कम उम्र की बच्चियों को चाॅकलेट या बिस्किट का प्रलोभन देकर उनके उत्पीड़न की घटनाएं होती हैं। उन्हें प्रलोभन देने वालों की पहचान करने की समझ विकसित करना, उनसे ऐसी घटनाएं साझा करना और ऐसी परिस्थितियों के प्रति सतर्कता बरतने की उपायों को बताना। विद्यालय के यूथ क्लब द्वारा लैंगिक समानता से सम्बन्धित गतिविधियां कराना,कक्षा में एक-दूसरे के प्रति सम्मान भाव रखने को प्रेरित करना। अभिभावकों को भी बच्चों की सुरक्षा एवं रक्षा के प्रति जागरूक करना
स्कूल बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं - बच्चों को गुड टच, बैड टच को बताना,अन्जान व्याक्तियो से कोई भी वस्तु न लेना, प्रलोभन में न पड़ना, अच्छे बुरे बातों को समझाना और जो आप को अच्छा न लगे ऐसे कार्यों को अपने करीबी शिक्षक या माता-पिता को बताये ताकि समय पर रोकथाम किया जा सके|
बच्चों को गुड़ बेड टच की जानकारी देकर, अजनबी से बचने, प्रलोभन से बचने, एक दूसरे का सम्मान करने, समय के साथ शारीरिक परिवर्तन की जानकारी देकर रोकथाम किया जा सकता है.
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम हेतु स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुसरण करते हैं एवं उनकी बातों को मानते भी हैं। अतः. बच्चों को विद्यालय में लैंगिक अपराध के बारे में बताना चाहिए।
बाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने हेतु स्कूल में शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है । शिक्षकों का कर्तव्य के साथ यह दायित्व होता है की बच्चों को उत्पीड़न के प्रति जागरूक करें तथा इसका विरोध करने के लिए उसमें आत्मविश्वास एवं साहस का संचार करें तथा इस उत्पीड़न को बिना भय के वे अपने बड़ो ,अपने माता-पिता तथा अपने शिक्षकों के समक्ष व्यक्त कर सकें। बच्चों को गुड टच बैड टच के विषय में समझाने के लिए स्कूलों में कार्यशाला आयोजित की जानी चाहिए एवं चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 के विषय में जानकारी दी जानी चाहिए।
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम हेतु स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुसरण करते हैं एवं उनकी बातों को मानते भी हैं। अतः. बच्चों को विद्यालय में लैंगिक अपराध के बारे में बताना चाहिए
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम हेतु स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुसरण करते हैं एवं उनकी बातों को मानते भी हैं। अतः. बच्चों को विद्यालय में लैंगिक अपराध के बारे में बताना चाहिए
बाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने में स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।अपराधों के संभावित कारणों को अवगत कराते हुए उनसे बचने के उपायों पर चर्चा करके इससे बचा जा सकता है।
बाल लैंगिक उत्पीडन अपराध से बचाव में स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, टीचर को उनके साथ क्या क्या छेड़खानी हो सकती है उसकी जानकारी बच्चो को देनी चाहिए। उनके साथ होने वाली अनचाही घटना की सूचना तत्काल घर या स्कूल में टीचर को दे।
बच्चों को गुड़ बेड टच की जानकारी देकर, अजनबी से बचने, प्रलोभन से बचने, एक दूसरे का सम्मान करने, समय के साथ शारीरिक परिवर्तन की जानकारी देकर रोकथाम किया जा सकता है.
बच्चों के बारे में बच्चों को यह समझना चाहिए कि कौन अच्छा है कौन बुरा है यह सब चीजों को समझाना चाहिए तथा किसी से अनजान व्यक्ति से किसी प्रकार की चीजों की देने से उसे लेने से मना करना चाहिए तथा कई प्रकार के सतकर्ता के बारे में भी समझाना चाहिए। जहां तक हो सके गुड टच बैड टच वाले में भी समझाना चाहिए।
PRITAN KUMAR XESS,बाल तथा लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम हेतु स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुसरण करते हैं एवं उनकी बातों को मानते भी हैं। अतः. बच्चों को विद्यालय में लैंगिक अपराध के बारे में बताना चाहिए,।बच्चों को यह समझाना चाहिए कि कौन अच्छा है कौन बुरा है इन सब चीजों को समझाना चाहिए तथा किसी अनजान व्यक्ति से किसी भी वस्तु को देने पर उसे लेने से मना करना चाहिए तथा सतकर्ता के बारे में भी समझाना चाहिए। जहां तक हो सके गुड टच -बैड टच को भी समझाना चाहिए।इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए लैंगिक उत्पीड़न से बचाव किया जा सकता है।
बच्चे ज्यादा समय स्कूल में व्यतीत करते हैंस्कूल में यौन शिक्षा अपने नियमित पाठ्यक्रम के साथ शामिल करें तो बच्चों को यौन शिक्षा और यौन अपराधों की जानकारी होगी।कई बार मासूम बच्चों को यह पता ही नहीं होता कि उनका यौन शोषण किया जा रहा है। इससे बच्चे जागरुक हो पाएंगे ,कि शोषण से किस तरह से बचा जा सकता है और उसके क्या उपाय है।
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम हेतु स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुसरण करते हैं एवं उनकी बातों को मानते भी हैं। अतः. बच्चों को विद्यालय में लैंगिक अपराध के बारे में बताना चाहिए
बच्चों को दूसरों के अंगों को न छूने , अश्लील बातें न करने , लड़कियों को अकेली कहीं भी न जाने देने एवम् अन्य लैंगिक अपराधों एवम् उनसे मिलने वाले सजा को बताना चाहिए। बाल संरक्षण हेतु शासन द्वारा दिए गए नंबर 1098 को बता दिए रहना चाहिए ।
बच्चों में इतनी समझ पैदा करना कि किसी के देख्ने के नजरिए, बात करने के तरीके।अंग स्पर्श (अच्छा या बुरा) आदि एवं प्रसार भारती द्वारा ऐसे केसों को न दिखाकर ऐसे केस में दी जाने वाली सजाये(न्यालय द्वारा)को दिखाना चाहिए ताकि ऐसी हरकतें करने वाले वीकृत मानसिकता वाले व्यक्ति डर जाय।एवं जागरूकता पैदा करके रोक जा सकता है।
बाल लैंगिक उत्पीडन की रोकथाम के लिये स्कूलों मे ऐसे वर्कशॉप करायें जिनमे बच्चों की उनकी निजी सुरक्षा और उनसे जुडे उपायों के बारे में बताया जाए।स्कूलों मे स्पष्ट दिशा निर्देश होने चाहिए कि ऐसी घटना होने की स्थिति मे कैसे निपटना है। बच्चों को प्रलोभन देने वालों की पहचान की समझ विकसित करना और परिस्थितियों की प्रति सतर्कता बरतने के उपायों को बताना। कक्षा मे समान भाव रखने के लिये प्रेरित करना। अभिभावकों को भी बच्चों की सुरक्षा एवं रक्षा के प्रति जागरूक करना आदि उपायों के द्वारा स्कूलों मे बाल लेैंगिक उत्पीडन की रोकथाम की जा सकती है।
बच्चों को गुड़ बेड टच की जानकारी देकर, अजनबी से बचने, प्रलोभन से बचने, एक दूसरे का सम्मान करने, समय के साथ शारीरिक परिवर्तन की जानकारी देकर रोकथाम किया जा सकता है (kk siware)
आज बच्चे बहुत ही ज्यादा लेंगिक अपराध के शिकार हो रहे है इस वातावरण में बच्चों कोलोगों के नजरो से बचना शिक्षकों जे साथ साथ समाज की भी जिम्मेदारी विद्यालयबच्चो को बद टच की हँकारि देना उन्हें गक्त हरकतों कोखुलकर बड़ो को बताने जे लिये समझना किसी भी जर्जर जी लालवह ने नहीं आने की बाते बताना चाहिए
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है जैसे-गुड टच बैड टच मेंं अंतर बताकर,एकांत स्थान से बचना,खतरा होने पर जोर से चिल्लाना, बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखना।
By creating an environment where a child feels safe to tell about any incident without any hesitation as well as spreading awareness among children about the issue.
स्कूल में बताई गई बात का बच्चे ज्यादा अनुकरण करते हैं, बच्चों को छूने वाली गुड टच बैड टच के बारे में चर्चा करके, बच्चों को स्कूल में जागरूक करेगे, उनकी एक्टिविटी की ओर ध्यान देकर बच्चों को अकेले कहीं न जाने की सलाह देकर (जागरूकता अभियान चलाकर) आफिजा मलिक प्राथमिक शाला नवाटोला लोहारी से
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम हेतु स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुसरण करते हैं एवं उनकी बातों को मानते भी हैं। अतः. बच्चों को विद्यालय में लैंगिक अपराध के बारे में बताना चाहिए
कम उम्र की बच्चियों को चाॅकलेट या बिस्किट का प्रलोभन देकर उनके उत्पीड़न की घटनाएं होती हैं। उन्हें प्रलोभन देने वालों की पहचान करने की समझ विकसित करना, उनसे ऐसी घटनाएं साझा करना और ऐसी परिस्थितियों के प्रति सतर्कता बरतने की उपायों को बताना। विद्यालय के यूथ क्लब द्वारा लैंगिक समानता से सम्बन्धित गतिविधियां कराना,कक्षा में एक-दूसरे के प्रति सम्मान भाव रखने को प्रेरित करना। अभिभावकों को भी बच्चों की सुरक्षा एवं रक्षा के प्रति जागरूक करना
बाल -लैंगिक -शोषण के संबंध में स्कूलों की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है।ििसके लिए स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षकों को बाल यौन शोषण के संभावित संकेतकों के बारे में जानंकारी रखना जरूरी है।जैसे-बच्चे का अचानक स्कूल से अनुपस्थित रहना, आक्रामक होना, पढ़ाई में ग्रेड गिर जाना., कक्षा में गुमसुम रहना, चाल में परिवर्तन होना आदि।इन संकेतों के आधार पर बच्चे को विश्वास मेंं लेकर उसका काउंसलिंग किया जा सकता है।इस प्रकार हम लैंगिक शोषण को रोकने में मदद कर सकते हैं।
मा.शा.कुदुर घोड़ा अम्बागढ़ चौकी राजनांदगांव बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।जैसे---- 1-महीने में एक बार सभी बच्चों को एक जगह एकत्रित कर गुड टच बेड टच के बारे में बताया जाय। 2-बच्चों को हमेशा ग्रुप में रहने की बात बताया जाय। 3-यदि कोई बेड टच करता है तो उसका विरोध कर चिल्ला कर अपने साथियों को पास बुलाये।
सुशील कुमार जायसवाल मस3 बिडोरा स लोहरा जिला कबीरधाम बाल लैंगिकउत्पीडन की रोकथाम में स्कूल की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है- 1 जागरूकता बढ़ाकर 2 गुड़ टच व बेड टच में अंतर बताकर 3 एकांत से बचना 4 किसी पर भी विश्वास न करना 5 समूह में रहने 6 खतरा होने पर जोर से चिल्लाना 7 बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखना।
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम हेतु स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुसरण करते हैं । अतः. बच्चों को विद्यालय में लैंगिक अपराध के बारे में बताना चाहिए|
Rajesh Kumar Dinkar Assistant teacher ARSIYAN Morga via pondi uprora District Korba Chhattisgarh Bal langik utpidan rokne ke liye school ki mahatwpurn bhumika nirwahan kar sakti hai jo nimnlikhit hai 1.bachchon ko good touch bed touch ki jankari dekar. 2.Ajnabiyon se bachkar rahne ki salah dekar. Pralobhan se bachane ke liye kahkar Jagrukta abhiyan chalakar 3.Akant se bachne ki salah dekar 4.Khatra hone par chillane ki salah dekar. 5.Hamesha group me rahne ki salah dekar.
बाल तथा लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम हेतु स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुसरण करते हैं एवं उनकी बातों को मानते भी हैं। अतः. बच्चों को विद्यालय में लैंगिक अपराध के बारे में बताना चाहिए,।बच्चों को यह समझाना चाहिए कि कौन अच्छा है कौन बुरा है इन सब चीजों को समझाना चाहिए तथा किसी अनजान व्यक्ति से किसी भी वस्तु को देने पर उसे लेने से मना करना चाहिए तथा सतकर्ता के बारे में भी समझाना चाहिए। जहां तक हो सके गुड टच -बैड टच को भी समझाना चाहिए।इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए लैंगिक उत्पीड़न से बचाव किया जा सकता है। खुशहाली सोनी बलौदाबाजार
बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में जानकारी देना चाहिए उन्हें अकेले में दूसरे जगह नहीं भेजना चाहिए योन शिक्षा से संबंधित जानकारी विषय में जोड़ना चाहिए और बच्चों को यौन उत्पीड़न से संबंधित जानकारी देकर उस से कैसे बचा जा सके उसके उपाय बताना चाहिए।
अभिभावकों में,बच्चों में, smc के समस्त सदस्यों में,स्कूल स्टॉफ व समस्त मेम्बरों में जागरूकता अभियान चलाकर।इस संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान कर।प्रहसन, नाटक,पोस्टरों,वाद-विवाद प्रतियोगिताओं के माध्यम से बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम स्कूलों में भी किया जा सकता हैं।
स्कूल के बच्चों मे,पालकों, अभिभावकों व समुदाय में लैंगिक शोषण की जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए।चर्चा, प्रहसन, नाटक इत्यादि गतिविधियों के माध्यम से बच्चों में गुड़ टच-बैड टच में अंतर समझाना चाहिए।व विपरीत परिस्थितियों में उनसे निपटने के उपायों को साझा करना चाहिए। ।
स्कूल में बताई गई बात का बच्चे ज्यादा अनुकरण करते हैं, बच्चों को छूने वाली गुड टच बैड टच के बारे में चर्चा करके, बच्चों को स्कूल में जागरूक करेगे, उनकी एक्टिविटी की ओर ध्यान देकर बच्चों को अकेले कहीं न जाने की सलाह देकर (जागरूकता अभियान चलाकर)
बच्चों को लैंगिक शोषण से बचाने के लिए स्कूल निम्नलिखित भूमिकाएं निभा सकता है ।1-सभी बच्चों को नैतिक शिक्षा देकर 2-लैंगिक शोषण के प्रति जागरूक करके।3-गुड-टच,बैड-टच के बारे में जानकारी देकर ।4- हमेशा समूह में रहने की सलाह देकर5-किसी के प्रलोभन में न आने के लिए कहना 6-किसी भी घटना की जानकारी देने के लिए आत्मविश्वास जगाना 7-बच्चों के साथ समानता का व्यवहार 8-बच्चों की अनुपस्थिति, उनके हाव-भाव पर नजर रखना
स्कूल बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है-बच्चों को गुड टच, बैड टच के बारे में बताना, अंजान व्यक्तियों से कोई भी वस्तु न लेना, प्रलोभन से बचना, अच्छे बुरे बातों को समझना, समय के साथ होने वाले शारिरिक परिवर्तन की जानकारी तथा अपराधों के संभावित कारणों को अवगत कराते हुए उनसे बचने के उपायों पर चर्चा करके इससे बचा जा सकता है।लैंगिक अपराधों एवम उनसे मिलने वाले सजा को बताना चाहिए।बाल संरक्षण हेतु शासन द्वारा दिये गए चाइल्ड लाइन 1098 को बता दिये रहना चाहिए। कक्षा में समान भाव रखने के लिए प्रेरित करना चाहिए।स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुसरण करते हैं एवं उनकी बातों को भी मानते हैं। बालक खाण्डेयकर शिक्षक शास.पूर्व माध्यमिक शाला-अकलसरा विकास खण्ड -जैजैपुर(सक्ति)
बाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने में स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं I बच्चों को छूने वाली गुड टच बैड टच के बारे में चर्चा करके, बच्चों को स्कूल में जागरूक करेंगे,प्रलोभन से बचना, अच्छे बुरे बातों को समझना, समय के साथ होने वाले शारिरिक परिवर्तन की जानकारी तथा अपराधों के संभावित कारणों को अवगत कराते हुए उनसे बचने के उपायों पर चर्चा करके इससे बचा जा सकता है।
स्कूल बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है-बच्चों को गुड़ टच,बैड टच,अंजान व्यक्तियों से कोई भी वस्तु न लेना,समय के साथ होने वाले शारिरिक परिवर्तन की जानकारी तथा अपराधों के संभावित कारणों को अवगत कराते हुए उनसे बचने के उपायों पर चर्चा करके इससे बचा जा सकता है।लैंगिक अपराधों एवम उनसे मिलने वाले सजा को बताना चाहिए।बाल संरक्षण हेतु शासन द्वारा दिये गए चाइल्ड लाइन1098 को बता दिये रहना चाहिए।समान भाव रखने के लिए प्रेरित करना चाहिए। कुन्ती खाण्डेयकर शिक्षक शास.पूर्व माध्यमिक विद्यालय परसाडीह विकास खण्ड-जैजैपुर(सक्ति)
बाल तथा लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम हेतु स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुसरण करते हैं एवं उनकी बातों को मानते भी हैं। अतः. बच्चों को विद्यालय में लैंगिक अपराध के बारे में बताना चाहिए,।बच्चों को यह समझाना चाहिए कि कौन अच्छा है कौन बुरा है इन सब चीजों को समझाना चाहिए तथा किसी अनजान व्यक्ति से किसी भी वस्तु को देने पर उसे लेने से मना करना चाहिए तथा सतकर्ता के बारे में भी समझाना चाहिए। जहां तक हो सके गुड टच -बैड टच को भी समझाना चाहिए।इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए लैंगिक उत्पीड़न से बचाव किया जा सकता है।
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में स्कूल निम्नलिखित स्टेप की सहायता से महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है - 1. बच्चों को गुड टच - बैड टच की जानकारी प्रदान करके । 2. लैंगिक अपराधों के बारे में समझाकर 3. स्कूलों की दीवारों पर कुछ चार्टों का प्रदर्शन करके (बाल लैंगिक अपराध सम्बन्धित) 4. बच्चों की गतिविधि पर ध्यान रखकर 5. बच्चों के एकांत स्थान पर न जाने की सलाह देकर । 6. विद्यालय में इस पर नाटक, संवाद, परिचर्चा आदि कराकर । 7. जागरूकता अभियान चलाकर ।
विद्यार्थियों को "गुड टच बैड टच की जानकारी प्रदान करना । विद्यालय में शिकायत/सुझाव पेटी की उचित व्यवस्था करना तथा नियमित तौर पर अवलोकन करना । शाला प्रबंधन समिति के माध्यम से शिक्षकों एवं जनसमुदाय के सहयोग से अभिभावकों /पालकों को सजगतापूर्वक जनजागरूकता के माध्यम से ।
कम उम्र की बच्चियों को चाॅकलेट या बिस्किट का प्रलोभन देकर उनके उत्पीड़न की घटनाएं होती हैं। उन्हें प्रलोभन देने वालों की पहचान करने की समझ विकसित करना, उनसे ऐसी घटनाएं साझा करना और ऐसी परिस्थितियों के प्रति सतर्कता बरतने की उपायों को बताना। विद्यालय के यूथ क्लब द्वारा लैंगिक समानता से सम्बन्धित गतिविधियां कराना,कक्षा में एक-दूसरे के प्रति सम्मान भाव रखने को प्रेरित करना। अभिभावकों को भी बच्चों की सुरक्षा एवं रक्षा के प्रति जागरूक करना
स्कूल बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं - बच्चों को गुड टच, बैड टच को बताना,अन्जान व्याक्तियो से कोई भी वस्तु न लेना, प्रलोभन में न पड़ना, अच्छे बुरे बातों को समझाना और जो आप को अच्छा न लगे ऐसे कार्यों को अपने करीबी शिक्षक या माता-पिता को बताये ताकि समय पर रोकथाम किया जा सके
बच्चों को जागरूक कर। उन्हें गुड टच बेड टच के बारे में बताकर उनके साथ मधुर संबंध बनाकर ताकि वो अपनी बात या परेशानी को खुलकर बता सके। विभिन्न प्रकार के कहानी बनाकर भी समझाया जा सकता है।उनकी और उनसे संबंधित लोगों की एक्टिविटी पर ध्यान देना चाहिए।
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में स्कूल निम्नलिखित स्टेप की सहायता से महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है - 1. बच्चों को गुड टच - बैड टच की जानकारी प्रदान करके । 2. लैंगिक अपराधों के बारे में समझाकर 3. स्कूलों की दीवारों पर कुछ चार्टों का प्रदर्शन करके (बाल लैंगिक अपराध सम्बन्धित) 4. बच्चों की गतिविधि पर ध्यान रखकर 5. बच्चों के एकांत स्थान पर न जाने की सलाह देकर । 6. विद्यालय में इस पर नाटक, संवाद, परिचर्चा आदि कराकर । 7. जागरूकता अभियान चलाकर ।
बच्चों को विद्यालय में लैंगिक अपराध के बारे में बताना चाहिए,।बच्चों को यह समझाना चाहिए कि कौन अच्छा है कौन बुरा है इन सब चीजों को समझाना चाहिए तथा किसी अनजान व्यक्ति से किसी भी वस्तु को देने पर उसे लेने से मना करना चाहिए तथा सतकर्ता के बारे में भी समझाना चाहिए। जहां तक हो सके गुड टच -बैड टच को भी समझाना चाहिए।इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए लैंगिक उत्पीड़न से बचाव किया जा सकता है। सत्यनारायण निषाद शिक्षक एल बी पूर्व मा शा lurgikhurd बलरामपुर छ ग।
स्कूल बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है ।बच्चों को गुड टच, बै ड,टच को बताना ,अनजान व्यक्तियों से कोई भी वस्तु बना लेना प्रलोभन में ना प डना, अच्छे बुरे बातों को समझाना और जो आपको अच्छा ना लगे ऐसे कार्यों को अपने करीबी शिक्ष क , माता-पिता को बताएं ताकि समय पर रोकथाम किया जा सके जिससे बाल अपराध ना हो।
बाल लैंगिक उत्पीडन के रोकथाम में स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। बच्चों को गुड टच बेड टच बता सकते हैं।बेड टच से बचने के बता और सिखा सकते हैं।साथ ही प्रलोभनों से दूर रहना सिखा सकते हैं।
स्कूल के माध्यम से बाल लैंगिक उत्पीड़न में रोकथाम हेतु एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं स्कूल में शिक्षकों के द्वारा बच्चों को यह बताया जा सकता है कि कि लोगों के द्वारा किस प्रकार से इस पर शक करते हैं जो अच्छा है या बुरा है स्कूल अच्छे से समझा करके बताया जा सकता है ताकि बच्चे इन सब चीजों को समझ सके और जागरूकता फालतू में भी लाने की आवश्यकता है जिससे वह भी घर में अपने बच्चों को बता सके कि आपके साथ ऐसा कुछ होता है किसी के द्वारा आप को गलत तरीके से स्पर्श किया जाता है तो उसका विरोध करें और अपने बालक या अपने शिक्षक को जरूर बताएं।
बालाजी के उत्पीड़न की रोकथाम में स्कूल के द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाया जा सकता है जिसमें पहले बच्चों को किसी व्यक्ति के द्वारा अच्छा स्पर्श और बुराई स्पर्श के बारे में बताया जाना चाहिए साथ ही साथ बच्चों को लैंगिक अपराधों के बारे में अच्छे से समझाना चाहिए बच्चों को विस्तृत रूप से लैंगिक अपराधों से संबंधित बातें बताई जानी चाहिए बच्चों के पालकों को भी इन सब चीजों से अवगत कराया जाना चाहिए ताकि वह भी इसके प्रति जागरूक रहें।
Bacchon ko good touch aur bad touch ki jankari dena aur self defense ke tareeke samjhana.bachcho ki activity par nazar rakhna aur unhe unke adhikaron ke prati jagruk karna.
