इस टॉपिक पे मेरा विचार यह है कि टीचर की गन्दी सोच,विचार, गन्दी नियत रखने वाले, और आज कल की समाज को देखते हुए आधुनिकता रहन सहन, पहनावा, आज कल की मूवी जो सभी की निगाहें बिगाड़ रहा है।
स्कूलों में बाल शोषण स्कूलों में उपस्थित कोई भी सदस्य हो सकता है, यह क्रिया उनकी गन्दी मानसिकता को दर्शाता है, वे समझते हैं कि वे बच जायेगे कोई उन्हें पकड़ नहीं पायेगा.
स्कूलों में बाल शोषण स्कूलों में उपस्थित कोई भी सदस्य हो सकता है, यह क्रिया उनकी गन्दी मानसिकता को दर्शाता है, वे समझते हैं कि वे बच जायेगे कोई उन्हें पकड़ नहीं पायेगा.
UnknownJanuary 15, 2021 at 9:17 PM इस टॉपिक पे मेरा विचार यह है कि टीचर की गन्दी सोच,विचार, गन्दी नियत रखने वाले, और आज कल की समाज को देखते हुए आधुनिकता रहन सहन, पहनावा, आज कल की मूवी जो सभी की निगाहें बिगाड़ रहा है।
UnknownJanuary 15, 2021 at 9:17 PM इस टॉपिक पे मेरा विचार यह है कि टीचर की गन्दी सोच,विचार, गन्दी नियत रखने वाले, और आज कल की समाज को देखते हुए आधुनिकता रहन सहन, पहनावा, आज कल की मूवी जो सभी की निगाहें बिगाड़ रहा है।
UnknownJanuary 15, 2021 at 9:17 PM इस टॉपिक पे मेरा विचार यह है कि टीचर की गन्दी सोच,विचार, गन्दी नियत रखने वाले, और आज कल की समाज को देखते हुए आधुनिकता रहन सहन, पहनावा, आज कल की मूवी जो सभी की निगाहें बिगाड़ रहा है।
स्कूलों में बाल शोषण स्कूलों में उपस्थित कोई भी सदस्य हो सकता है, यह क्रिया उनकी गन्दी मानसिकता को दर्शाता है, वे समझते हैं कि वे बच जायेगे कोई उन्हें पकड़ नहीं पायेगा.
स्कूलों में बाल शोषण कोई भी हो सकता है स्कूलों में उपस्थित कोई भी सदस्य हो सकता है, यह क्रिया उनकी गन्दी मानसिकता को दर्शाता है, वे समझते हैं कि वे बच जायेगे कोई उन्हें पकड़ नहीं पायेगा.
स्कूलों में बाल शोषण स्कूलों में उपस्थित कोई भी सदस्य हो सकता है, यह क्रिया उनकी गन्दी मानसिकता को दर्शाता है, वे समझते हैं कि वे बच जायेगे कोई उन्हें पकड़ नहीं पायेगा.
स्कूलों में बाल यौन शोषण किसी के भी द्वारा और किसी के भी साथ हो सकता है।यह सामान्यतया शोषण करने वाले की गंदी मानसिकता के कारण होता है।इसका बहुत बड़ा कारण परिवेशीय माहौल हो सकता है।
स्कूलों में बाल शोषण होने का मुख्य कारण शोषण करने वाले की गंदी मानसिकता होती है एवं बच्चों की अनभिज्ञता भी एक कारण होती है जिसका लाभ अपराधी प्रवृत्ति के लिए उठाने की कोशिश करते हैं।
स्कूलों में बाल यौन शोषण किसी के भी द्वारा और किसी के भी साथ हो सकता है।यह सामान्यतया शोषण करने वाले की गंदी मानसिकता के कारण होता है।इसका बहुत बड़ा कारण परिवेशीय माहौल हो सकता है।
बाल शोषण स्कूलों में मैं आसपास के परिवेश और कई प्रकार की फिल्म और आजकल के पहनावा और विभिन्न प्रकार के न्यू संस्कृति के कारण हो सकते हैं। बच्चों की इस प्रकार के शोषण से बचाव करके रखना अति आवश्यक ।
Pritan Kumar Xess,स्कूलों में बाल यौन शोषण किसी के द्वारा और किसी के साथ हो सकता है।यह सामान्यतया शोषण करने वाले की गंदी मानसिकता , गन्दी सोच रखने वाले लोगों के द्वारा किया जाता है।
बाल शोषण कई प्रकार का होता है जैसे शारीरिक भावनात्मक उपेक्षा और लैंगिक शोषण।स्कूलों में बच्चे शारीरिक और भावनात्मक शोषण के शिकार ज्यादा होते हैं जैसे मारपीट करने तथा बेवकूफ आदि नामों से संबोधित करना।उपेक्षा और लैंगिक शोषण भी आजकल स्कूलों में यदा-कदा इसके समाचार सुनने को मिलता है। मेरे ख्याल से स्कूलों में इस तरह का शोषण पर्याप्त जानकारी के अभाव अनभिज्ञता के कारण अधिक होता है। इसके लिए समाज में अनुकूल वातावरण का निर्माण और स्वस्थ्य मानसिक परिवेश निर्मित करना आवश्यक है।
बाल यौन शोषण शारिरिक व भावनात्मक भी होता है । जैसे बच्चों का उपेक्षा करना, अभद्र टिप्पणी करना, नीचा दिखाना, चोट पहुंचाना, मारना आदि ये सब स्कूलों में नहीं होना चाहिए । स्कूल के प्रधान सहित सभी शिक्षकों की जिम्मेदारी है ।
स्कूलों में बच्चों के साथ बाल शोषण कई प्रकार से होते हैं- शारीरिक, मानसिक , लैंगिक जो संकीर्ण मानसिकता और छोटी सोच वाले शिक्षकों द्वारा किया जाता है और बच्चे इतना परिपक्व नहीं होते कि वह इस शोषण का विरोध कर सकें।
स्कूलों में बालशोषण स्कूलों में उपस्थित कोई भी सदस्य हो सकता है। यह क्रिया उनकी गंदी मानसिकता को दर्शाता है। वे समझते हैं कि वे बच जाएंगे कोई उन्हें पकड़ नहीं पाएगा ।
स्कूलों मे बल शोषण होना किसी एक कारण नही है इसके लिए तो पूरा सिस्टम जिम्मेदार है, हमारा समाज,मनोरंजन के साधन टी वी में दिखयी जाने वाली सीरियल,विज्ञापन भी,हमारा फ़िल्म जगत,अखबार तथा गांव का माहौल जिससे जिससे मानसिक विकृति अति है, यही कारण है बाल शोषण होने का।
गंदी मानसिकता, नशे की लत, बदलता रहन सहन, गंदी फिल्म आदि कई कारण से बच्चों की नादानी के फायदा उठाते और शोषण करते है । आफिजा मलिक प्राथमिक शाला नवाटोला लोहारी से
स्कूलों में बाल शोषण का प्रमुख कारण यह हो सकता है कि,आजकल टी व्ही, ििइंटरनेट का व्यवहार व्यापक तौर पर होना जिसमें अनेक प्रकार के कंटेंट हैं, जिनमें अच्छे बुरे दोनों प्रकार के हैं।साथ ही लोगों की मानसिकता, उनकी परिवेशीय सोच इत्यादि कारण हो सकते हैं।
स्कूलों में बाल शोषण का कारण है जागरूकता की कमी चाहे वह पालकों की हो या बालको या शिक्षकों की यदि इन्हें मानसिक रूप से जागरूक किया जाये तो इसे रोका जा सकता है
स्कूलों मे भी बाल शोषण कई प्रकार से हो सकता है जैसे शारीरिक,मानसिक, लेैंगिक शोषण और इसके अतिरिक्त भाषाई, क्षेेेेेेेत्रीयता एवं जातीय और आर्थिक आधार पर बच्चे उपेक्षित होते हैं। स्कूलों में इस प्रकार के शोषण, जानकारी के अभाव और अनभिज्ञता के कारण ज्यादा होतेे है। इससे उभरने के लिये समाज मे अनुकूल वातावरण का निर्माण और स्वस्थ मानसिक परिवेश निर्मित करना आवश्यक है जिससे स्कूल में बच्चोंं को एक अच्छा शिक्षण परिवेश मिल सके।
स्कूलों में बाल शोषण होने का मुख्य कारण शोषण करने वाले की गंदी मानसिकता होती है एवं बच्चों की अनभिज्ञता भी एक कारण होती है जिसका लाभ अपराधी प्रवृत्ति के लिए उठाने की कोशिश करते हैं।
बाल शोषण स्कूलों में मैं आसपास के परिवेश और कई प्रकार की फिल्म और आजकल के पहनावा और विभिन्न प्रकार के न्यू संस्कृति के कारण हो सकते हैं। बच्चों की इस प्रकार के शोषण से बचाव करके रखना अति आवश्यक । (kk siware)
स्कूलों मे बल शोषण होना किसी एक कारण नही है इसके लिए तो पूरा सिस्टम जिम्मेदार है, हमारा समाज,मनोरंजन के साधन टी वी में दिखयी जाने वाली सीरियल,विज्ञापन भी,हमारा फ़िल्म जगत,अखबार तथा गांव का माहौल जिससे जिससे मानसिक विकृति अति है, यही कारण है बाल शोषण होने का। खुशहाली सोनी बलौदाबाजार
स्कूलों में बाल शोषण होने का मुख्य कारण शोषण करने वाले की गंदी मानसिकता होती है एवं बच्चों की अनभिज्ञता भी एक कारण होती है जिसका लाभ अपराधी प्रवृत्ति के लिए उठाने की कोशिश करते हैं।
स्कूलों में विभिन्न प्रकार के बाल-शोषण देखने को मिलता है।जैसे-थप्पड़ मारना, कान पकड़ना, उठक-बैठक कराना, उपेक्षा करना, बुरी नजर रखना, बाल पकड़ना आदि।इसके लिए छात्र,शिक्षक,समाज,सोशल मीडिया, पाश्चात्य सभ्यता आदि सम्यक रूप से जिम्मेदार हैं ।
मा.शा.कुदुर घोड़ा अम्बागढ़ चौकी राजनांदगांव स्कूल में यदि शिक्षक या शिक्षिका के द्वारा बाल शोषण होता है तो यह शिक्षा जगत के लिए बहुत दुर्भाग्यजनक बात है।बालशोषण करने वाला ओछी और गंदी मानसिकता वाला है।उसे नोकरी से वंचित कर दिया जाना चाहिए।
स्कूलों में बाल शोषण का मुख्य कारण शोषण करने वाले की मानसिकता को दर्शाता है यह बच्चों के अनभिज्ञता का भी एक कारण हो सकता है इसके लिए छात्र, शिक्षक समाज, पाश्चात्य सभ्यता आदि सम्यक रूप से जिम्मेदार है।
स्कूलों में बाल शोषण होने का मुख्य कारण शोषण करने वाले की गंदी मानसिकता होती है एवं बच्चों की अनभिज्ञता भी एक कारण होती है जिसका लाभ अपराधी प्रवृत्ति के लिए उठाने की कोशिश करते हैं।
स्कूलों में बाल यौन शोषण किसी के भी द्वारा और किसी के भी साथ हो सकता है।यह सामान्यतया शोषण करने वाले की गंदी मानसिकता के कारण होता है।इसका बहुत बड़ा कारण परिवेशीय माहौल हो सकता है।
बाल यौन शोषण एक मानसिक विकृति का ही परिणाम होता है।इसमें सम्मिलित कोई भी चाहे वह शिक्षक हों,कर्मचारी या बच्चे ।आज टेक्नोलॉजी के गलत इस्तेमाल ,गन्दी फोटोज, फिल्में और आसपास का माहौल विद्यालय के असुरक्षित परिवेश ऐसे कई कारण है जो 8न चीजो को बढ़ाया देता है।
स्कूलों में बाल यौन शोषण किसी के भी द्वारा और किसी के साथ भी हो सकता है।यह समान्यतः शोषण करने वाले कि गन्दी मानसिकता के कारण होता है।इसका बहुत बड़ा कारण बच्चों की अनभिज्ञता,सोशल मीडिया, पश्चिमी सभ्यता तथा परिवेश माहौल आदि हो सकता है। बालक खाण्डेयकर शिक्षक शा.पूर्व माध्यमिक शाला-अकलसरा विकास खण्ड-जैजैपुर(सक्ति)
स्कूलों मेंं बाल शोषण का प्रमुख कारण बदलते सामाजिक जीवनशैली,अशलील सामग्रियों की अधिकता,नशे की लत,नीच मानसिकता आदि है।बच्चों की अनभिज्ञता भी एक कारण होती है।जिसका लाभ अपराधी प्रवृत्ति के लोग उठाते हैं।
Rajesh Kumar Dinkar Assistant teacher ARSIYAN Morga via pondi uprora District Korba Chhattisgarh Balshoshan hone ke mukhya Karan nimnlikhit hai 1.aadhunik jeewan shaili,rahan- sahan,khanpan, pahnawa. 2.Aajkal ki movie mobile, video,game, serial news, etc. Badalte social,dushit environment. 3.Ashliltasviren. 4.Nashile padarthon gutkha,pan, cigarette,charas,ganja Alcohol Sevan etc.
