मॉड्यूल
14
गतिविधि 2: योजना साझा
करें
समग्र शिक्षा के सांस्कृतिक और पर्यावरणीय
पहलू के अंतर्गत आप कौन सी नवाचार गतिविधियाँ कर सकते हैं। एक संक्षिप्त योजना साझा
करें।
चिंतन के लिए कुछ समय लें और कमेंट बॉक्स में अपनी टिप्पणी दर्ज करें ।
मॉड्यूल
14
गतिविधि 2: योजना साझा
करें
समग्र शिक्षा के सांस्कृतिक और पर्यावरणीय
पहलू के अंतर्गत आप कौन सी नवाचार गतिविधियाँ कर सकते हैं। एक संक्षिप्त योजना साझा
करें।
चिंतन के लिए कुछ समय लें और कमेंट बॉक्स में अपनी टिप्पणी दर्ज करें ।
आसपास का भ्रमण करके ।
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलू के अंतर्गत हम अपने गांव मे ही बच्चों को वहाँ रहवासी बुजुर्गों से सांस्कृतिक और पूर्व तथा वर्तमान परिदृश्य मे होने वाले पर्यावरणीय बदलाव पर विस्तृत चर्चा गतिविधियां कर सकते हैं।
Deleteअलग अलग विद्यालयो मे जाकर वहां की संस्कृति के बारे में जानना
ReplyDeleteसांस्कृतिक गतिविधियों के अंतर्गत गणतंत्र एवं स्वतत्रता िदिवस जैसे महत्वपूर्ण िदिवस पर छात्रों को िविभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम करवाता हूं। जैसे नाटक और ऐतिहासिक चरित्रों का अभिनय, देशभक्तिपूर्ण गीत एवं कविताएं साथ ही पर्यावरणीय गतिविधि केे अंगर्गत छात्रों को वेस्ट मटेरियल प्लास्टिक के िडिब्बे मे फूल पोैधे लगवाता हूूं और उन पर चर्चा भी की जाती है।
ReplyDeleteशिक्षा संबंधी सांस्कृतिक क्रियाकलापों के द्वारा एवं बच्चों को शैक्षिक भ्रमण पर ले जाकर पर्यावरण संबंधी ज्ञान एवं सांस्कृतिक विकास किया जा सकता है।
ReplyDeletemobilize
Deletethe children to work for the cause eradicate plastic from the village supply one container to every house and ask them to dumb anything and everything that is made up of plastic into it including the e-waste the children of each family will be assigned with the task of monitoring the collection of plastic into the container that is supplied to them.
RADHAKRISHNA MISHRA
अलग अलग विद्यालयो मे जाकर वहां की संस्कृति के बारे में जानना
ReplyDeleteशिक्षा संबंधी सांस्कृतिक क्रियाकलापों के द्वारा एवं बच्चों को शैक्षिक भ्रमण पर ले जाकर पर्यावरण संबंधी ज्ञान एवं सांस्कृतिक विकास किया जा सकता है।
Deleteसंस्कृतिक गतिविधी के अन्तर्गत गणतंत्र दिवस की, स्वतंत्रता दिवस,आदि महत्वपूर्ण दिवसो पर छात्रों को विभिन्न कार्य क्रम करवाना, नाटक एतिहासिक चित्रों पर अभिनय करवाना, देश भक्ति पूर्ण गीत,कविता, पाठ करवाना,पर्यावरण गतिविधी के अन्तर्गत वेस्ट मटेरियल से डिब्बा बनाकर उसमे फुल के पौधे लगवाना तथा उन पर चर्चा करना, बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण पर ले जना ,आदि किया जा सकता है।
ReplyDeleteशिक्षा संबंधी सांस्कृतिक क्रियाकलापों में हम पर्यावरण संबंधी ज्ञान देते हुए सांस्कृतिक विकास कर सकते हैं|
DeleteVisit to different schools and learn their cultures should be done
ReplyDeleteशिक्षा संबंधी सांस्कृतिक क्रियाकलापों के द्वारा एवं बच्चों को शैक्षिक भ्रमण पर ले जाकर पर्यावरण संबंधी ज्ञान एवं सांस्कृतिक विकास किया जा सकता है।
ReplyDeleteअलग अलग विद्यालयो मे जाकर वहां की संस्कृति के बारे में जानना
ReplyDeleteशिक्षा संबंधी सांस्कृतिक क्रियाकलापों के द्वारा एवम् बच्चों को शैक्षिक भ्रमण पर ले जाकर पर्यावरण संबंधी ज्ञान एवम् सांस्कृतिक विकास किया जा सकता है।
ReplyDeleteअलग अलग विद्यालय जाकर वहां की संस्कृति के बारे में जान सकते है
हमारे यहाँ प्रति वर्ष 15 अगस्त,26 जनवरी को सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता हैं जिसमें स्थानीय रीतिरिवाजों, परम्पराओं, तीज - त्योहारों से संबंधित कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं जिससे बच्चें अपने रीतिरिवाजों, परम्पराओं, तीज - त्यौहारों, संस्कृतियों को काफी करीब से जानने,समझने और विरासत की देन के रूप में अपने संस्कृतियों को बनाएं रखने, कायम रखने का समझ विकसित होता हैं।इसके अलावा माह में जो- जो जयन्तियां आती हैं, स्थानीय त्यौहार आते हैं उसके बारें में भी कार्यक्रम आयोजित की जाती हैं, उस पर चर्चा - परिचर्चाएँ होती हैं गॉव प्रमुख,smc के सदस्यों, पालक व ग्रामीणजनों की उपस्थिति होती हैं जिसमें बच्चों को विस्तृत रूप से व सभी पहलूओं पर बारीकियों से जानकारियां मिल जाती हैं। कई अवसरों पर शैक्षिक भ्रमण कराकर पर्यावरणीय जानकारियां उपलब्ध कराई जाती हैं।उसके महत्ता, संरक्षण के बारे में भी परिचर्चाएँ कर पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी दी व ली भी जाती हैं।
ReplyDeleteसांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलू के अंतर्गत शालाओं मेंं वन महोत्सव का आयोजन किया जा सकता है।इस दिन प्रत्येक बच्चा यथासंभव अलग-अलग प्रकार के पौधे साथ मेंं लेकर शाला आएं तथा उसे शाला परिसर या खाली पड़े उचित स्थान पर लगाएं और उस संस्था मेंं रहने तक उसकी देखभाल की जिम्मेदारी लें।इस तरह से बच्चे पर्यावरणीय संस्कृति से जुड़ सकते हैं।
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलू के अंतर्गत खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन, जयन्तियों का आयोजन, स्थानीय त्योहारों पर विविध आयोजन किया जा सकता है।
ReplyDeleteआसपास के विद्यालय वाह गावों का भ्रमण करके ।
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के सांस्कृतिक के अंतर्गत गणतंत्र दिवस की, स्वतंत्रता दिवस,आदि महत्वपूर्ण दिवसो पर छात्रों को विभिन्न कार्यक्रम करवाना, नाटक ऐतिहासिक चित्रों पर अभिनय करवाना, देश भक्ति पूर्ण गीत,कविता, पाठ करवाना,जिससे बच्चें अपने रीतिरिवाजों, परम्पराओं, तीज - त्यौहारों, संस्कृतियों को काफी करीब से जानने,समझने और विरासत की देन के रूप में अपने संस्कृतियों को बनाएं रखने, कायम रखने का समझ विकसित होता हैं।पर्यावरण गतिविधी के अन्तर्गत वेस्ट मटेरियल से डिब्बा बनाकर उसमे फुल के पौधे लगवाना तथा उन पर चर्चा करना, बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण पर ले जना ,आदि किया जा सकता है।
ReplyDeleteशिक्षा संबंधी सांस्कृतिक क्रियाकलापों के द्वारा एवं बच्चों को शैक्षिक भ्रमण पर ले जाकर पर्यावरण संबंधी ज्ञान एवं सांस्कृतिक विकास किया जा सकता है।(kk siware)
ReplyDeleteअलग अलग विद्यालय में जाकर वहां की गतिविधि के पर्यावरण जागरूकता अभियान और इससे जुड़े जयन्तीय आदि को दिखाकर
ReplyDeleteसांस्कृतिक गतिविधियों के अंतर्गत गणतंत्र दिवस ,स्वतंत्रता दिवस एवं वार्षिक उत्सव के समय सांस्कृतिक कार्यक्रम करवाता हूं। जैसे नाटक, देश भक्ति गीत लोक गीत लोक नृत्य आदि। इसके साथ-साथ स्वच्छता पर्यावरण एवं पौधों की देखभाल कैसे करें इस पर बच्चों को शिक्षा दी जाती है।
ReplyDeleteदैनिक उपयोग के लिए परंपरागत रूप से प्रयोग में लाई जाने वाली इको फ्रेंडली वस्तुओं और तौर-तरीकों का प्रयोग करने का अभ्यास करके
ReplyDeleteशिक्षा संबंधी सांस्कृतिक क्रियाकलापों के द्वारा एवं बच्चों को शैक्षिक भ्रमण पर ले जाकर पर्यावरण संबंधी ज्ञान एवं सांस्कृतिक विकास किया जा सकता है।
ReplyDeleteसंस्कृतिक गतिविधी के अन्तर्गत गणतंत्र दिवस की, स्वतंत्रता दिवस,आदि महत्वपूर्ण दिवसो पर छात्रों को विभिन्न कार्य क्रम करवाना, नाटक एतिहासिक चित्रों पर अभिनय करवाना, देश भक्ति पूर्ण गीत,कविता, पाठ करवाना,पर्यावरण गतिविधी के अन्तर्गत वेस्ट मटेरियल से डिब्बा बनाकर उसमे फुल के पौधे लगवाना तथा उन पर चर्चा करना, बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण पर ले जना ,आदि किया जा सकता है।
ReplyDeleteसंस्कृतिक गतिविधी के अन्तर्गत गणतंत्र दिवस की, स्वतंत्रता दिवस,आदि महत्वपूर्ण दिवसो पर छात्रों को विभिन्न कार्य क्रम करवाना, नाटक एतिहासिक चित्रों पर अभिनय करवाना, देश भक्ति पूर्ण गीत,कविता, पाठ करवाना,पर्यावरण गतिविधी के अन्तर्गत वेस्ट मटेरियल से डिब्बा बनाकर उसमे फुल के पौधे लगवाना तथा उन पर चर्चा करना, बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण पर ले जना ,आदि किया जा सकता है।
ReplyDeleteशिक्षा संबंधी सांस्कृतिक गतिविधि कराने हेतु छात्रों को मेला मड़ाई आसपास के औद्योगिक क्षेत्र तथा विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम 15 अगस्त 26 जनवरी बालमेला आदि विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन कराया जा सकता है
ReplyDeleteस्थानीय स्तर के संस्कृतिक गतिविधी के अन्तर्गत गणतंत्र दिवस की, स्वतंत्रता दिवस,आदि महत्वपूर्ण दिवसो पर छात्रों को विभिन्न कार्यक्रम करवाना, नाटक ऐतिहासिक चित्रों पर अभिनय करवाना, देश भक्ति पूर्ण गीत,कविता, पाठ करवाना,पर्यावरण गतिविधी के अन्तर्गत वेस्ट मटेरियल से डिब्बा बनाकर उसमे फुल के पौधे लगवाना तथा उन पर चर्चा करना, बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण पर ले जना ,आदि किया जा सकता है।
ReplyDeleteशिक्षा संबंधी सांस्कृतिक गतिविधि कराने हेतु छात्रों को मेला मड़ाई आसपास के औद्योगिक क्षेत्र तथा विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम 15 अगस्त 26 जनवरी बालमेला आदि विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन कराया जा सकता है
ReplyDeleteअपने आस पास के शाला तथा गांव में भृमण करके अनेक गतिविधियों का आयोजन किया जा सकता है।
ReplyDeletePritan kumar Xess,स्थानीय स्तर के संस्कृतिक गतिविधी के अन्तर्गत गणतंत्र दिवस की, स्वतंत्रता दिवस,आदि महत्वपूर्ण दिवसो पर छात्रों को विभिन्न कार्यक्रम करवाना, नाटक ऐतिहासिक चित्रों पर अभिनय करवाना, देश भक्ति पूर्ण गीत,कविता, पाठ करवाना,पर्यावरण गतिविधी के अन्तर्गत वेस्ट मटेरियल से डिब्बा बनाकर उसमे फुल के पौधे लगवाना तथा उन पर चर्चा करना, बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण पर ले जना ,आदि किया जा सकता है।
ReplyDeleteशिक्षा संबंधी संस्कृति क्रियाकलापों द्वारा एवं बच्चों के शैक्षिक भ्रमण पर ले जाकर पर्यावरण संबंधी ज्ञान एवं सांस्कृतिक विकास किया जा सकता है
ReplyDeleteतिरीथ राम वर्मा उच्च वर्ग शिक्षक शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला खपरीखुर्द,राजनांदगांव सांस्कृतिक गतिविधियों के अंतर्गत स्वतंत्रता दिवस,गणतंत्र दिवस वार्षिक उत्सव पर नाटक, समूह नृत्य ,गीत,कविता, आदि का आयोजन करवाता हूं ।पर्यावरण गतिविधि के अंतर्गत वन महोत्सव करके सभी बच्चों से पौधे मंगाकर चर्चा की जाती है ।बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण पर ले जाता हूं ।
ReplyDeleteAnnual day celebrate, cultural program by artists in cluster high school.