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम हेतु स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुसरण करते हैं एवं उनकी बातों को मानते भी हैं। अतः. बच्चों को विद्यालय में लैंगिक अपराध के बारे में बताना चाहिए
प्रलोभन देने वाले का समझ विकसित करना गुड और बैड टच का अनुभव कराना अकेले होने पर खतरा महसूस करते ही जोर से चिल्लाना और सुरक्षित स्थान की ओर दौड़ लगाना जो उनको पसंद ना आए ऐसी कृतियों पर बेझिझक अभिभावक को बताने की हौसला बढ़ा कर या प्रेरित करके
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम केलि ए हेल्प बा क्स(शिकायत/सुझाव पेटी)लगाएं।बच्चों को अलग - थलग न छोड़ें। पालकों को जागरूक करें।बच्चों को स्पर्श के प्रकार बतायें।
बच्चों को गुड टच बैड टच के बारे में बता कर अकेले कहीं ना जाने की सलाह देकर बच्चों को किसी परिस्थिति मैं अपने साथ हो सकने वाले घटना अकेले होने पर खतरा महसूस करने पर जोर से चिल्लाना अपने साथ हुए किसी भी दुर्व्यवहार को अपने परिवार मां-बाप तथा शिक्षक को बताने की जानकारी देकर इस प्रकार के अपराधों को कम किया जा सकता है
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम हेतु स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुसरण करते हैं एवं उनकी बातों को मानते भी हैं। अतः. बच्चों को विद्यालय में लैंगिक अपराध के बारे में बताना चाहिए
बच्चों को जागरूक करके यौन उत्पीड़न को रोकने का प्रयास किया जा सकता है,बच्चों को किन्ही व्यक्ति द्वारा संपर्क (गुड टच/बैड टच) की पहचान,,कुछ भी गलत होने जैसी स्थिति की जानकारी अपने माता-पिता को देने ,,बच्चों को आत्मरक्षा के तरीके जैसे कराटे आदि सिखाकर स्वयं की बचाव करना.....इत्यादि |
बच्चे को गुड टच बैड टच के बारे में बताना, बच्चों को जानकारी देकर आत्म रक्षा के तरीके कराटे आदि सिखा कर स्वयं की बचाव करना अकेले कहीं आना जाना नहीं, इस माध्यम से बच्चों कोयौन सेउत्पीड़न से बचा सकते हैं
बच्चे को गुड टच बैड टच के बारे में बताना, बच्चों को जानकारी देकर आत्म रक्षा के तरीके कराटे आदि सिखा कर स्वयं की बचाव करना अकेले कहीं आना जाना नहीं, इस माध्यम से बच्चों कोयौन सेउत्पीड़न से बचा सकते हैं
स्कूल बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं - बच्चों को गुड टच, बैड टच को बताना,अन्जान व्याक्तियो से कोई भी वस्तु न लेना, प्रलोभन में न पड़ना, अच्छे बुरे बातों को समझाना और जो आप को अच्छा न लगे ऐसे कार्यों को अपने करीबी शिक्षक या माता-पिता को बताये ताकि समय पर रोकथाम किया जा सके|
इन्द्र सिंह चन्द्रा , उच्च वर्ग शिक्षक , शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला काशीगढ़ , विकास खण्ड-जैजैपुर , जिला-जांजगीर-चांपा, (छ.ग.)
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है । स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुसरण करते हैं एवं उनकी बातों का पालन भी करते हैं । अतः हम शिक्षकों को चाहिए इसकी रोकथाम हेतु बच्चों में जागरूकता बढ़ाएं। गुड टच और बैड टच में अंतर स्पष्ट करें । एकांत में न रहने हेतु सुझाव देवें। किसी पर भी विश्वास न करने की सलाह देवें। समूह में रहने की समझ विकसित की जावें। खतरा महसूस होने पर आवाज करने की सलाह दिया जाए।बच्चों की प्रत्येक गतिविधियों पर नजर रखी जाए। उनकी उपस्थिति पर भी विशेष ध्यान दिया जाए । प्रलोभन से बचने की सारी बातें बताई जाए। हर परिस्थितियों के प्रति सतर्कता बरतने के उपायों पर विशेष चर्चा की जाए। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम किया जा सकता है।
स्कूलों में बच्चों को गलत स्पर्श सही स्पर्श आदि के संबंध में जागरूक करें शिक्षकों अन्य कर्मचारियों घर के सदस्यों आदि द्वारा शोषण के बारे में जागरूक करें बच्चों से सहानुभूति पूर्वक व्यवहार करें उनमें विश्वास जगह सुरक्षा का आश्वासन दे फिर भी बच्चे अभिव्यक्त ना कर पाए तो शिकायत पेटी रखो बाय जिसमें बच्चे अपने साथ हो रहे शोषण के बारे में लिख कर डाल सकें उनके नाम को गोपनीय रखें पुलिस या बाल संरक्षण केंद्र में सूचित करें इस प्रकार स्कूल बच्चों का संरक्षण कर सकते हैं
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में स्कूल बच्चों में जागरूकता का प्रसार कर महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है। बच्चों को गुड बैड टच जानकारी देकर, अनजान लोगों से दूर, खाने का लालच दे तो न ले। यदि कोई ग़लत करने कि कोशिश करें तोधकेलना, दूर होना, चिल्लाना, व,अपने, शिक्षकों को बताना।
बच्चे सबसे ज्यादा समय घर के बाद स्कूल मे बिताते है जिससे शिक्षक बच्चे के हाव-भाव से अच्छे से परिचित हो जाते है, शिक्षक बच्चे को गुड टच, बेड टच कि जानकारी देकर ,
कम उम्र की बच्चियों को चाॅकलेट या बिस्किट का प्रलोभन देकर उनके उत्पीड़न की घटनाएं होती हैं। उन्हें प्रलोभन देने वालों की पहचान करने की समझ विकसित करना, उनसे ऐसी घटनाएं साझा करना और ऐसी परिस्थितियों के प्रति सतर्कता बरतने की उपायों को बताना। विद्यालय के यूथ क्लब द्वारा लैंगिक समानता से सम्बन्धित गतिविधियां कराना,कक्षा में एक-दूसरे के प्रति सम्मान भाव रखने को प्रेरित करना। अभिभावकों को भी बच्चों की सुरक्षा एवं रक्षा के प्रति जागरूक करना| बच्चे सबसे ज्यादा समय घर के बाद स्कूल मे बिताते है जिससे शिक्षक बच्चे के हाव-भाव से अच्छे से परिचित हो जाते है, शिक्षक बच्चे को गुड टच, बेड टच कि जानकारी देकर ,
कम उम्र की बच्चियों को चाॅकलेट या बिस्किट का प्रलोभन देकर उनके उत्पीड़न की घटनाएं होती हैं। उन्हें प्रलोभन देने वालों की पहचान करने की समझ विकसित करना, उनसे ऐसी घटनाएं साझा करना और ऐसी परिस्थितियों के प्रति सतर्कता बरतने की उपायों को बताना। विद्यालय के यूथ क्लब द्वारा लैंगिक समानता से सम्बन्धित गतिविधियां कराना,कक्षा में एक-दूसरे के प्रति सम्मान भाव रखने को प्रेरित करना। अभिभावकों को भी बच्चों की सुरक्षा एवं रक्षा के प्रति जागरूक करना| बच्चे सबसे ज्यादा समय घर के बाद स्कूल मे बिताते है जिससे शिक्षक बच्चे के हाव-भाव से अच्छे से परिचित हो जाते है, शिक्षक बच्चे को गुड टच, बेड टच कि जानकारी देकर ,
बच्चे सबसे ज्यादा समय घर के बाद स्कूल में बिताते है,जिससे शिक्षक बच्चे के हाव भाव से अच्छी तरह परिचित हो जाता है।शिक्षक बच्चे को गुड टच,बेड टच की जानकारी देकर जागरूक कर सकते है।अनजान लोगों से दूर रहे, किसी भी प्रलोभन मे न आये, समूह मे रहे अगर खतरा लगे तो अपने शिक्षक को बतायेआदि।बच्चों को आत्मरक्षा हेतु कराटे सिखाया जा सकता हैं।
बच्चों को जागरूक करके यौन उत्पीड़न को रोकने का प्रयास किया जा सकता है,बच्चों को किन्ही व्यक्ति द्वारा संपर्क (गुड टच/बैड टच) की पहचान,,कुछ भी गलत होने जैसी स्थिति की जानकारी अपने माता-पिता को देने ,,बच्चों को आत्मरक्षा के तरीके जैसे कराटे आदि सिखाकर स्वयं की बचाव करना.....इत्यादि |
स्कूल स्तर पर बाल यौन शोषण की विषय गत जानकारी देकर। विभिन्न मुद्दों और घटनाओ की जानकारी के माध्यम से बच्चों को सही शिक्षा और जागरूकता बना कर स्कूल स्तर पर इस घटना को रोका जा सकता है।
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम के लिए स्कूलों में बच्चों एवं बालकों को जागरूक करना चाहिए lबच्चों एवं माता-पिता को गुड टच एवं बैड टच की जानकारी देकर ,अजनबी से बचने ,प्रलोभन से बचने ,एक दूसरे का सम्मान करने ,समय के साथ शारीरिक परिवर्तन की जानकारी देकर रोकथाम किया जा सकता हैl स्कूलों में pocso अधिनियम की जानकारी छात्र छात्राओं को अवश्य देनी चाहिए एवं स्कूल के बरामदे में पॉक्सो बॉक्स अवश्य होना चाहिएl जिसमें बच्चे बेहिचक अपनी शिकायत लिख कर डाल सके l
बच्चों को जागरूक करके यौन उत्पीड़न को रोकने का प्रयास किया जा सकता है lबच्चों को आत्मरक्षा के तरीके जैसे कराटे वगैरा भी स्वयं की बचाव के लिए स्कूलों में सिखाना चाहिएl स्कूलों में पॉक्सो अधिनियम की जानकारी छात्र छात्राओं को अवश्य देनी चाहिए एवं स्कूल के बरामदे में pocsoबॉक्स अवश्य होना चाहिए जिसमें बच्चे बेहिचक अपनी शिकायत लिख कर डाल सकें lबच्चे सबसे ज्यादा समय घर के बाद स्कूल में बिताते हैं जिससे शिक्षक बच्चे के हाव भाव से अच्छी तरह परिचित हो जाते हैं lशिक्षक बच्चे को गुड और बैड टच की जानकारी देकर जागरूक कर सकते ह चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 की जानकारी छात्र छात्राओं को अवश्य होनी चाहिएl
बाल लैंगिक उत्पीड़न से की रोकथाम के लिए स्कूलों में पॉक्सो बॉक्स अवश्य होना चाहिए । जिसके माध्यम से छात्र-छात्राएं अपनी समस्या को शिक्षक - शिक्षिकाओं तक पहुंचा सके , बच्चों एवं माता-पिता को गुड टच एवं बैड टच की जानकारी देकर जागरूक कर सकते हैं तथा चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 की जानकारी प्रत्येक बच्चे को होनी चाहिए।
बाल लैंगिक उत्पीड़न से की रोकथाम के लिए स्कूलों में पॉक्सो बॉक्स अवश्य होना चाहिए । जिसके माध्यम से छात्र-छात्राएं अपनी समस्या को शिक्षक - शिक्षिकाओं तक पहुंचा सके , बच्चों एवं माता-पिता को गुड टच एवं बैड टच की जानकारी देकर जागरूक कर सकते हैं तथा चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 की जानकारी प्रत्येक बच्चे को होनी चाहिए।
कम उम्र की बच्चियों को चाॅकलेट या बिस्किट का प्रलोभन देकर उनके उत्पीड़न की घटनाएं होती हैं। उन्हें प्रलोभन देने वालों की पहचान करने की समझ विकसित करना, उनसे ऐसी घटनाएं साझा करना और ऐसी परिस्थितियों के प्रति सतर्कता बरतने की उपायों को बताना। विद्यालय के यूथ क्लब द्वारा लैंगिक समानता से सम्बन्धित गतिविधियां कराना,कक्षा में एक-दूसरे के प्रति सम्मान भाव रखने को प्रेरित करना। अभिभावकों को भी बच्चों की सुरक्षा एवं रक्षा के प्रति जागरूक करना| बच्चे सबसे ज्यादा समय घर के बाद स्कूल मे बिताते है जिससे शिक्षक बच्चे के हाव-भाव से अच्छे से परिचित हो जाते है, शिक्षक बच्चे को गुड टच, बेड टच कि जानकारी देकर ,
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम के लिए स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुसरण करते हैं एवं उनके बातों को मानते भी हैं। अत: बच्चों को विद्यालय में लैंगिक अपराध के बारे में बताना चाहिए।
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में स्कूल की महत्वपूर्ण भूमिका निभा होती है, हमे बच्चों को इस संबंध में जागरूक बनाना चाहिए, शाला और शाला के बाहर बच्चे किसी अनजान व्यक्ति से ना मिलें, उनकी दी हुई कोई भी खाने की चीजें न खाएं, और हमे बच्चों के साथ ऐसा तालमेल बनाना चाहिए कि अगर उनके साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार हो रहा हो तो बिना डरे अपनी समस्या कह सकें।
बाल लेंगिक अपराध की रोक थाम में स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।बच्चो कोअंजान व्यक्तियों से दूर रहने की सलाह किसी भी लालच में नही पढने की एवम किसी के बहकावे से बचने की बाते बताई जावे ।किसी की गलत निगाहों के बारे में घर मे बताना ।
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम के लिए स्कूल की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है लोगों एवं बच्चों को यह जानकारी देना की बाल लैंगिक शोषण के ज्यादा मामले अपने करीबियों एवं रिश्तेदारों द्वारा किए जाने आते हैं इससे बचने के लिए :- कम उम्र की बच्चियों को चॉकलेट ,बिस्किटआदि के प्रलोभन में नहीं आना ,अकेले कहीं नहीं जाना , अपनी आत्मरक्षा के लिए जोर से बचाव कह के चिल्लाना, धक्का देकर दुर हटना, नाक या आंख में जोर से मुक्का मारना, जैसे बचाव की जानकारी बच्चों देना। साथ ही बच्चों को यह बताना कि गुड टच एवं बैड टच क्या है? बच्चों को यह भी बताएंगे की घटना की जानकारी अपने पालक एवं शिक्षक को बताना। आत्मरक्षा हेतु कराटे आदि का प्रशिक्षण देना, नजदीकी पुलिस थाना में रिपोर्ट करने कहना, पास्को अधिनियम की जानकारी देना, हेल्पलाइन नंबर 1098 को बताना । जैसे जानकारी देकर बाल लैंगिक उत्पीड़न को कम किया जा सकता है।
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम हेतु स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुसरण करते हैं एवं उनकी बातों को मानते भी हैं। अतः. बच्चों को विद्यालय में लैंगिक अपराध के बारे में बताना चाहिए।बच्चों को गुड़ बेड टच की जानकारी देकर, अजनबी से बचने, प्रलोभन से बचने, एक दूसरे का सम्मान करने, समय के साथ शारीरिक परिवर्तन की जानकारी देकर रोकथाम किया जा सकता है.
