवगत कराया गया एवं घर पर रहकर अध्ययन के लिए प्रेरित किया गया । इसके अलावा मोबाइल एवं अन्य टेक्नोलॉजी का उपयोग शिक्षण हेतु करने के लिए प्रेरित किया गया ।
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteवैश्विक महामारी हम समस्त विद्यार्थियों से लगातार व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से संपर्क में बने हुए हैं इसके साथ ही हम नवाचार एवं आईसीटी के विभिन्न तकनीकों का उपयोग करते हुए लगातार ऑनलाइन क्लासेस और विद्यार्थियों के लिए नए रुचिकर टेस्ट लेते आ रहे है ।
ReplyDeleteकोरोना महामारी के समय बच्चो के साथ ऑनलाइन क्लास के माध्यम से अध्यापन किये नेटवर्क और मोबाइल के समस्या के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ाजिन बच्चों के पास मोबाइल नहीं है उनसे व्यक्तिगत संपर्क करके मोहल्ला क्लास भी संचालित किया
ReplyDeleteकोरोना काल मे ऑनलाइन क्लास लेना हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती थी क्योंकि हमारे यहां के अधिकांश बच्चो के पास मोबाइल नही था । तो जो बच्चे ऑनलाइन क्लास में जुड़ते थे उन्हें सहयोग लेकर बाकी के बच्चे अपनी पढ़ाई करते थे ।उनसे व्यक्तिगत संपर्क करके मोहल्ला क्लास भी संचालित किया
ReplyDeleteमैंने पिछले सत्र में 9वी, 10वी और 12वी की नियमित ऑनलाइन क्लास लिया। बच्चों की सहभागिता 10वी और 12वी का सन्तोषप्रद था लेकिन 9 वी वालो ने ऑनलाइन क्लास में रुचि नही दिखाई। नेटवर्क प्रॉब्लम से ऑनलाइन क्लास प्रभावित रहा।
ReplyDeleteकोरोना वायरस 19 के दौरान बच्चों को ऑनलाइन क्लास के माध्यम से शिक्षा से जोड़ने का प्रयास किया परंतु ग्रामीण क्षेत्र में नेटवर्क प्रॉब्लम और गरीब बच्चों के पास स्मार्ट फ़ोन उपलब्ध नही होने कारण ऑनलाइन क्लास में परेशानी हुआ
ReplyDelete
ReplyDeleteकोविड़ 19 के वजह से आनलाइन कक्षाओं से बच्चों को जोड़ने का समग्र प्रयास करती हूं शहरी क्षेत्रों के बच्चों की उपस्थिति अच्छी रहती है परन्तु ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे नेटवर्क एवं फोन की सुविधाएं नही होने के वजह से आनलाइन कक्षाओं में उपस्थित नहीं हो पाते हैं
COVID-19 होने के कारण विद्यार्थियों से whatsapp के द्वारा संपर्क में थे। प्रत्येक कक्षा का एक अलग समूह बनाया गया । शैक्षणिक, परीक्षा, विद्यालय संबंधी जानकारियां आदि whatsapp में बने समूहों के माध्यम से दिया जाता था।
ReplyDeleteकोरोना महामारी के दौरान मैंने सत्र 2020–21 में कक्षा 11वीं और 12वीं के बच्चों को cgschool.in के माध्यम से ऑनलाइन क्लास लेकर पढ़ाने का प्रयास किया गया।
इस दौरान बच्चों को शिक्षण संबंधी एवं कोरोना वायरस से बचने के उपाय इत्यादि विषयों पर अवगत कराया गया एवं घर पर रहकर अध्ययन के लिए प्रेरित किया गया । इसके अलावा मोबाइल एवं अन्य टेक्नोलॉजी का उपयोग शिक्षण हेतु करने के लिए प्रेरित किया गया ।
कोविड़ 19 महामारी की वजह से आनलाइन कक्षाओं का संचालन किया परन्तु ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे नेटवर्क एवं फोन सुविधाएं नही होने के कारण कक्षा में जुड़ नही पाते थे .. नवनीत कमल व्याख्याता जगदलपुर छत्तीसगढ़
ReplyDeleteCovid 19 के समय 9 से 12वी तक के विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन क्लास लिया,परन्तु स्मार्ट फोन की अनूपलब्धता,ग्रामीण क्षेत्रो में नेटवर्क प्राब्लम,छात्रों के पास डाटा की कमी इत्यादि कारणों से वे नही जुड़ पाते।
ReplyDeleteज्यादातर बच्चो में पढाई के प्रति उदासीनता देखी गई।बालिकाओ की संख्या बालककेँ अधिक होती थी।
कोविड 19 के दौरान whatsapp group के माध्यम से विद्यार्थियों के संपर्क में थे और cgschool.in के माध्यम से ऑनलाइन क्लास लेकर विद्यार्थियों को पढ़ाने का प्रयास किया परंतु ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे नेटवर्क एवम मोबाइल सुविधा न होने के कारण कक्षा में नही जुड़ पाते थे।
ReplyDeleteकोरोना काल विद्यार्थियों एवम शिक्षकों के लिए दुखद समय रहा । शासन द्वारा निर्देशित शैक्षिक विकल्प ऑनलाइन क्लास एवम मोहल्ला वलास बहुत प्रभावी रहे। हमारे विद्यालय में शासन के आदेशानुसार बच्चों का व्हाट्सएप ग्रुप तैयार कर बच्चो को ऑनलाइन कक्षा द्वारा पढ़ाई हेतु समय सारिणी तैयार की गई। मैंने अपने विद्यार्थियों को व्यक्तिगत कॉल करके ऑनलाइन क्लास में जुड़ने संबंधी तकनीकी प्रक्रियाओं के बारे में समझाया साथ ही विद्यार्थियों को ऑनलाइन वलास में जुड़ने में आने वाली आने वाली तकनीकी सम्याओं को कॉल, एवं वीडियो कॉल के माध्यम से दूर करने का सफल प्रयास किया। बच्चो की पढ़ाई को प्राथमिकता देते हुए मैने अपने विषयों के साथ साथ उन विषयों का भी अध्यापन किया जिन विषयों के विषय शिक्षक नही थे। मैने अपने शिक्षण में बच्चों को व्हाइट बोर्ड, एनोटेशन, फ़ोटो एवं वीडियो के माध्यम से अध्ययन को सरल और सुगम बनाने का प्रयास किया। PTD द्वारा आयोजित होने वाली ऑनलाइन कक्षाओं के लिंक बच्चो उपलब्ध कराया। जिससे वे अधिक से अधिक अध्ययन कर सके। PTD द्वारा आयोजित MOTIVATIONAL वीडियो बच्चों को प्रेरित करने में काफी मदद मिली।
ReplyDeleteकोविड 19 के दौरान ऑनलाइन क्लास लेने में यह समस्या आया की ग्रामीण क्षेत्र के कई सारे बच्चे के पास मोबाइल नही होने के कारण बच्चे क्लास में जुड़ नहीं पाते थे। कुछ बच्चों को व्हाट्सएप के द्वारा पढ़ाया गया जो उनके लिए पढ़ाई से जुड़े रहने में मददगार साबित हुआ
ReplyDeleteकोविड 19 के विकराल समय मे विद्याथियों का अध्यापन सुचारू रूप से नही हो पा रहा था , इस समय इस व्यवस्था को बनाए रखने के लिए , छत्तीसगढ़ राज्य में "पढ़ाई तुंहर द्वार " के माध्यम से ऑन लाइन क्लास लिया, बच्चों के रुझान को देखते हुए , कई व्हाट्सएप ग्रुप बनाए जिनके माध्यम से राज्य के अलग अलग जिले के विद्याथी जुड़े और बहुत ही जिज्ञासा के आनंदपूवक अध्ययन किया।
ReplyDeleteमोबाईल के टेक्स्ट मैसज के माध्यम से विद्यार्थियों की समस्या और आवश्यकता होने पर कॉल द्वारा भी उनके अध्ययन को जारी रखने का प्रयास किया गया
ReplyDeleteCovid ki pandemic me cgschoo.in n ciscowebex k through online class liya gya from 11th 12th physics n jinbachho k pas android phone ni ta unhe mohalla class me padhaya vua
ReplyDeleteAprajita singh lecturer G.H.S.S TAGA
जीवन में कभी कभी ऐसे भी पल आते हैं जब हम महसूस कर लेते हैं कि ये वही पर हैं ,और हम उस खुशी को महसूस कर पा रहे हैं
ReplyDeleteकोर्स 3 गति विधि 2 दैनिक जीवन में व्यक्ति गत सामाजिक गुणों की बहुत महत्त्ता है ये गुण शिक्षार्थी शिक्षक से निरंतर सीखता है
ReplyDeleteकोरोना काल मे हमने मोहल्ला क्लास लिया। बच्चो ने उत्साहपूर्वक शिक्षण अधिगम मे भाग लिया।
ReplyDeleteकोविड19के समय कोविड 19के नियमों को पालन करते हुऐ आनलाईन कक्षा चालू की गई जिसमें छात्रों की जूडने की संख्या कम थी,क्षेत्र में नेटवर्क समस्या थी।कुछ छात्रों टके पास मोबा. नहीं है। फिर मास्क लगा कर सैनीटाइजर का उपयोग करते हुए दोगज कि दूरी का पालन किया गया।
ReplyDeleteI was taking online classes regularly.
ReplyDeleteकोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान बच्चों से लगातार संपर्क मोबाइल के द्वारा बनाए रखें और समय - समय पर उन्हें उनके वर्तमान कक्षा और विषय की जानकारी प्रदान करते रहे , साथ ही उनको विषय से संबंधित संक्षिप्त जानकारी असाइनमेंट शॉर्ट नोट्स और विभिन्न शैक्षिक गतिविधियों के द्वारा पढ़ाई वर्चुअल तरीके से संपन्न कराई गई तथा जिन बच्चों को विषय समझने में कठिनाई महसूस होती थी , उनको विशेष नोट्स और टीचिंग लर्निंग मटेरियल बनाकर ऑनलाइन तरीके से समझाया गया ।
ReplyDeleteकोविड 19 के दौरान शिक्षा व्यवस्था थोड़ी मुश्किल भरी रही। मैने ऑनलाइन क्लास वेबेक्स के माध्यम से लिया। प्रारंभ में छात्र अधिक संख्या में शामिल हुए, बाद में कम होते गए, फिर भी मैंने पढ़ाया। छात्रों को व्हाट्सएप के द्वारा भी जानकारी साझा किया।यूट्यूब के लिंक्स व कुछ वेबसाइट जिसमे उनके विषय से संबंधित तथ्य अच्छे से दिए थे, का साझा किया।
ReplyDeleteकोविड 19 के दौरान ऑनलाइन कक्षा संचालित करने के लिए मोबाईल
ReplyDeleteव्यवस्था तथा नेटवर्क की समस्या के कारण मोहल्ला क्लास का संचालन किया गया
कोविड 19 के कारण शाला नही लग पाने से बच्चों के अध्ययन की जो धारा होती है वह नही हो पाई पर आज की आधुनिक प्रणालियों से मदद मिली मेरे क्षेत्र के सभी बच्चों के पास ऑनलाइन कक्षा संचालित करने में अधिक सफलता नही मिली फिर वाट्सएप के माध्यम से बच्चों से जुड़े और अध्ययन सामाग्री उन्हें उपलब्ध कराते रहे एवं असाइनमेंट के सम्बंध में जानकारी देते रहे कुल मिलाकर ये समय सब के लिए नये अनुभव लेकर आया और आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है को चरितार्थ करते हुए नये नये अध्यापन के मार्ग उपयोग में लाना सिखाया
ReplyDeleteOnline class, mohalla class ke dura bacho se jude rahe.covid niymu ka palan karte hue bacho ki padhai Karie jaye
ReplyDeleteमैं कोविड़ 19 के दौर मे बच्चों से ऑनलाइन कक्षा के माध्यम से जुड़ा रहा लेकिन अधिकतर बच्चे जुड़ने में कोई रुची नई दिखा रहे थे जो कुछ भी रुची दिखाये उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ा क्योंकि हमारे स्कूल दूरदराज के गांव में हैं यहाँ नेटवर्क व जागरूकता की परेशानी बहुत है ।इस परिस्थिति को देखते हुए मोहल्ला क्लास के माध्यम से बच्चों से जुड़े लेकिन इस प्रयास में सभी विद्यार्थियों ने उपस्थित दर्ज करने मे रूची नई दिखाया परंतु पहले से कुछ बेहतर रहा ।
ReplyDeleteकोविड-19 संक्रमण पर शाला के भौतिक रूप से बंद रहने दौरान WebEx Meeting App और छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग के पढाई तुहर द्वार के संयुक्त साइट से आनलाइन कक्षा संचालन किया गया।जागरूक व साधन सम्पन्न अभिभावक के बच्चों द्वारा ही इस अध्यापन का लाभ उठाया गया।
ReplyDeleteकोविड-19 महामारी के दौरान बच्चों से लगातार मोबाइल से संपर्क में थी 9 वीं से 12 वीं तक का अलग-अलग व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जिसमें विषय वस्तु से संबंधित बच्चों को सभी जानकारी देती थी cgschool. inके माध्यम से Cisco वेबैक्स से लगातार ऑनलाइन क्लास के माध्यम से प्रयास किया l विषय से संबंधित यूट्यूब वीडियो, Phetसिमुलेशन , क्लिक्स मॉड्यूल, क्लिक्स ऑडियो वीडियो , वॉइस मैसेज तथा सामान्य मैसेज के द्वारा लगातार बच्चों से जुड़े रहने में यह मेरे लिए मददगार साबित हुई बिल्कुल नया अनुभव था बहुत कुछ सीखने को मिला l
ReplyDeleteकोरोना महामारी के दौरान विद्यार्थियों से सीधा संपर्क नहीं हो पा रहा था। अतः ऑनलाइन क्लास के द्वारा शिक्षण कार्य कराया गया, साथ ही जिन बच्चों के पास स्मार्टफोन नहीं था उन्हें फोन में बात करके जानकारी दी गई।
ReplyDeleteCorona kal me hamne online class k madhyam se students k sath content kl bataya . Jo ruchikar aur students k liye nya mode tha.aur teachers k liye bhi bahut kuchh nyi bate sikhne ko bhi mila . Gramin kshetra me connectivity aur mobile ki anuplabhta students k sikhne me badhak rhi .
ReplyDeleteMein Corona mahamari ke dauran bacchon se Sidhe Sampark Me to nai aa payi Kintu online class ke Madhyam se Shikshan Karya karwaya maine ..9th se 12thTak ka alag alag WhatsApp group Banaya jismein Vishay se sambandhit Sabhi Jankari Di gai Jaise Cisco WebEx kaise download karna hai, CG school.in ke Madhyam se kis Prakar se class attend karna hai , bacchon ko samjhaya Gaya ki jyada se jyada bacche classess attend Karen, knowledge Bade . Vishay se sambandhit YouTube video aur Kai Tarah Ke messages bacchon ke sath Saja Karte Rahe. Sabhi guidelines ka palan karte hue Moholla class bhi kiye jisme jo bachche online nai Judd paa rahe the ve sab aa sake..
ReplyDeleteIn Covid 19 Pandemic I was taking Online Classes on regular basis.
ReplyDeleteCovid 19 के कारण बच्चो की पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए 9,11 व 12 के विद्यार्थियों के लिए अलग से wattsapp grp बनाकर उसमें विसयानुसार वीडियो बनाकर पाठ्य सामग्री को समझाने का पूरा प्रयास किया गया तथा प्रतिदिन ऑनलाइन क्लास ली गई ।
ReplyDeleteI have taken online classes
ReplyDeleteकोविड काल में कक्षा 11 वी और 12 वी के विद्यार्थियों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर नियमित पाठ्य सामग्री वीडियो आदि के द्वारा ऑनलाइन अध्यापन कार्य किया गया।
ReplyDeleteछत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग की पहल 'पढ़ई तुंहर दुआर ' के प्रारंभ से ही कोरोना वैश्विक महामारी की कठिन परिस्थिति में श्री कौशिक मुनि त्रिपाठी द्वारा ऑनलाइन कक्षा की शुरुआत की गयी। इनकी ऑनलाइन कक्षा में छत्तीसगढ़ के लगभग सभी जिलों के विद्यार्थी जुड़ते हैं। इनके द्वारा कक्षा को प्रभावपूर्ण बनाने के लिए रुचिकर पी पी टी तैयार किया जाता है तथा समय -समय पर ऑनलाइन क़्विज का आयोजन भी किया जाता है।
ReplyDeleteइनकी कक्षा में छतीसगढ़ के लगभग सभी जिलों के विद्यार्थियों की सहभागिता के बाबजूद इनके स्वयं के विद्यालय के कुछ विद्यार्थी इनकी ऑनलाइन कक्षा में जुड़ पाने मेंअसमर्थ थे। इसके लिए इन्होने 'कैंपेन टू 100 % अटेंडेंस ' शुरू किया। इन्होंने फ़ोन के माध्यम से एवं आवस्यकतानुसार उन विद्यार्थियों से संपर्क करना शुरू किया जो ऑनलाइन कक्षा में उपस्थित नहीं हो पा रहे थे किन्तु बहुत से विद्यार्थियों के पास मोबाइल की उपलब्धता न होने की वजह से साथ ही साथ नेटवर्क की समस्या की वजह से ऑनलाइन कक्षा में उपस्थित नहीं हो पा रहे थे। अब " कैंपेन टू 100 % अटेंडेंस " के तहद ऑनलाइन कक्षा के साथ -साथ ऑफलाइन कक्षा (जैसे मोहल्ला कक्षा ) एक उपाय था। इस ऑफलाइन कक्षा में बच्चों को पढ़ाने के साथ -साथ उन्हें “अध्ययन सामग्री” भी उपलब्ध कराया जाता है।
इस प्रकार कोरोना वैश्विक महामारी की इस कठिन परिस्थिति में कौशिक मुनि त्रिपाठी का "कैंपेन टू 100 % अटेंडेंस" जारी है जिससे विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं।
This time i m excited to join with new session of online class
ReplyDeleteमहामारी के दौरान छात्र का व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया और कक्षाएं ली गईं. क्योंकि नेटवर्क की समस्या और घर में मोबाइल नहीं होने के कारण ऑनलाइन कक्षाओं के दौरान छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था.