ReplyDeleteसंस्कृतिक गतिविधी के अन्तर्गत गणतंत्र दिवस की, स्वतंत्रता दिवस,आदि महत्वपूर्ण दिवसो पर छात्रों को विभिन्न कार्य क्रम करवाना, नाटक एतिहासिक चित्रों पर अभिनय करवाना, देश भक्ति पूर्ण गीत,कविता, पाठ करवाना,पर्यावरण गतिविधी के अन्तर्गत वेस्ट मटेरियल से डिब्बा बनाकर उसमे फुल के पौधे लगवाना तथा उन पर चर्चा करना, बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण पर ले जना ,आदि किया जा सकता है
ReplyDeleteसांस्कृतिक गतिविधि के अंतर्गत गणतंत्र दिवस व स्वतंत्र दिवस आदि महत्वपूर्ण दिवसों पर बच्चों को विभिन्न कार्यक्रम करवाना नाटक, ऐतिहासिक चित्रों पर अभिनय करवाना, देशभक्ति पूर्ण गीत कविता व पर्यावरण गतिविधि के अंतर्गत वेस्ट मटेरियलो से डिब्बा बना कर फूल के पौधे लगवाना तथा उस पर चर्चा करना, शैक्षणिक भ्रमण पर ले जाना, स्थानी त्यौहारों आते हैं, इसके बारे में विभिन्न प्रकार की गतिविधियां आयोजित किया जा सकता है, और इसी प्रकार से विभिन्न प्रकार के खेल का आयोजन भी किया जा सकता है।
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के सांस्कृतिक के अंतर्गत गणतंत्र दिवस की, स्वतंत्रता दिवस,आदि महत्वपूर्ण दिवसो पर छात्रों को विभिन्न कार्यक्रम करवाना, नाटक ऐतिहासिक चित्रों पर अभिनय करवाना, देश भक्ति पूर्ण गीत,कविता, पाठ करवाना,जिससे बच्चें अपने रीतिरिवाजों, परम्पराओं, तीज - त्यौहारों, संस्कृतियों को काफी करीब से जानने,समझने और विरासत की देन के रूप में अपने संस्कृतियों को बनाएं रखने, कायम रखने का समझ विकसित होता हैं।पर्यावरण गतिविधी के अन्तर्गत वेस्ट मटेरियल से डिब्बा बनाकर उसमे फुल के पौधे लगवाना तथा उन पर चर्चा करना, बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण पर ले जना ,आदि किया जा सकता है।
ReplyDeleteBacchon ko section bhraman karana 15 August 26 January ke avsar mein Khel kud sanskritik aadi ka aayojan karana
ReplyDeleteशिक्षा संबंधी सांस्कृतिक क्रियाकलापों के द्वारा एवम् बच्चों को शैक्षिक भ्रमण पर ले जाकर पर्यावरण संबंधी ज्ञान एवम् सांस्कृतिक विकास किया जा सकता है।
ReplyDeleteअलग अलग विद्यालय जाकर वहां की संस्कृति के बारे में जान सकते है|
विद्यालय स्थापना दिवस पर "कबाड़ से जुगाड़" पर्यावरण संरक्षण में सहभागी बच्चों को पुरस्कृत करना और सांस्कृतिक कार्यक्रम बच्चों द्वारा किया जाता है।
ReplyDeleteशिक्षा संबंधी सांस्कृतिक क्रियाकलापो के द्वारा एवं बच्चों को शैक्षिक भ्रमण पर ले जाकर पर्यावरण संबंधी ज्ञान एवं। सांस्कृतिक विकास किया जा सकता है
ReplyDeleteइन्द्र सिंह चन्द्रा , उच्च वर्ग शिक्षक , शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला काशीगढ़ , विकास खण्ड-जैजैपुर , जिला - जांजगीर-चांपा , (छ.ग.)
ReplyDelete"समग्र शिक्षा के सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलू"
समग्र शिक्षा के सांस्कृतिक पहलू के अंतर्गत 26 जनवरी गणतंत्र दिवस , 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस एवं 2 अक्टूबर गांधी जयंती आदि महत्वपूर्ण दिवसों पर छात्रों को नवाचार गतिविधियां की समझ विकसित हेतु विभिन्न कार्यक्रम करवाना नाटक , ऐतिहासिक चित्रों पर अभिनय करवाना , देशभक्ति से ओत-प्रोत गीत , कविता ,पाठ करवाना जिससे बच्चे अपने रीति-रिवाजों , परंपराओं , तीज - त्योहारों के माध्यम से संस्कृतियों को काफी करीब से जानने , समझने और विरासत की देन के रूप में अपनी संस्कृतियों को बनाए रखने , कायम रखने का समझ विकसित होता है।
पर्यावरणीय पहलू के अंतर्गत पर्यावरण से संबंधित गतिविधि वन महोत्सव करवाना एवं वेस्ट मटेरियल से डिब्बा बनाकर पौधा रोपण करवाना और पर्यावरणीय क्षेत्रों का भ्रमण कराकर पर्यावरण से संबंधित चर्चा परिचर्चा में भाग लेने हेतु प्रेरित करना। जिससे छात्रों में पर्यावरण संबंधी समस्त पहलुओं की समझ विकसित हो सके।
Module 14kigatividhi 2
ReplyDeleteSamagra shikchha ke Sanskritik aur paryavariy pahalu ke antargat ham Gntantradivas awam Swatantrataa diwas jaise mahatwpurn diwason parchhatron ko vibhinna Sanskritik karyakaram karwate hai jaise Deepawali,Naw warsh jaise anek anek khushi ke awsaron par kam patake fodne ke liye prerit karne wali Natak ka manchan awam prastuti,Aitihasik charitron par abhinay,Deshbhaktipurn geet, Kawitayen sath hi sath Paryawaran gatividhi ke antargat chhatron ko westmateriaplastic ke dibbe me phool paudhe lagwana aur un par charcha karna,bachchon ko shakchanik bhraman par le jakar prakriti se pratyakchh awagat hokar Paryawaran ke prati jagrukta ki bhawna viksisit karna,isthaniya teej tyoharon se sambandhit karykram karwana,Samay samay par anya gatividhi karwana.
Rajesh Kumar Dinkar assistant teacher
St.newboys aashram school Arsiya Sankul Morga via pondi uprora District Korba Chhattisgarh
सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलू के अंतर्गत हमारे राष्ट्रीय पर्व के अलावा सामाजिक,स्थानीय पर्वो के संबंध में जानकारी एवं ऐसे विषयो पर जो हमारी संस्कृति तथा पर्यावरण से संबंधित हो ,निबंध लेखन,वाद विवाद,नाटक आयोजन करना चाहिए।
ReplyDeleteबच्चों को शैक्षिक भ्रमण पर ले जाकर वहाँ की संस्कृति एवं अपने परिवेश की संस्कृति तथा एक से अधिक से अधिक क्षेत्रों का भ्रमण कराकर सांस्कृतिक एवं पर्यावरणीय परिवर्तन से अवगत करवाया जा सकता है।
ReplyDeleteLearn about the culture of different school.
ReplyDeleteसमग्र शिक्षाके तहत अपने आस पास के परिवेश से संबंधित सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन एवम भ्रमण कर क़बाच्छो के विकास मे गति प्रदान किया जा सकता है
ReplyDeleteशिक्षा संबंधित संस्कृति क्रियाकलापों द्वारा बच्चों को शेक्षिक bharmand पर ले जा कर पर्यावरण संबंधी ज्ञान एवं सांस्कृतिक विकास किया जा सकता है।
Deleteमहत्वपूर्ण दिवसों में बच्चों से सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं । पर्यावरण के संबंध में चर्चा कर बच्चों के सहयोग से किचन गार्डन में सब्जी उगाई जाती है।
ReplyDeleteशिक्षा संबंधी सांस्कृतिक क्रियाकलापों के द्वारा एवं बच्चों को शैक्षिक भ्रमण पर ले जाकर पर्यावरण संबंधी ज्ञान एवं सांस्कृतिक विकास किया जा सकता है।
ReplyDeleteसांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलू के अंतर्गत हमारे राष्ट्रीय पर्व के अलावा सामाजिक,स्थानीय पर्वो के संबंध में जानकारी एवं ऐसे विषयो पर जो हमारी संस्कृति तथा पर्यावरण से संबंधित हो ,निबंध लेखन,वाद विवाद,नाटक आयोजन करना चाहिए।
ReplyDeleteShiksha se sambandhit sanskritik gatiwidhi krane hetu chhatron ko shala k aaspas awm gawon ke bhraman krake anek gatiwidhi v karyakram ka ayojan karaya ja sakta hai.