बच्चों को विद्यालय में लैंगिक अपराध के बारे में बताना चाहिए तथा पालकों को भी जागरुक करना । बच्चों को कोई ग़लत तरीके से छूता है या हरकतें करता है तो छात्र अपने माता-पिता या शिक्षक को बताना चाहिए
स्कूल बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं - बच्चों को गुड टच, बैड टच को बताना,अन्जान व्याक्तियो से कोई भी वस्तु न लेना, प्रलोभन में न पड़ना, अच्छे बुरे बातों को समझाना और जो आप को अच्छा न लगे ऐसे कार्यों को अपने करीबी शिक्षक या माता-पिता को बताये ताकि समय पर रोकथाम किया जा सके|
स्कूलों में बाल लैंगिक शोषण को रोकने के लिए शिक्षक की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने बच्चों की क्षमताओं का निर्माण करें। जैसे-अंजान व्यक्तियों द्वारा कोई भी वस्तु न लें, प्रभोलन से बचना, अच्छे बुरे बातों को समझना,समय के साथ होने वाली शारीरिक परिवर्तन के बारे में जानकारी देना, बाल संरक्षण हेतु शासन द्वारा दिये गये चाइल्ड लाइन 1098 को बताना, कक्षा में समान भाव रखने के लिए बच्चों को प्रेरित करना, ताकि उन्हें न केवल रिपोर्ट करने के लिए बल्कि बाल लैंगिक शोषण के खिलाफ लड़नें के लिए भी मजबूत बनाया जा सके। समानांतर रुप से यह भी स्कूल का कर्तव्य है कि वह निवारण उपाय करें ताकि स्कूल हमारे बच्चों के लिए एक सुरक्षित स्थान बन जाएं ।
स्कूल बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं - बच्चों को गुड टच, बैड टच को बताना,अन्जान व्याक्तियो से कोई भी वस्तु न लेना, प्रलोभन में न पड़ना, अच्छे बुरे बातों को समझाना और जो आप को अच्छा न लगे ऐसे कार्यों को अपने करीबी शिक्षक या माता-पिता को बताये ताकि समय पर रोकथाम किया जा सके|
बाल लैंगिक उत्पीडन के रोकथाम में स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। बच्चों को गुड टच बेड टच बता सकते हैं।बेड टच से बचने के बता और सिखा सकते हैं।साथ ही प्रलोभनों से दूर रहना सिखा सकते हैं।
कम उम्र की बच्चियों को चाॅकलेट या बिस्किट का प्रलोभन देकर उनके उत्पीड़न की घटनाएं होती हैं। उन्हें प्रलोभन देने वालों की पहचान करने की समझ विकसित करना, उनसे ऐसी घटनाएं साझा करना और ऐसी परिस्थितियों के प्रति सतर्कता बरतने की उपायों को बताना। विद्यालय के यूथ क्लब द्वारा लैंगिक समानता से सम्बन्धित गतिविधियां कराना,कक्षा में एक-दूसरे के प्रति सम्मान भाव रखने को प्रेरित करना। अभिभावकों को भी बच्चों की सुरक्षा एवं रक्षा के प्रति जागरूक करना
बच्चों को गुड़ बेड टच की जानकारी देकर, अजनबी से बचने, प्रलोभन से बचने, एक दूसरे का सम्मान करने, समय के साथ शारीरिक परिवर्तन की जानकारी देकर रोकथाम किया जा सकता है.
बच्चों को गुड टच बैड टच के बारे में बताकर। उनकी एक्टिविटी की ओर ध्यान देकर बच्चों को अकेले कहीं न जाने की सलाह देकर जागरूकता अभियान चलाकर,सचेत रहने की सलाह देकर आदि
बाल उत्पीड़न रोकथाम के लिए स्कूल में जागरूकता अभियान चलाया जा सकता है । बच्चों को सही गलत के बारे में जानकारी देकर , नैतिक शिक्षा के द्वारा राक्कथाम किया जा सकता है।
स्कूल बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं - बच्चों को गुड टच, बैड टच को बताना,अन्जान व्याक्तियो से कोई भी वस्तु न लेना, प्रलोभन में न पड़ना, अच्छे बुरे बातों को समझाना और जो आप को अच्छा न लगे ऐसे कार्यों को अपने करीबी शिक्षक या माता-पिता को बताये ताकि समय पर रोकथाम किया जा सके|
बाल लैंगिक उत्पीडन के रोकथाम में स्कूल की भूमिका अहम है। विद्यालय में बच्चों को भले बुरे की पहचान,गुड टच बेड टच की जानकारी देकर बाल उत्पीड़न से सचेत किया जा सकता है।एक शिक्षक के रूप में हमें अधिक जिम्मेदार और सजग होने की आवश्यकता है।
कम उम्र की बच्चियों को चाॅकलेट या बिस्किट का प्रलोभन देकर उनके उत्पीड़न की घटनाएं होती हैं। उन्हें प्रलोभन देने वालों की पहचान करने की समझ विकसित करना, उनसे ऐसी घटनाएं साझा करना और ऐसी परिस्थितियों के प्रति सतर्कता बरतने की उपायों को बताना। विद्यालय के यूथ क्लब द्वारा लैंगिक समानता से सम्बन्धित गतिविधियां कराना,कक्षा में एक-दूसरे के प्रति सम्मान भाव रखने को प्रेरित करना। अभिभावकों को भी बच्चों की सुरक्षा एवं रक्षा के प्रति जागरूक करना
बाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने में स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं I बच्चों को छूने वाली गुड टच बैड टच के बारे में चर्चा करके, बच्चों को स्कूल में जागरूक करेंगे,प्रलोभन से बचना, अच्छे बुरे बातों को समझना, समय के साथ होने वाले शारिरिक परिवर्तन की जानकारी तथा अपराधों के संभावित कारणों को अवगत कराते हुए उनसे बचने के उपायों पर चर्चा करके इससे बचा जा सकता है।
1.इस तरह से जुड़ी यौन या लैंगिक मुद्दो या विषयों या शिक्षा पर स्वस्थ चर्चा,बहस , जागरूकता व शिक्षण प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर। 2.नैतिक मूल्यों व संस्कृतियों की गहरी समझ,अनुभव,व सबक प्रदान कर।
बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में बताना पालकों और बच्चों को जागरूक करना, किसी भी गलत बात को अपने माता पिता या टीचर को batana, अनजान व्यक्ति सेकोई सामान न लेना न ही उनके पास जाना चाहिए यदि कोई उनके साथ ऐसा करता है तो जोड़ से शोर मचाना चाहिए मदद के लिए 1098 का उपयोग कर सकते है इन बातों की जानकारी दे सकते है.
बच्चो को आत्मरक्षा गुर सिखाकर, जागरूक बनाकर, शोषणकर्ता के सम्भावित संकेतक की जानकारी देकर, माता- पिता/अभिभावको को जागृत करके,पोक्सो अधिनियम की जानकारी दी जा सकती है।कोई भी यदि शोषित होता है तो सुरक्षा के लिए तुरंत चाइल्डहेल्प लाइन 1098 सम्पर्क किया जा सकता है।
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम के लिए स्कूल में संस्कार मय वातावरण निर्माण कर व बाल लैंगिक अपराध की जानकारी देकर बच्चों व समुदाय को जागरूक किया जा सकता है।
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम के लिए ,बच्चों को सही /ग़लत कार्य के बारे में दस मिनट बच्चों के साथ स्कूल में प्रार्थना के समय प्रतिदिन चर्चा करके इस तरह की शोषण को रोकथाम कर सकते हैं ।
बॉल उत्पीड़न की रोकथाम के लिए स्कूल में बच्चों को जागरूकता उत्पन्न करना व कराटे प्रशिक्षण देना बहुत जरूरी है जिससे बच्चे खुद ही रक्षा कर सके बच्चों को अंजान व्यक्ति से दूर रहने की सलाह देना व कोई भी गलत नजर से देखता या छूता हैं तो वे अपने पालक व शिक्षक को बतायेगा और बच्चे कोअकेले कही न जाने की सलाह देंगे आदि
Prakash das lahare m. s Netamtola, स्कूल बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोक थाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है, क्योंकि बच्चों का ज्यादातर समय स्कूल में व्यतीत होता है । बच्चों को गलत तरीकों से छूने, गलत चित्र, अनजान या परिचित के साथ कहीं भी जाने से मना कर, तथा किसी के भी कोई लालच को त्यागने की शिक्षा देकर बाल उत्पीड़न को रोकने का प्रयास किया जा सकता है.
लक्ष्मीन चन्द्रा ,शा.प्रा.शा.आमापाली जैजैपुर, विकास खण्ड-जैजैपुर , जिला-जांजगीर-चांपा, (छ.ग.)
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है । स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुसरण करते हैं एवं उनकी बातों का पालन भी करते हैं । अतः हम शिक्षकों को चाहिए इसकी रोकथाम हेतु बच्चों में जागरूकता बढ़ाएं। गुड टच और बैड टच में अंतर स्पष्ट करें । एकांत में न रहने हेतु सुझाव देवें। किसी पर भी विश्वास न करने की सलाह देवें। समूह में रहने की समझ विकसित की जावें। खतरा महसूस होने पर आवाज करने की सलाह दिया जाए।बच्चों की प्रत्येक गतिविधियों पर नजर रखी जाए। उनकी उपस्थिति पर भी विशेष ध्यान दिया जाए । प्रलोभन से बचने की सारी बातें बताई जाए। हर परिस्थितियों के प्रति सतर्कता बरतने के उपायों पर विशेष चर्चा की जाए। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम किया जा सकता है।
geeta sahu - स्कूल बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं - बच्चों को गुड टच, बैड टच को बताना,अन्जान व्याक्तियो से कोई भी वस्तु न लेना, प्रलोभन में न पड़ना, अच्छे बुरे बातों को समझाना और जो आप को अच्छा न लगे ऐसे कार्यों को अपने करीबी शिक्षक या माता-पिता को बताये ताकि समय पर रोकथाम किया जा सके|
Hemant Salame UDT MS Chircharikala block chhuria Dist- Rajnandgaon छात्र छात्राओं को good touch & bad touch की जानकारी देना निहायत ही जरूरी है. छात्र छात्राओं एवं शिक्षकों की निगरानी समिति के द्वारा भी रोकथाम किया जा सकता है शाला प्रबंधन एवं विकास समिति को शाला की सतत् निगरानी हेतु प्रेरित करके । पालकों में जागरूकता की भी आवश्यकता होगी । Pocso act की जानकारी विद्यार्थियों को दे कर साथ ही समस्या निवारण समिति का गठन एवं क्रियान्वयन
SCHOOL ME BACHCHO KO JANKARIYA SAJHA KAR JAGRUK BANAYE TAKI DURVYAVHAR SE BACHE RAHE UCHIT VATAVARN DEKAR APNE SATH HUYE DURVYAVHAR KI JANKARI DENE PRERIT KAR SAKTE H
Good Touch and Bad Touch की जानकारी देकर,posco act की जानकारी देकर, शिक्षको को इस विषय पर बच्चों को जानकरी देना चाहिए क्यो कि बच्चे अपने शिक्षकों की बात ध्यान से सुनते हैं। बच्चों की गतिविधियों पर नज़र रखना चाहिएऔर पालक को भी जागरूक करना चाहिए।
स्कूलों में लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम के लिए बच्चों को गुड टच और बैड टच को बताना ,अन्जान ब्यक्तित से कोई वस्तु नहीं लेना,प्रलोभन में न आना, अच्छे और बुरे बातों को समझाना, बच्चों को लैंगिक अपराध के सम्बन्ध में जानकारी देना ,बाल संरक्षण के हेतु जारी नम्बर 1098 के बारे में में बच्चों को बताना आदि माध्यम से हम बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम कर सकते हैं ।
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है हम बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी देकर ,अजनबी से बचने ,प्रलोभन से बचने, कौन अच्छा है कौन बुरा है। इन सब चीजों को बताएंगे। समय के साथ शारीरिक परिवर्तन की जानकारी देकर लैंगिक उत्पीड़न की अपराध को रोका जा सकता है।
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।इसके लिए स्कूल में बाल संरक्षण नीति जरुरी है,जो सुरक्षित और सभी हितधारकों को भली-भांति ज्ञात हो।स्कूल के कर्मचारी और बुनियादि ढांचे का नियमित सुरक्षा ऑडिट हो।शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारी और माता-पिता को जागरूक करें।स्कूल में बच्चों को सुरिक्षत और असुरिक्षत स्पर्श के बारे में जागरूक करके उन्हें बहुत हद तक लैंगिक शोषण से बचा सकते हैं।
दिलीप कुमार वर्मा सहायक शिक्षक(L.B.) शा.प्रा.शा.सुन्द्रावन वि.ख.-पलारी जिला-बलौदाबाजार(छ. ग.)
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम के लिए स्कूल की भूमिका महत्व पूर्ण है क्योंकि बच्चों को good touch और bed touch के बारे जानकारी और अगर ऐसी अप्रिय घटना हो जाये तो उसे अपनों के बीच साझा करना या अपने शिक्षक को बिना डरे बताने के लिए प्रेरित करना है जिससे बच्चों के मन मे आत्मविश्वास जागेगा
बाल लैंगिक अपराध को रोकने के लिए विद्यालय में विद्यार्थियों को विशेष रूप से होने वाले बल अपराध के बारे में जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए। एवं बच्चों में सही गलत व्यवहार के बारे मे विस्तृत जानकारी देना चाहिए।
स्कूल बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं - बच्चों को गुड टच, बैड टच को बताना,अन्जान व्याक्तियो से कोई भी वस्तु न लेना, प्रलोभन में न पड़ना, अच्छे बुरे बातों को समझाना और जो आप को अच्छा न लगे ऐसे कार्यों को अपने करीबी शिक्षक या माता-पिता को बताये ताकि समय पर रोकथाम किया जा सके|
बाल लैंगिक उत्पीडन की रोकथाम के लिए हमे सर्वप्रथम (1)सुरक्षित और असुरक्षित स्पर्श पर चर्चा कर बच्चों को जागरूक करना(2), शिकायत व सुझाव पेटी की वयवस्था करना।(3)शिक्षण और गैर शिक्षण कर्मचारियों तथा अभिभावकों को जागरूक करना।(4)बच्चो की भावनाओं को समझना।(5)असम्पर्क दुर्व्यवहार के बारे में जानकारी देना तथा सुरक्षा बरतना।(6)लिंग,बाल यौन शोषण ,आत्मरक्षा पर खुली चर्चा करना।साथ ही सुरक्षात्मक नियमों की भी जानकारी देकर उत्पीडन की रोकथाम कर सकते है......Darro
बाल उत्पीड़न को रोकने के लिए स्कूल की भूमिका हो सकती है कि हम बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में बताएं। इससे संबंधित अनेक वीडियो क्लिप यूट्यूब आदि में उपलब्ध है जिसे बच्चों को हम दिखा सकते हैं , और जागरूकता ला सकते हैं। बच्चों को हम यह भी समझाएं कि यदि किसी व्यक्ति के व्यवहार तथा आचरण में परिवर्तन महसूस होता है। तो उनसे दूरी बना के रखें । ऐसे लोगों के संबंध में अपने माता पिता अथवा शिक्षक को बिना झिझक अथवा बिना डरे उनकी हरकतों बता सकें।
बाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने में स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं I बच्चों को छूने वाली गुड टच बैड टच के बारे में चर्चा करके, बच्चों को स्कूल में जागरूक करेंगे,प्रलोभन से बचना, अच्छे बुरे बातों को समझना, समय के साथ होने वाले शारिरिक परिवर्तन की जानकारी तथा अपराधों के संभावित कारणों को अवगत कराते हुए उनसे बचने के उपायों पर चर्चा करके इससे बचा जा सकता है।
स्कूल, बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम मे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। बच्चो को गुड टच, बैड टच के बारे मे बताकर, अंजान, अपरिचित ब्यक्तियो के प्रलोभन मे न आकर, अच्छे बुरे बातो के बारे जानकारी देकर, समय के साथ होने वाले शारीरिक परिवर्तन के बारे मे अवगत करा कर, समुह मे रह कर, खतरा महसूस होने पर आवाज करने की सलाह देकर , बच्चो की प्रत्येक गतिविधियों पर नजर रख कर ,तथा अपराधो के संभावित कारणो को अवगत कराते हुए उनसे बचने के उपायों पर चर्चा करके बचाया जा सकता है। बाल संरक्षण हेतु शासन द्वारा निर्धारित चाइल्ड लाइन 1098 के बारे मे बताकर कक्षा मे सभी के साथ समान भाव रखने के लिए प्रेरित करना बच्चो के साथ अभिभावको को भी बच्चो की सुरक्षा एवं आत्म रक्षा के लिए जागरूक कर बाल लैंगिक अपराध को रोक सकते है।
स्कूल, बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम मे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। बच्चो को गुड टच, बैड टच के बारे मे बताकर, अंजान, अपरिचित ब्यक्तियो के प्रलोभन मे न आकर, अच्छे बुरे बातो के बारे जानकारी देकर, समय के साथ होने वाले शारीरिक परिवर्तन के बारे मे अवगत करा कर, समुह मे रह कर, खतरा महसूस होने पर आवाज करने की सलाह देकर , बच्चो की प्रत्येक गतिविधियों पर नजर रख कर ,तथा अपराधो के संभावित कारणो को अवगत कराते हुए उनसे बचने के उपायों पर चर्चा करके बचाया जा सकता है। बाल संरक्षण हेतु शासन द्वारा निर्धारित चाइल्ड लाइन 1098 के बारे मे बताकर कक्षा मे सभी के साथ समान भाव रखने के लिए प्रेरित करना बच्चो के साथ अभिभावको को भी बच्चो की सुरक्षा एवं आत्म रक्षा के लिए जागरूक कर बाल लैंगिक अपराध को रोक सकते है।
16, 2021 at 5:33 AM कम उम्र की बच्चियों को चाॅकलेट या बिस्किट का प्रलोभन देकर उनके उत्पीड़न की घटनाएं होती हैं। उन्हें प्रलोभन देने वालों की पहचान करने की समझ विकसित करना, उनसे ऐसी घटनाएं साझा करना और ऐसी परिस्थितियों के प्रति सतर्कता बरतने की उपायों को बताना। विद्यालय के यूथ क्लब द्वारा लैंगिक समानता से सम्बन्धित गतिविधियां कराना,कक्षा में एक-दूसरे के प्रति सम्मान भाव रखने को प्रेरित करना। अभिभावकों को भी बच्चों की सुरक्षा एवं रक्षा के प्रति जागरूक करना
स्कूलों में लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम के लिए बच्चों को गुड टच और बैड टच को बताना ,अन्जान ब्यक्तित से कोई वस्तु नहीं लेना,प्रलोभन में न आना, अच्छे और बुरे बातों को समझाना, बच्चों को लैंगिक अपराध के सम्बन्ध में जानकारी देना ,बाल संरक्षण के हेतु जारी नम्बर 1098 के बारे में में बच्चों को बताना आदि माध्यम से हम बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम कर सकते हैं ।
स्कूलों में लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम के लिए बच्चों के बीच जेंडर समानता लानी होगी। लड़के और लड़कियों के बीच संकीर्ण विचारों को खत्म करना होगा। विद्यालय में इस विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया जाना चाहिए जिसमें गुड टच बैड टच के बारे में विस्तृत जानकारी देनी चाहिए बीच-बीच में लड़के और लड़कियों से उनकी समस्याओं की जानकारी लेनी चाहिए उनके मानसिक स्थिति का मूल्यांकन करना चाहिए उनके अंदर होने वाले परिवर्तनों पर भी ध्यान देना चाहिए तथा उसके अनुरूप उनके बीच बैठकर चर्चा एवं परिचर्चा करनी चाहिए । अपरिचित लोगों से से दूर रहने, किसी भी प्रलोभन में ना आने, बड़ी से बड़ी समस्या को अपने अभिभावकों, शिक्षकों से कहने हेतु प्रेरित करना चाहिए। बच्चों से आत्मिक लगावरखनी होगी, ताकि वह बिना डरे अपने मन की बातों को अभिभावक एवं शिक्षक के समक्ष रख सके। हमेशा सकारात्मक वातावरण का निर्माण करना चाहिए नैतिक शिक्षा पर जोर देना चाहिए।
बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में जानकारी देना चाहिए उन्हें अकेले में दूसरे जगह नहीं भेजना चाहिए योन शिक्षा से संबंधित जानकारी विषय में जोड़ना चाहिए और बच्चों को यौन उत्पीड़न से संबंधित जानकारी देकर उस से कैसे बचा जा सके उसके उपाय बताना चाहिए।
विद्यालय में शिक्षकों का व्यवहार बच्चों के लिए पालक के समान हों,अपने छात्रों से बातचीत में भय मुक्त वातावरण निर्मित करें ताकि कोई भी बच्चा बेझिझक अपनी समस्या या अपने साथ हो रहे कोई भी असहज व्यवहार को बता सके।विद्यालय प्रबंधन समय समय पर बच्चों से चर्चा करते रहें आवश्यकता अनुसार सुरक्षा की समुचित व्यवस्था करें।
स्कूल बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है -बच्चों को गुड टच, बैड टच को बताना, अनजान व्यक्ति से कोई भी वस्तु न लेना, प्रलोभन में ना पड़ना, अच्छे बुरी बातों को समझना, और जो आपको अच्छा न लगे ऐसे कार्यों को अपने करीबी शिक्षक किया या माता-पिता को बताएं ताकि समय पर रोकथाम किया जा सके
स्कूल बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है -बच्चों को गुड टच, बैड टच को बताना, अनजान व्यक्ति से कोई भी वस्तु ना लेना, प्रलोभन में ना पड़ना, अच्छे बुरे बातों को समझाना, और जो आपको अच्छा ना लगे ऐसे कार्यों को अपने करीबी शिक्षक या माता-पिता को बताएं ताकि समय पर रोकथाम किया जा सके
बच्चों को गुड़ टच और बैंड टच के बारे में बताकर , खाने पीने की चीजों को देने के लालच में या खिलोने या अन्य किसी वस्तु को दिखाकर बुलाने पर किसी भी अनजान या पहचान के व्यक्ति के पास अकेले में नहीं जाना है समझाकर।
स्कूल बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं - बच्चों को गुड टच, बैड टच को बताना,अन्जान व्याक्तियो से कोई भी वस्तु न लेना, प्रलोभन में न पड़ना, अच्छे बुरे बातों को समझाना और जो आप को अच्छा न लगे ऐसे कार्यों को अपने करीबी शिक्षक या माता-पिता को बताये ताकि समय पर रोकथाम किया जा सके| विद्यालय में शिक्षकों का व्यवहार बच्चों के लिए पालक के समान हों,अपने छात्रों से बातचीत में भय मुक्त वातावरण निर्मित करें ताकि कोई भी बच्चा बेझिझक अपनी समस्या या अपने साथ हो रहे कोई भी असहज व्यवहार को बता सके।विद्यालय प्रबंधन समय समय पर बच्चों से चर्चा करते रहें आवश्यकता अनुसार सुरक्षा की समुचित व्यवस्था करें।
अपने स्कूल के बच्चों को इससे संबंधित जानकारी दी जानी चाहिए।और यदि किसी भी बच्चों के साथ इस प्रकार की घटना होती है तो इसकी जानकारी अपने माता-पिता या किसी विश्वास पात्र व्यक्ति को बताने को कहेंगे।
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम हेतु स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुसरण करते हैं एवं उनकी बातों को मानते भी हैं। अतः. बच्चों को विद्यालय में लैंगिक अपराध के बारे में बताना चाहिए
Bal langik shoshhan ke khilaf bacchon ko dudh touch and bad touch ke bare mein bataenge aur nidar banaenge Taki bacche jarurat Pade to uska ka dat kar Samna kar sakte hain. Salami pradhanadhyapak ke alava Anya shikshakon ko bacchon ki nigrani karne ki jimmedari Sapna Taki bacche sala ke mahaul mein surakshit rahe Chala mein surakshit vatavaran banana pradhanadhyapak ke alava Shikshak ki bhi e jimmedari hoti hai
बाल लैंगिक उत्पीडन की रोकथाम के लिये स्कूलों मे ऐसे वर्कशॉप करायें जिनमे बच्चों की उनकी निजी सुरक्षा और उनसे जुडे उपायों के बारे में बताया जाए।स्कूलों मे स्पष्ट दिशा निर्देश होने चाहिए कि ऐसी घटना होने की स्थिति मे कैसे निपटना है। बच्चों को प्रलोभन देने वालों की पहचान की समझ विकसित करना और परिस्थितियों की प्रति सतर्कता बरतने के उपायों को बताना। कक्षा मे समान भाव रखने के लिये प्रेरित करना। अभिभावकों को भी बच्चों की सुरक्षा एवं रक्षा के प्रति जागरूक करना आदि उपायों के द्वारा स्कूलों मे बाल लेैंगिक उत्पीडन की रोकथाम की जा सकती है।
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम हेतु विद्यालय की भूमिका÷ 1/ अजनबी व्यक्ति का विद्यालय में प्रवेश निषेध। 2/आत्मरक्षा हेतु प्रशिक्षित करना। 3/किसी के प्रलोभन में न आने के लिए जागरूक करना। 4/पॉस्को अधिनियम के बारे में जानकारी प्रदान करना। 5/सुरक्षित व भयमुक्त वातावरण का निर्माण करना। दादू सिंह तोमर
बाल लैंगिक अपराध को रोकने के लिए स्कूल अच्छे से भूमिका निभा सकता है । शिक्षक के बातो को अच्छे से समझते हैं। बच्चों को लैगिंक अपराध के बारे में बताना चाहिए।
बच्चों को गुड़ बेड टच की जानकारी देकर, अजनबी से बचने, प्रलोभन से बचने, एक दूसरे का सम्मान करने, समय के साथ शारीरिक परिवर्तन की जानकारी देकर रोकथाम किया जा सकता है.
