अव लोकन की क्रिया बच्चों को प्रति दिन .प्रति पल घटने वाली घटनाओं को क्रमबद्ध रूप सेअर्थ ग्रहण करने में मदद करती है वह जीवन का मजा दिलाने वाली ऐसी बात जिसका वह दर्शन बार.बार करता है उसी में जब तल्लीन हो जाता है तो नया आविष्कार करने में सफल हो जाता हा
अवलोकन के माध्यम से विद्यार्थी आसपास की घटनाओं को देखते हैं समझते हैं उनका कारण जानने की कोशिश करते हैं जिज्ञासु होते हैं उन तथ्यों के सभी जानकारी प्राप्त करते हैं विज्ञान के प्रयोगों को स्वयं करके देखते हैं तो अधिगम और अधिक स्थाई हो जाता है। RADHAKRISHNA MISHRA
अवलोकन करने से किसी भी वस्तु, व्यक्ति या पर्यावरण से जुड़े सभी पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।इसके द्वारा बच्चे आसानी से परखना और तुलना करना सीख सकते हैं।इसलिए विज्ञान पढ़ाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
अवलोकन की क्रिया से बच्चे प्रत्यक्ष परिचित होकर वैज्ञानिक अवधारणाओं को आसानी से समझते हैं।विज्ञान के प्रति रुचि जागृत होता है।तर्कशक्ति एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है।
अवलोकन करने से बच्चे किसी भी विषय वस्तु की गहराई तक जा सकते है। विग्यान का अर्थ ही विशिष्ट ग्यान से है।अवलोकन करने से बच्चों की तार्किक शक्ति मे वृद्धि होती है।
JAINARAYAN SINGH sabhi bachcho ke avlokan ke tarike bhinna bhinna hote hain , koi bachche kuchh pahelu par dhyan dete aur kuchh uske pratyek pahelu par dhyan dete hain jaise rang, awastha, akriti , aadi ka avlokan kar science janne ka prayaas karte hain.
बच्चों को कक्षा से बाहर ले जाकर पेड़ पौधों का अवलोकन कराने से जल्दी सीखेंगे । अवलोकन विज्ञान की समस्त प्रक्रियाओं का आधार है जिसके माध्यम से चिंतन ,मनन ,विश्लेषण ,तर्क आदि किसी भी निष्कर्ष तक पहुंचा जा सकता है।
विज्ञान में अवलोकन कौशल एक महत्वपूर्ण कौशल है, अवलोकन ही विज्ञान सीखने और समझने का आधार है, इसके द्वारा ही बच्चे अपने आसपास की घटनाओं को देखते है, उसका विश्लेषण करते हैं, और समझते हैं.
Avalokan karne ki kshamta ke vikas hetu hme bachcho ko pryapt awsar pradan karna chahiye. jisse o sarve karna data ekatrit karna, suchi banana, tark lagana aankro ko suchibaddh karna our tathya tk pahuchana jaise vaigyanik prakriya ko prapt kr sake .
अवलोकन करने से किसी भी वस्तु, व्यक्ति या पर्यावरण से जुड़े सभी पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।इसके द्वारा बच्चे आसानी से परखना और तुलना करना सीख सकते हैं।इसलिए विज्ञान पढ़ाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
अव लोकन की क्रिया बच्चों को प्रति दिन .प्रति पल घटने वाली घटनाओं को क्रमबद्ध रूप सेअर्थ ग्रहण करने में मदद करती है वह जीवन का मजा दिलाने वाली ऐसी बात जिसका वह दर्शन बार.बार करता है उसी में जब तल्लीन हो जाता है तो नया आविष्कार करने में सफल हो जाता है । अवलोकन से ही विज्ञान की समझ विकसित की जा सकती है जब तक बच्चे करके नही देखेंगे तब तक विज्ञान की समझ नही बढ़ेगी
अवलोकन की प्रक्रिया बच्चों को प्रती प्रती पाल प्रती दिन घटने वाली घटनाओं को क्रम बद्द रुप से अर्थ ग्रहण करने में मदद करती है। वह जीवन का मजा दिलाने वालीएसी बात जिसका वह दर्सन बार-बार करता है। वह उसी में जब लिन हो जाता है तो नया आविष्कार करने में सफल हो जाता है। औलोकन कौश ल से बच्चों में तार्किक व वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता हैं।
अवलोकन करने से किसी भी वस्तु ,व्यक्ति ,या पर्यावरण से जुड़े सभी पेड़ पौधों जीव जंतुओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।इसके द्वारा बच्चे आसानी से परखना और तुलना करना सीख सकते हैं, इसलिए पढ़ाते समय इस बात को विशेष ध्यान रखना चाहिए ।
बच्चे जिज्ञासु प्रवृत्ति के होते है,किसी घटना ,चित्र ,वस्तु के अवलोकन से अपनी जिज्ञासा दूर करता है ।उदा.-पेड़ो में फल लगने की प्रक्रिया ,आदि आदि अवलोकन विज्ञान की समस्त प्रक्रियाओं का आधार कहा जा सकता है जिसके माध्यम से अवलोकन,मनन,चिंतन विश्लेषण और निष्कर्ष से किसी परिणाम तक पहुंचता है
Vigyan vah vyavasthait Gyan hai jo vichar ,avlokaun ,aDhyan aur prayog se milati hai jo kisi adhyayan ke Vishay ki Prakriti yah siddhanton ko janne ke liye kiye Jaate Hain Jo tatahy. Siddhant Aur trikon ko prayog aur parikalpana se vyavasthait karti hai.
अवलोकन से बच्चे जिज्ञासाओं की प्रकृति बढ़ने लगता है वह आसपास की वस्तुओं का अवलोकन कर निरीक्षण कर बहुत सी चीजों के बारे में जानकारी जानकारी हासिल करता है और बहुत कुछ जानना चाहता है जैसे मिट्टी से खेलते समय मिट्टी के बारे में बहुत सारे जानकारी का तय करता है जैसे मिट्टी में के गुण मिट्टी में क्या-क्या पदार्थ मिलते हैं मिट्टी का रंग कैसा है इस सारे जानकारी हासिल करके विज्ञान जैसे चीजों की खोज की भावना उत्पन्न होती है।
अव लोकन की क्रिया बच्चों को प्रति दिन .प्रति पल घटने वाली घटनाओं को क्रमबद्ध रूप सेअर्थ ग्रहण करने में मदद करती है वह जीवन का मजा दिलाने वाली ऐसी बात जिसका वह दर्शन बार.बार करता है उसी में जब तल्लीन हो जाता है तो नया आविष्कार करने में सफल हो जाता है । अवलोकन से ही विज्ञान की समझ विकसित की जा सकती है जब तक बच्चे करके नही देखेंगे तब तक विज्ञान की समझ नही बढ़ेगी
अव लोकन की क्रिया बच्चों को प्रति दिन .प्रति पल घटने वाली घटनाओं को क्रमबद्ध रूप सेअर्थ ग्रहण करने में मदद करती है वह जीवन का मजा दिलाने वाली ऐसी बात जिसका वह दर्शन बार.बार करता है उसी में जब तल्लीन हो जाता है तो नया आविष्कार करने में सफल हो जाता है । अवलोकन से ही विज्ञान की समझ विकसित की जा सकती है जब तक बच्चे करके नही देखेंगे तब तक विज्ञान की समझ नही बढ़ेगी
अवलोकन करने से किसी भी वस्तु, व्यक्ति या पर्यावरण से जुड़े सभी पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।इसके द्वारा बच्चे आसानी से परखना और तुलना करना सीख सकते हैं।इसलिए विज्ञान पढ़ाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
अव लोकन की क्रिया बच्चों को प्रति दिन .प्रति पल घटने वाली घटनाओं को क्रमबद्ध रूप सेअर्थ ग्रहण करने में मदद करती है वह जीवन का मजा दिलाने वाली ऐसी बात जिसका वह दर्शन बार.बार करता है उसी में जब तल्लीन हो जाता है तो नया आविष्कार करने में सफल हो जाता है । अवलोकन से ही विज्ञान की समझ विकसित की जा सकती है जब तक बच्चे करके नही देखेंगे तब तक विज्ञान की समझ नही बढ़ेगी CHHABILAL SAHU GOVERNMENT PRIMARY SCHOOL BANBHEDI
अव लोकन की क्रिया बच्चों को प्रति दिन .प्रति पल घटने वाली घटनाओं को क्रमबद्ध रूप सेअर्थ ग्रहण करने में मदद करती है वह जीवन का मजा दिलाने वाली ऐसी बात जिसका वह दर्शन बार.बार करता है उसी में जब तल्लीन हो जाता है तो नया आविष्कार करने में सफल हो जाता है । अवलोकन से ही विज्ञान की समझ विकसित की जा सकती है जब तक बच्चे करके नही देखेंगे तब तक विज्ञान की समझ नही बढ़ेगी
बच्चों के ज्ञान के विकास के लिए उनके आस-पास की वस्तुओं से प्राप्त, रोजमर्रा के अनुभवों से शुरूआत की जा सकती है। बच्चों को विज्ञान के सिद्धांतों को सीखने में, व्यवहारिक, क्रियाशील एवं खोजबीन आदि प्रक्रिया में विज्ञान की वैज्ञानिक अवधारणाओं की गतिविधियों, प्रयोगों एवं सर्वेक्षणों के माध्यम से समझने का प्रयास किया जाना चाहिए।
अवलोकन विज्ञान को समझने के लिए आवश्यक हैं जैसे पौधों में वृद्धि एवं विकास को समझने के लिए शाला में उपलब्ध पेड़ पौधों का कुछ दिन प्रतिदिन अवलोकन कराकर छात्रों को पौधों में वृद्धि एवं विकास को समझाया जा सकता है इसलिए अवलोकन विज्ञान के लिए आवश्यक है
अवलोकन की प्रक्रिया में बच्चा स्वयं आंखों से किसी तथ्य या वस्तु को परखता है और उसमें धीरे धीरे पारंगत होता है विज्ञान सीखने के लिए अवलोकन में पारंगत होना आवश्यक है ताकि किसी निष्कर्ष तक पहुंच सकें, इसी तरह अवलोकन कौशल बच्चों के विज्ञान सीखने में सहायक होते हैं। - जितेंद्र कुमार गुप्ता।
अवलोकन की क्रिया से बच्चे प्रत्यक्ष परिचित होकर वैज्ञानिक अवधारणाओं को आसानी से समझते हैं।विज्ञान के प्रति रुचि जागृत होता है।तर्कशक्ति एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है।
Pritan kumar Xess, अव लोकन की क्रिया बच्चों को प्रति दिन .प्रति पल घटने वाली घटनाओं को क्रमबद्ध रूप सेअर्थ ग्रहण करने में मदद करती है वह जीवन का मजा दिलाने वाली ऐसी बात जिसका वह दर्शन बार.बार करता है उसी में जब तल्लीन हो जाता है तो नया आविष्कार करने में सफल हो जाता है । अवलोकन से ही विज्ञान की समझ विकसित की जा सकती है जब तक बच्चे करके नही देखेंगे तब तक विज्ञान की समझ नही बढ़ेगी
विज्ञान में अवलोकन कौशल एक महत्वपूर्ण कौशल है, अवलोकन ही विज्ञान सीखने और समझने का आधार है, इसके द्वारा ही बच्चे अपने आसपास की घटनाओं को देखते है, उसका विश्लेषण करते हैं, और समझते हैं.