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलू के अंतर्गत खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन, जयन्तियों का आयोजन, स्थानीय त्योहारों पर विविध आयोजन किया जा सकता है।
ReplyDeleteसांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलू के अन्तर्गत शालाओं में वन महोत्सव का आयोजन किया जा सकता है। इस दिन बच्चों के द्वारा पौधारोपण कार्य कराकर पौधे की देखभाल के लिए उन्हें अलग-अलग जिम्मेदारी दी जा सकती है, जिससे छात्रों में पर्यावरण संबंधी ज्ञान एवं सांस्कृतिक का विकास किया जा सकता है।
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलू के अंतर्गत हम अपने गांव मे ही बच्चों को वहाँ रहवासी बुजुर्गों से सांस्कृतिक और पूर्व तथा वर्तमान परिदृश्य मे होने वाले पर्यावरणीय बदलाव पर विस्तृत चर्चा गतिविधियां कर सकते हैं।
ReplyDeleteखुशहाली सोनी
बलौदाबाजार
विनोद कुमार साहू मा शा एर्राकोट )
ReplyDeleteसांस्कृतिक गतिविधि के अन्तर्गत विभिन्न प्रकार के त्यौहारो का आयोजन करना जैसे स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, महात्मा गांधी, जयंती, बाल दिवस, एवं अन्य महापुरषो के जन्मदिन पर विभिन्न प्रकार के गतिविधि का आयोजन करना। शाला के खाली पड़ी जगह में फूलों एवं सब्जी की खेती करना तथा शैक्षणिक भ्रमण में बच्चों को लेकर जाना।
समग्र शिक्षा के सांस्कृतिक और पर्यावरण पहलू के अंतर्गत हम अपनी शाला में मीना मंच कार्यक्रम आयोजित करते है, जिसके अंतर्गत क्विज प्रतियोगिता, सांस्कृतिक कार्यक्रम,खेलकूद,मॉडल प्रतियोगिता, आदि की जाती है।नाटक के माध्यम से, वृक्षारोपण के द्वारा भ्रमण द्वारा पर्यावरण की जानकारी दी जाती है।
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के लिए संस्कृति और पर्यावरण व पहलुओं को समझने के लिए हमारे पास कई ऐसे संसाधन है जैसे प्रिंट युटुब इंटरनेट आदि के द्वारा हम कल परिवेश संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण के बारे में बच्चों को दिखा सकते हैं कल कजरी उपयोग कर सकते हैं और दृश्य श्रव्य ऑडियो विजुअल प्रदर्शित कर सकते हैं इससे बच्चे को समझना में सहायता मिलेगी
ReplyDeleteसांस्कृतिक गतिविधियों के अंतर्गत गणतंत्र एवं स्वतत्रता िदिवस जैसे महत्वपूर्ण िदिवस पर छात्रों को िविभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम करवाता हूं। जैसे नाटक और ऐतिहासिक चरित्रों का अभिनय, देशभक्तिपूर्ण गीत एवं कविताएं साथ ही पर्यावरणीय गतिविधि केे अंगर्गत छात्रों को वेस्ट मटेरियल प्लास्टिक के िडिब्बे मे फूल पोैधे लगवाता हूूं और उन पर चर्चा भी की जाती है।
ReplyDeleteअपने आसपास के गांवों में घूम घूम कर स्टूडेंट का विकास किया जा सकता है
ReplyDeleteशिक्षा संबंधी सांस्कृतिक क्रियाकलापों के द्वारा एवं बच्चों को शैक्षिक भ्रमण पर ले जाकर पर्यावरण संबंधी ज्ञान एवं सांस्कृतिक विकास किया जा सकता है।
ReplyDeleteसांस्कृतिक गतिविधि के अन्तर्गत विभिन्न प्रकार के त्यौहारो का आयोजन करना जैसे स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, महात्मा गांधी, जयंती, बाल दिवस, एवं अन्य महापुरषो के जन्मदिन पर विभिन्न प्रकार के गतिविधि का आयोजन करना। शाला के खाली पड़ी जगह में फूलों एवं सब्जी की खेती करना तथा शैक्षणिक भ्रमण में बच्चों को लेकर जाना।
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलू के अंतर्गत हम अपने गांव मे ही बच्चों को वहाँ रहवासी बुजुर्गों से सांस्कृतिक और पूर्व तथा वर्तमान परिदृश्य मे होने वाले पर्यावरणीय बदलाव पर विस्तृत चर्चा गतिविधियां कर सकते हैं।
ReplyDeleteखेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन, जयन्तियों का आयोजन, स्थानीय त्योहारों पर विविध आयोजन किया जा सकता है।
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलू के अंतर्गत हम अपने गांव मे ही बच्चों को वहाँ रहवासी बुजुर्गों से सांस्कृतिक और पूर्व तथा वर्तमान परिदृश्य मे होने वाले पर्यावरणीय बदलाव पर विस्तृत चर्चा गतिविधियां कर सकते हैं।
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा सांस्कृतिक और पर्यावरण को जानने के लिए बच्चों को असपास के गांव में जाकर वहां के निवासियों से बात चीत कर जानकारी प्राप्त कर सकते है।
ReplyDeleteBachcho ko shaikshik bhraman par le jakar paryavaraniy evm sanskritik vikash kiya ja sakta hai.
ReplyDeleteअलग-अलग विद्यालय मैं जाकर वहां के बारे में जानकारी एकत्र करना
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलू के अंतर्गत हम अपने गांव मे ही बच्चों को वहाँ रहवासी बुजुर्गों से सांस्कृतिक और पूर्व तथा वर्तमान परिदृश्य मे होने वाले पर्यावरणीय बदलाव पर विस्तृत चर्चा गतिविधियां कर सकते हैं।
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के सांस्कृतिक एवं पर्यावरणीय पहलू के अंतर्गत हम बच्चों में सांस्कृतिक मूल्यों का विकास करने के लिए समय-समय पर सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन कर सकते हैं, जिसके अंतर्गत महापुरुषों की जयंतियों एवं पुण्यतिथि पर उनके उनके जीवन से जुड़े प्रसंगों का लेखन, मंचन कर सकते हैं। विभिन्न पर्व और त्योहारों का आयोजन कर सकते हैं।
ReplyDeleteविद्यालय में यूथ क्लब और इको क्लब के माध्यम से बच्चों को पर्यावरण से जोड़ सकते हैं। प्रत्येक बच्चे को उसके जन्मदिन पर एक पेड़ लगाने को कह सकते हैं और उसका संरक्षण की जवाबदारी भी उसे दे सकते हैं जिससे वह बच्चा उस पौधे की पूरी देखभाल करेगा और पर्यावरण से जुड़ा रहेगा। विद्यालय में बच्चों से बागवानी की देखभाल भी करवा सकते हैं।
Alag alag school me jakar waha ki sanskriti ke bare me janana
ReplyDeleteसांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलू के अन्तर्गत शालाओं में वन महोत्सव का आयोजन किया जा सकता है। इस दिन बच्चों के द्वारा पौधारोपण कार्य कराकर पौधे की देखभाल के लिए उन्हें अलग-अलग जिम्मेदारी दी जा सकती है, जिससे छात्रों में पर्यावरण संबंधी ज्ञान एवं सांस्कृतिक का विकास किया जा सकता है।
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलू के अन्तर्गत बच्चो को स्कूल में भय मुक्त वातावरण प्रदान करने के लिए स्कूल प्रशासन महत्वपूर्ण कदम उठा रही है।इसके लिए प्राथमिक स्तर पर हम उन खेलों को बढ़ावा देने के बारे में सोच सकते है जिन्हें बच्चे स्कूल में आने से पहले खेलते आए थे जिससे उन्हें स्कूल का माहौल जाना पहचाना सा लगे।साथ ही हर बच्चे को अपने जन्मदिन पर एक पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए जिसे उन्हें साल भर अपनी देखरेख में बड़ा करने पर पुरस्कार दे कर उनका हौसला बढ़ाया जा सकता है।
ReplyDeleteKhel Khel me shiksha
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के सांस्कृतिक एवं पर्यावरणीय पहलु के अंतर्गत शैक्षिक भ्रमण कराया जा सकता है,तथा हमारी विरासत,पुरातन धरोहरों,हमारी सभ्यता,तथा हमारा पर्यावरण की जानकारी प्रदान कर छात्रों में इनके प्रति अपनेपन व सम्मान की भावना विकसित कर उनमे कौशलों का विकास किया जा सकता है।तथा सम्बंधित गतिविधियों से उन्हें जोड़ा जा सकता है।
ReplyDeleteशिक्षा संबंधी सांस्कृतिक क्रियाकलापों के द्वारा एवं बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण पर ले जाकर पर्यावरण संबंधी ज्ञान एवं सांस्कृतिक विकास किया जा सकता है।
ReplyDeleteAlg alg vidyalyo me jaker unki sankskriti k bare me sikhna
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के तहत सांस्कृतिक कार्यक्रम, बच्चों के लिए गतिविधियां , स्थानीय खेल , पर्यावरण में ईको क्लब का गठन , बच्चों को आसपास एतिहासिक स्थनों का भ्रमण करवाना इससे बच्चों को सिखने में प्रेरणा मिले।(Ng)
ReplyDeleteशिक्षा संबंधी सांस्कृतिक क्रियाकलापों के द्वारा एवं बच्चों को शैक्षिक भ्रमण पर ले जाकर पर्यावरण संबंधी ज्ञान एवं सांस्कृतिक विकास किया जा सकता है।
ReplyDeleteमा.शा.कुदुर घोड़ा
अंबागढ़ चौकी
राजनांदगांव
समग्र शिक्षा के सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलू के अन्तर्गत नवाचार
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के सांस्कृतिक पहलू के अन्तर्गत 26 जनवरी, (गणतंत्र दिवस )15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस), 2 अक्टूबर (गांधी जयंती) एवं 14 नवंबर (बाल दिवस)