बच्चों को गुड़ बेड टच की जानकारी देकर, अजनबी से बचने, प्रलोभन से बचने, एक दूसरे का सम्मान करने, समय के साथ शारीरिक परिवर्तन की जानकारी देकर रोकथाम किया जा सकता है
बच्चों को विद्यालय में लैंगिक अपराध के बारे में बताना चाहिए,।बच्चों को यह समझाना चाहिए कि कौन अच्छा है कौन बुरा है इन सब चीजों को समझाना चाहिए तथा किसी अनजान व्यक्ति से किसी भी वस्तु को देने पर उसे लेने से मना करना चाहिए तथा सतकर्ता के बारे में भी समझाना चाहिए। जहां तक हो सके गुड टच -बैड टच को भी समझाना चाहिए।इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए लैंगिक उत्पीड़न से बचाव किया जा सकता है।
स्कूलों में लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम के लिए बच्चों के बीच जेंडर समानता लानी होगी। लड़के और लड़कियों के बीच संकीर्ण विचारों को खत्म करना होगा। विद्यालय में इस विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया जाना चाहिए जिसमें गुड टच बैड टच के बारे में विस्तृत जानकारी देनी चाहिए बीच-बीच में लड़के और लड़कियों से उनकी समस्याओं की जानकारी लेनी चाहिए उनके मानसिक स्थिति का मूल्यांकन करना चाहिए उनके अंदर होने वाले परिवर्तनों पर भी ध्यान देना चाहिए तथा उसके अनुरूप उनके बीच बैठकर चर्चा एवं परिचर्चा करनी चाहिए । अपरिचित लोगों से से दूर रहने, किसी भी प्रलोभन में ना आने, बड़ी से बड़ी समस्या को अपने अभिभावकों, शिक्षकों से कहने हेतु प्रेरित करना चाहिए। बच्चों से आत्मिक लगावरखनी होगी, ताकि वह बिना डरे अपने मन की बातों को अभिभावक एवं शिक्षक के समक्ष रख सके। हमेशा सकारात्मक वातावरण का निर्माण करना चाहिए नैतिक शिक्षा पर जोर देना चाहिए।
कम उम्र की बच्चियों को चाॅकलेट या बिस्किट का प्रलोभन देकर उनके उत्पीड़न की घटनाएं होती हैं। उन्हें प्रलोभन देने वालों की पहचान करने की समझ विकसित करना, उनसे ऐसी घटनाएं साझा करना और ऐसी परिस्थितियों के प्रति सतर्कता बरतने की उपायों को बताना। विद्यालय के यूथ क्लब द्वारा लैंगिक समानता से सम्बन्धित गतिविधियां कराना,कक्षा में एक-दूसरे के प्रति सम्मान भाव रखने को प्रेरित करना। अभिभावकों को भी बच्चों की सुरक्षा एवं रक्षा के प्रति जागरूक करना| बच्चे सबसे ज्यादा समय घर के बाद स्कूल मे बिताते है जिससे शिक्षक बच्चे के हाव-भाव से अच्छे से परिचित हो जाते है, शिक्षक बच्चे को गुड टच, बेड टच कि जानकारी देकर Sharad Soni
स्कूलों में बच्चों को गलत स्पर्श सही स्पर्श आदि के संबंध में जागरूक करें शिक्षकों अन्य कर्मचारियों घर के सदस्यों आदि द्वारा शोषण के बारे में जागरूक करें बच्चों से सहानुभूति पूर्वक व्यवहार करें उनमें विश्वास जगह सुरक्षा का आश्वासन दे फिर भी बच्चे अभिव्यक्त ना कर पाए तो शिकायत पेटी रखो बाय जिसमें बच्चे अपने साथ हो रहे शोषण के बारे में लिख कर डाल सकें उनके नाम को गोपनीय रखें पुलिस या बाल संरक्षण केंद्र में सूचित करें इस प्रकार स्कूल बच्चों का संरक्षण कर सकते हैं
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम हेतु स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं क्योंकि स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज़्यादा अनुसरण करते हैं उनकी बातों को मानते भी हैं ।अतः शिक्षक बच्चों को इन अपराधों के बारे में जानकारी दे सकते हैं।
Bal langik utpeedan ki roktham ke liye school mahatvpurn bhumika nibhata hai. Schoolo me bachcho ko good touch bad touch, surakshit rahne ke upay bataye jate hai.
बच्चों को विद्यालय में लैंगिक अपराध के बारे में बताना चाहिए,।बच्चों को यह समझाना चाहिए कि कौन अच्छा है कौन बुरा है इन सब चीजों को समझाना चाहिए तथा किसी अनजान व्यक्ति से किसी भी वस्तु को देने पर उसे लेने से मना करना चाहिए तथा सतकर्ता के बारे में भी समझाना चाहिए। जहां तक हो सके गुड टच -बैड टच को भी समझाना चाहिए।इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए लैंगिक उत्पीड़न से बचाव किया जा सकता है।
बच्चों को गुड टच एवं बैड टच के बारे में बताना अनजान व्यक्तियों से कोई वस्तु ना लेना प्रलोभन में ना पड़ना ,बच्चों की एक्टिविटी की ओर ध्यान देकर, बच्चों व पालकों को जागरूक करना ,बच्चों को अकेले कहीं नहीं जाने देने की सलाह देकर, विद्यालय में बच्चों को आत्मरक्षा प्रशिक्षण देकर आदि l स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुसरण करते हैं ,उनकी बातों को मानते हैं ,अतः बच्चों को विद्यालय में लैंगिक अपराध के बारे में भी बताना चाहिए l बच्चों को अनचाही घटना की सूचना तत्काल घर या स्कूल टीचर को देना चाहिए l बच्चे को अकेले कहीं नहीं जाना चाहिए l
स्कूलों में बाल लैंगिक शोषण के बारे में कोर्स मे सम्मिलित किया जाना चाहिए जिससे बच्चों को उनके साथ होने वाले शारीरिक व मानसिक शोषण के बारे में बता सके। स्कूलों में बच्चों को बैड टच व गुड़ टच के बारे में शिक्षकों को बताना चाहिए ।स्कूलों में बच्चों के साथ ही साथ कर्मचारियों के आचार व्यवहार पर भी शिक्षकों व प्रधानाध्यापक को ध्यान देना चाहिए तभी हम बच्चों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार को समझ सकते हैं या आकलन कर सकते हैं हम बच्चों के बेहतरी के लिए इन सब बातों को ध्यान में रख सकते हैं।
स्कूल बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं - बच्चों को गुड टच, बैड टच को बताना,अन्जान व्याक्तियो से कोई भी वस्तु न लेना, प्रलोभन में न पड़ना, अच्छे बुरे बातों को समझाना और जो आप को अच्छा न लगे ऐसे कार्यों को अपने करीबी शिक्षक या माता-पिता को बताये ताकि समय पर रोकथाम किया जा सके|
स्कूल बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं - बच्चों को गुड टच, बैड टच को बताना,अन्जान व्याक्तियो से कोई भी वस्तु न लेना, प्रलोभन में न पड़ना, अच्छे बुरे बातों को समझाना और जो आप को अच्छा न लगे ऐसे कार्यों को अपने करीबी शिक्षक या माता-पिता को बताये ताकि समय पर रोकथाम किया जा सके|
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम हेतु स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुसरण करते हैं। स्कूल में यौन शिक्षा और यौन अपराधों की जानकारी देने चाहिए। इससे बच्चे जागरूक हो पायेंगे।
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम हेतु स्कुल महत्पूर्ण भूमिका निभा सकता है I स्कूलों में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुकरण करते हैं l अतः स्कूल में बच्चों को यौन शिक्षा और यौन अपराध की जानकारी देने चाहिए जिससे बच्चे जागरूक हो पायेंगे I
बच्चों को गुड टच और बेड टच की जानकारी देना, किसी अनजान व्यक्ति से कोई भी चीज न लेना तथा शारीरिक परिवर्तन के बारे में जानकारी देना , किसी भी प्रकार का अपने साथ घटना घटित होने पर अपने परिवार से साझा करना अपने शिक्षक को बताना जिससे उचित कार्यवाही हो और अपराधी को उचित सजा मिल सके।
बच्चों को गुड टच बैड टच के बारे में बताकर। उनकी एक्टिविटी की ओर ध्यान देकर बच्चों को अकेले कहीं न जाने की सलाह देकर जागरूकता अभियान चलाकर। पालकों को इस संदर्भ में जागरूक करके।
Bal laingik apradh rockne ke liye sarvpratham Pradhan pathak evm samast staff ko bachho ko gatividhi par dhyan dena hoga .Ki bachhe ke vyavhar me parivartan kyo ho raha hai .Vah school to ata hai par period me absent kyo hai .Chhuti ke samay fir upasthit rahata hai .Aise sthiti me palak se sampark karke bachhe dvara pyar se jankari leni chahiye .(2)Bachhe ko bad touch evm good touch ki jankari denichahiye taki vah savdhan evm suraksht rahe.
कोर्स 03 गतिविधि 5 : सीखने के परिवेश का सृजन– अपने विचार साझा करें सीखने के परिवेश का सृजन करने के लिए अपने स्वयं के कुछ तरीके सोचें और अपने विचार साझा करें।
कोर्स 02 गतिविधि 2 : अपने विचार साझा करें माध्यमिक स्तर पर आई . सी . टी . आपके शिक्षण , अधिगम और मूल्यांकन कार्यों में कैसे सहयोग करती है ? अपनी समझ साझा करें।
कोर्स 08 : सीखने का आकलन गतिविधि 1 : अपने विचार साझा करें आकलन के ऐसे कौन-से प्रकार हैं जिन्हें आप बुनियादी अवस्था में बच्चों के साथ प्रयोग कर सकते हैं ? आकलन के प्रकारों की सूची बनाएं - विशेष रूप से लिखित परीक्षा से भिन्न आकलन के प्रकार सोचें। अपने विचार साझा करें।
बच्चों को गुड टच बैड टच के बारे में बताकर।
ReplyDeleteउनकी एक्टिविटी की ओर ध्यान देकर
बच्चों को अकेले कहीं न जाने की सलाह देकर
जागरूकता अभियान चलाकर
कम उम्र की बच्चियों को चाॅकलेट या बिस्किट का प्रलोभन देकर उनके उत्पीड़न की घटनाएं होती हैं। उन्हें प्रलोभन देने वालों की पहचान करने की समझ विकसित करना, उनसे ऐसी घटनाएं साझा करना और ऐसी परिस्थितियों के प्रति सतर्कता बरतने की उपायों को बताना। विद्यालय के यूथ क्लब द्वारा लैंगिक समानता से सम्बन्धित गतिविधियां कराना,कक्षा में एक-दूसरे के प्रति सम्मान भाव रखने को प्रेरित करना। अभिभावकों को भी बच्चों की सुरक्षा एवं रक्षा के प्रति जागरूक करना
ReplyDeleteबच्चों को गुड टच बैड टच के बारे में बताकर।
ReplyDeleteउनकी एक्टिविटी की ओर ध्यान देकर
बच्चों को अकेले कहीं न जाने की सलाह देकर
जागरूकता अभियान चलाकर
स्कूल बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं - बच्चों को गुड टच, बैड टच को बताना,अन्जान व्याक्तियो से कोई भी वस्तु न लेना, प्रलोभन में न पड़ना, अच्छे बुरे बातों को समझाना और जो आप को अच्छा न लगे ऐसे कार्यों को अपने करीबी शिक्षक या माता-पिता को बताये ताकि समय पर रोकथाम किया जा सके|
Deleteबच्चों को गुड़ बेड टच की जानकारी देकर, अजनबी से बचने, प्रलोभन से बचने, एक दूसरे का सम्मान करने, समय के साथ शारीरिक परिवर्तन की जानकारी देकर रोकथाम किया जा सकता है.
ReplyDeleteबच्चों एवं पालकों को जागरूक करना चाहिए ।बच्चों को कोई गलत तरीके से छूता है या हरकतें करता हैतो छात्र माता पिता या शिक्षक को बताना चाहिए।
Deleteबाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम हेतु स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुसरण करते हैं एवं उनकी बातों को मानते भी हैं।
ReplyDeleteअतः. बच्चों को विद्यालय में लैंगिक अपराध के बारे में बताना चाहिए।
बाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने हेतु स्कूल में शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है । शिक्षकों का कर्तव्य के साथ यह दायित्व होता है की बच्चों को उत्पीड़न के प्रति जागरूक करें तथा इसका विरोध करने के लिए उसमें आत्मविश्वास एवं साहस का संचार करें तथा इस उत्पीड़न को बिना भय के वे अपने बड़ो ,अपने माता-पिता तथा अपने शिक्षकों के समक्ष व्यक्त कर सकें। बच्चों को गुड टच बैड टच के विषय में समझाने के लिए स्कूलों में कार्यशाला आयोजित की जानी चाहिए एवं चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 के विषय में जानकारी दी जानी चाहिए।
Deleteबाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम हेतु स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुसरण करते हैं एवं उनकी बातों को मानते भी हैं।
ReplyDeleteअतः. बच्चों को विद्यालय में लैंगिक अपराध के बारे में बताना चाहिए
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम हेतु स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुसरण करते हैं एवं उनकी बातों को मानते भी हैं।
ReplyDeleteअतः. बच्चों को विद्यालय में लैंगिक अपराध के बारे में बताना चाहिए
बाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने में स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।अपराधों के संभावित कारणों को अवगत कराते हुए उनसे बचने के उपायों पर चर्चा करके इससे बचा जा सकता है।
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीडन अपराध से बचाव में स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, टीचर को उनके साथ क्या क्या छेड़खानी हो सकती है उसकी जानकारी बच्चो को देनी चाहिए। उनके साथ होने वाली अनचाही घटना की सूचना तत्काल घर या स्कूल में टीचर को दे।
ReplyDeleteबच्चों को गुड़ बेड टच की जानकारी देकर, अजनबी से बचने, प्रलोभन से बचने, एक दूसरे का सम्मान करने, समय के साथ शारीरिक परिवर्तन की जानकारी देकर रोकथाम किया जा सकता है.