स्कूलों में बाल शोषण होने का मुख्य कारण शोषण करने वाले की गंदी मानसिकता होती है एवं बच्चों की अनभिज्ञता भी एक कारण होती है जिसका लाभ अपराधी प्रवृत्ति के लिए उठाने की कोशिश करते हैं।
हितधारक वर्गों के लापरवाही, अपने बच्चों पर आए बदलाव को न भाप पाना,इस शोषण के विरुद्ध बच्चों को न समझा पाना या फिर उन्हें इस प्रकार की कृत्यों से होने वाले बातों को बेझिझक रूप से नहीं बता पाना,उनके व्यवहार में आए परिवर्तन को महसूस न कर पाना इत्यादि बाल शोषण के कारण हो सकते हैं।
स्कूल में बाल शोषण स्कूल में उपस्थित कोई भी सदस्य हो सकता है यह क्रिया उनकी गंदी मानसिकता हो सकती है एवं बच्चों के अभिज्ञता का भी एक कारण है जिसका लाभ अपराधी प्रवृत्ति के लिए ने की कोशिश करते है
पूर्व व्यवसायिक शिक्षा के तहत पूर्व प्राथमिक स्तर(6से8)तक विभिन्न व्यवसायों का सामान्य जानकारी प्रदान करना चाहिए।उसके बाद माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तर(9से12)तक विभिन्न व्यवसायों का विशेष प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए ताकि बच्चे आगे चलकर अपनी पसंद के अनुसार उचित व्यवसाय का चयन कर सके जिसका उपयोग वह अपने दैनिक जीवन को सरल बनाने में कर सके
पूर्व व्यवसायिक शिक्षा के तहत पूर्व प्राथमिक स्तर(6से8)तक विभिन्न व्यवसायों का सामान्य जानकारी प्रदान करना चाहिए।उसके बाद माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तर(9से12)तक विभिन्न व्यवसायों का विशेष प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए ताकि बच्चे आगे चलकर अपनी पसंद के अनुसार उचित व्यवसाय का चयन कर सके जिसका उपयोग वह अपने दैनिक जीवन को सरल बनाने में कर सके
स्कूलों में बाल शोषण कई प्रकार से हो सकता है जैसे शारीरिक,मानसिक, लेैंगिक शोषण और इसके अतिरिक्त भाषाई, क्षेेेेेेेत्रीयता एवं जातीय और आर्थिक आधार पर बच्चे उपेक्षित होते हैं। स्कूलों में इस प्रकार के शोषण, जानकारी के अभाव और अनभिज्ञता के कारण ज्यादा होतेे है।
Aaj filmo tv shows aur internet me jis tarike ki ashlilta parosi ja rahi hai wah logo ki mansikta ko vikrit karti ja rahi hai is vikrit mansikta ki wajah se log schools me bhi aisi ghatnao ko anjaam dete hai
इस टॉपिक पे मेरा विचार यह है कि टीचर की गन्दी सोच,विचार, गन्दी नियत रखने वाले, और आज कल की समाज को देखते हुए आधुनिकता रहन सहन, पहनावा, आज कल की मूवी जो सभी की निगाहें बिगाड़ रहा है।
बाल शोषण स्कूलों में मैं आसपास के परिवेश और कई प्रकार की फिल्म और आजकल के पहनावा और विभिन्न प्रकार के न्यू संस्कृति के कारण हो सकते हैं। बच्चों की इस प्रकार के शोषण से बचाव करके रखना अति आवश्यक ।
बाल शोषण कई प्रकार का होता है जैसे शारीरिक, भावनात्मक, उपेक्षा और लैंगिक शोषण।स्कूलों में बच्चे शारीरिक और भावनात्मक शोषण के शिकार ज्यादा होते हैं जैसे डाँट, शारिरिक दंड,उपेक्षा आदि। जिम्मेदार लोगों की लापरवाही, अपने बच्चों पर आए बदलाव को न भाप पाना,इस शोषण के विरुद्ध बच्चों को न समझा पाना या फिर उन्हें इस प्रकार की कृत्यों से होने वाले बातों को बेझिझक रूप से नहीं बता पाना,उनके व्यवहार में आए परिवर्तन को महसूस न कर पाना इत्यादि बाल शोषण के कारण हो सकते हैं।
बाल शोषण के प्रकार का होता है जैसे शारीरिक भावनात्मक उपेक्षा और शारीरिक शोषण यह से डांट शारीरिक दंड उपेक्षा अधिक जिम्मेदार लोगों की लापरवाही अपने बच्चों पर आए बदलाव को ना पाना ।शोषण के विरुद्ध बच्चों को समझ पाना या फिर उन्हें इस प्रकार के कृतियों से होने वाले बातों को भेजी जा ग्रुप से नहीं बता पाना उनके व्यवहार में परिवर्तन को महसूस न कर पाना आदि।
बाल शोषण कई प्रकार का होता है जैसे शारीरिक, भावनात्मक, उपेक्षा और लैंगिक शोषण।स्कूलों में बच्चे शारीरिक और भावनात्मक शोषण के शिकार ज्यादा होते हैं जैसे डाँट, शारिरिक दंड,उपेक्षा आदि। जिम्मेदार लोगों की लापरवाही, अपने बच्चों पर आए बदलाव को न भाप पाना,इस शोषण के विरुद्ध बच्चों को न समझा पाना या फिर उन्हें इस प्रकार की कृत्यों से होने वाले बातों को बेझिझक रूप से नहीं बता पाना,उनके व्यवहार में आए परिवर्तन को महसूस न कर पाना इत्यादि बाल शोषण के कारण हो सकते हैं।
इस टॉपिक पर मेरा व्यक्तिगत विचार है कि बाल शोषण केवल स्कूलों में ही होता है क्या ?? अगर स्कूल की गतिविधि पर विचार किया जावे तो शिक्षक की गन्दी नियत पर सवाल ?, और बच्चें में जागरूकता की कमी, विचारो में सकारात्मकता की कमी, विद्यालय प्रबंधन की निष्क्रियता इत्यादि ऐसे बहुत से कारण हो सकते है ।
बाल यौन शोषण एक मानसिक विकृति का ही परिणाम होता है।इसमें सम्मिलित कोई भी चाहे वह शिक्षक हों,कर्मचारी या बच्चे ।आज टेक्नोलॉजी के गलत इस्तेमाल ,गन्दी फोटोज, फिल्में और आसपास का माहौल विद्यालय के असुरक्षित परिवेश ऐसे कई कारण है। सत्यनारायण निषाद शिक्षक एल बी पूर्व मा शा lurgikhurd बलरामपुर छ ग।
स्कूलों में बाल शोषण कोई भी हो सकता है स्कूलों में उपस्थित कोई भी सदस्य हो सकता है, यह क्रिया उनकी गन्दी मानसिकता को दर्शाता है, वे समझते हैं कि वे बच जायेगे कोई उन्हें पकड़ नहीं पायेगा
स्कूलों में बाल शोषण का कारण है जागरूकता की कमी चाहे वह पालकों की हो या बालको या शिक्षकों की यदि इन्हें मानसिक रूप से जागरूक किया जाये तो इसे रोका जा सकता है
स्कूलों मे भी बाल शोषण कई प्रकार से हो सकता है जैसे शारीरिक,मानसिक, लेैंगिक शोषण और इसके अतिरिक्त भाषाई, क्षेेेेेेेत्रीयता एवं जातीय और आर्थिक आधार पर बच्चे उपेक्षित होते हैं। स्कूलों में इस प्रकार के शोषण, जानकारी के अभाव और अनभिज्ञता के कारण ज्यादा होतेे है। इससे उभरने के लिये समाज मे अनुकूल वातावरण का निर्माण और स्वस्थ मानसिक परिवेश निर्मित करना आवश्यक है जिससे स्कूल में बच्चोंं को एक अच्छा शिक्षण परिवेश मिल सके।
स्कूलों मे बल शोषण होना किसी एक कारण नही है इसके लिए तो पूरा सिस्टम जिम्मेदार है, हमारा समाज,मनोरंजन के साधन टी वी में दिखयी जाने वाली सीरियल,विज्ञापन भी,हमारा फ़िल्म जगत,अखबार तथा गांव का माहौल जिससे जिससे मानसिक विकृति अति है, यही कारण है बाल शोषण होने का।
स्कूलों मे बल शोषण होना किसी एक कारण नही है इसके लिए तो पूरा सिस्टम जिम्मेदार है, हमारा समाज,मनोरंजन के साधन टी वी में दिखयी जाने वाली सीरियल,विज्ञापन भी,हमारा फ़िल्म जगत,अखबार तथा गांव का माहौल जिससे जिससे मानसिक विकृति अति है, यही कारण है बाल शोषण होने का।
स्कूलों में बाल यौन शोषण किसी के भी द्वारा और किसी के भी साथ हो सकता है।यह सामान्यतया शोषण करने वाले की गंदी मानसिकता के कारण होता है।इसका बहुत बड़ा कारण परिवेशीय माहौल हो सकता है।
स्कूलों में भारत शोषण का होना किसी के भी द्वारा और किसी के भी साथ हो सकता है यह समानता शोषण करने वाले की गंदी मानसिकता के कारण होता है हमारे आधुनिक समाज टीवी में दिखाई जाने वाला सीरियल विज्ञापन के परिवेश में आधुनिकता के कारण हो सकता हैजागरूकता शक्ति को बढ़ाना और अच्छी सोच के माध्यम से उन सब बुराई से बच सकते हैं साथ में शिक्षा भी बहुत जरूरी है
इन्द्र सिंह चन्द्रा , उच्च वर्ग शिक्षक , शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला काशीगढ़ , विकास खण्ड-जैजैपुर , जिला - जांजगीर-चांपा , (छ.ग.)
स्कूल में बाल शोषण भिन्न-भिन्न प्रकार का होता है, जैसे शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक उपेक्षा , लैंगिक शोषण इत्यादि। इसके अतिरिक्त भाषायी, क्षेत्रीयता एवं जातीय और आर्थिक आधार पर बच्चे उपेक्षित होते हैं।स्कूलों में बच्चे खासकर शारीरिक और भावनात्मक शोषण के शिकार ज्यादा होते हैं जैसे मारपीट करने, एक दूसरे से गलत शब्द का प्रयोग करने जैसे बेवकूफ आदि नामों से संबोधित करना । उपेक्षा और लैंगिक शोषण आजकल स्कूलों में यदा-कदा इसके समाचार सुनने को मिलता है । मेरे ख्याल से स्कूलों में इस तरह का शोषण पर्याप्त जानकारी के अभाव, अनभिज्ञता के कारण अधिक होता है। इसके लिए समाज में अनुकूल वातावरण का निर्माण और स्वस्थ्य मानसिक परिवेश निर्मित करना आवश्यक है।
स्कूलों मैं बाल शोषण हो सकता है आज के परिवेश में टीवी मोबाइल और सिनेमा के माध्यम से लोग अश्लील फिल्मी देखकर जिससे उनकी मानसिक स्थिति असंतुलित हो जाती है और ऐसे में किसी भी के साथ किसी के द्वारा ऐसी हरकतें किए जा सकते हैं
स्कूलों में बाल शोषण कितने प्रकार से हो सकता है शारीरिक मानसिक भावनात्मक लैंगिक इत्यादि शारीरिक और भावनात्मक शोषण की शिकार ज्यादा होते हैं जैसे मारपीट करने एक दूसरे के साथ गलत शब्दों का प्रयोग करने साथ ही साथ कुछ ऐसे निम्न मानसिकता के लोगों के द्वारा लैंगिक शोषण भी किया जा सकता है।
शालाओं में बाल शोषण होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि बच्चे की गरीबी, दिव्यांगता,पढ़ाई में कमजोरी आदि कारणों से वे अन्य बच्चों से या कुछ घटिया मानसिकता वाले शिक्षकों से शोषित हो सकते हैं |
बाल शोषण स्कूलों में आसपास के परिवेश और कई प्रकार की गंदी मानसिकता के कारण होता है इस तरह का शोषण पर्याप्त जानकारी के अभाव अनभिज्ञता के कारण अधिक होता है इसके लिए समाज में अनुकूल वातावरण का निर्माण और स्वस्थ मानसिक परिवेश निर्मित करना आवश्यक है
स्कूलों में बाल शोषण होने का मुख्य कारण पर्याप्त जानकारी का अभाव है इसके लिए समाज में अनुकूल वातावरण का निर्माण और स्वस्थ मानसिक परिवेश निर्मित करना आवश्यक है बाल शोषण आसपास के गंदे परिवेश और गंदी मानसिकता के कारण ही होता है लोगों को इससे लिए जागरूक करना बहुत आवश्यक है
बाल शोषण पर्याप्त जानकारी के अभाव, अनभिज्ञता के कारण अधिक होता है ।बाल शोषण स्कूलों में आसपास के परिवेश और कई प्रकार की गंदी मानसिकता के कारण होता है , इसके लिए समाज में अनुकूल वातावरण का निर्माण और स्वस्थ मानसिक परिवेश निर्मित करना आवश्यक है । लोगों में जागरूकता की आवश्यकता है।
अच्छी मानसिकता वाले शिक्षकों द्वारा गंदी मानसिकता के किसी भी व्यक्ति को शिक्षित किया जाना खेलकूद कला भरपूर प्रचार एवं विद्यालय में स्वतंत्र उपयोग होना चाहिए जिससे समस्त प्रकार की गंदी मानसिकता है चाहे वह किसी के भी मन ना हो से दूर रखा जा सके एवं स्वच्छ सक्षम ले उन्नत प्रगति पूर्ण वातावरण बनाया जा सके जिससे हमारे देश की उन्नति रहे
स्कूलों में विभिन्न प्रकार के बाल-शोषण देखने को मिलता है।जैसे-थप्पड़ मारना, कान पकड़ना, उठक-बैठक कराना, उपेक्षा करना, बुरी नजर रखना, बाल पकड़ना आदि।इसके लिए छात्र,शिक्षक,समाज,सोशल मीडिया, पाश्चात्य सभ्यता आदि सम्यक रूप से जिम्मेदार हैं ।
स्कूलों में बाल शोषण कोई भी हो सकता है स्कूलों में उपस्थित कोई भी सदस्य हो सकता है, यह क्रिया उनकी गन्दी मानसिकता को दर्शाता है, वे समझते हैं कि वे बच जायेगे कोई उन्हें पकड़ नहीं पायेगा.
स्कूल में लैंगिक शोषण कोई भी प्रकार का हो सकता है, भावनात्मक शारीरिक तथा उत़क्षा और लैंगिक शोषण क्यों कि जहां पर शिक्षक जिमेंदारी से अपना कार्य एवं सोंच घटिया होता है उनकी शिक्षकीय भावना नहीं होती हैं।
स्कूलों में बाल शोषण उस परिवेश में उपस्थित कोई भी सदस्य शिक्षक शिक्षिका तक भी शामिल हो सकते हैं बच्चों का बाल मन सामाजिक जागरूकता का अभाव बच्चों का भय शर्मिला पन अथवा नादानी कुछ भी नाम दे सकते हैं इस में बुरे विचारों से ओतप्रोत आसपास के संस्कृति और पहनावा एवं खानपान भी काफी हद तक जिम्मेदार है
स्कूलों में बाल यौन शौषण किसी के द्वारा किसी के साथ इसलिए हो सकता है क्योंकि जो शोषण करने वाला होता है वह गंदी सोच और घटिया मानसिकता वाला होता है और जो विक्टिम होता है वह इन बातों को समझ नहीं पाता और सामने वाले के चक्रव्यूह में फंस जाता है।
स्कूलों में बाल यौन शोषण किसी के द्वारा किसी के साथ इसलिए हो सकता है क्योंकि जो शोषण करने वाला होता है उसकी मानसिकता गलत होती है गंदी सोच के साथ अपना जीवन बिताता है और यह सोचता है कि बच्चे तो नादान है वह किसी से कहेंगे नहीं और उनका यह कृत्य छुपा रह जाएगा बच्चे किसी से बताएंगे नहीं इसकी रोकथाम के लिए समाज में अनुकूल वातावरण का निर्माण स्वस्थ मानसिक परिवेश का निर्माण करना अत्यंत आवश्यक है तथा लोगों में जागरूकता पैदा करने की भी आवश्यकता है
स्कूलों में बाल शोषण स्कूलों में उपस्थित कोई भी सदस्य हो सकता है, यह क्रिया उनकी गन्दी मानसिकता को दर्शाता है, वे समझते हैं कि वे बच जायेगे कोई उन्हें पकड़ नहीं पायेगा
स्कूलों में बाल शोषण वहां उपस्थित कोई भी सदस्य हो सकता है। यह क्रिया उनकी गन्दी मानसिकता को दर्शाता है। वो समझते हैं कि, वे बच जायेंगे और कोई उन्हें पकड़ नहीं पायेगा।
स्कूलों में बाल शोषण स्कूलों में उपस्थित कोई भी सदस्य हो सकता है, यह क्रिया उनकी गन्दी मानसिकता को दर्शाता है, वे समझते हैं कि वे बच जायेगे कोई उन्हें पकड़ नहीं पायेगा
स्कूल में बाल- शोषण इसलिए होता है,क्योंकि स्कूल से संबंधित सभी हितधारकों की निष्क्रियता ,बच्चों की उपेक्षा ,भावनात्मक दुर्व्यवहार और बच्चों के सुरक्षा के प्रति गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार करना आदि बाल-शोषण को बढ़ाता है।
दिलीप कुमार वर्मा सहायक शिक्षक(L.B.) शा.प्रा.शा.सुन्द्रावन वि.ख.-पलारी जिला-बलौदाबाजार(छ. ग.)
स्कूल में बाल शोषण का सबसे प्रमुख कारण है विकृत मानसिकता।साथ ही बाल मनोविज्ञान की समझ न रखने वाले शिक्षक भी चाहे अनचाहे कई बार बाल मन को भावनात्मक ठेस पहुंचा देता है।इस विषय पर पर्याप्त ध्यान न देना और लापरवाही बरतना भी एक कारण है।
स्कूलों में बाल शोषण स्कूलों में उपस्थित कोई भी सदस्य हो सकता है, यह क्रिया उनकी गन्दी मानसिकता को दर्शाता है, वे समझते हैं कि वे बच जायेगे कोई उन्हें पकड़ नहीं पायेगा.स्कूल में बाल- शोषण इसलिए होता है,क्योंकि स्कूल से संबंधित सभी हितधारकों की निष्क्रियता ,बच्चों की उपेक्षा ,भावनात्मक दुर्व्यवहार और बच्चों के सुरक्षा के प्रति गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार करना आदि बाल-शोषण को बढ़ाता है।
बाल शोषण कई तरह के होते हैं। विद्यालय में कई कर्मचारी कार्यरत होते हैं।सबकी सोच, मानसिकता अलग होती है।आज सोशल मीडिया पर, टीवी पर अश्लील सामग्री परोसी जा रही है। झगड़े, चिड़चिड़ापन, अधीरता बढ़ती जा रही है।यही सब कारण है जो स्कूल में बाल उत्पीड़न को बढ़ावा देने का काम करता है।
स्कूलों में बाल शोषण किसी भी समय , किसी भी के साथ, व किसी भी के द्वारा हो सकता है।आज कल के बदलते माहौल, पहनावा, बदलते परिवेश, टीवी,फिल्म, लोगों की गंदी सोच,गंदी मानसिकता, गंदी नियत आदि बाल शोषण के कारण हो सकते है।
स्कूलों में बाल शोषण का कारण है जागरूकता की कमी चाहे वह पालकों की हो या बालको या शिक्षकों की यदि इन्हें मानसिक रूप से जागरूक किया जाये तो इसे रोका जा सकता है l स्कूल में बाल शोषण का होना गंदी मानसिकता और सोच को दर्शाता है । नैतिक शिक्षा का अभाव भी इसका कारण है।
स्कूलों में बाल शोषण किसी के भी द्वारा और किसी के भी साथ हो सकता है।यह सामान्यतया शोषण करने वाले की गंदी मानसिकता के कारण होता है।इसका बहुत बड़ा कारण परिवेशीय माहौल हो सकता है।आज कल के बदलते माहौल, पहनावा, बदलते परिवेश, टीवी,फिल्म, लोगों की गंदी सोच,गंदी मानसिकता, गंदी नियत आदि बाल शोषण के कारण हो सकते है।
शाला में बाल शोषण किसी के द्वारा एवं किसी के साथ भी हो सकता है।यह सामान्यतया शोषण करने वाले की गंदी मानसिकता के कारण होता है।आज कल के बदलते माहौल पहनावे, बदलते परिवेश, टीवी चैनल, फिल्में, लोगों की गंदी सोच, मानसिकता, नियत आदि बाल शोषण के कारण हो सकता है।
स्कूल स्तर पर विद्यार्थी के लिए इस के विरुद्ध एक शिक्षण गतिविधि होनी चाहिए। जिससे बच्चों में हो रही इस शोसन को रोका जा सके। और सामाजिक स्तर पर भी एक पहल होनी चाहिए। अज्ञानता वस ही ये दुराचार प्रवर्ति हो रही है। जानकारी ही इसका बचाव है।
Yon shoshan school mein kisi ke bhi dwara Aur Kisi Ke Bhi Saath Ho Sakta Hai yah use vyakti ki gandi Soch ki vajah se hota hai yah adhikansh evam bacchon ke sath ho sakta hai.