आदि महत्वपूर्ण दिवसो के अवसरो पर छात्र छात्राओ को नवाचार गतिविधियो की समझ विकसित हेतु विभिन्न कार्यक्रम जैसे गीत, कविता,
नाटक, देश भक्ति गीत का आयोजन किया जाता है।जिन्हे बच्चे अपने परिवेश रीति-रिवाज के माध्यम से प्रस्तुत करते है।
पर्यावरणीय पहलू के अन्तर्गत विधालय मे गठित यूथ और इको क्लब बच्चो को पर्यावरण से जोड़ते
हुए अपने अपने जन्म दिन के अवसर पर कम से कम एक पेड लगाने हेतु प्रेरित कर सकता है।
साथ हि साथ वेस्ट मटेरियल से गमला आदि निर्माण कर उसमे फुल पौधे लगवा सकते है।
समग्र शिक्षा के सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलू के अन्तर्गत नवाचार
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के सांस्कृतिक पहलू के अन्तर्गत 26 जनवरी, (गणतंत्र दिवस )15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस), 2 अक्टूबर (गांधी जयंती) एवं 14 नवंबर (बाल दिवस)
आदि महत्वपूर्ण दिवसो के अवसरो पर छात्र छात्राओ को नवाचार गतिविधियो की समझ विकसित हेतु विभिन्न कार्यक्रम जैसे गीत, कविता,
नाटक, देश भक्ति गीत का आयोजन किया जाता है।जिन्हे बच्चे अपने परिवेश रीति-रिवाज के माध्यम से प्रस्तुत करते है।
पर्यावरणीय पहलू के अन्तर्गत विधालय मे गठित यूथ और इको क्लब बच्चो को पर्यावरण से जोड़ते
हुए अपने अपने जन्म दिन के अवसर पर कम से कम एक पेड लगाने हेतु प्रेरित कर सकता है।
साथ हि साथ वेस्ट मटेरियल से गमला आदि निर्माण कर उसमे फुल पौधे लगवा सकते है।
सांस्कृतिक गतिविधियों के अंतर्गत गणतंत्र दिवस ,स्वतंत्रता दिवस एवं वार्षिक उत्सव के समय सांस्कृतिक कार्यक्रम करवाता हूं। जैसे नाटक, देश भक्ति गीत लोक गीत लोक नृत्य आदि। इसके साथ-साथ स्वच्छता पर्यावरण एवं पौधों की देखभाल कैसे करें इस पर बच्चों को शिक्षा दी जाती है।
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के तहत सांस्कृतिक कार्यक्रम, बच्चों के लिए गतिविधियां , स्थानीय खेल , पर्यावरण में ईको क्लब का गठन , बच्चों को आसपास एतिहासिक स्थनों का भ्रमण करवाना इससे बच्चों को सिखने में प्रेरणा मिले।(Ng)
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के तहतबच्चोँ को सांस्कृतिक एवं पर्यावर्णीय शिक्षा की जानकारी आवश्यक रूप से देने के लिए विद्यालयों में कार्यक्रमो के साथ भ्रमण में ले जाना चाहिए ।
ReplyDeleteसांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलू के अंतर्गत हमारे राष्ट्रीय पर्व के अलावा सामाजिक,स्थानीय पर्वो के संबंध में जानकारी एवं ऐसे विषयो पर जो हमारी संस्कृति तथा पर्यावरण से संबंधित हो ,निबंध लेखन,वाद विवाद,नाटक आयोजन करना चाहिए।
ReplyDeleteपर्यावरण
ReplyDeleteसांस्कृतिक और पर्यावरण शिक्षा में पूर्व और वर्तमान से जोड़कर समझाने की कोशिश करेंगे बच्चों को प्रकृति से जोड़कर समझने की कोशिश कर आएंगे बच्चों को प्रकृति से जुड़े विभिन्न प्रकार के नाटक कविता कहानी आदि करने के लिए प्रेरित करेंगे।
समग्र शिक्षा के सांस्कृतिक एवं पर्यावरण पहलू अंतर्गत मैं राष्ट्रीय पर्वों, महापुरुषों की जयंती में, सांस्कृतिक कार्यक्रम करवाता हूँ । शाला में निबंध,चित्रकला आदि के प्रतियोगिता का आयोजन करता हूँ । बाल संसद का गठन कर बच्चों से गतिविधि कराता हूँ ।
ReplyDeleteबच्चों,शिक्षकों, शाला प्रबंधन एवं विकास समिति सदस्यों से वृक्षारोपण कराता हूँ ।
Shaikchanik bhraman avm alg alg school me students ko le jakr vhan ki sanskriti ko mhsus krana
ReplyDeletePrtidin sanskritik gtividhi /karyakrmo k madhym se sanskritik vikas kiya ja skta hai
Bachcho k matritva bhasha aur gav k privesh ko school gtividhi me shamil krte hai to unka srvageen vikas /sanskritik vikas nishchit ho skta hai
स्थानीय स्तर के सांस्कृतिक गतिविधी के अन्तर्गत गणतंत्र दिवस एवं स्वतंत्रता दिवसआदि महत्वपूर्ण दिवसो पर छात्रों को विभिन्न कार्यक्रम करवाना, नाटक ऐतिहासिक विषयों पर अभिनय करवाना, देश भक्ति पूर्ण गीत,कविता, पाठ करवाना,पर्यावरण गतिविधी के अन्तर्गत वेस्ट मटेरियल से डिब्बा बनाकर उसमे फुल के पौधे लगवाना तथा उन पर चर्चा करना, बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण पर ले जना ,आदि किया जा सकता है।
ReplyDeleteसांस्कृतिक गतिविधियों के अंतर्गत गणतंत्र एवं स्वतत्रता िदिवस जैसे महत्वपूर्ण िदिवस पर छात्रों को िविभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम करवाता हूं। जैसे नाटक और ऐतिहासिक चरित्रों का अभिनय, देशभक्तिपूर्ण गीत एवं कविताएं साथ ही पर्यावरणीय गतिविधि केे अंगर्गत छात्रों को वेस्ट मटेरियल प्लास्टिक के िडिब्बे मे फूल पोैधे लगवाता हूूं और उन पर चर्चा भी की जाती है।
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के सांस्कृतिक एवं पर्यावरण पहलू अंर्तगत मे राष्टीय त्वोहार.जैसे महत्वपूर्ण दिवस पर छात्रों को विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम करवाती है।जैसे नाटक और एतिहासिक चरित्रों का अभिनय देशभक्ति गीत एवं कविताओं साथ ही पर्यावरणीय गतिविधियों के अंर्तगत छात्रों को वेम्ट.मटेरियल प्लास्टिक के फूल. पौधे लगवाते हैं और.उन. पर चर्चा भी की. जाती हैं।
ReplyDeleteशिक्षा संबंधी सांस्कृतिक क्रियाकलापों के द्वारा एवं बच्चों को शैक्षिक भ्रमण पर ले जाकर पर्यावरण संबंधी ज्ञान एवं सांस्कृतिक विकास किया जा सकता है।
ReplyDeleteस्कूल के आसपास के किसान तथा स्थानीय लोक कलाकारों को स्कूल से जोड़कर बच्चो में पर्यावरण तथा संस्कृति के प्रति लगाव बढ़ा सकते है
ReplyDeleteविद्यालय के आसपास के निकट परिवेश के विभिन्न कला उत्सव, त्यौहार में शामिल होकर उनके बारे में जानना,विभिन्न क्षेत्रों जैसे खेत,मैदान,नदी,सड़क व बगीचे आदि के भ्रमण कर उस पर चर्चा,अवलोकन,चिंतन,वाद विवाद,चित्रकला इत्यादि आयोजित किए जा सकते हैं।
ReplyDeleteअलग अलग विद्यालय में जाकर वहां की गतिविधि के पर्यावरण जागरूकता अभियान और इससे जुड़े जयन्तीय आदि को दिखाकर
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलु के अंतर्गत विद्यालय के अंदर राष्ट्रीय पर्वों,महापुरुषों की जयंती,प्रमुख तीज-त्यौहारों एवं परंपराओं से संबंधित महत्वपूर्ण दिवसों के अवसर पर छात्रों में नवाचारी गतिविधियों से समझ विकसित किया जा सकता है।
ReplyDeleteवहीँ विद्यालय के बाहर छात्रों को पर्यावरणीय गतिविधियों से जोड़ते हुए महत्वपूर्ण स्थानों का शैक्षणिक भ्रमण,जगह-जगह वृक्षारोपण करना और उनकी सुरक्षा करना एवं पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।
दिलीप कुमार वर्मा
सहायक शिक्षक(L.B.)
शा.प्रा.शा.सुन्द्रावन
वि.ख.--पलारी
जिला--बलौदाबाजार(छ. ग.)
सांस्कृतिक गतिविधि के अंतर्गत विद्यालय में विभिन्न ना सांस्कृतिक गतिविधियां नाटक प्रसन्न नृत्य संगीत के कार्यक्रम करवा लूंगा तथा पर्यावरणीय पहलू के अंतर्गत वेस्ट गते डिब्बे आदि से गमले आदि बनवाऊंगा फूल पौधे लगाऊंगा ताकि पर्यावरण स्वच्छ रहे शैक्षिक भ्रमण वृक्षारोपण करवा लूंगा
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलू के अन्तर्गत नवाचार गतिविधियों मे महत्वपूर्ण भूमिका मे महापुरुषों का जयंती, खेल-कूद, भ्रमण को जोड़ कर नवाचार कर सकते हैं।
ReplyDeleteसांस्कृतिक गतिविधियों के द्वारा गणतंत्र दिवस स्वतंत्रता दिवस के अलावा अन्य महत्वपूर्ण अवसरों पर बच्चों को विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम करवाना, जैसे नाटक कविता कहानी गीत आदि। पर्यावरण के सम्बंध में जानकारी देना। पर्यावरण गतिविधि के माध्यम से बच्चों द्वारा मिट्टी से गमले बनवाना और बाग़वानी करवाना।
ReplyDeleteसांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलू के अंतर्गत हमारे राष्ट्रीय पर्व के अलावा सामाजिक,स्थानीय पर्वो के संबंध में जानकारी एवं ऐसे विषयो पर जो हमारी संस्कृति तथा पर्यावरण से संबंधित हो ,निबंध लेखन,वाद विवाद,नाटक आयोजन करना चाहिए।
ReplyDeleteसत्यनारायण निषाद शिक्षक एल बी पूर्व मा शा lurgikhurd बलरामपुर छ ग। मै अपने विद्यार्थियों को यूट्यूब पर वीडियो क्लिप सांस्कृतिक कार्यक्रम दिखाकर रंगोत्सव से जोड़ना चाहता हूं।
ReplyDeleteSanskriti aur paryavaran dono k anusar bhut se navachar kar sakte hain jaise art and craft k sath kaam karna group banakar cultural activities ko karvana jaise natak kahani ya dance. kuch khel aur majedar activities karana .