अवलोकन जिज्ञासा का जन्म दाता है।जब बच्चा किसी सजीव अथवा निर्जीव वस्तु का अवलोकन करता है तो उनके मन में कुछ प्रश्न उठता है।ये क्या हैं?ये किससे बना है?ये ऐसा क्यों है?ये काम कैसे करता है? इत्यादि,,,,।इन प्रश्नों के उत्तर ढूंढने की पहल उसे विज्ञान सीखने की ओर अग्रसर करता है।
विज्ञान में अवलोकन कौशल एक महत्वपूर्ण कौशल है, अवलोकन ही विज्ञान सीखने और समझने का आधार है, इसके द्वारा ही बच्चे अपने आसपास की घटनाओं को देखते है, उसका विश्लेषण करते हैं, और समझते हैं.। Nageshwar Kumar Kumbhkar Govt Middle school Bhadara Block - Bamhanidih Distt - Janjgir champa
विज्ञान में अवलोकन कौशल एक महत्वपूर्ण कौशल है, अवलोकन ही विज्ञान सीखने और समझने का आधार है, इसके द्वारा ही बच्चे अपने आसपास की घटनाओं को देखते है, उसका विश्लेषण करते हैं, और समझते हैं
अव लोकन की क्रिया बच्चों को प्रति दिन .प्रति पल घटने वाली घटनाओं को क्रमबद्ध रूप सेअर्थ ग्रहण करने में मदद करती है वह जीवन का मजा दिलाने वाली ऐसी बात जिसका वह दर्शन बार.बार करता है उसी में जब तल्लीन हो जाता है तो नया आविष्कार करने में सफल हो जाता है । अवलोकन से ही विज्ञान की समझ विकसित की जा सकती है जब तक बच्चे करके नही देखेंगे तब तक विज्ञान की समझ नही बढ़ेगी
👉🏿🙏🏾अवलोकन की क्रिया से बच्चे प्रत्यक्ष परिचित होकर वैज्ञानिक अवधारणाओं को आसानी से समझते हैं।विज्ञान के प्रति रुचि जागृत होता है।तर्कशक्ति एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है।आफिजा मलिक प्राथमिक शाला नवाटोला लोहारी से
विज्ञान में अवलोकन कौशल एक महत्वपूर्ण कौशल है ,जिसके द्वारा बच्चे करके ही सीखते हैं ।विज्ञान ही है करके सीखना ।विज्ञान का अर्थ है अपने आसपास की चीजों को अवलोकन करके सीखा जा सके। पास का अवलोकन करके ही विज्ञान की आधारशिला बनती है
Vigyan Mein alokin Kaushal Ek mahatvpurn cancel hai aur log ka Nahin Vigyan sikhane aur samajhne ka Aadhar Hai Iske dwara hi bacche Apne aaspaas ki ghatnaon ko dekhte hain uska vishleshan karte hain aur samajhte Hain
अवलोकन करने से किसी भी वस्तु, व्यक्ति या पर्यावरण से जुड़े सभी पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।इसके द्वारा बच्चे आसानी से परखना और तुलना करना सीख सकते हैं।इसलिए विज्ञान पढ़ाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।बच्चों को कक्षा से बाहर ले जाकर पेड़ पौधों का अवलोकन कराने से जल्दी सीखेंगे । अवलोकन विज्ञान की समस्त प्रक्रियाओं का आधार है जिसके माध्यम से चिंतन ,मनन ,विश्लेषण ,तर्क आदि किसी भी निष्कर्ष तक पहुंचा जा सकता है।
अवलोकन की क्रिया से बच्चे प्रत्यक्ष परिचित होकर वैज्ञानिक अवधारणाओं को आसानी से समझते हैं।विज्ञान के प्रति रुचि जागृत होता है।तर्कशक्ति एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है।
विज्ञान में अवलोकन कौशल एक महत्वपूर्ण कौशल है, अवलोकन ही विज्ञान सीखने और समझने का आधार है, इसके द्वारा ही बच्चे अपने आसपास की घटनाओं को देखते है, उसका विश्लेषण करते हैं, और समझते
किसी भी विषय का क्रमबद्ध अध्ययन ही विज्ञान है अवलोकन एक महत्वपूर्ण चरण हैं अवलोकन प्रक्रिया को अपनाकर बच्चे वैज्ञानिक प्रक्रिया को आसानी से अपना सकते हैं।
हमशिक्षार्थी को बाहर की वस्तुओं का अवलोकन में माध्यम से ट्री जानवर एवम वातावरण सेपरिचाय कराते हुए अवकोकन करना अनुभव करना आदि के द्वारा अवसर प्रदान करेफे
अवलोकन गतिविधि के द्वारा बच्चे किसी भी वैज्ञानिक अवधारणा से प्रत्यक्ष रुप से परिचित होते हैं,इससे बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि जागृत होता है तथा उनके तर्कशक्ति एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है।
जब बच्चे किसी चीज का अवलोकन करते हैं तो उसके बाहरी परिदृश्य को देखकर आकार,गुण,व्यवहार से परिचित होकर सीखने के क्रम मे आगे बढते है ।ममता झा, छान्टा झा, बम्हनी संकुल
अवलोकन करने से किसी भी वस्तु, व्यक्ति या पर्यावरण से जुड़े सभी पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।इसके द्वारा बच्चे आसानी से परखना और तुलना करना सीख सकते हैं।इसलिए विज्ञान पढ़ाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
अवलोकन करने से किसी भी वस्तु, व्यक्ति या पर्यावरण से जुड़े सभी पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।इसके द्वारा बच्चे आसानी से परखना और तुलना करना सीख सकते हैं।इसलिए विज्ञान पढ़ाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए
अवलोकन जिज्ञासा का बीज है।जिज्ञासा विज्ञान को वास्तविक रूप में समझने हेतु स्वप्रेरित करती है।बच्चों को किसी चीज का अवलोकन करने एवम् क्या,क्यों,कैसे का जवाब ढूँढने के लिये उचित माहौल,सुविधाएं तथा सहयोग प्रदान करने की जरूरत है।
अवलोकन गतिविधि के द्वारा बच्चे किसी भी वैज्ञानिक अवधारणा से प्रत्यक्ष रुप से परिचित होते हैं,इससे बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि जागृत होता है तथा उनके तर्कशक्ति एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है।
अवलोकन की प्रक्रिया में बच्चा स्वयं आंखों से किसी तथ्य या वस्तु को परखता है और उसमें धीरे धीरे पारंगत होता है विज्ञान सीखने के लिए अवलोकन में पारंगत होना आवश्यक है ताकि किसी निष्कर्ष तक पहुंच सकें, इसी तरह अवलोकन कौशल बच्चों के विज्ञान सीखने में सहायक होते हैं।विज्ञान में अवलोकन कौशल एक महत्वपूर्ण कौशल है, अवलोकन ही विज्ञान सीखने और समझने का आधार है, इसके द्वारा ही बच्चे अपने आसपास की घटनाओं को देखते है, उसका विश्लेषण करते हैं, और समझते हैं।
अवलोकन कौशल से विद्यार्थियों में विषय या तथ्यों के प्रति समझ आसानी से बनती है।तथा अवलोकन कौशल से जटिलताओं का सरलीकरण हो जाता है,तथा विद्यार्थियों में तर्कशक्ति व वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है।
अवलोकन करने से किसी भी वस्तु व्यक्ति या पर्यावरण से जुड़े सभी पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं के में जानकारी प्राप्त होती है। इसके द्वारा बच्चे आसानी से परखना और तुलना करना सीख सकते हैं। इसलिए विज्ञान पढ़ाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
अवलोकन की क्रिया से बच्चे प्रत्यक्ष परिचित होकर वैज्ञानिक अवधारणाओं को आसानी से समझते हैं।विज्ञान के प्रति रुचि जागृत होता है।तर्कशक्ति एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है।
अवलोकन करने से किसी भी वस्तु, व्यक्ति या पर्यावरण से जुड़े सभी पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।इसके द्वारा बच्चे आसानी से परखना और तुलना करना सीख सकते हैं।इसलिए विज्ञान पढ़ाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
जिज्ञासा बच्चों के अवलोकन की जननी है बच्चे अवलोकन के माध्यम से जीव जंतु के बारे में परखना तुलना करना सीखते हैं इसलिए विज्ञान पर आते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए विज्ञान अध्ययन में अवलोकन आवश्यक है।
बच्चे अपने आसपास के वातावरण से देखकर बहुत कुछ सीखते हैं। नई चीजें उनको आकर्षित करती है एवं उनके जिज्ञासा को जगाती है। अवलोकन कौशल के माध्यम से विज्ञान की सिध्दांतों एवं घटनाओं को आसानी से समझ सकते हैं। जैसे पौधों की प्रकाश संश्लेषण की क्रिया,फल फूल, पत्तियों के प्रकार जड़ों के प्रकार, वृद्धि आदि का अवलोकन कौशल की सहायता से समझना।
अवलोकन करने से किसी भी वस्तु, व्यक्ति या पर्यावरण से जुड़े सभी पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।इसके द्वारा बच्चे आसानी से परखना और तुलना करना सीख सकते हैं।इसलिए विज्ञान पढ़ाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
अवलोकन करने से किसी भी वस्तु, व्यक्ति या पर्यावरण से जुड़े सभी पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।इसके द्वारा बच्चे आसानी से परखना और तुलना करना सीख सकते हैं।इसलिए विज्ञान पढ़ाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
अवलोकन गतिविधि के द्वारा बच्चे किसी भी वैज्ञानिक अवधारणा से प्रत्यक्ष रुप से परिचित होते हैं,इससे बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि जागृत होता है तथा उनके तर्कशक्ति एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है।
अवलोकन कौशल विज्ञान सीखने में बच्चों की काफी मदद करता है l जैसा कि हम सब जानते हैं कि विज्ञान प्रमुख रूप से विभिन्न प्रयोगों और उस प्रयोग के निष्कर्ष प्राप्त करने के ऊपर based है l इस पूरी प्रक्रिया में बच्चे अवलोकन करते हैं की विज्ञान के विभिन्न प्रयोगों में क्या क्या परिवर्तन देखने को मिलते हैं l
अवलोकन कौशल बच्चों के विज्ञान सीखने में बहुत ही सहायक होता है। अवलोकन करने से ही बच्चों के मन मे वाह जिस चीज का अवलोकन कर रहा है, उसके संबंध में यह क्या है? कैसे हैं? क्यों है? जैसे प्रश्न आएंगे और यही तो विज्ञान है क्योंकि इन प्रश्नों के जो उत्तर उसे प्राप्त होंगे, उसी के आधार पर वह उसके संबंध में एक निश्चित धारणा बनाएगा और उसके संबंध में नई खोजें और जानकारी प्राप्त कर सकेगा। जैसे हम पेड़ पौधों के बारे में बच्चों को पढ़ा रहे हैं तो हम कक्षा में कुछ पौधे लाकर बच्चों को दिखा सकते हैं, जिससे बच्चे उसका अवलोकन कर सकेंगे और जान पाएंगे कि पौधों में जड़ क्या है, तना क्या है और यह कैसे कार्य करते हैं।
अव लोकन की क्रिया बच्चों को प्रति दिन .प्रति पल घटने वाली घटनाओं को क्रमबद्ध रूप सेअर्थ ग्रहण करने में मदद करती है वह जीवन का मजा दिलाने वाली ऐसी बात जिसका वह दर्शन बार.बार करता है उसी में जब तल्लीन हो जाता है तो नया आविष्कार करने में सफल हो जाता है । अवलोकन से ही विज्ञान की समझ विकसित की जा सकती है जब तक बच्चे करके नही देखेंगे तब तक विज्ञान की समझ नही बढ़ेगी
अवलोकन विज्ञान की समस्त प्रक्रियाओं का आधार कहा जा सकता है जिसके माध्यम से अवलोकन,मनन,चिंतन विश्लेषण और निष्कर्ष से किसी परिणाम तक पहुंचता है(kk siware)
अवलोकन कौशल बच्चों के विज्ञान सीखने में प्रतिपल सहायक है जब बच्चा किसी पौधे को प्रतिदिन अवलोकन करता है तो बच्चा स्वयं उसके हर एक परिस्थिति को देखते हुए अपने निर्णय स्वयं लेने पर सक्षम होता है इस तरह से और अवलोकन कार्य विज्ञान के क्षेत्र में बच्चों को सीखने में मदद करता है
कौशल बच्चों के विज्ञान सीखने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जब बच्चा किसी भी विज्ञान के तत्व को प्रतिदिन देखता है तो बच्चा स्वयं ही किसी निर्णय पर पहुंचता है जिस तरह यदि बच्चा किसी पौधे को प्रतिदिन देखता है तो वह स्वयं ही समझ जाता है कि पौधे में किस तरह से विकास हो रहा है इस तरह से वह विज्ञान सीखने में अवलोकन कौशल को अपनाता है
अवलोकन की प्रकिया से बच्चे दिन प्रतिदिन अपने आस पास होने वाली घटनाक्रम को देखकर उसका सही निष्कर्ष निकाल सकते है। जिन चीजो को वह स्वयं अपनी आंखो से देखता है उसके प्रति उनका विश्वास अडिग हो जाता है। विज्ञान सिखने के लिए विषय मे पारंगत होना अतिआवश्यक है। विज्ञान मे अवलोकन कौशल एक महत्वपूर्ण कौशल है। अवलोकन ही विज्ञान सीखने और समझने का एक प्रमुख आधार है। जब तक बच्चे अपने से किसी गतिविधी को करके नही देखेंगे तब तक उन्हे विज्ञान की समझ नही हो पाई गी।
अवलोकन की प्रकिया से बच्चे दिन प्रतिदिन अपने आस पास होने वाली घटनाक्रम को देखकर उसका सही निष्कर्ष निकाल सकते है। जिन चीजो को वह स्वयं अपनी आंखो से देखता है उसके प्रति उनका विश्वास अडिग हो जाता है। विज्ञान सिखने के लिए विषय मे पारंगत होना अतिआवश्यक है। विज्ञान मे अवलोकन कौशल एक महत्वपूर्ण कौशल है। अवलोकन ही विज्ञान सीखने और समझने का एक प्रमुख आधार है। जब तक बच्चे अपने से किसी गतिविधी को करके नही देखेंगे तब तक उन्हे विज्ञान की समझ नही हो पाई गी। अर्थात स्वयं करके देखना ही विज्ञान है।
अवलोकन कौशल विज्ञान को समझने का स्थाई ज्ञान देता है औरअवलोकन करने से किसी भी व्यक्ति वस्तु या परिवार पर्यावरण से जुड़े सभी पेड़ पौधे जीव जंतुओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती है
इन्द्र सिंह चन्द्रा , उच्च वर्ग शिक्षक , शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला काशीगढ़ , विकास खण्ड-जैजैपुर , जिला - जांजगीर -चांपा , (छ.ग.)