स्कूलों में बाल शोषण का कारण है जागरूकता की कमी चाहे वह पालकों की हो या बालको या शिक्षकों की यदि इन्हें मानसिक रूप से जागरूक किया जाये तो इसे रोका जा सकता है l स्कूल में बाल शोषण का होना गंदी मानसिकता और सोच को दर्शाता है । नैतिक शिक्षा का अभाव भी इसका कारण है।
स्कूलों में बाल यौन शोषण किसी के भी द्वारा और किसी के भी साथ हो सकता है।यह सामान्यतया शोषण करने वाले की गंदी मानसिकता के कारण होता है।इसका बहुत बड़ा कारण परिवेशीय माहौल हो सकता है।
सामान्यतः बाल यौन अपराध कहीं -कहीं होता है। यह कुत्सित मानसिकता वाले कुछ लोगों के द्वारा किये जाने वाला एक विभत्स कुकृत्य है। यह एक मानसिक रोग का दुष्परिणाम है। ऐसे व्यक्ति विक्षिप्त और मनोविकार से ग्रस्त होते हैं।
यह शोषण करने वाले की गंदी मानसिकता के कारण हो सकता है। अनभिज्ञता व अज्ञानता भी इसका एक कारण है। सामाजिक परिवेश, टीवी, फिल्म, इंटरनेट, आदि इसके कारण है। नैतिक शिक्षा का अभाव, जागरूकता की कमी। बच्चे नासमझ , अनजान होते हैं। अज्ञानतावश वे किसी के भी बहकावे में आ जाते हैं। बड़ों से भय भी इसका प्रमुख कारण है। डर व दबाव वश वे कुछ जानकारी नहीं दे पाते है।
स्कूलों में बाल यौन शोषण किसी के भी द्वारा और किसी के भी साथ हो सकता है।यह सामान्यतया शोषण करने वाले की गंदी मानसिकता के कारण होता है।इसका बहुत बड़ा कारण परिवेशीय माहौल हो सकता है।
स्कूल में बाल शोषण प्रायः उचित प्रशिक्षण के अभाव में या आधुनिक जीवन शैली व मीडिया जगत की अश्लील दृश्य के कारण होता है इससे बचने के लिए विद्यालय का वातावरण संस्कार मय होना चाहिए।
There may be different reason for each incident, school is also part of society, lot of activities happening in the society and its direct and indirect affects in life. By all this activities a mental thought become, that can be called psychological mental thought. There are different type of personalities together in a place ( may be school also). Its very difficult to know that what is going on someone's mind. anyone may be victim for that type of situation. In presently day use of Internet and technology increased too much and lot of vulgar content easily available on net, this disturb lot and changing psychology of society ( people).
H L kurre , Asst. Teacher Govt. Primary school Bhaklapara Block- Chhura ( Gariaband) CG
बाल शोषण कई प्रकार का होता है जैसे शारीरिक भावनात्मक उपेक्षा और लैंगिक शोषण।स्कूलों में बच्चे शारीरिक और भावनात्मक शोषण के शिकार ज्यादा होते हैं जैसे मारपीट करने तथा बेवकूफ आदि नामों से संबोधित करना।उपेक्षा और लैंगिक शोषण भी आजकल स्कूलों में यदा-कदा इसके समाचार सुनने को मिलता है। मेरे ख्याल से स्कूलों में इस तरह का शोषण पर्याप्त जानकारी के अभाव अनभिज्ञता के कारण अधिक होता है। इसके लिए समाज में अनुकूल वातावरण का निर्माण और स्वस्थ्य मानसिक परिवेश निर्मित करना आवश्यक है।
यदि स्कूलों में बाल शोषण होता है तो इसके पीछे विद्यालय प्रबंधन दोषी है।विद्यालय में स्वच्छ एवम् सुरक्षित वातावरण बनाने की जिम्मेदारी सबकी होती है।इस प्रकार का कृत्य घृणित मानसिकता वाले लोगोँ द्वारा होता है।
स्कूल में बाल शोषण भिन्न-भिन्न प्रकार का होता है, जैसे शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक उपेक्षा , लैंगिक शोषण इत्यादि। इसके अतिरिक्त भाषायी, क्षेत्रीयता एवं जातीय और आर्थिक आधार पर बच्चे उपेक्षित होते हैं।स्कूलों में बच्चे खासकर शारीरिक और भावनात्मक शोषण के शिकार ज्यादा होते हैं जैसे मारपीट करने, एक दूसरे से गलत शब्द का प्रयोग करने जैसे बेवकूफ आदि नामों से संबोधित करना । उपेक्षा और लैंगिक शोषण आजकल स्कूलों में यदा-कदा इसके समाचार सुनने को मिलता है । मेरे ख्याल से स्कूलों में इस तरह का शोषण पर्याप्त जानकारी के अभाव, अनभिज्ञता के कारण अधिक होता है। इसके लिए समाज में अनुकूल वातावरण का निर्माण और स्वस्थ्य मानसिक परिवेश निर्मित करना आवश्यक है।m
स्कूल में बाल शोषण भिन्न-भिन्न प्रकार का होता है, जैसे शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक उपेक्षा , लैंगिक शोषण इत्यादि। इसके अतिरिक्त भाषायी, क्षेत्रीयता एवं जातीय और आर्थिक आधार पर बच्चे उपेक्षित होते हैं।स्कूलों में बच्चे खासकर शारीरिक और भावनात्मक शोषण के शिकार ज्यादा होते हैं जैसे मारपीट करने, एक दूसरे से गलत शब्द का प्रयोग करने जैसे बेवकूफ आदि नामों से संबोधित करना । उपेक्षा और लैंगिक शोषण आजकल स्कूलों में यदा-कदा इसके समाचार सुनने को मिलता है । मेरे ख्याल से स्कूलों में इस तरह का शोषण पर्याप्त जानकारी के अभाव, अनभिज्ञता के कारण अधिक होता है। इसके लिए समाज में अनुकूल वातावरण का निर्माण और स्वस्थ्य मानसिक परिवेश निर्मित करना आवश्यक है
स्कूलों में बाल शोषणका कारण बच्चों में जगरुक्तकी कमी पलको का बच्चो को सही सही जानकारी नही देना।स्कुलो में महिला शिक्षको का न होना। शिक्षको की विकृत मानसिक सोच के वच्चो के प्रति सवेदनशील न होना उत्तरदायित्व का अभाव होना।
School me baal soshan kisi ke dwara(mahila ya purush) bi ho sakta hai. Iska mukhya karan paschatya sanskriti ka hamare samaj me havi hona hai. Is sonch ne baccho ke prati sikshako ke naitik kartavya ko puri tarah se khtam kar diya hai. Vartman film, sangeet aadi bi iske pramukh karan hai.
स्कूलों में बाल शोषण होने का मुख्य कारण गंदी मानसिकता एवं अनभिज्ञता है,जिसका लाभ अपराधी मानसिकता प्रवृत्ति वाले उठाते हैं ।बच्चे टीवी, इन्टरनेट, फिल्म, पाश्चात्य सभ्यता, फैशन, सीरियल, विज्ञापन, माहौल, आदि से भी प्रभावित होते हैं । इसके अतिरिक्त भी शारीरिक, मानसिक, भाषाई, क्षेत्रियता,जातिय,और आर्थिक आधार पर भी बाल शोषण होता है ।
स्कूलों में बाल शोषण अपने आसपास के परिवेश, आधुनिक जीवनशैली, अश्लील तस्वीरें, सामाजिक वातावरण, मोबाइल, इंटरनेट की सुविधा, के कारणों से भी हो सकते हैं। हितधारकों को यह ध्यान रखना चाहिए कि अपने बच्चों पर आए बदलाव को अनदेखा ना करें। इसके लिए समाज में अनुकूल वातावरण का निर्माण एवं स्वस्थ मानसिक परिवेश निर्मित करना चाहिए। जिससे स्कूलों में बच्चों को एक अच्छा शिक्षण परिवेश मिल सकें।
Prakah das lahare, मा. शा. नेतामटोला संकुल -अरज कुण्ड । स्कूलों में बाल शोषण, स्कूल में उपस्थित व्यक्तियों के विकृत मानसिकता रखने वालों के द्वारा होता है । बाल शोषण को रोकने के लिए बच्चों के सभी हित धारकों को सजक होने की आवश्यकता है ।
स्कूलों में बाल शोषण होने का मुख्य कारण मेरे अनुसार शिक्षकों की गंदी सोच, पागलपन, मानसिक बीमारी ,गंदे विचार,गंदी नियत, जागरूकता की कमी , फिल्म,सीरियल , समाचार, पत्र-पत्रिका में अश्लीलता का प्रदर्शन मुख्य कारण हो सकते हैं।
स्कूल में यदि शिक्षक या शिक्षिका के द्वारा बाल शोषण होता है तो यह शिक्षा जगत के लिए बहुत दुर्भाग्यजनक बात है।बालशोषण करने वाला ओछी और गंदी मानसिकता वाला है।उसे नोकरी से वंचित कर दिया जाना चाहिए।यह बच्चों के अनभिज्ञता का भी एक कारण हो सकता है इसके लिए छात्र, शिक्षक समाज, पाश्चात्य सभ्यता आदि सम्यक रूप से जिम्मेदार है।
स्कूल हमारे समाज का एक महत्त्वपूर्ण दर्पण है जो समाज की भागीदारी व उसकी दशा को इंगित करती है।स्कूल में बाल शोषण के कई कारण हैं , 1.अयोग्य शिक्षकों की नयुक्तियां 2.शिक्षकों की नियुक्तियों में धांधली व भ्रष्टाचार 3शिक्षकों के प्रशिक्षण में इन मुद्दों का शामिल ना होना या उनमें जागरूकता की कमी होने या गैर जिम्मदाराना व्यवहार 4शैक्षणिक तंत्र में उचित प्रबंध,कार्यान्वयन व निगरानी का अभाव विशेषकर स्कूलों में 5सामज ,समुदाय ,माता पिता,अभिभावक व संबंधित हितधारकों का इस मामले में अनभिज्ञ होना 6रूढ़िवादी व गलत सोच,कार्य,व्यवहार
बाल शोषण कई प्रकार का होता है जैसे शारीरिक भावनात्मक उपेक्षा और लैंगिक शोषण।स्कूलों में बच्चे शारीरिक और भावनात्मक शोषण के शिकार ज्यादा होते हैं जैसे मारपीट करने तथा बेवकूफ आदि नामों से संबोधित करना।उपेक्षा और लैंगिक शोषण भी आजकल स्कूलों में यदा-कदा इसके समाचार सुनने को मिलता है। मेरे ख्याल से स्कूलों में इस तरह का शोषण पर्याप्त जानकारी के अभाव अनभिज्ञता के कारण अधिक होता है। इसके लिए समाज में अनुकूल वातावरण का निर्माण और स्वस्थ्य मानसिक परिवेश निर्मित करना आवश्यक है।
स्कूलों में बाल शोषण स्कूलों में उपस्थित कोई भी सदस्य हो सकता है यह क्रिया उनकी गंदी मानसिकता को दर्शाता है इसका बहुत बड़ा कारण परिवेश में माहौल भी हो सकता है
schoolon Mein yon shoshan sirf vahi log karte hain jinki mansikta jinka najriya bahut hi ashlil aur kharab hota hai Varna ek shikshit vyakti kabhi Aisa galat Kam nahin kar sakta hai kyunki chhote bacchon ko to kisi ko bhi dekh kar pyare jata hai jo Aisa Karta hai meri najar Mein sabse bada apradhi hai aur dusri baat Jo bacche chote gaon se aate Hain unke Mata pita bhi utani jagruk nahin hote aur vah bacche bhi vichar bahut jaldi hi dar jaate Hain isliye is apradh ko bahut hi aasani se koi bhi anjam de deta hai
स्कूलों में बाल शोषण स्कूलों में उपस्थित कोई भी सदस्य हो सकता है, यह क्रिया उनकी गन्दी मानसिकता को दर्शाता है, वे समझते हैं कि वे बच जायेगे कोई उन्हें पकड़ नहीं पायेगा.
बाल शोषण कई प्रकार का होता है जैसे शारीरिक भावनात्मक उपेक्षा और लैंगिक शोषण।स्कूलों में बच्चे शारीरिक और भावनात्मक शोषण के शिकार ज्यादा होते हैं जैसे मारपीट करने तथा बेवकूफ आदि नामों से संबोधित करना।उपेक्षा और लैंगिक शोषण भी आजकल स्कूलों में यदा-कदा इसके समाचार सुनने को मिलता है। मेरे ख्याल से स्कूलों में इस तरह का शोषण पर्याप्त जानकारी के अभाव अनभिज्ञता के कारण अधिक होता है। इसके लिए समाज में अनुकूल वातावरण का निर्माण और स्वस्थ्य मानसिक परिवेश निर्मित करना आवश्यक है।
स्कूलों में बाल शोषण शिक्षको,सहपाठियों एवं अन्य हितचिंतकों द्वारा जाने अनजाने होते रहता है इस पर गौर करना चाहिए। जैसे- डाटना, तंज कसना, व्यंग्य करना,सजा देना ,नीचा दिखाना, दूसरे बच्चो से तुलना करना, मजाक उड़ाना, टिप्पणी करना, गाली देना इत्यादि।
स्कूलों में बाल शोषण का कारण है जागरूकता की कमी चाहे वह पालकों की हो या बालको या शिक्षकों की यदि इन्हें मानसिक रूप से जागरूक किया जाये तो इसे रोका जा सकता है
स्कूल मे यौन शोषण का कारण शोषणकर्ता की विकृत मानसिकता है और वहाँ का परिवेश, टी.वी मोबाइल मे प्रसारित असभ्य विज्ञापन या चलचित्र,पाश्चात्य सभ्यता उसका पोषक है।
लक्ष्मीन चन्द्रा ,शा.प्रा.शा.आमापाली जैजैपुर , विकास खण्ड-जैजैपुर , जिला - जांजगीर-चांपा , (छ.ग.)
स्कूल में बाल शोषण भिन्न-भिन्न प्रकार का होता है, जैसे शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक उपेक्षा , लैंगिक शोषण इत्यादि। इसके अतिरिक्त भाषायी, क्षेत्रीयता एवं जातीय और आर्थिक आधार पर बच्चे उपेक्षित होते हैं।स्कूलों में बच्चे खासकर शारीरिक और भावनात्मक शोषण के शिकार ज्यादा होते हैं जैसे मारपीट करने, एक दूसरे से गलत शब्द का प्रयोग करने जैसे बेवकूफ आदि नामों से संबोधित करना । उपेक्षा और लैंगिक शोषण आजकल स्कूलों में यदा-कदा इसके समाचार सुनने को मिलता है । मेरे ख्याल से स्कूलों में इस तरह का शोषण पर्याप्त जानकारी के अभाव, अनभिज्ञता के कारण अधिक होता है। इसके लिए समाज में अनुकूल वातावरण का निर्माण और स्वस्थ्य मानसिक परिवेश निर्मित करना आवश्यक है।
स्कूलों में कई प्रकार के बाल शोषण होते हैं। समाज व सिस्टम की विकृतमानसिकता इसका कारण है। स्कूलों में सत्ता से जुड़े जन बच्चों को असहाय महसूसकर शोषण करतेहैं।साथ ही शालेय परिवेश में समुचित जागरूकता व व्यवस्था का अभाव होताहै।
Bal shoshana ka mukhya karan vikshipt mansikta .Badlte parivesh me rahan sahan ,pahanava evm blue films hain jinke karan .Admi vikshipt ho jata hai aur vah apradh karta hai .Atah School me swasth mansik parivesh ka nirman hona bahut hi avashyak hai . Bal shoshana karne vale ko sakht saja milni chahiye.
विद्यालय में शिक्षक एवं विद्यार्थी भिन्न- भिन्न परिवेश से आते हैं| कुछ बच्चों अथवा शिक्षकों की हीन मानसिकता के कारण बाल शोषण होता है|आज का अधिक भौतिकवादी होना भी इसका एक अहम कारक है| मोबाइल, दूरदर्शन में जो अश्लील सामग्री परोसी जा रही है इसका दुष्प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है|
स्कूलों मे भी बाल शोषण कई प्रकार से हो सकता है जैसे शारीरिक,मानसिक, लेैंगिक शोषण और इसके अतिरिक्त भाषाई, क्षेेेेेेेत्रीयता एवं जातीय और आर्थिक आधार पर बच्चे उपेक्षित होते हैं। स्कूलों में इस प्रकार के शोषण, जानकारी के अभाव और अनभिज्ञता के कारण ज्यादा होतेे है। इससे उभरने के लिये समाज मे अनुकूल वातावरण का निर्माण और स्वस्थ मानसिक परिवेश निर्मित करना आवश्यक है जिससे स्कूल में बच्चोंं को एक अच्छा शिक्षण परिवेश मिल सके।
स्कूलों मे भी बाल शोषण कई प्रकार से हो सकता है जैसे शारीरिक,मानसिक, लेैंगिक शोषण और इसके अतिरिक्त भाषाई, क्षेेेेेेेत्रीयता एवं जातीय और आर्थिक आधार पर बच्चे उपेक्षित होते हैं। स्कूलों में इस प्रकार के शोषण, जानकारी के अभाव और अनभिज्ञता के कारण ज्यादा होतेे है। इससे उभरने के लिये समाज मे अनुकूल वातावरण का निर्माण और स्वस्थ मानसिक परिवेश निर्मित करना आवश्यक है जिससे स्कूल में बच्चोंं को एक अच्छा शिक्षण परिवेश मिल सके।
स्कूल में बाल शोषण का कारण विकृत मानसिकता है इसके लिए केवल अपराधी ही जिम्मेदार नहीं है बल्कि पूरा समाज भी कही न कही जिम्मेदार है हमारे परिवार या समाज में इन मुद्दों पर कभी खुलकर बात नहीं की जाती है और यदि कोई बात करता है तो उसे ही चुप करा दिया जाता है आज शिक्षा के साथ संस्कार को भी महत्व देने की अधिक आवश्यकता है साथ ही बच्चों को भी जागरूक करने की आवशयकता है जैसे पास्को एक्ट, चाइल्ड हेल्पलाइन के बारे में जानकारी.