ReplyDeleteSamagra Shiksha ke tahat 5 critic karykram bacchon ke liye gatividhiyan sthaniya Khel Paryavaran Mein Eco club ka gathan bacchon ko aaspaas ke aitihasik sthalon ka bhraman karaya Ja sakta hai
ReplyDeleteलक्ष्मीन चन्द्रा, विकास खण्ड-जैजैपुर , जिला - जांजगीर-चांपा , (छ.ग.)
ReplyDelete"समग्र शिक्षा के सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलू"
समग्र शिक्षा के सांस्कृतिक पहलू के अंतर्गत 26 जनवरी गणतंत्र दिवस , 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस एवं 2 अक्टूबर गांधी जयंती आदि महत्वपूर्ण दिवसों पर छात्रों को नवाचार गतिविधियां की समझ विकसित हेतु विभिन्न कार्यक्रम करवाना नाटक , ऐतिहासिक चित्रों पर अभिनय करवाना , देशभक्ति से ओत-प्रोत गीत , कविता ,पाठ करवाना जिससे बच्चे अपने रीति-रिवाजों , परंपराओं , तीज - त्योहारों के माध्यम से संस्कृतियों को काफी करीब से जानने , समझने और विरासत की देन के रूप में अपनी संस्कृतियों को बनाए रखने , कायम रखने का समझ विकसित होता है।
पर्यावरणीय पहलू के अंतर्गत पर्यावरण से संबंधित गतिविधि वन महोत्सव करवाना एवं वेस्ट मटेरियल से डिब्बा बनाकर पौधा रोपण करवाना और पर्यावरणीय क्षेत्रों का भ्रमण कराकर पर्यावरण से संबंधित चर्चा परिचर्चा में भाग लेने हेतु प्रेरित करना। जिससे छात्रों में पर्यावरण संबंधी समस्त पहलुओं की समझ विकसित हो सके।
समग्र शिक्षाके सांसकृतिक एवं पर्यावरणीय पहलु के अंतर्गत हम पर्यावरण से संबंधित विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम करा सकते हैं जैसेकि मंचीय कार्यक्रम द्वारा अभिनय कराना , भाषण, गीत आदि कार्यक्रम करा सकते है ' । इसी तरह नुक्कड़ नाटक द्वारा पर्यावणीय एवं सांस्कृतिक पहलू पर भी प्रकाश डाला जा सकता है।
ReplyDeleteखेल-खेल में शिक्षा ।
ReplyDeleteसांस्कृतिक पहलू के अंतर्गत गाँव के बुजुर्ग, प्रतिष्ठित नागरिक, सफल छात्रों के अनुभवों का मार्गदर्शन और पर्यावरण पहलू के अंतर्गत गाँव मे स्वच्छता अभियान चलाकर, पेड़-पौधों की सुरक्षा अभियान ,वृक्षारोपण अभियान चलाकर गतिविधि कराया जा सकता है.
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के सांस्कृतिक एवं पर्यावरण पर्यावरण पहलू के अंतर्गत स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम करा कर और शैक्षणिक भ्रमण के द्वारा बच्चों को और गतिविधि के माध्यम से सीखा जा सकता है।
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के अंतर्गत स्थानीय सन्दर्भ में नाटक, खेलकूद, लोकनृत्य,पर्यावरण विषय पर वादविवाद, संक्षिप्त लेखन/वाचन आदि गतिविधि कराया जा सकता है |
ReplyDeleteआसपास के स्कूलों व गांवों का भृमण करके ।
ReplyDeleteसांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलू के अंतर्गत ऐतिहासिक स्थानों का भ्रमण के माध्यम से भारतीय सभ्यता की कहानियों से परिचित कराया जा सकता है इसी प्रकार वन महोत्सव के अंतर्गत पर्यावरणीय विभिन्नता एवं भूगोल की जानकारी की जीवंत उदाहरण से परिचित कराया जा सकता है इसके अलावा एसएमसी के सदस्यों एवं समुदाय के लोगों एवं छात्रों की सहभागिता द्वारा रीति-रिवाजों परंपराओं के द्वारा सांस्कृतिक संरक्षण के लिए शाला स्तर पर कार्यक्रम आयोजन कराया जा सकता है:
ReplyDeleteहमारे यहाँ सास्कृतिक गतिविधि के अंतर्गत रास्ट्रीय पर्व, बाल दिवस, एवं माह के पहले गुरूवार को सरस्वती पूजा का आयोजन किया जाता है जिसमें बच्चे स्वयम से कक्षा सज्जा, गीत, कविता आदि प्रस्तुत करते हैं और हम उनका मार्गदर्शन करते हैं।
ReplyDeleteपर्यावरणीय गतिविधि के अंतर्गत विधालय में फल,फूल एवं औषधि वाले पौधे लगवाते हैं एवं इनका देखभाल बच्चों द्वारा कराए जाते हैं जिससे बच्चे पर्यावरण से जुड़कर इसके महत्व को समझते हैं।
बच्चों को विभिन्न दलों को अपने घर औरआसपास की महिलाओं दृवरा किये जाने वाले कार्य की सूची तैयार करना और प्राप्त जानकारी को आपस में साझा करना और इस पर चर्चा कर समाज में महिलाओं की भागीदारी को समझना।
ReplyDeleteस्थानीय स्तर के संस्कृतिक गतिविधी के अन्तर्गत स्थानीय त्यौहारों, एवं गणतंत्र दिवस , स्वतंत्रता दिवस,आदि महत्वपूर्ण दिवसो पर छात्रों को विभिन्न कार्यक्रम करवाना, नाटक ऐतिहासिक चित्रों पर अभिनय करवाना, देश भक्ति पूर्ण गीत,कविता, पाठ करवाना,पर्यावरण गतिविधी के अन्तर्गत वेस्ट मटेरियल से डिब्बा बनाकर उसमे फुल के पौधे लगवाना तथा उन पर चर्चा करना, बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण पर ले जना ,आदि किया जा सकता है।
ReplyDeleteशिक्षा संबंधी सांस्कृतिक और पर्यावरणीय गतिविधि कराने हेतु छात्रों को मेला मड़ाई आसपास के औद्योगिक क्षेत्र तथा विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम 15 अगस्त 26 जनवरी बालमेला आदि विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन कराया जा सकता है
ReplyDeleteपर्यावरण गतिविधी के अन्तर्गत वेस्ट मटेरियल से डिब्बा बनाकर उसमे फुल के पौधे लगवाना तथा उन पर चर्चा करना, बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण पर ले जना ,आदि किया जा सकता है।
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलू के अंतर्गत हम अपने गांव में ही बच्चों को वहां के निवासियों एवं ग्राम के बुजुर्गों के माध्यम से संस्कृति और सांस्कृतिक गतिविधियों के बारे में तथा पूर्व तथा वर्तमान परिदृश्य में होने वाले बदलाव के बारे में विस्तृत रूप से गतिविधि के माध्यम से समझा सकते हैं साथ ही साथ बच्चों को आसपास शैक्षणिक भ्रमण करा कर के भी हम उन्हें पर्यावरण और संस्कृति के बारे में जानकारी प्रदान कर सकते हैं।
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलू के अंतर्गत हम बच्चों को सांस्कृतिक गतिविधियों पर्यावरण पहलुओं के बारे में अलग-अलग तरह से जानकारी प्रदान कर सकते हैं जैसे कि नाटक कविता के माध्यम से साथ ही साथ गांव के लोगों के द्वारा उनके अनुभवों को बच्चों के साथ साझा करके पूर्व में और वर्तमान में सामाजिक परिवेश और जो पर्यावरण में जो बदलाव आया है उनके बारे में उन्हें बता कर के हम बच्चों को जानकारी प्रदान कर सकते हैं।
ReplyDeleteआसपास के गांव मे जाकर वहाँ के पयार्वरण और संस्कृति का अध्ययन कर सकते हैं।
ReplyDeleteबच्चों को स्थानीय स्तर की जानकारी सांस्कृतिक गतिविधियों के अंर्तगत स्थानीय त्वोहार एवं गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस आदि महत्वपूर्ण दिवसों पर छात्रों को विभिन्न कार्यक्रम करवाना, देशभक्ति पूर्ण गीत कविता, पाठ करवाना, पर्यावरण गतिविधियों के अंर्तगत वेस्ट मटेरियल से.डिब्बा बनाकर उसमें फूल के पौधे लगवाना तथा उन पर चर्चा करना आदि और उन्हें शैक्षणिक भ्रमण पर ले जाना ताकि जानकारी मिल सके इन सभी को देखकर उतसाह विकसित हो।
ReplyDeleteस्थानीय स्तर के सांस्कृतिक गतिविधी के अन्तर्गत गणतंत्र दिवस एवं स्वतंत्रता दिवसआदि महत्वपूर्ण दिवसो पर छात्रों को विभिन्न कार्यक्रम करवाना, नाटक ऐतिहासिक विषयों पर अभिनय करवाना, देश भक्ति पूर्ण गीत,कविता, पाठ करवाना,पर्यावरण गतिविधी के अन्तर्गत वेस्ट मटेरियल से डिब्बा बनाकर उसमे फुल के पौधे लगवाना तथा उन पर चर्चा करना, बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण पर ले जना ,आदि किया जा सकता है।
ReplyDeleteलोकपरंपरा एवम् स्थानीय रीतिरिवाजों के अनुरूप सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करके उन्हें खुद की संस्कृति से परिचित कराया जा सकता है।विद्यालय में पौधरोपण करना , परिवेश को स्वच्छ रखने की आदत विकसित करना इत्यादि गतिविधि का हिस्सा होगा।
ReplyDeleteदादू सिंह तोमर
शिक्षा सम्बन्धी सांस्कृतिक क्रिया कलापो के माध्यम से एवम बच्चों को शैक्षिक भ्रमण पर ले जाकर पर्यावरण
ReplyDeleteसंबंधी ज्ञान व सांस्कृतिक विकास किया जा सकता है।
समग्र शिक्षा के सांस्कृतिक एवं पर्यावरणीय पहलू के अन्तर्गत राष्ट्रीय और धार्मिक पर्व पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन कर स्थानीय रीतिरिवाजों, परम्पराओं, तीज - त्योहारों से संबंधित कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाने से बच्चें अपने रीतिरिवाजों, परम्पराओं, तीज - त्यौहारों, संस्कृतियों को काफी करीब से जानेंगे।