विज्ञान में अवलोकन कौशल एक महत्वपूर्ण कौशल है । अवलोकन ही विज्ञान सीखने और समझने का आधार है । अवलोकन जिज्ञासा का जन्मदाता है । जब बच्चा किसी सजीव अथवा निर्जीव वस्तु का अवलोकन करता है तो उनके मन में कुछ प्रश्न उठता है ये क्या है? ये किससे बना है? ये ऐसा क्यों है ? ये काम कैसा करता है? इन सभी प्रश्नों के उत्तर ढूंढने की पहल उसे विज्ञान सीखने की ओर अग्रसर करता है । अवलोकन की क्रिया बच्चों को प्रतिदिन प्रतिपल घटने वाली घटनाओं को क्रमबद्ध रूप से अर्थग्रहण करा कर समझ विकसित करती है। अवलोकन करने से किसी भी वस्तु , व्यक्ति या पर्यावरण से जुड़े सभी पेड़- पौधों , जीव - जंतुओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती है । इसके द्वारा बच्चे आसानी से परखना और तुलना करना सीख सकते हैं । इसलिए विज्ञान पढ़ाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए , बच्चों को कक्षा से बाहर ले जाकर पेड़ - पौधों का अवलोकन कराने से जल्दी सीखेंगे। अवलोकन कौशल से चिंतन, मनन , विश्लेषण,तर्क आदि किसी भी निष्कर्ष तक पहुंचा जा सकता है।
आसपास का अवलोकन से ही पर्यावरण को बारिक से समझा जा सकता है । विज्ञान , अवलोकन से ही विकसित हुआ है। बच्चे को वस्तु की वास्तविकता से परिचित कराना चाहिए जिससे उसके बारे मे जान सके व शोध कर सके।
अवलोकन कौशल बच्चों के विज्ञान सीखने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है जिस प्रकार बच्चा यदि किसी पौधे को बड़ा होता देख ले तो वह स्वयं ही समझ जाएगा की पौधे में किस प्रकार से दिन प्रतिदिन विकास हुआ है और वह उसके मस्तिष्क पर अटल छाप छोड़ जाएगा जोकि वह चाह कर भी कभी नहीं भूल पाएगा इस तरह से यदि बच्चा और लोकन कार्य करता है तो वह सीखता ही नहीं उसे अपने मस्तिष्क में बैठा लेता है और वह कभी नहीं भूलता
TIRITH RAM VERMA GOVT.Middle school Khaprikhurd Rajnandgaonअवलोकन से बच्चों में प्रर्यावरण में घटित होने वाली घटनाओं के प्रति जिज्ञासा बढ़ती है ।चिंतन, तुलना, निरीक्षण आदि के द्वारा परिणाम तक पहुंचने में सफल होता है ।इस प्रकार उनमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है तथा वे आविष्कार करने में सफल हो जाते हैं ।
अवलोकन कौशल विज्ञान सीखने मे सहायक है।अवलोकन के अंतर्गत छात्र किसी वस्तु को देखकर,छूकर,चखकर, गंध लेकर उस पदार्थ के संबंध में अपनी वैज्ञानिक सोच बनाने का प्रयास करता है।
अवलोकन से बच्चे किसी भी क्रिया को होते हैं देखते हैं और उसे करने का प्रयास करते हैं इस तरह से वे स्वयं प्रयोग कर अनुभव प्राप्त करते हैं जो कि विज्ञान का प्रमुख लक्षण है।
अवलोकन क्रिया द्वारा बच्चे आसानी से किसी वस्तु व्यक्ति जीव जंतु पेड़ पौधों को आसानी से समझ सकते हैं उनका विकास होते हुए देख सकते हैं और विज्ञान की अवधारणा को आसानी से समझ सकते हैं विज्ञान सिखाते समय बच्चों को इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए
बच्चों को कक्षा से बाहर ले जाकर पेड़ पौधों का अवलोकन कराने से जल्दी सीखेंगे । अवलोकन विज्ञान की समस्त प्रक्रियाओं का आधार है जिसके माध्यम से चिंतन ,मनन ,विश्लेषण ,तर्क आदि किसी भी निष्कर्ष तक पहुंचा जा सकता है।
अवलोकन कौशल बच्चों के विज्ञान सीखने में बहुत सहायक होते हैं बच्चे को यदि अध्यापन कार्य कराते समय हम बाहर के वातावरण में ले जाएं तो वहां पर विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे जड़ी-बूटी और जीव जंतुओं के बारे में साक्षात लोकन करते हुए यदि उनको इस बात की जानकारी दी जाए उनको अध्यापन कार्य कराया जाए तो पुस्तक पढ़ने से बेहतर ही होगा कि बच्चे उनको देखकर अच्छे से समझ सके
अवलोकन के माध्यम से विद्यार्थी आसपास की घटनाओं को देखते हैं समझते हैं उनका कारण जानने की कोशिश करते हैं जिज्ञासु होते हैं उन तथ्यों के सभी जानकारी प्राप्त करते हैं विज्ञान के प्रयोगों को स्वयं करके देखते हैं तो अधिगम और अधिक स्थाई हो जाता है।
अवलोकन के माध्यम से विद्यार्थी आसपास की घटनाओं को देखते हैं समझते हैं उनका कारण जानने की कोशिश करते हैं जिज्ञासु होते हैं उन तथ्यों के सभी जानकारी प्राप्त करते हैं विज्ञान के प्रयोगों को स्वयं करके देखते हैं तो अधिगम और अधिक स्थाई हो जाता
अवलोकन के माध्यम से विद्यार्थी आसपास की घटनाओं को देखते हैं समझते हैं उनका कारण जानने की कोशिश करते हैं जिज्ञासु होते हैं उन तथ्यों के सभी जानकारी प्राप्त करते हैं विज्ञान के प्रयोगों को स्वयं करके देखते हैं तो अधिगम और अधिक स्थाई हो जाता
अवलोकन कौशल विज्ञान की प्रमुख कौशल है । अवलोकन कला के माध्यम से विद्यार्थी स्वयं आंखों से किसी तथ्य या वस्तु को परखता है और उसमें धीरे धीरे पारंगत होता है विज्ञान सीखने के लिए अवलोकन में पारंगत होना आवश्यक है ताकि किसी निष्कर्ष तक पहुंच सकें। इसी तरह अवलोकन कौशल बच्चों के विज्ञान सीखने में सहायक होते हैं।विज्ञान में अवलोकन कौशल एक महत्वपूर्ण कौशल है, अवलोकन ही विज्ञान सीखने और समझने का आधार है, इसके द्वारा ही बच्चे अपने आसपास की घटनाओं को देखते है, उसका विश्लेषण करते हैं, और समझते हैं ।
अवलोकन की क्रिया से बच्चे प्रत्यक्ष परिचित होकर वैज्ञानिक अवधारणाओं को आसानी से समझते हैं।विज्ञान के प्रति रुचि जागृत होता है।तर्कशक्ति एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है।
यदि हम बच्चों को कक्षा से बाहर ले जाकर पेड़ पौधों का अवलोकन कराते हैं, तो बच्चे स्वयं चिंतन करते हैं मनन करते हैं और उसका परिणाम ज्ञात करने का प्रयास करते हैं। अवलोकन विज्ञान की समस्त प्रक्रियाओं का आधार है जिसके माध्यम से चिंतन ,मनन ,विश्लेषण ,तर्क आदि किसी भी निष्कर्ष तक पहुंचा जा सकता है
अवलोकन को विज्ञान का प्रवेश द्वार कहा जा सकता है।बच्चे सहज ही अपने आसपास के वस्तुओं, घटनाओं एवं पर्यावरण को देखकर आकर्षित होते रहते हैं।उनकी इस सहज प्रवृत्ति को परिष्कृत कर ,वैज्ञानिक दृष्टिकोण देकर,कार्य-कारण संबंधों के प्रति खोजी दृष्टि देकर हम उनके विज्ञान सीखने को सरल व रुचिकर बना सकते हैं।
अवलोकन कौशल समझ के साथ सीखने का मार्ग प्रशस्त करता है, तथा यह विधि व्यवहारिक एवं विज्ञान सम्मत है! अवलोकन के द्वारा बच्चों चीजों को प्रत्यक्ष समझता है, तुलना करता है, निष्कर्षण करता है और प्रत्यक्ष अनुभव के आधार पर सिद्धांत का निर्माण एवं उसकी जांच कर सकता है!
विज्ञान एक प्रायोगिक विषय है प्रायोगिक गतिविधियों जैसे भौतिक एवं जैविक पर्यावरण एवं आसपास की घटनाओं को देखना, समझना , जानकारी लेना एवं तथ्यों के साथ प्रस्तुत करना यह एक अवलोकन है। इस अवलोकन के माध्यम से बच्चे विज्ञान को सीखने में सहायक होता है।
अवलोकन के माध्यम से विद्यार्थी आसपास की घटनाओं को देखते हैं समझते हैं उनका कारण जानने की कोशिश करते हैं जिज्ञासु होते हैं उन तथ्यों के सभी जानकारी प्राप्त करते हैं विज्ञान के प्रयोगों को स्वयं करके देखते हैं तो अधिगम और अधिक स्थाई हो जाता है।
किसी भी ज्ञान को अर्जित करने के लिए हमारा सबसे पहला और महत्वपूर्ण भाग अवलोकन होता है किसी भी चीज या वस्तु को देखकर परख एवं प्रयोग करने से ही स्थाई समझ विकसित होती है एवं वैज्ञानिक कारण एवं तथ्यों की जानकारी हेतु जिज्ञासा बढ़ती है
अवलोकन करने से किसी भी वस्तु, व्यक्ति या पर्यावरण से जुड़े सभी पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।इसके द्वारा बच्चे आसानी से परखना और तुलना करना सीख सकते हैं।इसलिए विज्ञान पढ़ाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
अवलोकन कौशल से शिक्षक विद्यार्थीयों को आसपास की घटनाओं को देखने का मौका देते हैं। इससे बच्चे किसी कार्य का अवलोकन कर उनका कारण जानने की कोशिश करते हैं।वे जिज्ञासु होते हैं अतः उन तथ्यों के सभी जानकारी प्राप्त करते हैं। विज्ञान के प्रयोगों को स्वयं करके देखते हैं तो अवधारणा स्पष्ट और स्थाई हो जाता है।
अवलोकन कौशल बच्चों के विज्ञान सीखने में खेल खेल में अनेक प्रकार से सहायक है अवलोकन कौशल को दैनिक जीवन चर्या से जोड़कर तार्किक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को प्रायोगिक एवं व्यावहारिक रूप से प्रयोग कर सकते हैं हवा- बोतल, बलून, फिरनी पानी- पाइप, ग्लास,मटका, बलून आग- मोमबत्ती, लकड़ी, कोयला बिजली इत्यादि का छोटे-छोटे TLM के द्वारा अवलोकन कौशल के वैज्ञानिक तथ्य को आसानी से समझाया जा सकता है । श्रीमती सुषमा पटेल शा.प्रा.शाला कुसमी जिला बेमेतरा
अवलोकन से किसी भी घटना , वस्तु या जीव इत्यादि के बारे में अधिक जानने की उत्सुकता व रूचि उत्पन्न होती है , इससे विद्यार्थी उक्त घटना , वस्तु या जीव इत्यादि के बारे में अधिक जानकारी अथवा सूचनाएं प्राप्त करने का प्रयास करता है , तदुपरान्त अवधारणाओं का निर्माण करता है तथा विविध प्रकारों से इन अवधारणाओं की जांच कर निष्कर्ष तक पहुँचने का प्रयास करता है , यही सब चरण विज्ञान सीखने में भी होते हैं इस प्रकार अवलोकन विद्यार्थी के विज्ञान सीखने में सहायक होता है I
Sandhya Bala Dewangan अवलोकन कौशल के माध्यम से बच्चे स्वयं विषय वस्तु से अच्छे से परिचित होकर उसका विश्लेषण करते हैं, उसपर चर्चा करके निष्कर्ष निकालने में कामयाब होते हैं जो कि विज्ञान शिक्षण का मुख्य आधार है
अवलोकन कौशल बच्चों के विज्ञान सीखने में सहायक होते हैं क्योंकि बच्चे जिज्ञासु होते हैं और अपने जिज्ञासा के कारण ही वह अवलोकन करता है और विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ता है जैसे - बच्चे बीज को अंकुरित होते हुए देखता है तो वह सोचता है कि वह कैसे अंकुरित होता है ? कैसे वृद्धि करता है ? उसे धूप की आवश्यकता क्यों पड़ता है? पानी की जरूरत क्यों पड़ता है? आदि कई तरह के सवाल उनके विचार में आते हैं और इन्ही प्रश्नों का वह उत्तर ढूढने का प्रयास करता है इसके लिए प्रयोग करता है । अतः हम कह सकते हैं कि अवलोकन कौशल विज्ञान सीखने में सहायक है।
विज्ञान एक प्रायोगिक विषय है यह अवलोकन और अभ्यास पर आधारित है प्रायोगिक गतिविधियों जैसे भौतिक एवं जैविक पर्यावरण एवं आसपास की घटनाओं को देखना, समझना , जानकारी लेना एवं तथ्यों के साथ प्रस्तुत करना यह एक अवलोकन है। इस अवलोकन के माध्यम से बच्चे विज्ञान को सीखने में सहायक होता है।
अवलोकन कौशल को समझने के लिए पेड़ पौधों एवं जीव जंतुओ के बारे में जानकारी प्राप्त करना जरूरी है अत: इनके बीच जाकर बच्चों को अवलोकन कराने से ज्ञान को आसानी से समझ सकते हैं
अवलोकन से ही विज्ञान की समझ विकसित की जा सकती है जब तक बच्चे करके नही देखेंगे तब तक विज्ञान की समझ नही बढ़ेगी विज्ञान में अवलोकन कौशल एक महत्वपूर्ण कौशल है, अवलोकन ही विज्ञान सीखने और समझने का आधार है, इसके द्वारा ही बच्चे अपने आसपास की घटनाओं को देखते है, उसका विश्लेषण करते हैं, और समझते हैं.
Bchcho ko avlokan k madhyam se kisi vastu ko dikhane se bchche swayam us vashtu ko dekh parakh skte hai or uske vishay me jankari prapt kr skte hai isliye avlokan kaushal vigyan shikshan me jaruri kaushal hai..
Bchcho ko avlokan k madhyam se kisi vastu ko dikhane se bchche swayam us vashtu ko dekh parakh skte hai or uske vishay me jankari prapt kr skte hai isliye avlokan kaushal vigyan shikshan me jaruri kaushal hai..
Bchcho ko avlokan k madhyam se kisi vastu ko dikhane se bchche swayam us vashtu ko dekh parakh skte hai or uske vishay me jankari prapt kr skte hai isliye avlokan kaushal vigyan shikshan me jaruri kaushal hai..