विद्यालय में बाल शोषण का कारण विकृत मानसिकता एवं व्यक्ति की सामाजिकता हो सकता है। ऐसा क्यों है? मेरे विचार से इस अपराध को दूर करने हेतु पूरे समाज में नैतिक शिक्षा विषय का पाठ्यक्रम मैं शामिल होना चाहिए। अभिभावकों एवं शिक्षको को इस विषय पर बच्चों को जागरूक करना होगा शासन को भी जागरूकता हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करना चाहिए ।इस अपराध हेतु बनाए गए कानून की शिक्षा सभी को होनी चाहिए ।
बाल यौन शोषण शारिरिक व भावनात्मक भी होता है । जैसे बच्चों का उपेक्षा करना, अभद्र टिप्पणी करना, नीचा दिखाना, चोट पहुंचाना, मारना आदि ये सब स्कूलों में नहीं होना चाहिए । स्कूल के प्रधान सहित सभी शिक्षकों की जिम्मेदारी है ।
स्कूलों में यौन शोषण का कारण है जागरूक ता की कमी पहनावा,गंदी सोच, नीचा दिखाना, गाली देना, मरना, अभर्द्र टिप्पणी, सोशलमीडिया, मोबाइल, टेलीविजनआदि को बढ़ावा देना इससे बचने के लिए स्कूल का वातावरण अच्छा होना चाहिए
geeta sahu - स्कूलों में बाल शोषण स्कूलों में उपस्थित कोई भी सदस्य हो सकता है, यह क्रिया उनकी गन्दी मानसिकता को दर्शाता है, वे समझते हैं कि वे बच जायेगे कोई उन्हें पकड़ नहीं पायेगा.
स्कूलों में बाल यौन शोषण किसी के भी द्वारा और किसी के साथ भी हो सकता है। यह सामान्यता शोषण करने वाले की गंदी मानसिकता के कारण होता है। बाल यौन शारीरिक वह भावनात्मक भी होता है, जैसे - बच्चों का उपेक्षा करना, अभद्र टिप्पणी करना, नीचा दिखाना, चोट पहुंचाना, मारना आदि यह स्कूलों में नहीं होना चाहिए स्कूल के प्रधान सहित सभी शिक्षकों की जिम्मेदारी है। की इसे बचने के लिए स्कूल का वातावरण अच्छा होना चाहिए।
बाल शोषण साला में गंदी मानसिकता के कारण होता है जागरूकता की कमी, खुले आम अश्लील फिल्म फोटो देखने, आदि के कारण मन विचलि त होना बुरी संगत का असर हो सकता है
स्कूल मे बालशोषण होना शिक्षक और स्कूल के कर्मचारियों की विकृत मानसिकता को प्रदर्शित करता है विकृत सोच वाले व्यक्ति को लगता है क्योंकि बच्चे छोटे और आसानी से दुसरो के बात मान लेते है इसलिए उनको आसानी से शिकार बनाया जा सकता है और शायद और लोगो को इसकी जानकारी नही हो सकती क्योंकि ऐसी घटनाओ के बाद बच्चे एकदम डर जाते है
कोर्स का अध्ययन करने के पश्चात हमें यह तो पता ही है कि भावनात्मक उपेक्षा और लैंगिक शोषण। यह सारे बाल शोषण के प्रकार हैं। कई बार यह देखा गया है कि शिक्षक के द्वारा कक्षा में बच्चे को शिक्षण कार्य के दौरान कुछ ऐसे शब्दों का संबोधन कर देते हैं जिससे बच्चों को मानसिक रूप से ठेस लगती । और बच्चा पूरे क्लास के बीच अपनी बेइज्जती महसूस करता है। इस तक इस तरह से बच्चे मैं आत्मग्लानि पैदा होती है। कक्षा में वे अपना मन नहीं लगा पाते। इसका प्रभाव । आत्मविश्वास की कमी होने के कारण । उसका प्रभाव उसकी अधिगम पर पड़ता है। शिक्षकों को चाहिए कि वे बच्चों को कुछ रचनात्मक ढंग से प्रेरित करें। इसके अलावा बाल शोषण कक्षा हाई स्कूल की कोई बच्चे के द्वारा भी हो सकता है। जिसे साथ ही आशा पार्टियों या अपने से बड़ों बड़े बच्चों के द्वारा किसी बच्चे को परेशान करना उन्हें चिढ़ाना इत्यादि।
स्कूलों मे भी बाल शोषण कई प्रकार से हो सकता है जैसे शारीरिक,मानसिक, लेैंगिक शोषण और इसके अतिरिक्त भाषाई, क्षेेेेेेेत्रीयता एवं जातीय और आर्थिक आधार पर बच्चे उपेक्षित होते हैं। स्कूलों में इस प्रकार के शोषण, जानकारी के अभाव और अनभिज्ञता के कारण ज्यादा होतेे है। इससे उभरने के लिये समाज मे अनुकूल वातावरण का निर्माण और स्वस्थ मानसिक परिवेश निर्मित करना आवश्यक है जिससे स्कूल में बच्चोंं को एक अच्छा शिक्षण परिवेश मिल सके।
स्कूलों मे भी बाल शोषण कई प्रकार से हो सकता है जैसे शारीरिक,मानसिक, लेैंगिक शोषण और इसके अतिरिक्त भाषाई, क्षेेेेेेेत्रीयता एवं जातीय और आर्थिक आधार पर बच्चे उपेक्षित होते हैं।इसका बहुत बड़ा कारण परिवेशीय माहौल हो सकता है।
बाल शोषण का आशय यौन से ही नही है बल्कि बच्चों के अधिकार से लेकर हम किसी भी प्रकार से बच्चे को क्षति या चोट पहुंचाते हैं चाहे भावनात्मक हो शारीरिक,मानसिक, उपेक्षात्मक,लैंगिक, उनके अधिकार को छिनना इत्यादि सभी बाल शोषण के अंतर्गत आते है जो शिक्षकों की मानसिकता और उनसे होने वाले दुष्परिणाम के बारे में जानकारी न होने के कारण इस प्रकार बच्चे बाल शोषण के शिकार होते है।...Darro
बाल शोषण के अनेक रूप हैं। यह स्कूलों में किसी के भी द्वारा और किसी के भी साथ हो सकता है। ऐसा करने वाले की गंदी सोच एवं गंदी मानसिकता जिम्मेदार है।इसे रोकने के लिए बच्चों को जागरूक करना एवं संरक्षण प्रदान करना अति आवश्यक है।
स्कूल में बाल शोषण होने का प्रमुख कारण बच्चों के लिए एक स्वच्छ, सुरक्षित वातावरण निर्मित करने में कमी है। बच्चों का ज्यादा समय स्कूल में बीतता है। बच्चों के साथ वहां शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, उपेक्षा, लैंगिक कई तरह के शोषण होते हैं अतः स्कूल प्रबंधन समिति को चाहिए कि वे बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण निर्मित करें। 🏫 के सभी कर्मचारियों,बच्चों के लिए बच्चों के अधिकारों से संबंधित जानकारी,बाल शोषण के कारणों का पता लगाया जाना चाहिए ,बाल शोषण रोकने संबंधित प्रशिक्षणों का आयोजन किया जाना चाहिए।
स्कूलों मे भी बाल शोषण कई प्रकार से हो सकता है जैसे शारीरिक,मानसिक, लेैंगिक शोषण और इसके अतिरिक्त भाषाई, क्षेेेेेेेत्रीयता एवं जातीय और आर्थिक आधार पर बच्चे उपेक्षित होते हैं। स्कूलों में इस प्रकार के शोषण, जानकारी के अभाव और अनभिज्ञता के कारण ज्यादा होतेे है। इससे उभरने के लिये समाज मे अनुकूल वातावरण का निर्माण और स्वस्थ मानसिक परिवेश निर्मित करना आवश्यक है
स्कूल मे बाल शोषण भिन्न-भिन्न प्रकार का होता है जैसे - शारिरिक, मानसिक, भावनात्मक, लैंगिक शोषण इत्यादि। इसके अलावा भाषायी ,जातीय, आर्थिक आधार पर भी बच्चे उपेक्षित होते है।बाल शोषण का आशय केवल यौन से ही नहीं बल्कि बच्चो के अधिकार से लेकर किसी भी प्रकार का क्षति या चोट पहुंचाने से है।स्कूल मे बच्चे मारपीट से,अपशब्द का प्रयोग करने से,और किसी विशेष प्रकार का संबोधन करने से भी उपेक्षा का शिकार होते है। मेरे विचार से स्कूल मे बाल शोषण का मुख्य कारण पर्याप्त जानकारी का अभाव, मानसिक विकृति,गंदी सोच, अपराधिक प्रवृति और,सजा का भय नही आदि। इससे उभरने के लिए समाज मे अनुकूल वातावरण का निर्माण ,सामाजिक सोच मे बदलाव स्वस्थ मानसिक परिवेश, अधिनियम का कढाई से पालन करने की अतिआवश्यक है जिससे स्कूल मे बच्चो को अपने घर जैसा माहौल मिल सके और बिना किसी भय से शिक्षा ग्रहण कर सके।
स्कूल मे बाल शोषण भिन्न-भिन्न प्रकार का होता है जैसे - शारिरिक, मानसिक, भावनात्मक, लैंगिक शोषण इत्यादि। इसके अलावा भाषायी ,जातीय, आर्थिक आधार पर भी बच्चे उपेक्षित होते है।बाल शोषण का आशय केवल यौन से ही नहीं बल्कि बच्चो के अधिकार से लेकर किसी भी प्रकार का क्षति या चोट पहुंचाने से है।स्कूल मे बच्चे मारपीट से,अपशब्द का प्रयोग करने से,और किसी विशेष प्रकार का संबोधन करने से भी उपेक्षा का शिकार होते है। मेरे विचार से स्कूल मे बाल शोषण का मुख्य कारण पर्याप्त जानकारी का अभाव, मानसिक विकृति,गंदी सोच, अपराधिक प्रवृति और,सजा का भय नही आदि। इससे उभरने के लिए समाज मे अनुकूल वातावरण का निर्माण ,सामाजिक सोच मे बदलाव स्वस्थ मानसिक परिवेश, अधिनियम का कढाई से पालन करने की अतिआवश्यक है जिससे स्कूल मे बच्चो को अपने घर जैसा माहौल मिल सके और बिना किसी भय से शिक्षा ग्रहण कर सके।
शाला में नैतिक शिक्षा की कमी के कारण बच्चों और शिक्षक के विचार नहीं मिल पा रहे है। कई शिक्षक मानसिक विकृत होते है जो विभिन्न तरीकों से बच्चो का शोषण करते है।
स्कूलों में बाल यौन शोषण किसी के भी द्वारा और किसी के साथ हो सकता हैं।यह उस व्यक्ति के गंदी सोच कि वजह से बाल यौन शोषण होता है।इसका नेगेटिव सोच की वजह और गंदा माहौल की वजह से होता है। इस प्रकार से कहीं घटना होता है उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
कोर्स 03 गतिविधि 5 : सीखने के परिवेश का सृजन– अपने विचार साझा करें सीखने के परिवेश का सृजन करने के लिए अपने स्वयं के कुछ तरीके सोचें और अपने विचार साझा करें।
कोर्स 02 गतिविधि 2 : अपने विचार साझा करें माध्यमिक स्तर पर आई . सी . टी . आपके शिक्षण , अधिगम और मूल्यांकन कार्यों में कैसे सहयोग करती है ? अपनी समझ साझा करें।
कोर्स 08 : सीखने का आकलन गतिविधि 1 : अपने विचार साझा करें आकलन के ऐसे कौन-से प्रकार हैं जिन्हें आप बुनियादी अवस्था में बच्चों के साथ प्रयोग कर सकते हैं ? आकलन के प्रकारों की सूची बनाएं - विशेष रूप से लिखित परीक्षा से भिन्न आकलन के प्रकार सोचें। अपने विचार साझा करें।
गंदी मानसिकता के कारण
ReplyDeleteबच्चो की नादानी
इस टॉपिक पे मेरा विचार यह है कि टीचर की गन्दी सोच,विचार, गन्दी नियत रखने वाले, और आज कल की समाज को देखते हुए आधुनिकता रहन सहन, पहनावा, आज कल की मूवी जो सभी की निगाहें बिगाड़ रहा है।
ReplyDeleteस्कूलों में बाल शोषण स्कूलों में उपस्थित कोई भी सदस्य हो सकता है, यह क्रिया उनकी गन्दी मानसिकता को दर्शाता है, वे समझते हैं कि वे बच जायेगे कोई उन्हें पकड़ नहीं पायेगा.
ReplyDeleteस्कूलों में बाल शोषण स्कूलों में उपस्थित कोई भी सदस्य हो सकता है, यह क्रिया उनकी गन्दी मानसिकता को दर्शाता है, वे समझते हैं कि वे बच जायेगे कोई उन्हें पकड़ नहीं पायेगा.
ReplyDeleteUnknownJanuary 15, 2021 at 9:17 PM
ReplyDeleteइस टॉपिक पे मेरा विचार यह है कि टीचर की गन्दी सोच,विचार, गन्दी नियत रखने वाले, और आज कल की समाज को देखते हुए आधुनिकता रहन सहन, पहनावा, आज कल की मूवी जो सभी की निगाहें बिगाड़ रहा है।
UnknownJanuary 15, 2021 at 9:17 PM
ReplyDeleteइस टॉपिक पे मेरा विचार यह है कि टीचर की गन्दी सोच,विचार, गन्दी नियत रखने वाले, और आज कल की समाज को देखते हुए आधुनिकता रहन सहन, पहनावा, आज कल की मूवी जो सभी की निगाहें बिगाड़ रहा है।
UnknownJanuary 15, 2021 at 9:17 PM
ReplyDeleteइस टॉपिक पे मेरा विचार यह है कि टीचर की गन्दी सोच,विचार, गन्दी नियत रखने वाले, और आज कल की समाज को देखते हुए आधुनिकता रहन सहन, पहनावा, आज कल की मूवी जो सभी की निगाहें बिगाड़ रहा है।
स्कूलों में बाल शोषण स्कूलों में उपस्थित कोई भी सदस्य हो सकता है, यह क्रिया उनकी गन्दी मानसिकता को दर्शाता है, वे समझते हैं कि वे बच जायेगे कोई उन्हें पकड़ नहीं पायेगा.
ReplyDeleteस्कूलों में बाल शोषण कोई भी हो सकता है स्कूलों में उपस्थित कोई भी सदस्य हो सकता है, यह क्रिया उनकी गन्दी मानसिकता को दर्शाता है, वे समझते हैं कि वे बच जायेगे कोई उन्हें पकड़ नहीं पायेगा.
Deleteस्कूलों में बाल शोषण स्कूलों में उपस्थित कोई भी सदस्य हो सकता है, यह क्रिया उनकी गन्दी मानसिकता को दर्शाता है, वे समझते हैं कि वे बच जायेगे कोई उन्हें पकड़ नहीं पायेगा.
ReplyDeleteस्कूलों में बाल यौन शोषण किसी के भी द्वारा और किसी के भी साथ हो सकता है।यह सामान्यतया शोषण करने वाले की गंदी मानसिकता के कारण होता है।इसका बहुत बड़ा कारण परिवेशीय माहौल हो सकता है।
ReplyDeleteस्कूलों में बाल शोषण होने का मुख्य कारण शोषण करने वाले की गंदी मानसिकता होती है एवं बच्चों की अनभिज्ञता भी एक कारण होती है जिसका लाभ अपराधी प्रवृत्ति के लिए उठाने की कोशिश करते हैं।
ReplyDeleteस्कूलों में बाल यौन शोषण किसी के भी द्वारा और किसी के भी साथ हो सकता है।यह सामान्यतया शोषण करने वाले की गंदी मानसिकता के कारण होता है।इसका बहुत बड़ा कारण परिवेशीय माहौल हो सकता है।
ReplyDeleteबाल शोषण स्कूलों में मैं आसपास के परिवेश और कई प्रकार की फिल्म और आजकल के पहनावा और विभिन्न प्रकार के न्यू संस्कृति के कारण हो सकते हैं।
ReplyDeleteबच्चों की इस प्रकार के शोषण से बचाव करके रखना अति आवश्यक ।
Pritan Kumar Xess,स्कूलों में बाल यौन शोषण किसी के द्वारा और किसी के साथ हो सकता है।यह सामान्यतया शोषण करने वाले की गंदी मानसिकता , गन्दी सोच रखने वाले लोगों के द्वारा किया जाता है।
ReplyDeleteGandi mansikta, mobile, electronik mediya
ReplyDeleteबाल शोषण कई प्रकार का होता है जैसे शारीरिक भावनात्मक उपेक्षा और लैंगिक शोषण।स्कूलों में बच्चे शारीरिक और भावनात्मक शोषण के शिकार ज्यादा होते हैं जैसे मारपीट करने तथा बेवकूफ आदि नामों से संबोधित करना।उपेक्षा और लैंगिक शोषण भी आजकल स्कूलों में यदा-कदा इसके समाचार सुनने को मिलता है। मेरे ख्याल से स्कूलों में इस तरह का शोषण पर्याप्त जानकारी के अभाव अनभिज्ञता के कारण अधिक होता है। इसके लिए समाज में अनुकूल वातावरण का निर्माण और स्वस्थ्य मानसिक परिवेश निर्मित करना आवश्यक है।
ReplyDeleteबाल यौन शोषण शारिरिक व भावनात्मक भी होता है । जैसे बच्चों का उपेक्षा करना, अभद्र टिप्पणी करना, नीचा दिखाना, चोट पहुंचाना, मारना आदि ये सब स्कूलों में नहीं होना चाहिए । स्कूल के प्रधान सहित सभी शिक्षकों की जिम्मेदारी है ।
Deleteविकृत मानसिकता सोच के कारण एवम आज कल की सोशल मीडिया या फिर tv में जो होता है एक कारण ये भी है
ReplyDeleteस्कूलों में बच्चों के साथ बाल शोषण कई प्रकार से होते हैं- शारीरिक, मानसिक , लैंगिक जो संकीर्ण मानसिकता और छोटी सोच वाले शिक्षकों द्वारा किया जाता है और बच्चे इतना परिपक्व नहीं होते कि वह इस शोषण का विरोध कर सकें।
DeleteGandi mansikata avm bachho ki nadani k Karan ho sakata hai.ath palak sikhyak savdhan rah kar bachho Ko shoshan se mukt kar sakate hai.