ReplyDeleteसांस्कृतिक गतिविधियों के अंतर्गत गणतंत्र दिवस स्वतंत्रता दिवस एवं वार्षिक उत्सव के समय सांस्कृतिक कार्यक्रम करवाना अलग-अलग विद्यालय में जाकर वहां की गतिविधि के पर्यावरण जागरूकता अभियान और और पौधों की देखभाल कैसे करें इस पर बच्चों को शिक्षा दी जाती है
ReplyDeleteसंस्कृतिक गतिविधी के अन्तर्गत गणतंत्र दिवस की, स्वतंत्रता दिवस,आदि महत्वपूर्ण दिवसो पर छात्रों को विभिन्न कार्य क्रम करवाना, नाटक एतिहासिक चित्रों पर अभिनय करवाना, देश भक्ति पूर्ण गीत,कविता, पाठ करवाना,पर्यावरण गतिविधी के अन्तर्गत वेस्ट मटेरियल से डिब्बा बनाकर उसमे फुल के पौधे लगवाना तथा उन पर चर्चा करना, बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण पर ले जना ,आदि किया जा सकता है।
ReplyDeleteसमय समय पर विभिन्न गतिविधियों के आयोजन द्वारा बच्चों को कला और संस्कृति के ज्ञान हेतु अलग अलग प्रकार के कार्यक्रम करवाना ऐसे क्रिया कलापों का।आयोजन करना जिससे बच्चे खेल खेल में रोचक तरीके से ज्ञान अर्जित कर सके
ReplyDeleteबच्चों को सांस्कृतिक एवम् पर्यावरणीय
ReplyDeleteशिक्षा के आसपास के क्षेत्रों का भ्रमण
कराया जा सकता है।
सांस्कृतिक गतिविधियों के अंतर्गत गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस व वार्षिक उत्सव के समय सांस्कृतिक कार्यक्रम करवाना अलग-अलग विद्यालय में जाकर वहां की गतिविधि के पर्यावरण जागरूकता अभियान और पौधों की देखभाल कैसे करें इस पर बच्चों को शिक्षा दी जाती है।
ReplyDeleteगतिविधी के अन्तर्गत गणतंत्र दिवस
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के सांस्कृतिक एवं पर्यावरणीय पहलु को शामिल करने के लिए हम अभिनय कला के द्वारा लघु प्रहसन/नाटक के माध्यम से बच्चों को हमारे पूर्वजों की संस्कृति, रहन-सहन एवं प्रकृति प्रेम को बता सकते हैं। बच्चे अभिनय के माध्यम से स्वयं अनुभव करेंगे कि हमारे पूर्वज किस प्रकार से रहते थे।
ReplyDeleteएन एल कुंभकार
माशा कच्छारपारा निराछिंदली
केशकाल कोण्डागांव छग
समग्र शिक्षा के अंतर्गत सांस्कृतिक एवं पर्यावरणीय शिक्षा में बच्चों को नाटक , कहानी, कविता के द्वारा पर्यावरण की जानकारी दिया जा सकता है। इसके अलावा शाला परिसर में पौधे लगाकर तथा शैक्षणिक भ्रमण में बच्चों को पर्यावरण संरक्षण की जानकारी दे सकते है।
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के सांस्क़तिक और पर्यावरणीय पहलू के अंतर्गत खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन,विभिन्न जयन्तियों का आयोजन,स्थानीय त्योहारों पर विविध आयोजन,क्षेत्र भ्रमण के अंतर्गत गाँव के आसपास के क्षेत्र भ्रमण एवं शैक्षिक भ्रमण कराकर पर्यावरण संबंधी ज्ञान एवं सांस्कृतिक विकास बच्चों में किया जा सकता है।
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के सांस्कृतिक और पर्यावरणीय.पहलू के अंर्तगत हम बच्चों को.सांस्कृतिक गतिविधियों मे अलग अलग जानकारी एकत्र करते हैं जैसै-नाटक कविता के माध्यम से साथ ही साथ गांव के लोगों के साथ लोगों के द्वारा उनके अनुभवो को बच्चों के साथ साझा करके पूर्व में एवं वर्तमान में सामाजिक परिवेश और जो पर्यावरण मे जो बदलाव आया है उसके बारे मे बताकर बच्चों को जानकारी देकर प्रदान कर सकते हैं बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण कराकर उनको पर्यटन की जानकारी दे सकते हैं।
ReplyDeleteसांस्कृतिक गतिविधियों के अंतर्गत स्थानीय तीज त्यौहार एवं पारंपरिक गतिविधियों में सम्मिलित हो कर बच्चों को स्थानीय संसकृति से परिचित होने का अवसर प्रदान करेगें ।
ReplyDeleteपर्यावरणीय पहलू के अन्तर्गत विद्यालय मे गठित यूथ और इको क्लब के माध्यम से बच्चो को वन, गार्डन आदि का भौगोलिक भ्रमण करा कर पर्यावरण को समझने का अवसर देगें । अपने अपने जन्म दिन के अवसर पर कम से कम एक पेड लगाने हेतु प्रेरित करेगें ।
सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत मैं चाहूंगा कि हमारे बच्चे उन धरोहरों को उन विरासत को संजोए जो लगभग हमारे सांस्कृतिक सामाजिक रूप से गायब हो चुका है उसे जाने समझे तथा पर्यावरण के संबंध में बच्चों को पर्यावरणीय स्थलों पर ले जा करके उन्हें उसके बारे में जानकारी दी जाए ताकि बच्चे उसको देखकर सीख सके
ReplyDeleteशिक्षा सम्बन्धी सांस्कृतिक क्रियाकलापों के द्वारा और बच्चों को शैक्षिक भ्रमण पर ले जाकर पर्यावरण सम्बन्धी ज्ञान एवं सांस्कृतिक विकास किया जा सकता है।
ReplyDeleteशाला की संस्कृति के बारे मे जानना।
ReplyDeleteशैक्षणिक भ्रमण करवा कर एवम् बुजुर्गो से मिलकर चर्चा करके।
ReplyDeleteहम स्थानीय स्तर पर सांस्कृतिक गतिविधियों के अंतर्गत गणतंत्र दिवस ,स्वतंत्रता दिवस आदि महत्त्वपूर्ण दिवस पर छात्रों को विभिन्न कार्यक्रम में नाटक ,कविता, कहानी,गीत,शिक्षाप्रद अभिनय आदि करा सकते हैं। पर्यावरण कार्यक्रम के अंतर्गत पौधे लगवाना तथा उन पर चर्चा कराना और समय समय पर बच्चों को शैक्षिक भ्रमण पर ले जा सकते हैं।
ReplyDeleteशिक्षा संबंधी सांस्कृतिक क्रियाकलापों के द्वारा एवं बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण पर ले जाकर पर्यावरण तथा विद्यालयों में गार्डन संबंधित ज्ञान एवं सांस्कृतिक विकास किया जा सकता है
ReplyDeleteसांस्कृतिक पहलु के अन्तर्गत मैं अपने विद्यालय में होली में गाये जाने गीत ,गाकर नृत्य करने वाली डंडा नृत्य सीखाना चाहूँगा जिसका प्रदर्शन होलिकोत्सव में किया जा सके।
ReplyDeleteपर्यावरण के तहत मै स्कूल में ही ऐसा माॅडल तलाब बनाना चाहूँगा जिसमें जलीय जीवों का एक जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र निर्मित हो सके ।
Main Vigyan ki Shikshak Hoon jismein Mein Paryavaran sambandhi bahut sari gatividhiyan ko Karate hun Sath hi Sachin Brahman ke dwara Paryavaran se jodkar aur sanskritik gatividhiyon se jodkar adhyayan karati hun Poonam Jha middle school gathula
ReplyDeleteस्थानी स्तर पर सांस्कृतिक गतिविधि के अंतर्गत स्वतंत्रता दिवस गणतंत्र दिवस बाल दिवस व अन्य महापुरुषों के जन्मदिन को छात्रों को विभिन्न कार्यक्रम जैसे नाटक देश भक्ति गीत कविता पाठ करवा कर तथा वेस्ट मटेरियल से विज्ञान सहायक सामग्री बनाएंगे बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण पर ले जाना होगा इन गतिविधियों के द्वारा भी हम बच्चों का कौशल बढ़ा सकते हैं।
ReplyDeleteRang manch.saikhyanik bhraman.adi k madhyam se Yojana Bana sakate hai
ReplyDeleteसांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलू के अंतर्गत शालाओं मेंं वन महोत्सव का आयोजन किया जा सकता है।इस दिन प्रत्येक बच्चा यथासंभव अलग-अलग प्रकार के पौधे साथ मेंं लेकर शाला आएं तथा उसे शाला परिसर या खाली पड़े उचित स्थान पर लगाएं और उस संस्था मेंं रहने तक उसकी देखभाल की जिम्मेदारी लें।इस तरह से बच्चे पर्यावरणीय संस्कृति से जुड़ सकते हैं
ReplyDeleteसांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से विभिन्न जानकारी देना। शैक्षिक भ्रमण कराना ।
ReplyDeleteविद्यालय में शैक्षणिक नवाचार के अलावा छुट्टी में समर कैंप के माध्यम से संगीत, खेल,मूर्तिकला, कागज के कार्य,स्थानीय खेल ,पेंटिंग सीखने हेतु बच्चों को प्रेरित करता हूँ।
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के साँस्कृतिक व पर्यावरणीय पहलुओं के अंतर्गत बच्चों को विशेष अवसरों पर जैसे- राष्ट्रीय पर्व के अवसर पर छात्रों को विभिन्न कार्यक्रम जैसे नाटक, देशभक्ति गीत, पेंटिंग आदि के माध्यम से अपने देश की संस्कृति से परिचित करवा सकते हैं l पर्यावरणीय पहलू के अंतर्गत वन महोत्सव का आयोजन किया जा सकता है जहाँ प्रत्येक बच्चों यथासम्भव अलग अलग प्रकार के पौधे शाला परिसर में लगा सकते हैं l इस बच्चे पर्यावरणीय संस्कृति से जुड़ सकते हैं l
ReplyDeleteWe can help students expand their cultural knowledge by having them interact and understand different cultures in the local area. Similarly students can gain environmental awareness if they can relate issues highlighted in their textbooks to one they can see around themselves.