विज्ञान में अवलोकन कौशल एक महत्वपूर्ण कौशल हैं।अवलोकन ही विज्ञान को सीखने और समझने का मुख्य आधार हैं।इसी के आधार पर बच्चें अपने आसपास की चीजों का अवलोकन करते हैं, विश्लेषण करते हैं और समझते हैं।
अव लोकन की क्रिया बच्चों को प्रति दिन .प्रति पल घटने वाली घटनाओं को क्रमबद्ध रूप सेअर्थ ग्रहण करने में मदद करती है वह जीवन का मजा दिलाने वाली ऐसी बात जिसका वह दर्शन बार.बार
avlokan Kaushal bacchon ke sikhane mein atyadhik sahayak isliye hote hain kyunki koi bhi chij jisse ham maukhik roop se padhte Hain to vah hamare Mana patal per utani acche se nahin ruk party hai pathar sthai nahin Ho paati hai kintu yadi ham usi chij ko khud se karke dekhen to vah chij hamesha ke liye hamare Mana patal per sthit Ho jaati hai aur use ham jivan mein kabhi bhi nahin bolate Jaise bachpan ki Kai chijen Jo humne swayam karke dekhi Hain use ham Aaj bhi nahin bhule Hain atah bacchon ko koi bhi karya karvane ke liye uska avlokan jarur karvayen aur yah ek acchi aur satik prakriya hai kisi bhi bacche ke Vikas ke liye
बच्चों को कक्षा से बाहर ले जाकर पेड़ पौधों का अवलोकन कराने से जल्दी सीखेंगे । अवलोकन विज्ञान की समस्त प्रक्रियाओं का आधार है जिसके माध्यम से चिंतन ,मनन ,विश्लेषण ,तर्क आदि किसी भी निष्कर्ष तक पहुंचा जा सकता है।
विज्ञान में अवलोकन कौशल एक महत्वपूर्ण कौशल है ,जिसके द्वारा बच्चे करके ही सीखते हैं ।विज्ञान ही है करके सीखना ।विज्ञान का अर्थ है अपने आसपास की चीजों को अवलोकन करके सीखा जा सके। पास का अवलोकन करके ही विज्ञान की आधारशिला बनती है
अवलोकन करने से किसी भी वस्तु, व्यक्ति या पर्यावरण से जुड़े सभी पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।इसके द्वारा बच्चे आसानी से परखना और तुलना करना सीख सकते हैं।इसलिए विज्ञान पढ़ाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।बच्चों को कक्षा से बाहर ले जाकर पेड़ पौधों का अवलोकन कराने से जल्दी सीखेंगे । अवलोकन विज्ञान की समस्त प्रक्रियाओं का आधार है जिसके माध्यम से चिंतन ,मनन ,विश्लेषण ,तर्क आदि किसी भी निष्कर्ष तक पहुंचा जा सकता है।
अवलोकन के माध्यम से बच्चे विषय वस्तु को अधिक से अधिक समझ सकते हैं उनके बारे में जान सकते हैं उनको सीखने सिखाने में ज्यादा आसानी होगी इसलिए किसी विषय वस्तु को उन्हें स्वयं से करने के लिए देना चाहिए
अवलोकन के माध्यम से विद्यार्थी आसपास की घटनाओं को देखते हैं समझते हैं उनका कारण जानने की कोशिश करते हैं जिज्ञासु होते हैं उन तथ्यों के सभी जानकारी प्राप्त करते हैं विज्ञान के प्रयोगों को स्वयं करके देखते हैं तो अधिगम और अधिक स्थाई हो जाता है।
अवलोकन के माध्यम से विद्यार्थी आसपास की घटनाओं को देखते हैं समझते हैं उनका कारण जानने की कोशिश करते हैं जिज्ञासु होते हैं उन तथ्यों के सभी जानकारी प्राप्त करते हैं विज्ञान के प्रयोगों को स्वयं करके देखते हैं तो अधिगम और अधिक स्थाई हो जाता है।
Rajesh Kumar Maheshwari Teacher (L.B.) MS Kosamdih, Masturi, District-Bilaspur
प्रकृति ऐसी चिज है जो हमेशा सभी के जिज्ञासा का केंद्र रहा है।इसी प्रकार अवलोकन के द्वारा बच्चों में भी यही प्रवृत्ति होती है जो विज्ञान को स्वीकार करने और सीखने को बढ़ावा देती है
अवलोकन करने से किसी भी वस्तु, व्यक्ति या पर्यावरण से जुड़े सभी पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।इसके द्वारा बच्चे आसानी से परखना और तुलना करना सीख सकते हैं।इसलिए विज्ञान पढ़ाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।बच्चों को कक्षा से बाहर ले जाकर पेड़ पौधों का अवलोकन कराने से जल्दी सीखेंगे । अवलोकन विज्ञान की समस्त प्रक्रियाओं का आधार है जिसके माध्यम से चिंतन ,मनन ,विश्लेषण ,तर्क आदि किसी भी निष्कर्ष तक पहुंचा जा सकता है।
अवलोकन कौशल विद्यार्थियों में तार्किक एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण को निर्मित करती है। बच्चों को अपने आस पास के जीव-जंतु , पेड़-पौधों के बारे प्रत्यक्ष रूप से उनमें समय समय पर होने वाले बदलाव के बारे में स्पष्ट रूप से बताएं और स्वयं अवलोकन करने कहें, जिससे बच्चों में तार्किक गुण का विकास हो सके।
अवलोकन हि विज्ञान को समझने का पहला चरण और अवलोकन से बच्चों के मन में कुछ जानने और समझने की इच्छा होती है और यही जिज्ञासा विज्ञान को समझने में मदद करती है
अवलोकन की क्रिया से बच्चे प्रत्यक्ष परिचित होकर वैज्ञानिक अवधारणाओं को आसानी से समझते हैं।विज्ञान के प्रति रुचि जागृत होता है।तर्कशक्ति एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है।
bacche Bachpan se Hi jigyasu Hote Hain unhen Kuchh naya karne ka vah bhi lalach hoti hai Kyon Na Ham bacchon Ko Apne Aas Paas Paye Jane Wale vibhinn chijon ko dikha kar unhen chhukar dekh kar alokin kar tulna kar vargikaran kar vishleshan kar prayogik Karya kar song Kar vibhinn gatividhiyan se vibhinn Kaushal bacchon ko sikhane ke Liye Aasan aur Behtar sabit Hote hi
कोर्स 03 गतिविधि 5 : सीखने के परिवेश का सृजन– अपने विचार साझा करें सीखने के परिवेश का सृजन करने के लिए अपने स्वयं के कुछ तरीके सोचें और अपने विचार साझा करें।
कोर्स 02 गतिविधि 2 : अपने विचार साझा करें माध्यमिक स्तर पर आई . सी . टी . आपके शिक्षण , अधिगम और मूल्यांकन कार्यों में कैसे सहयोग करती है ? अपनी समझ साझा करें।
कोर्स 08 : सीखने का आकलन गतिविधि 1 : अपने विचार साझा करें आकलन के ऐसे कौन-से प्रकार हैं जिन्हें आप बुनियादी अवस्था में बच्चों के साथ प्रयोग कर सकते हैं ? आकलन के प्रकारों की सूची बनाएं - विशेष रूप से लिखित परीक्षा से भिन्न आकलन के प्रकार सोचें। अपने विचार साझा करें।
पौधों के विकास और उसके अनेक प्रकारों का विकास का वर्णन करते हुए उसका अध्धयन करना
ReplyDeleteछात्रों को प्रत्यक्ष रूप से किसी वस्तु को दिखा कर उसके बारे मे बताने से छात्र स्वयं देखकर जानने के बाद, अच्छे से समझ सकते है।
Deleteबच्चों को कक्षा से बाहर ले जाकर पेड़ पौधों, जीवों का अवलोकन कराना चाहिए
ReplyDeleteविज्ञान सीखने के लिए practical जरूरी है
ReplyDeleteअवलोकन कौशल विज्ञान को समझने का स्थाई ज्ञान देता है
ReplyDeleteविज्ञान सीखने के लिए थेओरी और प्रैक्टिकल दोनों जरूरी है
ReplyDeleteविज्ञान सीखने के लिए थेओरी और प्रैक्टिकल दोनों जरूरी है
Deleteअव लोकन की क्रिया बच्चों को प्रति दिन .प्रति पल घटने वाली घटनाओं को क्रमबद्ध रूप सेअर्थ ग्रहण करने में मदद करती है वह जीवन का मजा दिलाने वाली ऐसी बात जिसका वह दर्शन बार.बार करता है उसी में जब तल्लीन हो जाता है तो नया आविष्कार करने में सफल हो जाता हा
ReplyDeleteअवलोकन के माध्यम से विद्यार्थी आसपास की घटनाओं को देखते हैं समझते हैं उनका कारण जानने की कोशिश करते हैं जिज्ञासु होते हैं उन तथ्यों के सभी जानकारी प्राप्त करते हैं विज्ञान के प्रयोगों को स्वयं करके देखते हैं तो अधिगम और अधिक स्थाई हो जाता है।
DeleteRADHAKRISHNA MISHRA
विज्ञान सीखने के लिए practical जरूरी है
ReplyDeleteअवलोकन कौशल विज्ञान को समझने का स्थाई ज्ञान देता है।बच्चों को कक्षा के बाहर ले जाकर पेड़-पौधों, जीवों का अवलोकन कराना चाहिए।
Deleteअवलोकन से विज्ञान की समझ आसानी से बनती है।
ReplyDeleteअवलोकन करने से किसी भी वस्तु, व्यक्ति या पर्यावरण से जुड़े सभी पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।इसके द्वारा बच्चे आसानी से परखना और तुलना करना सीख सकते हैं।इसलिए विज्ञान पढ़ाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
ReplyDeleteअवलोकन की क्रिया से बच्चे प्रत्यक्ष परिचित होकर वैज्ञानिक अवधारणाओं को आसानी से समझते हैं।विज्ञान के प्रति रुचि जागृत होता है।तर्कशक्ति एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है।
Deleteअवलोकन करने से बच्चे किसी भी विषय वस्तु की गहराई तक जा सकते है। विग्यान का अर्थ ही विशिष्ट ग्यान से है।अवलोकन करने से बच्चों की तार्किक शक्ति मे वृद्धि होती है।
DeleteJAINARAYAN SINGH sabhi bachcho ke avlokan ke tarike bhinna bhinna hote hain , koi bachche kuchh pahelu par dhyan dete aur kuchh uske pratyek pahelu par dhyan dete hain jaise rang, awastha, akriti , aadi ka avlokan kar science janne ka prayaas karte hain.
ReplyDeleteअवलोकन कौशल से बच्चों में तार्किक, वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होगा
ReplyDeleteअवलोकन से विज्ञान की समझ आसानी से बनती है
ReplyDeleteअवलोकन कौशल विज्ञान को समझने का स्थाई ज्ञान देता है
ReplyDeleteअवलोकन कौशल विज्ञान की समझ को बढ़ाता है।
ReplyDeleteअवलोकन से विज्ञान की समझ बढ़ने के साथ ही और
Deleteकुछ जानने की इच्छा होती हैं|
अवलोकन विज्ञान की समस्त प्रक्रियाओं का आधार कहा जा सकता है जिसके माध्यम से अवलोकन,मनन,चिंतन विश्लेषण और निष्कर्ष से किसी परिणाम तक पहुंचता है
ReplyDeleteAlokin se Kaushal vigyan ka samajh viksit hota hai
ReplyDeleteबच्चों को कक्षा से बाहर ले जाकर पेड़ पौधों का अवलोकन कराने से जल्दी सीखेंगे । अवलोकन विज्ञान की समस्त प्रक्रियाओं का आधार है जिसके माध्यम से चिंतन ,मनन ,विश्लेषण ,तर्क आदि किसी भी निष्कर्ष तक पहुंचा जा सकता है।
ReplyDeleteबच्चों को कक्षा से बाहर ले जाकर पेड़ पौधों, जीवों का अवलोकन कराना चाहिए
ReplyDeleteAvlokan ke dwara vigyan ko bachcho ko adhik prabhavi tarike se samjhaya ja sakta hai.
ReplyDeleteबच्चों को कक्षा से बाहर ले जाकर पेड़ पौधों, जीवों का अवलोकन कराना चाहिए
ReplyDeleteअवलोकन से विज्ञान की समझ आसानी से बनती है।
ReplyDeleteविज्ञान में अवलोकन कौशल एक महत्वपूर्ण कौशल है, अवलोकन ही विज्ञान सीखने और समझने का आधार है, इसके द्वारा ही बच्चे अपने आसपास की घटनाओं को देखते है, उसका विश्लेषण करते हैं, और समझते हैं.
ReplyDeleteAvalokan karne ki kshamta ke vikas hetu hme bachcho ko pryapt awsar pradan karna chahiye. jisse o sarve karna data ekatrit karna, suchi banana, tark lagana aankro ko suchibaddh karna our tathya tk pahuchana jaise vaigyanik prakriya ko prapt kr sake .