ReplyDeleteस्कूलों में बालशोषण स्कूलों में उपस्थित कोई भी सदस्य हो सकता है। यह क्रिया उनकी गंदी मानसिकता को दर्शाता है। वे समझते हैं कि वे बच जाएंगे कोई उन्हें पकड़ नहीं पाएगा ।
ReplyDeleteस्कूलों मेंं बाल शोषण का प्रमुख कारण बदलते सामाजिक जीवनशैली, अशलील सामग्रियों की अधिकता, नीच मानसिकता, है।
Deleteस्कूलों मे बल शोषण होना किसी एक कारण नही है इसके लिए तो पूरा सिस्टम जिम्मेदार है, हमारा समाज,मनोरंजन के साधन टी वी में दिखयी जाने वाली सीरियल,विज्ञापन भी,हमारा फ़िल्म जगत,अखबार तथा गांव का माहौल जिससे जिससे मानसिक विकृति अति है, यही कारण है बाल शोषण होने का।
ReplyDeleteBalshoshan ek vikrit sach hai samaj ka jise lekar ab sabhi ko jagruk hona aavshayak hai
ReplyDeleteगंदी मानसिकता, नशे की लत, बदलता रहन सहन, गंदी फिल्म आदि कई कारण से बच्चों की नादानी के फायदा उठाते और शोषण करते है ।
ReplyDeleteआफिजा मलिक प्राथमिक शाला नवाटोला लोहारी से
स्कूलों में बाल शोषण का प्रमुख कारण यह हो सकता है कि,आजकल टी व्ही, ििइंटरनेट का व्यवहार व्यापक तौर पर होना जिसमें अनेक प्रकार के कंटेंट हैं, जिनमें अच्छे बुरे दोनों प्रकार के हैं।साथ ही लोगों की मानसिकता, उनकी परिवेशीय सोच इत्यादि कारण हो सकते हैं।
ReplyDeleteस्कूलों में बाल शोषण का कारण है जागरूकता की कमी चाहे वह पालकों की हो या बालको या शिक्षकों की यदि इन्हें मानसिक रूप से जागरूक किया जाये तो इसे रोका जा सकता है
ReplyDeleteस्कूलों मे भी बाल शोषण कई प्रकार से हो सकता है जैसे शारीरिक,मानसिक, लेैंगिक शोषण और इसके अतिरिक्त भाषाई, क्षेेेेेेेत्रीयता एवं जातीय और आर्थिक आधार पर बच्चे उपेक्षित होते हैं। स्कूलों में इस प्रकार के शोषण, जानकारी के अभाव और अनभिज्ञता के कारण ज्यादा होतेे है। इससे उभरने के लिये समाज मे अनुकूल वातावरण का निर्माण और स्वस्थ मानसिक परिवेश निर्मित करना आवश्यक है जिससे स्कूल में बच्चोंं को एक अच्छा शिक्षण परिवेश मिल सके।
ReplyDeleteस्कूलों में बाल शोषण होने का मुख्य कारण शोषण करने वाले की गंदी मानसिकता होती है एवं बच्चों की अनभिज्ञता भी एक कारण होती है जिसका लाभ अपराधी प्रवृत्ति के लिए उठाने की कोशिश करते हैं।
ReplyDeleteबाल शोषण स्कूलों में मैं आसपास के परिवेश और कई प्रकार की फिल्म और आजकल के पहनावा और विभिन्न प्रकार के न्यू संस्कृति के कारण हो सकते हैं।
ReplyDeleteबच्चों की इस प्रकार के शोषण से बचाव करके रखना अति आवश्यक ।
(kk siware)
इस विषय में मेरी राय यह है कि जिनकी मानसिकता गंदी होती है , ऐसे लोग ही इस प्रकार के कार्य को अंजाम देते हैं।
ReplyDeleteWrong and dirty mind-set leads to such activities that they can be prevented by spreading awareness among students.
ReplyDeleteस्कूलों मे बल शोषण होना किसी एक कारण नही है इसके लिए तो पूरा सिस्टम जिम्मेदार है, हमारा समाज,मनोरंजन के साधन टी वी में दिखयी जाने वाली सीरियल,विज्ञापन भी,हमारा फ़िल्म जगत,अखबार तथा गांव का माहौल जिससे जिससे मानसिक विकृति अति है, यही कारण है बाल शोषण होने का।
ReplyDeleteखुशहाली सोनी
बलौदाबाजार
स्कूलों में बाल शोषण होने का मुख्य कारण शोषण करने वाले की गंदी मानसिकता होती है एवं बच्चों की अनभिज्ञता भी एक कारण होती है जिसका लाभ अपराधी प्रवृत्ति के लिए उठाने की कोशिश करते हैं।
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ReplyDeleteगलत मानसिकता के कारण बच्चों के साथ बालशोषण किया जाता है , बच्चों के अकेलेपन का फायदा उठाकर ,गन्दी हरकत करते हैं।
DeleteBacche gande mansikta ke Karan Bal AVN ka shikar Ho jaate Hain
ReplyDeleteस्कूलों में विभिन्न प्रकार के बाल-शोषण देखने को मिलता है।जैसे-थप्पड़ मारना, कान पकड़ना, उठक-बैठक कराना, उपेक्षा करना, बुरी नजर रखना, बाल पकड़ना आदि।इसके लिए छात्र,शिक्षक,समाज,सोशल मीडिया, पाश्चात्य सभ्यता आदि सम्यक रूप से जिम्मेदार हैं ।
ReplyDeleteमा.शा.कुदुर घोड़ा
ReplyDeleteअम्बागढ़ चौकी
राजनांदगांव
स्कूल में यदि शिक्षक या शिक्षिका के द्वारा बाल शोषण होता है तो यह शिक्षा जगत के लिए बहुत दुर्भाग्यजनक बात है।बालशोषण करने वाला ओछी और गंदी मानसिकता वाला है।उसे नोकरी से वंचित कर दिया जाना चाहिए।
स्कूलों में बाल शोषण का मुख्य कारण शोषण करने वाले की मानसिकता को दर्शाता है यह बच्चों के अनभिज्ञता का भी एक कारण हो सकता है इसके लिए छात्र, शिक्षक समाज, पाश्चात्य सभ्यता आदि सम्यक रूप से जिम्मेदार है।
ReplyDeleteस्कूल में बाल शोषण होता है क्योंकि कभी किसी एक इन्सान की गलत मानसिकता निम्न स्तर पर जाती होगी,तब ऐसा होता होगा। ममता झा, छान्टा झा, बम्हनी संकुल
ReplyDeleteगलत मानसिकता ,के कारण बच्चों के साथ बाल शोषण किया जाता है। बच्चों के अकेलेपन का फायदा उठाकर, गन्दी हरकत करते है।
ReplyDeleteस्कूलों में बाल शोषण होने का मुख्य कारण शोषण करने वाले की गंदी मानसिकता होती है एवं बच्चों की अनभिज्ञता भी एक कारण होती है जिसका लाभ अपराधी प्रवृत्ति के लिए उठाने की कोशिश करते हैं।
ReplyDeleteस्कूलों में बाल यौन शोषण किसी के भी द्वारा और किसी के भी साथ हो सकता है।यह सामान्यतया शोषण करने वाले की गंदी मानसिकता के कारण होता है।इसका बहुत बड़ा कारण परिवेशीय माहौल हो सकता है।
ReplyDeleteबाल यौन शोषण एक मानसिक विकृति का ही परिणाम होता है।इसमें सम्मिलित कोई भी चाहे वह शिक्षक हों,कर्मचारी या बच्चे ।आज टेक्नोलॉजी के गलत इस्तेमाल ,गन्दी फोटोज, फिल्में और आसपास का माहौल विद्यालय के असुरक्षित परिवेश ऐसे कई कारण है जो 8न चीजो को बढ़ाया देता है।
ReplyDeleteस्कूलों में बाल यौन शोषण किसी के भी द्वारा और किसी के साथ भी हो सकता है।यह समान्यतः शोषण करने वाले कि गन्दी मानसिकता के कारण होता है।इसका बहुत बड़ा कारण बच्चों की अनभिज्ञता,सोशल मीडिया, पश्चिमी सभ्यता तथा परिवेश माहौल आदि हो सकता है।
ReplyDeleteबालक खाण्डेयकर
शिक्षक
शा.पूर्व माध्यमिक शाला-अकलसरा
विकास खण्ड-जैजैपुर(सक्ति)
स्कूलों मेंं बाल शोषण का प्रमुख कारण बदलते सामाजिक जीवनशैली,अशलील सामग्रियों की अधिकता,नशे की लत,नीच मानसिकता आदि है।बच्चों की अनभिज्ञता भी एक कारण होती है।जिसका लाभ अपराधी प्रवृत्ति के लोग उठाते हैं।
DeleteRajesh Kumar Dinkar
ReplyDeleteAssistant teacher ARSIYAN Morga via pondi uprora District Korba Chhattisgarh
Balshoshan hone ke mukhya Karan nimnlikhit hai
1.aadhunik jeewan shaili,rahan- sahan,khanpan, pahnawa.
2.Aajkal ki movie mobile, video,game, serial news, etc.
Badalte social,dushit environment.
3.Ashliltasviren.
4.Nashile padarthon gutkha,pan, cigarette,charas,ganja Alcohol Sevan etc.
स्कूलों में बाल शोषण होने का मुख्य कारण शोषण करने वाले की गंदी मानसिकता होती है एवं बच्चों की अनभिज्ञता भी एक कारण होती है जिसका लाभ अपराधी प्रवृत्ति के लिए उठाने की कोशिश करते हैं।
ReplyDeleteSchool me bal shoshan koi bhi ho sakta hai lekin aisa nahi hona chahiye gandi mansikata ko darsata hai aise log bach nahi sakte hai
ReplyDeleteहितधारक वर्गों के लापरवाही, अपने बच्चों पर आए बदलाव को न भाप पाना,इस शोषण के विरुद्ध बच्चों को न समझा पाना या फिर उन्हें इस प्रकार की कृत्यों से होने वाले बातों को बेझिझक रूप से नहीं बता पाना,उनके व्यवहार में आए परिवर्तन को महसूस न कर पाना इत्यादि बाल शोषण के कारण हो सकते हैं।
ReplyDeleteस्कूल में बाल शोषण स्कूल में उपस्थित कोई भी सदस्य हो सकता है यह क्रिया उनकी गंदी मानसिकता हो सकती है एवं बच्चों के अभिज्ञता का भी एक कारण है जिसका लाभ अपराधी प्रवृत्ति के लिए ने की कोशिश करते है
ReplyDeleteGande mansikta ke karan ye sab hota h baccho mein sahi chijo ki awareness badhaya jana chahiye
ReplyDelete
ReplyDeleteपूर्व व्यवसायिक शिक्षा के तहत पूर्व प्राथमिक स्तर(6से8)तक विभिन्न व्यवसायों का सामान्य जानकारी प्रदान करना चाहिए।उसके बाद माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तर(9से12)तक विभिन्न व्यवसायों का विशेष प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए ताकि बच्चे आगे चलकर अपनी पसंद के अनुसार उचित व्यवसाय का चयन कर सके जिसका उपयोग वह अपने दैनिक जीवन को सरल बनाने में कर सके
ReplyDeleteपूर्व व्यवसायिक शिक्षा के तहत पूर्व प्राथमिक स्तर(6से8)तक विभिन्न व्यवसायों का सामान्य जानकारी प्रदान करना चाहिए।उसके बाद माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तर(9से12)तक विभिन्न व्यवसायों का विशेष प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए ताकि बच्चे आगे चलकर अपनी पसंद के अनुसार उचित व्यवसाय का चयन कर सके जिसका उपयोग वह अपने दैनिक जीवन को सरल बनाने में कर सके
हमेशा सकारात्मक सोचना चाहिए । नकारात्मकता से दूर रहना चाहिए ।
ReplyDeleteस्कूलों में बाल शोषण कई प्रकार से हो सकता है जैसे शारीरिक,मानसिक, लेैंगिक शोषण और इसके अतिरिक्त भाषाई, क्षेेेेेेेत्रीयता एवं जातीय और आर्थिक आधार पर बच्चे उपेक्षित होते हैं। स्कूलों में इस प्रकार के शोषण, जानकारी के अभाव और अनभिज्ञता के कारण ज्यादा होतेे है।
ReplyDeleteAaj filmo tv shows aur internet me jis tarike ki ashlilta parosi ja rahi hai wah logo ki mansikta ko vikrit karti ja rahi hai is vikrit mansikta ki wajah se log schools me bhi aisi ghatnao ko anjaam dete hai
ReplyDeleteअपनी सोच को अच्छी रखें विद्यालय एक पवित्र स्थान हैं जहां हम ज्ञान प्राप्त करते हैं वह एक मंदिर से कम नहीं है
ReplyDeleteबाल शोषण गंदी सोच के कारण उत्पन्न होते हैं।(Ng)
ReplyDeleteइस टॉपिक पे मेरा विचार यह है कि टीचर की गन्दी सोच,विचार, गन्दी नियत रखने वाले, और आज कल की समाज को देखते हुए आधुनिकता रहन सहन, पहनावा, आज कल की मूवी जो सभी की निगाहें बिगाड़ रहा है।
ReplyDeleteबाल शोषण स्कूलों में मैं आसपास के परिवेश और कई प्रकार की फिल्म और आजकल के पहनावा और विभिन्न प्रकार के न्यू संस्कृति के कारण हो सकते हैं।
ReplyDeleteबच्चों की इस प्रकार के शोषण से बचाव करके रखना अति आवश्यक ।
बाल शोषण कई प्रकार का होता है जैसे शारीरिक, भावनात्मक, उपेक्षा और लैंगिक शोषण।स्कूलों में बच्चे शारीरिक और भावनात्मक शोषण के शिकार ज्यादा होते हैं जैसे डाँट, शारिरिक दंड,उपेक्षा आदि। जिम्मेदार लोगों की लापरवाही, अपने बच्चों पर आए बदलाव को न भाप पाना,इस शोषण के विरुद्ध बच्चों को न समझा पाना या फिर उन्हें इस प्रकार की कृत्यों से होने वाले बातों को बेझिझक रूप से नहीं बता पाना,उनके व्यवहार में आए परिवर्तन को महसूस न कर पाना इत्यादि बाल शोषण के कारण हो सकते हैं।
ReplyDeleteबाल शोषण के प्रकार का होता है जैसे शारीरिक भावनात्मक उपेक्षा और शारीरिक शोषण यह से डांट शारीरिक दंड उपेक्षा अधिक जिम्मेदार लोगों की लापरवाही अपने बच्चों पर आए बदलाव को ना पाना ।शोषण के विरुद्ध बच्चों को समझ पाना या फिर उन्हें इस प्रकार के कृतियों से होने वाले बातों को भेजी जा ग्रुप से नहीं बता पाना उनके व्यवहार में परिवर्तन को महसूस न कर पाना आदि।
ReplyDeleteबाल शोषण कई प्रकार का होता है जैसे शारीरिक, भावनात्मक, उपेक्षा और लैंगिक शोषण।स्कूलों में बच्चे शारीरिक और भावनात्मक शोषण के शिकार ज्यादा होते हैं जैसे डाँट, शारिरिक दंड,उपेक्षा आदि। जिम्मेदार लोगों की लापरवाही, अपने बच्चों पर आए बदलाव को न भाप पाना,इस शोषण के विरुद्ध बच्चों को न समझा पाना या फिर उन्हें इस प्रकार की कृत्यों से होने वाले बातों को बेझिझक रूप से नहीं बता पाना,उनके व्यवहार में आए परिवर्तन को महसूस न कर पाना इत्यादि बाल शोषण के कारण हो सकते हैं।
Deleteनकारात्मक सोच के कारण । सदैव सकारात्मक सोचना चाहिए ।
ReplyDeleteगन्दी मानसिकता का होना
ReplyDeleteइस टॉपिक पर मेरा व्यक्तिगत विचार है कि बाल शोषण केवल स्कूलों में ही होता है क्या ??