ReplyDeleteBachchon ko good touch & bed touch ki jankari dena
ReplyDeleteबच्चों के बारे में
ReplyDeleteबच्चों को यह समझना चाहिए कि कौन अच्छा है कौन बुरा है यह सब चीजों को समझाना चाहिए तथा किसी से अनजान व्यक्ति से किसी प्रकार की चीजों की देने से उसे लेने से मना करना चाहिए तथा कई प्रकार के सतकर्ता के बारे में भी समझाना चाहिए।
जहां तक हो सके गुड टच बैड टच वाले में भी समझाना चाहिए।
PRITAN KUMAR XESS,बाल तथा लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम हेतु स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुसरण करते हैं एवं उनकी बातों को मानते भी हैं।
ReplyDeleteअतः. बच्चों को विद्यालय में लैंगिक अपराध के बारे में बताना चाहिए,।बच्चों को यह समझाना चाहिए कि कौन अच्छा है कौन बुरा है इन सब चीजों को समझाना चाहिए तथा किसी अनजान व्यक्ति से किसी भी वस्तु को देने पर उसे लेने से मना करना चाहिए तथा सतकर्ता के बारे में भी समझाना चाहिए।
जहां तक हो सके गुड टच -बैड टच को भी समझाना चाहिए।इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए लैंगिक उत्पीड़न से बचाव किया जा सकता है।
बच्चे ज्यादा समय स्कूल में व्यतीत करते हैंस्कूल में यौन शिक्षा अपने नियमित पाठ्यक्रम के साथ शामिल करें तो बच्चों को यौन शिक्षा और यौन अपराधों की जानकारी होगी।कई बार मासूम बच्चों को यह पता ही नहीं होता कि उनका यौन शोषण किया जा रहा है। इससे बच्चे जागरुक हो पाएंगे ,कि शोषण से किस तरह से बचा जा सकता है और उसके क्या उपाय है।
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम हेतु स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुसरण करते हैं एवं उनकी बातों को मानते भी हैं।
ReplyDeleteअतः. बच्चों को विद्यालय में लैंगिक अपराध के बारे में बताना चाहिए
बच्चों को जागरूक कर गुड टच एवम् बेड टच की जानकारी अवश्य दी जानी चाहिए
ReplyDeleteबच्चों को दूसरों के अंगों को न छूने , अश्लील बातें न करने , लड़कियों को अकेली कहीं भी न जाने देने एवम् अन्य लैंगिक अपराधों एवम् उनसे मिलने वाले सजा को बताना चाहिए। बाल संरक्षण हेतु शासन द्वारा दिए गए नंबर 1098 को बता दिए रहना चाहिए ।
ReplyDeleteबच्चों में इतनी समझ पैदा करना कि किसी के देख्ने के नजरिए, बात करने के तरीके।अंग स्पर्श (अच्छा या बुरा) आदि एवं प्रसार भारती द्वारा ऐसे केसों को न दिखाकर ऐसे केस में दी जाने वाली सजाये(न्यालय द्वारा)को दिखाना चाहिए ताकि ऐसी हरकतें करने वाले वीकृत मानसिकता वाले व्यक्ति डर जाय।एवं जागरूकता पैदा करके रोक जा सकता है।
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीडन की रोकथाम के लिये स्कूलों मे ऐसे वर्कशॉप करायें जिनमे बच्चों की उनकी निजी सुरक्षा और उनसे जुडे उपायों के बारे में बताया जाए।स्कूलों मे स्पष्ट दिशा निर्देश होने चाहिए कि ऐसी घटना होने की स्थिति मे कैसे निपटना है। बच्चों को प्रलोभन देने वालों की पहचान की समझ विकसित करना और परिस्थितियों की प्रति सतर्कता बरतने के उपायों को बताना। कक्षा मे समान भाव रखने के लिये प्रेरित करना। अभिभावकों को भी बच्चों की सुरक्षा एवं रक्षा के प्रति जागरूक करना आदि उपायों के द्वारा स्कूलों मे बाल लेैंगिक उत्पीडन की रोकथाम की जा सकती है।
ReplyDeleteबच्चों को जागरूक कर गुड टच एवं बेड टच की जानकारी अवश्य दी जानी चाहिए ।
Deleteबच्चों को गुड़ बेड टच की जानकारी देकर, अजनबी से बचने, प्रलोभन से बचने, एक दूसरे का सम्मान करने, समय के साथ शारीरिक परिवर्तन की जानकारी देकर रोकथाम किया जा सकता है
ReplyDelete(kk siware)
आज बच्चे बहुत ही ज्यादा लेंगिक अपराध के शिकार हो रहे है इस वातावरण में बच्चों कोलोगों के नजरो से बचना शिक्षकों जे साथ साथ समाज की भी जिम्मेदारी विद्यालयबच्चो को बद टच की हँकारि देना उन्हें गक्त हरकतों कोखुलकर बड़ो को बताने जे लिये समझना किसी भी जर्जर जी लालवह ने नहीं आने की बाते बताना चाहिए
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है जैसे-गुड टच बैड टच मेंं अंतर बताकर,एकांत स्थान से बचना,खतरा होने पर जोर से चिल्लाना, बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखना।
DeleteBy creating an environment where a child feels safe to tell about any incident without any hesitation as well as spreading awareness among children about the issue.
ReplyDeleteबच्चो को जागरूक करके गुड touch bad touch की बारे में बताकर
ReplyDeleteस्कूल में बताई गई बात का बच्चे ज्यादा अनुकरण करते हैं, बच्चों को छूने वाली गुड टच बैड टच के बारे में चर्चा करके, बच्चों को स्कूल में जागरूक करेगे,
ReplyDeleteउनकी एक्टिविटी की ओर ध्यान देकर
बच्चों को अकेले कहीं न जाने की सलाह देकर (जागरूकता अभियान चलाकर)
आफिजा मलिक प्राथमिक शाला नवाटोला लोहारी से
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम हेतु स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुसरण करते हैं एवं उनकी बातों को मानते भी हैं।
ReplyDeleteअतः. बच्चों को विद्यालय में लैंगिक अपराध के बारे में बताना चाहिए
कम उम्र की बच्चियों को चाॅकलेट या बिस्किट का प्रलोभन देकर उनके उत्पीड़न की घटनाएं होती हैं। उन्हें प्रलोभन देने वालों की पहचान करने की समझ विकसित करना, उनसे ऐसी घटनाएं साझा करना और ऐसी परिस्थितियों के प्रति सतर्कता बरतने की उपायों को बताना। विद्यालय के यूथ क्लब द्वारा लैंगिक समानता से सम्बन्धित गतिविधियां कराना,कक्षा में एक-दूसरे के प्रति सम्मान भाव रखने को प्रेरित करना। अभिभावकों को भी बच्चों की सुरक्षा एवं रक्षा के प्रति जागरूक करना
ReplyDeleteबाल -लैंगिक -शोषण के संबंध में स्कूलों की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है।ििसके लिए स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षकों को बाल यौन शोषण के संभावित संकेतकों के बारे में जानंकारी रखना जरूरी है।जैसे-बच्चे का अचानक स्कूल से अनुपस्थित रहना, आक्रामक होना, पढ़ाई में ग्रेड गिर जाना., कक्षा में गुमसुम रहना, चाल में परिवर्तन होना आदि।इन संकेतों के आधार पर बच्चे को विश्वास मेंं लेकर उसका काउंसलिंग किया जा सकता है।इस प्रकार हम लैंगिक शोषण को रोकने में मदद कर सकते हैं।
ReplyDeleteBachho Ko good touch avm bad touch k bare me jankari dekar.jagarukata abhiyan chala kar.
ReplyDeleteमा.शा.कुदुर घोड़ा
ReplyDeleteअम्बागढ़ चौकी
राजनांदगांव
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।जैसे----
1-महीने में एक बार सभी बच्चों को एक जगह एकत्रित कर गुड टच बेड टच के बारे में बताया जाय।
2-बच्चों को हमेशा ग्रुप में रहने की बात बताया जाय।
3-यदि कोई बेड टच करता है तो उसका विरोध कर चिल्ला कर अपने साथियों को पास बुलाये।
सुशील कुमार जायसवाल मस3 बिडोरा स लोहरा जिला कबीरधाम
ReplyDeleteबाल लैंगिकउत्पीडन की रोकथाम में स्कूल की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है-
1 जागरूकता बढ़ाकर
2 गुड़ टच व बेड टच में अंतर बताकर
3 एकांत से बचना
4 किसी पर भी विश्वास न करना
5 समूह में रहने
6 खतरा होने पर जोर से चिल्लाना
7 बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखना।
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम हेतु स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुसरण करते हैं ।
ReplyDeleteअतः. बच्चों को विद्यालय में लैंगिक अपराध के बारे में बताना चाहिए|
Rajesh Kumar Dinkar
ReplyDeleteAssistant teacher ARSIYAN Morga via pondi uprora District Korba Chhattisgarh
Bal langik utpidan rokne ke liye school ki mahatwpurn bhumika nirwahan kar sakti hai jo nimnlikhit hai
1.bachchon ko good touch bed touch ki jankari dekar.
2.Ajnabiyon se bachkar rahne ki salah dekar.
Pralobhan se bachane ke liye kahkar Jagrukta abhiyan chalakar
3.Akant se bachne ki salah dekar
4.Khatra hone par chillane ki salah dekar.
5.Hamesha group me rahne ki salah dekar.
Bacchon ko Bhoot ki jankari dekar
ReplyDeleteबाल तथा लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम हेतु स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुसरण करते हैं एवं उनकी बातों को मानते भी हैं।
ReplyDeleteअतः. बच्चों को विद्यालय में लैंगिक अपराध के बारे में बताना चाहिए,।बच्चों को यह समझाना चाहिए कि कौन अच्छा है कौन बुरा है इन सब चीजों को समझाना चाहिए तथा किसी अनजान व्यक्ति से किसी भी वस्तु को देने पर उसे लेने से मना करना चाहिए तथा सतकर्ता के बारे में भी समझाना चाहिए।
जहां तक हो सके गुड टच -बैड टच को भी समझाना चाहिए।इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए लैंगिक उत्पीड़न से बचाव किया जा सकता है।
खुशहाली सोनी
बलौदाबाजार
Bachcho ko good touch bad touch ke bare me batana tatha jagrukta abhiyan ke dvara batana
ReplyDeleteबच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में जानकारी देना चाहिए उन्हें अकेले में दूसरे जगह नहीं भेजना चाहिए योन शिक्षा से संबंधित जानकारी विषय में जोड़ना चाहिए और बच्चों को यौन उत्पीड़न से संबंधित जानकारी देकर उस से कैसे बचा जा सके उसके उपाय बताना चाहिए।
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने में स्कूल बहुत ही सहायक है हमें बच्चों को विशेष प्रकार से शिक्षा देने हेतु एक विषय क्रिएट करने की आवश्यकता है
ReplyDeleteअभिभावकों में,बच्चों में, smc के समस्त सदस्यों में,स्कूल स्टॉफ व समस्त मेम्बरों में जागरूकता अभियान चलाकर।इस संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान कर।प्रहसन, नाटक,पोस्टरों,वाद-विवाद प्रतियोगिताओं के माध्यम से बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम स्कूलों में भी किया जा सकता हैं।
ReplyDeleteस्कूल के बच्चों मे,पालकों, अभिभावकों व समुदाय में लैंगिक शोषण की जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए।चर्चा, प्रहसन, नाटक इत्यादि गतिविधियों के माध्यम से बच्चों में गुड़ टच-बैड टच में अंतर समझाना चाहिए।व विपरीत परिस्थितियों में उनसे निपटने के उपायों को साझा करना चाहिए।
ReplyDelete।
स्कूल में बताई गई बात का बच्चे ज्यादा अनुकरण करते हैं, बच्चों को छूने वाली गुड टच बैड टच के बारे में चर्चा करके, बच्चों को स्कूल में जागरूक करेगे,
ReplyDeleteउनकी एक्टिविटी की ओर ध्यान देकर
बच्चों को अकेले कहीं न जाने की सलाह देकर (जागरूकता अभियान चलाकर)
बच्चों को लैंगिक शोषण से बचाने के लिए स्कूल निम्नलिखित भूमिकाएं निभा सकता है ।1-सभी बच्चों को नैतिक शिक्षा देकर 2-लैंगिक शोषण के प्रति जागरूक करके।3-गुड-टच,बैड-टच के बारे में जानकारी देकर ।4- हमेशा समूह में रहने की सलाह देकर5-किसी के प्रलोभन में न आने के लिए कहना 6-किसी भी घटना की जानकारी देने के लिए आत्मविश्वास जगाना 7-बच्चों के साथ समानता का व्यवहार 8-बच्चों की अनुपस्थिति, उनके हाव-भाव पर नजर रखना
ReplyDeleteस्कूल बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है-बच्चों को गुड टच, बैड टच के बारे में बताना, अंजान व्यक्तियों से कोई भी वस्तु न लेना, प्रलोभन से बचना, अच्छे बुरे बातों को समझना, समय के साथ होने वाले शारिरिक परिवर्तन की जानकारी तथा अपराधों के संभावित कारणों को अवगत कराते हुए उनसे बचने के उपायों पर चर्चा करके इससे बचा जा सकता है।लैंगिक अपराधों एवम उनसे मिलने वाले सजा को बताना चाहिए।बाल संरक्षण हेतु शासन द्वारा दिये गए चाइल्ड लाइन 1098 को बता दिये रहना चाहिए। कक्षा में समान भाव रखने के लिए प्रेरित करना चाहिए।स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुसरण करते हैं एवं उनकी बातों को भी मानते हैं।
ReplyDeleteबालक खाण्डेयकर
शिक्षक
शास.पूर्व माध्यमिक शाला-अकलसरा
विकास खण्ड -जैजैपुर(सक्ति)
बाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने में स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं I बच्चों को छूने वाली गुड टच बैड टच के बारे में चर्चा करके, बच्चों को स्कूल में जागरूक करेंगे,प्रलोभन से बचना, अच्छे बुरे बातों को समझना, समय के साथ होने वाले शारिरिक परिवर्तन की जानकारी तथा अपराधों के संभावित कारणों को अवगत कराते हुए उनसे बचने के उपायों पर चर्चा करके इससे बचा जा सकता है।
ReplyDeleteस्कूल बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है-बच्चों को गुड़ टच,बैड टच,अंजान व्यक्तियों से कोई भी वस्तु न लेना,समय के साथ होने वाले शारिरिक परिवर्तन की जानकारी तथा अपराधों के संभावित कारणों को अवगत कराते हुए उनसे बचने के उपायों पर चर्चा करके इससे बचा जा सकता है।लैंगिक अपराधों एवम उनसे मिलने वाले सजा को बताना चाहिए।बाल संरक्षण हेतु शासन द्वारा दिये गए चाइल्ड लाइन1098 को बता दिये रहना चाहिए।समान भाव रखने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
ReplyDeleteकुन्ती खाण्डेयकर
शिक्षक
शास.पूर्व माध्यमिक विद्यालय परसाडीह
विकास खण्ड-जैजैपुर(सक्ति)
बाल तथा लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम हेतु स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुसरण करते हैं एवं उनकी बातों को मानते भी हैं।
ReplyDeleteअतः. बच्चों को विद्यालय में लैंगिक अपराध के बारे में बताना चाहिए,।बच्चों को यह समझाना चाहिए कि कौन अच्छा है कौन बुरा है इन सब चीजों को समझाना चाहिए तथा किसी अनजान व्यक्ति से किसी भी वस्तु को देने पर उसे लेने से मना करना चाहिए तथा सतकर्ता के बारे में भी समझाना चाहिए।
जहां तक हो सके गुड टच -बैड टच को भी समझाना चाहिए।इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए लैंगिक उत्पीड़न से बचाव किया जा सकता है।
बच्चों को गुड टच और बैड टच की जानकारी देकर अजनबी से बचने प्रलोभन से बचने समय के साथ शारीरिक परिवर्तनों की जानकारी देकर रोकथाम किया जा सकता है
ReplyDeleteबच्चों को शाला में अच्छे बुरे स्पर्श के बारे में समझने के साथ साथ किसी भी व्यक्ति के लालच में न आने की अवधारणा विकसित करेंगे
ReplyDeleteबच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में बता कर । आत्मरक्षा हेतु कराटे प्रशिक्षण करा कर। जागरूकता अभियान चला कर ।
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में स्कूल निम्नलिखित स्टेप की सहायता से महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है -
ReplyDelete1. बच्चों को गुड टच - बैड टच की जानकारी प्रदान करके ।
2. लैंगिक अपराधों के बारे में समझाकर
3. स्कूलों की दीवारों पर कुछ चार्टों का प्रदर्शन करके (बाल लैंगिक अपराध सम्बन्धित)
4. बच्चों की गतिविधि पर ध्यान रखकर
5. बच्चों के एकांत स्थान पर न जाने की सलाह देकर ।
6. विद्यालय में इस पर नाटक, संवाद, परिचर्चा आदि कराकर ।
7. जागरूकता अभियान चलाकर ।
विद्यार्थियों को "गुड टच बैड टच की जानकारी प्रदान करना ।
ReplyDeleteविद्यालय में शिकायत/सुझाव पेटी की उचित व्यवस्था करना तथा नियमित तौर पर अवलोकन करना ।
शाला प्रबंधन समिति के माध्यम से शिक्षकों एवं जनसमुदाय के सहयोग से अभिभावकों /पालकों को सजगतापूर्वक जनजागरूकता के माध्यम से ।
कम उम्र की बच्चियों को चाॅकलेट या बिस्किट का प्रलोभन देकर उनके उत्पीड़न की घटनाएं होती हैं। उन्हें प्रलोभन देने वालों की पहचान करने की समझ विकसित करना, उनसे ऐसी घटनाएं साझा करना और ऐसी परिस्थितियों के प्रति सतर्कता बरतने की उपायों को बताना। विद्यालय के यूथ क्लब द्वारा लैंगिक समानता से सम्बन्धित गतिविधियां कराना,कक्षा में एक-दूसरे के प्रति सम्मान भाव रखने को प्रेरित करना। अभिभावकों को भी बच्चों की सुरक्षा एवं रक्षा के प्रति जागरूक करना
ReplyDeleteस्कूल बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं - बच्चों को गुड टच, बैड टच को बताना,अन्जान व्याक्तियो से कोई भी वस्तु न लेना, प्रलोभन में न पड़ना, अच्छे बुरे बातों को समझाना और जो आप को अच्छा न लगे ऐसे कार्यों को अपने करीबी शिक्षक या माता-पिता को बताये ताकि समय पर रोकथाम किया जा सके
ReplyDeleteबच्चों को गुड टच बैड टच के बारे में जानकारी देना एवं प्रलोभन में न आवे बच्चों की सुरक्षा के प्रति जागरूक करना।(Ng)
ReplyDeleteबच्चों को गुड टच बैड टच के बारे में बताकर।
ReplyDeleteउनकी एक्टिविटी की ओर ध्यान देकर
बच्चों को अकेले कहीं न जाने की सलाह देकर
जागरूकता अभियान चलाकर
बच्चों को जागरूक कर।
ReplyDeleteउन्हें गुड टच बेड टच के बारे में बताकर
उनके साथ मधुर संबंध बनाकर ताकि वो अपनी बात या परेशानी को खुलकर बता सके।
विभिन्न प्रकार के कहानी बनाकर भी समझाया जा सकता है।उनकी और उनसे संबंधित लोगों की एक्टिविटी पर ध्यान देना चाहिए।
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में स्कूल निम्नलिखित स्टेप की सहायता से महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है -
ReplyDelete1. बच्चों को गुड टच - बैड टच की जानकारी प्रदान करके ।
2. लैंगिक अपराधों के बारे में समझाकर
3. स्कूलों की दीवारों पर कुछ चार्टों का प्रदर्शन करके (बाल लैंगिक अपराध सम्बन्धित)
4. बच्चों की गतिविधि पर ध्यान रखकर
5. बच्चों के एकांत स्थान पर न जाने की सलाह देकर ।
6. विद्यालय में इस पर नाटक, संवाद, परिचर्चा आदि कराकर ।
7. जागरूकता अभियान चलाकर ।
बच्चों को विद्यालय में लैंगिक अपराध के बारे में बताना चाहिए,।बच्चों को यह समझाना चाहिए कि कौन अच्छा है कौन बुरा है इन सब चीजों को समझाना चाहिए तथा किसी अनजान व्यक्ति से किसी भी वस्तु को देने पर उसे लेने से मना करना चाहिए तथा सतकर्ता के बारे में भी समझाना चाहिए।
ReplyDeleteजहां तक हो सके गुड टच -बैड टच को भी समझाना चाहिए।इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए लैंगिक उत्पीड़न से बचाव किया जा सकता है।
सत्यनारायण निषाद शिक्षक एल बी पूर्व मा शा lurgikhurd बलरामपुर छ ग।
बच्चों को गुड बैड टच के बारे में जानकारी देना और प्रलोभन में नहीं पड़ना आदि के बारे में जानकारी प्रदान करना सभी शिक्षकों का कर्तव्य है
ReplyDeleteस्कूल बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है ।बच्चों को गुड टच, बै ड,टच को बताना ,अनजान व्यक्तियों से कोई भी वस्तु बना लेना प्रलोभन में ना प डना, अच्छे बुरे बातों को समझाना और जो आपको अच्छा ना लगे ऐसे कार्यों को अपने करीबी शिक्ष क , माता-पिता को बताएं ताकि समय पर रोकथाम किया जा सके जिससे बाल अपराध ना हो।
ReplyDeleteबच्चों को गुड टच बैड टच के बारे में बताकर।
ReplyDeleteउनकी एक्टिविटी की ओर ध्यान देकर
बच्चों को अकेले कहीं न जाने की सलाह देकर
जागरूकता अभियान चलाकर
बाल लैंगिक उत्पीडन के रोकथाम में स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। बच्चों को गुड टच बेड टच बता सकते हैं।बेड टच से बचने के बता और सिखा सकते हैं।साथ ही प्रलोभनों से दूर रहना सिखा सकते हैं।
ReplyDeleteस्कूल के माध्यम से बाल लैंगिक उत्पीड़न में रोकथाम हेतु एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं स्कूल में शिक्षकों के द्वारा बच्चों को यह बताया जा सकता है कि कि लोगों के द्वारा किस प्रकार से इस पर शक करते हैं जो अच्छा है या बुरा है स्कूल अच्छे से समझा करके बताया जा सकता है ताकि बच्चे इन सब चीजों को समझ सके और जागरूकता फालतू में भी लाने की आवश्यकता है जिससे वह भी घर में अपने बच्चों को बता सके कि आपके साथ ऐसा कुछ होता है किसी के द्वारा आप को गलत तरीके से स्पर्श किया जाता है तो उसका विरोध करें और अपने बालक या अपने शिक्षक को जरूर बताएं।
ReplyDeleteBachho aur palko ko jagruk kar, laingik apradh ki jankari dena chahiye
ReplyDeleteबालाजी के उत्पीड़न की रोकथाम में स्कूल के द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाया जा सकता है जिसमें पहले बच्चों को किसी व्यक्ति के द्वारा अच्छा स्पर्श और बुराई स्पर्श के बारे में बताया जाना चाहिए साथ ही साथ बच्चों को लैंगिक अपराधों के बारे में अच्छे से समझाना चाहिए बच्चों को विस्तृत रूप से लैंगिक अपराधों से संबंधित बातें बताई जानी चाहिए बच्चों के पालकों को भी इन सब चीजों से अवगत कराया जाना चाहिए ताकि वह भी इसके प्रति जागरूक रहें।
ReplyDeleteBacchon ko good touch aur bad touch ki jankari dena aur self defense ke tareeke samjhana.bachcho ki activity par nazar rakhna aur unhe unke adhikaron ke prati jagruk karna.