ReplyDeleteI came in contact with my students through phone calls and whatsapp. I used digital teaching methods like online classes , animated videos which was very effective in my teaching classes. I put more stress on their writing work and English pronunciations and creativity too.
ReplyDeleteCovid 19 के दौरान बच्चों को आन-लाइन क्लास के माध्यम से शिक्षा से जोड़ने का प्रयास किया लेकिन बच्चों को नेटवर्क की समस्या और मोबाइल की समस्या के कारण परेशानी हुई।
ReplyDeleteI was very exited for online teaching some students are interested for online classes but some have problems of Network and unavailable of android mobile. ln this pandemic situation I made what's app group for students and continue teaching by virchual virchual class continue.
ReplyDeleteI was not very happy about online classes because this online classes has drawn barrier between rural and urban students. The students of villages were in field for cropping and cattling and urban children were in front of computers and labtops. The school life of rural students completely changed. It means online class were complete disaster for rural child. As a teacher of rural school I was and am very disappointed. Online classes are good but not suitable for rural child the reason is known to everyone. Instead of online class mohalla class is suitable.
ReplyDeleteकोरोना काल मे बच्चों को पढ़ाई से जोड़ने के लिए सोशल मीडिया का सहयोग लिया बच्चों का व्हाट्सएप ग्रुप बना कर टीचिंग मटेरियल वीडियो पीडीएफ देना व ऑनलाइन क्लास में जुड़ने की तकनीक को समझा कर ज्यादा से ज्यादा बच्चों को शिक्षा से जोड़े रहने का प्रयास किया गया। अब बच्चों में टेक्नोलॉजी के उपयोग व ICT का महत्व समझ आया है बच्चे मोबाइल का सही उपयोग करना सीख रहे है। साथ ही शिक्षक भी अब शिक्षण में टेक्नोलॉजी के महत्व को समझ गए है।
ReplyDeleteकोरोना काल में बच्चो से जुड़ने के लिए हमने वॉट्सएप ग्रुप बनाया और बहुत से videos ,clippings ,PDF के माध्यम से शिक्षण सामग्री उन तक पहुचाने का प्रयास किया ऑनलाइन क्लासेज भी चलाई जो काफ़ी interesting रही पहले हमने इतने TLM का उपयोग नहीं किया था जितना इस कोरोनाकाल में किया है अब हमारा ये मोबाइल फोन काफी महत्वपूर्ण TLM बन चुका है इसकी मदद से हमने अपनी शिक्षण विधि में बहुत से परिवर्तन किए है जो कॉन्सेप्ट बच्चो को क्लियर नहीं हुए उनको VIDEOS ,pics clippings दिखाया,यूट्यूब की सहायता से विषय विषेज्ञयो की कक्षा में सम्मिलित करवाया जो निश्चित रूप से एक अलग एहसास था।
ReplyDeleteDuring Covid-19, I changed my ways of teaching. I took online class. Online class takes a lot of preparedness and skill. Hence I enhanced my skill for online class. I saw many online class on YouTube . I learned to make video lecture for my students. I used google forms to test my students to know their learning out come.
ReplyDeleteI learned to prepare slide based lecture for the students.
Thus, this Covid-19 pandemic gave us an opportunity to try new things to teach our students in a different way sitting in our home while maintaining the protocol of Covid-19
कोविड के दौरान ऑनलाइन क्लास के माध्यम से जुड़ा रहा ,बहुत कम ही विद्यार्थी जुड़ पाते थे अधिकांश कुछ न कुछ समस्या बताते थे ,ऑनलाइन पढ़ाने में आत्मसंतुष्टि नही हुई
ReplyDeleteमहामारी के दौरान छात्र का व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया और कक्षाएं ली गईं, क्योंकि नेटवर्क की समस्या और घर में मोबाइल नहीं होने के कारण ऑनलाइन कक्षाओं के दौरान छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था.मैं कभी सिस्को वेबेक्स से ऑनलाइन कक्षा ली ,कभी वीडियो बनाकर व्हाट्सएप में भेजी।बहुत सारी मनोरंजक गतिविधियाँ भी कराई।दूसरे स्कूल से भी बच्चे मेरी क्लास में जुड़ते थे।पर मेरी मेहनत का पूरा फल नहीं मिल पाता था।जो बच्चे ध्यान देते उन्हें समझ आता था, कुछ बच्चे बिल्कुल रुचि नहीं लेते थे,कई बहाने बनाते थे।फिर इस परेशानी को दूर करने के लिए बरामदा क्लास लेना शुरू की।9 वी ,10वी, बच्चों को पढ़ाने के लिए ऑफलाइन क्लास ही उचित लगा
ReplyDeleteबच्चों से आनलाईन क्लास के माध्यम से जुड़े रहा, जो बच्चे आनलाईन से नहीं जुड पाते ऐसे बच्चों से कोविड19नियमों का पालन करते हुए आफलाइन से लगातार जुड़ा था
ReplyDeleteकोविड-19 के दौरान जब स्कूल बंद हो गए तो मैंने ऑनलाइन क्लासेस के माध्यम से पढ़ाना शुरू किया और व्हाट्सएप का भी यूज़ किया जहां के बच्चे ऑनलाइन नहीं जुड़ पाते थे उन बच्चों को मैंने उनके मोहल्ले में जाकर पढ़ाया और पूरी कोशिश की कि किसी भी तरह मैं उनके पाठ्यक्रम को पूरा कर सकूं
ReplyDeleteऑनलाइन कक्षाओं को लेने के दौरान बहुत से प्रॉब्लम साईं सिग्नल पुअर होने के कारण गांव में अंदरूनी जगह पर रहने वाले बच्चे ऑनलाइन क्लासेस में नहीं जुड़ पाते थे या फिर साउंड नहीं आता था या फिर मेरी आवाज उन तक नहीं जाती थी किसी बच्चे के पास फोन भी नहीं होता था कई प्रकार की प्रॉब्लम हुई परंतु मैंने फिर भी कोशिश की
ReplyDeleteबच्चे ऑनलाइन क्लास में पढ़ाई करना चाहते थे लेकिन नेटवर्क समस्या होने के कारण बार बार लेफ्ट हो जाने के कारण पढ़ाई करने में बहुत ही परेशानी होती है।कुछ बच्चे गांव के काम करने भी चले जाते थे,किसी के पास mobile phone नहीं है,तो किसी के पास रिचार्ज के पैसे नहीं होते थे।
ReplyDeleteकोरोना काल मे ऑनलाइन क्लास लेना हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती थी क्योंकि हमारे यहां के अधिकांश बच्चो के पास मोबाइल नही था । महामारी के दौरान छात्र का व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया और कक्षाएं ली गईं, तो जो बच्चे ऑनलाइन क्लास में जुड़ते थे उन्हें सहयोग लेकर बाकी के बच्चे अपनी पढ़ाई करते थे ।
ReplyDeleteI have taken online classes regularly and interacted with the children with whatsapp and telephonic conversations. I have made certain changes in my style of teaching to be more interactive throughout the class as online mode lacks the interaction of offline classes. I have had regular doubt sessions along with question and answer sessions during our regular classes which helped me to evolve as a teacher as well as the students too.
ReplyDeleteI have taken online classes regularly and have made videos too for my students.