ReplyDeleteअगर स्कूल की गतिविधि पर विचार किया जावे तो शिक्षक की गन्दी नियत पर सवाल ?, और बच्चें में जागरूकता की कमी, विचारो में सकारात्मकता की कमी, विद्यालय प्रबंधन की निष्क्रियता इत्यादि ऐसे बहुत से कारण हो सकते है ।
बाल शोषण गन्दी मानसिकता के कारण होता है,इसलिए स्वस्थ मानसिकता का विकास हो,जो कि कानून व समाज दोनों की जिम्मेदारी है।
ReplyDeleteबाल यौन शोषण एक मानसिक विकृति का ही परिणाम होता है।इसमें सम्मिलित कोई भी चाहे वह शिक्षक हों,कर्मचारी या बच्चे ।आज टेक्नोलॉजी के गलत इस्तेमाल ,गन्दी फोटोज, फिल्में और आसपास का माहौल विद्यालय के असुरक्षित परिवेश ऐसे कई कारण है।
ReplyDeleteसत्यनारायण निषाद शिक्षक एल बी पूर्व मा शा lurgikhurd बलरामपुर छ ग।
स्कूलों में बाल शोषण कोई भी हो सकता है स्कूलों में उपस्थित कोई भी सदस्य हो सकता है, यह क्रिया उनकी गन्दी मानसिकता को दर्शाता है, वे समझते हैं कि वे बच जायेगे कोई उन्हें पकड़ नहीं पायेगा
ReplyDeleteस्कूलों में बाल शोषण का कारण है जागरूकता की कमी चाहे वह पालकों की हो या बालको या शिक्षकों की यदि इन्हें मानसिक रूप से जागरूक किया जाये तो इसे रोका जा सकता है
ReplyDeleteस्कूलों मे भी बाल शोषण कई प्रकार से हो सकता है जैसे शारीरिक,मानसिक, लेैंगिक शोषण और इसके अतिरिक्त भाषाई, क्षेेेेेेेत्रीयता एवं जातीय और आर्थिक आधार पर बच्चे उपेक्षित होते हैं। स्कूलों में इस प्रकार के शोषण, जानकारी के अभाव और अनभिज्ञता के कारण ज्यादा होतेे है। इससे उभरने के लिये समाज मे अनुकूल वातावरण का निर्माण और स्वस्थ मानसिक परिवेश निर्मित करना आवश्यक है जिससे स्कूल में बच्चोंं को एक अच्छा शिक्षण परिवेश मिल सके।
ReplyDeleteस्कूलों में बाल शोषण का प्रमुख कारण बदलते सामाजिक जीवन शैली अश्लीलता सामग्रियां की अधिकता नीच मानसिकता
ReplyDeleteस्कूलों मे बल शोषण होना किसी एक कारण नही है इसके लिए तो पूरा सिस्टम जिम्मेदार है, हमारा समाज,मनोरंजन के साधन टी वी में दिखयी जाने वाली सीरियल,विज्ञापन भी,हमारा फ़िल्म जगत,अखबार तथा गांव का माहौल जिससे जिससे मानसिक विकृति अति है, यही कारण है बाल शोषण होने का।
ReplyDeleteस्कूलों में बाल शोषण को रोकने के लिए पालकों एवं छात्रों को जागरूक करना चाहिए।
Deleteस्कूलों मे बल शोषण होना किसी एक कारण नही है इसके लिए तो पूरा सिस्टम जिम्मेदार है, हमारा समाज,मनोरंजन के साधन टी वी में दिखयी जाने वाली सीरियल,विज्ञापन भी,हमारा फ़िल्म जगत,अखबार तथा गांव का माहौल जिससे जिससे मानसिक विकृति अति है, यही कारण है बाल शोषण होने का।
ReplyDeleteबच्चों तथा बड़ो में जागरूकता की कमी।
ReplyDeleteगंदी मानसिकता।
मीडिया का दुष्परिणाम
मोबाइल पर खुले आम पोर्न वीडियो आना।
स्कूलों में बाल शोषण विकृत मानसिकता और आजकल की फिल्मों और इंटरनेट पर उपलब्ध पोर्न विडियो के कारण हो रहा है।
ReplyDeleteJagrukta ki kami, kharab mansikta
ReplyDeleteस्कूलों में बाल यौन शोषण किसी के भी द्वारा और किसी के भी साथ हो सकता है।यह सामान्यतया शोषण करने वाले की गंदी मानसिकता के कारण होता है।इसका बहुत बड़ा कारण परिवेशीय माहौल हो सकता है।
ReplyDeleteस्कूलों में भारत शोषण का होना किसी के भी द्वारा और किसी के भी साथ हो सकता है यह समानता शोषण करने वाले की गंदी मानसिकता के कारण होता है हमारे आधुनिक समाज टीवी में दिखाई जाने वाला सीरियल विज्ञापन के परिवेश में आधुनिकता के कारण हो सकता हैजागरूकता शक्ति को बढ़ाना और अच्छी सोच के माध्यम से उन सब बुराई से बच सकते हैं साथ में शिक्षा भी बहुत जरूरी है
ReplyDeleteइन्द्र सिंह चन्द्रा , उच्च वर्ग शिक्षक , शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला काशीगढ़ , विकास खण्ड-जैजैपुर , जिला - जांजगीर-चांपा , (छ.ग.)
ReplyDeleteस्कूल में बाल शोषण भिन्न-भिन्न प्रकार का होता है, जैसे शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक उपेक्षा , लैंगिक शोषण इत्यादि। इसके अतिरिक्त भाषायी, क्षेत्रीयता एवं जातीय और आर्थिक आधार पर बच्चे उपेक्षित होते हैं।स्कूलों में बच्चे खासकर शारीरिक और भावनात्मक शोषण के शिकार ज्यादा होते हैं जैसे मारपीट करने, एक दूसरे से गलत शब्द का प्रयोग करने जैसे बेवकूफ आदि नामों से संबोधित करना । उपेक्षा और लैंगिक शोषण आजकल स्कूलों में यदा-कदा इसके समाचार सुनने को मिलता है । मेरे ख्याल से स्कूलों में इस तरह का शोषण पर्याप्त जानकारी के अभाव, अनभिज्ञता के कारण अधिक होता है। इसके लिए समाज में अनुकूल वातावरण का निर्माण और स्वस्थ्य मानसिक परिवेश निर्मित करना आवश्यक है।
Ghtiya maansikta ke karn hota h.
ReplyDeleteGhtiya maansikta ke karn hota h.
ReplyDeleteस्कूलों मैं बाल शोषण हो सकता है आज के परिवेश में टीवी मोबाइल और सिनेमा के माध्यम से लोग अश्लील फिल्मी देखकर जिससे उनकी मानसिक स्थिति असंतुलित हो जाती है और ऐसे में किसी भी के साथ किसी के द्वारा ऐसी हरकतें किए जा सकते हैं
ReplyDeleteस्कूलों में बाल शोषण कितने प्रकार से हो सकता है शारीरिक मानसिक भावनात्मक लैंगिक इत्यादि शारीरिक और भावनात्मक शोषण की शिकार ज्यादा होते हैं जैसे मारपीट करने एक दूसरे के साथ गलत शब्दों का प्रयोग करने साथ ही साथ कुछ ऐसे निम्न मानसिकता के लोगों के द्वारा लैंगिक शोषण भी किया जा सकता है।
ReplyDeleteशालाओं में बाल शोषण होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि बच्चे की गरीबी, दिव्यांगता,पढ़ाई में कमजोरी आदि कारणों से वे अन्य बच्चों से या कुछ घटिया मानसिकता वाले शिक्षकों से शोषित हो सकते हैं |
ReplyDeleteविकृत मानसिकता सोच के कारण एवम आज कल की सोशल मीडिया या फिर tv में जो होता है एक कारण ये भी है
ReplyDeleteबाल शोषण स्कूलों में आसपास के परिवेश और कई प्रकार की गंदी मानसिकता के कारण होता है इस तरह का शोषण पर्याप्त जानकारी के अभाव अनभिज्ञता के कारण अधिक होता है इसके लिए समाज में अनुकूल वातावरण का निर्माण और स्वस्थ मानसिक परिवेश निर्मित करना आवश्यक है
ReplyDeleteस्कूलों में बाल शोषण होने का मुख्य कारण पर्याप्त जानकारी का अभाव है इसके लिए समाज में अनुकूल वातावरण का निर्माण और स्वस्थ मानसिक परिवेश निर्मित करना आवश्यक है बाल शोषण आसपास के गंदे परिवेश और गंदी मानसिकता के कारण ही होता है लोगों को इससे लिए जागरूक करना बहुत आवश्यक है
ReplyDeleteबाल शोषण पर्याप्त जानकारी के अभाव, अनभिज्ञता के कारण अधिक होता है ।बाल शोषण स्कूलों में आसपास के परिवेश और कई प्रकार की गंदी मानसिकता के कारण होता है , इसके लिए समाज में अनुकूल वातावरण का निर्माण और स्वस्थ मानसिक परिवेश निर्मित करना आवश्यक है । लोगों में जागरूकता की आवश्यकता है।
ReplyDeleteअच्छी मानसिकता वाले शिक्षकों द्वारा गंदी मानसिकता के किसी भी व्यक्ति को शिक्षित किया जाना खेलकूद कला भरपूर प्रचार एवं विद्यालय में स्वतंत्र उपयोग होना चाहिए जिससे समस्त प्रकार की गंदी मानसिकता है चाहे वह किसी के भी मन ना हो से दूर रखा जा सके एवं स्वच्छ सक्षम ले उन्नत प्रगति पूर्ण वातावरण बनाया जा सके जिससे हमारे देश की उन्नति रहे
ReplyDeleteस्कूलों में विभिन्न प्रकार के बाल-शोषण देखने को मिलता है।जैसे-थप्पड़ मारना, कान पकड़ना, उठक-बैठक कराना, उपेक्षा करना, बुरी नजर रखना, बाल पकड़ना आदि।इसके लिए छात्र,शिक्षक,समाज,सोशल मीडिया, पाश्चात्य सभ्यता आदि सम्यक रूप से जिम्मेदार हैं ।
ReplyDeleteMansik vikriti ke karan bal yaun shosan hota hai
ReplyDeleteस्कूलों में बाल शोषण कोई भी हो सकता है स्कूलों में उपस्थित कोई भी सदस्य हो सकता है, यह क्रिया उनकी गन्दी मानसिकता को दर्शाता है, वे समझते हैं कि वे बच जायेगे कोई उन्हें पकड़ नहीं पायेगा.
ReplyDeleteगंदी मानसिकता के कारण बच्चों के भोलेपन/नादानी
ReplyDeleteस्कूल में लैंगिक शोषण कोई भी प्रकार का हो सकता है, भावनात्मक शारीरिक तथा उत़क्षा और लैंगिक शोषण क्यों कि जहां पर शिक्षक जिमेंदारी से अपना कार्य एवं सोंच घटिया होता है उनकी शिक्षकीय भावना नहीं होती हैं।
ReplyDeleteBachho ko good touch and bad touch k bare me samjhana chahiye
ReplyDeleteस्कूलों में बाल शोषण उस परिवेश में उपस्थित कोई भी सदस्य शिक्षक शिक्षिका तक भी शामिल हो सकते हैं बच्चों का बाल मन सामाजिक जागरूकता का अभाव बच्चों का भय शर्मिला पन अथवा नादानी कुछ भी नाम दे सकते हैं इस में बुरे विचारों से ओतप्रोत आसपास के संस्कृति और पहनावा एवं खानपान भी काफी हद तक जिम्मेदार है
ReplyDeleteस्कूलों में बाल यौन शौषण किसी के द्वारा किसी के साथ इसलिए हो सकता है क्योंकि जो शोषण करने वाला होता है वह गंदी सोच और घटिया मानसिकता वाला होता है और जो विक्टिम होता है वह इन बातों को समझ नहीं पाता और सामने वाले के चक्रव्यूह में फंस जाता है।
ReplyDeleteबाल शोषण विकृत मानसिकता का परिणाम है।शारीरिक मानसिक लैंगिक इत्यादि शोषण एक विकृत मनोदशा का मनुष्य ही कर सकता है।
ReplyDeleteस्कूलों में बाल यौन शोषण किसी के द्वारा किसी के साथ इसलिए हो सकता है क्योंकि जो शोषण करने वाला होता है उसकी मानसिकता गलत होती है गंदी सोच के साथ अपना जीवन बिताता है और यह सोचता है कि बच्चे तो नादान है वह किसी से कहेंगे नहीं और उनका यह कृत्य छुपा रह जाएगा बच्चे किसी से बताएंगे नहीं इसकी रोकथाम के लिए समाज में अनुकूल वातावरण का निर्माण स्वस्थ मानसिक परिवेश का निर्माण करना अत्यंत आवश्यक है तथा लोगों में जागरूकता पैदा करने की भी आवश्यकता है
ReplyDeleteबच्चे को गलत तरीके से घूरना छूना गलत बातें करना मेरे ख्याल से शाला में यौन शोषण के अंतर्गत आता है।
ReplyDeleteस्कूलों में बाल शोषण स्कूलों में उपस्थित कोई भी सदस्य हो सकता है, यह क्रिया उनकी गन्दी मानसिकता को दर्शाता है, वे समझते हैं कि वे बच जायेगे कोई उन्हें पकड़ नहीं पायेगा
ReplyDeleteस्कूलों में बाल शोषण वहां उपस्थित कोई भी सदस्य हो सकता है। यह क्रिया उनकी गन्दी मानसिकता को दर्शाता है। वो समझते हैं कि, वे बच जायेंगे और कोई उन्हें पकड़ नहीं पायेगा।
ReplyDeleteस्कूलों में बाल शोषण गंदी मानसिकता के कारण होता है।
ReplyDeleteस्कूलों में बाल शोषण गंदी मानसिकता के कारण होता है।
ReplyDeleteस्कूलों में बाल शोषण गंदी मानसिकता के कारण होता है।
ReplyDeleteस्कूलों में बाल शोषण स्कूलों में उपस्थित कोई भी सदस्य हो सकता है, यह क्रिया उनकी गन्दी मानसिकता को दर्शाता है, वे समझते हैं कि वे बच जायेगे कोई उन्हें पकड़ नहीं पायेगा
ReplyDeleteबाल यौन शोषण शाला एवं समाज के गिरते हुए नैतिक मूल्यों को दर्शाता है। शोषण करने वाला शख्स हमारे बीच किसी भी रूप में हो सकता है।
ReplyDeleteस्कूल में बाल- शोषण इसलिए होता है,क्योंकि स्कूल से संबंधित सभी हितधारकों की निष्क्रियता ,बच्चों की उपेक्षा ,भावनात्मक दुर्व्यवहार और बच्चों के सुरक्षा के प्रति गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार करना आदि बाल-शोषण को बढ़ाता है।
ReplyDeleteदिलीप कुमार वर्मा
सहायक शिक्षक(L.B.)
शा.प्रा.शा.सुन्द्रावन
वि.ख.-पलारी
जिला-बलौदाबाजार(छ. ग.)
स्कूल में बाल शोषण का होना गंदी मानसिकता और सोच को दर्शाता है । नैतिक शिक्षा का अभाव भी इसका कारण है।
ReplyDeleteस्कूल में बाल शोषण का सबसे प्रमुख कारण है विकृत मानसिकता।साथ ही बाल मनोविज्ञान की समझ न रखने वाले शिक्षक भी चाहे अनचाहे कई बार बाल मन को भावनात्मक ठेस पहुंचा देता है।इस विषय पर पर्याप्त ध्यान न देना और लापरवाही बरतना भी एक कारण है।
ReplyDeleteस्कूलों में बाल शोषण स्कूलों में उपस्थित कोई भी सदस्य हो सकता है, यह क्रिया उनकी गन्दी मानसिकता को दर्शाता है, वे समझते हैं कि वे बच जायेगे कोई उन्हें पकड़ नहीं पायेगा.स्कूल में बाल- शोषण इसलिए होता है,क्योंकि स्कूल से संबंधित सभी हितधारकों की निष्क्रियता ,बच्चों की उपेक्षा ,भावनात्मक दुर्व्यवहार और बच्चों के सुरक्षा के प्रति गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार करना आदि बाल-शोषण को बढ़ाता है।
ReplyDeleteस्कूलों में सीधे सरल स्वभाव के बच्चे एकत्रित होते हैं जोकि गलत मानसिकता वाले लोगों के लिए सरल शिकार होते हैं इसीलिए स्कूलों में बाल शोषण अधिक होता है
ReplyDeleteबाल शोषण कई तरह के होते हैं। विद्यालय में कई कर्मचारी कार्यरत होते हैं।सबकी सोच, मानसिकता अलग होती है।आज सोशल मीडिया पर, टीवी पर अश्लील सामग्री परोसी जा रही है। झगड़े, चिड़चिड़ापन, अधीरता बढ़ती जा रही है।यही सब कारण है जो स्कूल में बाल उत्पीड़न को बढ़ावा देने का काम करता है।
ReplyDeleteस्कूलों में बाल शोषण किसी भी समय , किसी भी के साथ, व किसी भी के द्वारा हो सकता है।आज कल के बदलते माहौल, पहनावा, बदलते परिवेश, टीवी,फिल्म, लोगों की गंदी सोच,गंदी मानसिकता, गंदी नियत आदि बाल शोषण के कारण हो सकते है।
ReplyDeleteस्कूलों में बाल शोषण का कारण है जागरूकता की कमी चाहे वह पालकों की हो या बालको या शिक्षकों की यदि इन्हें मानसिक रूप से जागरूक किया जाये तो इसे रोका जा सकता है l स्कूल में बाल शोषण का होना गंदी मानसिकता और सोच को दर्शाता है । नैतिक शिक्षा का अभाव भी इसका कारण है।
ReplyDeleteस्कूलों में बाल शोषण किसी के भी द्वारा और किसी के भी साथ हो सकता है।यह सामान्यतया शोषण करने वाले की गंदी मानसिकता के कारण होता है।इसका बहुत बड़ा कारण परिवेशीय माहौल हो सकता है।आज कल के बदलते माहौल, पहनावा, बदलते परिवेश, टीवी,फिल्म, लोगों की गंदी सोच,गंदी मानसिकता, गंदी नियत आदि बाल शोषण के कारण हो सकते है।
ReplyDeleteशाला में बाल शोषण किसी के द्वारा एवं किसी के साथ भी हो सकता है।यह सामान्यतया शोषण करने वाले की गंदी मानसिकता के कारण होता है।आज कल के बदलते माहौल पहनावे, बदलते परिवेश, टीवी चैनल, फिल्में, लोगों की गंदी सोच, मानसिकता, नियत आदि बाल शोषण के कारण हो सकता है।
ReplyDeleteGandi mansikata avm baccho ki nadani ke kaaran ho sakata hai badalte social dushit environment aajkal ki movie pannala dress aadi
ReplyDeleteस्कूल स्तर पर विद्यार्थी के लिए इस के विरुद्ध एक शिक्षण गतिविधि होनी चाहिए। जिससे बच्चों में हो रही इस शोसन को रोका जा सके। और सामाजिक स्तर पर भी एक पहल होनी चाहिए। अज्ञानता वस ही ये दुराचार प्रवर्ति हो रही है। जानकारी ही इसका बचाव है।
ReplyDeleteYon shoshan school mein kisi ke bhi dwara Aur Kisi Ke Bhi Saath Ho Sakta Hai yah use vyakti ki gandi Soch ki vajah se hota hai yah adhikansh evam bacchon ke sath ho sakta hai.