ReplyDeleteविज्ञान सीखने के लिए प्रैक्टिकल ज़रूरी हैं
ReplyDeleteअवलोकन कौशल से बच्चों में तार्किक, वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होगा
ReplyDeletePaudho k vikas aur unke prakaro k vikas ka adhyyan
ReplyDeleteअवलोकन विज्ञान की समस्त प्रक्रियाओं का आधार कहा जा सकता है जिसके माध्यम से अवलोकन,मनन,चिंतन विश्लेषण और निष्कर्ष से किसी परिणाम तक पहुंचता है
Deleteअवलोकन करने से किसी भी वस्तु, व्यक्ति या पर्यावरण से जुड़े सभी पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।इसके द्वारा बच्चे आसानी से परखना और तुलना करना सीख सकते हैं।इसलिए विज्ञान पढ़ाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
ReplyDeleteअव लोकन की क्रिया बच्चों को प्रति दिन .प्रति पल घटने वाली घटनाओं को क्रमबद्ध रूप सेअर्थ ग्रहण करने में मदद करती है वह जीवन का मजा दिलाने वाली ऐसी बात जिसका वह दर्शन बार.बार करता है उसी में जब तल्लीन हो जाता है तो नया आविष्कार करने में सफल हो जाता है । अवलोकन से ही विज्ञान की समझ विकसित की जा सकती है जब तक बच्चे करके नही देखेंगे तब तक विज्ञान की समझ नही बढ़ेगी
ReplyDeleteअवलोकन की प्रक्रिया बच्चों को प्रती प्रती पाल प्रती दिन घटने वाली घटनाओं को क्रम बद्द रुप से अर्थ ग्रहण करने में मदद करती है। वह जीवन का मजा दिलाने वालीएसी बात जिसका वह दर्सन बार-बार करता है। वह उसी में जब लिन हो जाता है तो नया आविष्कार करने में सफल हो जाता है। औलोकन कौश ल से बच्चों में तार्किक व वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता हैं।
ReplyDeleteअवलोकन कौशल से बच्चे किसी भी चीज या विषय वस्तु को देखकर समझता है जोकि ज्यादा अच्छे तरीके से समझता है।
ReplyDeleteObservatiom skills give permanent knowledge to understand science
ReplyDeleteअवलोकन कौशल से बच्चों में तार्किक, वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होगा प्राप्त ज्ञान स्थाई होगा
ReplyDeleteअवलोकन करने से किसी भी वस्तु ,व्यक्ति ,या पर्यावरण से जुड़े सभी पेड़ पौधों जीव जंतुओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।इसके द्वारा बच्चे आसानी से परखना और तुलना करना सीख सकते हैं, इसलिए पढ़ाते समय इस बात को विशेष ध्यान रखना चाहिए ।
ReplyDeleteबच्चे जिज्ञासु प्रवृत्ति के होते है,किसी घटना ,चित्र ,वस्तु के अवलोकन से अपनी जिज्ञासा दूर करता है ।उदा.-पेड़ो में फल लगने की प्रक्रिया ,आदि आदि अवलोकन विज्ञान की समस्त प्रक्रियाओं का आधार कहा जा सकता है जिसके माध्यम से अवलोकन,मनन,चिंतन विश्लेषण और निष्कर्ष से किसी परिणाम तक पहुंचता है
ReplyDeleteअवलोकन करने से बच्चे आसानी से तुलना करना व परखना सीख लेते हैं
ReplyDeleteVigyan vah vyavasthait Gyan hai jo vichar ,avlokaun ,aDhyan aur prayog se milati hai jo kisi adhyayan ke Vishay ki Prakriti yah siddhanton ko janne ke liye kiye Jaate Hain Jo tatahy. Siddhant Aur trikon ko prayog aur parikalpana se vyavasthait karti hai.
ReplyDeleteअवलोकन से बच्चे जिज्ञासाओं की प्रकृति बढ़ने लगता है वह आसपास की वस्तुओं का अवलोकन कर निरीक्षण कर बहुत सी चीजों के बारे में जानकारी जानकारी हासिल करता है और बहुत कुछ जानना चाहता है जैसे मिट्टी से खेलते समय मिट्टी के बारे में बहुत सारे जानकारी का तय करता है जैसे मिट्टी में के गुण मिट्टी में क्या-क्या पदार्थ मिलते हैं मिट्टी का रंग कैसा है इस सारे जानकारी हासिल करके विज्ञान जैसे चीजों की खोज की भावना उत्पन्न होती है।
ReplyDeleteअव लोकन की क्रिया बच्चों को प्रति दिन .प्रति पल घटने वाली घटनाओं को क्रमबद्ध रूप सेअर्थ ग्रहण करने में मदद करती है वह जीवन का मजा दिलाने वाली ऐसी बात जिसका वह दर्शन बार.बार करता है उसी में जब तल्लीन हो जाता है तो नया आविष्कार करने में सफल हो जाता है । अवलोकन से ही विज्ञान की समझ विकसित की जा सकती है जब तक बच्चे करके नही देखेंगे तब तक विज्ञान की समझ नही बढ़ेगी
ReplyDeleteअव लोकन की क्रिया बच्चों को प्रति दिन .प्रति पल घटने वाली घटनाओं को क्रमबद्ध रूप सेअर्थ ग्रहण करने में मदद करती है वह जीवन का मजा दिलाने वाली ऐसी बात जिसका वह दर्शन बार.बार करता है उसी में जब तल्लीन हो जाता है तो नया आविष्कार करने में सफल हो जाता है । अवलोकन से ही विज्ञान की समझ विकसित की जा सकती है जब तक बच्चे करके नही देखेंगे तब तक विज्ञान की समझ नही बढ़ेगी
ReplyDeleteअवलोकन करने से किसी भी वस्तु, व्यक्ति या पर्यावरण से जुड़े सभी पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।इसके द्वारा बच्चे आसानी से परखना और तुलना करना सीख सकते हैं।इसलिए विज्ञान पढ़ाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
ReplyDeleteबच्चो को विज्ञान सीखने के लिए प्रत्यक्ष अवलोकन कराना चाहिए
ReplyDelete1) विज्ञान को सीखने के लिए अवलोकन और प्रैक्टिकल जरूरी है।
ReplyDeleteविज्ञान में प्रायोगिक ज्ञान जरूरी है। अवलोकन से बच्चों में समझ सकती बढ़ती है।
ReplyDeleteअव लोकन की क्रिया बच्चों को प्रति दिन .प्रति पल घटने वाली घटनाओं को क्रमबद्ध रूप सेअर्थ ग्रहण करने में मदद करती है वह जीवन का मजा दिलाने वाली ऐसी बात जिसका वह दर्शन बार.बार करता है उसी में जब तल्लीन हो जाता है तो नया आविष्कार करने में सफल हो जाता है । अवलोकन से ही विज्ञान की समझ विकसित की जा सकती है जब तक बच्चे करके नही देखेंगे तब तक विज्ञान की समझ नही बढ़ेगी
ReplyDeleteCHHABILAL SAHU
GOVERNMENT PRIMARY SCHOOL BANBHEDI
अव लोकन की क्रिया बच्चों को प्रति दिन .प्रति पल घटने वाली घटनाओं को क्रमबद्ध रूप सेअर्थ ग्रहण करने में मदद करती है वह जीवन का मजा दिलाने वाली ऐसी बात जिसका वह दर्शन बार.बार करता है उसी में जब तल्लीन हो जाता है तो नया आविष्कार करने में सफल हो जाता है । अवलोकन से ही विज्ञान की समझ विकसित की जा सकती है जब तक बच्चे करके नही देखेंगे तब तक विज्ञान की समझ नही बढ़ेगी
ReplyDeleteबच्चों के ज्ञान के विकास के लिए उनके आस-पास की वस्तुओं से प्राप्त, रोजमर्रा के अनुभवों से शुरूआत की जा सकती है। बच्चों को विज्ञान के सिद्धांतों को सीखने में, व्यवहारिक, क्रियाशील एवं खोजबीन आदि प्रक्रिया में विज्ञान की वैज्ञानिक अवधारणाओं की गतिविधियों, प्रयोगों एवं सर्वेक्षणों के माध्यम से समझने का प्रयास किया जाना चाहिए।
ReplyDeleteअवलोकन विज्ञान को समझने के लिए आवश्यक हैं जैसे पौधों में वृद्धि एवं विकास को समझने के लिए शाला में उपलब्ध पेड़ पौधों का कुछ दिन प्रतिदिन अवलोकन कराकर छात्रों को पौधों में वृद्धि एवं विकास को समझाया जा सकता है इसलिए अवलोकन विज्ञान के लिए आवश्यक है
ReplyDeleteविज्ञान मे प्रयोग जरूरी है।
ReplyDeleteअवलोकन करते समय बच्चे विषय वस्तु की सभी भागों ध्यान देते है क्यों, कैसे, क्या आदि । इस प्रकार अवलोकन विज्ञान अध्ययन में सहायक है
ReplyDeleteअवलोकन की प्रक्रिया में बच्चा स्वयं आंखों से किसी तथ्य या वस्तु को परखता है और उसमें धीरे धीरे पारंगत होता है विज्ञान सीखने के लिए अवलोकन में पारंगत होना आवश्यक है ताकि किसी निष्कर्ष तक पहुंच सकें, इसी तरह अवलोकन कौशल बच्चों के विज्ञान सीखने में सहायक होते हैं।
ReplyDelete- जितेंद्र कुमार गुप्ता।
अवलोकन की क्रिया से बच्चे प्रत्यक्ष परिचित होकर वैज्ञानिक अवधारणाओं को आसानी से समझते हैं।विज्ञान के प्रति रुचि जागृत होता है।तर्कशक्ति एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है।
ReplyDeleteAVLokan se vigyaan ki samajh banti hai..
ReplyDeletePritan kumar Xess,
ReplyDeleteअव लोकन की क्रिया बच्चों को प्रति दिन .प्रति पल घटने वाली घटनाओं को क्रमबद्ध रूप सेअर्थ ग्रहण करने में मदद करती है वह जीवन का मजा दिलाने वाली ऐसी बात जिसका वह दर्शन बार.बार करता है उसी में जब तल्लीन हो जाता है तो नया आविष्कार करने में सफल हो जाता है । अवलोकन से ही विज्ञान की समझ विकसित की जा सकती है जब तक बच्चे करके नही देखेंगे तब तक विज्ञान की समझ नही बढ़ेगी
विज्ञान में अवलोकन कौशल एक महत्वपूर्ण कौशल है, अवलोकन ही विज्ञान सीखने और समझने का आधार है, इसके द्वारा ही बच्चे अपने आसपास की घटनाओं को देखते है, उसका विश्लेषण करते हैं, और समझते हैं.
ReplyDeleteनिरीक्षण krakar पौधों की जानकारी दे
ReplyDeleteएन एल कुंभकार
ReplyDeleteमाशा कच्छारपारा केशकाल
अवलोकन जिज्ञासा का जन्म दाता है।जब बच्चा किसी सजीव अथवा निर्जीव वस्तु का अवलोकन करता है तो उनके मन में कुछ प्रश्न उठता है।ये क्या हैं?ये किससे बना है?ये ऐसा क्यों है?ये काम कैसे करता है? इत्यादि,,,,।इन प्रश्नों के उत्तर ढूंढने की पहल उसे विज्ञान सीखने की ओर अग्रसर करता है।
अवलोकन करने से वैग्यानिक सोच का विकास होता है। स्वयं करके सीखने से अर्जित ग्यान स्थायी होता है।
ReplyDeleteविज्ञान में अवलोकन कौशल एक महत्वपूर्ण कौशल है, अवलोकन ही विज्ञान सीखने और समझने का आधार है, इसके द्वारा ही बच्चे अपने आसपास की घटनाओं को देखते है, उसका विश्लेषण करते हैं, और समझते हैं.।
ReplyDeleteNageshwar Kumar Kumbhkar
Govt Middle school Bhadara
Block - Bamhanidih
Distt - Janjgir champa
विज्ञान में अवलोकन कौशल एक महत्वपूर्ण कौशल है, अवलोकन ही विज्ञान सीखने और समझने का आधार है, इसके द्वारा ही बच्चे अपने आसपास की घटनाओं को देखते है, उसका विश्लेषण करते हैं, और समझते हैं
ReplyDeleteअव लोकन की क्रिया बच्चों को प्रति दिन .प्रति पल घटने वाली घटनाओं को क्रमबद्ध रूप सेअर्थ ग्रहण करने में मदद करती है वह जीवन का मजा दिलाने वाली ऐसी बात जिसका वह दर्शन बार.बार करता है उसी में जब तल्लीन हो जाता है तो नया आविष्कार करने में सफल हो जाता है । अवलोकन से ही विज्ञान की समझ विकसित की जा सकती है जब तक बच्चे करके नही देखेंगे तब तक विज्ञान की समझ नही बढ़ेगी
ReplyDelete👉🏿🙏🏾अवलोकन की क्रिया से बच्चे प्रत्यक्ष परिचित होकर वैज्ञानिक अवधारणाओं को आसानी से समझते हैं।विज्ञान के प्रति रुचि जागृत होता है।तर्कशक्ति एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है।आफिजा मलिक प्राथमिक शाला नवाटोला लोहारी से
ReplyDeleteविज्ञान में अवलोकन कौशल एक महत्वपूर्ण कौशल है ,जिसके द्वारा बच्चे करके ही सीखते हैं ।विज्ञान ही है करके सीखना ।विज्ञान का अर्थ है अपने आसपास की चीजों को अवलोकन करके सीखा जा सके। पास का अवलोकन करके ही विज्ञान की आधारशिला बनती है
ReplyDeleteVigyan Mein alokin Kaushal Ek mahatvpurn cancel hai aur log ka Nahin Vigyan sikhane aur samajhne ka Aadhar Hai Iske dwara hi bacche Apne aaspaas ki ghatnaon ko dekhte hain uska vishleshan karte hain aur samajhte Hain
ReplyDeleteअवलोकन कौशल से बच्चे प्रायोगिक कार्य कर सकते हैं और उन क्रियाकलापों को भी देख सकते हैं जिसे वे जानना चाहते हैं सीखना चाहते हो
ReplyDeleteअवलोकन करने से किसी भी वस्तु, व्यक्ति या पर्यावरण से जुड़े सभी पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।इसके द्वारा बच्चे आसानी से परखना और तुलना करना सीख सकते हैं।इसलिए विज्ञान पढ़ाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।बच्चों को कक्षा से बाहर ले जाकर पेड़ पौधों का अवलोकन कराने से जल्दी सीखेंगे । अवलोकन विज्ञान की समस्त प्रक्रियाओं का आधार है जिसके माध्यम से चिंतन ,मनन ,विश्लेषण ,तर्क आदि किसी भी निष्कर्ष तक पहुंचा जा सकता है।
ReplyDeleteअवलोकन कौशल से बच्चों में अवधारणाओं की समझ विकसित होती है, तर्कशक्ति में वृद्धि होती है
ReplyDeleteअवलोकन की क्रिया से बच्चे प्रत्यक्ष परिचित होकर वैज्ञानिक अवधारणाओं को आसानी से समझते हैं।विज्ञान के प्रति रुचि जागृत होता है।तर्कशक्ति एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है।
ReplyDeletePractical important hai.