ReplyDeleteCovid 19 के दौरान छात्रों को मोहल्ला एवं online classके माध्यम से mathsविषय पढाया, पर बच्चों की तरफ से network या data problem जैसे कई समस्या बताई गई ।पर अधिकांश छात्रों ने बडी लगन के साथ मेहनत की,और मैंने भी teaching aid का भरपूर उपयोग किया, regular
ReplyDeleteछात्रों के HOMEWORK एवं doubt को देखा जिससे बच्चों में उत्साह था ।
पर अनुभव कहता है कि offline का solution online नहीं हो सकता है ।
कोरोना कल में हम बच्चो से ऑनलाइन और मोहल्ला क्लास के माध्यम से जुड़े रहे।
ReplyDeleteCovid-19 के समय, छात्रों से online Webex से जुड़े रहे।जहां पर doubt की स्थिति हुई, Whatsapp के माध्यम से समझाया। phone से भी जुड़े रहे।
ReplyDeleteमैंने कोविड-19 के दौरान बच्चों से फोन के द्वारा व्हाट्सएप के द्वारा और ऑनलाइन क्लास के द्वारा लगातार संपर्क में बना रहा
ReplyDeleteबच्चों के साथ ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से जुड़े रहे, ऑनलाइन क्लास लेना हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती थी, नेटवर्क प्रॉब्लम या बहुत सारे बच्चों के पास मोबाइल की कमी थी । कोरोना काल में बच्चो से जुड़ने के लिए हमने वॉट्सएप ग्रुप बनाया और बहुत से videos ,clippings ,PDF के माध्यम से शिक्षण सामग्री उन तक पहुचाने का प्रयास किया
ReplyDeleteकोरोनावायरस के दौरान विद्यार्थियों से वर्चुअल ई जुड़े रहे ऑनलाइन कक्षाएं चालू रही लेकिन बच्चों का पढ़ाई के प्रति रुझान नहीं था गंभीरता से पढ़ाई नहीं की सभी नेटवर्क की समस्या की वजह से मोहल्ला क्लास लगाकर शिक्षण कार्य किया गया।
ReplyDeleteOnline class एवं मोहल्ला क्लास द्वारा विद्यार्थियो से जुड़े रहे।
ReplyDeleteI had used online teaching platform Cisco WebEx for teaching but due to technical issues in village area it wasn't successful. Mohalla class had helped us to reach students and again connect them to studies. Teaching methodology was shifted more towards practical knowledge of topic utilising mohalla class environment. Students were more inclined towards Mohalla class as compared to online classes
ReplyDeleteस्कूल में कई तरह के बच्चे आतें हैं जिनके सोच में,समझ में, सीखने के तरीकों में, सीखने की क्षमताओं में, कौशल में , रूचि में अंतर होता है हमें चाहिए कि हम हर बच्चे को पहले समझें और उनकी समझ, आवश्यकता ,सीखने के स्तर के आधार पर पढ़ाने की विधियों का प्रयोग करें। किसी भी बच्चे की उपेक्षा नहीं करें ताकि बच्चों के मन में स्कूल, शिक्षकों के प्रति लगाव रहे बच्चे हर कौशल को सीखने में रूचि ले सके।जिससे बच्चो का सर्वांगीण विकास हो सके। और बेहतर तरीके से सीखे। संतोष कुमार साहू (व्याख्याता एल, बी)। शासकीय हाई स्कूल somnapur नया जिला, कबीरधाम (छ,ग)
ReplyDeleteकोविड 19 के समय बच्चों की पढ़ाई के आनलाइन कक्षाएं संचालित किया गया, वह इसके अलावा वाट्सएप ग्रूप बनाकर पाठ्य-पुस्तक से चुनौती देकर पढ़ाई से जोड़कर रखा गया, अधिगम के लिए विभिन्न एप्लिकेशन जैसे यूट्यूब गुगलबोलो,चिम्पल एप का उपयोग करना बच्चों को बताया गया, लेकिन परिणाम अपेक्षा से कम है।
ReplyDeleteकोरोना काल के दौरान छात्रो के वाट्सएप ग्रुप बना करपीडीएफ द्वारा,ऑनलाइन कक्षाओं के द्ववारा पाठ्यक्रम को पूरा करने की कोशिश की गई लेकिन ग्रामीण परिवेश में स्मार्ट फोन के अभाव के कारण लक्ष्य पूर्ति में बाधा आई।
ReplyDeleteकोविड-19 के दौरान जब स्कूल बंद हो गए तो मैंने ऑनलाइन क्लास के माध्यम से पढ़ाना शुरू किया और व्हाट्सएप का भी यूज़ किया जहां के बच्चे ऑनलाइन नहीं जुड़ पाते थे उन बच्चों को मैंने उनके मोहल्ले में जाकर पढ़ाया.मैं कभी सिस्को वेबेक्स से ऑनलाइन कक्षा ली ,कभी वीडियो बनाकर व्हाट्सएप में भेजी।बहुत सारी मनोरंजक गतिविधियाँ भी कराई।दूसरे स्कूल से भी बच्चे मेरी क्लास में जुड़ते थे।
ReplyDeleteVery easy language for good understanding and helpful for students...
ReplyDeleteइस आपातकालीन स्थिति में आनलाईन तथा मोहल्ला क्लास के माध्यम से छात्रों से जुड़े रहे हम वनांचल क्षेत्र में निवास करते है जहाँ अक्सर नेटर्वक की समस्या बनी रहती हैं इस वजह से कभी कभी आनलाईन कक्षा नहीं हो पाती थी इस समस्या के हल के लिए मै विषय वस्तु को विडियो के माध्यम से तथा कभी कभी सामान्य काँल के माध्यम से बच्चों को समझाती थी बच्चे मिस काल करके मुझ से संपर्क कर लेते थे आवश्यकता पड़ने पर मै छात्रों को स्वयं नोट्स तैयार कर उनकी फोटो खिचकर भेजती थी मेरे द्वारा बहुत सी रोचक व ज्ञान वर्धक गतिविधि भी छात्रों से करवायी जाती थी
ReplyDeleteकोविड 19 के समय बच्चों की पढ़ाई के आनलाइन कक्षाएं संचालित किया गया, वह इसके अलावा वाट्सएप ग्रूप बनाकर पाठ्य-पुस्तक से चुनौती देकर पढ़ाई से जोड़कर रखा गया, अधिगम के लिए विभिन्न एप्लिकेशन जैसे यूट्यूब गुगलबोलो,चिम्पल एप का उपयोग करना बच्चों को बताया गया, लेकिन परिणाम अपेक्षा से कम है।ऑनलाइन कक्षाओं को लेने के दौरान बहुत से प्रॉब्लम साईं सिग्नल पुअर होने के कारण गांव में अंदरूनी जगह पर रहने वाले बच्चे ऑनलाइन क्लासेस में नहीं जुड़ पाते थे या फिर साउंड नहीं आता था या फिर मेरी आवाज उन तक नहीं जाती थी किसी बच्चे के पास फोन भी नहीं होता था कई प्रकार की प्रॉब्लम हुई परंतु मैंने फिर भी कोशिश कीऑनलाइन कक्षाओं को लेने के दौरान बहुत से प्रॉब्लम साईं सिग्नल पुअर होने के कारण गांव में अंदरूनी जगह पर रहने वाले बच्चे ऑनलाइन क्लासेस में नहीं जुड़ पाते थे या फिर साउंड नहीं आता था या फिर मेरी आवाज उन तक नहीं जाती थी किसी बच्चे के पास फोन भी नहीं होता था कई प्रकार की प्रॉब्लम हुई परंतु मैंने फिर भी कोशिश की. मैं अजय कुमार व्याख्याता l.b शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय utai
ReplyDeleteवर्चुअल क्लास और whatsapp ही एक मात्र सहारा था Corona के समय।
ReplyDeleteबच्चों को assignment देकर हमने उनका ज्ञानवर्धन किया।
I took online classes daily from Class 10, 11 and 12. Only 50% students attended the classes.
ReplyDeletei have taken online and mohlla class regularly
ReplyDeleteकोरोना वायरस के दौरान बच्चों का पढ़ाई ऑनलाईन क्लास के माध्यम से कराने का प्रयास किया गया।
ReplyDeleteBaccho se Online classes ke jariye batchit hoti thi aur unhe covid 19 ke bare me savdhani bartane ke liye bhi kahti .