ReplyDeleteस्कूलों में बाल शोषण का कारण है जागरूकता की कमी चाहे वह पालकों की हो या बालको या शिक्षकों की यदि इन्हें मानसिक रूप से जागरूक किया जाये तो इसे रोका जा सकता है l स्कूल में बाल शोषण का होना गंदी मानसिकता और सोच को दर्शाता है । नैतिक शिक्षा का अभाव भी इसका कारण है।
ReplyDeleteस्कूलों में बाल यौन शोषण किसी के भी द्वारा और किसी के भी साथ हो सकता है।यह सामान्यतया शोषण करने वाले की गंदी मानसिकता के कारण होता है।इसका बहुत बड़ा कारण परिवेशीय माहौल हो सकता है।
ReplyDeleteसामान्यतः बाल यौन अपराध कहीं -कहीं होता है। यह कुत्सित मानसिकता वाले कुछ लोगों के द्वारा किये जाने वाला एक विभत्स कुकृत्य है।
ReplyDeleteयह एक मानसिक रोग का दुष्परिणाम है। ऐसे व्यक्ति विक्षिप्त और मनोविकार से ग्रस्त होते हैं।
यह शोषण करने वाले की गंदी मानसिकता के कारण हो सकता है। अनभिज्ञता व अज्ञानता भी इसका एक कारण है। सामाजिक परिवेश, टीवी, फिल्म, इंटरनेट, आदि इसके कारण है। नैतिक शिक्षा का अभाव, जागरूकता की कमी। बच्चे नासमझ , अनजान होते हैं। अज्ञानतावश वे किसी के भी बहकावे में आ जाते हैं। बड़ों से भय भी इसका प्रमुख कारण है। डर व दबाव वश वे कुछ जानकारी नहीं दे पाते है।
ReplyDeleteस्कूलों में बाल यौन शोषण किसी के भी द्वारा और किसी के भी साथ हो सकता है।यह सामान्यतया शोषण करने वाले की गंदी मानसिकता के कारण होता है।इसका बहुत बड़ा कारण परिवेशीय माहौल हो सकता है।
ReplyDeleteस्कूल में बाल शोषण प्रायः उचित प्रशिक्षण के अभाव में या आधुनिक जीवन शैली व मीडिया जगत की अश्लील दृश्य के कारण होता है इससे बचने के लिए विद्यालय का वातावरण संस्कार मय होना चाहिए।
ReplyDeleteThere may be different reason for each incident, school is also part of society, lot of activities happening in the society and its direct and indirect affects in life. By all this activities a mental thought become, that can be called psychological mental thought. There are different type of personalities together in a place ( may be school also). Its very difficult to know that what is going on someone's mind. anyone may be victim for that type of situation. In presently day use of Internet and technology increased too much and lot of vulgar content easily available on net, this disturb lot and changing psychology of society ( people).
ReplyDeleteH L kurre , Asst. Teacher
Govt. Primary school Bhaklapara
Block- Chhura ( Gariaband) CG
बाल शोषण कई प्रकार का होता है जैसे शारीरिक भावनात्मक उपेक्षा और लैंगिक शोषण।स्कूलों में बच्चे शारीरिक और भावनात्मक शोषण के शिकार ज्यादा होते हैं जैसे मारपीट करने तथा बेवकूफ आदि नामों से संबोधित करना।उपेक्षा और लैंगिक शोषण भी आजकल स्कूलों में यदा-कदा इसके समाचार सुनने को मिलता है। मेरे ख्याल से स्कूलों में इस तरह का शोषण पर्याप्त जानकारी के अभाव अनभिज्ञता के कारण अधिक होता है। इसके लिए समाज में अनुकूल वातावरण का निर्माण और स्वस्थ्य मानसिक परिवेश निर्मित करना आवश्यक है।
ReplyDeleteयदि स्कूलों में बाल शोषण होता है तो इसके पीछे विद्यालय प्रबंधन दोषी है।विद्यालय में स्वच्छ एवम् सुरक्षित वातावरण बनाने की जिम्मेदारी सबकी होती है।इस प्रकार का कृत्य घृणित मानसिकता वाले लोगोँ द्वारा होता है।
ReplyDeleteस्कूल में बाल शोषण भिन्न-भिन्न प्रकार का होता है, जैसे शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक उपेक्षा , लैंगिक शोषण इत्यादि। इसके अतिरिक्त भाषायी, क्षेत्रीयता एवं जातीय और आर्थिक आधार पर बच्चे उपेक्षित होते हैं।स्कूलों में बच्चे खासकर शारीरिक और भावनात्मक शोषण के शिकार ज्यादा होते हैं जैसे मारपीट करने, एक दूसरे से गलत शब्द का प्रयोग करने जैसे बेवकूफ आदि नामों से संबोधित करना । उपेक्षा और लैंगिक शोषण आजकल स्कूलों में यदा-कदा इसके समाचार सुनने को मिलता है । मेरे ख्याल से स्कूलों में इस तरह का शोषण पर्याप्त जानकारी के अभाव, अनभिज्ञता के कारण अधिक होता है। इसके लिए समाज में अनुकूल वातावरण का निर्माण और स्वस्थ्य मानसिक परिवेश निर्मित करना आवश्यक है।m
ReplyDeleteस्कूल में बाल शोषण भिन्न-भिन्न प्रकार का होता है, जैसे शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक उपेक्षा , लैंगिक शोषण इत्यादि। इसके अतिरिक्त भाषायी, क्षेत्रीयता एवं जातीय और आर्थिक आधार पर बच्चे उपेक्षित होते हैं।स्कूलों में बच्चे खासकर शारीरिक और भावनात्मक शोषण के शिकार ज्यादा होते हैं जैसे मारपीट करने, एक दूसरे से गलत शब्द का प्रयोग करने जैसे बेवकूफ आदि नामों से संबोधित करना । उपेक्षा और लैंगिक शोषण आजकल स्कूलों में यदा-कदा इसके समाचार सुनने को मिलता है । मेरे ख्याल से स्कूलों में इस तरह का शोषण पर्याप्त जानकारी के अभाव, अनभिज्ञता के कारण अधिक होता है। इसके लिए समाज में अनुकूल वातावरण का निर्माण और स्वस्थ्य मानसिक परिवेश निर्मित करना आवश्यक है
ReplyDeleteस्कूलों में बाल शोषण गंदी मानसिकता के कारण होता है इसका बहुत बड़ा कारण परिवेशीय माहौल हो सकता है
ReplyDeleteस्कूलों में बाल शोषणका कारण बच्चों में जगरुक्तकी कमी पलको का बच्चो को सही सही जानकारी नही देना।स्कुलो में महिला शिक्षको का न होना। शिक्षको की विकृत मानसिक सोच के वच्चो के प्रति सवेदनशील न होना उत्तरदायित्व का अभाव होना।
ReplyDeleteस्कुलो में बाल शोषण के अनेको कारण है स्कुलो में महिला शिक्षकों कि कमी सिनेमा टी वी का माहौल शिक्षकों का गैर जिम्मेदार रवैया ।
ReplyDeleteस्कूल में बाल शोषण होने का कारण शिक्षकों का गैर जिम्मेदार होना हो सकता है।
ReplyDeleteगंदी आदतें, शराब का सेवन करना आदि।
ReplyDeleteSchool me baal soshan kisi ke dwara(mahila ya purush) bi ho sakta hai. Iska mukhya karan paschatya sanskriti ka hamare samaj me havi hona hai. Is sonch ne baccho ke prati sikshako ke naitik kartavya ko puri tarah se khtam kar diya hai. Vartman film, sangeet aadi bi iske pramukh karan hai.
ReplyDeleteस्कूलों में बाल शोषण होने का मुख्य कारण गंदी मानसिकता एवं अनभिज्ञता है,जिसका लाभ अपराधी मानसिकता प्रवृत्ति वाले उठाते हैं ।बच्चे टीवी, इन्टरनेट, फिल्म, पाश्चात्य सभ्यता, फैशन, सीरियल, विज्ञापन, माहौल, आदि से भी प्रभावित होते हैं । इसके अतिरिक्त भी शारीरिक, मानसिक, भाषाई, क्षेत्रियता,जातिय,और आर्थिक आधार पर भी बाल शोषण होता है ।
ReplyDeleteस्कूलों में बाल शोषण अपने आसपास के परिवेश, आधुनिक जीवनशैली, अश्लील तस्वीरें, सामाजिक वातावरण, मोबाइल, इंटरनेट की सुविधा, के कारणों से भी हो सकते हैं। हितधारकों को यह ध्यान रखना चाहिए कि अपने बच्चों पर आए बदलाव को अनदेखा ना करें। इसके लिए समाज में अनुकूल वातावरण का निर्माण एवं स्वस्थ मानसिक परिवेश निर्मित करना चाहिए। जिससे स्कूलों में बच्चों को एक अच्छा शिक्षण परिवेश मिल सकें।
ReplyDeleteस्वास्थ्य मानसिकता की कमी आधुनिक
ReplyDeleteपरिवेश सोशल मीडिया इसके लिए जिम्मेदार है
Prakah das lahare, मा. शा. नेतामटोला संकुल -अरज कुण्ड । स्कूलों में बाल शोषण, स्कूल में उपस्थित व्यक्तियों के विकृत मानसिकता रखने वालों के द्वारा होता है । बाल शोषण को रोकने के लिए बच्चों के सभी हित धारकों को सजक होने की आवश्यकता है ।
ReplyDeleteस्कूलों में बाल शोषण होने का मुख्य कारण मेरे अनुसार शिक्षकों की गंदी सोच, पागलपन, मानसिक बीमारी ,गंदे विचार,गंदी नियत, जागरूकता की कमी , फिल्म,सीरियल , समाचार, पत्र-पत्रिका में अश्लीलता का प्रदर्शन मुख्य कारण हो सकते हैं।
ReplyDeleteस्कूल में यदि शिक्षक या शिक्षिका के द्वारा बाल शोषण होता है तो यह शिक्षा जगत के लिए बहुत दुर्भाग्यजनक बात है।बालशोषण करने वाला ओछी और गंदी मानसिकता वाला है।उसे नोकरी से वंचित कर दिया जाना चाहिए।यह बच्चों के अनभिज्ञता का भी एक कारण हो सकता है इसके लिए छात्र, शिक्षक समाज, पाश्चात्य सभ्यता आदि सम्यक रूप से जिम्मेदार है।
ReplyDeleteस्कूल हमारे समाज का एक महत्त्वपूर्ण दर्पण है जो समाज की भागीदारी व उसकी दशा को इंगित करती है।स्कूल में बाल शोषण के कई कारण हैं ,
ReplyDelete1.अयोग्य शिक्षकों की नयुक्तियां
2.शिक्षकों की नियुक्तियों में धांधली व भ्रष्टाचार
3शिक्षकों के प्रशिक्षण में इन मुद्दों का शामिल ना होना या उनमें जागरूकता की कमी होने या गैर जिम्मदाराना व्यवहार
4शैक्षणिक तंत्र में उचित प्रबंध,कार्यान्वयन व निगरानी का अभाव
विशेषकर स्कूलों में
5सामज ,समुदाय ,माता पिता,अभिभावक व संबंधित हितधारकों का इस मामले में अनभिज्ञ होना
6रूढ़िवादी व गलत सोच,कार्य,व्यवहार
बाल शोषण कई प्रकार का होता है जैसे शारीरिक भावनात्मक उपेक्षा और लैंगिक शोषण।स्कूलों में बच्चे शारीरिक और भावनात्मक शोषण के शिकार ज्यादा होते हैं जैसे मारपीट करने तथा बेवकूफ आदि नामों से संबोधित करना।उपेक्षा और लैंगिक शोषण भी आजकल स्कूलों में यदा-कदा इसके समाचार सुनने को मिलता है। मेरे ख्याल से स्कूलों में इस तरह का शोषण पर्याप्त जानकारी के अभाव अनभिज्ञता के कारण अधिक होता है। इसके लिए समाज में अनुकूल वातावरण का निर्माण और स्वस्थ्य मानसिक परिवेश निर्मित करना आवश्यक है।
ReplyDeleteस्कूलों में बाल शोषण स्कूलों में उपस्थित कोई भी सदस्य हो सकता है यह क्रिया उनकी गंदी मानसिकता को दर्शाता है इसका बहुत बड़ा कारण परिवेश में माहौल भी हो सकता है
ReplyDeleteअज्ञानता, गंदी मानसिकता, सोशल मीडिया, बच्चों में जागरूकता की कमी आदि कई कारण हो सकते हैं।
ReplyDeleteनकारत्मक सोच व विकृत मानसिकता के कारण।
ReplyDeleteschoolon Mein yon shoshan sirf vahi log karte hain jinki mansikta jinka najriya bahut hi ashlil aur kharab hota hai Varna ek shikshit vyakti kabhi Aisa galat Kam nahin kar sakta hai kyunki chhote bacchon ko to kisi ko bhi dekh kar pyare jata hai jo Aisa Karta hai meri najar Mein sabse bada apradhi hai aur dusri baat Jo bacche chote gaon se aate Hain unke Mata pita bhi utani jagruk nahin hote aur vah bacche bhi vichar bahut jaldi hi dar jaate Hain isliye is apradh ko bahut hi aasani se koi bhi anjam de deta hai
ReplyDeleteस्कूलों में बाल शोषण स्कूलों में उपस्थित कोई भी सदस्य हो सकता है, यह क्रिया उनकी गन्दी मानसिकता को दर्शाता है, वे समझते हैं कि वे बच जायेगे कोई उन्हें पकड़ नहीं पायेगा.
ReplyDeleteबाल शोषण कई प्रकार का होता है जैसे शारीरिक भावनात्मक उपेक्षा और लैंगिक शोषण।स्कूलों में बच्चे शारीरिक और भावनात्मक शोषण के शिकार ज्यादा होते हैं जैसे मारपीट करने तथा बेवकूफ आदि नामों से संबोधित करना।उपेक्षा और लैंगिक शोषण भी आजकल स्कूलों में यदा-कदा इसके समाचार सुनने को मिलता है। मेरे ख्याल से स्कूलों में इस तरह का शोषण पर्याप्त जानकारी के अभाव अनभिज्ञता के कारण अधिक होता है। इसके लिए समाज में अनुकूल वातावरण का निर्माण और स्वस्थ्य मानसिक परिवेश निर्मित करना आवश्यक है।
ReplyDeleteस्कूलों में बाल शोषण शिक्षको,सहपाठियों एवं अन्य हितचिंतकों द्वारा जाने अनजाने होते रहता है इस पर गौर करना चाहिए। जैसे- डाटना, तंज कसना, व्यंग्य करना,सजा देना ,नीचा दिखाना, दूसरे बच्चो से तुलना करना, मजाक उड़ाना, टिप्पणी करना, गाली देना इत्यादि।
ReplyDeleteस्कूलों में बाल शोषण का कारण है जागरूकता की कमी चाहे वह पालकों की हो या बालको या शिक्षकों की यदि इन्हें मानसिक रूप से जागरूक किया जाये तो इसे रोका जा सकता है
ReplyDeleteस्कूल मे यौन शोषण का कारण शोषणकर्ता की विकृत मानसिकता है और वहाँ का परिवेश, टी.वी मोबाइल मे प्रसारित असभ्य विज्ञापन या चलचित्र,पाश्चात्य सभ्यता उसका पोषक है।
ReplyDeleteलक्ष्मीन चन्द्रा ,शा.प्रा.शा.आमापाली जैजैपुर , विकास खण्ड-जैजैपुर , जिला - जांजगीर-चांपा , (छ.ग.)