ReplyDeleteविज्ञान में अवलोकन कौशल एक महत्वपूर्ण कौशल है, अवलोकन ही विज्ञान सीखने और समझने का आधार है, इसके द्वारा ही बच्चे अपने आसपास की घटनाओं को देखते है, उसका विश्लेषण करते हैं, और समझते
ReplyDeleteअवलोकन करने से प्रत्यक्ष रूप से सीखने का अवसर प्राप्त होता है।विज्ञान में अवलोकन द्वारा ही बच्चे सहज रूप से सिख सकते हैं।
ReplyDeleteअवलोकन कौशल से बच्चों में तार्किक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण उत्पन्न होते हैं
ReplyDeleteBahari parivesh ka avalokan kara kar ped paudhe jiv jantu ke adhiktam se vigyan ko samjha sakte hai
ReplyDeleteकिसी भी विषय का क्रमबद्ध अध्ययन ही विज्ञान है अवलोकन एक महत्वपूर्ण चरण हैं अवलोकन प्रक्रिया को अपनाकर बच्चे वैज्ञानिक प्रक्रिया को आसानी से अपना सकते हैं।
ReplyDeleteअवलोकन कौशल विज्ञान को समझने का स्थाई ज्ञान देता है
ReplyDeleteहमशिक्षार्थी को बाहर की वस्तुओं का अवलोकन में माध्यम से ट्री जानवर एवम वातावरण सेपरिचाय कराते हुए अवकोकन करना अनुभव करना आदि के द्वारा अवसर प्रदान करेफे
ReplyDeleteबच्चों को कक्षा से बाहर ले जाकर अवलोकन कराने से जानने एवं सिखने में रुचि उत्पन्न होती है।
ReplyDeleteअवलोकन गतिविधि के द्वारा बच्चे किसी भी वैज्ञानिक अवधारणा से प्रत्यक्ष रुप से परिचित होते हैं,इससे बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि जागृत होता है तथा उनके तर्कशक्ति एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है।
ReplyDeleteअगर विज्ञान पढ़ाना है तो बिना अवलोकन संभव नहीं है,
ReplyDeleteबच्चों को कक्षा से बाहर ले जाकर अवलोकन कराने से जानने एवं सिखने में रुचि उत्पन्न होती है।
ReplyDeleteजब बच्चे किसी चीज का अवलोकन करते हैं तो उसके बाहरी परिदृश्य को देखकर आकार,गुण,व्यवहार से परिचित होकर सीखने के क्रम मे आगे बढते है ।ममता झा, छान्टा झा, बम्हनी संकुल
ReplyDeleteअवलोकन करने से किसी भी वस्तु, व्यक्ति या पर्यावरण से जुड़े सभी पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।इसके द्वारा बच्चे आसानी से परखना और तुलना करना सीख सकते हैं।इसलिए विज्ञान पढ़ाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
ReplyDeleteअवलोकन करने से किसी भी वस्तु, व्यक्ति या पर्यावरण से जुड़े सभी पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।इसके द्वारा बच्चे आसानी से परखना और तुलना करना सीख सकते हैं।इसलिए विज्ञान पढ़ाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए
ReplyDeleteअवलोकन जिज्ञासा का बीज है।जिज्ञासा विज्ञान को वास्तविक रूप में समझने हेतु स्वप्रेरित करती है।बच्चों को किसी चीज का अवलोकन करने एवम् क्या,क्यों,कैसे का जवाब ढूँढने के लिये उचित माहौल,सुविधाएं तथा सहयोग प्रदान करने की जरूरत है।
ReplyDeleteअवलोकन से बच्चों को समझने में आसानी होती हैं।इससे उनमें जिज्ञासाऔर समझ का विकास होता है।
ReplyDeletePractical skill nd observation is very usefull to learn nd teach student in very deep.
ReplyDeleteMiss Durga tembhurkar
Govt.middle school raka
Dist rajnandgaon cg
अवलोकन गतिविधि के द्वारा बच्चे किसी भी वैज्ञानिक अवधारणा से प्रत्यक्ष रुप से परिचित होते हैं,इससे बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि जागृत होता है तथा उनके तर्कशक्ति एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है।
ReplyDeleteअवलोकन की प्रक्रिया में बच्चा स्वयं आंखों से किसी तथ्य या वस्तु को परखता है और उसमें धीरे धीरे पारंगत होता है विज्ञान सीखने के लिए अवलोकन में पारंगत होना आवश्यक है ताकि किसी निष्कर्ष तक पहुंच सकें, इसी तरह अवलोकन कौशल बच्चों के विज्ञान सीखने में सहायक होते हैं।विज्ञान में अवलोकन कौशल एक महत्वपूर्ण कौशल है, अवलोकन ही विज्ञान सीखने और समझने का आधार है, इसके द्वारा ही बच्चे अपने आसपास की घटनाओं को देखते है, उसका विश्लेषण करते हैं, और समझते हैं।
ReplyDeleteअवलोकन कौशल से विद्यार्थियों में विषय या तथ्यों के प्रति समझ आसानी से बनती है।तथा अवलोकन कौशल से जटिलताओं का सरलीकरण हो जाता है,तथा विद्यार्थियों में तर्कशक्ति व वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है।
ReplyDeleteVigyan sikhne ke liye practical jaruri u
ReplyDeleteअवलोकन करने से किसी भी वस्तु व्यक्ति या पर्यावरण से जुड़े सभी पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं के में जानकारी प्राप्त होती है। इसके द्वारा बच्चे आसानी से परखना और तुलना करना सीख सकते हैं। इसलिए विज्ञान पढ़ाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
ReplyDeleteविज्ञान में अवलोकन कौशल एक महत्वपूर्ण कौशल है,जिसके द्वारा बच्चों में प्रत्यक्ष अवलोकन कर वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है।
ReplyDeleteअवलोकन की क्रिया से बच्चे प्रत्यक्ष परिचित होकर वैज्ञानिक अवधारणाओं को आसानी से समझते हैं।विज्ञान के प्रति रुचि जागृत होता है।तर्कशक्ति एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है।
ReplyDeleteअवलोकन करने से किसी भी वस्तु, व्यक्ति या पर्यावरण से जुड़े सभी पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।इसके द्वारा बच्चे आसानी से परखना और तुलना करना सीख सकते हैं।इसलिए विज्ञान पढ़ाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
ReplyDeleteजिज्ञासा बच्चों के अवलोकन की जननी है बच्चे अवलोकन के माध्यम से जीव जंतु के बारे में परखना तुलना करना सीखते हैं इसलिए विज्ञान पर आते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए विज्ञान अध्ययन में अवलोकन आवश्यक है।
ReplyDeleteअवलोकन से विज्ञान को समझने में प्रैक्टिकल और थ्योरी दोनों को समझना जरूरी है
ReplyDeleteबच्चे अपने आसपास के वातावरण से देखकर बहुत कुछ सीखते हैं। नई चीजें उनको आकर्षित करती है एवं उनके जिज्ञासा को जगाती है। अवलोकन कौशल के माध्यम से विज्ञान की सिध्दांतों एवं घटनाओं को आसानी से समझ सकते हैं। जैसे पौधों की प्रकाश संश्लेषण की क्रिया,फल फूल, पत्तियों के प्रकार जड़ों के प्रकार, वृद्धि आदि का अवलोकन कौशल की सहायता से समझना।
ReplyDeleteअवलोकन जिज्ञासा का बीज है, चूंकि जिज्ञासा का प्रादुर्भाव अवलोकन से होता है इस प्रकार इससे विज्ञान सीखने में मदद मिलती है।
ReplyDeleteअवलोकन एवं प्रैक्टिकल से छात्र विज्ञान को आसानी से समझ सकता है।
Deleteअवलोक कौशल ही विञान मे एक सशक्त कौशल है जिसमे स्वयं अवलोकन, विष्लेषण एवं practcaly करके विञान को बेहतर जाना और समझा जा सकता है। ।
ReplyDeleteअवलोकन करने से किसी भी वस्तु, व्यक्ति या पर्यावरण से जुड़े सभी पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।इसके द्वारा बच्चे आसानी से परखना और तुलना करना सीख सकते हैं।इसलिए विज्ञान पढ़ाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
ReplyDeleteअवलोकन से किसी भी को साफ साफ समझ सकते है
ReplyDeleteAvlokan vigyan ki samajh Ko badhata hai.avm kisi vastu ke mul tk pahuchane me madad karata hai.
ReplyDeleteअवलोकन करने से किसी भी वस्तु, व्यक्ति या पर्यावरण से जुड़े सभी पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।इसके द्वारा बच्चे आसानी से परखना और तुलना करना सीख सकते हैं।इसलिए विज्ञान पढ़ाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
ReplyDeleteअवलोकन गतिविधि के द्वारा बच्चे किसी भी वैज्ञानिक अवधारणा से प्रत्यक्ष रुप से परिचित होते हैं,इससे बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि जागृत होता है तथा उनके तर्कशक्ति एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है।
ReplyDeleteAwalokan kaushal vigyan ki samagha ko badata hai
ReplyDeleteAwlokan ke bina sikhna sikhna nahin kah sakte kyounki bachchon ko awlokan dwara sikhna adhura kah sakte hai.
ReplyDeleteअवलोकन कौशल विज्ञान सीखने में बच्चों की काफी मदद करता है l जैसा कि हम सब जानते हैं कि विज्ञान प्रमुख रूप से विभिन्न प्रयोगों और उस प्रयोग के निष्कर्ष प्राप्त करने के ऊपर based है l इस पूरी प्रक्रिया में बच्चे अवलोकन करते हैं की विज्ञान के विभिन्न प्रयोगों में क्या क्या परिवर्तन देखने को मिलते हैं l
ReplyDeleteअवलोकन कौशल बच्चों के विज्ञान सीखने में बहुत ही सहायक होता है। अवलोकन करने से ही बच्चों के मन मे वाह जिस चीज का अवलोकन कर रहा है, उसके संबंध में यह क्या है? कैसे हैं? क्यों है? जैसे प्रश्न आएंगे और यही तो विज्ञान है क्योंकि इन प्रश्नों के जो उत्तर उसे प्राप्त होंगे, उसी के आधार पर वह उसके संबंध में एक निश्चित धारणा बनाएगा और उसके संबंध में नई खोजें और जानकारी प्राप्त कर सकेगा।
ReplyDeleteजैसे हम पेड़ पौधों के बारे में बच्चों को पढ़ा रहे हैं तो हम कक्षा में कुछ पौधे लाकर बच्चों को दिखा सकते हैं, जिससे बच्चे उसका अवलोकन कर सकेंगे और जान पाएंगे कि पौधों में जड़ क्या है, तना क्या है और यह कैसे कार्य करते हैं।
अव लोकन की क्रिया बच्चों को प्रति दिन .प्रति पल घटने वाली घटनाओं को क्रमबद्ध रूप सेअर्थ ग्रहण करने में मदद करती है वह जीवन का मजा दिलाने वाली ऐसी बात जिसका वह दर्शन बार.बार करता है उसी में जब तल्लीन हो जाता है तो नया आविष्कार करने में सफल हो जाता है । अवलोकन से ही विज्ञान की समझ विकसित की जा सकती है जब तक बच्चे करके नही देखेंगे तब तक विज्ञान की समझ नही बढ़ेगी
ReplyDeleteAvlokan kaushal bachcho me vigyan sikhne ko badava deta hai aur vigyan ko ruchikar bna ta hai
ReplyDeleteअवलोकन से ज्ञान परिपुष्ट होता है जिससे अवधारणा अच्छे से समझ आती है
ReplyDeleteअवलोकन से ज्ञान परिपुष्ट होता है जिससे अवधारणा अच्छे से समझ आती है
ReplyDeleteअवलोकन विज्ञान की समस्त प्रक्रियाओं का आधार कहा जा सकता है जिसके माध्यम से अवलोकन,मनन,चिंतन विश्लेषण और निष्कर्ष से किसी परिणाम तक पहुंचता है(kk siware)
ReplyDeleteI am a teacher
Deleteअवलोकन कौशल बच्चों के विज्ञान सीखने में प्रतिपल सहायक है जब बच्चा किसी पौधे को प्रतिदिन अवलोकन करता है तो बच्चा स्वयं उसके हर एक परिस्थिति को देखते हुए अपने निर्णय स्वयं लेने पर सक्षम होता है इस तरह से और अवलोकन कार्य विज्ञान के क्षेत्र में बच्चों को सीखने में मदद करता है
ReplyDeleteकौशल बच्चों के विज्ञान सीखने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जब बच्चा किसी भी विज्ञान के तत्व को प्रतिदिन देखता है तो बच्चा स्वयं ही किसी निर्णय पर पहुंचता है जिस तरह यदि बच्चा किसी पौधे को प्रतिदिन देखता है तो वह स्वयं ही समझ जाता है कि पौधे में किस तरह से विकास हो रहा है इस तरह से वह विज्ञान सीखने में अवलोकन कौशल को अपनाता है
ReplyDeleteअवलोकन से जिज्ञासा चिंतन मनन करने पर निष्कर्ष पर पहुंचता है तब अवधारणा स्पष्ट होती है इस तरीके से बच्चों में स्थाई ज्ञान रहता है
ReplyDeleteअवलोकन की प्रकिया से बच्चे दिन प्रतिदिन अपने आस पास होने वाली घटनाक्रम को देखकर उसका सही निष्कर्ष निकाल सकते है। जिन चीजो को वह स्वयं अपनी आंखो से देखता है उसके प्रति उनका विश्वास अडिग हो जाता है।
ReplyDeleteविज्ञान सिखने के लिए विषय मे पारंगत होना
अतिआवश्यक है। विज्ञान मे अवलोकन कौशल
एक महत्वपूर्ण कौशल है। अवलोकन ही विज्ञान
सीखने और समझने का एक प्रमुख आधार है।
जब तक बच्चे अपने से किसी गतिविधी को
करके नही देखेंगे तब तक उन्हे विज्ञान की समझ
नही हो पाई गी।
अवलोकन की प्रकिया से बच्चे दिन प्रतिदिन अपने आस पास होने वाली घटनाक्रम को देखकर उसका सही निष्कर्ष निकाल सकते है। जिन चीजो को वह स्वयं अपनी आंखो से देखता है उसके प्रति उनका विश्वास अडिग हो जाता है।
ReplyDeleteविज्ञान सिखने के लिए विषय मे पारंगत होना
अतिआवश्यक है। विज्ञान मे अवलोकन कौशल
एक महत्वपूर्ण कौशल है। अवलोकन ही विज्ञान
सीखने और समझने का एक प्रमुख आधार है।
जब तक बच्चे अपने से किसी गतिविधी को
करके नही देखेंगे तब तक उन्हे विज्ञान की समझ
नही हो पाई गी। अर्थात स्वयं करके देखना ही
विज्ञान है।
अवलोकन कौशल विज्ञान को समझने का स्थाई ज्ञान देता है औरअवलोकन करने से किसी भी व्यक्ति वस्तु या परिवार पर्यावरण से जुड़े सभी पेड़ पौधे जीव जंतुओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती है
ReplyDeleteबच्चे अवलोकन कौशल से विज्ञान सीखने और समझने से अपना समझ अपने आप ही देखकर निर्णय तक पहुंचते हैं
ReplyDeleteइन्द्र सिंह चन्द्रा , उच्च वर्ग शिक्षक , शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला काशीगढ़ , विकास खण्ड-जैजैपुर , जिला - जांजगीर -चांपा , (छ.ग.)