ReplyDeleteI took online classes regularly
ReplyDeleteCovid 19 के कारण मैंने ऑनलाइन क्लास को प्राथमिकता दिया और नियमित क्लास लिया जिसमे विद्यार्थियों ने रूचि दिखाई और पढ़ाई ठीक से हुवा। लेकिन कभी कभी नेटवर्क की समस्या आने से परेशानी भी हुवा। लेकिन covid 19 के आने से शिक्षा की कुछ नई तकनीक का भी ज्ञान मिला। कभी कभी मुहल्ला क्लास भी लिए। मैं खुद covid positive भी हो गया था जिससे covid के बारे में बहुत कुछ समझ आ गया जिसकी जानकारी विद्यार्थियों को दिया। समस्या तो आया लेकिन विद्यार्थियों से जुड़कर पढ़ाई को निरंतर रखा।
ReplyDeleteCovid19 के समय मैं सबसे पहले तो ऑनलाइन पढ़ाने की कोशिश की पर गांव में 2 -4 के अलावा कोई भी बालक के पास एंड्रॉइड मोबाइल तो है पर उसमे नेट बैलेंस की समस्या यह गांव था यह लोग मोबाइल तो रखे पर पैसे की समस्या तो फिर मैंने ऑफलाइन पढ़ाने का कार्य शुरू किया पर उसमे भी सफलता नाइ मिली फिर उसी समय मेरी duty covide19 में लग गयी और मैं जब जाता जिस बजी विद्यार्थी से मिलता तो पढ़ाई की कि चर्चा करना शुरू कर देता मुझे देख गांव के लोग बोलते आप कोरोना का duty Kar रहे गुरुजी की बच्चो की पढ़ाई ।बहुत दिक्कत होता है समझाना।
ReplyDeleteDuring covid 19, the medium of connecting with the students was the mobile phone.Teaching online through cgschool.in was a new experience for me and the students.Whatsapp is a good way to provide information.
ReplyDeleteबच्चो को ऑनलाइन पढ़ाया। कॉल करके ऑनलाइन क्लास जॉइन करने हमेशा प्रोत्साहित करता था।
ReplyDeleteइसका अच्छा प्रतिसाद मिला।
कोरोना संक्रमण के दौरान बच्चे विद्यालय से दूर हुए और शिक्षकों से दूरी बढ़ गई ऐसे समय में शासन के निर्देशानुसार एवं कोविड-19 के डब्ल्यूएचओ के गाइडलाइन के अनुसार कोरोना बिहेवियर का उपयोग हमें करना पड़ा और राज्य शासन के मार्गदर्शन में मोहल्ला क्लास अथवा ऑनलाइन क्लास के माध्यम से बच्चों के संपर्क में रहें उनका उनका मार्गदर्शन किया उनका संक्षिप्त अध्यापन करवाया राज्य माध्यमिक शिक्षा मंडल के द्वारा भी पाठ्यक्रमों में कुछ कटौती की गई उसका भी पालन किया गया पर बच्चों से प्रत्यक्ष मिलकर अध्ययन अध्यापन करवाना जो सार्थक रहता है उसकी कमी महसूस हुई कुल मिलाकर हमने प्रयत्न किया और कुछ अपेक्षित परिणाम भी हासिल किए
ReplyDeleteमैंने सबसे पहले अपने बच्चों से ऑनलाइन क्लास का पूरा प्रोसेस सीखा और फिर बच्चों को फोन करके उनको भी ऑनलाइन क्लास इस तरह से ज्वाइन करना है इसकी जानकारी दी मैं एक स्लम एरिया के स्कूल में पढ़ाती हूं वहां सभी बच्चों के पास मोबाइल फोन नहीं था मैंने उन विद्यार्थियों को जिनके घर में मोबाइल था उनके घर के आसपास रहने वाले विद्यार्थियों को बुलाया उनके पालकों से बात की और कहा कि वह एक निश्चित समय में मोबाइल को घर में छोड़े ताकि उन विद्यार्थियों की पढ़ाई जारी रहे फिर मैंने अपने पाठ्यक्रम को एक ऑनलाइन क्लास की तरह अरेंज किया हर दिन में पढ़ाने से पूर्व अभ्यास करती थी और उस पैराग्राफ को इस तरह से तैयार करती थी कि कम समय में वह अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त कर सके इसके अलावा पाठ्यक्रम का पीडीएफ बना बनाने लगी और जिस बच्चे के पास मोबाइल है उसको मैं ग्रुप में शेयर कर देती थी ताकि जिन बच्चों के पास मोबाइल नहीं है वह किसी भी समय उस बच्चे के पास आकर पीडीएफ से नोट्स बना ले इस तरह जो बच्चे दूसरी जगह काम पर भी जाते थे बेबी शाम के घर पहुंच कर पीडीएफ से नोट्स बना लेते थे इस तरह से बच्चों की पढ़ाई का सिलसिला शुरू हो गया और सीखने तथा प्रश्नावली को हल करने की मैं काफी सफलता मिली
ReplyDeleteकोरोना काल मे मैने बच्चो का आनलाइन क्लास लिया ।इसमे बहुत सी कठिनाईयो का सामना करना पडा। बहुत से बच्चो ने आनलाइन क्लास ज्वान नही किये क्योकि उनके पास स्मार्ट फोन नही था।
ReplyDeleteDuring covid pandemic we had the opportunity to try new things to teach our students in a different way. We use to take them to a park and did various activities which was very effective. In online classes students couldn't connect because of the lack of Android phone.
ReplyDeleteIt was beginning of new era in my teaching learning practice. It was tough to connect students. Students didn't have mobile. And the fortunates who had them, had low connectivity. Yet we brought students in one new form of learning that's digital learning. Trail and error method made teaching successful.
ReplyDeleteI was taking Mohlla classes but I faced great difficulties because of rain. It was a great challenge for me and my colleagues.
ReplyDeleteDuring covid-19 School were closed, we try to be in online contact with students but due to the rural area of school less student were connected .Because some student have no smart phone available in there home. And some have not good connection of internet. Then also we trying by our side .
ReplyDeleteप्रशिक्षण अच्छा चल रहा है
ReplyDeleteकोविड 19 के दौरान आनलाइन कलास, वापस अप व मोहलला कलास के जरिए बच्चो से जुड़े वा शिक्षा प्रदान किए ।
ReplyDeleteवेवेक्स मीटिंग के द्वारा छात्रों का ऑनलाइन कक्षा संचालित किया गया था। एवम् उनकी समस्याओं का हर संभव समाधान करने की कोशिश की गई। जिससे अधिकांश छात्र लाभान्वित हुए।
ReplyDeleteOnline Teaching और टेक्नोलॉजी की जानकारी हुई और छात्रों से webex के माध्यम से जुड़े रहे, जिससे Teaching लगातार चलता रहा
ReplyDeleteबच्चों को उनके रूची के अनुसार पढ़ाना तथा बच्चों में किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जा सकता है।
ReplyDeleteOnline class ke sath other activities ko involved krne per students jyada study ke liy interested hote h jo unk interest per based ho to learning teaching affective hoti h
ReplyDeleteकोविड 19 काल में आन्लाईन क्लास एवम् वाट्सप ग्रुप के द्वारा सम्पर्क में रहा और शालेय गतिविधियों का संचालन किया आन्लाईन क्लास में नेटवर्क का कष्ट रहा एवं सभी बच्चों के पास मोबाईल की सुविधा नहीं थी फिर भी चुनौति का सामना करते हुए छात्र छात्राओं को लाभान्वित किया।
ReplyDeleteIn covid 19 epedemic i will take online class regularly and i had always give instruction to the student to protecting your family and yourself.
ReplyDeleteबच्चों के साथ ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से जुड़ने का प्रयास किया लेकिन
ReplyDeleteअधिकांश दूरस्थ अंचल में रहने के कारण नेटवर्क की समस्या हुई। और कई बच्चों की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह एंड्राइड मोबाइल खरीद सके। क्योंकि यह बच्चे ग्रामीण स्तर की गरीब परिवारों से आते हैं। इसलिए मोबाइल की समस्या के कारण परेशानी हुई।
कोरोनावायरस के दौरान विद्यार्थियों से ई _वर्चुअल, ऑनलाइन क्लास के माध्यम से उनकी पढ़ाई करवाई एवं सभी छात्रों का जब आनलाइन क्लास से जुड़ना संभव नहीं था, तब मोहल्ला क्लास लगाकर उनको पढ़ाई से जोड़ने का प्रयास किया।
ReplyDeleteकोरोन महामारी मैने बच्चों से सम्पर्क बनाया रखा। क्लास आन्लाइन चलती रही। बच्चों के लिये विडियो बनाए।विषय के अलावा अन्य गतिविधिया कराई ।
ReplyDeleteDuring pandemic i took online classes,but it was not satisfactory due to low network and other problems.