ReplyDeleteस्कूल में बाल शोषण भिन्न-भिन्न प्रकार का होता है, जैसे शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक उपेक्षा , लैंगिक शोषण इत्यादि। इसके अतिरिक्त भाषायी, क्षेत्रीयता एवं जातीय और आर्थिक आधार पर बच्चे उपेक्षित होते हैं।स्कूलों में बच्चे खासकर शारीरिक और भावनात्मक शोषण के शिकार ज्यादा होते हैं जैसे मारपीट करने, एक दूसरे से गलत शब्द का प्रयोग करने जैसे बेवकूफ आदि नामों से संबोधित करना । उपेक्षा और लैंगिक शोषण आजकल स्कूलों में यदा-कदा इसके समाचार सुनने को मिलता है । मेरे ख्याल से स्कूलों में इस तरह का शोषण पर्याप्त जानकारी के अभाव, अनभिज्ञता के कारण अधिक होता है। इसके लिए समाज में अनुकूल वातावरण का निर्माण और स्वस्थ्य मानसिक परिवेश निर्मित करना आवश्यक है।
स्कूलों में कई प्रकार के बाल शोषण होते हैं। समाज व सिस्टम की विकृतमानसिकता इसका कारण है। स्कूलों में सत्ता से जुड़े जन बच्चों को असहाय महसूसकर शोषण करतेहैं।साथ ही शालेय परिवेश में समुचित जागरूकता व व्यवस्था का अभाव होताहै।
ReplyDeleteBal shoshana ka mukhya karan vikshipt mansikta .Badlte parivesh me rahan sahan ,pahanava evm blue films hain jinke karan .Admi vikshipt ho jata hai aur vah apradh karta hai .Atah School me swasth mansik parivesh ka nirman hona bahut hi avashyak hai . Bal shoshana karne vale ko sakht saja milni chahiye.
ReplyDeleteविकृत मानसिकता और गंदी सोच के कारण ऐसी घटनाएं होती हैं। और आजकल मोबाइल फोन, टेलीविजन, ऐसी घटनाओं को बढावा देते हैं। जो कि बहुत ही गलत है।
ReplyDeleteस्कूल में बाल शोषण नही होता, ये विचार ही गलत है । एक शिक्षक के लिए सभी विद्यार्थी अपने बच्चे अपने बेटे बेटी के समान होते है ।
ReplyDelete"बाल देवो भव "
विद्यालय में शिक्षक एवं विद्यार्थी भिन्न- भिन्न परिवेश से आते हैं| कुछ बच्चों अथवा शिक्षकों की हीन मानसिकता के कारण बाल शोषण होता है|आज का अधिक भौतिकवादी होना भी इसका एक अहम कारक है| मोबाइल, दूरदर्शन में जो अश्लील सामग्री परोसी जा रही है इसका दुष्प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है|
ReplyDeleteस्कूल में बाल शोषण वहाँ उपस्थित कोई भी सदस्य हो सकता है ।यह क्रिया उनकी गंदी मानसिकता को दर्शाता है। इसका बहुत बड़ा कारण परिवेशीय माहौल हो सकता है।
ReplyDeleteस्कूलों मे भी बाल शोषण कई प्रकार से हो सकता है जैसे शारीरिक,मानसिक, लेैंगिक शोषण और इसके अतिरिक्त भाषाई, क्षेेेेेेेत्रीयता एवं जातीय और आर्थिक आधार पर बच्चे उपेक्षित होते हैं। स्कूलों में इस प्रकार के शोषण, जानकारी के अभाव और अनभिज्ञता के कारण ज्यादा होतेे है। इससे उभरने के लिये समाज मे अनुकूल वातावरण का निर्माण और स्वस्थ मानसिक परिवेश निर्मित करना आवश्यक है जिससे स्कूल में बच्चोंं को एक अच्छा शिक्षण परिवेश मिल सके।
ReplyDeleteस्कूलों मे भी बाल शोषण कई प्रकार से हो सकता है जैसे शारीरिक,मानसिक, लेैंगिक शोषण और इसके अतिरिक्त भाषाई, क्षेेेेेेेत्रीयता एवं जातीय और आर्थिक आधार पर बच्चे उपेक्षित होते हैं। स्कूलों में इस प्रकार के शोषण, जानकारी के अभाव और अनभिज्ञता के कारण ज्यादा होतेे है। इससे उभरने के लिये समाज मे अनुकूल वातावरण का निर्माण और स्वस्थ मानसिक परिवेश निर्मित करना आवश्यक है जिससे स्कूल में बच्चोंं को एक अच्छा शिक्षण परिवेश मिल सके।
ReplyDeleteस्कूल में बाल शोषण का कारण विकृत मानसिकता है इसके लिए केवल अपराधी ही जिम्मेदार नहीं है बल्कि पूरा समाज भी कही न कही जिम्मेदार है हमारे परिवार या समाज में इन मुद्दों पर कभी खुलकर बात नहीं की जाती है और यदि कोई बात करता है तो उसे ही चुप करा दिया जाता है आज शिक्षा के साथ संस्कार को भी महत्व देने की अधिक आवश्यकता है साथ ही बच्चों को भी जागरूक करने की आवशयकता है जैसे पास्को एक्ट, चाइल्ड हेल्पलाइन के बारे में जानकारी.
ReplyDeleteविद्यालय में बाल शोषण का कारण विकृत मानसिकता एवं व्यक्ति की सामाजिकता हो सकता है। ऐसा क्यों है? मेरे विचार से इस अपराध को दूर करने हेतु पूरे समाज में नैतिक शिक्षा विषय का पाठ्यक्रम मैं शामिल होना चाहिए। अभिभावकों एवं शिक्षको को इस विषय पर बच्चों को जागरूक करना होगा शासन को भी जागरूकता हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करना चाहिए ।इस अपराध हेतु बनाए गए कानून की शिक्षा सभी को होनी चाहिए ।
ReplyDeleteबाल यौन शोषण शारिरिक व भावनात्मक भी होता है । जैसे बच्चों का उपेक्षा करना, अभद्र टिप्पणी करना, नीचा दिखाना, चोट पहुंचाना, मारना आदि ये सब स्कूलों में नहीं होना चाहिए । स्कूल के प्रधान सहित सभी शिक्षकों की जिम्मेदारी है ।
Deleteस्कूलों में यौन शोषण का कारण है जागरूक ता की कमी पहनावा,गंदी सोच, नीचा दिखाना, गाली देना, मरना, अभर्द्र टिप्पणी, सोशलमीडिया, मोबाइल, टेलीविजनआदि को बढ़ावा देना इससे बचने के लिए स्कूल का वातावरण अच्छा होना चाहिए
ReplyDeleteस्कूल में बाल शोषण के कई कारण हो सकते हैं, जैसे बच्चों पर गंदी नजर, गन्दे विचार , अश्लील विडियो दिखाना , इत्यादि
ReplyDeleteस्कूलों में बाल शोषण गंदी मानसिकता के कारण होता है।
ReplyDeletegeeta sahu - स्कूलों में बाल शोषण स्कूलों में उपस्थित कोई भी सदस्य हो सकता है, यह क्रिया उनकी गन्दी मानसिकता को दर्शाता है, वे समझते हैं कि वे बच जायेगे कोई उन्हें पकड़ नहीं पायेगा.
ReplyDeleteबाल शोषण गन्दी मानसिकता के कारण होता है ।अच्छी सोच का विकास करना सभी की जिम्मेदारी होती है ।जैसे ,शिक्षक, अभिभावक और समाज की ।
ReplyDeleteस्कूलों में बाल यौन शोषण किसी के भी द्वारा और किसी के साथ भी हो सकता है। यह सामान्यता शोषण करने वाले की गंदी मानसिकता के कारण होता है। बाल यौन शारीरिक वह भावनात्मक भी होता है, जैसे - बच्चों का उपेक्षा करना, अभद्र टिप्पणी करना, नीचा दिखाना, चोट पहुंचाना, मारना आदि यह स्कूलों में नहीं होना चाहिए स्कूल के प्रधान सहित सभी शिक्षकों की जिम्मेदारी है। की इसे बचने के लिए स्कूल का वातावरण अच्छा होना चाहिए।
ReplyDeleteबाल शोषण साला में गंदी मानसिकता के कारण होता है जागरूकता की कमी, खुले आम अश्लील फिल्म फोटो देखने, आदि के कारण मन विचलि त होना बुरी संगत का असर हो सकता है
ReplyDeleteविकृत मानसिकता के कारण बाल शोषण होता है।
ReplyDeleteKhrab mansikta , accha mahaul na hona aur jagrukta ki kami hona..
ReplyDeleteविद्यालय में गंदी मानसिकता एवम गलत विचारों से बाल शोषण होता है। जो बहुत ही गलत है। और ऐसी घटनाएं बहुत ही नगण्य है।
ReplyDeleteस्कूल मे बालशोषण होना शिक्षक और स्कूल के कर्मचारियों की विकृत मानसिकता को प्रदर्शित करता है विकृत सोच वाले व्यक्ति को लगता है क्योंकि बच्चे छोटे और आसानी से दुसरो के बात मान लेते है इसलिए उनको आसानी से शिकार बनाया जा सकता है और शायद और लोगो को इसकी जानकारी नही हो सकती क्योंकि ऐसी घटनाओ के बाद बच्चे एकदम डर जाते है
ReplyDeleteकोर्स का अध्ययन करने के पश्चात हमें यह तो पता ही है कि भावनात्मक उपेक्षा और लैंगिक शोषण। यह सारे बाल शोषण के प्रकार हैं। कई बार यह देखा गया है कि शिक्षक के द्वारा कक्षा में बच्चे को शिक्षण कार्य के दौरान कुछ ऐसे शब्दों का संबोधन कर देते हैं जिससे बच्चों को मानसिक रूप से ठेस लगती । और बच्चा पूरे क्लास के बीच अपनी बेइज्जती महसूस करता है। इस तक इस तरह से बच्चे मैं आत्मग्लानि पैदा होती है। कक्षा में वे अपना मन नहीं लगा पाते। इसका प्रभाव । आत्मविश्वास की कमी होने के कारण । उसका प्रभाव उसकी अधिगम पर पड़ता है। शिक्षकों को चाहिए कि वे बच्चों को कुछ रचनात्मक ढंग से प्रेरित करें। इसके अलावा बाल शोषण कक्षा हाई स्कूल की कोई बच्चे के द्वारा भी हो सकता है। जिसे साथ ही आशा पार्टियों या अपने से बड़ों बड़े बच्चों के द्वारा किसी बच्चे को परेशान करना उन्हें चिढ़ाना इत्यादि।
ReplyDeleteस्कूलों मे भी बाल शोषण कई प्रकार से हो सकता है जैसे शारीरिक,मानसिक, लेैंगिक शोषण और इसके अतिरिक्त भाषाई, क्षेेेेेेेत्रीयता एवं जातीय और आर्थिक आधार पर बच्चे उपेक्षित होते हैं। स्कूलों में इस प्रकार के शोषण, जानकारी के अभाव और अनभिज्ञता के कारण ज्यादा होतेे है। इससे उभरने के लिये समाज मे अनुकूल वातावरण का निर्माण और स्वस्थ मानसिक परिवेश निर्मित करना आवश्यक है जिससे स्कूल में बच्चोंं को एक अच्छा शिक्षण परिवेश मिल सके।
ReplyDeleteगंदी सोच।
ReplyDeleteस्कूलों मे भी बाल शोषण कई प्रकार से हो सकता है जैसे शारीरिक,मानसिक, लेैंगिक शोषण और इसके अतिरिक्त भाषाई, क्षेेेेेेेत्रीयता एवं जातीय और आर्थिक आधार पर बच्चे उपेक्षित होते हैं।इसका बहुत बड़ा कारण परिवेशीय माहौल हो सकता है।
ReplyDeleteस्कूलों में बाल शोषण का कारण संस्कारों , अच्छी शिक्षा की कमी के कारण होता है| अपराधियों को तत्काल व कठोर सजा नहीं मिलना भी कारण हो सकता है|
ReplyDeleteगंदी मानसिकता, कुसंग व सही दिशा निर्देश के अभाव के कारण।
ReplyDeleteबाल शोषण का आशय यौन से ही नही है बल्कि बच्चों के अधिकार से लेकर हम किसी भी प्रकार से बच्चे को क्षति या चोट पहुंचाते हैं चाहे भावनात्मक हो शारीरिक,मानसिक, उपेक्षात्मक,लैंगिक, उनके अधिकार को छिनना इत्यादि सभी बाल शोषण के अंतर्गत आते है जो शिक्षकों की मानसिकता और उनसे होने वाले दुष्परिणाम के बारे में जानकारी न होने के कारण इस प्रकार बच्चे बाल शोषण के शिकार होते है।...Darro
ReplyDeleteबाल शोषण के अनेक रूप हैं। यह स्कूलों में किसी के भी द्वारा और किसी के भी साथ हो सकता है। ऐसा करने वाले की गंदी सोच एवं गंदी मानसिकता जिम्मेदार है।इसे रोकने के लिए बच्चों को जागरूक करना एवं संरक्षण प्रदान करना अति आवश्यक है।
ReplyDeleteस्कूल में बाल शोषण होने का प्रमुख कारण बच्चों के लिए एक स्वच्छ, सुरक्षित वातावरण निर्मित करने में कमी है। बच्चों का ज्यादा समय स्कूल में बीतता है। बच्चों के साथ वहां शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, उपेक्षा, लैंगिक कई तरह के शोषण होते हैं अतः स्कूल प्रबंधन समिति को चाहिए कि वे बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण निर्मित करें। 🏫 के सभी कर्मचारियों,बच्चों के लिए बच्चों के अधिकारों से संबंधित जानकारी,बाल शोषण के कारणों का पता लगाया जाना चाहिए ,बाल शोषण रोकने संबंधित प्रशिक्षणों का आयोजन किया जाना चाहिए।
ReplyDeleteस्कूलों मे भी बाल शोषण कई प्रकार से हो सकता है जैसे शारीरिक,मानसिक, लेैंगिक शोषण और इसके अतिरिक्त भाषाई, क्षेेेेेेेत्रीयता एवं जातीय और आर्थिक आधार पर बच्चे उपेक्षित होते हैं। स्कूलों में इस प्रकार के शोषण, जानकारी के अभाव और अनभिज्ञता के कारण ज्यादा होतेे है। इससे उभरने के लिये समाज मे अनुकूल वातावरण का निर्माण और स्वस्थ मानसिक परिवेश निर्मित करना आवश्यक है
ReplyDeleteस्कूल मे बाल शोषण भिन्न-भिन्न प्रकार का होता है जैसे - शारिरिक, मानसिक, भावनात्मक, लैंगिक शोषण इत्यादि। इसके अलावा भाषायी ,जातीय, आर्थिक आधार पर भी बच्चे उपेक्षित होते है।बाल शोषण का आशय केवल यौन से ही नहीं बल्कि बच्चो के अधिकार से लेकर किसी भी प्रकार का क्षति या चोट पहुंचाने से है।स्कूल मे बच्चे मारपीट से,अपशब्द का प्रयोग करने से,और किसी विशेष प्रकार का संबोधन करने से भी उपेक्षा का शिकार होते है।
ReplyDeleteमेरे विचार से स्कूल मे बाल शोषण का मुख्य कारण पर्याप्त जानकारी का अभाव, मानसिक विकृति,गंदी सोच, अपराधिक प्रवृति और,सजा का भय नही आदि।
इससे उभरने के लिए समाज मे अनुकूल वातावरण का निर्माण ,सामाजिक सोच मे बदलाव
स्वस्थ मानसिक परिवेश, अधिनियम का कढाई से पालन करने की अतिआवश्यक है जिससे स्कूल मे बच्चो को अपने घर जैसा माहौल मिल सके और बिना किसी भय से शिक्षा ग्रहण कर सके।
नकारात्मक सोच ही गंदगी मानसिकता को जन्म देता है यही कहीं न कहीं बाल शोषण का एक कारण होता है
ReplyDeleteस्कूल मे बाल शोषण भिन्न-भिन्न प्रकार का होता है जैसे - शारिरिक, मानसिक, भावनात्मक, लैंगिक शोषण इत्यादि। इसके अलावा भाषायी ,जातीय, आर्थिक आधार पर भी बच्चे उपेक्षित होते है।बाल शोषण का आशय केवल यौन से ही नहीं बल्कि बच्चो के अधिकार से लेकर किसी भी प्रकार का क्षति या चोट पहुंचाने से है।स्कूल मे बच्चे मारपीट से,अपशब्द का प्रयोग करने से,और किसी विशेष प्रकार का संबोधन करने से भी उपेक्षा का शिकार होते है।
ReplyDeleteमेरे विचार से स्कूल मे बाल शोषण का मुख्य कारण पर्याप्त जानकारी का अभाव, मानसिक विकृति,गंदी सोच, अपराधिक प्रवृति और,सजा का भय नही आदि।
इससे उभरने के लिए समाज मे अनुकूल वातावरण का निर्माण ,सामाजिक सोच मे बदलाव
स्वस्थ मानसिक परिवेश, अधिनियम का कढाई से पालन करने की अतिआवश्यक है जिससे स्कूल मे बच्चो को अपने घर जैसा माहौल मिल सके और बिना किसी भय से शिक्षा ग्रहण कर सके।
शाला में नैतिक शिक्षा की कमी के कारण बच्चों और शिक्षक के विचार नहीं मिल पा रहे है। कई शिक्षक मानसिक विकृत होते है जो
ReplyDeleteविभिन्न तरीकों से बच्चो का शोषण करते है।
गन्दी मानसिकता, कुसंग व सही दिशा निर्देश के अभाव के कारण
ReplyDeleteस्कूलों में बाल यौन शोषण किसी के भी द्वारा और किसी के साथ हो सकता हैं।यह उस व्यक्ति के गंदी सोच कि वजह से बाल यौन शोषण होता है।इसका नेगेटिव सोच की वजह और गंदा माहौल की वजह से होता है। इस प्रकार से कहीं घटना होता है उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
ReplyDeleteGalat mansikta,mobile,electronic media.
ReplyDeleteGandi mansikta ke karan Sheehan hota hai.
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