ReplyDeleteविज्ञान में अवलोकन कौशल एक महत्वपूर्ण कौशल है । अवलोकन ही विज्ञान सीखने और समझने का आधार है । अवलोकन जिज्ञासा का जन्मदाता है । जब बच्चा किसी सजीव अथवा निर्जीव वस्तु का अवलोकन करता है तो उनके मन में कुछ प्रश्न उठता है ये क्या है? ये किससे बना है? ये ऐसा क्यों है ? ये काम कैसा करता है? इन सभी प्रश्नों के उत्तर ढूंढने की पहल उसे विज्ञान सीखने की ओर अग्रसर करता है । अवलोकन की क्रिया बच्चों को प्रतिदिन प्रतिपल घटने वाली घटनाओं को क्रमबद्ध रूप से अर्थग्रहण करा कर समझ विकसित करती है। अवलोकन करने से किसी भी वस्तु , व्यक्ति या पर्यावरण से जुड़े सभी पेड़- पौधों , जीव - जंतुओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती है । इसके द्वारा बच्चे आसानी से परखना और तुलना करना सीख सकते हैं । इसलिए विज्ञान पढ़ाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए , बच्चों को कक्षा से बाहर ले जाकर पेड़ - पौधों का अवलोकन कराने से जल्दी सीखेंगे। अवलोकन कौशल से चिंतन, मनन , विश्लेषण,तर्क आदि किसी भी निष्कर्ष तक पहुंचा जा सकता है।
आसपास का अवलोकन से ही पर्यावरण को बारिक से समझा जा सकता है । विज्ञान , अवलोकन से ही विकसित हुआ है। बच्चे को वस्तु की वास्तविकता से परिचित कराना चाहिए जिससे उसके बारे मे जान सके व शोध कर सके।
ReplyDeleteअवलोकन कौशल बच्चों के विज्ञान सीखने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है जिस प्रकार बच्चा यदि किसी पौधे को बड़ा होता देख ले तो वह स्वयं ही समझ जाएगा की पौधे में किस प्रकार से दिन प्रतिदिन विकास हुआ है और वह उसके मस्तिष्क पर अटल छाप छोड़ जाएगा जोकि वह चाह कर भी कभी नहीं भूल पाएगा इस तरह से यदि बच्चा और लोकन कार्य करता है तो वह सीखता ही नहीं उसे अपने मस्तिष्क में बैठा लेता है और वह कभी नहीं भूलता
ReplyDeleteTIRITH RAM VERMA GOVT.Middle school Khaprikhurd Rajnandgaonअवलोकन से बच्चों में प्रर्यावरण में घटित होने वाली घटनाओं के प्रति जिज्ञासा बढ़ती है ।चिंतन, तुलना, निरीक्षण आदि के द्वारा परिणाम तक पहुंचने में सफल होता है ।इस प्रकार उनमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है तथा वे आविष्कार करने में सफल हो जाते हैं ।
ReplyDeleteअवलोकन कौशल विज्ञान सीखने मे सहायक है।अवलोकन के अंतर्गत छात्र किसी वस्तु को देखकर,छूकर,चखकर, गंध लेकर उस पदार्थ के संबंध में अपनी वैज्ञानिक सोच बनाने का प्रयास करता है।
ReplyDeleteबच्चो को कक्षा से बाहर ले जाकर पेड़ पौधों, जीवों का अवलोकन कराने से वे विषय वस्तु को अच्छी रीति से सीखते है।
ReplyDeleteअवलोकन से बच्चे किसी भी क्रिया को होते हैं देखते हैं और उसे करने का प्रयास करते हैं इस तरह से वे स्वयं प्रयोग कर अनुभव प्राप्त करते हैं जो कि विज्ञान का प्रमुख लक्षण है।
ReplyDeleteअवलोकन क्रिया द्वारा बच्चे आसानी से किसी वस्तु व्यक्ति जीव जंतु पेड़ पौधों को आसानी से समझ सकते हैं उनका विकास होते हुए देख सकते हैं और विज्ञान की अवधारणा को आसानी से समझ सकते हैं विज्ञान सिखाते समय बच्चों को इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए
ReplyDeleteबच्चों को कक्षा से बाहर ले जाकर पेड़ पौधों का अवलोकन कराने से जल्दी सीखेंगे । अवलोकन विज्ञान की समस्त प्रक्रियाओं का आधार है जिसके माध्यम से चिंतन ,मनन ,विश्लेषण ,तर्क आदि किसी भी निष्कर्ष तक पहुंचा जा सकता है।
ReplyDeleteअवलोकन विज्ञान की समस्त प्रक्रियाओं का आधार कहा जा सकता है जिसके माध्यम से अवलोकन,मनन,चिंतन विश्लेषण और निष्कर्ष से किसी परिणाम तक पहुंचता है
ReplyDeleteअवलोकन कौशल बच्चों के विज्ञान सीखने में बहुत सहायक होते हैं बच्चे को यदि अध्यापन कार्य कराते समय हम बाहर के वातावरण में ले जाएं तो वहां पर विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे जड़ी-बूटी और जीव जंतुओं के बारे में साक्षात लोकन करते हुए यदि उनको इस बात की जानकारी दी जाए उनको अध्यापन कार्य कराया जाए तो पुस्तक पढ़ने से बेहतर ही होगा कि बच्चे उनको देखकर अच्छे से समझ सके
ReplyDeleteछात्रों को विज्ञान सीखने के लिए प्रत्यक्ष अवलोकन करना आवश्यक है
ReplyDeleteअपने आसपास के वातावरण में पेड़ पौधे, जीव जंतु, प्रकृति के अवलोकन से बच्चों में जानकारी पहले से होती है जिससे सीखना सरल होता है।
ReplyDeleteअवलोकन कौशल से बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है एवं वह उनका तर्कशक्ति बढ़ता है
ReplyDeleteविज्ञान सिखने के लिए अवलोकन जरूरी हैं साथ ही पुस्तकों से भी जानकारी लेना जरूरी है
ReplyDeleteअपने आसपासके वातावरणमें पेड़पौधे जीव जंतु,प्रकृति के अवलोकन सेबच्चों में जानकारी पहले से होती है जिसे सीखना सरल हो जाता हैं
ReplyDeleteAvlokan ke dwara vigyan ko baccho ko adhik prabhavi tarike se samjhaya ja sakta hai.
ReplyDeleteअवलोकन के माध्यम से बच्चे प्रत्यक्ष परिचित होकर अवधारणाओ को आसानी से समझते है।
ReplyDelete
ReplyDeleteअवलोकन के माध्यम से विद्यार्थी आसपास की घटनाओं को देखते हैं समझते हैं उनका कारण जानने की कोशिश करते हैं जिज्ञासु होते हैं उन तथ्यों के सभी जानकारी प्राप्त करते हैं विज्ञान के प्रयोगों को स्वयं करके देखते हैं तो अधिगम और अधिक स्थाई हो जाता है।
हम विद्यालय के आसपास जाकर पर्यावरण से जुड़े पौधे जीव जन्तु आदि का अध्ययन करते हैं। इससे बच्चे आसानी के साथ सीख सकते हैं (विनोद कुमार साहू)
ReplyDeleteअवलोकन कौशल विज्ञान सीखने का सार्थक प्रयोग है जिससे विज्ञान को आसानी से समझा जा सकता है ।धन्यवाद
ReplyDeleteअवलोकन के माध्यम से विद्यार्थी आसपास की घटनाओं को देखते हैं समझते हैं उनका कारण जानने की कोशिश करते हैं जिज्ञासु होते हैं उन तथ्यों के सभी जानकारी प्राप्त करते हैं विज्ञान के प्रयोगों को स्वयं करके देखते हैं तो अधिगम और अधिक स्थाई हो जाता
ReplyDeleteअवलोकन के माध्यम से विद्यार्थी आसपास की घटनाओं को देखते हैं समझते हैं उनका कारण जानने की कोशिश करते हैं जिज्ञासु होते हैं उन तथ्यों के सभी जानकारी प्राप्त करते हैं विज्ञान के प्रयोगों को स्वयं करके देखते हैं तो अधिगम और अधिक स्थाई हो जाता
ReplyDeleteअवलोकन कौशल विज्ञान की प्रमुख कौशल है । अवलोकन कला के माध्यम से विद्यार्थी स्वयं आंखों से किसी तथ्य या वस्तु को परखता है और उसमें धीरे धीरे पारंगत होता है विज्ञान सीखने के लिए अवलोकन में पारंगत होना आवश्यक है ताकि किसी निष्कर्ष तक पहुंच सकें। इसी तरह अवलोकन कौशल बच्चों के विज्ञान सीखने में सहायक होते हैं।विज्ञान में अवलोकन कौशल एक महत्वपूर्ण कौशल है, अवलोकन ही विज्ञान सीखने और समझने का आधार है, इसके द्वारा ही बच्चे अपने आसपास की घटनाओं को देखते है, उसका विश्लेषण करते हैं, और समझते हैं ।
ReplyDeleteअवलोकन की क्रिया से बच्चे प्रत्यक्ष परिचित होकर वैज्ञानिक अवधारणाओं को आसानी से समझते हैं।विज्ञान के प्रति रुचि जागृत होता है।तर्कशक्ति एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है।
ReplyDeleteयदि हम बच्चों को कक्षा से बाहर ले जाकर पेड़ पौधों का अवलोकन कराते हैं, तो बच्चे स्वयं चिंतन करते हैं मनन करते हैं और उसका परिणाम ज्ञात करने का प्रयास करते हैं। अवलोकन विज्ञान की समस्त प्रक्रियाओं का आधार है जिसके माध्यम से चिंतन ,मनन ,विश्लेषण ,तर्क आदि किसी भी निष्कर्ष तक पहुंचा जा सकता है
ReplyDeleteबच्चों को कक्षा से बाहर ले जाकर पेड़ पौधों, जीवों का अवलोकन कराना चाहिए
ReplyDeleteबच्चों को कक्षा से बाहर ले जाकर पेड़ पौधों, जीवों का अवलोकन कराना चाहिए
ReplyDeleteअवलोकन को विज्ञान का प्रवेश द्वार कहा जा सकता है।बच्चे सहज ही अपने आसपास के वस्तुओं, घटनाओं एवं पर्यावरण को देखकर आकर्षित होते रहते हैं।उनकी इस सहज प्रवृत्ति को परिष्कृत कर ,वैज्ञानिक दृष्टिकोण देकर,कार्य-कारण संबंधों के प्रति खोजी दृष्टि देकर हम उनके विज्ञान सीखने को सरल व रुचिकर बना सकते हैं।
ReplyDeleteअवलोकन कौशल समझ के साथ सीखने का मार्ग प्रशस्त करता है, तथा यह विधि व्यवहारिक एवं विज्ञान सम्मत है! अवलोकन के द्वारा बच्चों चीजों को प्रत्यक्ष समझता है, तुलना करता है, निष्कर्षण करता है और प्रत्यक्ष अनुभव के आधार पर सिद्धांत का निर्माण एवं उसकी जांच कर सकता है!