ReplyDeleteSanskritik gatividhiyo k antrgat 15 agust 26 january or varshik utsav me nritya, git, kavita, bhashan aadi ka ayojan kiya jata hai or paryavarniya gatividhi k antrgat school prangan me kyariyo ka nirman kr usme paudhe lgwana tha waste material se gmle sjana aadi kam kiya jata hai
ReplyDeleteशैक्षणिक भ्रमण, विभिन्न त्योहारो के बारे जानकरी देकर सांस्कृतिक और पर्यावरण के संबंध मे जानकरी देकर सकते है।
ReplyDeleteअलग-अलग विद्यालयों तथा गांवो का भ्रमण करके वहां की संस्कृति के बारे में जानना।
ReplyDeleteकक्षा में पर्यावरण संबंधी विभिन्न प्रकार के रोल प्ले करवाया जा सकता है। पेड़ बचाओ, जल संरक्षण प्रदूषण संबंधित रोल देकर बच्चों को गतिविधियां करवाई जा सकती हैं ।
ReplyDeleteगणतंत्र दिवस मे सांस्कृतिक गतिविधियों के अंतर्गत छात्रों को सांस्कृतिक कार्यक्रम नाटक और ऐतिहासिक चरित्रो काअभिनय देश भक्ति पूर्ण गीत एवं कविता तथा पर्यावरण संबंधी जानकारी एवं सांस्कृतिक विकास किया जा सकता है।
ReplyDeleteस्थानीय लोगों के द्वारा किए जाने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दिखाकर तथा पर्यावरण का भ्रमण करवाकर इन पहलुओं से अवगत करा सकते हैं।
ReplyDeleteबच्चों को पर्यावरण के बीच ले जाने से उसके महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा करते हुए उनको पर्यावरण की महत्ता और गहराई से समझाया जा सकता है।
ReplyDeleteसांस्कृतिक गतिविधि के अंतर्गत हम राष्ट्रीय कार्यक्रम दिवस पर बच्चों से विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियां जैसे नृत्य , गीत, वाद-विवाद ,नाटक, चित्रकला ,निबंध आदि का प्रस्तुतीकरण करा सकते हैं एवं पर्यावरण गतिविधि के अंतर्गत हम बच्चों को विभिन्न स्थानों पर शैक्षणिक भ्रमण के लिए ले जा सकते हैं।
ReplyDeleteविभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के द्वारा बच्चों में संस्कृति के बारे में बताना तथा पर्यावरणीय पहलुओं से अवगत कराने हेतु विभिन्न क्रियाकलाप कराना।
ReplyDeletesamagra Shiksha ke tahat Sanskriti aur paryavaran Pehlu ke antargat main bacchon ko Usi Gaon Se Judi vibhinn sanskritik gatividhiyan Jaise Lok Nritya lokgeet warden natak Abhinaya karate hun aur bhachcho ke sath milkar pooldar,faldar, chhayadar podha ropan Karte Hain aurpodho ke sanrksan ke bare me jankari deti hu.
ReplyDeleteसांस्कृतिक और पर्यावरण पहलू के अंतर्गत देश के त्यौहार का आधात्मिक रहस्य बताना शैक्षिक भ्रमण कराना बच्चों में आच्छा संस्कार देकर देश प्रेम आपसी प्रेम विश्व भंबुत्व भावना जाग्रत करूगां ।
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के अन्तगर्त नवाचार के लिए , प्रत्येक विद्यार्थी एक एक लोक कला ,लोक गीत ,लोक नृत्य , का मंचन ।
ReplyDeleteफिर उस पर व्याख्यान ,परिचर्चा ।
शिक्षा संबंधी सांस्कृतिक क्रियाकलापों के द्वारा एवम् बच्चों को शैक्षिक भ्रमण पर ले जाकर पर्यावरण संबंधी ज्ञान एवम् सांस्कृतिक विकास किया जा सकता है।
ReplyDeleteअलग अलग विद्यालय जाकर वहां की संस्कृति के बारे में जान सकते है|
पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम का आयोजन कराना अन्य स्कूलों का शैक्षणिक भ्रमण कर आना अपनी संस्कृति से संबंधित बातचीत व सीखने सिखाने की प्रक्रिया में शामिल करना शाला में विभिन्न कार्यक्रम जैसे गीत रंगोली चित्रकला हस्तशिल्प इत्यादि का आयोजन कराना
ReplyDeleteबच्चों को शैक्षिक भ्रमण पर ले जाकर पर्यावरण संबंधी ज्ञान एवं सांस्कृतिक विकास किया जा सकता है।
ReplyDeleteशिक्षा संबंधी संस्कृति क्रियाकलापों के द्वारा एवं बच्चों को शैक्षिक भ्रमण पर ले जाकर पर्यावरण संबंधी ज्ञान एवं सांस्कृतिक विकास किया जा सकता है lवृक्षारोपण के माध्यम से बच्चों को पर्यावरण के बारे में बताया जा सकता हैl
ReplyDeleteशिक्षा संबंधी सांस्कृतिक क्रियाकलापों के द्वारा एवं बच्चों को शैक्षिक भ्रमण पर ले जाकर पर्यावरण संबंधी ज्ञान एवं पर्यावरण के बारे में बताया जा सकता हैl
ReplyDeleteशिक्षा संबंधी सांस्कृतिक क्रियाकलापों के द्वारा एवं बच्चों को शैक्षिक भ्रमण पर ले जाकर पर्यावरण संबंधी ज्ञान एवं सांस्कृतिक विकास किया जा सकता है।
ReplyDeleteसास्कृतिक और पर्यावरण के बदलाव के आधार पर गांव में मनाया जाने वाले हर त्यौहारों पर बच्चों के साथ त्यौहार अनुसार सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन को स्कूलों से परिवेश को जोड़ा जा सकता हैं तथा इसे अपने स्कूल केलिन्डर में जोड़ा जा सकता हैं।
ReplyDeleteसांस्कृतिक कार्यक्रम में 26जनवरी,15अगस्त बालदिवस, के अलावा हमारे स्कूल में विशेष तिथियों में डांस नाटक रंगोली प्रतियोगिता ड्राइंग आदि कार्यक्रम होते है, पर्यावरण के अंतर्गत वृक्षारोपण करना मिट्टी के खिलोने बनाना, वेस्ट सामानो से नई चीजों का निर्माण करना आदि.
ReplyDeleteसांस्कृतिक गतिविधि के अंतर्गत हम बच्चों को नृत्य, नाटक, गीत, वाद -विवाद, चित्रकला एवं बच्चों को कोई भी शब्द देकर कहानी, कविता लेखन की गतिविधि करवा सकते हैं । पर्यावनीय पहलू के तहत बच्चों को पर्यावरण सुरक्षा, वन सुरक्षा, जल संरक्षण एवं स्कूलों मे खाली जमीन पर अनेकों प्रकार के पौधे लगाना एवं उनकी देख भाल कैसे करें, की जानकारी देकर बच्चों को समूह में स्वयं ये सभी कार्य को प्रेरित कर सकते हैं ।
ReplyDeleteअलग-अलग विद्यालयों में जाकर वहां की संस्कृति के बारे में जानना
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के सांस्कृतिक पहलू के अंतर्गत हम अपने विद्यालय में विभिन्न अवसरों, जयंती,खास दिवसों, उत्सवों पर उससे संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों जैसे- नृत्य, संगीत,गायन, नाटक, कविता,भाषण, निबंध का आयोजन कर अपने और अन्य परिवेश के रीति रिवाजों से परिचित करवाया जा सकता है। पर्यावरणीय पहलू के अंतर्गत हम विद्याथिर्यों को भ्रमण पर ले जाकर पर्यावरण एवं घटकों से परिचित करवा सकते हैं पर्यावरण संरक्षण से संबंधित स्लोगन,नारे, गीत,नाटक, चित्रकला, चर्चा,का आयोजन कर भाग लेने हेतु प्रेरित कर सकते हैं।
ReplyDeleteSamages sikcha ke saskritik aur paryavarani pahlu ke Antargat baccho ko vibhin sanskritik karyakramo Ka aayojan Kiya ha Sakta h. Jisme Aapne aas pass me Lok sansakriti ki chavi dikhai de sake.paryaparn surakcha air Uske mahatv Jo BHI batane wale Lok natako Ka prastutikar Kiya ja Sakta h.
ReplyDeleteसांस्कृतिक गतिविधि के अंतर्गत हम बच्चों को नृत्य, नाटक, गीत, वाद -विवाद, चित्रकला एवं बच्चों को कोई भी शब्द देकर कहानी, कविता लेखन की गतिविधि करवा सकते हैं । पर्यावनीय पहलू के तहत बच्चों को पर्यावरण सुरक्षा, वन सुरक्षा, जल संरक्षण एवं स्कूलों मे खाली जमीन पर अनेकों प्रकार के पौधे लगाना एवं उनकी देख भाल कैसे करें, की जानकारी देकर बच्चों को समूह में स्वयं ये सभी कार्य को प्रेरित कर सकते हैं ।
ReplyDeleteAM
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के सांस्कृतिक एवं पर्यावरणीय पहलु के अंतर्गत शैक्षिक भ्रमण कराया जा सकता है,तथा हमारी विरासत,पुरातन धरोहरों,हमारी सभ्यता,तथा हमारा पर्यावरण की जानकारी प्रदान कर छात्रों में इनके प्रति अपनेपन व सम्मान की भावना विकसित कर उनमे कौशलों का विकास किया जा सकता है।तथा सम्बंधित गतिविधियों से उन्हें जोड़ा जा सकता है।
Sanskritik gatividhiyon ke atargat deshbhaktipurn avam rastriyata ki bhavna jagrit krne wale vibhinn sanskritik karyakram,mahapurusho ke veshbhusa dharan karyakram,baalmela,aanandmela,nritya,nibandh,Chitrakala,pratiyogita/ pradarshni aur rakshabandhan,holi,kshetriya/staniy tyoharo ka aayojan kr sakte hai,paryavarniy pahlu ke antargat shala ke kitchen garden me vibhinn prakar ke saag sabji falo fulo ke paodhe,vrikharopan,shaikshanik bhraman,ityadi kiya ja sakta hai.