ReplyDeleteकोविड की वजह से परेशानियां आई । पर online offline se baccho ko padaya gaya
ReplyDeleteकोरोना काल मे अलग अलग गाँव मे मोहल्ला class की व्यवस्था की गई
ReplyDeleteकोविड-19 के समय cgschool से online प्रणाली से अध्यापन के साथ-साथ मोहल्ला व बरामदा क्लास से भी अध्यापन करवाया गया।
ReplyDeleteकोरोना काल के दौरान ऑनलाइन कक्षा और ऑफलाइन कक्षा के महत्व और उपयोगिता को समझ सके। दोनों के अपने गुण और दोष हैं लेकिन कुशल शिक्षक वही है जो दोषों की न्यूनतम दशा में शिक्षा के श्रेष्ठतम आयामों को अर्जित करने में सफल हो।
ReplyDeleteधर्मेंद्र प्रसाद सारस्वत
प्रभारी प्राचार्य
शा. उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चिल्हाटी
जिला - राजनांदगाव (छत्तीसगढ़ )
In covid epidemic I will take online class regularly and I had always give instructions to the students to protect their families and your self.
ReplyDeleteI had taken Mohalla classes also .The students taken more participant with happily.
I used zoom app and educational videos of English compulsory .I also used the pinterest app pictionary and dictionary app .
ReplyDeleteThis technique is useful for only those student who have mobile handsets and direct access to the internet ,poor students suffer a lot so I provided offline printed material to these students .
I have taken regularly online class
ReplyDeleteऑनलाइन क्लास के माध्यम से बच्चों को पढाने का प्रयास किया लेकिन कुछ ही बच्चे क्लास में जुड़ पाए क़्योंकि नेटवर्क की समस्या तथा गरीब तबके के बच्चों के पास मोबाइल नही था।
ReplyDeleteकोविड-19 के दौरान बच्चों को वॉइस मैसेज के द्वारा यह समझाया कि उन्हें ऑनलाइन क्लास कैसे करनी है कौन-कौन से ऐप डाउनलोड करने हैं उसके बाद स्क्रीनशॉट लेकर हर प्रोसेस को अच्छे से समझाया जिससे उन्हें आसानी हुई बच्चों को ग्रुप में जोड़ा सीजी डॉट निक में क्लास ज्वाइन करने के लिए कहा ऑनलाइन क्लास के माध्यम से उनकी पढ़ाई करवाई फोटो पीडीएफ आदि कंटेंट अपलोड किए जिससे बच्चों को समझने में आसानी हो ज्यादा से ज्यादा संख्या में ऑनलाइन क्लास अटेंड करने के लिए प्रोत्साहित किया नेटवर्क की समस्या के कारण थोड़ी परेशानी होती थी लेकिन बार-बार कोशिश करके उनका कोर्स पूरा करने के लक्ष्य को पूरा किया बच्चों के सामने आने वाली समस्याओं को भी दूर किया और को व्हाट्सएप किस तरह बचकर रहना है अपना बचाव करना है और दूसरों को भी बचाना है इसकी प्रतिदिन जानकारी दी
ReplyDeleteCovid 19 kal me online class aur whatsapp group ka sanchalan kiya.online class me network problem hua aur sabhi bachho ke pass mobil ki suvidha nhi thi.fir bhi chunoutiyo ka samna krte huye bachho ko labhanvit kiya
ReplyDeleteकोरोना काल में आॅनलाइन कक्षा करे माध्यम से बच्चों से जुड़ने की कोशिश की गयी। जो बच्चे शेड्यूल टाईम में नहीं जुड़ पाए रहे थे उनके लिए ऑनलाइन कक्षा की वीडियो बनाकर ग्रुप में उपलब्ध कराने की कोशिश की गयी। और जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं था, उनके लिए विडियो को आडियों में कन्वर्ट कर ब्लूटुथ के माध्यम से उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया। तथा छात्रों में रूचि को बनाये रखने हेतु समय समय पर आॅनलाइन पाठ्यसहगामी क्रियाएँ कराची गयी।
ReplyDeleteDuring Corona teaching was done online but it was not very fruitful. There was the network problem. Many students even some teachers too face the problem of not having the proper hand set .I did so many online new activities for maintaining the children's interest.
ReplyDeleteकोरोना काल में निरंतर ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से बच्चों से जुड़ने का प्रयास किया गया|नेटवर्क की समस्या,मोबाईल की अनुपलब्धता सिग्नल की समस्या आदि अनेक समस्याओं के बावजूद अधिक से अधिक बच्चों को ऑनलाइन कक्षा में जुड़ने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया गया|वेबक्स मीटिंग के द्वारा छात्रों का ऑनलाइन कक्षा संचालित की गयी तथा उनकी समस्याओं का हर संभव समाधान करने की कोशिश की गई,जिससे अधिकांश छात्र लाभान्वित हुए|बच्चों को पढ़ाई से जोड़ने के लिए सोशल मीडिया का सहयोग लिया |बच्चों का व्हाट्सएप ग्रुप बना कर टीचिंग मटेरियल वीडियो पीडीएफ देना व ऑनलाइन क्लास में जुड़ने की तकनीक को समझा कर ज्यादा से ज्यादा बच्चों को शिक्षा से जोड़े रहने का प्रयास किया गया।
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteमैं मोहल्ला कक्षा के द्वारा बच्चों के संपर्क में था lऑनलाइन कक्षा लेने में कुछ कठिनाई होती थी पूरी उपस्थिति नहीं मिल पाती थी ।
ReplyDeleteI was taking online class and trying to improve my virtual classes, and send small video regarding topic for those who were not able to attend class on time.
ReplyDeleteConducted online class for students. Learnt how to deal with student problems using technology. Faced problems like less no. Of students all the students doesn't have facilities to join the class and various individual problems. But on the other hand students become more familiar with us and understood need of technology in teaching learning process
ReplyDeleteसबसे पहले फ़ोन द्वारा छात्रों से स्पार्क कर ऑनलाइन क्लास के बारे में जानकारी दी। आवश्यक ऐप डाउनलोड करने के बारे में गाइडलाइन दिया फोटो और मैसेज के द्वारा समझाया धीरे-धीरे बच्चे ऑनलाइन क्लास अटेंड करने लगे फिर उनके पास पुस्तके नहीं थी पीडीएफ और फोटो खींचकर जो पेज पढ़ाना रहता था उसका फोटो भेजते थे सीजी school.in के द्वारा क्लास ज्वाइन करने के बारे में कहा गया और उसमें फोटो पीडीएफ वीडियो ऑडियो बनाकर कंटेंट अपलोड किया नियमित क्लास ले बच्चों ने अपनी जो भी समस्याएं बताई उसको अपने विधि से हल करने को बताया नेटवर्क की बहुत ज्यादा समस्या आती थी इसलिए बार-बार क्लास बनाना पड़ता था लेकिन फिर भी उनकी सुविधा देखकर दो-तीन बार पाठों काे रिविजन करवाया। गृह कार्य असाइनमेंट के द्वारा उनकी प्रगति का मूल्यांकन किया और उन में जो कमी थी उसे दूर करने का प्रयास किया इस प्रकार से यह वर्चुअल क्लास हमारे लिए भी एक नया अनुभव था हमने कई नई चीजें उसके द्वारा सीखी बीच-बीच में हमेशा कोरोना संक्रमण के बारे में और उससे बचाव के उपाय के बारे में बच्चों को बताते ही रहते थे बच्चे भी अपने बहुत सारे अनुभव शेयर करते थे उनकी बातों से ही हमें मालूम हुआ कि उन्होंने भी बहुत अच्छे से लॉकडाउन के सभी नियमों का पालन किया था और अभी भी करते हैं कई बार पालकों से भी बात करके उन्हें समझाना पड़ता था कि आप अपना फोन बच्चों को पढ़ने के लिए अवश्य दें उनके पास पैसे की समस्या थी रिचार्ज नहीं करवा पाते थे उस समस्या का भी थोड़ा बहुत हाल किया गया इस प्रकार से ऑनलाइन क्लास थोड़ा बहुत परेशानी के साथ संपन्न हो गया
ReplyDeleteकोरोना काल में ऑनलाइन कक्षा और मोहल्ला क्लास के माध्यम से बच्चो से जुड़ने का प्रयास किया गया। ट्राईबल एरिया होने के कारण कई समस्याएं हुई जैसे - बच्चो के पास एंड्रॉयड मोबाइल ना होना, नेटवर्क प्रॉब्लम, मोबाइल रिचार्ज ना होना, बिजली की समस्या, आदि। कोई बच्चा पढ़ाई से वंचित न हो इसलिए ऑनलाइन क्लास के साथ साथ मोहल्ला क्लास भी लिया गया । मोहल्ला क्लास में कोविड 19 से सुरक्षा के नियमो का पालन किया गया जैसे- मास्क का उपयोग , सेनेटाइजर, सोशल डिस्टेंसिंग आदि। जो बच्चे ऑनलाइन क्लास में नहीं जुड़ पाए उन्हें मोहल्ला क्लास में पाठयक्रम से संबंधित जानकारी दी गई। ऑनलाइन क्लास में वेबेक्स मीट, गूगल मीट एप, के माध्यम से बच्चो को पढ़ाया गया। सीजी स्कूल वेबसाइट से बच्चो की क्लास ली गई। ऑनलाइन क्लास में ब्लैक बोर्ड की जगह स्मार्ट बोर्ड का उपयोग किया गया, डिजिटल लाइब्रेरी का उपयोग किया गया । बच्चो को विभिन्न प्रकार की पढ़ाई की वेबसाइट से अवगत कराया गया।
ReplyDeleteOnline class एवं मुहल्ला क्लास के माध्यम से जुड़ा रहा ।
ReplyDeleteIn this tough covid situation we were taking classes online.