ReplyDeleteबच्चों को जागरूक कर गुड टच एवम् बेड टच की जानकारी अवश्य दी जानी चाहिए
ReplyDeleteबच्चो को जागरूक कर एवं नैतिक शिक्षा पर जोर दिया जाना आवश्यक है।
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम हेतु स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुसरण करते हैं एवं उनकी बातों को मानते भी हैं।
ReplyDeleteअतः. बच्चों को विद्यालय में लैंगिक अपराध के बारे में बताना चाहिए
प्रलोभन देने वाले का समझ विकसित करना गुड और बैड टच का अनुभव कराना अकेले होने पर खतरा महसूस करते ही जोर से चिल्लाना और सुरक्षित स्थान की ओर दौड़ लगाना जो उनको पसंद ना आए ऐसी कृतियों पर बेझिझक अभिभावक को बताने की हौसला बढ़ा कर या प्रेरित करके
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम केलि ए हेल्प बा क्स(शिकायत/सुझाव पेटी)लगाएं।बच्चों को अलग - थलग न छोड़ें। पालकों को जागरूक करें।बच्चों को स्पर्श के प्रकार बतायें।
ReplyDeleteBacchon ke bare mein Bata Kar
ReplyDeleteBachho ko nuchahi sparsh ( bad touch aur good touch )ke baare me bta kr aur pdhai ke sath sath kai mahtwpurn jankari bhi btai ja skti h.
ReplyDeleteBachho ko nuchahi sparsh ( bad touch aur good touch )ke baare me bta kr aur pdhai ke sath sath kai mahtwpurn jankari bhi btai ja skti h.
ReplyDeleteबच्चों को गुड टच बैड टच के बारे में बताकर।
ReplyDeleteउनकी एक्टिविटी की ओर ध्यान देकर
बच्चों को अकेले कहीं न जाने की सलाह देकर।
जागरूकता अभियान चलाकर।
बच्चों को गुड टच बैड टच के बारे में बता कर अकेले कहीं ना जाने की सलाह देकर बच्चों को किसी परिस्थिति मैं अपने साथ हो सकने वाले घटना अकेले होने पर खतरा महसूस करने पर जोर से चिल्लाना अपने साथ हुए किसी भी दुर्व्यवहार को अपने परिवार मां-बाप तथा शिक्षक को बताने की जानकारी देकर इस प्रकार के अपराधों को कम किया जा सकता है
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम हेतु स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुसरण करते हैं एवं उनकी बातों को मानते भी हैं।
ReplyDeleteअतः. बच्चों को विद्यालय में लैंगिक अपराध के बारे में बताना चाहिए
बच्चों को जागरूक करके यौन उत्पीड़न को रोकने का प्रयास किया जा सकता है,बच्चों को किन्ही व्यक्ति द्वारा संपर्क (गुड टच/बैड टच) की पहचान,,कुछ भी गलत होने जैसी स्थिति की जानकारी अपने माता-पिता को देने ,,बच्चों को आत्मरक्षा के तरीके जैसे कराटे आदि सिखाकर स्वयं की बचाव करना.....इत्यादि |
ReplyDeleteबच्चे को गुड टच बैड टच के बारे में बताना, बच्चों को जानकारी देकर आत्म रक्षा के तरीके कराटे आदि सिखा कर स्वयं की बचाव करना अकेले कहीं आना जाना नहीं, इस माध्यम से बच्चों कोयौन सेउत्पीड़न से बचा सकते हैं
ReplyDeleteबच्चे को गुड टच बैड टच के बारे में बताना, बच्चों को जानकारी देकर आत्म रक्षा के तरीके कराटे आदि सिखा कर स्वयं की बचाव करना अकेले कहीं आना जाना नहीं, इस माध्यम से बच्चों कोयौन सेउत्पीड़न से बचा सकते हैं
ReplyDeleteस्कूल बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं - बच्चों को गुड टच, बैड टच को बताना,अन्जान व्याक्तियो से कोई भी वस्तु न लेना, प्रलोभन में न पड़ना, अच्छे बुरे बातों को समझाना और जो आप को अच्छा न लगे ऐसे कार्यों को अपने करीबी शिक्षक या माता-पिता को बताये ताकि समय पर रोकथाम किया जा सके|
ReplyDeleteइन्द्र सिंह चन्द्रा , उच्च वर्ग शिक्षक , शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला काशीगढ़ , विकास खण्ड-जैजैपुर , जिला-जांजगीर-चांपा, (छ.ग.)
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है । स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुसरण करते हैं एवं उनकी बातों का पालन भी करते हैं । अतः हम शिक्षकों को चाहिए इसकी रोकथाम हेतु बच्चों में जागरूकता बढ़ाएं। गुड टच और बैड टच में अंतर स्पष्ट करें । एकांत में न रहने हेतु सुझाव देवें। किसी पर भी विश्वास न करने की सलाह देवें। समूह में रहने की समझ विकसित की जावें। खतरा महसूस होने पर आवाज करने की सलाह दिया जाए।बच्चों की प्रत्येक गतिविधियों पर नजर रखी जाए। उनकी उपस्थिति पर भी विशेष ध्यान दिया जाए । प्रलोभन से बचने की सारी बातें बताई जाए। हर परिस्थितियों के प्रति सतर्कता बरतने के उपायों पर विशेष चर्चा की जाए। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम किया जा सकता है।
स्कूलों में बच्चों को गलत स्पर्श सही स्पर्श आदि के संबंध में जागरूक करें शिक्षकों अन्य कर्मचारियों घर के सदस्यों आदि द्वारा शोषण के बारे में जागरूक करें बच्चों से सहानुभूति पूर्वक व्यवहार करें उनमें विश्वास जगह सुरक्षा का आश्वासन दे फिर भी बच्चे अभिव्यक्त ना कर पाए तो शिकायत पेटी रखो बाय जिसमें बच्चे अपने साथ हो रहे शोषण के बारे में लिख कर डाल सकें उनके नाम को गोपनीय रखें पुलिस या बाल संरक्षण केंद्र में सूचित करें इस प्रकार स्कूल बच्चों का संरक्षण कर सकते हैं
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में स्कूल बच्चों में जागरूकता का प्रसार कर महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है। बच्चों को गुड बैड टच जानकारी देकर, अनजान लोगों से दूर, खाने का लालच दे तो न ले। यदि कोई ग़लत करने कि कोशिश करें तोधकेलना, दूर होना, चिल्लाना, व,अपने, शिक्षकों को बताना।
ReplyDeleteबाल उत्पीड़न की रोकथाम के लिए स्कूल में बच्चों में जागरूकता पैदा करना चाहिए। आत्मरक्षा के लिए कराटे प्रशिक्षण लड़कियों व लड़कों को देना चाहिए।
ReplyDeleteबच्चे सबसे ज्यादा समय घर के बाद स्कूल मे बिताते है जिससे शिक्षक बच्चे के हाव-भाव से अच्छे से परिचित हो जाते है, शिक्षक बच्चे को गुड टच, बेड टच कि जानकारी देकर ,
ReplyDeleteकम उम्र की बच्चियों को चाॅकलेट या बिस्किट का प्रलोभन देकर उनके उत्पीड़न की घटनाएं होती हैं। उन्हें प्रलोभन देने वालों की पहचान करने की समझ विकसित करना, उनसे ऐसी घटनाएं साझा करना और ऐसी परिस्थितियों के प्रति सतर्कता बरतने की उपायों को बताना। विद्यालय के यूथ क्लब द्वारा लैंगिक समानता से सम्बन्धित गतिविधियां कराना,कक्षा में एक-दूसरे के प्रति सम्मान भाव रखने को प्रेरित करना। अभिभावकों को भी बच्चों की सुरक्षा एवं रक्षा के प्रति जागरूक करना|
ReplyDeleteबच्चे सबसे ज्यादा समय घर के बाद स्कूल मे बिताते है जिससे शिक्षक बच्चे के हाव-भाव से अच्छे से परिचित हो जाते है, शिक्षक बच्चे को गुड टच, बेड टच कि जानकारी देकर ,
कम उम्र की बच्चियों को चाॅकलेट या बिस्किट का प्रलोभन देकर उनके उत्पीड़न की घटनाएं होती हैं। उन्हें प्रलोभन देने वालों की पहचान करने की समझ विकसित करना, उनसे ऐसी घटनाएं साझा करना और ऐसी परिस्थितियों के प्रति सतर्कता बरतने की उपायों को बताना। विद्यालय के यूथ क्लब द्वारा लैंगिक समानता से सम्बन्धित गतिविधियां कराना,कक्षा में एक-दूसरे के प्रति सम्मान भाव रखने को प्रेरित करना। अभिभावकों को भी बच्चों की सुरक्षा एवं रक्षा के प्रति जागरूक करना|
ReplyDeleteबच्चे सबसे ज्यादा समय घर के बाद स्कूल मे बिताते है जिससे शिक्षक बच्चे के हाव-भाव से अच्छे से परिचित हो जाते है, शिक्षक बच्चे को गुड टच, बेड टच कि जानकारी देकर ,
बच्चे सबसे ज्यादा समय घर के बाद स्कूल में बिताते है,जिससे शिक्षक बच्चे के हाव भाव से अच्छी तरह परिचित हो जाता है।शिक्षक बच्चे को गुड टच,बेड टच की जानकारी देकर जागरूक कर सकते है।अनजान लोगों से दूर रहे, किसी भी प्रलोभन मे न आये, समूह मे रहे अगर खतरा लगे तो अपने शिक्षक को बतायेआदि।बच्चों को आत्मरक्षा हेतु कराटे सिखाया जा सकता हैं।
ReplyDeleteबच्चों को जागरूक करके यौन उत्पीड़न को रोकने का प्रयास किया जा सकता है,बच्चों को किन्ही व्यक्ति द्वारा संपर्क (गुड टच/बैड टच) की पहचान,,कुछ भी गलत होने जैसी स्थिति की जानकारी अपने माता-पिता को देने ,,बच्चों को आत्मरक्षा के तरीके जैसे कराटे आदि सिखाकर स्वयं की बचाव करना.....इत्यादि |
ReplyDeleteस्कूल स्तर पर बाल यौन शोषण की विषय गत जानकारी देकर। विभिन्न मुद्दों और घटनाओ की जानकारी के माध्यम से बच्चों को सही शिक्षा और जागरूकता बना कर स्कूल स्तर पर इस घटना को रोका जा सकता है।
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम के लिए स्कूलों में बच्चों एवं बालकों को जागरूक करना चाहिए lबच्चों एवं माता-पिता को गुड टच एवं बैड टच की जानकारी देकर ,अजनबी से बचने ,प्रलोभन से बचने ,एक दूसरे का सम्मान करने ,समय के साथ शारीरिक परिवर्तन की जानकारी देकर रोकथाम किया जा सकता हैl स्कूलों में pocso अधिनियम की जानकारी छात्र छात्राओं को अवश्य देनी चाहिए एवं स्कूल के बरामदे में पॉक्सो बॉक्स अवश्य होना चाहिएl जिसमें बच्चे बेहिचक अपनी शिकायत लिख कर डाल सके l
ReplyDeleteबच्चों को जागरूक करके यौन उत्पीड़न को रोकने का प्रयास किया जा सकता है lबच्चों को आत्मरक्षा के तरीके जैसे कराटे वगैरा भी स्वयं की बचाव के लिए स्कूलों में सिखाना चाहिएl स्कूलों में पॉक्सो अधिनियम की जानकारी छात्र छात्राओं को अवश्य देनी चाहिए एवं स्कूल के बरामदे में pocsoबॉक्स अवश्य होना चाहिए जिसमें बच्चे बेहिचक अपनी शिकायत लिख कर डाल सकें lबच्चे सबसे ज्यादा समय घर के बाद स्कूल में बिताते हैं जिससे शिक्षक बच्चे के हाव भाव से अच्छी तरह परिचित हो जाते हैं lशिक्षक बच्चे को गुड और बैड टच की जानकारी देकर जागरूक कर सकते ह चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 की जानकारी छात्र छात्राओं को अवश्य होनी चाहिएl
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न से की रोकथाम के लिए स्कूलों में पॉक्सो बॉक्स अवश्य होना चाहिए । जिसके माध्यम से छात्र-छात्राएं अपनी समस्या को शिक्षक - शिक्षिकाओं तक पहुंचा सके , बच्चों एवं माता-पिता को गुड टच एवं बैड टच की जानकारी देकर जागरूक कर सकते हैं तथा चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 की जानकारी प्रत्येक बच्चे को होनी चाहिए।
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न से की रोकथाम के लिए स्कूलों में पॉक्सो बॉक्स अवश्य होना चाहिए । जिसके माध्यम से छात्र-छात्राएं अपनी समस्या को शिक्षक - शिक्षिकाओं तक पहुंचा सके , बच्चों एवं माता-पिता को गुड टच एवं बैड टच की जानकारी देकर जागरूक कर सकते हैं तथा चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 की जानकारी प्रत्येक बच्चे को होनी चाहिए।
ReplyDeleteकम उम्र की बच्चियों को चाॅकलेट या बिस्किट का प्रलोभन देकर उनके उत्पीड़न की घटनाएं होती हैं। उन्हें प्रलोभन देने वालों की पहचान करने की समझ विकसित करना, उनसे ऐसी घटनाएं साझा करना और ऐसी परिस्थितियों के प्रति सतर्कता बरतने की उपायों को बताना। विद्यालय के यूथ क्लब द्वारा लैंगिक समानता से सम्बन्धित गतिविधियां कराना,कक्षा में एक-दूसरे के प्रति सम्मान भाव रखने को प्रेरित करना। अभिभावकों को भी बच्चों की सुरक्षा एवं रक्षा के प्रति जागरूक करना|
ReplyDeleteबच्चे सबसे ज्यादा समय घर के बाद स्कूल मे बिताते है जिससे शिक्षक बच्चे के हाव-भाव से अच्छे से परिचित हो जाते है, शिक्षक बच्चे को गुड टच, बेड टच कि जानकारी देकर ,
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम के लिए स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुसरण करते हैं एवं उनके बातों को मानते भी हैं। अत: बच्चों को विद्यालय में लैंगिक अपराध के बारे में बताना चाहिए।
ReplyDeletebacchon ko is Vishay Mein Jankari dena avashyak hai. Good touch and bad touch ke bare mein batana chahie.
ReplyDeleteWe should give knowledge to small child about good vs bad touch
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में स्कूल की महत्वपूर्ण भूमिका निभा होती है, हमे बच्चों को इस संबंध में जागरूक बनाना चाहिए, शाला और शाला के बाहर बच्चे किसी अनजान व्यक्ति से ना मिलें, उनकी दी हुई कोई भी खाने की चीजें न खाएं, और हमे बच्चों के साथ ऐसा तालमेल बनाना चाहिए कि अगर उनके साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार हो रहा हो तो बिना डरे अपनी समस्या कह सकें।
ReplyDeleteबाल लेंगिक अपराध की रोक थाम में स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।बच्चो कोअंजान व्यक्तियों से दूर रहने की सलाह किसी भी लालच में नही पढने की एवम किसी के बहकावे से बचने की बाते बताई जावे ।किसी की गलत निगाहों के बारे में घर मे बताना ।
ReplyDeleteबाल यौन रोकथाम हेतु शिक्षा दे कर।
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम के लिए स्कूल की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है लोगों एवं बच्चों को यह जानकारी देना की बाल लैंगिक शोषण के ज्यादा मामले अपने करीबियों एवं रिश्तेदारों द्वारा किए जाने आते हैं इससे बचने के लिए :-
ReplyDeleteकम उम्र की बच्चियों को चॉकलेट ,बिस्किटआदि के प्रलोभन में नहीं आना ,अकेले कहीं नहीं जाना , अपनी आत्मरक्षा के लिए जोर से बचाव कह के चिल्लाना, धक्का देकर दुर हटना, नाक या आंख में जोर से मुक्का मारना, जैसे बचाव की जानकारी बच्चों देना। साथ ही बच्चों को यह बताना कि गुड टच एवं बैड टच क्या है? बच्चों को यह भी बताएंगे की घटना की जानकारी अपने पालक एवं शिक्षक को बताना।
आत्मरक्षा हेतु कराटे आदि का प्रशिक्षण देना, नजदीकी पुलिस थाना में रिपोर्ट करने कहना, पास्को अधिनियम की जानकारी देना, हेल्पलाइन नंबर 1098 को बताना । जैसे जानकारी देकर बाल लैंगिक उत्पीड़न को कम किया जा सकता है।
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम हेतु स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुसरण करते हैं एवं उनकी बातों को मानते भी हैं।
ReplyDeleteअतः. बच्चों को विद्यालय में लैंगिक अपराध के बारे में बताना चाहिए।बच्चों को गुड़ बेड टच की जानकारी देकर, अजनबी से बचने, प्रलोभन से बचने, एक दूसरे का सम्मान करने, समय के साथ शारीरिक परिवर्तन की जानकारी देकर रोकथाम किया जा सकता है.