ReplyDeleteविज्ञान एक प्रायोगिक विषय है प्रायोगिक गतिविधियों जैसे भौतिक एवं जैविक पर्यावरण एवं आसपास की घटनाओं को देखना, समझना , जानकारी लेना एवं तथ्यों के साथ प्रस्तुत करना यह एक अवलोकन है। इस अवलोकन के माध्यम से बच्चे विज्ञान को सीखने में सहायक होता है।
ReplyDeleteअवलोकन के द्वारा बच्चे समझ एवं तर्क के साथ सीखते हैं
ReplyDeleteपाठ्य-पुस्तक कि सहायता से विभिन्न मुद्दों पर विभिन्न प्रकार के बच्चों से चर्चा करेंगे और अध्ययन अध्यापन कराएंगे।
ReplyDeleteविज्ञान शिक्षा में अवलोकन कर परिणाम तक पहुंच कर निष्कर्ष निकालने से बच्चे अपने समझ को अधिक विकसित करते हैं
ReplyDeleteअवलोकन के माध्यम से विद्यार्थी आसपास की घटनाओं को देखते हैं समझते हैं उनका कारण जानने की कोशिश करते हैं जिज्ञासु होते हैं उन तथ्यों के सभी जानकारी प्राप्त करते हैं विज्ञान के प्रयोगों को स्वयं करके देखते हैं तो अधिगम और अधिक स्थाई हो जाता है।
ReplyDeleteकिसी भी ज्ञान को अर्जित करने के लिए हमारा सबसे पहला और महत्वपूर्ण भाग अवलोकन होता है किसी भी चीज या वस्तु को देखकर परख एवं प्रयोग करने से ही स्थाई समझ विकसित होती है एवं वैज्ञानिक कारण एवं तथ्यों की जानकारी हेतु जिज्ञासा बढ़ती है
ReplyDeleteअवलोकन से बच्चा जिज्ञासु हो जाता है, जो उसे करके सीखने को उत्साहित करती है।
ReplyDeleteअवलोकन करने से किसी भी वस्तु, व्यक्ति या पर्यावरण से जुड़े सभी पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।इसके द्वारा बच्चे आसानी से परखना और तुलना करना सीख सकते हैं।इसलिए विज्ञान पढ़ाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
ReplyDelete
ReplyDeleteअवलोकन कौशल से शिक्षक विद्यार्थीयों को आसपास की घटनाओं को देखने का मौका देते हैं। इससे बच्चे किसी कार्य का अवलोकन कर उनका कारण जानने की कोशिश करते हैं।वे जिज्ञासु होते हैं अतः उन तथ्यों के सभी जानकारी प्राप्त करते हैं। विज्ञान के प्रयोगों को स्वयं करके देखते हैं तो अवधारणा स्पष्ट और स्थाई हो जाता है।
अवलोकन कौशल,विज्ञान सीखने के लिए मदद कर सकता है,पर प्रैक्टिकल अति आवश्यक है।।
ReplyDeleteअवलोकन कौशल बच्चों के विज्ञान सीखने में खेल खेल में अनेक प्रकार से सहायक है अवलोकन कौशल को दैनिक जीवन चर्या से जोड़कर तार्किक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को प्रायोगिक एवं व्यावहारिक रूप से प्रयोग कर सकते हैं
ReplyDeleteहवा- बोतल, बलून, फिरनी
पानी- पाइप, ग्लास,मटका, बलून
आग- मोमबत्ती, लकड़ी, कोयला बिजली इत्यादि का छोटे-छोटे TLM के द्वारा अवलोकन कौशल के वैज्ञानिक तथ्य को आसानी से समझाया जा सकता है ।
श्रीमती सुषमा पटेल
शा.प्रा.शाला कुसमी
जिला बेमेतरा
अवलोकन से किसी भी घटना , वस्तु या जीव इत्यादि के बारे में अधिक जानने की उत्सुकता व रूचि उत्पन्न होती है , इससे विद्यार्थी उक्त घटना , वस्तु या जीव इत्यादि के बारे में अधिक जानकारी अथवा सूचनाएं प्राप्त करने का प्रयास करता है , तदुपरान्त अवधारणाओं का निर्माण करता है तथा विविध प्रकारों से इन अवधारणाओं की जांच कर निष्कर्ष तक पहुँचने का प्रयास करता है , यही सब चरण विज्ञान सीखने में भी होते हैं इस प्रकार अवलोकन विद्यार्थी के विज्ञान सीखने में सहायक होता है I
ReplyDeleteSandhya Bala Dewangan
ReplyDeleteअवलोकन कौशल के माध्यम से बच्चे स्वयं विषय वस्तु से अच्छे से परिचित होकर उसका विश्लेषण करते हैं, उसपर चर्चा करके निष्कर्ष निकालने में कामयाब होते हैं जो कि विज्ञान शिक्षण का मुख्य आधार है
अवलोकन कौशल बच्चों के विज्ञान सीखने में सहायक होते हैं क्योंकि बच्चे जिज्ञासु होते हैं और अपने जिज्ञासा के कारण ही वह अवलोकन करता है और विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ता है जैसे - बच्चे बीज को अंकुरित होते हुए देखता है तो वह सोचता है कि वह कैसे अंकुरित होता है ? कैसे वृद्धि करता है ? उसे धूप की आवश्यकता क्यों पड़ता है? पानी की जरूरत क्यों पड़ता है? आदि कई तरह के सवाल उनके विचार में आते हैं और इन्ही प्रश्नों का वह उत्तर ढूढने का प्रयास करता है इसके लिए प्रयोग करता है । अतः हम कह सकते हैं कि अवलोकन कौशल विज्ञान सीखने में सहायक है।
ReplyDeleteअवलोकन कौशल से बच्चो मे वैज्ञानिक दृष्टिकोण और तार्किक क्षमता का विकास होता है।
ReplyDeleteविज्ञान सीखने के लिए करके सीखना जरूरी होता है और साथ में उसका अवलोकन करना चाहिए ताकि बच्चे स्थाई ज्ञान अजीत कर सके।
ReplyDeleteविज्ञान एक प्रायोगिक विषय है यह अवलोकन और अभ्यास पर आधारित है प्रायोगिक गतिविधियों जैसे भौतिक एवं जैविक पर्यावरण एवं आसपास की घटनाओं को देखना, समझना , जानकारी लेना एवं तथ्यों के साथ प्रस्तुत करना यह एक अवलोकन है। इस अवलोकन के माध्यम से बच्चे विज्ञान को सीखने में सहायक होता है।
ReplyDeleteकोई भी प्रयोग हो या किसी घटना या किसी प्राकृतिक दृश्य का बच्चे अवलोकन करते हैं और उनसे जो निष्कर्ष निकालते हैं वो स्थाई ज्ञान होता है।
ReplyDeleteअवलोकन कौशल को समझने के लिए पेड़ पौधों एवं जीव जंतुओ के बारे में जानकारी प्राप्त करना जरूरी है अत: इनके बीच जाकर बच्चों को अवलोकन कराने से ज्ञान को आसानी से समझ सकते हैं
ReplyDeleteअवलोकन से ही विज्ञान की समझ विकसित की जा सकती है जब तक बच्चे करके नही देखेंगे तब तक विज्ञान की समझ नही बढ़ेगी
ReplyDeleteविज्ञान में अवलोकन कौशल एक महत्वपूर्ण कौशल है, अवलोकन ही विज्ञान सीखने और समझने का आधार है, इसके द्वारा ही बच्चे अपने आसपास की घटनाओं को देखते है, उसका विश्लेषण करते हैं, और समझते हैं.
Bchcho ko avlokan k madhyam se kisi vastu ko dikhane se bchche swayam us vashtu ko dekh parakh skte hai or uske vishay me jankari prapt kr skte hai isliye avlokan kaushal vigyan shikshan me jaruri kaushal hai..
ReplyDeleteBchcho ko avlokan k madhyam se kisi vastu ko dikhane se bchche swayam us vashtu ko dekh parakh skte hai or uske vishay me jankari prapt kr skte hai isliye avlokan kaushal vigyan shikshan me jaruri kaushal hai..
ReplyDeleteBchcho ko avlokan k madhyam se kisi vastu ko dikhane se bchche swayam us vashtu ko dekh parakh skte hai or uske vishay me jankari prapt kr skte hai isliye avlokan kaushal vigyan shikshan me jaruri kaushal hai..
ReplyDeleteविज्ञान में अवलोकन कौशल एक महत्वपूर्ण कौशल हैं।अवलोकन ही विज्ञान को सीखने और समझने का मुख्य आधार हैं।इसी के आधार पर बच्चें अपने आसपास की चीजों का अवलोकन करते हैं, विश्लेषण करते हैं और समझते हैं।
ReplyDelete
ReplyDeleteअव लोकन की क्रिया बच्चों को प्रति दिन .प्रति पल घटने वाली घटनाओं को क्रमबद्ध रूप सेअर्थ ग्रहण करने में मदद करती है वह जीवन का मजा दिलाने वाली ऐसी बात जिसका वह दर्शन बार.बार
avlokan Kaushal bacchon ke sikhane mein atyadhik sahayak isliye hote hain kyunki koi bhi chij jisse ham maukhik roop se padhte Hain to vah hamare Mana patal per utani acche se nahin ruk party hai pathar sthai nahin Ho paati hai kintu yadi ham usi chij ko khud se karke dekhen to vah chij hamesha ke liye hamare Mana patal per sthit Ho jaati hai aur use ham jivan mein kabhi bhi nahin bolate Jaise bachpan ki Kai chijen Jo humne swayam karke dekhi Hain use ham Aaj bhi nahin bhule Hain atah bacchon ko koi bhi karya karvane ke liye uska avlokan jarur karvayen aur yah ek acchi aur satik prakriya hai kisi bhi bacche ke Vikas ke liye
ReplyDeleteबच्चों को कक्षा से बाहर ले जाकर पेड़ पौधों का अवलोकन कराने से जल्दी सीखेंगे । अवलोकन विज्ञान की समस्त प्रक्रियाओं का आधार है जिसके माध्यम से चिंतन ,मनन ,विश्लेषण ,तर्क आदि किसी भी निष्कर्ष तक पहुंचा जा सकता है।
ReplyDeleteविज्ञान में अवलोकन कौशल एक महत्वपूर्ण कौशल है ,जिसके द्वारा बच्चे करके ही सीखते हैं ।विज्ञान ही है करके सीखना ।विज्ञान का अर्थ है अपने आसपास की चीजों को अवलोकन करके सीखा जा सके। पास का अवलोकन करके ही विज्ञान की आधारशिला बनती है
ReplyDeleteअवलोकन करने से किसी भी वस्तु, व्यक्ति या पर्यावरण से जुड़े सभी पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।इसके द्वारा बच्चे आसानी से परखना और तुलना करना सीख सकते हैं।इसलिए विज्ञान पढ़ाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।बच्चों को कक्षा से बाहर ले जाकर पेड़ पौधों का अवलोकन कराने से जल्दी सीखेंगे । अवलोकन विज्ञान की समस्त प्रक्रियाओं का आधार है जिसके माध्यम से चिंतन ,मनन ,विश्लेषण ,तर्क आदि किसी भी निष्कर्ष तक पहुंचा जा सकता है।
ReplyDeleteअवलोकन के माध्यम से बच्चे विषय वस्तु को अधिक से अधिक समझ सकते हैं उनके बारे में जान सकते हैं उनको सीखने सिखाने में ज्यादा आसानी होगी इसलिए किसी विषय वस्तु को उन्हें स्वयं से करने के लिए देना चाहिए
ReplyDeleteकिसी वस्तु की प्रकृति को समझने के लिए गहराई पूर्वक अवलोकन आवश्यक है बच्चों को इसका पर्याप्त अवसर दिया जाना चाहिए ......
ReplyDeleteअवलोकन के माध्यम से विद्यार्थी आसपास की घटनाओं को देखते हैं समझते हैं उनका कारण जानने की कोशिश करते हैं जिज्ञासु होते हैं उन तथ्यों के सभी जानकारी प्राप्त करते हैं विज्ञान के प्रयोगों को स्वयं करके देखते हैं तो अधिगम और अधिक स्थाई हो जाता है।
ReplyDeleteअवलोकन के माध्यम से विद्यार्थी आसपास की घटनाओं को देखते हैं समझते हैं उनका कारण जानने की कोशिश करते हैं जिज्ञासु होते हैं उन तथ्यों के सभी जानकारी प्राप्त करते हैं विज्ञान के प्रयोगों को स्वयं करके देखते हैं तो अधिगम और अधिक स्थाई हो जाता है।
ReplyDeleteRajesh Kumar Maheshwari
Teacher (L.B.)
MS Kosamdih, Masturi, District-Bilaspur
प्रकृति ऐसी चिज है जो हमेशा सभी के जिज्ञासा का केंद्र रहा है।इसी प्रकार अवलोकन के द्वारा बच्चों में भी यही प्रवृत्ति होती है जो विज्ञान को स्वीकार करने और सीखने को बढ़ावा देती है
ReplyDeleteअवलोकन करने से किसी भी वस्तु, व्यक्ति या पर्यावरण से जुड़े सभी पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।इसके द्वारा बच्चे आसानी से परखना और तुलना करना सीख सकते हैं।इसलिए विज्ञान पढ़ाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।बच्चों को कक्षा से बाहर ले जाकर पेड़ पौधों का अवलोकन कराने से जल्दी सीखेंगे । अवलोकन विज्ञान की समस्त प्रक्रियाओं का आधार है जिसके माध्यम से चिंतन ,मनन ,विश्लेषण ,तर्क आदि किसी भी निष्कर्ष तक पहुंचा जा सकता है।
ReplyDeleteअवलोकन कौशल विद्यार्थियों में तार्किक एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण को निर्मित करती है। बच्चों को अपने आस पास के जीव-जंतु , पेड़-पौधों के बारे प्रत्यक्ष रूप से उनमें समय समय पर होने वाले बदलाव के बारे में स्पष्ट रूप से बताएं और स्वयं अवलोकन करने कहें, जिससे बच्चों में तार्किक गुण का विकास हो सके।
ReplyDeleteअवलोकन हि विज्ञान को समझने का पहला चरण और अवलोकन से बच्चों के मन में कुछ जानने और समझने की इच्छा होती है और यही जिज्ञासा विज्ञान को समझने में मदद करती है
ReplyDeleteVigyan sikhne ke liye practical jaruri h
ReplyDeleteअवलोकन की क्रिया से बच्चे प्रत्यक्ष परिचित होकर वैज्ञानिक अवधारणाओं को आसानी से समझते हैं।विज्ञान के प्रति रुचि जागृत होता है।तर्कशक्ति एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है।
ReplyDeleteबच्चों को कोई भी विषय के बारे में समझाने के लिए उसे प्रैक्टिकल और थियोरी दोनों को एक साथ समझाने से बच्चे जल्दी सीखते हैं अवलोकन करते हैं।
ReplyDeletebacche Bachpan se Hi jigyasu Hote Hain unhen Kuchh naya karne ka vah bhi lalach hoti hai Kyon Na Ham bacchon Ko Apne Aas Paas Paye Jane Wale vibhinn chijon ko dikha kar unhen chhukar dekh kar alokin kar tulna kar vargikaran kar vishleshan kar prayogik Karya kar song Kar vibhinn gatividhiyan se vibhinn Kaushal bacchon ko sikhane ke Liye Aasan aur Behtar sabit Hote hi
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