ReplyDeleteकोरोना काल के दौरान ऑनलाइन क्लास में सभी बच्चे शामिल नही हो पा रहे थे जिसका मुझे बहुत अफसोस हुआ चाहे कारण मोबाईल की अनुपलब्धता हो या इंटरनेट की समस्या ।
ReplyDeleteइसके अलावा वाट्सएप के माध्यम से अधिक से अधिक बच्चों तक पहुँचकर उन्हें पढ़ने हेतु प्रेरित करने का प्रयास किया ।
कोरोना लॉक डाउन् के दौरान विद्यार्थियों से वर्चुअल माध्यम से जुड़े रहे ऑनलाइन कक्षाएं चालू रही लेकिन बच्चों का पढ़ाई के प्रति रुझान नहीं था गंभीरता से पढ़ाई नहीं की सभी नेटवर्क की समस्या कभी मानसिक परेशानियों की वजह से पूर्णतया अव्यवस्थित रहा प्रति दिवस ऑनलाइन कक्षाओं में उपस्थिति में बहुत ही ज्यादा उतार चढ़ाव देखने को मिलता था क्लास जोड़ने का टाइमिंग डिस्टर्ब था अनुशासन की कमी थी_ आदिवासी अंचल में आभावग्रस्तता से बच्चों में शैक्षिक विकास का होना नगण्य प्रतीत हुआ,
ReplyDeleteकोरोना काल मे मैं बच्चों से व्हाट्स एप के माध्यम से लगातार संपर्क में था। साथ ही वेबेक्स एप व cgschool.in दोनो सिस्टम का इस्तेमाल करके क्लास 10 th,11th,12th की कक्षाएँ ले रहा था।
ReplyDeleteCovid 19 के दौरान आनलाइन कक्षा एवम मौहल्ला कक्षाओं के माध्यम से बच्चों से जुड़ने का प्रयास किया ।
ReplyDeleteआनलाइन कक्षा में बच्चों की उपस्थिति कम होती थी। कभी-कभी नेटवर्क इशू होता था।पर मोहल्ला क्लास में बच्चे उपस्थित रहते थे। social distance का पालन करते हुए covid के नियमों का कड़ाई से पालन करते हुए मोहल्ला क्लास लिया गया।
मैंने COVID19 महामारी के कारण बच्चों को पढाई के प्रति जो रूझान था।उसे इस महामारी मे कम होते हुये देखा है।फ़िर भी मैंने कोशिश की।कि बच्चों को पढाई से जोडे रखु।ईस के लिए मैंने online class के माध्यम से बच्चों को पढाया।फ़िर भी बहुत सारे बच्चे क्लास में नही जुड़ पाते थे।तो फिर ऐसे बच्चों को मैंने मोहल्ला क्लास के माध्यम से भी पढाया।
ReplyDeleteकोविड 19 के समय बच्चों की पढ़ाई हेतु शासन के निर्देश नुसार onlion class mohalla class पढाया गया जिसमें बच्चों को क्षेत्र के विभिन्न शिक्षक साथियों के शिक्षण कौसल का लाभ मिला इसके साथ ही बच्चों को वयक्ति गत मोबाइल समपर्क और स्थानीय सामाजिक, सह भाटिया जिसमें शिक्षित युवा साथियों पालकसघ और समाज के अनय हुनरमद साथियों का भी शिक्षणकार्य भरपूर सहयोग मिला और बच्चों को अपनी अवश्य ता व रुचि के अनुसार ज्ञान प्राप्त करने का एक अच्छा अवसर मिला गया था शिक्षण कौशल के जिस क्षेत्र को अब तक इगनोर किया जाता था संकट काल में उसी क्षेत्र ने भरपूर सहयोग दिया इस तरह से कोविड 19 शिक्षा जगत में शिक्षण कौशल की एक नई दिशा लेकर आयीहै comment पढने वाले सभी शिक्षकविदो को धन्यवाद
ReplyDeleteमास्क लगाकर हाथ साफ करके एक दूसरे से दूरी बनाकर बच्चों को भी इन्ही कार्यो के लिए प्रेरित करके पढ़ाया।
ReplyDeleteCovid 19 के समय हमारे द्वारा हाई और हायर विद्यालय के बच्चो को ऑनलाइन क्लास ली गई,। तथा उनका मासिक टेस्ट लिया गया,।
ReplyDeleteकोरोना काल के दौरान ऑनलाइन क्लास लिया मौहल्ला क्लास भी लिया छात्र छात्राओं के बने वॉट्सएप्प ग्रुप में भी नोटस भेजा तथा छात्रों को पढ़ाया गया और छात्र छात्राओं को फोन से संपर्क कर पढ़ाई करने के लिए कहा गया इतने प्रयासों के बाद भी ऑनलाइन की कक्षा में बच्चों की उपस्थित कम थी क्योंकि कई बच्चों के पास मोबाईल नहीं है फिर भी इस कोरोना काल में छात्र छात्राओं को पढ़ाई से जोड़े रखने का प्रयास किया जा रहा है।
ReplyDeleteIn that crucial period of pendamic we are doing our best 👍
ReplyDeleteKorona kaal ke dauran online class liya gaya
ReplyDeleteकोरोना काल के समय ऑनलाइन क्लास लिया गया।
ReplyDeleteकोरोना वायरस के प्रभाव से lockdown था जिसके कारण विद्यालय बन्द था इस दौरान मैं बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया लेकिन इस ऑनलाइन क्लास में बच्चे को सीखने में परेशानी होती रही (जैसे:- नेटवर्क समस्या, मोबाइल रिचार्ज/चार्ज आदि)इस कारण यह ऑनलाइन क्लास ज्यादा प्रभावी नही हुआ।
ReplyDeleteकोरोना काल में मैं विद्यार्थियों से मोहल्ला कलास व ऑनलाइन कक्षा से जुड़ी रही।
Deleteकोरोना काल विद्यार्थियों से वर्चुअल माध्यम से सम्पर्क किया गया एवं पालक सम्पर्क के माध्यम से उनके समस्याओं को हल किया गया
ReplyDeleteकोरोना काल में मैं विद्यार्थियों से मोहल्ला कलास व ऑनलाइन कक्षा से जुड़ी रही।
ReplyDeleteWe are taking classes of 12th in school in alternate days and mohalla class for 11th class
ReplyDeleteCorona kaal me Maine students ko online padhaya,,WebEx ki sahayta se
ReplyDeleteStudents ko online classes lekar padhai karai sath hi Martin topic ko whatsapp me video se samjhaya v model bana ker samjhya
ReplyDeleteकोरोना काल मे विद्यार्थियो से आन्लाईन क्लास एवं वाट्सप के माध्यम से समपर्क में रहा। और छात्र छात्राओं को अध्यापन के लिए प्रेरित करता रहा।
ReplyDeleteकोरोना काल में vebvebx के माध्यम से बच्चों से जुड़े एवं margdarshan किए |
ReplyDeleteकोरोना का हाल में मोबाइल के माध्यम से बच्चों के साथ संपर्क में लगातार रहे किंतु नेटवर्क नहीं होने के कारण काफी असुविधा हुई व्हाट्सएप व फोन के माध्यम से लगातार बच्चों के साथ में संपर्क बना रहा है
ReplyDeleteCorona kal me hamne online classes li aur muhalla class li. Abhi 10th aur 12th ki alternate
ReplyDeleteDays me school me classes le rahe hai
🙏🏻नमस्कार 🙏🏻कोरोना जैसे भीषण महामारी के दौर में हमने
ReplyDeleteबच्चों से सम्पर्क करने के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया ,रोज ऑनलाइन पढ़ाई होती रही परन्तु बच्चों से सीधा सम्पर्क न हो पाने का हमे खेद रहा एवं पुरी ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान नेटवर्क या मोबाइल कुछ बच्चों के पास न होना जैसी समस्याओं से परेशान रहे ।परन्तु मुझे बहुत खुशी है की सभी बच्चों की कक्षाएं ऑनलाइन के माध्यम से संचालित रही जिससे सारे बच्चे लाभान्वित होते रहे किसी की शिक्षा बीच मे नहीं रुकी ।
इस संक्रमण के कारण बच्चे ऑफलाइन पढ़ाई से बिलकुल अलग हो गए.. सिर्फ एक ही ऑप्सन था ऑनलाइन क्लास व वाट्सअप ग्रुप बनाकर बच्चों की समस्या दूर की जाये...