बच्चों को विद्यालय में लैंगिक अपराध के बारे में बताना चाहिए तथा पालकों को भी जागरुक करना । बच्चों को कोई ग़लत तरीके से छूता है या हरकतें करता है तो छात्र अपने माता-पिता या शिक्षक को बताना चाहिए
ReplyDeleteस्कूल बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं - बच्चों को गुड टच, बैड टच को बताना,अन्जान व्याक्तियो से कोई भी वस्तु न लेना, प्रलोभन में न पड़ना, अच्छे बुरे बातों को समझाना और जो आप को अच्छा न लगे ऐसे कार्यों को अपने करीबी शिक्षक या माता-पिता को बताये ताकि समय पर रोकथाम किया जा सके|
ReplyDeleteबच्चों को गुड टच बैड टच के बारे में बताकर।
ReplyDeleteउनकी एक्टिविटी की ओर ध्यान देकर
बच्चों को अकेले कहीं न जाने की सलाह देकर
जागरूकता अभियान चलाकर
बच्चों को गुड टच बैड टच के बारे में बताकर।
ReplyDeleteउनकी एक्टिविटी की ओर ध्यान देकर
बच्चों को अकेले कहीं न जाने की सलाह देकर
जागरूकता अभियान चलाकर
स्कूलों में बाल लैंगिक शोषण को रोकने के लिए शिक्षक की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने बच्चों की क्षमताओं का निर्माण करें।
ReplyDeleteजैसे-अंजान व्यक्तियों द्वारा कोई भी वस्तु न लें, प्रभोलन से बचना, अच्छे बुरे बातों को समझना,समय के साथ होने वाली शारीरिक परिवर्तन के बारे में जानकारी देना, बाल संरक्षण हेतु शासन द्वारा दिये गये चाइल्ड लाइन 1098 को बताना, कक्षा में समान भाव रखने के लिए बच्चों को प्रेरित करना, ताकि उन्हें न केवल रिपोर्ट करने के लिए बल्कि बाल लैंगिक शोषण के खिलाफ लड़नें के लिए भी मजबूत बनाया जा सके। समानांतर रुप से यह भी स्कूल का कर्तव्य है कि वह निवारण उपाय करें ताकि स्कूल हमारे बच्चों के लिए एक सुरक्षित स्थान बन जाएं ।
बच्चो को गुड टच ,बेड टच के बारे में बताना, उनकी एक्टिविटी पर नजर रखकर ,समूह में रहने की सलाह देना।जागरूकता अभियान चलाना।
ReplyDeleteBacche jayda samay school me rahte hai school me baccho ko good touch avm bad touch ke bare me jaankari dekar baccho ko bataya ja saktaa hai
ReplyDeleteस्कूल बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं - बच्चों को गुड टच, बैड टच को बताना,अन्जान व्याक्तियो से कोई भी वस्तु न लेना, प्रलोभन में न पड़ना, अच्छे बुरे बातों को समझाना और जो आप को अच्छा न लगे ऐसे कार्यों को अपने करीबी शिक्षक या माता-पिता को बताये ताकि समय पर रोकथाम किया जा सके|
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीडन के रोकथाम में स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। बच्चों को गुड टच बेड टच बता सकते हैं।बेड टच से बचने के बता और सिखा सकते हैं।साथ ही प्रलोभनों से दूर रहना सिखा सकते हैं।
ReplyDeleteकम उम्र की बच्चियों को चाॅकलेट या बिस्किट का प्रलोभन देकर उनके उत्पीड़न की घटनाएं होती हैं। उन्हें प्रलोभन देने वालों की पहचान करने की समझ विकसित करना, उनसे ऐसी घटनाएं साझा करना और ऐसी परिस्थितियों के प्रति सतर्कता बरतने की उपायों को बताना। विद्यालय के यूथ क्लब द्वारा लैंगिक समानता से सम्बन्धित गतिविधियां कराना,कक्षा में एक-दूसरे के प्रति सम्मान भाव रखने को प्रेरित करना। अभिभावकों को भी बच्चों की सुरक्षा एवं रक्षा के प्रति जागरूक करना
ReplyDeleteबच्चों को गुड़ बेड टच की जानकारी देकर, अजनबी से बचने, प्रलोभन से बचने, एक दूसरे का सम्मान करने, समय के साथ शारीरिक परिवर्तन की जानकारी देकर रोकथाम किया जा सकता है.
ReplyDeleteबच्चों को गुड टच बैड टच के बारे में बताकर।
ReplyDeleteउनकी एक्टिविटी की ओर ध्यान देकर
बच्चों को अकेले कहीं न जाने की सलाह देकर
जागरूकता अभियान चलाकर,सचेत रहने की सलाह देकर आदि
बाल उत्पीड़न रोकथाम के लिए स्कूल में जागरूकता अभियान चलाया जा सकता है । बच्चों को सही गलत के बारे में जानकारी देकर , नैतिक शिक्षा के द्वारा राक्कथाम किया जा सकता है।
ReplyDeleteस्कूल बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं - बच्चों को गुड टच, बैड टच को बताना,अन्जान व्याक्तियो से कोई भी वस्तु न लेना, प्रलोभन में न पड़ना, अच्छे बुरे बातों को समझाना और जो आप को अच्छा न लगे ऐसे कार्यों को अपने करीबी शिक्षक या माता-पिता को बताये ताकि समय पर रोकथाम किया जा सके|
ReplyDeleteबच्चों को गुड टच बेड टच के प्रति जागरूक करना उनकी गतिविधियों पर नज़र रखना तथा पालकों सेअवगत कराते रहना।
ReplyDeleteबच्चों को गुड टच बेड टच के प्रति जागरूक करना उनकी गतिविधियों पर नज़र रखना तथा पालकों सेअवगत कराते रहना।
ReplyDeleteएन एल कुंभकार
ReplyDeleteमाशा कच्छारपारा निराछिंदली
संकुल-एटेकोन्हा विखं-केशकाल
जिला-कोण्डागांव छग
बाल लैंगिक उत्पीडन के रोकथाम में स्कूल की भूमिका अहम है। विद्यालय में बच्चों को भले बुरे की पहचान,गुड टच बेड टच की जानकारी देकर बाल उत्पीड़न से सचेत किया जा सकता है।एक शिक्षक के रूप में हमें अधिक जिम्मेदार और सजग होने की आवश्यकता है।
कम उम्र की बच्चियों को चाॅकलेट या बिस्किट का प्रलोभन देकर उनके उत्पीड़न की घटनाएं होती हैं। उन्हें प्रलोभन देने वालों की पहचान करने की समझ विकसित करना, उनसे ऐसी घटनाएं साझा करना और ऐसी परिस्थितियों के प्रति सतर्कता बरतने की उपायों को बताना। विद्यालय के यूथ क्लब द्वारा लैंगिक समानता से सम्बन्धित गतिविधियां कराना,कक्षा में एक-दूसरे के प्रति सम्मान भाव रखने को प्रेरित करना। अभिभावकों को भी बच्चों की सुरक्षा एवं रक्षा के प्रति जागरूक करना
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने में स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं I बच्चों को छूने वाली गुड टच बैड टच के बारे में चर्चा करके, बच्चों को स्कूल में जागरूक करेंगे,प्रलोभन से बचना, अच्छे बुरे बातों को समझना, समय के साथ होने वाले शारिरिक परिवर्तन की जानकारी तथा अपराधों के संभावित कारणों को अवगत कराते हुए उनसे बचने के उपायों पर चर्चा करके इससे बचा जा सकता है।
ReplyDeleteTeachers ko bachho me aaye parivatan ko dhan dena chahiye
ReplyDelete1.इस तरह से जुड़ी यौन या लैंगिक मुद्दो या विषयों या शिक्षा पर स्वस्थ चर्चा,बहस , जागरूकता व शिक्षण प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर।
ReplyDelete2.नैतिक मूल्यों व संस्कृतियों की गहरी समझ,अनुभव,व सबक प्रदान कर।
बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में बताना पालकों और बच्चों को जागरूक करना, किसी भी गलत बात को अपने माता पिता या टीचर को batana, अनजान व्यक्ति सेकोई सामान न लेना न ही उनके पास जाना चाहिए यदि कोई उनके साथ ऐसा करता है तो जोड़ से शोर मचाना चाहिए मदद के लिए 1098 का उपयोग कर सकते है इन बातों की जानकारी दे सकते है.
ReplyDeleteबच्चो को आत्मरक्षा गुर सिखाकर, जागरूक बनाकर, शोषणकर्ता के सम्भावित संकेतक की जानकारी देकर, माता- पिता/अभिभावको को जागृत करके,पोक्सो अधिनियम की जानकारी दी जा सकती है।कोई भी यदि शोषित होता है तो सुरक्षा के लिए तुरंत चाइल्डहेल्प लाइन 1098 सम्पर्क किया जा सकता है।
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम के लिए स्कूल में संस्कार मय वातावरण निर्माण कर व बाल लैंगिक अपराध की जानकारी देकर बच्चों व समुदाय को जागरूक किया जा सकता है।
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम के लिए ,बच्चों को सही /ग़लत कार्य के बारे में दस मिनट बच्चों के साथ स्कूल में प्रार्थना के समय प्रतिदिन चर्चा करके इस तरह की शोषण को रोकथाम कर सकते हैं ।
ReplyDeleteबॉल उत्पीड़न की रोकथाम के लिए स्कूल में बच्चों को जागरूकता उत्पन्न करना व कराटे प्रशिक्षण देना बहुत जरूरी है जिससे बच्चे खुद ही रक्षा कर सके बच्चों को अंजान व्यक्ति से दूर रहने की सलाह देना व कोई भी गलत नजर से देखता या छूता हैं तो वे अपने पालक व शिक्षक को बतायेगा और बच्चे कोअकेले कही न जाने की सलाह देंगे आदि
ReplyDeletePrakash das lahare m. s Netamtola, स्कूल बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोक थाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है, क्योंकि बच्चों का ज्यादातर समय स्कूल में व्यतीत होता है । बच्चों को गलत तरीकों से छूने, गलत चित्र, अनजान या परिचित के साथ कहीं भी जाने से मना कर, तथा किसी के भी कोई लालच को त्यागने की शिक्षा देकर बाल उत्पीड़न को रोकने का प्रयास किया जा सकता है.
ReplyDeleteलक्ष्मीन चन्द्रा ,शा.प्रा.शा.आमापाली जैजैपुर, विकास खण्ड-जैजैपुर , जिला-जांजगीर-चांपा, (छ.ग.)
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है । स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुसरण करते हैं एवं उनकी बातों का पालन भी करते हैं । अतः हम शिक्षकों को चाहिए इसकी रोकथाम हेतु बच्चों में जागरूकता बढ़ाएं। गुड टच और बैड टच में अंतर स्पष्ट करें । एकांत में न रहने हेतु सुझाव देवें। किसी पर भी विश्वास न करने की सलाह देवें। समूह में रहने की समझ विकसित की जावें। खतरा महसूस होने पर आवाज करने की सलाह दिया जाए।बच्चों की प्रत्येक गतिविधियों पर नजर रखी जाए। उनकी उपस्थिति पर भी विशेष ध्यान दिया जाए । प्रलोभन से बचने की सारी बातें बताई जाए। हर परिस्थितियों के प्रति सतर्कता बरतने के उपायों पर विशेष चर्चा की जाए। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम किया जा सकता है।
geeta sahu - स्कूल बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं - बच्चों को गुड टच, बैड टच को बताना,अन्जान व्याक्तियो से कोई भी वस्तु न लेना, प्रलोभन में न पड़ना, अच्छे बुरे बातों को समझाना और जो आप को अच्छा न लगे ऐसे कार्यों को अपने करीबी शिक्षक या माता-पिता को बताये ताकि समय पर रोकथाम किया जा सके|
ReplyDeleteHemant Salame UDT
ReplyDeleteMS Chircharikala block chhuria Dist- Rajnandgaon
छात्र छात्राओं को good touch & bad touch की जानकारी देना निहायत ही जरूरी है.
छात्र छात्राओं एवं शिक्षकों की निगरानी समिति के द्वारा भी रोकथाम किया जा सकता है
शाला प्रबंधन एवं विकास समिति को शाला की सतत् निगरानी हेतु प्रेरित करके ।
पालकों में जागरूकता की भी आवश्यकता होगी ।
Pocso act की जानकारी विद्यार्थियों को दे कर साथ ही समस्या निवारण समिति का गठन एवं क्रियान्वयन
SCHOOL ME BACHCHO KO JANKARIYA SAJHA KAR JAGRUK BANAYE TAKI DURVYAVHAR SE BACHE RAHE
ReplyDeleteUCHIT VATAVARN DEKAR APNE SATH HUYE DURVYAVHAR KI JANKARI DENE PRERIT KAR SAKTE H
बच्चों को गुड टच,बैड टच ,व शारिरिक परिवर्तन की जानकारी देकर तथा उन्हें प्रलोभन से सतर्क रहने की हिदायत देकर काफी हद तक उत्पीड़न से बचा सकते हैं।
ReplyDeleteGood Touch and Bad Touch की जानकारी देकर,posco act की जानकारी देकर, शिक्षको को इस विषय पर बच्चों को जानकरी देना चाहिए क्यो कि बच्चे अपने शिक्षकों की बात ध्यान से सुनते हैं। बच्चों की गतिविधियों पर नज़र रखना चाहिएऔर पालक को भी जागरूक करना चाहिए।
ReplyDeleteस्कूलों में लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम के लिए बच्चों को गुड टच और बैड टच को बताना ,अन्जान ब्यक्तित से कोई वस्तु नहीं लेना,प्रलोभन में न आना, अच्छे और बुरे बातों को समझाना, बच्चों को लैंगिक अपराध के सम्बन्ध में जानकारी देना ,बाल संरक्षण के हेतु जारी नम्बर 1098 के बारे में में बच्चों को बताना आदि माध्यम से हम बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम कर सकते हैं ।
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है हम बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी देकर ,अजनबी से बचने ,प्रलोभन से बचने, कौन अच्छा है कौन बुरा है। इन सब चीजों को बताएंगे। समय के साथ शारीरिक परिवर्तन की जानकारी देकर लैंगिक उत्पीड़न की अपराध को रोका जा सकता है।
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।इसके लिए स्कूल में बाल संरक्षण नीति जरुरी है,जो सुरक्षित और सभी हितधारकों को भली-भांति ज्ञात हो।स्कूल के कर्मचारी और बुनियादि ढांचे का नियमित सुरक्षा ऑडिट हो।शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारी और माता-पिता को जागरूक करें।स्कूल में बच्चों को सुरिक्षत और असुरिक्षत स्पर्श के बारे में जागरूक करके उन्हें बहुत हद तक लैंगिक शोषण से बचा सकते हैं।
ReplyDeleteदिलीप कुमार वर्मा
सहायक शिक्षक(L.B.)
शा.प्रा.शा.सुन्द्रावन
वि.ख.-पलारी
जिला-बलौदाबाजार(छ. ग.)