ReplyDeleteहमारे भारतीय त्योहारों में पेड़ पौधों का महत्व बताते हुए उनका उपयोग बताया जाए और उन्हें उस पर अनुच्छेद लिखने को दिया जाए जिससे बच्चे वनस्पति और अपने भारतीय संस्कारों से परिचित हो सकेंगे।
ReplyDeleteहमारे भारतीय त्योहारों में पेड़ पौधों का महत्व बताते हुए उनका उपयोग बताया जाए और उन्हें उस पर अनुच्छेद लिखने को दिया जाए जिससे बच्चे वनस्पति और अपने भारतीय संस्कारों से परिचित हो सकेंगे।
ReplyDeleteसंस्कृतिक गतिविधी के अन्तर्गत गणतंत्र दिवस की, स्वतंत्रता दिवस,आदि महत्वपूर्ण दिवसो पर छात्रों को विभिन्न कार्य क्रम करवाना, नाटक एतिहासिक चित्रों पर अभिनय करवाना, देश भक्ति पूर्ण गीत,कविता, पाठ करवाना,पर्यावरण गतिविधी के अन्तर्गत वेस्ट मटेरियल से डिब्बा बनाकर उसमे फुल के पौधे लगवाना तथा उन पर चर्चा करना, बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण पर ले जना ,आदि किया जा सकता है।
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के सांस्कृतिक पहलू के अंतर्गत राष्ट्रीय पर्व के अलावा क्षेत्रीय त्यौहार/पर्व को शाला में बच्चों एवं हितधारकों के साथ मिलकर योजनाबद्ध आयोजन कर बच्चों को स्वस्थ मंच एवं सुअवसर उपलब्ध कराते हुए उन्हें अपने सांस्कृतिक मूल्यों एवं पर्यावरण के प्रति सकारात्मक समझ एवं सोंच के निर्माण में बहुत अच्छी पहल की जा सकती है।
ReplyDeleteअलग-अलग शिलाओं में जाकर उनकी संस्कृति के विषय में जानना।
ReplyDeleteसांस्कृतिक गतिविधियों के अन्तर्गत हम राष्ट्रीय कार्यक्रम दिवस पर बच्चों से विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियाँ जैसे नृत्य, गीत, वाद-विवाद, नाटक, चित्रकला, निबंध आदि का प्रस्तुतिकरण करा सकते हैं ।पर्यावरण गतिविधि के अन्तर्गत हम बच्चों को विभिन्न स्थानों पर शैक्षणिक भ्रमण के लिए लिए ले जा सकते हैं ।
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के सांस्कृतिक और पर्यावरण पहलू के अंतर्गत स्कूल के विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम में संस्कृति और पर्यावरण का संबंध स्थापित करने के लिए ऐतिहासिक स्थलों को बताने के लिए नाटक के माध्यम से ऐतिहासिक स्थल के विभिन्न जगहों के बारे में बताना। प्रदर्शनी लगाना एवं पर्यावरण से संबंधित नाटक, गीत, आदि के माध्यम से लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने का प्रयास करना, साथ ही शैक्षिक टूर के माध्यम से सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक स्थल का भ्रमण कराना, इसके महत्व को बताना इसी तरह से पर्यावरण के महत्व को समझाने के लिए पिकनिक का आयोजन प्राकृतिक वातावरण में आयोजन करना और पर्यावरण के महत्व को समझाने के लिए इसे संस्कृति के साथ जोड़ कर बताना कि विभिन्न संस्कृति का विकास पर्यावरण की गोद में किस तरह से हुआ।
ReplyDeleteश्रीमती बिंदिया गवेल, शासकीय प्राथमिक शाला भाटापारा उतई, जिला व विकासखंड दुर्ग,
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलू के अंतर्गत खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन करके, जयंती यों का आयोजन ,स्थानीय त्योहारों पर विविध आयोजन करके तथा आसपास के विद्यालयों का गांव का भ्रमण करा के दे सकते हैं साथ ही अपने आसपास के पर्यावरण एवं पेड़ पौधों की रक्षा कैसे करें इस पर बच्चों को शिक्षा दी जा सकती है
सांस्कृतिक गतिविधियों के अंतर्गत हम निम्न नवाचार करा सकते हैं l जैसे किगणतंत्र दिवस एवं स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बच्चों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करना l विभिन्न महापुरुषों की जयंती पर चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन करना निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन करना वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन करना आदि l
ReplyDeleteपर्यावरण गतिविधि के अंतर्गत हम वृक्षारोपण बच्चों के साथ मिलकर कर सकते हैं बच्चों को वृक्षारोपण का महत्व बता सकते हैं l
पर्यावरण मैं होने वाले बदलावों के संबंध में बच्चों को बता सकते हैं अपने आसपास सफाई स्वच्छता बनाए रखने के प्रति जागरूकता फैला सकते हैं l
सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलू के अंतर्गत हमारे राष्ट्रीय पर्व के अलावा सामाजिक,स्थानीय पर्वो के संबंध में जानकारी एवं ऐसे विषयो पर जो हमारी संस्कृति तथा पर्यावरण से संबंधित हो ,निबंध लेखन,वाद विवाद,नाटक आयोजन करना चाहिए।
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के सांस्कृतिक पहलू के नवाचार गतिविधियां- इसमें किसी संस्कृति की विशेषताओं को कला के माध्यम से प्रस्तुत कर देश भक्ति की भावना के विकास से संबंधित विभन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगो की संस्कृति और इसकी नीव से परिचित कर युवा लोगो और पुरानी पीढ़ियों को एकजुट कर समग्र शिक्षा नवाचार बना सकते है। समग्र शिक्षा के पर्यावरणीय पहलू के नवाचार गतिविधियां- इसमें पर्यावरण के अंतर्गत आने वाले सभी जीव जंतओं के बारे में चर्चा कर उसके संरक्षण संबंधित नवीन कार्य योजनाएं जनहित को ध्यान में रख कर बना सकते हैं।
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के संकृतिक और पर्यावरणीय के अंतर्गत बच्चो को भ्रमण पर ले जाना एवं ऐतिहासिक चित्रों पर अभिनय से नवाचार किया जा सकता है
ReplyDeleteहमारे यहाँ प्रति वर्ष 15 अगस्त,26 जनवरी को सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता हैं जिसमें स्थानीय रीतिरिवाजों, परम्पराओं, तीज - त्योहारों से संबंधित कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं जिससे बच्चें अपने रीतिरिवाजों, परम्पराओं, तीज - त्यौहारों, संस्कृतियों को काफी करीब से जानने,समझने और विरासत की देन के रूप में अपने संस्कृतियों को बनाएं रखने, कायम रखने का समझ विकसित होता हैं।इसके अलावा माह में जो- जो जयन्तियां आती हैं, स्थानीय त्यौहार आते हैं उसके बारें में भी कार्यक्रम आयोजित की जाती हैं, उस पर चर्चा - परिचर्चाएँ होती हैं गॉव प्रमुख,smc के सदस्यों, पालक व ग्रामीणजनों की उपस्थिति होती हैं जिसमें बच्चों को विस्तृत रूप से व सभी पहलूओं पर बारीकियों से जानकारियां मिल जाती हैं। कई अवसरों पर शैक्षिक भ्रमण कराकर पर्यावरणीय जानकारियां उपलब्ध कराई जाती हैं।उसके महत्ता, संरक्षण के बारे में भी परिचर्चाएँ कर पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी दी व ली भी जाती हैं।
ReplyDeleteविद्यार्थियों में पर्यावरण एवं सांस्कृतिक विचारों के विकास हेतु शैक्षिक भ्रमण, सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस आदि मौकों पर ज्यादा से ज्यादा भाग लेने के लिए प्रेरित करता हूँ।
ReplyDeleteशैक्षिक भ्रमण के माध्यम से पर्यावरण संबंधी ज्ञान एंव सास्कृतिक विकास किया जा सकता है ।
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ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलू के अंतर्गत स्थानीय स्तर पर सामाजिक रीति रिवाज , रहन सहन , और वहां के निवासियों के द्वारा मनाए जाने वाले तीज त्योहारों से संबंधित प्रोजेक्ट वर्क के द्वारा डाटा संग्रहित करवा कर हम उन्हें स्थानी संस्कृति के बारे में बता सकते हैं। साथ ही । वार्षिकोत्सव के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिसमें अच्छे अभिनय , नाट्य मंचन के द्वारा भी बच्चे अपनी संस्कृति को प्रदर्शित करते हैं।
समग्र शिक्षा के सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलु के अंतर्गत नवाचार गतिविधि-बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण पर ले जाकर वहां की संस्कृति और पर्यावरण संबंधी ज्ञान का विकास किया जा सकता है।
ReplyDeleteसांस्कृतिक एवं पर्यावरणिय क्रियाकलापों को शिषा मे जोडकर हुए सांस्कृतिक विकास कर सकते हैं|
ReplyDeleteसांस्कृतिक गतिविधियों के अंतर्गत वार्षिक उत्सव,स्वतंत्रता दिवस,गणतंत्र दिवस में नृत्य,गीत,नाटक,कविता पाठ,जसगीत,छत्तीसगढ़ी लोकगीत और लोकनृत्य आदि तो करवाया ही जाता है साथ ही में विषय वस्तु को भी मुखौटे व नाटक से ,कठपुतली के माध्यम से,लय-
ReplyDeleteबद्ध गीत गाकर,एक्शन करके,चेहरे के हाव भाव से स्पष्ट किया जाता है विद्यार्थियों को भारत के विभिन्न त्यौहारो,रीतिरिवाजों,खानपान,धर्म आदि को स्पष्ट करते हैं इसके अलावा विद्यार्थियों को शैक्षणिक भ्रमण पर ले जाकर पेड़ पौधों के अंग यथा जङ, तना, पत्ती ,फूल ,फल व उनके प्रकारो पर चर्चा एवं अवलोकन किया जाता है कृषि के कार्य को भी समझाया जाता है किसी दर्शनीय स्थल के बारे में जानकारी भी दी जाती है छात्रों को पर्यावरण का महत्व भी समझाया जाता है उन्हें पेड़ पौधे, जल ,मृदा, वन्यजीव जन्तु ,पशु पक्षी पर आधारित प्रोजेक्ट भी दिया जाता है ।
गौरवशाली प्राचीन भारतीय इतिहास,आजादी के नायकों ,हमारी प्राचीन वैभवशाली संस्कृति से परिचय करा के उनसे सम्बंधित प्रहसन,नृत्य नाटिका, अन्य सांस्कृतक क्रियाकलाप किये जा सकते है।
ReplyDeleteसांस्कृतिक एवं पर्यावरणीय क्रियाकलाप स्कूल शिक्षा में बच्चों को सीखने के लिए बहुत ही मददगार है वह अपने पर्यावरण के संबंध में एवं अपनी संस्कृति के संबंध में बहुत कुछ सीख सकते हैं
ReplyDeleteसमग्र शिक्षा के सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहल के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के नवाचार गतिविधियाँ कर सकते हैं ।
ReplyDeleteसांस्कृतिक कार्यक्रमों में राष्ट्रभक्ति , देशप्रेम , महापुरुषों की जीवनी , रीति रिवाज एवं सांस्कृतिक विरासत की जानकारी नई पीढ़ी को होना चाहिए ।सतत प्रयास की आवश्यकता है ।
पर्यावरण पहल के अंतर्गत पर्यावरण स्लोगन प्रतियोगिता , वृक्षारोपण ,पर्यावरण बचाओ अभियान , ग्लोबल वार्मिंग इत्यादि ।
H L kurre, Primary school Bhaklapara Block - Chhura, Dist - Gariaband
ReplyDeleteComment:- As a teacher we better know about our school, students, parents and local society also. For cultural development we can make a "Role play activity". For Environmental development " Area inspection" ( near the school) is one of the best option...