ReplyDeleteलेकिन हमारे स्कूल जहाँ है वहा नेटवर्क की समस्या थी.... फिर बोलटू के बोल, मोहल्ला क्लास आदि के द्वारा बच्चों को शिक्षा दी गई
ReplyDeleteWe have taken online classes with help of webex and later on mohalla classes during covid
मैंने online class तथा मोहल्ला क्लास दोनों ही लिया। जो बच्चे ऑनलाइन क्लास में नहीं जुड़ पाते थे वह बच्चे मोहल्ला क्लास में पढ़ लेते थे।
ReplyDeleteकोरोना महामारी के समय हमने ऑनलाईन कक्षा के माध्यम से बच्चों को पढ़ाने का प्रयास किया।
ReplyDeleteWe communicated with the children through smartphone and laptops.
ReplyDeleteThe session was quite interactive.
करोनाकाल मे मैंने बच्चों को वेबेक्स के माध्यम सेआनलाइन पढाया।इसमेँ बहुत सारी तकनीक जानकारी को सीखा।हलाकि नेटवर्क की समस्या थु फिरभी बच्चों ने इस नये माध्यम से भी पढाई का तरीका को सीखा।
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteDuring Covid 19, we had a very interactive sessions with students by taking online class for each subject where around 15-20 students gather together to take session. Along with it we took mohalla class and students use to clear doubts using whatsapp group.
ReplyDeleteकोविड19की वजह से लाकडाउन के दौरान अप्रैल मई 2020 में विद्यार्थियों से संपर्क बनाए रखना अपने आप में बडी कठिन चुनौती थी ।मई 2020में ही छ.ग. शासन स्कूल शिक्षा विभाग ने छ.ग.राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के अंतर्गत "पढ़ई तुंहर दुआर" योजना के रुप में आनलाईन कक्षा प्रारंभ की,जिसमें मैं राजनीति विज्ञान के विषय विशेषज्ञ के रुप में जुड़ा।आनलाईन कक्षा बनाना,विषयवस्तु का पावर पाईंट प्रेजेंटेशन और कक्षा हर किसी के लिए खुला होना,पुनः यूट्यूब से उसे देख पाना,विद्यार्थियों व शैक्षिक प्रशासकों का आनलाईन जुडना आदि नया और रोमांचक अनुभव रहा।इन कक्षाओं से विद्यार्थियों के साथ ही मुझे भी आत्मविकास का अवसर मिला।कोविड की नकारात्मक परिस्थितियों के बीच केवल यही अनुभव सकारात्मक और आत्मविश्वास बढाने वाला बना रहा।
ReplyDeleteकोरोना जैसे भीषण महामारी के दौर में
ReplyDeleteऑनलाइन क्लास के माध्यम से अध्यापन किये परंतु बच्चो में जिस उत्सुकता के उम्मीद था वैसा नही मिला, कुछ बच्चों के पास मोबाइल नही था तो कुछ छात्रों को सिग्नल का समस्या था जिन छात्रों तक मोबाइल व नेटवर्क की प्रॉब्लम था मोहला क्लॉस लेकर अध्यापन कराया जिनके पास मोबाइल न होने पर भी अन्य छात्रों के साथ मिलकर अध्ययन किये
कोरोना काल में बच्चों से कक्षा में संपर्क नहीं होने से आनलाइन क्लास एक प्रमुख माध्यम रहा, परन्तु ग्रामीण परिवेश में कई विद्यार्थियों के पास मोबाइल या सही नेट नहीं होने से यह प्रयास पुरी तरह सफल नहीं रहा, मोहल्ला क्लास के रूप में भी बच्चों से संपर्क रहा,
ReplyDeleteकुछ विद्यार्थी से सीधे मोबाइल से भी संपर्क रहा।
कोविड-19 संक्रमण के दौरान विद्यार्थियों से वर्चुअल संपर्क के माध्यम से जुडा़, लेकिन नेटवर्क की समस्या के चलते प्रतिदिन बच्चों की संख्या काफी बदलती रही। साथ ही बच्चों की रूचि में कमी भी होती रही।
ReplyDeleteनमस्कार,
ReplyDeleteकोरोना महामारी के दौरान बच्चों से ऑनलाइन क्लास के माध्यम से और व्हाट्स ग्रुप के द्वारा अध्यन कराई और उन्हें मागदर्शन प्रदान की।
कोरोना काल में मोबाइल के माध्यम से बच्चों के साथ संपर्क में लगातार रहे किंतु नेटवर्क नहीं होने के कारण काफी असुविधा हुई व्हाट्सएप व फोन के माध्यम से लगातार बच्चों के साथ में संपर्क में बनी रही और वॉट्सएप में वीडियो बना के डालते रहे जिससे बच्चो की शिक्षा में रुकावट नहीं आयी।
ReplyDeleteकोरोना काल में मोबाइल के माध्यम से बच्चों के साथ संपर्क में लगातार रहे किंतु नेटवर्क नहीं होने के कारण काफी असुविधा हुई व्हाट्सएप व फोन के माध्यम से लगातार बच्चों के साथ में संपर्क बनाए रखा और वॉट्सएप में वीडियो लगातार डालते रहे जिससे बच्चो की पढ़ाई में नुकसान नहीं हुआ।
ReplyDeleteकोविड_ 19 के दौरान लॉकडाउन में बच्चों के साथ व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से, ई_ वर्चुअल ऑनलाइन क्लास के माध्यम से संपर्क में रहे। कई बच्चों के पास एंड्राइड फोन नहीं होने के कारण और नेटवर्क की समस्या के कारण क्लास अटेंड नहीं कर पा रहे थे उन बच्चों को, जिनके पास एंड्रॉयड फोन है और जहां पर नेटवर्क है उन बच्चों के साथ जुड़ने के लिए कहा जाता था लॉकडाउन खुलने के बाद मोहल्ला क्लास के माध्यम से पढ़ाई कराया गया ।covid_19 गाइडलाइन का पालन करते हुए। लेकिन इन सब चीजों में बच्चों का रुझान पढ़ाई की ओर बहुत कम दिखा । जो पढ़ाई स्कूल के कक्षा में होती थी और बच्चे जो इंटरेस्ट लेकर पढ़ते थे। वैसा इंटरेस्ट बच्चों में देखने बहुत कम मिला।
ReplyDeleteकोरोना वायरस ने समाज को गहरी शिक्षा प्रदान की है। सभी ने अपने स्तर पर सहयोग करने की कोशिश की। शिक्षक होने के कारण मेरा कर्तव्य था कि मैं अपनी शिक्षण को इस कठिन परिस्थितियों में भी सुदृढ रूप से क्रमशः जारी रखूं। मोबाइल सेवा तथा कम्प्यूटर के माध्यम से हमने यह प्रयास किया कि अधिक से अधिक और आसान सी शिक्षण व्यवस्था हो। चुनौतियाँ बहुत थी पर सरकार के द्वारा की गई व्यवस्था तथा आधुनिक तकनीकी व्यवस्था के कारण यह आसानी से सम्भव हो सका। ऑनलाइन क्लास, यु ट्यूब के माध्यम से स्वयं की वीडियो लेक्चर बनाकर बच्चों तक पहुँचाना, व्हाट्सएप्प के माध्यम से ग्रुप बनाकर फाइल्स तथा जरूरी सन्देश भेजना, टेलीग्राम में ग्रुप बनाकर क्विज लेना, गूगल फॉर्म की सहायता से प्रश्नोत्तरी तैयार करना । बाद में जब कोरोना का थोड़ा कम प्रभाव रहा तो मोहल्ला क्लास के माध्यम से बच्चों का मार्गदर्शन किया। इस कोरोना काल मे मैने बहुत ज्ञानार्जन किया जिससे कि मेरे बच्चों को मैं बेहतर शिक्षा दे सकूँ। धन्यवाद....
ReplyDeleteकोरोना महामारी काल में बच्चों से मोबाईल के माध्यम सम्पर्क किया cgschool.in के माध्यम से ऑनलाइन कक्षा संचालित किया।
ReplyDelete