बाल यौन शोषण के प्रति जागरूक कर के।
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम के लिए स्कूल की भूमिका महत्व पूर्ण है क्योंकि बच्चों को good touch और bed touch के बारे जानकारी और अगर ऐसी अप्रिय घटना हो जाये तो उसे अपनों के बीच साझा करना या अपने शिक्षक को बिना डरे बताने के लिए प्रेरित करना है जिससे बच्चों के मन मे आत्मविश्वास जागेगा
ReplyDeleteबाल लैंगिक अपराध को रोकने के लिए विद्यालय में विद्यार्थियों को विशेष रूप से होने वाले बल अपराध के बारे में जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए। एवं बच्चों में सही गलत व्यवहार के बारे मे विस्तृत जानकारी देना चाहिए।
ReplyDeleteस्कूल बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं - बच्चों को गुड टच, बैड टच को बताना,अन्जान व्याक्तियो से कोई भी वस्तु न लेना, प्रलोभन में न पड़ना, अच्छे बुरे बातों को समझाना और जो आप को अच्छा न लगे ऐसे कार्यों को अपने करीबी शिक्षक या माता-पिता को बताये ताकि समय पर रोकथाम किया जा सके|
Deleteबाल उत्पीड़न की रोकथाम के लिए बच्चों को जागरूक करके ।
ReplyDeleteबच्चों में गुड टच बैड टच की जानकारी देकर कहीं एकांत में अकेले ना जाएं
ReplyDeleteबच्चो को गुड टच बैड टच की जानकारी देकर कहीं एकांत में अकेले ना जाएं
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीडन की रोकथाम के लिए हमे सर्वप्रथम (1)सुरक्षित और असुरक्षित स्पर्श पर चर्चा कर बच्चों को जागरूक करना(2), शिकायत व सुझाव पेटी की वयवस्था करना।(3)शिक्षण और गैर शिक्षण कर्मचारियों तथा अभिभावकों को जागरूक करना।(4)बच्चो की भावनाओं को समझना।(5)असम्पर्क दुर्व्यवहार के बारे में जानकारी देना तथा सुरक्षा बरतना।(6)लिंग,बाल यौन शोषण ,आत्मरक्षा पर खुली चर्चा करना।साथ ही सुरक्षात्मक नियमों की भी जानकारी देकर उत्पीडन की रोकथाम कर सकते है......Darro
ReplyDeleteबाल उत्पीड़न को रोकने के लिए स्कूल की भूमिका हो सकती है कि हम बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में बताएं। इससे संबंधित अनेक वीडियो क्लिप यूट्यूब आदि में उपलब्ध है जिसे बच्चों को हम दिखा सकते हैं , और जागरूकता ला सकते हैं। बच्चों को हम यह भी समझाएं कि यदि किसी व्यक्ति के व्यवहार तथा आचरण में परिवर्तन महसूस होता है। तो उनसे दूरी बना के रखें । ऐसे लोगों के संबंध में अपने माता पिता अथवा शिक्षक को बिना झिझक अथवा बिना डरे उनकी हरकतों बता सकें।
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने में स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं I बच्चों को छूने वाली गुड टच बैड टच के बारे में चर्चा करके, बच्चों को स्कूल में जागरूक करेंगे,प्रलोभन से बचना, अच्छे बुरे बातों को समझना, समय के साथ होने वाले शारिरिक परिवर्तन की जानकारी तथा अपराधों के संभावित कारणों को अवगत कराते हुए उनसे बचने के उपायों पर चर्चा करके इससे बचा जा सकता है।
ReplyDeleteबच्चों में समझ बढ़ाने के लिए प्रयास करना। समय पर ध्यान देना । प्रलोभन से बचने की सलाह देना। मम्मी पापा की सलाह पर अमल करना।
ReplyDeleteस्कूल, बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम मे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
ReplyDeleteबच्चो को गुड टच, बैड टच के बारे मे बताकर, अंजान, अपरिचित ब्यक्तियो के प्रलोभन मे न आकर, अच्छे बुरे बातो के बारे जानकारी देकर, समय के साथ होने वाले शारीरिक परिवर्तन के बारे मे अवगत करा कर, समुह मे रह कर, खतरा महसूस होने पर आवाज करने की सलाह देकर , बच्चो की प्रत्येक गतिविधियों पर नजर रख कर ,तथा अपराधो के संभावित कारणो को अवगत कराते हुए उनसे बचने के उपायों पर चर्चा करके बचाया जा सकता है।
बाल संरक्षण हेतु शासन द्वारा निर्धारित चाइल्ड लाइन 1098 के बारे मे बताकर कक्षा मे सभी के साथ समान भाव रखने के लिए प्रेरित करना बच्चो के साथ अभिभावको को भी बच्चो की सुरक्षा एवं आत्म रक्षा के लिए जागरूक कर बाल लैंगिक अपराध को रोक सकते है।
स्कूल, बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम मे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
ReplyDeleteबच्चो को गुड टच, बैड टच के बारे मे बताकर, अंजान, अपरिचित ब्यक्तियो के प्रलोभन मे न आकर, अच्छे बुरे बातो के बारे जानकारी देकर, समय के साथ होने वाले शारीरिक परिवर्तन के बारे मे अवगत करा कर, समुह मे रह कर, खतरा महसूस होने पर आवाज करने की सलाह देकर , बच्चो की प्रत्येक गतिविधियों पर नजर रख कर ,तथा अपराधो के संभावित कारणो को अवगत कराते हुए उनसे बचने के उपायों पर चर्चा करके बचाया जा सकता है।
बाल संरक्षण हेतु शासन द्वारा निर्धारित चाइल्ड लाइन 1098 के बारे मे बताकर कक्षा मे सभी के साथ समान भाव रखने के लिए प्रेरित करना बच्चो के साथ अभिभावको को भी बच्चो की सुरक्षा एवं आत्म रक्षा के लिए जागरूक कर बाल लैंगिक अपराध को रोक सकते है।
16, 2021 at 5:33 AM
ReplyDeleteकम उम्र की बच्चियों को चाॅकलेट या बिस्किट का प्रलोभन देकर उनके उत्पीड़न की घटनाएं होती हैं। उन्हें प्रलोभन देने वालों की पहचान करने की समझ विकसित करना, उनसे ऐसी घटनाएं साझा करना और ऐसी परिस्थितियों के प्रति सतर्कता बरतने की उपायों को बताना। विद्यालय के यूथ क्लब द्वारा लैंगिक समानता से सम्बन्धित गतिविधियां कराना,कक्षा में एक-दूसरे के प्रति सम्मान भाव रखने को प्रेरित करना। अभिभावकों को भी बच्चों की सुरक्षा एवं रक्षा के प्रति जागरूक करना
स्कूलों में लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम के लिए बच्चों को गुड टच और बैड टच को बताना ,अन्जान ब्यक्तित से कोई वस्तु नहीं लेना,प्रलोभन में न आना, अच्छे और बुरे बातों को समझाना, बच्चों को लैंगिक अपराध के सम्बन्ध में जानकारी देना ,बाल संरक्षण के हेतु जारी नम्बर 1098 के बारे में में बच्चों को बताना आदि माध्यम से हम बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम कर सकते हैं ।
ReplyDeleteस्कूलों में लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम के लिए बच्चों के बीच जेंडर समानता लानी होगी। लड़के और लड़कियों के बीच संकीर्ण विचारों को खत्म करना होगा। विद्यालय में इस विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया जाना चाहिए जिसमें गुड टच बैड टच के बारे में विस्तृत जानकारी देनी चाहिए बीच-बीच में लड़के और लड़कियों से उनकी समस्याओं की जानकारी लेनी चाहिए उनके मानसिक स्थिति का मूल्यांकन करना चाहिए उनके अंदर होने वाले परिवर्तनों पर भी ध्यान देना चाहिए तथा उसके अनुरूप उनके बीच बैठकर चर्चा एवं परिचर्चा करनी चाहिए । अपरिचित लोगों से से दूर रहने, किसी भी प्रलोभन में ना आने, बड़ी से बड़ी समस्या को अपने अभिभावकों, शिक्षकों से कहने हेतु प्रेरित करना चाहिए। बच्चों से आत्मिक लगावरखनी होगी, ताकि वह बिना डरे अपने मन की बातों को अभिभावक एवं शिक्षक के समक्ष रख सके। हमेशा सकारात्मक वातावरण का निर्माण करना चाहिए नैतिक शिक्षा पर जोर देना चाहिए।
ReplyDeleteबच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में जानकारी देना चाहिए उन्हें अकेले में दूसरे जगह नहीं भेजना चाहिए योन शिक्षा से संबंधित जानकारी विषय में जोड़ना चाहिए और बच्चों को यौन उत्पीड़न से संबंधित जानकारी देकर उस से कैसे बचा जा सके उसके उपाय बताना चाहिए।
ReplyDeleteविद्यालय में शिक्षकों का व्यवहार बच्चों के लिए पालक के समान हों,अपने छात्रों से बातचीत में भय मुक्त वातावरण निर्मित करें ताकि कोई भी बच्चा बेझिझक अपनी समस्या या अपने साथ हो रहे कोई भी असहज व्यवहार को बता सके।विद्यालय प्रबंधन समय समय पर बच्चों से चर्चा करते रहें आवश्यकता अनुसार सुरक्षा की समुचित व्यवस्था करें।
ReplyDeleteबच्चों को अकेले कही न जाने की सलाह देकर ,बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे मे बताकर व जागरुकता अभियान चलाकर।
ReplyDeleteस्कूल बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है -बच्चों को गुड टच, बैड टच को बताना, अनजान व्यक्ति से कोई भी वस्तु न लेना, प्रलोभन में ना पड़ना, अच्छे बुरी बातों को समझना, और जो आपको अच्छा न लगे ऐसे कार्यों को अपने करीबी शिक्षक किया या माता-पिता को बताएं ताकि समय पर रोकथाम किया जा सके
ReplyDeleteस्कूल बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है -बच्चों को गुड टच, बैड टच को बताना, अनजान व्यक्ति से कोई भी वस्तु ना लेना, प्रलोभन में ना पड़ना, अच्छे बुरे बातों को समझाना, और जो आपको अच्छा ना लगे ऐसे कार्यों को अपने करीबी शिक्षक या माता-पिता को बताएं ताकि समय पर रोकथाम किया जा सके
ReplyDeleteअजीत चौहान
ReplyDeleteबच्चे की मनोदशा को समझकर, बच्चे से सहानुभूति से बात करके, बाल उत्पीड़न को रोक सकते हैं |
बच्चों को गुड़ टच और बैंड टच के बारे में बताकर , खाने पीने की चीजों को देने के लालच में या खिलोने या अन्य किसी वस्तु को दिखाकर बुलाने पर किसी भी अनजान या पहचान के व्यक्ति के पास अकेले में नहीं जाना है समझाकर।
ReplyDeleteबच्चों को गुड टच,बैड टच के संबंध में अच्छी जानकारी देकर तथा इस संबंध में विशेष जागरूकता अभियान चला कर स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
ReplyDeleteBachcho ko good touch bad touch ke bare me jankari dekar jagruk kiya ja sakta hai.
ReplyDeleteChildren's me jagrukta lakar.
ReplyDeleteस्कूल बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं - बच्चों को गुड टच, बैड टच को बताना,अन्जान व्याक्तियो से कोई भी वस्तु न लेना, प्रलोभन में न पड़ना, अच्छे बुरे बातों को समझाना और जो आप को अच्छा न लगे ऐसे कार्यों को अपने करीबी शिक्षक या माता-पिता को बताये ताकि समय पर रोकथाम किया जा सके|
ReplyDeleteविद्यालय में शिक्षकों का व्यवहार बच्चों के लिए पालक के समान हों,अपने छात्रों से बातचीत में भय मुक्त वातावरण निर्मित करें ताकि कोई भी बच्चा बेझिझक अपनी समस्या या अपने साथ हो रहे कोई भी असहज व्यवहार को बता सके।विद्यालय प्रबंधन समय समय पर बच्चों से चर्चा करते रहें आवश्यकता अनुसार सुरक्षा की समुचित व्यवस्था करें।
अपने स्कूल के बच्चों को इससे संबंधित जानकारी दी जानी चाहिए।और यदि किसी भी बच्चों के साथ इस प्रकार की घटना होती है तो इसकी जानकारी अपने माता-पिता या किसी विश्वास पात्र व्यक्ति को बताने को कहेंगे।
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम हेतु स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुसरण करते हैं एवं उनकी बातों को मानते भी हैं।
ReplyDeleteअतः. बच्चों को विद्यालय में लैंगिक अपराध के बारे में बताना चाहिए
Bal langik shoshhan ke khilaf bacchon ko dudh touch and bad touch ke bare mein bataenge aur nidar banaenge Taki bacche jarurat Pade to uska ka dat kar Samna kar sakte hain. Salami pradhanadhyapak ke alava Anya shikshakon ko bacchon ki nigrani karne ki jimmedari Sapna Taki bacche sala ke mahaul mein surakshit rahe Chala mein surakshit vatavaran banana pradhanadhyapak ke alava Shikshak ki bhi e jimmedari hoti hai
ReplyDeleteबच्चों को गुड टच बैड टच के बारे में बताकर।
ReplyDeleteउनकी एक्टिविटी की ओर ध्यान देकर
बच्चों को अकेले कहीं न जाने की सलाह देकर
जागरूकता अभियान चलाकर
बाल लैंगिक उत्पीडन की रोकथाम के लिये स्कूलों मे ऐसे वर्कशॉप करायें जिनमे बच्चों की उनकी निजी सुरक्षा और उनसे जुडे उपायों के बारे में बताया जाए।स्कूलों मे स्पष्ट दिशा निर्देश होने चाहिए कि ऐसी घटना होने की स्थिति मे कैसे निपटना है। बच्चों को प्रलोभन देने वालों की पहचान की समझ विकसित करना और परिस्थितियों की प्रति सतर्कता बरतने के उपायों को बताना। कक्षा मे समान भाव रखने के लिये प्रेरित करना। अभिभावकों को भी बच्चों की सुरक्षा एवं रक्षा के प्रति जागरूक करना आदि उपायों के द्वारा स्कूलों मे बाल लेैंगिक उत्पीडन की रोकथाम की जा सकती है।
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम हेतु विद्यालय की भूमिका÷
ReplyDelete1/ अजनबी व्यक्ति का विद्यालय में प्रवेश निषेध।
2/आत्मरक्षा हेतु प्रशिक्षित करना।
3/किसी के प्रलोभन में न आने के लिए जागरूक करना।
4/पॉस्को अधिनियम के बारे में जानकारी प्रदान करना।
5/सुरक्षित व भयमुक्त वातावरण का निर्माण करना।
दादू सिंह तोमर
बाल लैंगिक अपराध को रोकने के लिए स्कूल अच्छे से भूमिका निभा सकता है । शिक्षक के बातो को अच्छे से समझते हैं। बच्चों को लैगिंक अपराध के बारे में बताना चाहिए।
ReplyDeleteबाल लैगिक अपराध को रोकने के लिए स्कूल अच्छे से भूमिका निभा सकता है बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे मे बता कर
ReplyDeleteVery knowledgeable
ReplyDeleteबच्चों को गुड़ बेड टच की जानकारी देकर, अजनबी से बचने, प्रलोभन से बचने, एक दूसरे का सम्मान करने, समय के साथ शारीरिक परिवर्तन की जानकारी देकर रोकथाम किया जा सकता है.
ReplyDeleteबच्चों को गुड़ बेड टच की जानकारी देकर, अजनबी से बचने, प्रलोभन से बचने, एक दूसरे का सम्मान करने, समय के साथ शारीरिक परिवर्तन की जानकारी देकर रोकथाम किया जा सकता है
ReplyDeleteबच्चों को विद्यालय में लैंगिक अपराध के बारे में बताना चाहिए,।बच्चों को यह समझाना चाहिए कि कौन अच्छा है कौन बुरा है इन सब चीजों को समझाना चाहिए तथा किसी अनजान व्यक्ति से किसी भी वस्तु को देने पर उसे लेने से मना करना चाहिए तथा सतकर्ता के बारे में भी समझाना चाहिए।
ReplyDeleteजहां तक हो सके गुड टच -बैड टच को भी समझाना चाहिए।इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए लैंगिक उत्पीड़न से बचाव किया जा सकता है।
स्कूलों में लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम के लिए बच्चों के बीच जेंडर समानता लानी होगी। लड़के और लड़कियों के बीच संकीर्ण विचारों को खत्म करना होगा। विद्यालय में इस विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया जाना चाहिए जिसमें गुड टच बैड टच के बारे में विस्तृत जानकारी देनी चाहिए बीच-बीच में लड़के और लड़कियों से उनकी समस्याओं की जानकारी लेनी चाहिए उनके मानसिक स्थिति का मूल्यांकन करना चाहिए उनके अंदर होने वाले परिवर्तनों पर भी ध्यान देना चाहिए तथा उसके अनुरूप उनके बीच बैठकर चर्चा एवं परिचर्चा करनी चाहिए । अपरिचित लोगों से से दूर रहने, किसी भी प्रलोभन में ना आने, बड़ी से बड़ी समस्या को अपने अभिभावकों, शिक्षकों से कहने हेतु प्रेरित करना चाहिए। बच्चों से आत्मिक लगावरखनी होगी, ताकि वह बिना डरे अपने मन की बातों को अभिभावक एवं शिक्षक के समक्ष रख सके। हमेशा सकारात्मक वातावरण का निर्माण करना चाहिए नैतिक शिक्षा पर जोर देना चाहिए।
ReplyDeleteकम उम्र की बच्चियों को चाॅकलेट या बिस्किट का प्रलोभन देकर उनके उत्पीड़न की घटनाएं होती हैं। उन्हें प्रलोभन देने वालों की पहचान करने की समझ विकसित करना, उनसे ऐसी घटनाएं साझा करना और ऐसी परिस्थितियों के प्रति सतर्कता बरतने की उपायों को बताना। विद्यालय के यूथ क्लब द्वारा लैंगिक समानता से सम्बन्धित गतिविधियां कराना,कक्षा में एक-दूसरे के प्रति सम्मान भाव रखने को प्रेरित करना। अभिभावकों को भी बच्चों की सुरक्षा एवं रक्षा के प्रति जागरूक करना|
ReplyDeleteबच्चे सबसे ज्यादा समय घर के बाद स्कूल मे बिताते है जिससे शिक्षक बच्चे के हाव-भाव से अच्छे से परिचित हो जाते है, शिक्षक बच्चे को गुड टच, बेड टच कि जानकारी देकर
Sharad Soni
स्कूलों में बच्चों को गलत स्पर्श सही स्पर्श आदि के संबंध में जागरूक करें शिक्षकों अन्य कर्मचारियों घर के सदस्यों आदि द्वारा शोषण के बारे में जागरूक करें बच्चों से सहानुभूति पूर्वक व्यवहार करें उनमें विश्वास जगह सुरक्षा का आश्वासन दे फिर भी बच्चे अभिव्यक्त ना कर पाए तो शिकायत पेटी रखो बाय जिसमें बच्चे अपने साथ हो रहे शोषण के बारे में लिख कर डाल सकें उनके नाम को गोपनीय रखें पुलिस या बाल संरक्षण केंद्र में सूचित करें इस प्रकार स्कूल बच्चों का संरक्षण कर सकते हैं
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम हेतु स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं क्योंकि स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज़्यादा अनुसरण करते हैं उनकी बातों को मानते भी हैं ।अतः शिक्षक बच्चों को इन अपराधों के बारे में जानकारी दे सकते हैं।
ReplyDeleteBal langik utpeedan ki roktham ke liye school mahatvpurn bhumika nibhata hai. Schoolo me bachcho ko good touch bad touch, surakshit rahne ke upay bataye jate hai.
ReplyDeleteबच्चों को विद्यालय में लैंगिक अपराध के बारे में बताना चाहिए,।बच्चों को यह समझाना चाहिए कि कौन अच्छा है कौन बुरा है इन सब चीजों को समझाना चाहिए तथा किसी अनजान व्यक्ति से किसी भी वस्तु को देने पर उसे लेने से मना करना चाहिए तथा सतकर्ता के बारे में भी समझाना चाहिए।
ReplyDeleteजहां तक हो सके गुड टच -बैड टच को भी समझाना चाहिए।इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए लैंगिक उत्पीड़न से बचाव किया जा सकता है।
बच्चों को गुड टच एवं बैड टच के बारे में बताना अनजान व्यक्तियों से कोई वस्तु ना लेना प्रलोभन में ना पड़ना ,बच्चों की एक्टिविटी की ओर ध्यान देकर, बच्चों व पालकों को जागरूक करना ,बच्चों को अकेले कहीं नहीं जाने देने की सलाह देकर, विद्यालय में बच्चों को आत्मरक्षा प्रशिक्षण देकर आदि l स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुसरण करते हैं ,उनकी बातों को मानते हैं ,अतः बच्चों को विद्यालय में लैंगिक अपराध के बारे में भी बताना चाहिए l बच्चों को अनचाही घटना की सूचना तत्काल घर या स्कूल टीचर को देना चाहिए l बच्चे को अकेले कहीं नहीं जाना चाहिए l
ReplyDeleteBal laingik utpeeran ki roktham bachcho ko goodtach ,badtach ke bare me batakar aur Anjan vyakti se dur rahakar kiya ja Sakta hai
ReplyDeleteस्कूलों में बाल लैंगिक शोषण के बारे में कोर्स मे सम्मिलित किया जाना चाहिए जिससे बच्चों को उनके साथ होने वाले शारीरिक व मानसिक शोषण के बारे में बता सके। स्कूलों में बच्चों को बैड टच व गुड़ टच के बारे में शिक्षकों को बताना चाहिए ।स्कूलों में बच्चों के साथ ही साथ कर्मचारियों के आचार व्यवहार पर भी शिक्षकों व प्रधानाध्यापक को ध्यान देना चाहिए तभी हम बच्चों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार को समझ सकते हैं या आकलन कर सकते हैं हम बच्चों के बेहतरी के लिए इन सब बातों को ध्यान में रख सकते हैं।
ReplyDeleteस्कूल बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं - बच्चों को गुड टच, बैड टच को बताना,अन्जान व्याक्तियो से कोई भी वस्तु न लेना, प्रलोभन में न पड़ना, अच्छे बुरे बातों को समझाना और जो आप को अच्छा न लगे ऐसे कार्यों को अपने करीबी शिक्षक या माता-पिता को बताये ताकि समय पर रोकथाम किया जा सके|
ReplyDeleteस्कूल बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं - बच्चों को गुड टच, बैड टच को बताना,अन्जान व्याक्तियो से कोई भी वस्तु न लेना, प्रलोभन में न पड़ना, अच्छे बुरे बातों को समझाना और जो आप को अच्छा न लगे ऐसे कार्यों को अपने करीबी शिक्षक या माता-पिता को बताये ताकि समय पर रोकथाम किया जा सके|
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम हेतु स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। स्कूल में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुसरण करते हैं। स्कूल में यौन शिक्षा और यौन अपराधों की जानकारी देने चाहिए। इससे बच्चे जागरूक हो पायेंगे।
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम हेतु स्कुल महत्पूर्ण भूमिका निभा सकता है I स्कूलों में शिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को बच्चे ज्यादा अनुकरण करते हैं l अतः स्कूल में बच्चों को यौन शिक्षा और यौन अपराध की जानकारी देने चाहिए जिससे बच्चे जागरूक हो पायेंगे I
ReplyDeleteबच्चों को गुड टच और बेड टच की जानकारी देना, किसी अनजान व्यक्ति
ReplyDeleteसे कोई भी चीज न लेना तथा शारीरिक परिवर्तन के बारे में जानकारी देना , किसी भी प्रकार का अपने साथ घटना घटित होने पर अपने परिवार से साझा करना अपने शिक्षक को बताना जिससे
उचित कार्यवाही हो और अपराधी को उचित सजा मिल सके।
बाल लैंगिक अपराध को रोकने के लिए बच्चों को गुड टच एवं बैड टच के बारे में समझाइश देना जरूरी है।
ReplyDeleteबच्चों को गुड टच बैड टच के बारे में बताकर।
ReplyDeleteउनकी एक्टिविटी की ओर ध्यान देकर
बच्चों को अकेले कहीं न जाने की सलाह देकर
जागरूकता अभियान चलाकर। पालकों को इस संदर्भ में जागरूक करके।
Bal laingik apradh rockne ke liye sarvpratham Pradhan pathak evm samast staff ko bachho ko gatividhi par dhyan dena hoga .Ki bachhe ke vyavhar me parivartan kyo ho raha hai .Vah school to ata hai par period me absent kyo hai .Chhuti ke samay fir upasthit rahata hai .Aise sthiti me palak se sampark karke bachhe dvara pyar se jankari leni chahiye .(2)Bachhe ko bad touch evm good touch ki jankari denichahiye taki vah savdhan evm suraksht rahe.
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